Monday, November 25, 2024
HomeTrending Nowमुस्कान प्रोजेक्ट में छात्रों को भारतीय संस्कृति एवं इसकी विरासत की जानकारी...

मुस्कान प्रोजेक्ट में छात्रों को भारतीय संस्कृति एवं इसकी विरासत की जानकारी दी जा रही हैं

देहरादून/हरिद्वार। प्रोजेक्ट ‘मुस्कान’ के तहत प्रभा खेतान फाउंडेशन और एजुकेशन फॉर ऑल ट्रस्ट एवं श्री सीमेंट की तरफ से संयुक्त तत्वाधान में पूरे भारत में हजारों छात्रों को लेकर एक परियोजना की शुरुआत की गयी है। इसके तहत कहानी सुनाना, नृत्य, संगीत, कठपुतली, रंगमंच और कला के रुप में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये भारतीय विरासत, साहित्य और संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी देकर इसके प्रति बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करायी जाएगी। इस परियोजना के जरिये जरूरतमंद बच्चों में पौष्टिक भोजन और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जायेगी।

मुस्कान के विभिन्न प्रोजेक्ट के साथ अबतक देशभर में 100 से अधिक स्कूल जुड़े हुए हैं। मुस्कान ने रस्किन बॉन्ड और सुधा मूर्ति जैसे प्रख्यात भारतीय लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़कर भारतीय साहित्य और इसकी सांस्कृतिक विरासत को लेकर एक इंटरैक्टिव सत्र शुरू किया है। स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के अंतर्राज्यीय नेटवर्क के सहयोग से आयोजित इन सत्र में प्रदर्शन कलाओं को स्कूल के विस्तृत पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है, जिसकी मदद से प्रतिभाशाली छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।

प्रोजेक्ट मुस्कान एवं प्रभा खेतान फाउंडेशन के प्रमुख, सांस्कृतिकार एवं समाजसेवी संदीप भूतोरिया ने कहा भारतीय साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत इतना विशाल है कि किसी भी पाठ्यक्रम के लिए इसे पूरी तरह से कवर करना असंभव है। हम, बच्चों और छात्रों के रूप में, हमारी समृद्ध भारतीय विरासत के कई पहलुओं से चूक गए हैं। प्रोजेक्ट मुस्कान इस अंतर को एक चंचल और मनोरंजक तरीके से बच्चों के मन में उतारने का एक प्रयास है। मुस्कान छात्रों की विभिन्न जरूरतों और मुद्दों को समझकर इसका समाधान करती है।

एच एम बांगड़ ने कहा श्री सीमेंट ने इसके पहले पिछले कुछ वर्षों में अपनी सीएसआर पहल के तहत एक हिस्से की राशि महिला सशक्तिकरण, बुजुर्गों की मदद, शिक्षा और कौशल विकास के प्रसार, शहीदों के परिवार का समर्थन करने आदि के लिए खर्च कर कई पहल की शुरुआत की हैं।

सुमित्रा रे ने कहा मुस्कान प्रोजेक्ट, भारत की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है और इसका उद्देश्य आधुनिक शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य पुस्तकों से परे हमारी समृद्ध भारतीय विरासत को बढ़ावा देना और इसके प्रति छात्रों के मन में जिज्ञासा पैदा करना है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments