देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी शासन प्रशासन को विकास कार्यो के प्रति जवाबदेही और जनहित के कार्यो को समय पर निपटाने को लेकर लगातार विभागों का निरीक्षण कर रहे हैं, शनिवार शाम को अचानक एमडीडीए कार्यालय पहुंच गए, मुख्यमंत्री के पहुंचते ही कार्मिकों में हड़कंप की स्थिति देखी गई। सभी उनके दौरे को अवैध निर्माण के हालिया प्रकरण से जोड़कर देख रहे थे। हालांकि, इस संबंध में उन्होंने कोई बात नहीं की। मुख्यमंत्री ने लंबित नक्शों की स्थिति पूछी और व्यवस्था में सुधार के निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री (सीएम) पुष्कर सिंह धामी का काफिला शाम करीब पांच बजे ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एमडीडीए कार्यालय पहुंचा। उस समय वरिष्ठ अधिकारियों में सचिव हरबीर सिंह, संयुक्त सचिव हरगिरि व संयुक्त सचिव मीनाक्षी पटवाल ही कार्यालय में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने आते ही पूछा कि वर्तमान में कितने नक्शे लंबित हैं और कितने समय से लंबित चल रहे हैं। सचिव हरबीर सिंह ने बताया कि कुल नए दाखिल किए गए 1312 नक्शे लंबित हैं। इनमें से 631 नक्शों को दाखिल किए अभी महज दो दिन हुए हैं।
जिन नक्शों को सात दिन से अधिक समय हो चुका है, उनकी संख्या महज 354 ही है। सचिव ने यह भी बताया कि किस-किस कार्मिक के पास कितने नक्शे लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नक्शों का निस्तारण तेज गति से किया जाए। या तो नक्शे पास किए जाएं या उन्हें निरस्त या आपत्ति के साथ लौटा दिया जाए। किसी भी पत्रावली को अनावश्यक लंबित न रखा जाए। मुख्यमंत्री धामी करीब 20 मिनट कार्यालय में रुके और विभिन्न दिशा-निर्देश जारी कर रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री ने एमडीडीए के कंप्यूटर कक्ष में जाकर यह भी जाना कि इस साल अब तक नक्शों के निस्तारण की स्थिति क्या रही। उन्होंने पाया कि कुल 13 हजार, 561 नक्शे दाखिल किए गए। जिसमें 8109 स्वीकृत किए गए, जबकि 1106 नक्शे निरस्त भी किए गए। वर्तमान में कुल 4346 (कंपाउंडिंग समेत) 4346 नक्शे लंबित चल रहे हैं। इसी तरह वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के तहत चार दिन पहले दाखिल किए गए 260 फाइल लंबित चल रही हैं और इनके निस्तारण की समयसीमा 15 दिन तय की गई है।
मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
एमडीडीए कार्यालय के निरीक्षण के दौरान राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में महासंघ ने गोल्डन कार्ड की व्यवस्था लागू करने, राज्य कार्मिकों के पक्ष में किए जाने वाले शासनादेशों का लाभ निगम/निकाय कार्मिकों को भी देने, एसीपी की पूर्व की व्यवस्था लागू करने, 11 फीसद महंगाई भत्ते का लाभ देने आदि की मांग उठाई गई। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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