हरिद्वार 24 जुलाई (कुलभूषण) पतंजलि योगपीठ के योग भवन सभागार में गुरु पूर्णिमा महोत्सव ऋषि ज्ञान परंपरा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पतंजलि के माध्यम से शिक्षाए संस्कारए चिकित्साए कृषिए अनुसंधान आदि विविध क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। यहाँ दिव्य चरित्र गढ़ने का अद्वितीय कार्य किया जा रहा है।
नन्हें.नन्हें बच्चे पतंजलि गुरुकुलम् तथा देश के लिए निस्वार्थ भाव से समर्पित संन्यासी पतंजलि संन्यास आश्रम में तैयार किए जा रहे हैं। पंचोपदेश. अष्टाध्यायीए धातु पाठए योग दर्शनए व्यासभाष्य सहितए गीता उपनिषद् पंचदर्शन व्याकरण महाभाष्य आदि में इन्हें पारंगत किया जा रहा है। पतंजलि गुरुकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय को 10 हजार विद्यार्थियों से प्रांरभ होकर 1 लाख विद्यार्थियों तक पहुँचाने का लक्ष्य आगामी 10 वर्षों में पूर्ण करना है। उन्होंने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम्ए आचार्यकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय में भारत के साथ.साथ विश्व के 200 देशों से आए बच्चों को विश्व नेतृत्व के लिए तैयार किया जाएगा। उन्हें उनकी मातृभाषा के साथ.साथ वैश्विक भाषा अंग्रेजी तथा संस्कृत में पारंगत किया जाएगा। पूंजीवाद व साम्प्रदायिकता का अंत होगा तथा सात्विकताए अहिंसा व आध्यात्मिकता का राज पूरी दुनिया में होगा।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का यह पर्व गुरु की महत्ता को समर्पित है। आज हम जो कुछ भी हैंए हमारे पूर्वज ऋषि.मुनियों तथा गुरुजनों की कृपा से हैं।उन्होंने कहा कि स्वामी विरजानंद व महर्षि दयानंद से चली आई गुरु.शिष्य परंपरा को हमें आगे बढ़ाना है। गुरुओं का आश्रय व आलम्बन लेते हुए हमें ऋषि परंपरा का संवाहक बनाना है। हमें यह तय करना है कि इस राष्ट्र निर्माण से विश्व निर्माण की यात्रा में हमें क्या योगदान देना है। पतंजलि योगपीठ से राष्ट्र निर्माण का जो यज्ञ चल रहा हैए उसमें पूज्य तेजस्वी संन्यासी भाई.बहन हमारे साथ हैं। साथ ही पतंजलि योगपीठ के विविध संगठनों के समर्पित कार्यकर्त्ता भी पतंजलि के पास हैं।
कार्यक्रम में प्रोण् महावीर साध्वी देवप्रिया स्वामी परमार्थ देवए डॉ एन पी सिंह एन सी शर्माए बहन ऋतंभरा ललित मोहन अंशुल पारुलए डॉ जयदीप आर्य एसण्केण् तिजारावाला सहित विभिन्न अनुयायी उपस्थित थे।
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