“वक्ताओं ने कहा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए विशाल स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना ही एकमात्र उपाय है जिससे वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा सकेगा”
देहरादून, दून के रायपुर ब्लाक के खलांगा क्षेत्र में पर्यावरण के विनाश का सबब बनने वाले जलशोधन संयंत्र को निकटवर्ती क्षेत्र में लगाने की मांग पर बुधवार को दून की सामाजिक संस्थाओं ने एकजुट होकर विरोध कर अधिकारियों से संवाद स्थापित किया।
संयुक्त नागरिक संगठन की पहल पर संयंत्र निर्माण के लिए जिम्मेवार उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास और निर्माण निगम के कार्यालय में अधीक्षण अभियंता मोहम्मद वसीम अहमद सहित अन्य अधिकारियों के साथ आयोजित संवाद में विभाग द्वारा परियोजना का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया गया कि दून में पेयजल आपूर्ति की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु बांध प्रस्तावित है। संवाद में पर्यावरण संरक्षकों ने सुझाव दिया कि सरकार की विकास योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण विषय प्राथमिकता में नही है जबकि यह विषय जनहित में सर्वोपरि बनाया जाना जरूरी है।अन्यथा भावी पीढियों के साथ वन्य जन जीवन, पशु पक्षियों की भी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।
वक्ताओं ने कहा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए विशाल स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना ही एकमात्र उपाय है जिससे वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा सकेगा। सौंग नदी जो अधिकतर सूखी ही रहती है यहां बारिश का पानी रोक कर जलाशय उपयोगी हो सकता है, संवाद के दौरान ग्लोबल वार्मिंग से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान से जलाशय कब तक लबालब भरे रहेंगे यह सुनिश्चित नहीं है। वक्ताओं ने कहा ग्रेविटी पर आधारित प्रस्तावित योजना पर पुनर्विचार करते हुए इसमें समाजिक संस्थाओ के सुझावों को शामिल कर ही अंतिम निर्णय लिया जाना आवश्यक होगा। वक्ताओं ने भूजल स्तर में गिरावट के लिए राजधानी में दिनोदिन उगते कंक्रीट के जंगलों को जिम्मेदार बताया और अब यह स्थिति कंट्रोल से बाहर हो चुकी है | सरकार को बेतहाशा बढ़ते भवन निर्माण की तरफ भी ध्यान न देना चाहिए | इस दौरान
अधीक्षण अभियंता मोहम्मद वसीम अहमद को एक ज्ञापन पत्र भी दिया गया |
संयुक्त नागरिक संगठन के सुशील त्यागी के नेतृतव आयोजित इस संवाद में मैती अभियान के पद्यश्री कल्याण सिंह रावत, गर्वमैंट पैशनर्स वेलफेयर संगठन के चौ.ओमवीरसिंह, आरटीआई क्लब के आर. एस. धुन्ता, सिटिजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोडा, मैड के आर्यन कोहली, नेचर बड़ी के अभिषेक रावत, इको के आशीष गर्ग, दून सिख वेलफेयर सोसाइटी के जीएस जस्सल, रूलक के पूर्व संगठक अवधेश शर्मा, पर्यावरणविद् मनोज ध्यानी, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, बैंक एम्पलाइज यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन मेहंदीरता, समानता मंच के विनोद नौटियाल आदि शामिल थे।
Recent Comments