Saturday, November 23, 2024
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मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने विभिन्न कार्यों हेतु प्रदान की वित्तीय स्वीकृति

देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में विधानसभा क्षेत्र चम्पावत के अंतर्गत ब्यानधुरा बाबा मंदिर तक पेयजल आपूर्ति एवं सड़क निर्माण कार्य हेतु 3.58 करोड़ के सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 01 करोड की धनराशि की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा चम्पावत के अन्तर्गत पंचमुखी गौशाला धाम बनाये जाने हेतु 01 करोड़, घटोत्कच मंदिर परिसर में चाहरदीवारी व दो कक्षों के निर्माण कार्य एवं मंदिर के सौन्दर्यीकरण हेतु 01 करोड़ एवं टनकपुर में मीडिया सेंटर एवं गेस्ट हाउस हेतु भूमि एवं भवन उपलब्ध कराने के लिये प्रथम चरण के कार्य हेतु 11 लाख 86 हजार धनराशि की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा क्षेत्र खटीमा के अन्तर्गत वार्ड खटीमा शहीद स्थल पर तिरंगा निर्माण कार्य हेतु 47 लाख 82 हजार की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की है।

 

यूसीसी किसी धर्म के खिलाफ नहीं, महिलाओं को अधिकार दिलाने वाला कानून: सौरभ बहुगुणा

देहरादून(आरएनएस)।  कॉमन सिविल कोड को लेकर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि ये कानून किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि ये महिलाओं को अधिकार दिलाने वाला कानून है। कांग्रेस ने हमेशा सेलेक्टिव अप्रोच के साथ काम किया। केशवानंद भारती, शाह बानो, शायरा बानो समेत तमाम केस में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेशों की भी अनदेखी की। सौरभ ने कहा कि संसद और सुप्रीम कोर्ट पर सभी को विश्वास होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने हमेशा अनदेखी की। संविधान में दिए गए प्रावधानों के बावजूद 70 साल तक यूसीसी को लेकर कुछ नहीं किया। 1973 में केशवानंद भारती केस में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। साफ कहा कि केंद्र सरकार ही नहीं चाहती कि यूसीसी आए। ये किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकार सुनिश्चित कराता है। सभी धर्मों की महिलाएं अपने ऊपर हुए उत्पीड़न के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गईं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने हर फैसले में कहा कि हर राज्य सरकार अपने स्तर पर यूसीसी बनाने को लेकर स्वतंत्र है। कहा कि हर कानून कभी भी अपने आप में पूरा नहीं होता। समय समय पर उसमें संशोधन की जरूरत होती है। इसीलिए एक समय अंतराल पर कानूनों में संशोधन भी आते रहते हैं। लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना मौजूदा समय की सबसे बड़ी मांग है। ये अधिकार वापस लेने वाला नहीं, बल्कि अधिकार देने वाला कानून है। कांग्रेस ने कभी भी आगे बढ़ कर यूसीसी पर काम नहीं किया। हमेशा इससे बचने की कोशिश की।

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