Monday, November 25, 2024
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गुरुकुल में मनाया गया विश्व आद्रभूमि दिवस

हरिद्वार 2 फरवरी (कुलभूषण) विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2 फरवरी के उपलक्ष में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा एक वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें निबंध लेखन चित्रकला प्रतियोगिता एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में आद्र भूमि से संबंधित विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डीएस मलिक ने बताया कि सन 1971 में ईरान के रामसर शहर में आद्र भूमियों के संरक्षण के विषय में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विश्व के विभिन्न देशों ने कर आद्र भूमियों को बचाने हेतु चर्चा की और आज भारत में भी रामसर समझौते पर कार्य किया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में जल संरक्षण की बात प्राचीन समय में ही कर दी गई थी। प्रोफेसर शास्त्री ने विस्तार में बताया कि आद्र भूमि नहीं होती तो पूरा देश मरुभूमि में बदल जाता और कृषि कार्य संभव नहीं हो पाते। वेटलैंड बाढ़ नियंत्रण और भूतल जल स्तर को बढ़ाने का कार्य भी करते हैं, परंतु आज मनुष्य के विकासवादी सोचने से विभिन्न प्रकार की आद्र भूमि अतिक्रमण का शिकार हो रही है।

एचएनबी गढ़वाल के प्रोफेसर डॉ प्रकाश नौटियाल ने वेटलैंड के विभिन्न पहलुओं पर वार्ता में बताया कि आद्र भूमि इस धारा की किडनी यानी गुर्दे हैं, जो जल शोधन का कार्य करती हैं और और कार्बन की अतिरिक्त मात्रा को शोखने का कार्य भी आद्रभूमियों द्वारा किया जाता है।

हिमालयन इंस्टीट्यूट अल्मोड़ा की वैज्ञानिक अंकिता सिन्हा ने हिमालय की नदियों और ताल तलैयो के आसपास रहने वाले पक्षियों के आहार एवं विहार पर चर्चा करते हुए बताया कि खंजन फार्कटेल, रेडस्टार्ट आदि पक्षी गंगोत्री व हरसिल जैसे क्षेत्रों में प्रजनन करती है, और जलीय कीड़ों को खाती हैं। उन्होंने बताया कि हमारे देश की 95% नदियां डेम आदि से बाधित हो रही है जो जलचरों के लिए नुकसानदायक है।

जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार ने लेह और लद्दाख के वैटलैंड पर निर्भर पशु पक्षियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उच्च हिमालई क्षेत्र में बहुत सुंदर झीलें लेह लद्दाख में हैं। जहां राजहंस, सुर्खाब और गल्स जैसी पक्षी प्रजातियां प्रजनन करती हैं। किंतु दुर्भाग्य से वहां भी पर्यटन और विकास गतिविधियों के कारण वेटलैंड पर अतिक्रमण हो रहे हैं।

सलीम अली सेंटर फॉर आर्निथोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ आशुतोष सिंह ने वेटलैंड्स का महत्व समझाते हुए बताया कि एक छोटा सा वेटलैंड भी या तालाब मे भी छोटे छोटे कीड़े मकोड़ों, मछली से लेकर पशु पक्षी और जंगली जंतुओं को अपनी फूड चेन यानी खाद्य श्रृंखला शामिल कर लेता है।

इस कार्यक्रम में प्रो नमिता, डा. संगीता मदान, प्रो एलपी पुरोहित, डॉ. पवन कुमार, शोधार्थी रेखा, पंकज, शिप्रा, शिखा, इकबाल एवं वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून से तमाली मोंडल एवं ग्राफिक एरा देहरादून से डॉ अर्चना , डॉ प्रदीप, डॉ जोशी एवं आशीष तथा संस्कृत विश्वविद्यालय से डॉ विनय सेठी एवं हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों से वरिष्ठ गण, प्रकृति प्रेमी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कुल प्रविष्टियाँ 400 के लगभग रही। कार्यक्रम के संयोजक प्रो दिनेश भट्ट ने वेबिनार से जुडने के लिए सभी प्रतिभागियो का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

 

प्रशांत राय ने किया जनसम्पर्क

हरिद्वार 2फरवरी (कुलभूषण)आम आदमी पार्टी के रानीपुर विधानसभा प्रत्याशी प्रशांत राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की जनता के सपनों का उत्तराखंड निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है।  पिछले 21 सालों में उत्तराखंड में जनता सपना पूरा नहीं हुआ है।आज भी उत्तराखंड से महंगाई बेरोजगारी चिकित्सा शिक्षा पलायन की समस्या से बदहाल है।

प्रशांत राय ने बुधवार को टिहरी विस्थापित कालोनी में डोर टू डोर जाकर जनसंपर्क किया। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश के निर्माण के लिए यहां की मातृशक्ति और यहां के लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान और बलिदान दिया है जिसके बाद नया राज्य बना । लेकिन 21 साल राज्य को बने हुए हो चुके हैं और इन 21 सालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों ने जनता के सपनों को तोड़ने का काम किया है ।
यहां पर अच्छी शिक्षाए अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं होने के कारण लोगों को दर.दर भटकना पड़ता है । जनसंपर्क के दौरान स्थानीय निवासियों ने प्रशांत राय को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।May be an image of 3 people and people standing

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