देहरादून, परिवहन विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल के कारण प्रदेश के समस्त आरटीओ और एआरटीओ दफ्तर में बुधवार को कोई काम नहीं हुआ। पदोन्नति से जुड़े शासनादेश में त्रुटि को लेकर कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा। हड़ताल के कारण शाम तक भीड़ से गुलजार रहने वाला दफ्तर सूना नजर आया। हड़ताल पूर्व निर्धारित थी मगर इसके बावजूद सुबह कुछ लोग दफ्तर पहुंच गए। हड़ताल का पता लगने पर उन्हें वापस लौटना पड़ा। न ड्राइविंग लाइसेंस बने, न ही टैक्स जमा हुआ। वाहन फिटनेस समेत नए वाहनों का पंजीकरण भी ठप रहा। हड़ताली कर्मचारियों ने प्रदर्शन व नारेबाजी कर दफ्तर परिसर में धरना दिया।
आरटीओ कार्यालय में विभिन्न मदों में सरकार को रोजाना 40 से 50 लाख रुपये का राजस्व मिलता है। जबकि, प्रदेशभर के राजस्व पर गौर करें तो रोजाना लगभग चार करोड़ रुपये राजकीय खजाने में जमा कराए जाते हैं। ऐसे में दो दिवसीय इस हड़ताल में सरकार को आठ करोड़ की चपत लगने का दावा हड़ताली कर्मचारी कर रहे। मालूम हो कि पदोन्नति न होने पर परिवहन विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने पिछले सप्ताह दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया था जबकि बुधवार व गुरुवार को दो दिवसीय हड़ताल की चेतावनी दी थी। उनकी सिर्फ एक मांग है कि विभाग के नए ढांचे के बारे में जारी शासनादेश की त्रुटि दूर की जाए। इस त्रुटि के कारण सवा साल से मिनिस्टीरियल कैडर की पदोन्नति रुकी हुई है।
परिवहन विभाग मिनिस्टीरियल कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने कहा कि महासंघ वेतन या भत्तों को लेकर मांग नहीं कर रहा है, जो सरकार इसमें हठधर्मिता दिखा रही। सरकार ने शासनादेश की त्रुटि जल्द दुरुस्त नहीं की तो मिनिस्टीरियल कर्मचारी राज्य में बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल में महामंत्री यशवीर सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष दौलत पांडे व संगठन मंत्री गढ़वाल विनोद चमोली समेत शाखा अध्यक्ष देहरादून बृज मोहन, देवेंद्र सिंह रावत, मुकुल ममगांई व सरिता बहुगुणा आदि शामिल रहे।
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