देहरादून, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में भी 30 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है। इसको लेकर शिक्षा सचिव ने आदेश जारी कर दिए हैं। इससे पहले शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सरकारी स्कूलों के लिए भी ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा करने के निर्देश सचिव को दिए थे।
राज्य में कोरोना की रफ्तार प्रदेश में थमने का नाम नहीं ले रही है। चिंताजनक ये है कि कोरोना नगरीय क्षेत्रों के साथ अब दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पांव पसार चुका है। हालांकि, इसे देखते हुए प्रदेश में सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अग्रिम आदेशों तक बंद किया जा चुका है।
निजी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई चल रही है, जबकि सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों में इस सत्र में आनलाइन पढ़ाई प्रारंभ नहीं हो पाई। इसकी वजह शासन की ओर से जारी आदेश में आनलाइन पढ़ाई के निर्देश नहीं दिए गए हैं। आदेश नहीं होने इस वजह से शिक्षा विभाग ने भी आनलाइन पढ़ाई को लेकर चुप्पी साध ली। विभाग की ओर से न तो स्कूल बंद होने की स्थिति में आनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए गए हैं और न ही इस संबंध में अनुमति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया।
इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना की दूसरी लहर देखते हुए तय समय से तकरीबन महीनाभर पहले ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया है। अहम बात ये है कि ग्रीष्मावकाश 30 जून के बजाय 12 जून तक घोषित किया गया है। साथ ही दो माह की अवकाश अवधि को ध्यान में रखकर पहले और भविष्य में देय अवकाशों के समायोजन की बात कही है। अब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी इस दिशा में पहल करते हुए शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को स्कूलों के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित करने को कहा।
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