चमोली, उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में रविवार को ग्लेशियर फटने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की। उन्होंने राज्य को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को मदद करने के लिए कहा। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा अबतक तीन लोगों के शव बरामद हो चुके हैं और 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है।
कर्णप्रयाग में आज ३ बज कर १० मिनट पर नदी में पानी की बहाव की स्थिति से साफ़ है कि बाढ़ की सम्भावना बहुत ही कम है। हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फँसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं। किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं। #Uttarakhand pic.twitter.com/MrEjW4de05
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
इस बीच प्रशासन अलर्ट हो गया है। इधर, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया है कि NDRF रवाना हो चुकी है। ITBP के जवान वहां पहुंच चुके हैं। हमारी SDRF की टीम भी वहा पहुंच चुकी है। सारे जगह रेड अलर्ट हो चुका है। 100-150 के बीच जनहानि हो सकती है। हालांकि अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है। उत्तराखंड सरकार ने कुछ हेल्पलाइन नंबर्स भी जारी किए गए हैं, जिनकी मदद फंसे लोग या लापता लोगों के रिश्तेदार संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस आपदा के चलते फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। ये हेल्पलाइन नंबर हैं- 9557444486 और 1070। रावत ने ट्वीट कर कहा है, ‘अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।’
इन इलाकों में बढ़ेगा जल स्तर
इस घटना के बाद प्रशासन ने निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है और इन इलाकों को खाली करा लिया गया है। गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अलकनंदा और धौलीगंगा नदी के किनारे बसे लोगों को निकालने का काम चल रहा है। तपोवन से लेकर श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार तक सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट करते हुए बताया, ‘श्रीनगर में शाम चार बजे तक जल स्तर 536.00 मीटर तक जा सकता है जो खतरे के निशान से ऊपर है। इसी तरह हरिद्वार में रात 8 बजे तक 340.50 मीटर और हरिद्वारा में रात नौ बजे तक 294.00 मीटर तक जा सकता है।’ यानि इन सभी जगहों पर खतरे के निशान से पानी ऊपर जा सकता है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मैं उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात की जा रही है और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों का अपडेट लिया जा रहा है।’
गृह मंत्री बोले- देंगे हर संभव मदद
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘उत्तराखंड में एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई है। पानी का बहाव बहुत बड़ा है। पहले ऋषिगंगा और बाद में अलकनंदा में जल स्तर बढ़ने की शुरूआत हुई है। कुछ लोगों के हताहत होने की भी सूचना मिली है। एनडीआरएफ की टीमें वहां पहुंच चुकी हैं बाकि टीमें कुछ ही देर बाद वहां जाने के लिए तैयार हैं। आईटीबीपी और राज्य का तंत्र वहां एक्टिव हैं। मुख्यमंत्री जी से मेरी बात हुई है वो भी वहां पहुंचने वाले है। वायुसेना को भी अलर्ट किया है। मैं उत्तराखंड केसभी निवासियों को भरोसा देना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी की सरकार इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। और हर संभव मदद देकर उत्तराखंड इस संकट से बाहर आए ऐसे हमारे प्रयास हैं।’
उत्तराखंड में एक बार फिर प्राकृति ने भयानक रूप लिया है। चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर टूट गया। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। इधर,घटना के बाद से चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। वहीं कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे हैं।
प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में नदी के तटवर्ती इलाकों के लोगों को नजदीकी चिन्हित आश्रय स्थलों पर पहुंचाया जा रह है। स्नान घाटों पर भी श्रद्धालुओं को सूचित कर दिया गया है। कुम्भ मेला के लिए नदी किनारे काम कर रहे मजदूरो को आगाह कर खाली करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त जनपद का इंसिडेंट रिस्पाॅस सिस्टम एक्टिव हो गया है जनपद की सभी बाढ़ चैकियों को भी सक्रिय कर लिया गया है। सिस्टम की सजगता के साथ रिस्पाॅस टाइम भी नोट किया जा रहा है कि सिस्टम कितनी तेजी से लोगों की सुरक्षा के लिए रिस्पाॅस कर रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली जिले में पहुंच चुके हैं। उन्होंने आईटीबीपी और आर्मी के अधिकारियों से वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि तपोवन इलाके में नुकसान ज्यादा हुआ है। वहीं जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने कहा है कि तपोवन में एनटीपीसी और ऋषिगंगा का पूरा प्रोजेक्ट बर्बाद हो चुका है। पूरी नदी मलबे में तब्दील हो चुकी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें। कहा कि सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ बचाव व राहत कार्य कर रही है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर भी जारि किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रभावित इलाके में फंसा है और उसे मदद चाहिए तो 1070 पर या 9557444486 पर कॉल कर सकते हैं। कृपया कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर डर ना फैलाए। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं। आप सभी धैर्य बनाए रखें।
बता दें कि जोशीमठ से आगे नीति मार्ग पर निजी कंपनी का ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट है, यहां करीब 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें मौके के लिए रवाना हो गई हैं। तपोवन में धौलीगंगा पर बना बांध भी टूट गया है। भागीरथी नदी का प्रवाह भी रोका गया है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के पूर्व वैज्ञानिक डॉ डीपी डोभाल का आंकलन है कि ऋषिगंगा कैचमेंट में ग्लेशियर में बनी झील टूटने की वजह से बाढ़ आई है। नदी में करीब 15 मिनट तक रहा बाढ़ का असर रहा है और फिर नॉर्मल हो गई नदी। सेनानायक एसडीआरएफ नवनीत भूल्लर रेस्कयू ऑपरेशन की कमान संभालने के लिए हेलीकॉप्टर से चमोली रवाना हुए। जिलाधिकारी पौड़ी ने धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिसके बाद श्रीनगर, कीर्ति नगर ,देवप्रयाग जो खनन पट्टों में नदी किनारे कार्य कर रहे हैं। उनको भी अलर्ट कर दिया गया है, साथ ही आबादी वाले इलाकों को भी सतर्क रहने के लिए अलर्ट जारी किया गया है। नदी से बोट संचालन और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी पौड़ी ने कहा कि अभी जनपद पौड़ी की स्थिति नियंत्रण में है। उन्हें कहां की सूचना आ रही है कि जैसे-जैसे नदी आगे बढ़ रही है, उसके बहाव में कमी दर्ज की जा रही है। मगर इसके बावजूद नदी से सटे इलाकों को खाली करा दिया गया है। वह सभी को सतर्कता देने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इस पूरे घटना परंपरा प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि पूरे मामले में राज्य सरकार ने अपनी निगाहें बनाई हुई है और लगातार जिला अधिकारी के संपर्क में वे है।
पीएम ने कहा लगातार रख रहे निगरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर बताया कि घटना पर लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने ट्विट किया कि- उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
राहत की खबर।
श्रीनगर से अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाक़ों के लोगों के लिए अब ख़तरे की बात नहीं है। पुलिस राहत बचाव तेज़ी से कर रही है। pic.twitter.com/axJxZXeWap— Ashok Kumar IPS (@Ashokkumarips) February 7, 2021
Deeply worried about the glacier burst near Joshimath, Uttarakhand, that caused destruction in the region. Praying for well being and safety of people. Am confident that rescue and relief operations on ground are progressing well.
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 7, 2021
NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं। https://t.co/BVFZJiHiWY
— Amit Shah (@AmitShah) February 7, 2021
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