देहरादून, उत्तराखंड़ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने जिला पंचायत सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर अभ्यर्थियों को हल किया हुआ पेपर मुहैया कराने का आरोप है। लंबी पूछताछ के बाद जिला पंचायत सदस्य को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ के अनुसार कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
जिला पंचायत सदस्य पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस मामले में अब तक 17 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। शनिवार को एसटीएफ ने देहरादून के रायपुर क्षेत्र में रहने वाला तनुज शर्मा वर्तमान में उत्तरकाशी के मोरी स्थित राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज नेटवाड़ में व्यायाम शिक्षक को पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद एसटीएफ ने एक ही क्षेत्र के कई अभ्यर्थियों को चिह्नित किया है जिन्होंने लीक हुए पेपर का फायदा उठाया।
आरोपी शिक्षक को पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड का मुख्य सहयोगी बताया गया। उसकी नियुक्ति भी वर्ष 2019 में आयोग के माध्यम से हुई थी। उसने वर्ष 2017 में आयोजित सहायक अध्यापक की परीक्षा में उत्तीर्ण की थी। शिक्षक के पूछताछ के बाद एसटीएफ ने हिमाचल जा रहे उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को आराकोट बैरियर पर हिरासत में लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक हाकम सिंह बीते 15 दिन से एसटीएफ के रडार पर था। भनक लगते ही वह बैंकाक चला गया था। वहां से लौटते ही एसटीएफ ने उस पर शिकंजा कसा। बीते दिन ही वह मोरी के कोटगांव सांकरी में अपने रिजॉर्ट में देखा गया था। शनिवार देर शाम वह पंजाब नंबर की एक कार से हिमाचल प्रदेश की ओर जा रहा था। इसी दौरान एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने आराकोट बैरियर पर उसे हिरासत में ले लिया, पेपर लीक मामले में उत्तरकाशी के दो जनप्रतिनिधियों पर शक था। इसमें से एक महिला जनप्रतिनिधि बताई जा रही है। दोनों जनप्रतिनिधि एसटीएफ के रडार पर चल रहे थे। एसटीएफ ने गिरफ्तारी से पहले संबंधित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए। इन गिरफ्तारियों को देख कर लगता है पेपर लीक करने वालों के तार कहां तक जुड़े हैं एसटीएफ यह भी संभावना व्यक्त कर रही है कि अभी और मछलियाँ भी शिकंजे में फंस सकती है |
हाकम सिंह भाजपा से निष्कासित
देहरादून 14 अगस्त , भाजपा ने उत्तर काशी के जिला पंचायत सदस्य और अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले मे आरोपी हाकम सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर उन्हे 6 वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है।
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