नई दिल्ली, देश में कोरोना ने खूब तबाही मचाई है इस कारण सरकार द्वारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज कर दिया गया है। 1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है। लेकिन सरकार के वैक्सीनेसशन पॉलिसी को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के अफवाह फैलाए जा रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन को लेकर भी कई भ्रामक कंटेट सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं। जिसमें फ्रेंच नोबेल विजेता के हवाले से कहा जा रहा है कि कोरोना टीका लगवाने वाले लोगों की दो साल के अंदर मौत हो जाएगी। कोरोना वैक्सीन लेने के दो साल के अंदर होगी मौत? जानें क्या है वायरल दावे का सच
वहीं अब सरकारी संस्था पीआईबी के फैक्ट चैक में ये दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है। पीआईबी ने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए इस मैसेज के झूठ से पर्दा उठाया। पीआईबी ने ट्वीट के जरिए कहा कि देश में लगाई जा रही वैक्सीन सुरक्षित हैं, उनसे किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है।
पीआईबी ने लिखा कि सोशल मीडिया पर COVID19 वैक्सीन को लेकर एक फ्रांसीसी नोबेल पुरस्कार विजेता के बयान का उदाहरण देने वाली एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में किया जा रहा दावा फेक है। कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है। पीआईबी ने ट्वीट के जरिए लोगों से इस अफवाह को न फैलाने की अपील करते हुए कहा कि इस इमेज को फॉर्वर्ड न करें।Tricking fake news detectors with malicious user comments | Penn State Universityसोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है, उसमें नोबेल विजेता लूक मोनटागनाइर के हवाले से एक बयान का जिक्र किया गया। जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन लेने वाले सभी लोगों की 2 साल के अंदर मौत हो जाएगी। किसी भी तरह की वैक्सीन लेने वालों के बचने की कोई संभावना नहीं है। इस बयान में वायरोलॉजिस्ट के हवाले से ये भी कहा गया कि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, उनका इलाज संभव नहीं है |
An image allegedly quoting a French Nobel Laureate on #COVID19 vaccines is circulating on social media
The claim in the image is #FAKE. #COVID19 Vaccine is completely safe
Do not forward this image#PIBFactCheck pic.twitter.com/DMrxY8vdMN
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 25, 2021
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