देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, जलागम प्रबन्धन एवं भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री एवं जनपद हरिद्वार के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि भीमगौड़ा बैराज के गेट टूटने से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। बरसात होने के साथ-साथ पानी की निकासी लगातार हो रही है। गेट को ठीक करने के लिए मैंने उत्तर प्रदेश के जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से भी कहा है। उन्होने कहा कि मानसून अवधि में हो रही भारी वर्षा के कारण अभी तक 274 मार्ग बन्द थे जिसमें से 37 मार्ग खोले जा चुके हैं तथा शेष 237 मार्गों को खोलने हेतु 213 जे0सी0बी0 मशीनें लगाई गई हैं। अधिकत्तर मार्गों को कल तक खोल दिया जायेगा।
जनपद हरिद्वार के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, जलागम प्रबन्धन व भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को भीमगौड़ा बैराज (हरिद्वार) का स्थलीय निरीक्षण
करने के साथ-साथ रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मोटर मार्ग पर अनेकी के पास क्षतिग्रस्त सेतु का भी स्थलीय निरीक्षण किया।
भीमगौड़ा बैराज (हरिद्वार) के स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होने कहा कि भीमगौड़ा बैराज का गेट टूटने से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। बरसात होने के साथ-साथ पानी की निकासी लगातार हो रही है। गेट को ठीक करने के लिए श्री महाराज ने उत्तर प्रदेश के जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि 16 जुलाई को रात्रि में भीमगौड़ा बैराज का गेट नंबर 10 का रस्सा टूट गया है जिससे बैराज के परिचालन एवं संचालन में कठिनाई होने से गंग नहर में पानी डार्वट करने एवं बाढ़ नियंत्रण में भारी कठिनाई उत्पन्न हो रही है। इसलिए इसको यथाशीघ्र ठीक कराया जाना जरुरी है।
लोक निर्माण मंत्री श्री महाराज ने 13 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर स्थिति अनेकी नामक स्थान पर धसे बाक्स सेतु का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेतु को यातायात हेतु बन्द कर क्षतिग्रस्त भाग पर वैली ब्रिज लगाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। अगले तीन सप्ताह में हल्के वाहन हेतु सेतु को खोल दिया जायेगा। वर्तमान में अनेकी-पूरनपुर-पथरी मार्ग होते हुए बाहदराबाद जाया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री श्री महाराज ने कहा कि 13 जुलाई को कोटद्वार क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के कारण मालन नदी पर निर्मित सेतु के पियर न० 09 में झुकाव आने के कारण सेतु का एक पैनल क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात बन्द है। वैकल्पिक मार्ग के रूप में कर्णाश्रम-मवाकोट-डिग्री कॉलेज होते हुए हल्का वाहन हेतु मार्ग सुचारू है। सेतु के डाउन स्ट्रीम में पूर्व कन्डी मार्ग को भारी वाहन हेतु मालन नदी में हयूम पाईप डालकर मार्ग को तीन सप्ताह के अन्दर यातायात हेतु खोल दिया जायेगा। मालन नदी पर वैली ब्रिज लगाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
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