Friday, April 19, 2024
HomeUncategorizedकोरोना के खिलाफ जंग तेज, वैक्सीन का दैनिक उत्पादन ढाई लाख से...

कोरोना के खिलाफ जंग तेज, वैक्सीन का दैनिक उत्पादन ढाई लाख से बढ़कर 40 लाख डोज हुआ, 85 फीसद कारगर नया टीका भी मिला

नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेज गति से चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को बताया कि देश में प्रतिदिन औसतन 43.41 लाख डोज लगाई जा रही हैं और अकेले जुलाई में ही कुल 13.45 करोड़ डोज लगाई गईं। अब तक कुल 50 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई गई हैं। बड़ी बात यह कि कोरोना को मात देने के लिए देश को एक और हथियार मिल गया है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने अमेरिकी दवा कंपनी जानसन एंड जानसन की कोरोना रोधी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। यह एक डोज की वैक्सीन है और तीसरे चरण के परीक्षण में बहुत कारगर पाई गई है।

महामारी के खिलाफ लड़ाई हो रही मजबूत

मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि भारत ‘सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन’ के रास्ते पर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई मजबूत हो रही है। हर महीने टीकाकरण का दायरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 50.10 करोड़ डोज लगाई गई हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 49.55 लाख डोज दी गईं। मंत्रालय ने बताया कि केंद्र की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 51.66 करोड़ डोज मुहैया कराई गई हैं। जल्द ही इन्हें 55.52 लाख डोज और मिल जाएंगी।

उत्पादन में असाधारण वृद्धि

मंत्रालय ने यह भी बताया कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अभी 2.29 करोड़ डोज बची हुई हैं। वहीं स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने समाचार एजेंसी एएनआइ के साथ बातचीत में कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन के उत्पादन में असाधारण वृद्धि हुई है। पहले जहां प्रतिदिन 2.5 लाख डोज का उत्पादन होता था, वहीं आज रोज 40 लाख डोज का उत्पादन हो रहा है। इसको देखते हुए इस साल के आखिर तक देश के सभी पात्र लोगों का टीकाकरण होने की संभावना है।

देश को मिली एक और वैक्‍सीन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को बताया कि भारत ने अपने वैक्सीन बास्केट का विस्तार किया है। जानसन एंड जानसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। भारत में अब तक पांच वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी सामूहिक ल़़डाई को ताकत मिलेगी।’ आवेदन के दिन ही मिली मंजूरी एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी दवा कंपनी ने पांच अगस्त यानी शुक्रवार को अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूए) के लिए आवेदन किया था।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आएगी तेजी

डीसीजीआइ ने उसी दिन उसे मंजूरी प्रदान कर दी। फैसले पर कंपनी ने जताई खुशी सिंगल डोज वैक्सीन को डीसीजीआइ से मंजूरी मिलने पर खुशी जताते हुए जानसन एंड जानसन ने कहा कि इससे महामारी को खत्म करने में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और तेजी आएगी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सात अगस्त को भारत सरकार ने जानसन एंड जानसन की सिंगल डोज वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है, ताकि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों की कोरोना महामारी से सुरक्षा की जा सके।’

सिंगल डोज वैक्सीन 85 फीसद कारगर

वैक्सीन लेने के 28 दिन बाद से मरीज की जान सुरक्षित प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह फैसला तीसरे चरण के परीक्षण में मिले प्रभाव और सुरक्षा के आंकड़ों पर आधारित है, जो यह बताता है कि हमारी सिंगल डोज वैक्सीन गंभीर बीमारी को रोकने में 85 फीसद कारगर है। यह वैक्सीन लेने के 28 दिन बाद से कोरोना संक्रमण होने पर भी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ती और मरीज की जान भी सुरक्षित रहती है। अब तक पांच वैक्सीन को मंजूरी जानसन एंड जानसन की इस सिंगल डोज वैक्सीन को मिलाकर अब तक देश में कोरोना रोधी पांच वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।

नए टीकों के साथ जंग

सबसे पहले सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिली थी। उसके बाद रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को मंजूरी मिली, जिसका उत्पादन और विपणन का काम हैदराबाद की डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज कर रही है। उसके बाद अमेरिकी कंपनी माडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी दी गई और अब इस दूसरी अमेरिकी कंपनी की वैक्सीन को भी मंजूरी मिल गई है। 16 जनवरी से शुरू हुआ टीकाकरण अभियान देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ हुई थी।

स्पुतनिक-वी के साथ जारी है लड़ाई

अप्रैल में स्पुतनिक-वी को मंजूरी मिली और मई से उसे लगाया जाने लगा। लेकिन प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में क्षतिपूर्ति को लेकर माडर्ना की वैक्सीन का अभी देश के टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। अभी तक दो डोज वाली ही वैक्सीन थीं भारत में टीकाकरण अभियान में अभी तक इस्तेमाल की जा रही वैक्सीन दो डोज वाली हैं। कोविशील्ड की दो डोज 84 दिन के अंतराल पर लगाई जाती है, जबकि कोवैक्सीन के बीच चार से छह हफ्ते का अंतराल रखा जाता है।

पहले ट्रायल की मांगी थी अनुमति

जानसन की यह पहली सिंगल डोज वाली वैक्सीन है। जानसन ने पहले ट्रायल की मांगी थी अनुमति जानसन एंड जानसन ने पहले अपनी इस वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी मांगी थी। कंपनी ने दो समूहों में छह सौ लोगों पर परीक्षण की मंजूरी मांगी थी। एक समूह 18से 60 वर्ष के लोगों का जबकि दूसरा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों का था लेकिन 29 जुलाई को कंपनी ने अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था क्योंकि भारत ने क्लीनिकल ट्रायल को लेकर नियमों में कुछ ढील दी थी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments