हरिद्वार 9 अप्रैल (कुलभूषण) वातावरण में मच्छरों की भी अनेक प्रजातियां बहुत से रोगो को पैदा करती हैं जिसमे थोड़ी सी लापरवाही से मलेरिया डेंगू इत्यादि बहुत अधिक घातक हो जाती हैं मलेरिया से बचाव रोकथाम एवं आधुनिक समय में मलेरिया की दवाओ के लिए नवीन शोधों के बारे में एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के जैवप्रधौयोगिकी के सह आचार्य डॉ बिश्वजीत शाह ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया | डॉ शाह ने बताया कि भेषज विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम औषधीय पादप महाकुंभ की बहुत अधिक प्रासंगिकता है क्योंकि अधिकांश दवाओं का उदगम चाहे वो किसी भी पद्धती की हों हमारे पेड़ण्पौधे ही हैं जिनसे प्राप्त रसायनो का उपयोग हम औषधियों के रूप में करते है |
डॉ शाह ने अपने शोध के माध्यम से अवगत कराया कि कार्बोलिन नामक रसायन मे संरचना परिवर्तित करके लाभदायक दवाओं का निर्माण किया जा सकता है प् यह कार्य कम्प्युटर द्वारा सॉफ्टवेर से करने से समय एवं धन दोनों की बचत होती है तथा परिणाम भी लाभप्रद होते है| सत्र की अध्यक्षता कर रहे रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आर डी कौशिक ने बताया कि पेड़ पौधो से प्राप्त अनेकों दवाओ की संरचना मे कम्प्युटर तकनीकी के द्वारा परिवर्तन करके अनेकों दवाओ का निर्माण किया जा चुका है जो कैंसर मधुमेह रक्त चाप आदि बीमारियों में भी प्रयोग की जाती है |
भेषज विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो एस के राजपूत ने भी रोगो के बचाव में जैवविविधता की महत्ता पर बल दिया प् सत्र का संचालन ए डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा ने कियाप् सत्र के दौरान डॉ अश्वनी कुमार डॉ कपिल कुमार गोयल दीपक नेगी रविदर कुमार रोहित राहुल सिंह रोशन लाल कमाल सिंह नितिन चौहान आशीष पांडे आदि उपस्थित रहे |
Recent Comments