हरिद्वार ( कुलभूषण ) पंतदीप मैदान हरिद्वार में रविवार को देश के सभी ब्राह्मण संगठनों एवं उत्तराखण्ड ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस महा कुंभ में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधयों सहित हजारों ब्राह्मणों ने शिरकत की। मुख्य अतिथि कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि लड़ाई हमेशा शस्त्र के साथ की जाती और हौसला उसमें काम करता है। आज हमारे समाज को टारगेट किया जा रहा है ब्राह्मणों को कोसने को मनुस्मृति का प्रयोग करते हैं जबकि वह क्षत्रिय द्वारा लिखी गई है।
उन्होने कहा कि ब्राह्मण को वहकाया समझाया जा सकता है लेकिन धमकाया नहीं जा सकता है। ब्राह्मण का इतिहास पौरूष पराक्रम और त्याग से भरा पडा है। अगर ब्राह्मण जातिवादी होता तो राम की नहीं रावण की पूजा करता। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनैतिक दल का कोई नेता सनातन पर हमला करेगा तो उसका मुंह हमको काला करना पड़ेगा। अगर आज ब्राह्मण अपना सम्मान चाहते हैं तो राजनीति में अपना स्थान बनाना पड़ेगा। नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि ब्राह्मणों का योगदान भारत के विकास में हो रहा है। भारतीय संस्कृति को भी ब्राह्मण आगे बढ़ाने में योगदान कर रहा है। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि आज सोशल मीडिया में भी ब्राह्मणों का अपमान किया जा रहा है जो कि निन्दनीय है।
महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि महाराज ने कहा कि आज जिसको देखो वह ब्राह्मणों को गाली दे रहा है और ब्राह्मणों के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच में ब्राह्मणों को दोषी नहीं पाया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि विना संगठित हुए सत्ता की प्राप्ति असम्भव है। इस मौके पर महामण्डलेश्वर रामेश्वर ब्रह्मचारीए गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम पूनम पण्डित मेयर नगर निगम अनीता शर्मा संजय महंत बलराम दास हठयोगी सोमदत्त शर्मा अशोक शर्मा केण्सीण् कौशिक एडवोकेट मनोज गौतम बालकृष्ण शास्त्री पं पद्म प्रकाश शर्मा पं अधीर कौशिकडॉ राजेन्द्र पाराशर ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुख्य संयोजक पं विशाल शर्मा ने कहा कि देव भूमि हरिद्वार में मां गंगा के तट पर ब्राह्मणों का इतना बड़ा संगम पहली बार हुआ है। अब जो भी हमारी मांगांे के समर्थन में संसद एवं विधान सभाओं में आवाज बुलन्द करेगा हमारा समाज उसका समर्थन करेगा। इस महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रदेशों के ब्राह्मण संगठनों के हजारों प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया है। ब्राह्मण महाकुंभ सभी प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र भी तहसीलदार के माध्यम से सौंपा । जिसमें समस्त भारतवर्ष के राज्यों में ब्राह्मण कल्याण आयोग का संवैधानिक गठन किया जाए। यह घोषणा तक सीमित ना रहे तुरंत इसका गठन हो तथा किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को अध्यक्ष न बनाकर ब्राह्मण समाज से ही अध्यक्ष चुना जाए।
भारत वर्ष की समस्त जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाय एवं ब्राह्मण वर्ग को प्रत्येक राज्य में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ दिया जाये एंव राजनैतिक हिस्सेदारी में प्राथमिकता दी जाये।
वर्ष 1990 में जम्मू कश्मीर में ब्राह्मणों के हुए नरसंहार की अविलम्ब न्यायिक जांच हेतु आयोग का गठन किया जाय एंव कश्मीरी ब्राह्मणों के पुर्नस्थापन के लिये पूर्व पैतृक सम्पत्ति ;कश्मीरद्ध पर स्थापन किया जाये।
भारत वर्ष के कई राज्यों के मन्दिरों में गैर ब्राह्मणों को पुजारी नियुक्त किया जा रहा है इस पर तत्काल रोक लगाकर केवल ब्राह्मण पुजारी को ही नियुक्त किया जाय एंव देश के प्रत्येक राज्य में भूमिहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मणों को भूमि का आवंटन एवं रोजगार दिया जाय।
ब्राह्मण वर्ग के छात्रध्छात्राओं के लिए शासन द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था की जाए जिसका नाम भगवान परशुराम छात्रावास रखा जाए और सरकारी आवेदनों में निःशुल्क की पात्रता दी जाए।
देश के प्रत्येक राज्य में मन्दिरों के पुजारियोंध्पुरोहितों को मासिक सम्मान निधि दी जाये एवं समाज में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रध्छात्राओं की शिक्षा हेतु सरकार द्वारा आर्थिक मदद की जाय।
आठ लाख से नीचे आय वाले निर्धन ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।
भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय। यदि ऐसा नहीं होता है तो राष्ट्रीय अवकाशांे को छोडकर सभी अवकाश निरस्त किये जायें।
मंदिरों से हुई धर्मस्व की आमदनी की संपूर्ण राशि मंदिरों के जीर्णोद्धारए गुरुकुलए गौशाला तथा हिंदू धर्म की लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन हेतु शासकीय अनुदान के रूप में प्रदान की जाए।
1 एसण्सीण्एसण्टीण् कानून को समाप्त किया जाये अथवा गिरफ्तारी से पहले जॉच का प्रावधान लागू किया जाये। जिसका जॉच अधिकारी सवर्ण जाति से हो।
आयोध्या में बन रहे श्रीराम मन्दिरए ब्रज घाट ;गढमुक्तेश्वरद्ध उण्प्रण्ए हरिद्वार एवं भारत के समस्त तीर्थ स्थलांे में भगवान परशुराम की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाये।
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