Friday, April 19, 2024
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खास खबर : राहुल गांधी के साथ उत्तराखण्ड़ कांग्रेस नेताओं की बैठक, नया कुछ नहीं, हरीश रावत ही करेंगे 2022 के चुनाव को लीड

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे उत्त्तराखण्ड के आब्जर्वर

देहरादून, उत्तराखंड़ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की नाराजगी को लेकर कांग्रेस में उठा बवाल दिल्ली हाई कमान की बैठक के बाद शान्त हो गया, पार्टी आलाकमान ने हरीश रावत की नाराजगी को जायज माना | उसके बाद राहुल गांधी से अकेले में हरीश रावत की मुलाकात हुई, और आलाकमान को उत्तराखंड की पूरी स्थिति से रूबरू कराया गया | दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के अन्य नेताओं की बैठक राहुल गांधी ने दो टूक कह दिया कि हरीश रावत ही 2022 के चुनाव को लीड करेंगे, हालात यह हुए कि हरीश रावत की शिकायत के बाद ना केवल प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को राहुल गांधी ने हड़काया बल्कि यह भी कह दिया कि आपको वहां पर पार्टी के मुद्दों को सुलझाने के लिये भेजा गया था ना कि उलझाने के लिये | वही अब प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को भी पार्टी आलाकमान की तरफ से संकेत हो गए हैं कि अब उन्हें किसी और की नहीं केवल हरीश रावत की सुननी है गणेश गोदियाल ने बताया कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें हरीश रावत के साथ चलने के निर्देश दे दिए हैं उनके अनुसार रावत जी की जो भी शंकाएं थी उन्हें पार्टी आलाकमान ने दूर कर दिया है और पूरी पार्टी हरीश रावत के साथ है और उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव जीतने का काम करेगी ।

फैसला , ये पाबंदी भी हुई लागू
साफ है जितने गर्म दिमाग के साथ देवेंद्र यादव उत्तराखंड में उठापटक कर रहे थे उतने ही ठंडे दिमाग से आज वह बयान देते हुए नजर आए देवेंद्र यादव ने साफ कर दिया कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मीटिंग के बाद यह तय कर लिया गया है कि हरीश रावत ही प्रदेश में चेहरा होंगे वही लीड करेंगे और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा मुख्यमंत्री को लेकर जो बात है वह चुनाव जीतने के बाद विधायक दल की देवेंद्र यादव ने कहा आज राहुल गांधी जी के साथ बड़ी मीटिंग में फैसला किया गया है कि विधानसभा चुनाव को लेकर चेहरा हरीश रावत जी होंगे। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। और मुख्यमंत्री बनने की जहां तक बात है वह चुनाव जीतने के बाद विधायक दल की बैठक में तय किया जाएगा जिसमें आलाकमान जो तय करेगा वह फैसला लिया जाएगा।
आज राहुल गांधी व अन्य केंद्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद न तो सीएम फेस पर ही बात फाइनल हुई। न ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को हटाए जाने पर सहमति बनी। हाईकमान ने अपने पुराने रुख पर कायम रहते हुए पुरानी स्थिति बरकरार रखी।

पूर्व सीएम हरीश के ट्वीट से पहले उत्त्तराखण्ड में जिस नेता को जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी उसमें कोई फेरबदल नहीं किया गया। तारीफ की बात यह रही कि दिल्ली में चली बैठक के बाद मीडिया से बातचीत की जिम्मेदारी प्रचार अभियान कमेटी के चैयरमैन हरीश रावत को ही सौंपी गयी, मीडिया से हरीश रावत ने जो कुछ कहा उसमें कुछ भी नया नहीं था। मसलन, उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार को वे लीड करेंगे। जबकि सच्चाई यही है कि प्रचार अभियान समिति के चेयरमैन के तौर पर हरीश रावत ही समूचे चुनाव प्रचार को लीड कर रहे थे। यह बात विपक्षी दलों के अलावा जनता भी समझ रही थी। यही कारण रहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने देहरादून में अपने भाषण को हरीश रावत पर ही केंद्रित रखा। परिवर्तन यात्राओं से लेकर राहुल गांधी की जनसभा तक हरीश रावत ही केंद्र में रहे।लिहाजा, अब हरीश रावत का यह कहना कि चुनाव प्रचार को वे लीड करेंगे, जबकि बैठक में चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित करने पर भी कोई ठोस फैसला नहीं हुआ। इस मुद्दे पर भी हरीश रावत गाहे बगाहे ट्वीट करते रहे हैं। विभिन्न सर्वे व रैलियों में आ रही भीड़ के केंद्र में भी हरीश रावत को अन्य नेताओं से ज्यादा नंबर मिल रहे थे। लेकिन मीडिया के सवाल के जवाब में स्वंय हरीश रावत ने कहा कि चुनाव के बाद विधानमंडल दल की बैठक में नेता का चयन किये जाने की परंपरा रही है। और कांग्रेस अध्यक्ष को यह विशेष अधिकार होता है, मीडिया के यह पूछने पर कि उनके हालिया कदम से कांग्रेस को नुकसान हुआ तो हरीश रावत कहा कि भाजपा को पता है कि हरीश रावत के हर कदम से उनका नुकसान होता है।

बहरहाल, दिल्ली में हुई महापंचायत के बाद उत्त्तराखण्ड कांग्रेस की गणित में कुछ भी बदलाव नहीं किया गया। कोई नया फार्मूला भी पेश नहीं किया गया। चुनाव प्रचार के चेहरे हरीश रावत पहले भी थे और अभी भी रहेंगे।

 

सभी बड़े नेता दिल्ली, इधर कांग्रेस मुख्यालय में गुटबाजी के चलते आपस में भिड़े कांग्रेसी

देहरादून, जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट के बाद कांग्रेस में हलचल मच गयी और आनन फानन में बड़े कांग्रेसी नेता दिल्ली पहुंच गये और प्रदेश स्तरीय सभी बड़े नेता दिल्ली में राहुल गांधी के घर पर इस समय मौजूद हैं लेकिन दून में कांग्रेस मुख्यालय में गुटबाजी के चलते कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ पड़े, जानकारी के मुताबिक हरीश रावत के ट्वीट के बाद गुटबाजी के चलते देहरादून स्थित कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेसी भिड़ गए। शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय भवन में प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह के साथ हरीश रावत के समर्थक कार्यकर्ताओं ने मारपीट कर दी। उन्होंने शाह पर हरीश रावत के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया और मारपीट कर दी।Uttarakhand Election 2022: After The Tweet Of Former Chief Minister Harish  Rawat, Congress Worker Clashed, Beaten Leader - Uttarakhand: पूर्व  मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट के बाद, गुटबाजी के चलते ...
बताया जा रहा है कि मारपीट करने वाले दूसरे गुट के लोग भी कांग्रेस पार्टी से ही जुड़े हुए हैं। वहीं मारपीट करने वाले लोगों का आरोप है कि राजेंद्र शाह द्वारा हरीश रावत के लिए अपशब्द कहे गए थे। जिसके बाद यह विवाद मारपीट पर उतर आया। इस विवाद के बाद मुख्यालय में युवा एकत्र हो गए। हरीश रावत के समर्थक भी वहां मौजूद रहे। जिसके बाद मौके पर समर्थकों ने हरीश रावत के समर्थन में नारेबाजी की। कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप का कहना है कि पिछले दो-तीन दिन से चर्चाओं में चल रहे तथाकथित कांग्रेस विवाद के आज शाम तक हल होने के आसार हैं।

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