Sunday, November 24, 2024
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प्रदेश के आठ जिलों में 122 करोड़ रुपये की लागत से 32 पार्किंग बनेंगी, पहली किस्त के रूप में 77 करोड़ जारी

देहरादून, प्रदेश के आठ जिलों में 122 करोड़ रुपये की लागत से 32 पार्किंग बनेंगी। इसके लिए पहली किस्त के तौर पर 77 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। इन पार्किंग पर 7,190 वाहन पार्क हो सकेंगे। शहरी आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया, इस बार पार्किंग के लिए राज्य के बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बताया कि कैम्प्टी, गंगोत्री और लक्ष्मणझूला में राज्य की पहली तीन पार्किंग बनने जा रही हैं, जिनकी डीपीआर नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएचआईडीसीएल) तैयार कर रहा है।

विधानसभा स्थित कक्ष में मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री ने बताया, इन 32 पार्किंग में से 18 मल्टी लेवल पार्किंग हैं और 14 सरफेस पार्किंग हैं। दो साल में इन्हें तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, 11 पार्किंग के निर्माण की डीपीआर को 3.45 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

इनमें चमोली में एक, पौड़ी में एक, पिथौरागढ़ में दो, टिहरी में एक, उत्तरकाशी में तीन, रुद्रप्रयाग में एक, बागेश्वर में दो हैं। प्रदेश में तीन जगहों कैम्प्टी, गंगोत्री के गंगनानी और ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला में टनल पार्किंग बनाई जा रही हैं। कैम्प्टी की डीपीआर के लिए 42 लाख, गंगनानी के लिए 77 लाख और लक्ष्मणझूला के लिए 30 लाख जारी किए गए हैं। टनल पार्किंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल करेगा।
हरिद्वार में चारधाम यात्रा और कुंभ के मद्देनजर वाहन पार्किंग की सख्त जरूरत है। इस हिसाब से पांच मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने का प्रस्ताव एनएचआईडीसीएल ने दिया है। प्रस्ताव अभी शासन स्तर पर है, जिस पर कैबिनेट में मुहर लगेगी। वहीं, सरकार ने यूजेवीएनएल, आरवीएनएल और टीएचडीसी को भी पार्किंग की संभावित जगहों की तलाश करने के निर्देश दिए हैं।

 

गुरुदेव की प्रेरणा से ‘योग कर्मसु कौशलम्’ के साथ एसआरएचयू आगे बढ़ रहा : डॉ.धस्माना

डॉ.विजय धस्माना स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद पर सुशोभित

देहरादून (डोईवाला), स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में डॉ.विजय धस्माना नए कुलाधिपति नियुक्त किए गए हैं। डॉ.धस्माना ने औपचारिक तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान उन्होंने संस्थान से जुड़े सभी छात्र-छात्राओं, फैकल्टी, चिकित्सकों व कमर्चारियों से गुरुदेव की प्रेरणा से ‘योग कर्मसु कौशलम्’ (अर्थात अपना काम कुशलता से करे) के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।12 से 14 मार्च तक स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जॉलीग्रांट में हिमोत्सव-  2023 का होगा आयोजन - गढ़वाल की पीड़ा

विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डॉ.विजय धस्माना के एसआरएचयू के नए कुलाधिपति व डॉ. विजेंद्र चौहान के कार्यवाहक कुलपति के तौर पर नियुक्ति की घोषणा की गई।
इस दौरान नवनियुक्त कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थापक डॉ.स्वामी राम की ओर से तैयार किए प्रकल्प धरातल पर उतर रहे हैं। हमारे ऊपर राष्ट्र की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है हम इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बायो साइंसेज, योग विज्ञान सहित मेडिकल प्रोफेशनल्स तैयार कर रहे हैं यदि हम सभी अपने-अपने क्षेत्र में कुशलता से कार्य करें तो यही हमारा समाज और राष्ट्र के लिए सबसे बड़ा योगदान होगा।

निजी सचिव से कुलाधिपति का गौरवमयी इतिहास :

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली से पीएचडी उपाधि हासिल की। इससे पहले गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित और लंदन विश्वविद्याल से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर भी प्राप्त किया। फरवरी 1991 में एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम के निजी सचिव से पेशेवर यात्रा शुरू की। इसके बाद जनवरी 1995 में एचआईएचटी के कोषाध्यक्ष नियुक्त गए। नवंबर 1996 में एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति में सदस्य चुना गया। अगस्त 2007 से फरवरी 2013 के मध्य तत्कालीन एचआईएचटी विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किए गए। अप्रेल 2013 से अप्रैल 2023 तक स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यलाय के कुलपति का पदभार संभाला। अब वर्तमान में एसआरएचयू के कुलाधिपति नियुक्त किए गए।
इसके अतिरिक्त वर्तमान में डॉ.विजय धस्माना यूएसए के स्वामी रामा फाउंडेशन के अध्यक्ष, स्वामी रामा निष्काम कर्मयोग ट्रस्ट के अध्यक्ष और साधना मंदिर ट्रस्ट के महासचिव भी हैं। वह CII उत्तराखंड के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।

कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना :

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना शिक्षाविद्, रणनीतिकार, अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ एक कुशल प्रशासक भी हैं। उनके पास तीन दशकों का अनुभव है। इस दौरान उन्हें कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। मैनेजमेंट के क्षेत्र में वर्ष 2001 में ‘डॉ.बीसी रॉय अवॉर्ड’, वर्ष 2005 में ‘उत्तराखंड रत्न अवॉर्ड’, 2007 में ‘गढ़वाल विभूति सम्मान’, वर्ष 2021 में ‘वाइस चांसलर ऑफ ईयर-2021’ से सम्मानित किया जा चुका है।

स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि :

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना के नेतृत्व में एसआरएचयू ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अटल आयुष्मान योजना के तहत रोगियों को निशुल्क उपचार देने में हिमालयन हॉस्पिटल भारत का नंबर एक हॉस्पिटल बना। राज्य का एकमात्र एनएबीएच सर्टीफाइड का प्राइवेट टीचिंग अस्पताल। उत्तराखंड के युवाओं में स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एसआरएचयू में स्कूल फॉर वोकेशनल स्टडीज एंड स्किल डेवलपमेंट की स्थापना। “होमस्टे एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट प्रोग्राम’ का संचालन। उत्तराखंड और यूपी के 2000 से अधिक गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, किशोर, जल और स्वच्छता, आजीविका के कार्यक्रम। कोविड के दौरान 10 हजार सहित 1.5 लाख लोगों को आउटरीच स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। 600 से अधिक वर्षा जल संचयन टैंकों का निर्माण किया, 14000 से अधिक व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया, नई तकनीकों और कृषि आधुनिक उपकरणों की शुरुआत कर 04 गांवों के 26 एकड़ में लेमनग्रास के 13 लाख से अधिक पौधे लगाए। स्वामी जी के सपने को साकार करते हुए पौड़ी गढ़वाल के तोली गांव में गौरी हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना की। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय में ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, पेपर वेस्ट रिसाइकलिंग यूनिट, प्लास्टिक बैंक, ई-वेस्ट बैंक की स्थापना की गई।

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