Saturday, April 20, 2024
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कोरोना अपडेट : राज्य में आज 24 घंटे में मिल 69 संक्रमित, दो की हुई मौत, एक्टिव के घटकर 1555 हुये

देहरादून, उत्तराखंड अब धीरे धीरे कोरोना संक्रमण मुक्त की तरफ जा रहा है, राज्य में लंबे समय बाद एक दिन में सबसे कम 69 संक्रमित मिले हैं। वहीं दो मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा आज 250 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1555 से कम पहुंच गई है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, सोमवार को 21252 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। चंपावत और पौड़ी में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अल्मोड़ा में छह और बागेश्वर में एक, चमोली में एक, देहरादून में नौ, हरिद्वार में आठ, नैनीताल में आठ, पिथौरागढ़ में 6, रुद्रप्रयाग में तीन, टिहरी में दो, ऊधमसिंह नगर में नौ और उत्तरकाशी में 16 मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या तीन लाख 40 हजार 793 हो गई है। इनमें से तीन लाख 25 हजार 942 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7335 लोगों की जान जा चुकी है।

20 आईसीयू बेड सहित 80 बेड बच्चों के लिए आरक्षित
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से नवजात शिशुओं/बच्चों को बचाने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल ने तैयारी पूरी कर दी है। अस्पताल में कोरोना व कोरोना संक्रमण संभावित बच्चों के उपचार के लिए आईसीयू वार्ड के 20 बेड समेत 80 बेड स्थापित किए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, वार्ड के लिए स्टाफ की भी तैनाती कर दी गई है।

अब तक कोरोना संक्रमण की दो लहरों में बच्चे कम संक्रमित हुए हैं लेकिन तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि तीसरी लहर बच्चों के लिए हानिकारक होगी। इसके लिए सरकार के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में वार्ड आरक्षित किए गए हैं।

बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित और संभावित संक्रमित बच्चों/नवजात शिशुओं के लिए 80 बेड आरक्षित किए गए हैं। इनमें 10 बेड का एनआईसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) और 10 बेेड का पीआईसीयू (बाल गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड है।

60 बेड का सामान्य वार्ड है। उन्होंने बताया कि वार्ड के लिए उपकरण, दवाई और अन्य संसाधनों की व्यवस्था कर ली गई है। बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. व्यास कुमार राठौर की ओर से स्टाफ को भी कोरोना संक्रमित नवजात शिशुओं और बच्चों के उपचार का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

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