हरिद्वार 05 अक्टूबर (कुल भूषण शर्मा) विश्वपटल पर जब कोई वैज्ञानिक अपने शोध के परिणाम के आधार पर किसी बात को समाज के समक्ष रखता है तो लोग उसे अपने जीवन में अंगीकृत करते है| यह उदगार गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के कुलाधिपति व लोकसभा सदस्य डा सत्यपाल सिंह ने गुरुकुल कांगड़ी में बीफार्मा और शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के नवनिर्मित भवनों के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किये | उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमें नये-नये शोध कार्य करने चाहिए, साथ ही अपने प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़कर बच्चों को संस्कारित करने की दिशा में कार्य करना चाहिए |
डा सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते आज देश दुनिया के वैज्ञानिक इस बात को सोचने पर मजबूर हो गए है कि भौतिकवादी विकास के बाद भी मानव का जीवन का सुरक्षित नही है| दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका विष्व के अन्य देषो के कुल स्वास्थ्य बजट का लगभग पचास प्रतिशत अपने यहाँ खर्च करता है, फिर भी वह भी कोरोना के संक्रमण की गिरफ्त में है | उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हमारे देश में स्वास्थ्य के बजट का सतावन प्रतिशत एलोपैथिक पद्धति पर खर्च किया जाता है, जबकि आयुष पद्धति पर मात्र तीन प्रतिशत खर्च होता है | उन्होंने बी फार्म के वैज्ञानिकों से आयुष के क्षेत्र में नये-नये शोध करने का आह्वान किया|
वहीं उन्होंने शारीरिक शिक्षा विभाग के शिक्षिकों से आह्वान किया कि वह अपने विभाग में प्राचीन पद्धति के माध्यम से नए आधुनिक पाठ्यक्रमों का सृजन कर छात्रों को ऐसे सुअवसर उपलब्ध कराये कि देश ही नहीं विश्व पटल के विद्यार्थी यहाँ शिक्षा ग्रहण करने आये | गुरुकुल कांगड़ी देश ही नहीं विश्वपटल वैदिक शिक्षा के क्षेत्र में विशेष पहिचान रखता है | मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में अपने यहाँ नवीनतम शोध कार्य कर प्रगति के आयाम स्थापित करेगा| डॉ सिंह ने कहा कि आज दुनिया में कोरोना से मुक्ति के लिए लगभग 200 वेक्सीन पर काम चल रहा है| 30 वेक्सीन एडवांस स्टेज पर है वह कितनी प्रभावी होंगी, यह मंथन का विषय है| 1930 में प्लेग की महामारी फ़ैली थी उस पर नियंत्रण पाने के लिए बनी वेक्सीन के प्रारंभ में प्रतिकूल प्रभाव देखने में आये थे| ऐसे में हमारे शोधकर्ताओं को आयुष व हर्बल के क्षेत्र में कार्य करने की अधिक आवश्यकता है |
गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति प्रो रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि बी फार्मा तथा शारीरिक शिक्षा व खेल विभाग के नव निर्मित भवनों से विभागों के कार्यों में गति मिलेगी, जिससे विभागों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को अनुसंधान कार्य करने के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध होंगे | उन्होंने कहा कि कुलाधिपति डॉ सिंह के नेतृत्व में गुरुकुल कांगड़ी शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है |
कुलसचिव प्रो दिनेश भट ने इस अवसर पर कुलाधिपति का स्वागत करते हुए उपस्थित सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम की शुरुआत प्रो सोमदेव शतान्शु व प्रो दिनेश चन्द्र शास्त्री ने यज्ञ संपन्न कराकर की | यज्ञ में कुलाधिपति की धर्मपत्नि अलका सिंह, संकायाध्यक्ष प्रो आर सी दुवे, संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष प्रो आर के एस डागर, शारीरिक शिक्षा व खेल विभाग, विभागाध्यक्ष बी फार्म प्रो सत्येन्द्र राजपूत, प्रो एल पी पुरोहित, प्रो नवनीत, प्रो पी सी जोशी, प्रो प्रभात सेंगर, डा श्वेतांक आर्य, प्रो कर्मजीत भाटिया, प्रो ईश्वर भारद्वाज, प्रो सत्यदेव निगमालंकार, प्रो पंकज मदान, प्रो नमिता जोशी, प्रो सुचित्रा मलिक, डा अजय मालिक, सुरक्षाधिकारी रूप लाल, डा शिव कुमार चौहान, दुष्यंत राणा, रणजीत सिंह, डा विपिन शर्मा, डॉ कपिल गोयल, विजेंद्र सिंह, डॉ गौरव सिंह भिंडर, कमल सिंह, राज किशोर, दीपक वर्मा, दिनेश कुमार, डा रोशन लाल, अरविन्द, नवीन कुमार, अमित धीमान इत्यादि उपस्थित रहे |
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