Sunday, May 19, 2024
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दून के 04 बड़े कारोबारियों पर छापा, शराब के कारोबार बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का मामला

देहरादून, उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से करोड़ों रुपये की शराब लाई गई और जब वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) जमा कराने की बारी आई तो कारोबारी कन्नी काट गए। शराब के कारोबार में बड़े स्तर पर की जा रही टैक्स चोरी को देखते हुए राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एसआइबी) देहरादून ने दून के चार बड़े शराब कारोबारियों पर छापेमारी की। कर चोरी से संबंधित 15 करोड़ रुपये के कारोबार की जानकारी सामने आई है। विभाग की कार्रवाई के बाद कारोबारियों ने 54 लाख रुपये मौके पर ही जमा करा दिए।
आयुक्त राज्य कर डा अहमद इकबाल के निर्देश पर अपर आयुक्त गढ़वाल पीएस डुंगरियाल ने संयुक्त आयुक्त एसएस तिरुवा के नेतृत्व में छापेमारी के लिए टीम गठित की। एसआइबी ने शराब कारोबारियों के चूना भट्टा, कांवली रोड, मोहब्बेवाला और आदर्श नगर क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठान पर जांच की। छापेमारी के दौरान राज्य कर अधिकारियों ने कारोबार से संबंधित तमाम दस्तावेज कब्जे में लिए। जिनकी जांच भी शुरू कर दी गई।
अधिकारियों को पता चला कि कारोबारियों की खरीद पर वर्ष 2022-23 में 20 प्रतिशत की दर से टैक्स की देनदारी थी, जबकि वर्ष 2023-24 में टैक्स की देनदारी 12 प्रतिशत की दर से है। इस तरह कुल 02 करोड़ रुपये का टैक्स जमा नहीं कराया गया है। कर चोरी का मामला पकड़ में आता देख कारोबारियों ने 54 लाख रुपये मौके पर ही जमा करा दिए, जबकि शेष राशि शीघ्र जमा कराने का भरोसा दिलाया। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि कर चोरी के प्रकरण का विस्तृत परीक्षण कराया जा रहा है।
शराब के कारोबार में कर चोरी को देखते हुए आने वाले दिनों में बार-रेस्तरां को भी जांच के दायरे में लिया जाएगा। कार्रवाई करने वाली टीम में उपयुक्त सुरेश कुमार, जयदीप रावत, अवनीश पांडे, उमेश दुबे, सहायक आयुक्त राम लाल जोशी, भूपेंद्र सिंह जंगपांगी, कंचन थापा, राज्य कर अधिकारी संगीता बिजल्वाण, राज्य कर निरीक्षक समेत 20 कार्मिक शामिल थे |
दूसरे राज्यों से शराब लाकर प्रदेश में कर कमा न करने वाले कारोबारियों की जानकारी राज्य कर विभाग आबकारी विभाग के माध्यम से एकत्रित करेगा। जो कारोबारी कर चोरी में लिप्त पाए जाएंगे, उनका लाइसेंस निरस्त कराने की कार्रवाई भी की जाएगी। विभाग की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। ताकि कारोबार के मुताबिक कर जमा कराया जा सके। यह प्रदेश के विकास के लिए बेहद जरूरी भी है।

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