हरिद्वार अप्रैल 20 (कुलभूषण) शोध का उन्नयन करने के लिए भैषज विज्ञान विभाग में औषधीय उत्पादन के क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा वर्तमान में शोध की दिशा में तीन आयामों पर विशेष काम हो रहा है। विभाग में बादाम कैनावीस और अलसी के शोधों का प्री क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। वहीं क्लीनिकल ट्रायल से पूर्णता प्राप्त करने के लिए उत्पादन के क्षेत्र में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय एक विशेष स्थान बना लेगा। आईकैम वैलनेस प्राईवेट लिमिटेड गुरुग्राम के द्वारा जिन प्राजेक्टों का उत्पादन किया जाएगा उसमें गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का शोध उन्नयन किया जा रहा है। शोध की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए कम्पनी ने 08 लाख रुपए का ड्राफ्ट विश्वविद्यालय को प्रेषित किया है।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि भैषज विज्ञान विभाग के द्वारा तीन आयामों पर काम हो रहा है। औषधी से तेल निकालना दवाईयों का उत्पादन करना और खाद्य पदार्थ का निर्माण कर उत्पादन के क्षेत्र की ओर बढ़ना। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही विश्वविद्यालय इन तीनों शोध प्रक्रियाओं पर प्री क्लीनिकल काम तेजी से कर रहा है और काम अंतिम चरण पर है विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 वी0के0 सिंह ने कहा कि भैषज विज्ञान विभाग द्वारा शोध की दिशा में नए.नए कदम उठाए जा रहे है। ।
भैषज विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 सत्येन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि भैषज विज्ञान विभाग कम्पनियों को नए.नए फार्मुले तैयार कर खाद्य पदार्थो के उत्पादन की दिशा में काम कर रहा है जिससे भविष्य में कम्पनियां विश्वविद्यालय के शोध का समय.समय पर लाभ उठा सकती है। उन्होने बताया कि शोध के निष्पादन में डा0 विपिन शर्मा प्रिंस शर्मा व अन्य प्राध्यापकों ने इन तीनों आयामों को लेकर कार्य करना शुरू कर दिया है। पहला चरण बादाम अलसी और कैनावीस से तेल निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है। वहीं दवाई बनाने का फार्मुला विकसित किया जा रहा है।
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