नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि मोबाइल फोन में सेंध लगाने वाले पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार ने यह जानकारी दी है। जनहित याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच कराने की मांग भी की गई है। बता दें कि कई अलग-अलग संगठनों ने इसको लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बता दें कि आज सोमवार को पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट में केंद्र सरकार ने उसपर लगे सभी आरोपों को नकारा।
केंद्र ने आज पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट भी दायर किया। यह दो पेज का था। केंद्र ने कहा कि उनकी तरफ से कोई जासूसी या अवैध निगरानी नहीं की गई। हलफनामे में सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम और अन्य याचिकाकर्ताओं के लगाए सारे इल्जाम सिरे से नकार दिए हैं। उनकी याचिका में आरोप थे कि सैनिक प्रयोग के इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सरकार ने पत्रकारों, राजनेताओं, एक्टिविस्ट, नौकरशाहों और न्यायपालिका से जुड़े लोगों की जासूसी के लिए किया। इससे पहले 10 अगस्त को मसले पर सुनवाई हुई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर ‘समानांतर कार्यवाही और बहस’ पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए।
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