कोटद्वार, करीब पौने दो वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर नजीबाबाद-कोटद्वार पैसेंजर ट्रेन की छुक-छुक सुनाई दी। रविवार सुबह करीब पौने 10 बजे तीन बोगियों को लेकर इंजन कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर पहुंची। पैसेंजर सेवा शुरू होने से आमजन को काफी राहत मिली है। कोरोना संक्रमण के चलते बीते वर्ष मार्च में अन्य रेल सेवाओं के समान कोटद्वार-नजीबाबाद पैसेंजर रेल सेवा को भी बंद कर दिया गया था। कोरोना संक्रमण के पूर्व कोटद्वार-नजीबाबाद के मध्य तीन पैसेंजर ट्रेन चलती थी। लाकडाउन के कारण इन सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया।
करीब पौने दो वर्ष रेल महकमे ने कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच एक पैसेंजर ट्रेन शुरू की है। सुबह 8:55 मिनट पर इंजन तीन बोगियों को लेकर नजीबाबाद से कोटद्वार को चली और पौने 10 बजे कोटद्वार रेलवे स्टेशन पहुंची। रेल में 50 से अधिक यात्री कोटद्वार पहुंचे। 10:10 मिनट पर रेल फिर से सवारियां लेकर नजीबाबाद वापस लौट गई। स्टेशन अधीक्षक मनोज रावत ने बताया कि रविवार से एक पैसेंजर सेवा शुरू कर दी गई है। बताया कि मुख्यालय से प्राप्त आदेशों के आधार पर आगे की सेवाएं भी शुरू की जाएंगी। लोगों ने रेल सेवा चालू होने का स्वागत किया |
काशीपुर में 137 करोड़ की विकास योजनाओं का सीएम ने किया शिलान्यास,
प्रदेश के रजत जयंती अवसर पर हम विकास विजन डाक्यूमेंट पेश करेंगे : मुख्यमंत्री
काशीपुर, यूएस नगर के काशीपुर में उदयराज इंटर कॉलेज में आयोजित विकास योजनाओं और लोकापर्ण कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वह अपना एक एक पल प्रदेश के विकास को समर्पित करना चाहते हैं। हमारा प्रदेश सबसे युवा प्रदेश है। प्रदेश के रजत जयंती अवसर पर हम विकास विजन डाक्यूमेंट पेश करेंगे। जिसमें सभी विभागों से आगे का प्लान मांगा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए सभी विभागों का आगामी विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य सेवक के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्य हित में 500 से अधिक घोषणाएं की हैं और उनके क्रियान्वयन की भी व्यवस्था की गई है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर के उदयराज इंटर कॉलेज में 137 करोड़ के विकास योजनाओं का शिलन्यास किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि पीएम ने बीते दिन प्रदेश में करीब 32 हजार करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। यह योजनाएं प्रदेश को विकास के राह पर आगे ले जाएंगी। उद्योग जगत की बेहतरी के लिए हमारी तरफ से एक कमेटी गठित की गई है जिसमें वन टाइम सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी। यह कमेटी पूर्व न्यायधीश की अध्यक्षता में गठित की जा रही है। इससे विभिन्न उद्योगों को काफी राहत मिलेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रोडवेज शिफ्ट करने से लेकर अन्य विभिन्न मांगों पर सरकार पूरी गंभीरता के साथ इन समस्याओं पर कदम उठाने का प्रयास करेगी। पीएम मोदी ने उत्तराखंड के लोगों को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरी के लिए कुमाऊं में एम्स की शाखा खोलने की स्वीकृति प्रदान की है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में लाखों लोग इसका लाभ उठा रहे हैं |
उन्होंने सरकार की खेल क्षेत्र में सरकार के अहम फैसले पर बोलते हुए कहा कि बताया कि खेल नीति को लेकर हमारी योजना ने आने वाले दिनों में सैकड़ों युवा खिलाड़ियों को एक नया मुकाम मिलेगा। मनोज सरकार व वंदना कटारिया जैसे खिलाड़ियों को शुरुआती दिनों में ऐसी सुविधाएं मिलेंगी जिसके वे हकदार हैं। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के उत्तराखंड को 2025 में देश में अग्रणी राज्य का सपना पूरा करने के लिए मैं अपना एक एक पल राज्य की बेहतरी में लगा दूंगा। इसमें आपके सहयोग की जरूरत है। इस दौरान विधायक हरभजन सिंह चीमा, मेयर ऊषा चौधरी, पीसीयू के चैयरमैन राम मल्होत्रा, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष खिलेन्द्र चौधरी, जिलाध्यक्ष शिव अरोर, गुरविंदर सिंह चंडोक, प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता,प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार मौजूद रहे।
काशीपुर को जिला बनाने की मांग पर एक शब्द भी नहीं बोले मुख्यमंत्री धामी
काशीपुर, ऊधमसिंहनगर के औद्योगिक शहर काशीपुर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से जारी है। सीएम बनने के बाद पहली बार काशीपुर पहुंचे पुष्कर सिंह धामी से शहर के लोगों को उम्मीदें भी थीं। लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा हाथ लगी। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में मंच से कोई बात नहीं की। जबकि विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपने संबोधन के दौरान शहर की समस्याओं व जरूरतों को बताने के दौरान इस मसले पर भी मुख्यमंत्री का ध्यान खींचने की कोशिश की, लेकिन इसको लेकर मुख्यमंत्री ने कुछ भी नहीं बोला।
काशीपुर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है। कई संगठन जिले की मांग को लेकर समय-समय पर मुखर होते रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दौरे को लेकर क्षेत्र के लोग आशािन्वत थे। मंच से जब विधायक हरभजन सिंह चीमा ने क्षेत्र की मांगों को लेकर सीएम की मौजूदगी में कहा कि लोग काशीपुर को जिला बनाने की मांग लंबेे समय से कर रहे हैं, तो लोगों की अपेक्षाओं और उम्मीदों को पंख लगा। लेकिन जब सीएम ने अपने संबोधन में काशीपुर को जिला बनाने को लेकर एक शब्द नहीं बोला तो लोगों की उम्मीदें धूमिल हो गईं।
चुनावी साल में उत्तराखंड में नए जिलों को लेकर भी सियासत तेज हो गई है। वर्ष 2011 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश में चार नए जिले बनाने की घोषणा की थी। जो वक्त के साथ ठंडे बस्ते में चली गई। वहीं कांग्रेस सरकार में भी पूर्व सीएम हरीश रावत ने नए जिलों के गठन के लिए 2016 के बजट में 100 करोड़ की व्यवस्था करने की बात कही। इसके बाद कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक शुरू हुई और चार जिलों की मांग फिर से ठंडे बस्ते में पहुंच गई। इस बार फिर चुनावी बयार में पूर्व सीएम हरीश रावत ने नए जिलों को लेकर राग छेड़ा। लेकिन इस बार उन्होंने चार जिलों कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट की जगह नौ जिले जिनमें नरेंद्र नगर, काशीपुर, गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा भी जोड़ दिया है।
पूर्व सीएम निशंक ने की थी घोषणा
फिलहाल प्रदेश में 13 जिले हैं। नए जिलों की मांग लंबे समय से उठ रही है। वर्ष 2011 में तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट को नया जिला बनाने की घोषणा की थी, जो कि पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, अल्मोड़ा जिले में रानीखेत और पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट को नया जिला बनाने की संस्तुति की गई थी। डीडीहाट को जिला बनाने के लिए क्षेत्रीय लोगों ने इस बार 50 से अधिक दिनों तक अनशन भी किया। हालांकि हरीश रावत के आश्वासन पर उन्होंने अपना अनशन तोड़ा दिया |
छोटी राज्य में प्रशासनिक इकाइयां छोटी करनी होंगी : हरदा
देहरादून, पूर्व सीएम हरीश रावत ने कुछ समय पहले फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा था कि हमारे कुछ सीमांत क्षेत्र जैसे डीडीहाट, रानीखेत, पुरोला के लोग बहुत व्यग्र हैं कि उनके जिले कब बनेंगे, इतनी ही व्यग्रता कोटद्वार, नरेंद्र नगर, हमारे काशीपुर और गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा के लोगों में भी है। ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनको जिले का स्वरूप देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मैंने सौ करोड़ की व्यवस्था इन जिलों को बनाने के लिए 2016 के बजट में की थी। लेकिन राजनैतिक दबावों के कारण ये जनपद अस्तित्व में नहीं आ पाये। हरीश रावत का कहना कि वे इस सरकार को राय तो नहीं देंगे, मगर इतना जरूर कहेंगे कि यदि भाजपा सरकार नहीं करेगी तो कांग्रेस शासन के अंतिम वर्ष के लिए इंतजार नहीं करेंगे। सत्ता में आने के दो वर्ष के अंदर पूरा कर देगी ताकि एक बार प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चल सकें। हरीश रावत का तर्क है कि जब हम छोटे राज्य की बात करते हैं तो प्रशासनिक इकाइयां भी छोटी करनी पड़ती हैं।
Recent Comments