Tuesday, April 29, 2025
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सीएम के एक्शन से मची खलबली: सुबह-सुबह आरटीओ कार्यालय निरीक्षण पर पहुंचे सीएम धामी, RTO दिनेश पठोई को किया सस्पेंड

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देहरादून। देहरादून आरटीओ दफ्तर में बुधवार सुबह सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छापा मारा। यहां कई अफसर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले। खुद आरटीओ दिनेश पठोई के गैरहाजिर मिलने पर सीएम ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वहीं गैर हाजिर कर्मचारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए। सीएम ने मामले में मुख्य सचिव को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित आर टी ओ कार्यालय पर छापा मारा। औचक  निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया की आरटीओ कार्यालय में आम जनता अपने वाहनों से संबंधित कार्यों के लिए सुबह 9 बजे से मौजूद थी, लेकिन कार्यालय में कुछ कर्मचारियों को छोड़कर आरटीओ के मुख्य अधिकारी दिनेश चंद्र पिठोई और काफी कर्मचारी सुबह के 10:30 होने के बावजूद मौजूद नहीं थे ।
कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारी की लापरवाही देखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को निलंबित करने के निर्देश दिये हैं। परिवहन सचिव अरविंद सिंह हयांकी को निर्देश देते हुए कहा की जितने भी कर्मचारी समय होने के बावजूद उपस्थित नही है उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।Breaking news:-सीएम धामी का एक्शन ,आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को निलंबित किया  | INKPOINT

अब आप यूपीआई ऐप के जरिये एटीएम से निकाल सकते हैं कैश, जानिए क्या है तरीका

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अभी तक एटीएम (ATM) से कैश निकालने के लिए आप डेबिट कार्ड या ओटीपी बेस्ड ऑप्शन (लेटेस्ट फीचर) का इस्तेमाल करते होंगे.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब फोनपे (PhonePe), पेटीएम (Paytm) और गूगल पे (GooglePay)जैसे यूपीआई ऐप (UPI) की मदद से भी आप एटीएम से कैश निकाल सकते हैं. कुछ समय पहले इस फीचर की घोषणा की गई थी. इसे लेकर अब एनसीआर कॉरपोरेशन सभी एटीएम को अपग्रेड भी कर रहा है. मशीन अपग्रेड होने के बाद यूपीआई ऐप के जरिए Interoperable Cardless Cash Withdrawal (ICCW) कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस फीचर को आप कैसे यूज कर सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

इस फीचर को यूज करने से पहले आपके लिए कुछ बातें समझनी जरूरी हैं. यह फीचर क्योंकि बिना डेबिट और क्रेडिट कार्ड के कैश निकालने की सुविधा देता है, ऐसे में एटीएम मशीन में भी यह फीचर इनेबल्ड होना चाहिए. आपका नंबर बैंक में रजिस्टर्ड होना चाहिए और आपके फोन में कोई न कोई यूपीआई ऐप होना चाहिए.

ये है तरीका

अब हम आपको बताने जा रहे हैं वो प्रोसेस, जिसकी मदद से आफ बिना डेटिब कार्ड सिर्फ यूपीआई ऐप की मदद से पैसे निकाल सकेंगे.

सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में गूगलपे, फोनपे, पेटीएम, वॉट्सएप पे और अमेजन पे में से कोई एक यूपीआई ऐप डाउनलोड कर लें.
इस फीचर का इस्तेमाल करते वक्त फोन में इंटरनेट चालू होना चाहिए.
अब आपको एटीएम मशीन पर जाकर विड्रॉ कैश पर क्लिक करना होगा. अब आपके सामने यूपीआई का विकल्प आएगा. इस पर क्लिक करते ही एटीएम स्क्रीन पर क्यूआर कोड दिखाई देगा.
अब अपने फोन में कोई भी एक यूपीआई ऐप ओपन करके क्यूआर कोड स्कैन कर लें.
इसके बाद एटीएम मशीन में वह अमाउंट टाइप करें जो निकालना चाहते हैं.
यहां इस बात का ध्यान रखें कि इस फीचर के तहत अभी 5 हजार से ज्यादा रुपये नहीं निकाल सकते. अमाउंट डालने के बाद प्रोसेस्ड पर क्लिक करें.
अब आपसे पिन पूछा जाएगा, यहां अपना यूपीआई पिन डाल दें.
इसके बाद एटीएम से कैश निकल जाएगा.

FASTag को रिचार्ज करते समय इन बातों का ध्यान, वरना बैंक खाता हो सकता है खाली!

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Fastag Online Recharge Rules: टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइन से बचने के लिए सरकार ने कुछ साल पहले इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम यानी फास्ट टैग (FASTag) को लागू किया था।

इसी का पालन करते हुए लोग सफर के दौरान पड़ रहे प्लाजा में आसानी से टोल दे सकते हैं। FASTag की खासियत है कि इसे यूजर्स आसानी से अपने स्मार्टफोन के जरिए रिचार्ज कर सकते हैं। हालांकि, इस दौरान की गई कुछ गलतियों से आपको भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि फास्ट टैग को रिचार्ज करते समय किन-किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

फास्ट टैग को अगर आप पेटीएम (Pay TM), गूगल पे (Google Pay), फोन पे (Phone Pay) या अन्य तरह के पेमेंट ऐप से रिचार्ज करते हैं तो गाड़ी के नंबर पर खास ध्यान रखें। दरअसल, ऑनलाइन फास्ट टैग रिचार्ज के लिए यूजर को गाड़ी का नंबर दर्ज करना होता है। अगर इस दौरान गलती से आप गलत गाड़ी का नंबर एंटर कर देंगे तो आपका नुकसान हो सकता है। गलती से गाड़ी का गलत नंबर दर्ज करने पर आपके खाते से पैसे कट हो जाएंगे और फिर रिचार्ज भी नहीं हो पाएगा।

बैंक खाता जरूर करें लिंक

फास्ट टैग को रिचार्ज करने से पहले ये जरूर ध्यान रखें कि आपका फास्ट टैग बैंक खाते से लिंक होना चाहिए। ऐसे में आपको बार-बार अपने खाते की जानकारी दर्ज नहीं करनी होगी। इसलिए रिचार्ज से पहले जरूर किसी बैंक खाते को दर्ज कर लें। ऐसे में आपको रिचार्ज करने की भी जरूरत नहीं होगी और जब टोल प्लाजा से जाएंगे तो खुद फास्ट टैग से टोल कट जाएगा।

कार बेचने से पहले फास्ट टैग करें डीएक्टिवेट

फास्ट टैग को कार नंबर से लिंक किया जाता है। ऐसे में अगर आप अपनी कार को सेल करते हैं तो पहले उसका फास्ट टैग डीएक्टिवेट कर लें। वरना टोल प्लाजा से गुजरने पर आपके फास्ट टैग से पैसे कट हो जाएंगे जो बैंक खाते से लिंक होगा।

एक्सट्रा पैसे कट होने पर करें हेल्पलाइन से संपर्क

अगर टोल प्लाजा से गुजरते समय आपके खाते से ज्यादा पैसे कट हो रहे हैं तो ऐसे में आपको हेल्पलाइन नंबर से संपंर्क करना चाहिए। एक्स्ट्रा पैसे कट होने पर NHAI के हेल्पलाइन नंबर 1033 पर संपर्क कर सकते हैं। इससे आपकी फास्ट टैग से जुड़ी समस्या दूर हो सकती है।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, पक्ष में पड़े केवल 68 वोट

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कोलंबो , । श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष की ओर से पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में असफल हो गया। विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस के सांसद एम ए सुमंथिरन की ओर से राष्ट्रपति राजपक्षे को लेकर नाराजगी जताने वाले मसौदे पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था। श्रीलंका के इकोनॉमी नेक्स्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसद एम ए सुमंथिरन द्वारा राष्ट्रपति राजपक्षे को लेकर नाराजगी जताने वाले मसौदे पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था। रिपोर्ट में बताया गया कि 119 सांसदों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
केवल 68 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जिससे यह अविश्वास प्रस्ताव असफल हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव के साथ विपक्ष ने यह दिखाने की कोशिश की कि राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की देशव्यापी मांग देश की विधायिका में कैसे परिलक्षित होती है।
मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के सांसद लक्ष्मण किरीला ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। एसजेबी सांसद हर्षा डी सिल्वा के अनुसार, प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वालों में श्रीलंका के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल थे। मानवाधिकार वकील भवानी फोन्सेका ने वोट के बाद ट्वीट किया कि प्रस्ताव के विफलता ने राष्ट्रपति राजपक्षे की रक्षा करने वाले सांसदों को बेनकाब कर दिया।
नए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति के बाद मंगलवार को पहली बार संसद की बैठक हुई, क्योंकि देश अपने अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच बड़े संवैधानिक सुधार करने के लिए तैयार है।सुमनथिरन जिन्होंने प्रस्ताव पेश किया, बहस को जारी रखने के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करना चाहते थे।

सार्थक पहल : शिक्षा विभाग का हर अफसर गोद लेगा सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल भी संवारेंगे सरकारी स्कूल

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हल्द्वानी, सरकारी स्कूल और उनमें शिक्षा की दशा सुधारने के लिए प्रयास जारी हैं। अब विभाग के प्रत्येक अफसर को एक-एक सरकारी स्कूल गोद लेना होगा। इन स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए संबंधित अफसर मॉनिटरिंग करेगा, साथ ही स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर गैप को भी पाटने में मदद करेगा। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित कर चुके हैं। लिहाजा नैनीताल जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने डीईओ, बीईओ और डिप्टी बीईओ को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

बीते दिनों विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कुमाऊं दौरे में हल्‍द्वानी सर्किट हाउस में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों और प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों की बैठक ली थी।

इसमें सरकारी स्कूलों में बदलाव लाने को लेकर अफसरों, स्कूल प्रबंधकों ने कई राय-सुझाव मंत्री को दिए। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में मंत्री डॉ. धन सिंह ने कहा था कि प्रत्येक प्राइवेट स्कूल अपने पास के एक सरकारी स्कूल और एक गांव को गोद लेगा। गांव में प्रौढ़ शिक्षा तो सरकारी स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में काम करने को कहा। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मंत्री ने निर्देशित किया था कि ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक के प्रत्येक अधिकारी एक-एक सरकारी स्कूल को गोद लेकर उसमें सुधारात्मक प्रयास करें। इसी क्रम में अब नैनीताल जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने सभी अधिकारियों से एक-एक स्कूल का चुनाव कर सूची उपलब्ध कराने को कहा है।
अपने गोद लिए स्कूल में अफसरों को महीने या हफ्ते में एक दिन कक्षा भी पढ़ानी होगी। इसके जरिए वे बच्चों को मिल रही शिक्षा की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। यदि कोई बदलाव की जरूरत होगी तो इस संबंध में शिक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश भी देंगे! उत्तराखंड में वर्तमान में 19,042 सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं, इनमें 12806 प्राथमिक, 3905 जूनियर हाईस्कूल और 2331 माध्यमिक स्कूल हैं। नैनीताल जिले में 197 माध्यमिक, 347 जूनियर हाईस्कूल और 1011 प्राथमिक स्कूल हैं। प्रदेश में शिक्षा विभाग में वर्तमान में करीब 229 अधिकारी हैं। इनमें मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक और माध्यमिक, खंड शिक्षा अधिकारी व उप शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।

पहाड़ की फिजाओं को गुंजायमान करता आलोक मलासी का गीत “सुख छाया, दुख छाया”

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देहरादून, पहाड़ की अलौकिक सुन्दरता और यहां के सांस्कृतिक गीत जहां देश विदेश में अपनी धमक जमाये हुये है, इसी कड़ी में उत्तराखंड के प्रसिद्ध रंगकर्मी और गायक आलोक मलासी की आवाज में उनकी नई प्रस्तुति “सुख छाया, दुख छाया” गीत पहाड़ की फिजाओं को गुंजायमान किये हुये है। आम जनमानस के जीवन की सच्चाई को बयां करते इस गीत के रचनाकार मदन मोहन डुकलान हैं, गीत के रचनाकार मदन मोहन डुकलान गढ़वाली के जाने माने कवि और चिट्ठी पत्री पत्रिका के संम्पादक के रुप में अपनी लेखनी को सार्थकता प्रदान करते हुये कई गढ़वाली फिल्मों और नाटकों में अभिनय कर चुके हैं | उनकी अभिनीत गढ़वाली फिल्म ‘याद आली टिहरी’ दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रही |
वहीं गीत के गायक आलोक मलासी केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं, इस गीत को उन्होंने खुद की कंपोज किया है। गायक आलोक मलासी रंगमंच संगीत के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं और रंगमंच के क्षेत्र में अपना सकारात्मक योगदान देते आ रहे हैं | राइजिंग उत्तराखंड प्रोडक्शन के बैनर तले तैयार इस गीत के संगीत संयोजक थपलियाल ब्रदर्स हैं। मुख्य कलाकार बिजेंद्र राणा और लक्ष्मी रावत हैं। अन्य कलाकारों में खुश्बू, दिविशा कुकरेती, नीमा कुकरेती के साथ ही ग्राम पंवाई विद्यालय के छात्र और छात्राएं शामिल हैं। काफी लम्बे समय के बाद एकबार फिर मीठे स्वरों से सजा ‘सुख छाया दुख छाया’ गीत पर्वतीय युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा | जिसका वीडियो लोगों के बीच अपनी स्वरबद्धता बनाये हुये है

 

विभागाध्यक्ष अपने विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें: सीएस

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देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में उन्नति पोर्टल के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्नति पोर्टल के सही क्रियान्वयन के लिए सभी सचिव एवं विभागाध्यक्ष अपने विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें। सभी महत्वपूर्ण प्रोजक्ट उन्नति पोर्टल में शामिल किये जाएं। परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के लिए विभागीय सचिव पोर्टल की नियमित समीक्षा करेंगे।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अंतर विभागीय परियोजनाओं को उन्नति पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी महत्वपूर्ण प्रकृति के प्रोजक्ट जल्द उन्नति पोर्टल पर आ जाएं। इसके लिए इनबिल्ट मैकेनिज्म बनाएं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने लिए सभी सचिव अपने विभागों की योजनाओं की निरंतर समीक्षा के साथ ही अंतरविभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान दें।
निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने उन्नति पोर्टल के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उन्नति पोर्टल में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव,  आर.सी ऑफिस, जिलाधिकारीयों एवं विभागाध्यक्षों के डेशबोर्ड बनाये गये हैं। अभी तक पोर्टल में 34 विभागों के 120 प्रोजक्ट शामिल किये गये हैं। उन्नति पोर्टल को और प्रभावी बनाने के लिए जो सुझाव प्राप्त होंगे, उनको शामिल कर इसे और बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, एल. फैनई, सचिव  नितेश झा,  आर मीनाक्षी सुदंरम,  शैलेश बगोली, श्रीमती सौजन्या, डॉ. पंकज पाण्डेय,  एच. सी सेमवाल, दीपेन्द्र चौधरी, विनोद कुमार सुमन उपस्थित थे।

अब इन कार्ड धारकों को नहीं मिलेगा फ्री राशन, मुफ्त चावल-गेंहू पर रोक, यह है वजह

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देहरादून। खाद्य विभाग की ‘अपात्र को ना-पात्र का हां’ अभियान के तहत अब तक तीन हजार से ज्यादा लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। ये वो लोग हैं जो सरकार की विभिन्न सस्ता राशन योजनाओं के लिए पात्र नहीं रह गए हैं। मंगलवार को खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने बनबसा से वर्चुअल माध्यम से खाद्य विभाग की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राशन की दुकान के बाहर लाभार्थियों के नाम की लिस्ट भी लगाई जाए। साथ ही वहां सभी योजनाओं के मानक, हेल्पलाइन नंबर-1967 भी लिखना होगा। आर्य ने कहा कि जिस भी ग्राम सभा से अपात्र व्यक्ति का राशन कार्ड सरेंडर होगा, उसी ग्राम सभा के पात्र व्यक्ति का राशन कार्ड बनेगा या जोड़ा जाएगा। जो लोग 15 हजार रुपये मासिक आमदनी से ऊपर आ चुके हैं, वे अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पात्र नहीं हैं। ये लोग 31 मई तक स्वयं अपने कार्ड सरेंडर करा सकते हैं। एक जून से विभागीय स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसमें अपात्र पाए जाने वाले व्यक्ति पर एफआईआर भी की जाएगी और उससे रिकवरी भी की जाएगी।
आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए के लिए अभियान के प्रति राशन कार्ड धारकों को जागरूक करने के लिए नगरपालिका की कूड़ा उठाने की गाड़ियों, घरेलू गैस वितरण के वाहन और पंचायत सचिवों के जरिए जनजागरण भी चलाया जाए। बैठक में खाद्य सचिव एवं आयुक्त सचिन कुर्वे, अपर सचिव व आयुक्त प्रताप शाह, अपर आयुक्त- मुख्यालय पीएस पांगती, दून के डीएसओ जसवंत सिंह कंडारी आदि मौजूद रहे।

एक जून से अपात्र राशन कार्ड धारकों को चिह्नित करने के लिए व्यापाक अभियान चलाया जाएगा। जिन जिन क्षेत्रों में राशन कार्ड निरस्त होंगे, वहां के पात्र परिवारों को जल्द से जल्द रियायती योजनाओं में शामिल किया जाएगा। जो लोग अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र नहीं रह गए हैं, वो लोग राज्य खाद्य सुरक्षा योजना में आने के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन मानक का कड़ाई से पालन करना होगा।

’लीफ बर्ड फाउंडेशन’ की संस्थापक बी. बेला नेगी ने राज्यपाल को भेंट की “उत्तराखंड के पक्षी” पुस्तक

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देहरादून, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) से मंगलवार को राजभवन में ’लीफ बर्ड फाउंडेशन’ की संस्थापक बी. बेला नेगी ने भेंट की। इस दौरान उन्होंने अपनी पुस्तक ’बर्ड ऑफ उत्तराखंड’/‘उत्तराखंड के पक्षी’ राज्यपाल को भेंट की। यह पुस्तक उनके द्वारा हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखी गई है। इस पुस्तक में जैव विविधता से समृद्ध उत्तराखंड के पक्षियों के बारे में उनके द्वारा लिखी गई यह पुस्तक बहुत सारी जानकारी देने वाली है।

इस दौरान राज्यपाल ने कहा की उत्तराखंड में पक्षियों की एक सुनहरी दुनिया बसती है, इस प्रकृति और पर्यावरण के लिए उनके द्वारा किया गया यह एक सराहनीय कार्य है। पक्षियों के एक सुंदर संसार से परिचय कराती उनकी पुस्तक सभी के लिए यहां संदेश देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जंगल, पर्वत, पशु, पक्षी यहां की धरोहर हैं जो उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता के विषय पर लिखना सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रकृति के बारे में जरूर पढ़ना चाहिए जिससे वे प्रकृति से भिज्ञ हो सकें। उन्होंने कहा कि यह किताब उत्तराखंड की जैव विविधता व पक्षी संसार के बारे में अच्छी जानकारी प्रदान करेगी। इस अवसर पर अदिति कौर भी उपस्थित रहीं।

मीठे स्वरों और खूबसूरत लेखनी से सजा “ऐजा हे” गीत, आया आपके बीच…!

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देहरादून, पहाड़ की अलौकिक सुन्दरता और यहां के सांस्कृतिक गीत जहां देश विदेश में अपनी धमक जमाये हुये हैं, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुये एक गीत फिर पहाड़ी फिजाओं में जबरदस्त धमक दे रहा है, प्रसिद्ध गीतकार मदन मोहन डुकलान लिखित इस “ऐजा हे” गीत को स्वर आलोक मलासी और उषा पांडे ने दिया है | गीत की पूरी शूटिंग उत्तराखण्ड़ के विभिन्न स्थानों पर की गयी, वाॕइ सीरीज प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित इस वीडियो गीत में अभिनय अंकिता सिंह और कार्तिक शर्मा ने किया है, प्रेम प्रसंग पर आधारित इस गीत ‘ ऐजा हे’ के रचनाकार मदन मोहन डुकलान गढ़वाली के जाने माने कवि हैं और चिट्ठी पत्री पत्रिका के संम्पादक के रुप में अपनी लेखनी को सार्थकता प्रदान करते हुये कई गढ़वाली फिल्मों और नाटकों में अभिनय कर चुके हैं | उनकी अभिनीत गढ़वाली फिल्म ‘याद आली टिहरी’ दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रही | वहीं फिल्म के गायक आलोक मलासी रंगमंच संगीत के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं और रंगमंच के क्षेत्र में अपना सकारात्मक योगदान देते आ रहे हैं | काफी लम्बे समय के बाद एकबार फिर मीठे स्वरों से सजा ‘ऐजा हे’ गीत पर्वतीय युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा | जिसका वीडियो लोगों के बीच अपनी स्वरबद्धता बनाये हुये है |