Tuesday, April 29, 2025
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उत्तराखंड में कोरोना के 24 घंटे में मिले 22 नए केस

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देहरादून। उत्तराखंड में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 22 नए मरीज मिले हैं। जबकि, 15 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 105 पहुंच गई है। राहत की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में सैंपल पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 1.29% है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 92,669 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 89,041 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 96.08% है। वहीं, इस साल अब तक 275 मरीजों की मौत हुई है।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो 24 घंटे में देहरादून में 8 नए मरीज मिले हैं। जबकि, चमोली में 2, नैनीताल में 6, टिहरी में 3, उधम सिंह नगर में 2 और उत्तरकाशी में 1 नया केस सामने आया है। इसके अलावा बाकी जिलों में कोई नया कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। वहीं, प्रदेश में बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिला कोरोना मुक्त हो गए हैं।
वैक्सीनेशन: प्रदेश में बुधवार को 15,536 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 82,88,002 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 17 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 3,68,737 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है। जबकि 5,07,578 बच्चों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं, 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को 3,25,819 पहली डोज और 1,29,228 बच्चों को दोनों डोज लग चुकी है।

उत्तराखंड की अनुसूचित जाति / जनजाति समुदाय के लिए विभिन्न वैज्ञानिक अनुप्रयोगो के माध्यम से उनकी आजीविका में किया जायेगा सुधार

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देहरादून, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सीड डिवीजन द्वारा प्रायोजित परियोजना ’अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रोधोगिकी परिषद में प्रकोष्ठ की स्थापना’ का संचालन यूकाॅस्ट द्वारा किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दिनांक 18 मई २०२२ को यूकाॅस्ट के सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गढ़वाल मंडल के विभन्न जनपदों के जिला अधिकारियों के द्वारा नामित विभिन्न रेखीय विभागों के अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एन एस नपलच्याल, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा की गई। इस अवसर पर उन्होने कहा उत्तराखंड में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदायों के सामने आने वाले विभिन्न कठिनाइयों पर प्रकाश डाला गया, जिन्हें यूकाॅस्ट द्वारा परियोजना के माध्यम से कवर किया जा सकता है। डॉ. राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक यूकाॅस्ट, द्वारा विशेषज्ञों का स्वागत किया गया। उन्होने इस अवसर पर जानकारी दी कि इस प्रकोष्ठ के माध्यम से उत्तराखंड की अनुसूचित जाति / जनजाति समुदाय के लिए विभिन्न वैज्ञानिक अनुप्रयोगो के माध्यम से उनकी आजीविका में सुधार किया जायेगा। श्री एस एस पांगती, पूर्व आई ए एस द्वारा आॅनलाइन माध्यम से जुडकर अनुसूचित जाती /जनजाती समुदायों के उत्थान के लिए उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी साज्ञा की गयी। डॉ. विनोद भट्ट ने स्वदेषी एंवम पंारपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण और उसके सत्यापन पर ध्यान कंेन्द्रित किया । डॉ. डी पी उनियाल, सयुंक्त निदेशक यूकाॅस्ट द्वारा परियोजना की जानकारी देते हुवे कहा कि उत्तराखंड के सभी १३ जनपदों में अनुसूचित जाती/अनुसूचित जन जाती हेतु प्रकोष्ठ की स्थापना की जानी है, जिसमें जनपद स्तरीय समिति का गठन किया जाना है। डॉ एम् एस रावत, वैज्ञानिक अधिकारी, यूकाॅस्ट ने परियोजना के उद्द्येश्य, गतिविधयों एवं कार्ययोजना की जानकारी प्रतुस्तीकरण के माध्यम से दी, तथा रेखीय विभागों से आये हुवे प्रतिनिधियों से उनके सुझाव मांगे तथा अनुसूचित जाती / जनजाति वर्गों में हो रहे विभिन्न सरकारी कार्यां/योजनाओ की जानकारी साझा की गई।

बड के पेड़ की बड़ी शाखा दो मकानों के ऊपर गिरी, रेस्क्यू यूनिट ने त्वरित की कार्यवाही

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हरिद्वार (कुलभूषण) फायर स्टेशन मायापुर हरिद्वार में दोपहर 1.30 बजे सूचना प्राप्त हुई की तेज हवाओं के कारण नगर निगम कॉलोनी, मायापुर में मकान के ऊपर बड़ का पेड़ गिर गया है, फायर स्टेशन मायापुर की एक रेस्क्यू यूनिट घटनास्थल पास होने के कारण वुड कटरों एवं आवश्यक आपदा उपकरणों के मौके पर पहुंची, देखा कि एक बड़ के पेड़ की बड़ी शाखा दो मकानों के ऊपर गिरा था, रेस्क्यू यूनिट ने त्वरित कार्यवाही करते हुए बड़ के पेड़ की शाखा को छोटे-छोटे टुकड़ों में इस प्रकार काटना शुरू किया ताकि पेड़ की शाखा से मकान को और नुकसान ना पहुंचे,वुड कटर को पेड़ पर ले जाकर बड़ के पेड़ की शाखाओं को इस प्रकार काटा गया जिससे कि पेड़ की टूटी हुई शाखा को काटने में आसानी हुई, इस प्रकार बड़ के पेड़ की टूटी शाखा को दोनों मकानों से काट छांटकर अलग अलग किया गया तथा मकानों के बीच से जाने वाला रास्ता आवागमन हेतु सुचारू किया गया, मकान मालिक एवं मोहल्ले के निवासियों द्वारा फायर सर्विस के त्वरित कार्यवाही की काफी प्रशंसा की गई*
रेस्क्यू यूनिट टीम:-
लीडिंग फायरमैन ध्यान सिंह तोमर
फायर सर्विस चालक यशपाल भंडारी
फायर सर्विस चालक विपिन तोमर
फायर सर्विस चालक सुरेंद्र सिंह
फायर सर्विस चालक संजय कैंतूरा
फायर सर्विस चालक राहुल शर्मा
फायरमैन जयबीर सिंह, बिरेंद्र सिंह

आंचलिक विज्ञान केंद्र ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस

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देहरादून। यूकॉस्ट के विज्ञान धाम स्थित आंचलिक विज्ञान केंद्र ने ‘संग्रहालयों की शक्ति’ थीम पर अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (18 मई) मनाया। इस अवसर पर केंद्र ने ऑनलाइन लोकप्रिय व्याख्यान तथा दिनभर विज्ञान प्रदर्शन गतिविधियों का आयोजन किया। ऑनलाइन कार्यक्रम में, मुख्य अतिथि करेन एम ली, निदेशक, कार्यक्रम एवं भागीदारी, नेशनल पार्क फाउंडेशन, वाशिंगटन डीसी ने “टाइम्स ऑफ टर्मोइल-बिल्डिंग म्यूजियम एंड पार्क इनक्लूसिविटी थ्रू द ह्यूमैनिटीज” विषय पर अपना मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सामाजिक सद्भाव बनाने और समाज को विभिन्न संघर्षों और तनावों से निपटने में मदद करने के लिए संग्रहालयों और सार्वजनिक पार्कों के महत्व पर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि संग्रहालयों में समाज को बदलने, समुदायों का निर्माण करने, स्थिरता लाने, ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नवाचार करने की क्षमता है

। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संग्रहालय विकास को गति प्रदान कर सकते हैं, सामाजिक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों का निर्माण कर सकते हैं, समाज में सांस्कृतिक संवेदनशीलता विकसित करते हैं तथा व्यक्तिगत स्तर पर प्रेरणा, रुचि और जिज्ञासा बढ़ने के साथ आजीविका के विकल्पों में मदद करते हैं। उन्होंने हालिया महामारी, जलवायु परिवर्तन एवं अन्य खतरों के प्रभाव से निपटने और कम करने पर भी जोर दिया। इससे पहले, महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद राज्य में विज्ञान संग्रहालयों के विकास के साथ-साथ एक महत्वाकांक्षी संसाधन विज्ञान शहर की दिशा में लगातार काम कर रही है।

श्री जीएस रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी देहरादून परियोजना ने कार्यक्रम का समन्वय किया। अपने संक्षिप्त नोट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वभर के संग्रहालयों के बीच अनुभव साझा करना उनके विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संग्रहालय सांस्कृतिक अखंडता और ज्ञान प्रसार के केंद्र हैं, जिन्हें गतिशील संस्थान बनाने की आवश्यकता है। आउटरीच कार्यक्रम तथा प्रौद्योगिकी के उचित प्रयोग से आगंतुकों के साथ जुड़ाव, भागीदारी, अंतःक्रियात्मकता, अनुभवात्मक बढ़ने पर संग्रहालयों को काम करने कि जरुरत है। डॉ कैलाश एन भारद्वाज, प्रभारी, आंचलिक विज्ञान केंद्र ने विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आमजन से सपरिवार विज्ञान केंद्र का भ्रमण करने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम में 60 से अधिक प्रतिभागियों उपस्थित रहे।

हत्या के तीन माह बाद भी खुलासा न करने पर कोतवाली में प्रदर्शन कर उपवास किया

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मसूरी। जार्ज एवरेस्ट मंे चाय की दुकान चलाने वाले जखनोऊ निवासी सुनील की तीन माह पूर्व हत्या का खुलासा न होने पर जौनसार क्षेत्र ग्रामीणों ने भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर के नेतृत्व में बाबा भीमराव अंबेडकर चौक से मालरोड होते हुए कोतवाली तक प्रदर्शन किया व कोतवाली का घेराव किया। वहीं चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के अंदर हत्या का खुलासा नहीं किया गया तो देहरादून में पुलिस महानिदेशक मुख्यालय में एक दिवसीय उपवास रखा जायेगा व उसके बाद भी न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री आवास पर अनिश्चित धरना किया जायेगा।
कोतवाली में प्रदर्शन के बाद एक दिवसीय उपवास कोतवाली प्रांगण में शुरू कर दिया। इस मौके पर भात संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन माह पूर्व हुई सुनील की हत्या का खुलासा न होने पर मजबूरी में कोतवाली में प्रदर्शन व उपवास करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में चार बार गला रेतने के प्रमाण मिलने के बाद भी मित्र पुलिस इधर उधर की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने कोतवाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर पुलिस शीघ्र हत्या का खुलासा नहीं करती तो पुलिस मुख्यालय में एक दिवसीय उपवास किया जायेगा व उसके बाद भी खुलासा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री आवास पर पीड़ित परिवार व क्षेत्र के लोगों के साथ अनिश्चित कालीन धरना दिया जायेगा। उन्होने कहा कि तीन माह का समय लंबा होता है व पीड़ित परिवार लगातार पुलिस के चक्कर काट रहा है। लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला व आरोपियों को सलाखों के पीछे नहीं किया गया यह दुर्भाग्य है। जबकि सुनील के माता पिता ने पुलिस को जिन लोगों पर शक है उनके नाम भी दिए हैं लेकिन पुलिस उस दिशा में कार्य नहीं कर रही बल्कि परिवार को फंसाने का कार्य कर रही है जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के पीछे बड़ी साजिश है तथा राजनैतिक दबाव है जिस कारण पुलिस खुलासा नहीं कर पा रही है। वहीं सुनील की माता मुन्नी देवी का कहना है कि हमें न्याय चाहिए। लेकिन पुलिस उनके बच्चों को फंसाकर परिवार को समाप्त करना चाह रही है। पुलिस को सब बता दिया गया है कि उन्हें किन पर शक है लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही। वहीं सुनील के पिता संतराम का कहना है कि पुलिस ने तीन माह बाद भी न्याय नहीं दिया जिससे आक्रोश है जबकि उनको सब कुछ बता दिया गया है। इस संबंध में कोतवाल गिरीश चंद्र शर्मा ने कहा कि तीन माह पूर्व सुनील की हत्या का मामला पंजीकृत किया गया था व उनके द्वारा विवेचना की जा रही है। इसी संबंध में पीड़ित पक्ष के लोग अन्य ग्रामीणों के साथ कोतवाली आये व उन्होंने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम हत्या के खुलासे के लिए दिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को जो साक्ष्य मिले हैं उनका वैज्ञानिक परीक्षण विधि विज्ञान प्रयोग शाला में किया जा रहा है अगर उसके बाद भी मामले का खुलासा नहीं हो पाता तो जिन दो लोगों पर शंका व्यक्त की जा रही है उनका लाइव डिडेक्टिव परीक्षण किया जायेगा। लेकिन जहां तक जांच का सवाल है तो अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिसके आधार पर किसी व्यक्ति को इस अभियोग में जेल भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि परिजनों ने जिन पर शंका व्यक्त की है उनके साथ ही करीब 150 लोगों का परीक्षण किया जा चुका है लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य या कारण अभी तक नहीं मिला जिसके आधार पर उनके खिलाफ हत्या का मामला बन सके। पुलिस लगातार विवेचना कर रही है तथा यह अंतिम चरण में है तथा शीघ्र की इसका खुलासा किया जायेगा। इस मौके पर उपवास के दौरान पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, मेघ सिंह कंडारी, जबर सिंह वर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे व परिवार को न्याय दिलाने की मांग करने के साथ ही उनको पूरा सहयोग देने की बात कही। इस मौके पर सचिन, छात्र संघ अध्यक्ष प्रिंस, कृष्णा गोदियाल, बिल्लू बाल्मीकि, सभासद नंद लाल सोनकर, पूर्व छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद, पूर्व सभासद कुलदीप रावत, चांद खान सहित बड़ी संख्या में जौनसार व जौनपुर के ग्रामीण मौजूद रहे।

23 मई को ओक ग्रोव स्कूल में लगेगा रक्तदान शिविर

मसूरी। ओक ग्रोव स्कूल में विद्यालय की ओर रक्तदान शिविर का आयोजन 23 मई को किया जा रहा है। जिसमें विद्यालय की ओर से आहवान किया गया है कि रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में प्रतिभाग करें। ओकग्रोव स्कूल परिसर में 23 मई को आयोजित किए जाने वाले रक्तदान शिविर में विद्यालय के समस्त कर्मचारियों सहित झड़ीपानी की आम जनता को रक्तदान के लिए आमंत्रित किया गया है। ताकि लोग बड़ी संख्या में आकर रक्तदान कर किसी की जान बचाने के लिए रक्त का दान कर सकें। शिविर में रक्तदान के साथ ही हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी, मलेरिया, एचआईवी 1 व एचआईवी 1, सेफिल्स, एबीओ व हयूमोग्लोविन का परीक्षण भी किया जायेगा।

सीजन शुरू होते ही फुटपाथ पर कश्मीरी बेच रहे सामान, दुकानदार परेशान

मसूरी। कोरोना काल के दौरान पहाड़ों की रानी ने बड़ी आर्थिक तंगी झेली है तथा व्यवसायियों को बड़ा नुकसान हुआ है। लेकिन अब कोरोना काल के बाद पहला सीजन शुरू होते ही बाहर के व्यक्तियों द्वारा फुटपाथ पर कश्मीर से आये लोगों ने पटरी पर सूट, शाल व पर्स बेचना शुरू कर दिया है। जिससे दुकानदारों को बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा है। करोना काल के बाद सीजन की शुरूआत होते ही दुकानों के सामने ही बाहर के व्यक्ति आने से दुकानदारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है जबकि ये व्यवसायी सरकार को टैक्स देने के साथ ही बिजली पानी, किराया सहित लाइसेंस आदि का शुल्क अदा करते है ऐसे में कश्मीरी बिना किसी देनदारी के पटरी लगा कर सामान बेचने लगते हैं जिससे दुकानदारों को परेशानी हो रही है। माल रोड लाइब्रेरी के दुकानदार राजेश गोयल ने बताया कि कोरोना में दुकानदारों से बहुत नुकसान सहा है और अब जब सीजन चलना शुरू हुआ है तो बाहरी व्यापारी पटरी पर सामान बेचने के लिए आ गये जिससे दुकानदारों में भारी आक्रोश है। आश्चर्य की बात है कि बाहर से आने वाले फुटपाथ पर स्थायी दुकानों के सामने ही अपना माल बेच कर चले जाते हैं। व दुकानदार सुबह से शाम तक अपने हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं। लेकिन प्रशासन कुछ करने को तैयार नही है। साथ ही मसूरी व्यापार मंडल भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है सभी मौन साधे है। इस संबंध में व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल कहा कि उनके द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष व प्रसाशन को इस संबंध में लिखित पत्र दिया गया है। वहीं कहा कि जब विगत दिनों एसएसपी की बैठक थी तो उसमें भी यह मामला आया था जिसमें एसएसपी ने कोतवाल को सख्त निर्देश दिए थे कि पटरी पर बाहरी व्यक्ति कोई सामान न बेचे अगर बेचता है तो उसे तत्काल यहां से वापस किया जाय लेकिन पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। न ही प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका पूरा दायित्व नगर पालिका का है उन्हें इनको हटाना चाहिए।

सीएम के एक्शन से मची खलबली: सुबह-सुबह आरटीओ कार्यालय निरीक्षण पर पहुंचे सीएम धामी, RTO दिनेश पठोई को किया सस्पेंड

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देहरादून। देहरादून आरटीओ दफ्तर में बुधवार सुबह सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छापा मारा। यहां कई अफसर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले। खुद आरटीओ दिनेश पठोई के गैरहाजिर मिलने पर सीएम ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वहीं गैर हाजिर कर्मचारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए। सीएम ने मामले में मुख्य सचिव को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित आर टी ओ कार्यालय पर छापा मारा। औचक  निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया की आरटीओ कार्यालय में आम जनता अपने वाहनों से संबंधित कार्यों के लिए सुबह 9 बजे से मौजूद थी, लेकिन कार्यालय में कुछ कर्मचारियों को छोड़कर आरटीओ के मुख्य अधिकारी दिनेश चंद्र पिठोई और काफी कर्मचारी सुबह के 10:30 होने के बावजूद मौजूद नहीं थे ।
कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारी की लापरवाही देखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को निलंबित करने के निर्देश दिये हैं। परिवहन सचिव अरविंद सिंह हयांकी को निर्देश देते हुए कहा की जितने भी कर्मचारी समय होने के बावजूद उपस्थित नही है उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।Breaking news:-सीएम धामी का एक्शन ,आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को निलंबित किया  | INKPOINT

अब आप यूपीआई ऐप के जरिये एटीएम से निकाल सकते हैं कैश, जानिए क्या है तरीका

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अभी तक एटीएम (ATM) से कैश निकालने के लिए आप डेबिट कार्ड या ओटीपी बेस्ड ऑप्शन (लेटेस्ट फीचर) का इस्तेमाल करते होंगे.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब फोनपे (PhonePe), पेटीएम (Paytm) और गूगल पे (GooglePay)जैसे यूपीआई ऐप (UPI) की मदद से भी आप एटीएम से कैश निकाल सकते हैं. कुछ समय पहले इस फीचर की घोषणा की गई थी. इसे लेकर अब एनसीआर कॉरपोरेशन सभी एटीएम को अपग्रेड भी कर रहा है. मशीन अपग्रेड होने के बाद यूपीआई ऐप के जरिए Interoperable Cardless Cash Withdrawal (ICCW) कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस फीचर को आप कैसे यूज कर सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

इस फीचर को यूज करने से पहले आपके लिए कुछ बातें समझनी जरूरी हैं. यह फीचर क्योंकि बिना डेबिट और क्रेडिट कार्ड के कैश निकालने की सुविधा देता है, ऐसे में एटीएम मशीन में भी यह फीचर इनेबल्ड होना चाहिए. आपका नंबर बैंक में रजिस्टर्ड होना चाहिए और आपके फोन में कोई न कोई यूपीआई ऐप होना चाहिए.

ये है तरीका

अब हम आपको बताने जा रहे हैं वो प्रोसेस, जिसकी मदद से आफ बिना डेटिब कार्ड सिर्फ यूपीआई ऐप की मदद से पैसे निकाल सकेंगे.

सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में गूगलपे, फोनपे, पेटीएम, वॉट्सएप पे और अमेजन पे में से कोई एक यूपीआई ऐप डाउनलोड कर लें.
इस फीचर का इस्तेमाल करते वक्त फोन में इंटरनेट चालू होना चाहिए.
अब आपको एटीएम मशीन पर जाकर विड्रॉ कैश पर क्लिक करना होगा. अब आपके सामने यूपीआई का विकल्प आएगा. इस पर क्लिक करते ही एटीएम स्क्रीन पर क्यूआर कोड दिखाई देगा.
अब अपने फोन में कोई भी एक यूपीआई ऐप ओपन करके क्यूआर कोड स्कैन कर लें.
इसके बाद एटीएम मशीन में वह अमाउंट टाइप करें जो निकालना चाहते हैं.
यहां इस बात का ध्यान रखें कि इस फीचर के तहत अभी 5 हजार से ज्यादा रुपये नहीं निकाल सकते. अमाउंट डालने के बाद प्रोसेस्ड पर क्लिक करें.
अब आपसे पिन पूछा जाएगा, यहां अपना यूपीआई पिन डाल दें.
इसके बाद एटीएम से कैश निकल जाएगा.

FASTag को रिचार्ज करते समय इन बातों का ध्यान, वरना बैंक खाता हो सकता है खाली!

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Fastag Online Recharge Rules: टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइन से बचने के लिए सरकार ने कुछ साल पहले इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम यानी फास्ट टैग (FASTag) को लागू किया था।

इसी का पालन करते हुए लोग सफर के दौरान पड़ रहे प्लाजा में आसानी से टोल दे सकते हैं। FASTag की खासियत है कि इसे यूजर्स आसानी से अपने स्मार्टफोन के जरिए रिचार्ज कर सकते हैं। हालांकि, इस दौरान की गई कुछ गलतियों से आपको भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि फास्ट टैग को रिचार्ज करते समय किन-किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

फास्ट टैग को अगर आप पेटीएम (Pay TM), गूगल पे (Google Pay), फोन पे (Phone Pay) या अन्य तरह के पेमेंट ऐप से रिचार्ज करते हैं तो गाड़ी के नंबर पर खास ध्यान रखें। दरअसल, ऑनलाइन फास्ट टैग रिचार्ज के लिए यूजर को गाड़ी का नंबर दर्ज करना होता है। अगर इस दौरान गलती से आप गलत गाड़ी का नंबर एंटर कर देंगे तो आपका नुकसान हो सकता है। गलती से गाड़ी का गलत नंबर दर्ज करने पर आपके खाते से पैसे कट हो जाएंगे और फिर रिचार्ज भी नहीं हो पाएगा।

बैंक खाता जरूर करें लिंक

फास्ट टैग को रिचार्ज करने से पहले ये जरूर ध्यान रखें कि आपका फास्ट टैग बैंक खाते से लिंक होना चाहिए। ऐसे में आपको बार-बार अपने खाते की जानकारी दर्ज नहीं करनी होगी। इसलिए रिचार्ज से पहले जरूर किसी बैंक खाते को दर्ज कर लें। ऐसे में आपको रिचार्ज करने की भी जरूरत नहीं होगी और जब टोल प्लाजा से जाएंगे तो खुद फास्ट टैग से टोल कट जाएगा।

कार बेचने से पहले फास्ट टैग करें डीएक्टिवेट

फास्ट टैग को कार नंबर से लिंक किया जाता है। ऐसे में अगर आप अपनी कार को सेल करते हैं तो पहले उसका फास्ट टैग डीएक्टिवेट कर लें। वरना टोल प्लाजा से गुजरने पर आपके फास्ट टैग से पैसे कट हो जाएंगे जो बैंक खाते से लिंक होगा।

एक्सट्रा पैसे कट होने पर करें हेल्पलाइन से संपर्क

अगर टोल प्लाजा से गुजरते समय आपके खाते से ज्यादा पैसे कट हो रहे हैं तो ऐसे में आपको हेल्पलाइन नंबर से संपंर्क करना चाहिए। एक्स्ट्रा पैसे कट होने पर NHAI के हेल्पलाइन नंबर 1033 पर संपर्क कर सकते हैं। इससे आपकी फास्ट टैग से जुड़ी समस्या दूर हो सकती है।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, पक्ष में पड़े केवल 68 वोट

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कोलंबो , । श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष की ओर से पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में असफल हो गया। विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस के सांसद एम ए सुमंथिरन की ओर से राष्ट्रपति राजपक्षे को लेकर नाराजगी जताने वाले मसौदे पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था। श्रीलंका के इकोनॉमी नेक्स्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसद एम ए सुमंथिरन द्वारा राष्ट्रपति राजपक्षे को लेकर नाराजगी जताने वाले मसौदे पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था। रिपोर्ट में बताया गया कि 119 सांसदों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
केवल 68 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जिससे यह अविश्वास प्रस्ताव असफल हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव के साथ विपक्ष ने यह दिखाने की कोशिश की कि राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की देशव्यापी मांग देश की विधायिका में कैसे परिलक्षित होती है।
मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के सांसद लक्ष्मण किरीला ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। एसजेबी सांसद हर्षा डी सिल्वा के अनुसार, प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वालों में श्रीलंका के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल थे। मानवाधिकार वकील भवानी फोन्सेका ने वोट के बाद ट्वीट किया कि प्रस्ताव के विफलता ने राष्ट्रपति राजपक्षे की रक्षा करने वाले सांसदों को बेनकाब कर दिया।
नए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति के बाद मंगलवार को पहली बार संसद की बैठक हुई, क्योंकि देश अपने अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच बड़े संवैधानिक सुधार करने के लिए तैयार है।सुमनथिरन जिन्होंने प्रस्ताव पेश किया, बहस को जारी रखने के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करना चाहते थे।

सार्थक पहल : शिक्षा विभाग का हर अफसर गोद लेगा सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल भी संवारेंगे सरकारी स्कूल

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हल्द्वानी, सरकारी स्कूल और उनमें शिक्षा की दशा सुधारने के लिए प्रयास जारी हैं। अब विभाग के प्रत्येक अफसर को एक-एक सरकारी स्कूल गोद लेना होगा। इन स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए संबंधित अफसर मॉनिटरिंग करेगा, साथ ही स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर गैप को भी पाटने में मदद करेगा। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित कर चुके हैं। लिहाजा नैनीताल जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने डीईओ, बीईओ और डिप्टी बीईओ को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

बीते दिनों विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कुमाऊं दौरे में हल्‍द्वानी सर्किट हाउस में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों और प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों की बैठक ली थी।

इसमें सरकारी स्कूलों में बदलाव लाने को लेकर अफसरों, स्कूल प्रबंधकों ने कई राय-सुझाव मंत्री को दिए। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में मंत्री डॉ. धन सिंह ने कहा था कि प्रत्येक प्राइवेट स्कूल अपने पास के एक सरकारी स्कूल और एक गांव को गोद लेगा। गांव में प्रौढ़ शिक्षा तो सरकारी स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में काम करने को कहा। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मंत्री ने निर्देशित किया था कि ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक के प्रत्येक अधिकारी एक-एक सरकारी स्कूल को गोद लेकर उसमें सुधारात्मक प्रयास करें। इसी क्रम में अब नैनीताल जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने सभी अधिकारियों से एक-एक स्कूल का चुनाव कर सूची उपलब्ध कराने को कहा है।
अपने गोद लिए स्कूल में अफसरों को महीने या हफ्ते में एक दिन कक्षा भी पढ़ानी होगी। इसके जरिए वे बच्चों को मिल रही शिक्षा की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। यदि कोई बदलाव की जरूरत होगी तो इस संबंध में शिक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश भी देंगे! उत्तराखंड में वर्तमान में 19,042 सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं, इनमें 12806 प्राथमिक, 3905 जूनियर हाईस्कूल और 2331 माध्यमिक स्कूल हैं। नैनीताल जिले में 197 माध्यमिक, 347 जूनियर हाईस्कूल और 1011 प्राथमिक स्कूल हैं। प्रदेश में शिक्षा विभाग में वर्तमान में करीब 229 अधिकारी हैं। इनमें मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक और माध्यमिक, खंड शिक्षा अधिकारी व उप शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।