Thursday, June 19, 2025
Home Blog Page 961

किसानों और फील्ड कर्मचारियों की राय से बनेगा कृषि और उद्यान का वीजन डाक्युमेंट : कृषि मंत्री गणेश जोशी

0

‘कहा अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी के बजाए फिल्ड में दिखाएं काम, 5 साल में दोगुना करना है औद्यानिकी उत्पादन।’

देहरादून, बजट की ही तर्ज पर अब कृषि और उद्यान विभाग की आगामी 5 साल की कार्यवाहियों तथा लक्ष्यों के निर्धारण के लिए सूबे के कृषि मंत्री स्वयं राज्य के किसानों तथा फील्ड पर काम कर रहे अधिकारियों/कर्मचारियों से ले रहे हैं। इसी क्रम में आज कृषि मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान निदेशालय से राज्य के सभी 13 जनपदों में फिल्ड पर किसानों से सीधा सम्पर्क रखने वाले मुख्य उद्यान अधिकारियों(सीएचओ), जिला उद्यान अधिकारियों(डीएचओ) तथा जिला कृषि अधिकारियों(सीएओ) से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। कृषि मंत्री कृषि तथा उद्यान विभाग के लिए आगामी 5 सालों का रोडमैप तैयार करने के लिए वीजन डाक्युमेंट तैयार करवा रहे हैं। अगली कड़ी में कृषि मंत्री राज्य के समस्त 95 ब्लॉक से एक कृषि तथा एक उद्यान गतिविधियों में लगे किसानों सीधा संवाद कर वीजन डाक्यूमेंट हेतु उनके सुझाव लेंगे।
‘‘अभी विभाग संभाले 100 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं। फिर भी मैं काफी कुछ समझने लगा हूं। इस दौरान मेरा पहला फोकस विभागों के कार्यशैली को बदलने का रहा है। मैं प्रयास कर रहा हूं कि पलायन रोकने में बेहद कारगर साबित हो सकने वाले कृषि तथा उद्यान जैसे महत्वपूर्ण महकमों की आगामी कार्ययोजना राजधानी देहरादून में बैठे अधिकारियों के बजाए फिल्ड पर किसानों से सीधे तौर पर जुड़ने वाले अधिकारियों तथा स्वयं किसानों की राय से तैयार की जाए। इसलिए मैं स्वयं फिल्ड अधिकारियों तथा किसानों से बात कर उनकी राय / सुझाव एकत्र कर रहा हूं। विजन डाक्युमेंट को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर जारी करेंगे। ’’ यह कहना है सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी का।

कुछ यूं की कृषि मंत्री ने फील्ड अधिकारियों से बात

राज्य के सभी सीएचओ, डीएचओ तथा सीएओ से वर्चुअल माध्यम से सीधा सवाल करते हुए कृषि मंत्री ने पहला सवाल ही यह पूछा कि ध्यान है कि पिछली बैठक कब हुई थी और उसमें क्या टारगेट आपको दिए गए थे?
फिर खुद ही बताने लगे कि पिछली बैठक तकरीबन ढ़ाई महीने पहले 8 अप्रैल को हुई थी। जिसमें आपको ग्राम स्तर पर माईक्रो लेवल प्लानिंग करने और लाभार्थी किसानों का पूरा पता मोबाईल नम्बर सहित उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया था।
मंत्री द्वारा इतनी पिन-प्वाइंटेड सूचना मांगे जाने की उम्मीद शायद अधिकारियों को नहीं थीं। सकपकाए से अधिकारियों को सख्ती से हिदायत देते और कभी परिवार के गार्जियन की तरह समझाते मंत्री के सख्त और सधे हुए रूख ने फिल्ड अधिकारियों को सीधा संदेश दिया।
इसके बाद जनपद को आवंटित बजट को खर्च करने की स्थिति, ड्रिप सिंचाई, पॉलिहाउस, यंत्रीकरण, बीज तथा अन्य प्रकार के इनपुट जो कृषि तथा बागवानी के लिए दिए जाते हैं की सप्लाई करने वाली कम्पनियों, सामान की गुणवत्ता पर भी सीधी जानकारी ली।
यह भी पूछा कि आपके क्षेत्र में किन-किन फसलों में कितना – कितना क्षेत्रफल बढ़ाया गया है? किसानों को प्रशिक्षण के लिए कितने कैम्प लगाए गए? कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए?
निर्देशित किया कि सभी जानकारियों को लिखित में एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करवाएं। साथ ही यह भी पूछा कि फिल्ड स्तर के अनुभव के आधार पर बताएं कि विजन डाक्युमेंट में क्या कुछ लिया जाना चाहिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि हम औद्यानिकी और कृषि को राज्य से पलायन रोकने के सबसे कारगर टूल के तौर पर प्रयोग करना चाहते हैं। आगामी 5 सालों मेंं फसल उत्पादन को कम से कम दोगुना करने के प्राथमिक लक्ष्य के साथ हम चल रहे हैं। साथ ही यह भी प्रयास है कि हमारे अधिकारी और विशेषज्ञगण किसानों को उनके खेतों में जा कर सहयोग करें ना कि किसानों को अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटने पड़े। आंकड़ों में दिखने वाली सुन्दर तस्वीर के बजाए मैं स्वयं विभगीय सचिव और अन्य अधिकारियों संग ग्राउण्ड में जा कर देखुंगा।
इस दौरान कृषि सचिव शैलेश बगौली, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक उद्यान एचएस बावेजा तथा कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारीगणों के साथ ही चमोली के सीएचओ, तेजपाल, उत्तरकाशी के सीएचओ रजनीश, रुद्रप्रयाग के डीएचओ, योगेन्द्र सिंह, पौड़ी के डीएचओ बीके तिवारी, टिहरी की सीएओ अभिलाषा, देहरादून की डीएचओ मीनाक्षी जोशी, हरिद्वार के नरेन्द्र कुमार, बागेश्वर से रामकिशोर सिंह, चम्पावत से टीएन पाण्डे, पिथौरागढ़ से रितू टम्टा, रूद्रप्रयाग से दीपक पुरोहित तथा उधमसिंह नगर से आरपी भट्ट तथा अन्य जनपदों के अधिकारी वर्चुअली जुड़े।

ज्ञापन देते वक्त जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी प्रशासन नहीं मिले मौजूद, तो बिफरे राज्य आंदोलनकारी, अनदेखी का लगाया आरोप

0

देहरादून, पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी सयुंक्त मंच द्वारा शहीद स्मारक देहरादून में विगत 23 दिनों से चलाया जा रहा धरना 18वें दिवस क्रमिक अनशन के साथ जारी रहा। आज पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार राज्य आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया प्रदर्शन के दौरान जिला प्रशासन में ना ही जिलाधिकारी मौजूद थे और ना ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन मौजूद रहे | इस पर राज्य आंदोलनकारी बिफर पड़े और जोर से नारे लगाने लगे राज्य आंदोलनकारियों की अनदेखी बंद करो , मुख्यमंत्री वादा निभाओ राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा करना बंद करो, जैसे नारे लगाने रहे | इस पर मजिस्ट्रेट मायाराम जोशी ज्ञापन लेने पहुंचे और अधिकारियों को राजभवन मीटिंग में व्यस्त बताया तो राज्य आंदोलनकारियो ने ज्ञापन देने से मना कर दिया और वही जमे रहे , स्टाफ से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सूचना देने के बावजूद मौके पर कोई अधिकारी मौजूद नही है। जिलाधिकारी ने तुरंत अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन व वार्ता हेतु भेजा। जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर जिलाधिकारी ने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि वे शीघ्र मुख्यमंत्री से वार्ता हेतु समय लेकर आंदोलनकारियों को अवगत कराएंगे। आज के घेराव में मुख्यत जगमोहन सिंह नेगी , विक्रम भण्डारी, प्रदीप कुकरेती , क्रांति कुकरेती पूरण सिंह लिंगवाल , अंबुज शर्मा , सुरेश नेगी , विरेन्द्र पोखरियाल , कुलदीप कुमार , सुरेश कुमार , उर्मिला शर्मा, द्वारिका बिष्ट सरोजिनी थपलियाल, शारदा बहुगुणा, राधा तिवारी , लीला राणा, सावित्री नेगी , इंदु बिष्ट, रेणु नेगी, बीना बहुगुणा, शेर सिंह रावत, राजेन्द्र कोठारी, विक्रम भंडारी, उर्मिला डबराल, मंजू भट्ट, विरोजिनी भट्ट, युद्धवीर चौहान, बिल्लू वाल्मीकि, सुरेश नेगी, राजेश शर्मा, लोक बहादुर थापा, नवनीत गुसाईं, विक्रम नेगी प्रेम सिंह नेगी , अमित जैन , राजेश पांथरी, पुष्कर बहुगुणा , विजय बलूनी , लोक बहादुर थापा सुशील विरमानी , बलबीर सिंह नेगी , प्रभात डंडरियाल , हरिप्रकाश शर्मा , राजेंद्र कोठारी , शेर सिंह रावत , आदि शामिल थे। आज के क्रमिक अनशन में खटीमा से आए धर्मेन्द्र बिष्ट व उत्तरकाशी से शैलेन्द्र राणा बैठे।

 

समर कैम्प का किया वर्चुअल उद्घाटन, हफ्तेभर चलेगा यह आयोजन

देहरादून, राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड बंशीधर तिवारी के निर्देशन में समग्र शिक्षा द्वारा दिनांक 23 से 29 जून 2022 तक वर्चुअल समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। ये वर्चुअल समर कैम्प का दिनांक गुरुवार को मुख्य अतिथि के रूप में पदमश्री प्रीतम भरतवाण द्वारा वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से ऑनलाईन उदघाटन किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध भारतनाट्यम नृत्यांगना सोनल वर्मा, डायरेक्टर हिल फाउण्डेशन ग्रुप ऑफ एजुकेशन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रही।

कार्यक्रम के वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन के अवसर पर अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ० मुकुल कुमार सती द्वारा जानकारी दी गयी कि यह कार्यक्रम अवकाश अवधि में छात्र-छात्राओं को शिक्षणेत्तर गतिविधियों से जोड़ने के साथ ही उनके कौशल विकास हेतु आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अन्तर्गत जागर लोकगीत, लोकनृत्य, कठपुतली. योगा, पेन्टिंग, हस्तलेखन सुधार, आर्ट एवं क्राफ्ट, परामर्श सत्र, नृत्य, स्टेम (कबाड़ से जुगाड़) हास्य प्रस्तुतीकरण आदि से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है, जिसकी समय-सारिणी विद्यालयों को उपलब्ध करा दी गयी है। समुदाय में विद्यालय के प्रति अपनत्व की भावना विकसित हो सके इसके लिये कार्यक्रम में अभिभावकों एवं समुदाय के सदस्यों को भी आमन्त्रित किया गया है। सात दिवसीय इस कार्यक्रम में 500 विद्यालयों के हजारों बच्चों के साथ-साथ उनके आसपास के विद्यालयों के बच्चे जो कि स्वैच्छिक रूप से प्रतिभाग करना चाहते हैं भी लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम में सोनल वर्मा ने बच्चों को भरतनाट्यम की विभिन्न मुद्राओं को सिखाया गया साथ ही नृत्य का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। कार्यक्रम के अन्त में मनीषा रावत, रा०प्रा०वि० जाखन द्वारा कठपुतली से सम्बन्धित विभिन्न चरणों की जानकारी दी गयी तथा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण जी द्वारा छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए संदेश दिया गया कि भाषा एवं बोली को अन्य भाषाओं की भांति महत्व दिया जाना चाहिये। इसके लिये बच्चों में कुछ प्राप्त करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिये। उनके द्वारा बच्चों तथा शिक्षकों आग्रह पर जागर गीत के साथ ही कुमाउनी एवं गढ़वाली लोक गीत की प्रस्तुति भी दी गयी। पद्मश्री भरतवाण के द्वारा देश विदेश में भी अनेक प्रस्तुतियां दी जाती रही हैं। कार्यक्रम का संचालन भगवती प्रसाद मैदोली, प्रशासनिक अधिकारी सह स्टॉफ ऑफिसर द्वारा किया गया।

उक्त कार्यक्रम के दौरान आकाश सारस्वत, उप राज्य परियोजना निदेशक, मंदन मोहन जोशी, उप राज्य परियोजना निदेशक, पल्लवी नैन, उप राज्य परियोजना निदेशक, ज्योति नेगी, समन्वयक कुमार गौरव, समन्वयक संदीप उनियाल, समन्वयक आदि उपस्थित रहे।

खास खबर : अग्निपथ योजना में शुरू हुई भर्ती, यह हैं थलसेना, वायुसेना और नौसेना में आवेदन करनेमकी तारीखें

0

नई दिल्ली, केन्द्र सरकार की अग्निवीर योजना में भर्ती प्र्क्रिया शुरू होने वाली है, सेनाके प्रवक्ता ने बताया कि अग्निवीरों के लिए शैक्षिक योग्यता पहले की तरह है लेकिन कोशिश ये होगी कि कुछ की भर्ती सीधे आईटीआई (ITI) जैसे संस्थानों से की जाए ताकि टेक-सेवी अग्निवीर तैयार किए जा सकें |

अग्निपथ योजना को तैयार करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा है कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना में अग्निवीरों की भर्ती शुरू हो गई है. यह भर्ती ठीक उसी तरीके से होगी जैसे कि रेगुलर सैनिकों के लिए अभी तक होती आई है. मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने सेना के तीनों अंगों के मानव-संसाधन प्रमुखों के साथ राजधानी में प्रेस कांफ्रेंस कर भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी साझा की थी |

इस दौरान थल सेना के एडजुटेंट जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल बी सी पोन्नपा ने बताया कि अग्नि वीरों की भर्ती ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर होंगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी सेना में 75 प्रतिशत भर्तियां ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर होती आई हैं. लेकिन सेना की कुछ इन्फेंट्री रेजीमेंट हैं जहां अब कैचमेंट एरिया के बाहर से भी भर्तियां की जाएंगी. सेना ने बताया कि अग्निवीरों के लिए शैक्षिक योग्यता भी पहले की तरह है लेकिन अब कोशिश ये होगी कि कुछ अग्निवीरों की भर्ती सीधे आईटीआई (आईआईटी नहीं) जैसे तकनीकी संस्थानों से की जाए ताकि टेक-सेवी अग्निवीर तैयार किए जा सकें |

 

थलेसना की रिक्रूटमेंट टाइम लाइन:

 

1 जुलाई-सेना के अलग-अलग रिक्रूटमेंट ऑफिस भर्तियों के लिए रिक्रूटमेंट रैली की तारीख जारी करेंगे. इसी दिन से अग्निवीर बनने के लिए अभ्यर्थियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा |

अगस्त के दूसरे हफ्ते से-देशभर में रिक्रूटमेंट रैलियां शुरू हो जाएंगी.

16 अक्टूबर और 13 नवंबर- अग्निवीरों के पहले बैच के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम यानी लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.

दिसंबर 2022- अग्निवीरों का पहला बैच ट्रेनिंग के लिए ट्रेनिंग सेंटर में रिपोर्ट करेगा.

23 जनवरी 2023- अग्निवीरों के दूसरे बैच का कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम यानी लिखित परीक्षा होगी.

23 फरवरी 2023-दूसरा बैच ट्रेनिंग सेंटर में रिपोर्ट करेगा |

23 जुलाई 2023-अग्निवीरों का पहला बैच अपनी यूनिट में रिपोर्ट करेगा |

वायुसेना की इंडक्शन टाइम लाइन :

24 जून-5 जुलाई को वायु अग्नि वीरों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा |

24-31 जुलाई ऑनलाइन स्टार एग्जाम (250 सेंटर पर)

10 अगस्त— दूसरे चरण के लिए कॉल लेटर

दूसरा चरण (अग्निवीर-वायु सिलेक्शन सेंटर में)

 

21 अगस्त-28 अगस्त-फेज टू

29 अगस्त-8 नवंबर- मेडिकल

रिजल्ट और एनरोलमेंट

 

1 दिसंबर 2022-प्रोविजनल सेलेक्ट लिस्ट

11 दिसंबर 2022–इनरोलमेंट लिस्ट और कॉल लैटर

22-29 दिसंबर 2022-एनरोलमेंट पीरियड

30 दिसंबर 2022-कोर्स शुरु

नौसेना का रिक्रूटमेंट

 

25 जून -रिक्रूटमेंट कैलेंडर

1 जुलाई – ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन

9 जुलाई – डिटेल नोटिफिकेशन

15-30 जुलाई -2022 बैच के लिए एप्लीकेशन विंडो

मिड-अक्टूबर -एग्जाम और फिजिकल फिटनेस टेस्ट

21 नवंबर 2022 – मेडिकल और आईएनएस चिल्का बेस पर ट्रेनिंग के लिए ज्वाइनिंग

लाइन में न आने से खपा हुये डाक्टर, कक्ष छोड़ निकल गये बाहर, हुई शिकायत तो एक घंटे बाद लौटे आए डाक्टर साहब..!

0

पिथौरागढ़, जिला अस्पताल में ईनटी सर्जन डॉ. विभोर मरीजों के लाइन से नहीं आने पर मरीजों से नाराज़ होकर अपने कक्ष को छोड़कर चले गए। सुबह से डाक्टर के आने का इंतजार कर रहे मरीजों की फजीहत देखकर जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केसी भट्ट को फोन पर घटनाक्रम बताते हुए शिकायत की। तब जाकर एक घंटे के बाद डाक्टर साहब आएं।
जिला अस्पताल में आज सुबह से ही ईनटी सर्जन के कक्ष के सम्मुख मरीजो की भारी भीड़ जमा थी। ईएनटी सर्जन डां कविता लोहनी अवकाश पर है। इस कारण डां विभोर को मरीजों को देखना था।
जिला अस्पताल में कोई भी डाक्टर बारह बजे से पहले ओपीडी में बैठता नहीं है।
डां विभोर ने आज दो चार मरीज देखें, कि लाइन से मरीजों के नहीं आने का बहाना बनाकर मरीजों के ऊपर गुस्सा दिखाते कक्ष छोड़कर चले गए। अस्पताल प्रशासन की अवस्था का ठीकरा भी जिले के दुरस्थ क्षेत्रो के मरीजों के सिर फोड़ने वाले थे।
करीबन 75 से अधिक मरीज बैठकर तथा खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
ईएनटी स्पेशलिस्ट के कक्ष छोड़कर चले जाने से सबसे अधिक निराश दुरस्थ क्षेत्रों से आने वाले मरीज होने लगे।
मुनस्यारी के सांई पोलू से पहुंचे माली देवी ने अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया को ईएनटी सर्जन की दादागिरी के बारे में बताया।
जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केसी भट्ट तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचएस ह्यांकी को फोन से इसकी जानकारी दी। दोनों अधिकारियों ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मर्तोलिया ने कहा कि एक घंटे के बाद सर्जन ने आकर रुके हुए मरीजों को देखा। तब तक अधिकांश मरीज दुरदराज के होने के कारण चले गए थे।
उन्होंने कहा कि वेतनभोगी डाक्टर की यह गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल इस तरह की अव्यवस्थाओं से घिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को मानव समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए समाज विज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। मर्तोलिया ने कहा कि इस गंभीर लापरवाही के मामले में उच्चस्तरीय जांच करके दोषी डाक्टर का एक दिन का वेतन काटा जाय तथा भविष्य में इस तरह की हरकत नहीं करने का लिखित स्पष्टीकरण मांगा जाय।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर चार जुलाई को होने वाली जिला पंचायत की बैठक में वे स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ सदन के भीतर धरना प्रदर्शन करेंगे।

मुख्यमंत्री धामी ने की पीएम मोदी से मुलाकात, राज्य के विकास पर हुई चर्चा

0

नई दिल्ली, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाने व राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की राज्य में शाखा स्थापित किये जाने का भी अनुरोध किया। सीएम ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र संचालन व मानस खण्ड मंदिर माला मिशन की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के विकास के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग के लिये देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।

 

जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाने व राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की राज्य में शाखा स्थापित किये जाने का अनुरोध किया

पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र संचालन व मानस खण्ड मंदिर माला मिशन की स्वीकृति का भी किया अनुरोध

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के विकास के लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग के लिये देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को जून, 2022 के आगे बनाए रखने, उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने, कुमांऊ मण्डल के पौराणिक मन्दिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से “मानस खण्ड मन्दिर माला मिशन“ को स्वीकृति दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारू संचालन के लिये संबंधित को निर्देशित किये जाने के साथ ही टीएचडीसी इण्डिया लि0 की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखण्ड राज्य को स्थानान्तरित करने में केंद्र से सहयोग का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य, देश के फार्मास्यूटिकल हब के रूप में उभर रहा है। भारत में कुल उपभोग होने वाली दवाओं में उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित औषधि निर्माण इकाईयों की लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। राज्य में स्थापित 03 प्रमुख औद्योगिक संकुलों यथा-देहरादून, हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर में 300 से अधिक फार्मास्यूटिकल निर्माण इकाईयां स्थापित हैं जो 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहीं है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने का अनुरोध किया। इससे राज्य में फार्मास्यूटिकल शोध को बढावा मिलेगा। उक्त संस्थान की स्थापना हेतु वांछित भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य के सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में एयरस्ट्रिप से फिक्सडविंग (वायुयान ) हवाई सेवा संचालित किये जाने हेतु निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारू संचालन के लिये सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर राज्यों को राजस्व सुरक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से 05 वर्षों यथा 30 जून 2022 तक की अवधि के लिए जीएसटी की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी थी। परंतु संरचनात्मक परिवर्तन, न्यून उपभोग आधार, राज्य में सेवा का अपर्याप्त आधार सहित अन्य कारणों से जीएसटी लागू होने के उपरांत राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि दर्ज नहीं की जा सकी है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों को देखते हुए  जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून, 2022 के पश्चात् अग्रेत्तर वर्षों के लिए बढ़ाये जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में केदारनाथ एवं बद्रीनाथ को मास्टर प्लान तैयार कर विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसी भांति प्रदेश के कुमांऊ मण्डल के पौराणिक मन्दिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से “मानस खण्ड मन्दिर माला मिशन“ की स्वीकृति दिये जाने का अनुराध किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि टीएचडीसी इण्डिया लि० भारत सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का संयुक्त उपक्रम है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 47 (3) के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी इण्डिया लि० में किये गये पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए क्योंकि टीएचडीसी इण्डिया लि० का मुख्यालय उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है। टीएचडीसी इण्डिया लि0 की लगभग 70 प्रतिशत परियोजनाऐं उत्तराखण्ड राज्य में ही स्थित है। उक्त परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली पुनर्वास, कानून व्यवस्था तथा अन्य सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना भी उत्तराखण्ड राज्य को करना पड़ता है। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 2012 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-131 के अन्तर्गत टीएचडीसी इण्डिया लि० में उत्तर प्रदेश के स्थान पर उत्तराखण्ड राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हेतु मूल वाद संख्या 05 / 2012 मा0 सर्वोच्च न्यायालय में योजित किया गया था जो सम्प्रति विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से टीएचडीसी इण्डिया लि की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखण्ड राज्य को स्थानान्तरित करने में केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, ऊर्जा इत्यादि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास कर रहा है। उनकी अपेक्षा अनुसार वर्ष 2025 में राज्य के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड के लोहाघाट के समीप स्थित मायावती आश्रम आने के लिये भी अनुरोध किया।

खास खबर : महिलाओं-बच्चों के पोषण एवं सुरक्षा के लिए किये नीतिगत हस्तक्षेप : महेंद्र भाई

0

बाल विकास मंत्रालय की ओर से किया गया सयुंक्त जोनल सेमिनार का आयोजन

हरिद्वार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में उत्तर भारत के राज्यों के आकांक्षी जनपदों का संयुक्त जोनल सेमिनार तथा योजनाओं की समीक्षा बैठक मंजुपारा महेन्द्रभाई राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के मुख्य आतिथ्य तथा रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद हरिद्वार, रेखा आर्य कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास तथा डॉ0 धन सिंह रावत कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य एवं शिक्षा के विशिष्ट आतिथ्य में हरिद्वार में आयोजित की गयी। गुरुवार को आयोजित इस सेमिनार में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब एवं जम्मू और कश्मीर के जन प्रतिनिधियों तथा जिलाधिकारियों तथा विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही अकादमिक तथा सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सेमिनार का उद्देश्य था उत्तर भारतीय राज्यों के आकांक्षी जनपदों में महिला एवं बाल विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा, बेस्ट प्रैक्टिसेज की साझेदारी करना।
कार्यक्रम के औपचारिक शुभारंभ के बाद मुख्य सचिव भारत सरकार इंदीवर पांडेय द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी तथा कहा कि आँगनवाड़ी केंद्रों के कारण कुपोषण के स्तर को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सका है । वर्तमान में आँगनवाड़ी सेवा की गुणवत्ता के साथ ही सेवा के डिजिटलीकरण पर अत्यधिक बल दिया जा रहा है और इस हेतु पोषण ट्रैकर एप को चलाया जा रहा , जिसमें प्रत्येक लाभार्थी महिला एवं बच्चे की जानकारी दर्ज करने के साथ ही उनके एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास के समय परिवर्तन भी किया जा सकता है ताकि लाभार्थी चाहे कहीं भी हों उन्हें सेवा का लाभ मिलना बंद न हो। इसके साथ ही मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जनपद स्तर पर जिलाधिकारियों की भूमिका को निर्धारित कर दिया गया है जो कि पहले स्पष्ट नही थी। महिला बाल विकास में संचालित विभिन्न योजनाओं को रेशोनलाईज़ करते हुए नए प्रारूप में संचालित किया जा रहा है। अब महिलाओं के लिए हर जनपद एवं हर राज्य में महिलाओं से संबंधित योजनाओं को एक हब के रूप में एक ही जगह उपलब्ध कराया जाएगा। सचिव भारत सरकार ने बल दिया कि जब तक राज्य और जनपद कन्वर्ज नहीं करेंगे तब तक राष्ट्रीय स्तर पर कन्वर्जेन्स का असर परिलक्षित नहीं होगा।May be an image of 9 people, people standing and text that says 'THE IMPACT ON WOME Date June 23, Venue Hotel Royal Vr NH-58, Haridwar, Utta ASPIRATIONAL DISTRICTS MEETING'

महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन एवं नई योजनाओं के द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में नित नए आयाम प्राप्त किये जा रहे हैं। पोषण अभियान को राज्य में प्रभावी बनाते हुए मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के अंतर्गत 2 लाख 37 हज़ार बच्चों को 100 एमएल दूध हफ्ते में चार दिन दिया जाता है तथा मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के अंतर्गत सप्ताह में दो दिन अंडा और दो दिन केला दिया जा रहा है तथा इस प्रकार भारत सरकार की पोषण अभियान के ताल से ताल मिलाकर कुपोषण के विरुद्ध प्रतिबद्ध हैं।
इसी के साथ बच्चे के स्वास्थ्य के साथ ही माँ के स्वास्थ्य को भी प्रमुखता दी गयी है इसीलिए मुख्यमंत्री द्वारा प्रधान मंत्री मातृवन्दना योजना के सम्पूरक के रूप में महिला पोषण योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत महिलाओं को भी सप्ताह में दो दिन अंडा और दो दिन केला प्रदान किया जा रहा है।May be an image of 10 people, people standing, flower and text that says 'THE IMPACT ON WOMEN Date June 23, 202 Venue Hotel Royal Vrinda NH-58, Haridwar, Uttarakh ASPIRATIONAL DISTRICTS ZONAL MEETING'
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पोषण अभियान दोनों के उद्देश्यों को साधते हुए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महालक्ष्मी योजना भी चलाई जा रही है जिसमें प्रसवोपरांत अतिरिक्त देखभाल हेतु आवश्यक सामग्रियों से युक्त किट का वितरण बालिका जन्म पर किया जाता है। इसी प्रकार नंदा गौरा योजना, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन, किशोरी नैपकिन योजना, मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के द्वारा बेटियों की सुरक्षा के साथ ही उनकी समृद्धि और सम्पूर्ण विकास पर बल दिया गया है। मंत्री ने बताया कि प्रधान मंत्री के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के आह्वान के बाद प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के अनुसार लैंगिक अनुपात में 984 हो गया है। प्रधान मंत्री के विज़न से प्रेरित होकर वात्सल्य योजना के अंतर्गत कोविड से प्रभावित 4100 से अधिक बच्चों को प्रतिमाह 3000 की सहायता राशि दी जा रही है। तथा उनकी आवश्यकतानुसार उनको विभिन्न विभागीय सेवाओं से आच्छादित किया जा रहा है तथा जनपद में जिलाधिकारियों को इस हेतु नोडल बनाया गया है।May be an image of 12 people, people standing and flower

स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त पहल से नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बाल वाटिका को संचालित करने वाला उत्तराखंड देश में पहला राज्य हो सकता है। इसके साथ ही सचिव भारत सरकार को बाल वाटिका हेतु अवगत कराया कि आँगनवाड़ी केंद्रों के भवन की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि समाज के अंतिम तबके के प्रत्येक व्यक्ति को सबल बनाने हेतु चिकित्सा, शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास पर सबसे अधिक ध्यान भारत सरकार एवम राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है । बच्चा एवं माँ सुरक्षित होंगे तो परिवार सुरक्षित होगा और परिवार के सुरक्षित होने से देश सुरक्षित और सशक्त होगा। इसीलिए वर्तमान में प्रधान मंत्री के विज़न में महिला एवं बाल विकास की विभिन्न योजनाओं तथा भारत को पुनः विश्व पटल पर विश्वगुरु बनाने की ओर लक्षित नई शिक्षा नीति को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।

राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास भारत सरकार मंजुपारा महेन्द्रभाई ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के पोषण तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण हेतु नीतिगत हस्तक्षेप भारत सरकार के स्तर पर किये गए हैं। केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु पुरुषों के समान करना, गर्भपात हेतु स्वीकृत सप्ताह को 20 से 24 सप्ताह करना, तीन तलाक जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर निर्णय लेने के साथ ही महिलाओं के वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए योजनाओं को विस्तार दिया है।May be an image of 5 people, people standing and text that says 'Vent NH- THE IMPACT ON WOMEN & CHILDREN June 27 22 tel Roya aban, idwar, U hand POSHAN Abhiyaan 乐'

इस अवसर पर वात्सल्य योजना के अंतर्गत 4000 प्रभावित बच्चों को प्रति बच्चा 3000 रुपये प्रतिमाह की दर से कुल रुपये 2 करोड़ 40 लाख , माह अप्रैल एवं मई की किश्त के रूप में इंडसइंड बैंक के सहयोग से एक क्लिक पर उनके खातों में डी0बी0टी0 द्वारा प्रेषित की गई तथा योजना की एक वीडियो फ़िल्म के माध्यम से अन्य राज्यों से आये प्रतिभागियों को योजना की जानकारी दी गयी।
साथ ही उपस्थित लाभार्थियो गुलिस्ताँ, रज़िया , काजल इत्यादि को महालक्ष्मी किट का वितरण किया गया ।

इस अवसर पर अध्यक्ष एवं सदस्य बाल संरक्षण आयोग उत्तराखंड, सचिव महिला एवं बाल विकास हरि चंद्र सेमवाल, उत्तरप्रदेश से जिलाधिकारी सोनभद्र एवं बलरामपुर, जिलाधिकारी हरिद्वार, जिलाधिकारी उधमसिंह नगर तथा राज्यों के प्रशासनिक एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड से उपनिदेशक एस0के0 सिंह , राज्य परियोजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी के अतिरिक्त अकादमिक तथा सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

भृगुखाल कांडी मोटर मार्ग पर टैक्सी पलटी, सात घायल, विधायक रेनु बिष्ट ने जाना घायलों का हालचाल

0

पौड़ी (यमकेश्वर), यमकेश्वर भृगुखाल कांडी मोटर मार्ग के मध्य ग्राम ग्वाड़ी के ऊपर टैक्सी अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई, जिसमें सवार 7 लोग घायल हो गए जिनमें दो लोगों को गंभीर चोटें आई जो एम्स ऋषिकेश और बाकी अन्य घायल सरकारी अस्पताल में 108 एंबुलेंस द्वारा भर्ती कराए गए हैं। बताया जा रहा है कि गाड़ी नाली गॉव निवासी की थी। अचानक गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गयी, जिसमें गाड़ी में सवार व्यक्ति घायल हो गये।
घायल हुए व्यक्तियों का नाम
सुरेशानंद पुत्र खुशीराम ग्राम रखेड़ा 50 वर्ष
शिवदास पुत्र सोहनलाल बागी-बड़ी 22 वर्ष
कृष्णा देवी पत्नी अनिल चंदोला नाली-बडोली 38 वर्ष
मुकेश दास पुत्र सोहनलाल बागी 38 वर्ष
ईशा पुत्री अनिल चंदोला नाली 12 वर्ष
संजय कुमार पुत्र खुशी पाल थनूर 40 वर्ष
जितेंद्र दास पुत्र पंजाबी दास जय-गांव 44 वर्ष

दुर्घटना की सूचना मिलते ही यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट घायलों का हाल चाल जानने एम्स ऋषिकेश गयी और सभी घायलों से मिली तथा चिकित्सकों से सभी के इलाज उचित ढंग से करने हेतु कहा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि अति शीघ्र आप सभी स्वस्थ हो। किंतु एक सवाल अवश्य यहाँ पर उठता है कि पहाड़ी विधान सभाओं की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बहुत अधिक कार्य होना अत्यंत आवश्यक है।

देश में फिर बढ़ रहे कोरोना के मामले

0

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया शुक्रवार को देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर विशेषज्ञों की कोर टीम के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। देश में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस संक्रमण में वृद्धि देखी जा रही है। 10 राज्यों महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में 1,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं।

 

ओमिक्रॉन और इसके वैरिएंट जिम्मेदार
किसी भी नए उभरते हुए वैरिएंट या सब-वैरिएंट की संभावना की जांच करने और संक्रमण के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए निर्देश जारी किया गया था। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के विशेषज्ञों के अनुसार, ओमिक्रॉन और इसके वैरिएंट मुख्य रूप से बीए.2 (BA.2)और बीए.2.38 (BA.2.38) कोविड के मामलों में मौजूदा वृद्धि के पीछे हैं। बीए.2 और इससे जुड़े वायरस 85 फीसदी मामलों में मिले हैं, 33 फीसदी सैंपर में बीए.2.38 मिला है।

 

सूत्र ने कहा कि 10 प्रतिशत से कम नमूनों में बीए.4 और बीए.5, पाया गया है। पिछली समीक्षा बैठक में कहा गया था कि अब तक देश में चिंता में डालने वाला कोई वैरिएंट नहीं है। भारत में अब बीए.2 के अलावा बीए.4 और बीए.5 हैं, जिनमें अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज की तुलना में थोड़ी अधिक संक्रामकता है।

केरल के 11, मिजोरम के छह और महाराष्ट्र के पांच सहित भारत के 43 जिलों में साप्ताहिक कोविड संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है। सूत्रों ने कहा कि 42 जिलों में, जिनमें राजस्थान के आठ, दिल्ली के पांच और तमिलनाडु के चार जिले शामिल हैं, साप्ताहिक संक्रमण दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच है।

जल्‍दी ही भारत को मिल सकती हैं राष्ट्रपति की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू

0
Draupadi Murmu

नई दिल्ली, सत्ताधारी भाजपा के अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा (NDA) और विपक्ष ने अपने-अपने राष्ट्रपति उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मंगलवार की दोपहर कांग्रेस, टीएमसी और एनसीपी समेत अन्य विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को विपक्ष का साझा उम्मीदवार घोषित किया। वहीं NDA के तरफ से द्रौपदी मुर्मू का नाम आगे किया गया।

पिछले राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने ‘दलित राष्ट्रपति’ का संदेश दिया था। इस बार अगर मुर्मू को जीत मिलती है तो वो देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। जाहिर है इसका पूरा क्रेडिट एनडीए और खासकर भाजपा के हिस्से जाएगा। भाजपा पर ये आरोप लगते रहे हैं कि वो वंचित समुदायों से ऐसे लोगों को ढूंढ कर लाती है, जो अपने समुदाय के हित में सरकार के खिलाफ बोल नहीं पाते।
द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के बाद भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता अमित शाह ने अपने एक ट्वीट में मुर्मू के काम को बताया है। शाह ने लिखा है, ”द्रौपदी मुर्मू जी ने जनजातीय समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने व जनप्रतिनिधि के रूप में लम्बे समय तक जनसेवा करते हुए सार्वजनिक जीवन में अपनी विशिष्ठ पहचान बनाई है। इस गरिमामई पद की प्रत्याशी बनने पर उनको शुभकामनाएं देता हूँ व मुझे विश्वास है कि वो निश्चित रूप से जीतेंगी।”
मुर्मू ने आदिवासियों के लिए क्या किया है?

द्रौपदी मुर्मू के राजनीतिक करियर की शुरुआत तो 1997 में ही हो जाती है लेकिन बड़ा मौका सन् 2000 में मिला था। तब भाजपा ने उन्हें रायरंगपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था। इस चुनाव में जीतकर मुर्मू नवीन पटनायक के मंत्रिमंडल में स्वतंत्र प्रभार की राज्यमंत्री बनीं थी। पहले दो साल में वाणिज्य और परिवहन विभाग देखा, अगले दो साल तक पशुपालन और मत्स्य विभाग संभाला। यानी मंत्री के तौर पर आदिवासियों के लिए काम करने का अनुभव द्रौपदी मुर्मू के पास नहीं है।
मोदी सरकार आने के बाद साल 2015 में द्रौपदी मुर्मू को झारखंड का राज्यपाल बना दिया गया। मुर्मू से पहले झारखंड के राज्यपाल के रूप में किसी आदिवासी महिला ने पद नहीं संभाला था। राज्यपाल के रूप में मुर्मू को सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों से बराबर सम्मान और सौहार्द प्राप्त हुआ। यही वजह है कि कार्यकाल खत्म होने के बाद तक मुर्मू इस पद पर बनी रही थीं। राज्यपाल का कार्यकाल पांच साल का होता है लेकिन मुर्मू छह साल, एक महीना और 18 दिन तक इस पद पर रही थीं।

राज्यपालों पर केंद्र की तरफ झुके रहने का आरोप लगता रहा है लेकिन मुर्मू अपने कार्यकाल के दौरान तटस्थ रहने के लिए जानी गईं। एक मौका ऐसा भी आया जब द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा की रघुबर दास सरकार को नसीहत देते हुए, उनके विधेयक को बिना लाग-लपेट लौटा दिया। इस तरह का फैसले उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार के दौरान भी लिए। लौटा दिया था सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक

साल 2017 में भाजपा की रघुबर दास सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक लेकर आयी थी। इसके विधेयक के तहत सरकार आदिवासियों की जमीनों की रक्षा के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाए छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में बदलाव करना चाहती थी। भारी विरोध और विपक्ष के वॉकआउट के बावजूद रघुबर सरकार ने सदन में विधेयक पास करवा लिया। विधेयक को कानून में बदलने के लिए राज्यपाल से होकर गुजरना होता है। सरकार द्वारा सदन में पास कराया गया विधेयक तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पास पहुंचा। मुर्मू ने बिना दस्तखत विधेयक को सरकार को वापस कर दिया। साथ ही सरकार से सवाल किया कि इस विधेयक से आदिवासियों को क्या फायदा होगा। सरकार ने जवाब नहीं दिया और इस तरह वह विधेयक कभी कानून नहीं बन पाया। राज्यपाल के फैसले से आदिवासी समुदाय बहुत खुश हुआ था और मुर्मू का धन्यवाद किया था। मीडिया से बात करते हुए मुर्मू ने बताया था कि ”विधेयक के खिलाफ करीब 200 आपत्तियां प्राप्त हुई थीं, ऐसे में दस्तखत करने का सवाल नहीं उठता।” बताया जाता है कि इस मामले को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मुर्मू से मुलाकात भी की थी लेकिन उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला।

 

द्रोपति मुर्मू महिला सशक्तिकरण के पर्याय के साथ जनजातीय समाज का सशक्त चेहरा हैं: राकेश राणा

देहरादून, भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का धन्यवाद करते हुए बताया कि जिस प्रकार से पिछले 8 सालों से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप मे आदिवासी समाज के समग्र विकास की चिंता करते हुए अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं से जनजाति समाज को मजबूत करने के लिए समय-समय पर कदम उठाए उससे जनजातीय समाज देश की मुख्यधारा में आज प्रवेश कर चुका है। पिछले वर्ष जिस प्रकार से प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर 15 नवंबर को हर वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया यह अपने आप में यह दिखाता है कि जनजाति समाज से जुड़े महापुरुषों के कार्यों को देश के प्रत्येक व्यक्ति से अवगत कराना और वह किस प्रकार से सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बने उसके लिए प्रधानमंत्री ने इन 8 वर्षों में निरंतर वह सब कार्य किए हैं।

राकेश राणा ने बताया कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आंतरिक मजबूती की खूबसूरत और अद्भुत शैली को प्रदर्शित करता हैं। उन्होंने बताया कि पार्षद के रूप में राजनीतिक कॅरिअर शुरू करने वाली द्रौपदी का बतौर अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से देश का पहला महिला राष्ट्रपति बनना तय है। राकेश राणा ने बताया कि ओडिशा के बेहद पिछड़े और संथाल बिरादरी से जुड़ी 64 वर्षीय द्रौपदी के जीवन का सफर हमेशा संघर्षों से भरा रहा है।

उन्होंने बताया कि आर्थिक अभाव होने पर भी उन्होंने शिक्षा को महत्व देते हुए स्नातक की शिक्षा प्राप्त करी। उन्होंने उड़ीसा सरकार में भी अपनी सेवाएं दी। उनका राजनीतिक सफर भी बहुत सफल रहा जिसमें कि उन्होंने सभी वर्गों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। राजनीति के लिए भाजपा को चुना और इसी पार्टी की हो कर रह गई। साल 1997 में पार्षद के रूप में उनके राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत हुई।

राकेश राणा ने बताया कि साल 2000 में पहली बार विधायक और फिर भाजपा-बीजेडी सरकार में दो बार मंत्री बनने का मौका मिला। उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर साल 2015 में उन्हें झारखंड का पहला महिला राज्यपाल बनाया गया। वह पहली उड़िया महिला है जिन्हें भारत के किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

राकेश राणा ने बताया कि द्रोपति मुर्मू का जीवन उनके जीवटता को दर्शाता है। वह जवानी में ही विधवा होने के अलावा दो बेटों की मौत से भी वह नहीं टूटीं। इस दौरान अपनी इकलौती बेटी इतिश्री सहित पूरे परिवार को हौसला देती रहीं। राकेश राणा ने बताया यह महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि जिस दिन वह राष्ट्रपति के पद पर विराजमान होगी वह जनजातीय समाज के लिए गौरव का क्षण होगा और भारत एक नए इतिहास को लिखेगा।

 

पर्यटन मंत्री से मिले भाजपा नेता कौशतुभा नंद जोशी, चित्रलेखा धाम का शीघ्र होगा कायाकल्प : जोशी

देहरादून, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने नैनीताल जनपद स्थित पौराणिक स्थल चित्रशिला धाम को मानसखंड कॉरीडोर में सम्मिलित करने पर सहमति दे दी है | धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस पावन स्थल के जीर्णोद्धार के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के प्रदेश कार्यालय सचिव कौस्तुभानन्द जोशी द्धारा किए अनुरोध को स्वीकार करते हुए महाराज ने विभागीय सचिव को त्वरित कार्यवाही के आदेश दे दिये हैं |
भाजपा नेता कौस्तुभानन्द जोशी ने पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए बताया कि गार्गी तट स्थित चित्रशिला धाम मार्कन्डे ऋषि व गर्ग ऋषि की तपस्थली है, जिसका वर्णन स्कन्द पुराण में भी किया गया है | पौराणिक तथ्यों के आधार पर स्वयं भगवान विश्वकर्मा द्धारा निर्मित इस धाम पर सदियों से मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान का मेला आयोजित होता आ रहा है | उन्होने अफसोस जताते हुए कहा कि यह स्थान आज मात्र शमशान घाट बनकर रह गया है | लिहाजा मेरे द्धारा स्थानीय लोगों मांग के अनुशार इस पावन क्षेत्र के सौंदर्यीकरण एवं स्नान घाट, धर्मशाला, शौचालय आदि जनसुविधाकारी निर्माण के लिए इसे मानसखण्ड कॉरीडोर में सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया है |
श्री जोशी ने ख़ुशी जाहीर करते हुए बताया कि पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने इस पवित्र स्थल के महत्व व स्थानीय जनता की मांग को स्वीकार करते हुए तत्काल पर्यटन सचिव से इस विषय पर कार्यवाही के निर्देश दिये हैं |

उन्होने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि शीघ्र ही वह समय आएगा जब चित्रशिला धाम अपने पौराणिक महात्म्य को पुनः प्राप्त करते हुए देश विदेश के तीर्थाटन मानचित्र पर स्थापित होगा |

ब्रैकिंग : आईएएस रामविलास यादव सस्पेंड, विजिलेंस के सामने हुए पेश

0

देहरादून, हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राहत नहीं मिलने के बाद सीनियर आईएएस अफसर राम विलास यादव को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। अब से कुछ देर पहले उनके निलंबन के आदेश जारी हुए। इस बीच आज दोपहर को वे विजिलेंस के सामने पेश हुये, वे पौने एक बजे स्विफ्ट कार से कारगी ग्रांट स्थित विजिलेंस मुख्यालय पहुंचे और सीधे अंदर चले गए। बाहर कार में उनके वकील और ड्राइवर मौजूद थे। इस दौरान विजिलेंस दफ्तर में तैनात पुलिस कर्मियों ने मीडिया कर्मियों और अन्य लोगों को परिसर से बाहर कर दिया, बाहर उनके अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में राम विलास यादव विजिलेंस दफ्तर में बयान दर्ज करने आए हैं। संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने आए हैं। गिरफ्तारी पर रोक लगाने के संबंध में अभी सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि जब विजिलेंस की ओर से उनसे पत्राचार किया गया, उन्होंने उसका जवाब दिया और पेश नहीं होने का कारण बताया है।

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में मंगलवार को मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से 23 जून तक स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यादव से कहा है कि वह बुधवार तक अपने बयान विजिलेंस के सामने दर्ज कराएं। मामले की अगली सुनवाई 23 जून की तिथि नियत की है।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिका कर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन पर आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोप लगाए गए हैं, जो पूरी तरह गलत हैं। उनकी बेटी विदेश में, लड़का सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता है और उनकी पत्नी कॉलेज की प्रबंधक और खुद वह आईएएस अधिकारी है। यह सम्पति इनकी मेहनत से अर्जित की है। जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।
इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नही दिया गया। सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उनको उसके सामने अपना पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया। वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस टीम ने आईएएस रामविलास यादव को कई बार अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया। परंतु वह आने के बजाय मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव और कई मंत्रियों से मिले,
मामले के अनुसार, आईएएस राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है। इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी। इसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की।

 

विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ, देहरादून और गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा, जिसमे संपत्ति संबंधित कई दस्तावेज मिले। जांच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना अधिक संपत्ति मिलने की बात सामने आई है। इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।Breaking : सीएम धामी का बड़ा एक्शन, इस IAS को किया सस्पेंड | Khabar Uttarakhand News