Friday, April 26, 2024
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लाइन में न आने से खपा हुये डाक्टर, कक्ष छोड़ निकल गये बाहर, हुई शिकायत तो एक घंटे बाद लौटे आए डाक्टर साहब..!

पिथौरागढ़, जिला अस्पताल में ईनटी सर्जन डॉ. विभोर मरीजों के लाइन से नहीं आने पर मरीजों से नाराज़ होकर अपने कक्ष को छोड़कर चले गए। सुबह से डाक्टर के आने का इंतजार कर रहे मरीजों की फजीहत देखकर जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केसी भट्ट को फोन पर घटनाक्रम बताते हुए शिकायत की। तब जाकर एक घंटे के बाद डाक्टर साहब आएं।
जिला अस्पताल में आज सुबह से ही ईनटी सर्जन के कक्ष के सम्मुख मरीजो की भारी भीड़ जमा थी। ईएनटी सर्जन डां कविता लोहनी अवकाश पर है। इस कारण डां विभोर को मरीजों को देखना था।
जिला अस्पताल में कोई भी डाक्टर बारह बजे से पहले ओपीडी में बैठता नहीं है।
डां विभोर ने आज दो चार मरीज देखें, कि लाइन से मरीजों के नहीं आने का बहाना बनाकर मरीजों के ऊपर गुस्सा दिखाते कक्ष छोड़कर चले गए। अस्पताल प्रशासन की अवस्था का ठीकरा भी जिले के दुरस्थ क्षेत्रो के मरीजों के सिर फोड़ने वाले थे।
करीबन 75 से अधिक मरीज बैठकर तथा खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
ईएनटी स्पेशलिस्ट के कक्ष छोड़कर चले जाने से सबसे अधिक निराश दुरस्थ क्षेत्रों से आने वाले मरीज होने लगे।
मुनस्यारी के सांई पोलू से पहुंचे माली देवी ने अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया को ईएनटी सर्जन की दादागिरी के बारे में बताया।
जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केसी भट्ट तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचएस ह्यांकी को फोन से इसकी जानकारी दी। दोनों अधिकारियों ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मर्तोलिया ने कहा कि एक घंटे के बाद सर्जन ने आकर रुके हुए मरीजों को देखा। तब तक अधिकांश मरीज दुरदराज के होने के कारण चले गए थे।
उन्होंने कहा कि वेतनभोगी डाक्टर की यह गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल इस तरह की अव्यवस्थाओं से घिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को मानव समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए समाज विज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। मर्तोलिया ने कहा कि इस गंभीर लापरवाही के मामले में उच्चस्तरीय जांच करके दोषी डाक्टर का एक दिन का वेतन काटा जाय तथा भविष्य में इस तरह की हरकत नहीं करने का लिखित स्पष्टीकरण मांगा जाय।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर चार जुलाई को होने वाली जिला पंचायत की बैठक में वे स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ सदन के भीतर धरना प्रदर्शन करेंगे।

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