Saturday, June 21, 2025
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राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस : डा. अनिल डबराल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने किया सम्मानित

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ऋषिकेश, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ऋषिकेश शाखा की ओर से राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डा. प्रेमचंद अग्रवाल मौजूद रहे ।

ॠषिकेश के रेलवे रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि हर किसी की जिंदगी में चिकित्सक की भूमिका काफी अहम होती है। हम सभी शारीरिक और मानसिक परेशानी से पीड़ित होने पर चिकित्सक के पास ही जाते हैं और चिकित्सक के पास भी लगभग हर समस्या का इलाज मौजूद रहता है। डा. अग्रवाल ने कहा कि इसलिए चिकित्सक को भगवान का दर्जा दिया गया है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सक जीवनदाता होते है, कोरोना काल में अहम योगदान देकर चिकित्सकों ने इसको बखूबी साबित भी किया है। उस दौर में चिकित्सकों ने दिन-रात एक कर लोगों की जान बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का इलाज करने वाले डॉ. बिधान रॉय ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी योगदान दिया था।

बताया कि उनके योगदान को सम्मान देने के लिए एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाते है। बताया कि 1975 से चिकित्सा, विज्ञान, दर्शन, कला और साहित्य के क्षेत्रों में अद्भुत काम करने वालों को भी हर साल बी.सी.रॉय पुरस्कार से नवाजा जाता है।

इस अवसर पर डा. अनिल डबराल को मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। साथ ही आईएमए की कार्यकारिणी के नए सदस्यों से परिचय भी प्राप्त किया।

इस मौके पर आईएमए अध्यक्ष डा. विनिता पुरी, कोषाध्यक्ष डा. राजेश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष डा. हरिओम प्रसाद, सदस्य डा. राजेंद्र गर्ग, डा. विनोद पुरी, डा. रामकुमार भारद्वाज, डा. केएन लखेड़ा, डा. अनिल डबराल, डा. ऋचा रतूड़ी, डा. हारून, डा. शोएब, डा. अजय गैरोला सहित नगरभर के अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।

खास खबर : दून विश्वविद्यालय की गड़बड़ियों के खिलाफ उक्रांद का आक्रामक रूख, हाईकोर्ट जाएगा दल

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देहरादून, उक्रांद ने लंबे समय से दून विश्वविद्यालय में चली आ रही गड़बड़ियों को लेकर अब आक्रामक रुख अपना लिया है।

यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राजनितिक हस्तक्षेप के कारण दून विश्वविद्यालय का बेड़ा गरक हो गया है और अब यूकेडी इन गड़बड़ियों को दूर करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।

यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि गड़बड़ियों की शिकायत को लेकर पहले श्रीमान मुख्य सचिव और महामहिम राज्यपाल को अवगत कराया जाएगा तथा 15 दिन के अंदर कोई कार्यवाही शुरू न होने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

यूकेडी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय एचएनबी विश्वविद्यालय की कार्बन कॉपी बनकर रह गया है। यहां पर कुलपति से लेकर कुलसचिव और प्रोफ़ेसर तकयहां पर कुलपति से लेकर कुलसचिव और प्रोफ़ेसर तक एचएनबी विश्वविद्यालय श्रीनगर से तैनात किए जा रहे हैं और इनकी तैनाती के पीछे योग्यता के बजाय मित्रता, जान पहचान तथा राजनीतिक पृष्ठभूमि को प्राथमिकता दी जा रही है।

यूकेडी नेता सेमवाल ने आरोप लगाया कि राजनीति के चलते विश्वविद्यालय को मिलने वाली रूसा की ग्रांट पिछली बार भी ठीक से खर्च नहीं हो पाई और ₹20करोड़ की ग्रांट इस बार लैप्स हो गई है।

सेमवाल ने कहा कि जिन प्रोफेसरों के अपने शोध यूजीसी केयर में प्रकाशित नहीं हो पा रहे हैं वह भला छात्रों को क्या पीएचडी करवाएंगे। यही कारण है कि नैक में विश्व विद्यालय की रैंकिंग लगातार पिछड़ती जा रही है।

यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने अंग्रेजी तथा कंप्यूटर साइंस जैसे विभाग में सहायक प्राध्यापक की नियुक्तियों में भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन विभागों में तैनात प्राध्यापक भी न्यूनतम अहर्ता पूरी नहीं करते लेकिन मित्रता के चलते इनको गढ़वाल यूनिवर्सिटी से लाकर यहां पर तैनात कर दिया गया है।

सेमवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में हो रही तमाम नियुक्तियां भ्रष्टाचार की शिकार है।

सेमवाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2005 में उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मापदंडों और गुणवत्ता के मानकों के संपर्क स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी।

इसका उद्देश्य दून विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा एवं शोध का एक उत्कृष्ट केंद्र बनाकर राज्य से उच्च शिक्षा के लिए दूसरे प्रदेशों में इसका उद्देश्य दून विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा एवं शोध का एक उत्कृष्ट केंद्र बनाकर राज्य से उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे छात्रों को राज्य में शिक्षा प्राप्त करवाना था लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज 15 वर्ष पूर्ण होने के बाद दून विश्वविद्यालय अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं हो पाया है।

इसके पीछे जो मुख्य कारण है वह यहां पर विभिन्न पदों और स्तर पर हो रही भर्तियों में प्रचलित भ्रष्टाचार है। विश्वविद्यालय के कुलपति न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ना रखने के बावजूद नियुक्ति पाते रहे हैं और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते रहे हैं।

इसी तरह से इस विश्वविद्यालय के कुलसचिव की अवैध नियुक्ति का प्रकरण भी माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है।

अध्यापकों की नियुक्ति एवं प्रमोशन के प्रकरण भी विश्वविद्यालय की कार्य समिति के समक्ष विचाराधीन है लेकिन पहले की गलतियों से सबक न लेते हुए वर्तमान कुलपति ने भी वर्ष 2021 में सहायक प्राध्यापकों के पद पर जिन व्यक्तियों की नियुक्ति की है वह भी पूर्ण रूप से अवैध है क्योंकि इन भर्तियों में भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा बताई गई न्यूनतम मानकों की जानबूझकर अनदेखी की गई है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 2018 नियमावली में यह स्पष्ट रूप से वर्णित है कि विश्वविद्यालय में सह प्राध्यापक के पद पर नियुक्त होने के लिए न्यूनतम अहर्ता तीन मुख्य मुखिया मानक हैं।

पहला उनको उस विषय में पीएचडी की उपाधि होनी चाहिए।

दूसरा विद्यालय अथवा विश्व विद्यालय में पठन-पाठन का 8 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अनुशंसित यूजीसी केयर मे बताए गए शोध पत्रों में कम से कम 7 शोध पत्र प्रकाशित होने चाहिए लेकिन विश्वविद्यालय में कई ऐसे सह प्राध्यापक शामिल हैं जो यूजीसी की न्यूनतम अर्हता को भी पूरी नहीं करते।

उन्होंने अपने शोध पत्रों को भी लोकल पत्र-पत्रिकाओं में छपवाए हुए हैं जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कई बार नोटिस जारी कर चुका है कि यूजीसी केयर में बताए गए जर्नल्स के अलावा कहीं भी दूसरी जगह छपवाए गए शोध मान्य नहीं होंगे।

यूजीसी ने 16 सितंबर 2019 को जारी अपने पब्लिक नोटिस में साफ कह रखा है कि यदि यूजीसी केयर के अलावा कहीं दूसरी जगह प्रकाशित शोध जर्नल के आधार पर कोई नियुक्ति प्रमोशन क्रेडिट एलॉटमेंट अथवा रिसर्च डिग्री अवार्ड होती है तो इसके लिए कुलपति, सलेक्शन कमेटी, स्क्रीनिंग कमेटी और रिसर्च सुपरवाइजर जिम्मेदार होंगे।

बहरहाल उत्तराखंड क्रांति दल तापमान बना दिया है कि यदि 15 दिन के भीतर कार्यवाही नहीं होती तो इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में शिव प्रसाद सेमवाल, सुलोचना ईष्टवाल, शक्ति लाल शाह और राजेंद्र गुसाईं आदि शामिल थे।

 

 

चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को मैत्री संस्था ने किया सम्मानितMay be an image of 8 people, people standing and flower

ऋषिकेश, अंतरराष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में मैत्री सामाजिक संस्था द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु ऋषिकेश नगर के प्रसिद्ध चिकित्सकों को सम्मानित किया गया।इस दौरान संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी व अन्य सदस्यों ने शाल ओढ़ाकर एवं भगवतगीता पुस्तक भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
डॉ राजे नेगी , डा० आर० पी० काला एवं महादेव काला ऋषिकेश के ऐसे चिकित्सक हैं जिन्होंने
कोरोना काल के दौरान लोगो को मुफ्त इलाज एवं भोजन मुहैय्या कराने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस मौके पर समाज सेविका सीता पयाल, रजनी कश्यप, लोक गायिका प्रमिला जोशी, समाजसेवी राज कपसुरी, योगाचार्य नंदनी जोशी, मनोज नेगी एवं आदि उपस्थित थे।
राज्य आंदोलनकारी कमला नेगी ने डा॰ काला को पुष्प गुछ भेंट किया, उन्हें बधाईया दी। इस अवसर पर पुष्पा ध्यानी , शमा पंबार पदमा नैथाणी , इंदु थपलियाल उपस्थित थे।

 

हैदराबाद को भाग्यनगर बनाएगी भाजपा : महाराज

देहरादून, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने हैदराबाद (भाग्यनगर) पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि अधिवेशन के दौरान पूरा शहर भाजपा के बैनर और पोस्टरों से पटा पड़ा है।

उन्होने बताया कि तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद (भाग्यनगर) स्थित इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हो रहे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय स्तर के सभी नेता मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरे तेलंगाना के लिए गौरव की बात है कि यहां पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। निश्चित रूप से यह आयोजन इस बात का संकेत है कि 2023 में तेलंगाना में भाजपा की सरकार सत्तारूढ़ होगी और हैदराबाद को भाग्यनगर बनाएगी।

ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी की दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने शुक्रवार को जब प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज वहां पहुंचे तो उनका भी वहां लम्बारी जनजाति की महिलाओं ने जोरदार स्वागत किया था |

 

अधिकारियों की हील हवाली के चलते बैठक दूसरी बार भी रद्द, शहीद स्थल पर कल होगी राज्य आंदोलनकारियों की बैठकMay be an image of 1 person and standing

देहरादून, राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों की हील हवाली के चलते आज शासन में पुनः दूसरी बार बैठक रद्द हो गई इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की किरकिरी कराने में कुछ अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है, अतः प्रदीप कुकरेती ने आवाहन किया कि आगामी रविवार 3 जुलाई (कल)को प्रात 11 बजे अधिकारियों की हील हवाली के चलते आज शासन में पुनः दूसरी बार बैठक रद्द हो गई इस को लेकर एक बैठक आहूत की गयी। बैठक में 1–सितंबर , खटीमा व 2–सितंबर , मसूरी की शहादत दिवस पर चर्चा होगी, इसके साथ ही भविष्य में और कैसे राज्य आंदोलनकारियों की लम्बित मांगों को पूर्ण सफलता मिले इस पर गहन मंथन किया जायेगा। जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने सभी राज्य आंदोलनकारियों से बैठक में अवश्य प्रतिभाग करने की अपील की है।

सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सिर्फ मंथन नहीं ठोस निर्णय आवश्यक : डॉ.सुनील अग्रवाल

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देहरादून, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने शिक्षा पर चल रहे चिंतन शिविर में कल माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर करने और उस पर मंथन की आवश्यकता बताएं जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने हेतु ठोस निर्णय लेने होंगे | सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर होती है और सरकारी स्कूल के शिक्षकों को तनख्वाह भी प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की अपेक्षा अधिक मिलती है, उसके बावजूद सरकारी स्कूलों में छात्रों की कमी चिंतनीय प्रश्न है | इसके लिए सबसे पहले सरकारी स्कूलों में आधारभूत ढांचे को ठीक करना होगा, उनमें छात्रों हेतु सुविधाएं जुटाने होगी और आमजन में सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास बढ़ाने हेतु यह आवश्यक है कि एक आदेश पारित किया जाए कि सभी सरकारी अधिकारियों और सांसदों एवं विधायकों के बच्चों को अनिवार्य रूप से सरकारी स्कूलों में दाखिला लेना होगा | उससे आमजन का विश्वास सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ेगा और सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने से प्राइवेट स्कूलों में भी व्यवस्थाएं सुधरेगी और छात्रों और अभिभावकों के प्रति सहयोगात्मक भावना पैदा होगी | जिससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की बात भी नहीं उठेगी | वर्तमान में तो सरकार स्वयं मानती है कि सरकारी स्कूल बीपीएल के बच्चों को पढ़ाने लायक भी नहीं है, इसीलिए बीपीएल श्रेणी के बच्चों के लिए आर टी ई के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25% सीटें आरक्षित रखी जाती है और बच्चों की फीस सरकार द्वारा वहन की जाती है जो फीस प्राइवेट स्कूलों को आरटीई के एडमिशन के एवज में दी जाती है उस धनराशि का उपयोग सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधारने में किया जा सकता है सरकारी स्कूलों में लोगों का विश्वास बहाल करना आवश्यक है और उसके लिए पहल स्वयं सरकार को ही करनी है |

तीन घरों में लूट की घटना, महिलाओं और बच्चे को कमरे में किया बंद फिर की लूट

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देहरादून, जनपद में शुक्रवार देर रात को तीन घरों में लूट की घटना सामने आई है। मौके पर पहुंची पुलिस जानकारी जुटा रही है। गोरखपुर चौके के पास घर में लूट की घटना रात करीब तीन बजे हुई। तीन सशस्त्र बदमाश दरवाजे की जाली कटकर अंदर दाखिल हुए। लूटने घुसे बदमाशों ने यहां पहले महिलाओं को कमरे में बंद किया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घर में वीना देवी, उनकी मां सीमा वर्मा और भांजा मौजूद था। रात करीब तीन बजे तीन सशस्त्र बदमाश दरवाजे की जाली कटकर अंदर दाखिल हुए। उन्होंने दोनों महिलाओं और बच्चे को कमरे में बंद किया और जेवर आदि लूट लिए।

वहीं बनियावाला में भी देर रात एक घर में बदमाशों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया। गोरखपुर चौक के पास एक घर में महिलाओं को कमरे में बंद कर जेवर लूटे। गोरखपुर चौक से कुछ दूर पर ही नितिन नाम के एक युवक के घर पर भी चोरी की वारदात हुई। घटना के बाद से शहर में हड़कंप मचा हुआ है।

नितिन ने सुबह पुलिस को बताया कि उसके घर से भी एक बॉक्स चोरी हुआ है। यह बॉक्स उसे खेत में पड़ा मिला। घटना किस समय हुई उसे नहीं पता चला। वह गहरी नींद में था।

ब्रैकिंग : भाई, तीन बहनों व उनके पतियों ने किया बड़े भाईयों के परिवार पर हमला, दो चोटिल

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हल्द्वानी, नैनीताल जनपद के हल्द्वानी से लगे उजाला नगर में एक ही परिवार के लोगों के बीच आपसी जंग की खबर है, मिली जानकारी के मुताबिक उजाला नगर में परिवार के छोटे भाई, तीन बहिनों व उनके पतियों ने मिलकर बड़े भाईयों के घर पर हमला बोल दिया। इस संघर्ष में एक बड़े भाई को चोटें आई, उसके उपचार कराने के बाद दूसरे बड़े भाई ने वनभूलपुरा पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

मिली जानकारी के अनुसार घटना उजालानगर क्षेत्र की है यहां हम्माद अहमद और दिलाशद अहमद दो भाई अपने परिवारों के साथ एक ही मकान में रहते हैं। 28 जून की रात 11 बजे के आसपास जब दोनों भाईयों के परिवार सोने की तैयारी कर रहे थे। तब किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी।

दरवाजा खोलते ही उनका छोटा भाई रश्शाद अहमद अंदर आ गया। उसके साथ उनकी तीन तीन बहनें मुस्फिरा व उसका पति अफजाल अहमद निवासी- खेडा गौलापार व युसरा उसका पति फरहद हुसैन निवासी खेडा गौलापार और नुसरा उसका पति आसिम निवासी- जौजाजाली हल्द्वानी जबरन घर के अन्दर घुस आये और और हम्माद उसके भाई के साथ समस्त परिजनो के साथ मारपीट शुरु कर दी जिससे हम्माद के हाथ और शरीर मे भी चोट आ गई ।

बीच बचाव करने आये भाई दिलशाद अहमद के उपर भी लात घूसों से ताबरतोड़ वार किये गए। जिससे वह बेहोश होकर गिर गया । चीख पुकार सुनकर आस पड़ोस के लोग आये । मौके पर आये भाई जव्वाद अहमद ने 112 पर फोन कर पुलिस को बुलाया भीड़ इक्कठा होने और पुलिस के आने की बात जान कर ये लोग भाग गये और जाते जाते परिवार समेत खत्म करने की धमकी दे गये ।
आरोप है कि इससे पहले दिन में 28 जून को ही दिन में रश्शाद, तीनों बहनें वउनके पति हम्माद की लाईन नंबर 3 स्थित दुकान में आकर भी झागड़ा करके गए थे। उन्होंने दुकान मे मोबाईल फोन भी तोड़ दिए थे।
रात को चोटिल हुए दिलशाद कोलेकर हम्माद सुशीला तिवारी हास्पिटल गया।अगले दिन उसे डिस्चार्ज किया गया।

आरोप है कि इन्ही लोगों ने हम्माद की मां से पहले बहला फुसलाकर वरिष्ठ नागरिक कल्याण एवं भरण पोषण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था। आरेप है कि वे हम्माद की जमीन हड़पना चाहते हैं। पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

विलक्षण प्रतिभा वाली बालिकाओं के लिए बोर्न टू शाइन लेकर आया है छात्रवृत्ति का अवसर

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देहरादून-आज की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी दुनिया में हर माता-पिता अपने बच्चे को अलग दिखाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। यह गलत नहीं होगा यदि बचपन की तुलना 10-12 वर्षों की एक संपूर्ण औद्योगिक प्रक्रिया से की जाए।

प्रारम्भ में, एक अद्भुद प्रतिभा की पहचान, एक महान प्रतिभा के रूप में की जाती है। वे सीखने और प्रदर्शन करने की उच्च स्तर की क्षमता प्रदर्शित करते हैं। लेकिन ये उपहार बाधाओं के साथ ही आता है।
● वे अपने दोस्तों के समूह में अलग-थलग महसूस कर सकते हैं, क्योंकि उनके दोस्त उनकी तरह उस प्रतिभा के लिए समान जुनून साझा नहीं करते हैं।
● कई बार उन्हें उम्र की बाधा, अवसरों और संसाधनों का लाभ उठाने से रोकती है।
इन प्रतिभाशाली बच्चों को समग्र देखभाल की आवश्यकता है।
आज के समाज में, भागीदारी बहुत कम है। हम जो कुछ चाहतें है, वो सब कुछ हमें परोस दिया जाता है।
ऐसी कई लड़कियां हैं जो ” चमकने के लिए पैदा हुई हैं “, लेकिन जो जीवन व्यापन में चमकती नहीं हैं ।

बोर्न टू शाइन यह चाहता है कि लड़कियों को वह जीवन मिले, जिसके वे हकदार हैं।। बॉर्न टू शाइन ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड की एक पहल है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में बालिकाओं को सशक्त बनाना है।
भारत का सबसे बड़ा मनोरंजन समूह, “जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस (ZEEL)’’, और भारत का सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद दान मंच, “ गिव इंडिया ’’, ने असाधारण रूप से प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करके, उनके लिए “अद्भुत इनक्यूबेटर” होने के अपने मिशन को साकार करने के लिए, हाथ मिलाया है।
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष, उमेश का कहना है कि है कि, “भारत की 18 वर्ष से कम की आबादी, दुनिया में सबसे अधिक है। समय की मांग इस युवा बल के लिए समान परिणाम की मांग करती है | ये मांग खासकर उन लोगों के लिए है, जो खुद में बदलाव लाने की प्रतिभा रखते हैं।
बोर्न टू शाइन इसी लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक कदम है। यह पहल हमें कलाकारों और बाल प्रतिभाओं की दुनिया में एक बड़ा बदलाव लाने में मदद करेगी।

कावेरी गिफ्टेड एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, बोर्न टू शाइन नॉलेज पार्टनर्स की संस्थापक निदेशक, श्रीमती मालती कलमाडी ने कहा कि, “ हमारी दृष्टि प्रतिभाशाली बच्चों को देश के नेतृत्व के लिए , और परिवर्तन एजेंटों के रूप में विकसित करना है। प्रतिभाशाली बच्चों के जीवन में दो सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों, अर्थात् शिक्षक और माता-पिता, के संवेदीकरण ने बच्चे को उसकी प्रतिभा का पता लगाने में सहायता की है ।
इन युवा कलाकारों को मार्गदर्शन के उच्चतम स्तर से अवगत कराया जाएगा। बेजोड़ प्रतिभा वाला बच्चा बाहर की दुनिया के लिए आकर्षक हो सकता है, लेकिन हर बार वह अपनी प्रतिभा को किशोरावस्था से आगे नहीं बढ़ा पाता है।
इस अनूठी पहल के तहत देश में, कला के किसी भी क्षेत्र में, 30 योग्य विलक्षण प्रतिभा वाली बालिकाओं को छात्रवृत्ति के लिए चुना जाएगा (15 वर्ष से कम आयु) और प्रत्येक बालिका को 3 वर्षों में फैली, 4,00,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी ।

बोर्न टू शाइन यह साझा करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा है कि उन्हें अपने स्कॉलरशिप की प्रविष्टियों पर एक अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है।
उन्हें लगता है कि यह अवसर बालिकाओं के जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रहा है। इसी कारण से, उन्होंने प्रविष्टियों की अंतिम तिथि 5 जुलाई 2022 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अत्यधिक प्रतिभा के साथ अक्सर चिंता और आत्मविश्वास की कमी जुडी रहती है। ऐसे में यह जरूरी है कि इन बालकों को सही मार्गदर्शन मिले। समय की आवश्यकता के विपरीत, हमारा आधुनिक समाज सूचनाओं पर आधारित है, न कि भागीदारी पर। किसी भरोसेमंद व्यक्ति की भागीदारी से ही बच्चे का जीवन अपनी सर्वोत्तम संभव स्थिति में खिल सकता है।

बोर्न तो शाइन इस समय की मांग पर खड़ा उतरता है।
छात्रवृत्ति पर विवरण
कोई भी लड़की जिसने किसी भी भारतीय कला में महारत हासिल की है और 15 साल से कम उम्र की है, वह बोर्न टू शाइन छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकती है। इनाम तीन साल की छात्रवृत्ति है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि ये बच्चियां अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें। 6 सप्ताह की आवेदन प्रक्रिया सभी भाषाओं और क्षेत्रों में खुली रहेगी और 100-300 बाल विलक्षणताओं को शॉर्टलिस्ट करने में मदद करेगी। देश भर में शीर्ष तीस को अपने कौशल का सम्मान करने और उस्ताद का दर्जा हासिल करने के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी। इस पहल के माध्यम से, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस, 60,000 से अधिक स्कूलों तक पहुंचने और बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के चयन करने की योजना बना रहा है। उम्मीदवारों का चयन करने के लिए आभासी और भौतिक दोनों प्रारूपों का उपयोग किया जाएगा।
To register, click on this link:- https://borntoshine.in/apply/

अधिक पेड़ पौधे होने से रोक सकेंगे बारिश के पानी को: वृक्षमित्र डॉ सोनी

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देहरादून, वृक्ष मित्र अभियान के सौजन्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवाल चमोली परिसर में मेरा पेड़-मेरा दोस्त (मेरा वृक्ष-मेरा मित्र) के तहत बोटल ब्रास, फाइकस, सुराई, देवदार, पय्या, रीठा के पौधों का रोपण किया गया, यह पौधारोपण पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में तथा प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ शहजाद अली, एसबीआई के प्रबंधक मोहित चनयाल तथा उपवन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र सिंह बिष्ट की गरिमामय उपस्थिति में वन महोत्सव मनाया गया। वृक्षमित्र के अनुरोध पर पौधों के सुरक्षा के लिए एसबीआई प्रबंधक ट्री गार्ड देंगे व सुरक्षा की जिम्मेदारी हस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ ने ली है।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं जलवायु परिवर्तन को रोकने व स्वच्छ आबोहवा के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करना होगा तभी पर्यावरिणीय संतुलन बनाया जा सकता हैं हम अपने आप को सौभाग्यशाली समझेत हैं जहां पैसठ प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित हैं और देश को ऑक्सीजन देता हैं इसे तभी कायम रखा जा सकता हैं जब हम वनों का संरक्षण करेंगे। उन्होंने कहा पेड़ पौधे बारिश के तेज धार व बहाव को रोकने में सहायक होते हैं जिससे जनधन की हानी रोक सकते हैं और बारिश के पानी को बचाया जा सकता हैं।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ शहजाद अली ने कहा जल जीवन के लिए पौधारोपण जरूरी हैं हमें पौधारोपण के साथ उनको जीवित रखने का संकल्प लेना होगा। वही एसबीआई के प्रबंधक मोहित चनियाल ने कहा हमारा मकसद स्वच्छ, सुंदर वातावरण बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करना होगा तभी हम बारिश के पानी को बचाने के साथ एक संतुलित वातावरण बना सकेंगे। उपवन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा वन विभाग का उद्देश्य वनों को लगाना और उनका हिफाजत करके पर्यावरणीय संतुलन बनाना है वृक्षमित्र डॉ सोनी का हम आभारी हैं उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना जीवन लगाया हुआ हैं उन्होंने एक एक पौधा उपहार में भेंट भी किया। पौधारोपण में हरीश चंद्र सोनी, दिनेश प्रसाद मिश्रा, डॉ कुलदीप सिंह, डॉ अक्षित थापा, फार्मासिस्ट अनिल मिश्रा, पंकज जोशी, पूजा जोशी, वृजमोहन मिश्रा, ललित जुयाल, कुंदन राम, गोपाल राम, वनबीट अधिकारी वासवानन्द चमोली, भरत सिंह बिष्ट, बलराज, ललित मोहन, वंशराज, अभिषेक, हेमंत चंद आदि थे।

मुझ पर राज्य के किसानों और जवानों दोनों के हितों के संरक्षण की जिम्मेदारी : गणेश जोशी

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“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार वाहनों को राज्य के सभी जनपदों के लिए कृषि मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना”

 

देहरादून, कृषि, उद्यान, ग्राम्य विकास तथा सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार रथों को हरी झण्डी दिखा कर राज्य के सभी जनपदों को रवाना किया। 1 – 7 जुलाई तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तीसरे सप्ताह को विशेष प्रचार सप्ताह के तौर पर मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के किसानां की फसलों को कीट बीमारियों, सूखा, अतिबृष्टि इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं से फसल जोखिम को कम करने के लिए उनकी फसलों को बीमा कवर की सुविधा दी जा रही है।
लाल बहादुर शास्त्री जी ने कहा था जय जवान जय किसान। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं जवानों और किसानों दोनों के हितों को संरक्षित करुं। हमारी सरकार किसानों के उत्पादन तथा उनकी आय को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। राज्य में दो बीमा एजेंसियां एसबीआई जनरल इंश्योरेंस (एसबीआई जीआई) और एग्रीकल्चर इंश्योरेशन कम्पनी ऑॅफ इंडिया (एआईसी) काम कर रही है। 2016 से अब तक राज्य के 12 लाख 46 हजार किसानों को बीमित किया जा चुका है। जिसमें से 4 लाख 93 हजार किसानों को 410.01 करोड़ की बीमा लाभ दिया जा चुका है।
कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि मौसम खरीफ 2016 से कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलायी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना उद्यान विभाग द्वारा संचालित की जा रही है।

कृषि मंत्री की अपील :

आज सभी जनपदों के लिए विशेष प्रचार – प्रसार वाहन यहां से रवाना किए जा रहे हैं। मैं राज्य के किसानों से अपील करता हूं कि आगामी 15 जुलाई तक अपनी किसी भी नजदीकी बैंक, सीएससी के माध्यम से या प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल से ऑनलाईन आवेदन कर फसल बीमा योजना का लाभ लें।

इन फसलों को दिया जा रहा है बीमा कवर :

योजना में 17 फसलें शामिल की गई हैं। जिसमें से कृषि विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत चार फसलों धान, मण्डुवा, गेहूं एवं मसूर को सम्मिलित किया गया है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत खरीफ में आलू, अदरक, टमाटर, मिर्च, फ्रैंचबीन तथा रबी में सेव, आड़ू, माल्टा, संतरा, मौसमी, आम, लीची, आलू, टमाटर एवं मटर को सम्मिलित किया गया है।

इस कार्यक्रम में निदेशक कृषि गैरीशंकर, संयुक्त कृषि निदेशक डॉ अजय कुमार शर्मा, सहायक निदेशक कृषि आरपी सेमवाल मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी, रवि पांडेय क्षेत्रीय प्रबंधक एआईसी, मनीष गोयल एसबीआई जनलरल इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव धीमान, शशीकांत भोसूरे, सुरेश लाल, भाजपा मण्डल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, पार्षद संजय नौटियाल भी उपस्थित रहे।

कृषिमंंत्री जोशी जगन्नाथ रथ यात्रा में हुये शामिल, भगवान जगन्नाथ का लिया आर्शीवाद

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देहरादून, कृषि, उद्यान, ग्राम्य विकास तथा सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज जोहड़ीगांव में जगन्नाथ रथ यात्रा में प्रतिभाग कर भगवान जगन्नाथ जी का आर्शिवाद प्राप्त किया। इस दौरान परंपराओं के निर्वहन के साथ श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। अतिथियों और श्रद्धालुओं ने ‘हरि बोल, हरि हरि बोल, आज जुबां पर एक ही नाम’ जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ रथ खींचा। कृषि मंत्री ने कहा कि इस अवसर पर वह समस्त राज्य वासियों के कल्याण एवं समृद्धि की प्रार्थना करते हैं और आशा करते हैं कि भगवान श्री जगन्नाथ, सुदर्शन जी प्रभु बलभद्र व माता सुभद्रा हम सभी को यश, सम्पन्नता, स्वास्थ्य और खुशहाली देवें।

रथयात्रा समिति की ओर से शुक्रवार को 25वीं श्री श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया गया। श्री श्री जगन्नाथ भगवान की परिवार सहित पूजा-अर्चना के बाद फूलों इत्यादि से सजे सिंहासन पर श्री श्री जगन्नाथ, सुदर्शन जी फिर प्रभु बलभद्र व माता सुभद्रा को सिंहासन पर विराजमान किया गया। इसके बाद रथयात्रा के सारर्थियों द्वारा रथ को खींचा गया। रास्ते में नयागांव, जोहड़ी तथा अनारवाला में भगवान श्री श्री जगन्नाथ की माता महालक्ष्मी की सभी श्रद्धालुओं ने आरती उतारी गई और हल्दी से मिले चावल बरसाए गए।
रथ यात्रा के दौरान ज्योति कोटिया, संध्या थापा, अनीता शास्त्री, निर्मला थापा एवं अन्य श्रृ़द्धालुगण भी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड बनेगा नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य

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अच्छी खबर : शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए एक कदम – “चिन्तन शिविर”

 

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने इण्डियन पब्लिक स्कूल, झाझरा में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय शैक्षिक चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘बाल वाटिका’ पुस्तक एवं शिक्षा विभाग की मार्गदर्शिका के साथ ही पुस्तक ‘निपुण भारत’ एवं ‘सामान्य ज्ञान एक पहल’का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आशा व्यक्त की कि शिक्षा विभाग के इस चिंतन शिविर में जो चिंतन होगा, उसके आने वाले समय में सुखद परिणाम आयेंगे। उन्होंने सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने की चुनौती एवं गुणात्मक शिक्षा के उपायों पर इस शिविर में गहनता से मंथन किये जाय। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या घटने के कारणों एवं इसको बढ़ाने के लिए गहनता से ध्यान देने की जरूरत है। नौनिहालों के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति एक क्रान्तिकारी परिवर्तन है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य विद्यालयी शिक्षा के सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए श्रेष्ठ मानव का निर्माण करना है। यह शिक्षा नीति प्राचीन भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गयी है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष ज़ोर देती है। इस नीति का लक्ष्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली को विकसित करना है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा और मूल्यों से परिपूर्ण हो। उन्होंने कहा कि हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को यथावत् लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बनने जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 09 नवम्बर 2025 को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जंयती मनायेगा। शिक्षा विभाग तब तक बेस्ट प्रैक्टिस के तहत क्या कर सकता है, इस पर आज से ही ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के कारण शैक्षिक हानि हुई है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के मानसिक व्यवहार पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के नियमित अनुश्रवण एवं प्रशासकीय कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विकास खण्ड स्तरीय अधिकारियों को भी वाहन देने अथवा मासिक रूप में धनराशि उपलब्ध कराने हेतु शिक्षा विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा जाय, ताकि इस समस्या का निदान हो सके।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए राज्य में यह पहला शैक्षिक चिंतन शिविर आयोजित किया जा रहा है। इसके बाद प्राचार्यों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी इस तरह के शैक्षिक चिंतन शिविर में बुलाया जायेगा। इस तरह के शैक्षिक चिंतन शिविरों के आयोजन से शिक्षा के क्षेत्र में आगे का रोडमैप तैयार होगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत 30 छात्रों पर एक टीचर का होना जरूरी है। उत्तराखण्ड में अभी 15 छात्रों पर एक टीचर है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बनने जा रहा है। नई शिक्षा नीति राज्य में बहुत जल्द लागू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस परिवर्तित किया जा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित शिक्षा, योग, वेद, पुराणों, स्थानीय बोलियों एवं संस्कृत आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में विद्या समीक्षा केन्द्र एक साल में बनकर तैयार हो जायेगा।

इस अवसर पर विधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर, पूर्व राज्यसभा सांसद श्री आर.के सिन्हा, सचिव शिक्षा श्री रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी, शिक्षा निदेशक श्री आर.के कुंवर, निदेशक एस.सी.ई.आर.टी श्रीमती सीमा जौनसारी, शिक्षा विभाग के निदेशालय एवं जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।