Sunday, May 18, 2025
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उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 17 वीं बैठक : हमें राज्य में जनहित के उद्देश्य से कार्य संस्कृति में सुधार लाना है : मुख्यमंत्री

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 17 वीं बैठक आयोजित की गई। काफी लंबे समय से बोर्ड की बैठक न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बोर्ड की बैठक नियमित तौर पर समय से आयोजित की जाएं। सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर काम करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में नया वर्क कल्चर लाए हैं। हमें राज्य में जनहित के उद्देश्य से कार्य संस्कृति में सुधार लाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठको में स्वागत संबंधी औपचारिकताओं को न करते हुए सीधे बैठक के एजेंडा पर चर्चा की जाए। इससे चर्चा के लिए अधिक समय मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठकों में केवल बातचीत ही नहीं, बल्कि समाधान भी निकले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में वन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और प्रकृति संरक्षण बहुत जरूरी है। साथ ही राज्य का विकास भी जरूरी है। हमें इकोलोजी और ईकोनोमी में समन्वय बनाकर चलना है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 : उत्तराखंड चारधाम में तीर्थयात्रियों सहित गणमान्य व्यक्तियों ने श्री बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में मनाया योग दिवस

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श्री बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति एवं पतंजलि योगपीठ, जिला प्रशासन द्वारा योग महोत्सव का आयोजन।

• श्री केदारनाथ धाम में मंदिर प्रांगण में केंद्रीय मंत्री डा. संजीव कुमार वालियान एवं केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने योग दिवस की शुरुआत की।

• श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने दीप प्रज्ज्वलित कर श्री बदरीनाथ धाम में योग महोत्सव की शुरुआत की।

• मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं मुख्य कार्याधिकारी बी. डी. सिंह ने मंदिर सिंह द्वार के निकट योगाभ्यास में शामिल हुए।

•पतंजलि योग विद्यालय के छात्रों, मंदिर समितिकर्मियों, गढ़वाल स्काउट के जवानों, एसडीआरएफ एवं पुलिस के जवानों ने योगाभ्यास किया।

रुद्रप्रयाग(श्री बदरीनाथ धाम/ श्री केदारनाथ धाम/ गंगोत्री-यमुनोत्री), श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर मंदिर परिसरों में योगाभ्यास का आयोजन किया गया। गंगोत्री यमुनोत्री धाम से भी योग दिवस मनाया गया है।
योग दिवस पर श्री केदारनाथ धाम में केंद्रीय मंत्री डा. संजीव कुमार वालियान तथा श्री बदरीनाथ धाम में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी)के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने दीप प्रज्वलन कर योग दिवस की शुरूआत की।
दोनों धामों में मंदिर समिति, जिला प्रशासन, पतंजलि योग पीठ, तीर्थ पुरोहितों, हकहकूक धारियों, स्थानीय लोगों, तीर्थयात्रियों, छात्रों ने योगाभ्यास किया। श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम के अधीनस्थ मंदिरों में योग दिवस पर योगाभ्यास का आयोजन हुआ।
श्री बदरीनाथ धाम में मंदिर समिति कर्मियों, छात्रों, सेना एवं पुलिस के जवानों, तीर्थयात्रियों ने योगाभ्यास एवं प्राणायाम किया
इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी बी. डी. सिंह सहित पतंजलि योग पीठ प्रशिक्षक साध्वी देव श्रुति, विक्रम सिंह बर्तवाल,योग गुरु कुंवर सिंह नेगी, हर्षवर्धन मैठाणी भास्कर ओली एवं थानाध्यक्ष कैलाश चंद्र भट्ट, सहित तीर्थपुरोहित, गढ़वाल स्काउट, पुलिस, पीआरडी के जवान तथा तीर्थयात्री योगाभ्यास में शामिल हुए।

केदारनाथ धाम में भाजपा प्रदेश‌महामंत्री सुरेश भट्ट, विधायक शैलारानी रावत, सचिव मत्स्य पालन जेएन सोबेन, सचिव पशुपालन वीवीआरसी पुरूषोत्तम, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, केदारसभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा एवं योगेंद्र सिंह, योग गुरु नवदीप जोशी,मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, मृत्युंजय हीरेमठ, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला सहित बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों, जवानों जिला प्रशासन के कर्मचारियों ने योगाभ्यास किया। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री गंगोत्री एवं श्री यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा श्री गंगोत्री धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम परिसर में तीर्थयात्रियों, पुलिस, प्रशासन एवं मंदिर समितियों ने योग दिवस मनाया तथा योगाभ्यास का आयोजन किया।

प्रणव गौनियाल सेना बने लेफ्टिनेंट, भारतीय सेना में मेडिकल ऑफिसर बनने पर हरिद्वार एवं गांव का बढ़ा सम्मान

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हरिद्वार, जनपद के रानीपुर स्थित शिवलोक कॉलोनी निवासी प्रणव गौनियाल के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर मेडिकल आफिसर बनकर कमीशनिंग लेने पर शहर का तथा गांव का मान बढ़ाया है। प्रणव के पिता ओ पी गौनियाल,पन्नालाल भल्ला म्यु इंटर कॉलेज हरिद्वार के प्रधानाचार्य तथा माता श्रीमती आरती गौनियाल, राजकीय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका है। मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर(डांडा मंडल) क्षेत्र के ग्राम कचुन्डा के प्रणव ने अपनी हायर सेकंडरी तक की शिक्षा जीवविज्ञान विषय से सैंट मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल, ज्वालापुर, हरिद्वार से उत्तीर्ण की। उसके पश्चात नीट की परीक्षा में सफल होने के बाद ऑल इंडिया की रैंकिंग में स्थान पाने पर आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज, AFMC पुणे से एम बी बी एस की डिग्री तथा सेना का प्रशिक्षण पूरा कर के भारतीय सेना में मेडिकल कोर की पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट के पद पर मेडिकल आफिसर के रूप में पूर्णकालिक कमीशनिंग लेकर शामिल हुए। प्रणव का कहना है कि उनका पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में ही कार्यरत है, किंतु उनके बचपन से ही दो सपने थे, कि या तो भारतीय सेना में अधिकारी बनना है, या डॉक्टर के रूप में समाज सेवा करनी है।

यह दोनों ही सपने उनके एक साथ साकार हुए, जो भारतीय सेना में डॉक्टर के रूप में चयन होकर पूर्ण हुआ। उनका कहना है कि मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ही देश सेवा व समाज सेवा का यदि लक्ष्य हो तो उसे मेहनत व लगन से ही प्राप्त किया जा सकता है। कड़ा अनुशासन व ध्येय प्राप्त करने के लिए समर्पण आवश्यक है। उनके लक्ष्य प्राप्ति में उनकी दोनों बड़ी बहिनों, जो एक कंप्यूटर इंजीनियर बेंगलुरु में सेवारत है तथा दूसरी छोटी बहिन जो अमेरिका से गणित विषय में पी एच डी कर रही हैं तथा उसी यूनिवर्सिटी में अध्यापन भी कर रही है, उनका मार्गदर्शन ही प्रेरणास्रोत रहा है। इसके अलावा प्रणव ने अपनी इस कामयाबी के पीछे अपने दादा जी स्व० श्री बृजमोहन गौनियाल, जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रहे एवं दादी स्व० श्रीमती शोभा देवी, जो साक्षात देवी तुल्य थी उनका आशीर्वाद एवं माता जी पिता जी तथा गुरुजनों की प्रेरणा को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हैं। प्रणव की इस कामयाबी की खुशी पर सभी रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों, शिक्षक परिवार के साथियों तथा उनके दोस्तों द्वारा बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी गई, एवं खुशी में मिठाइयां बांटी गई।

केंद्रीय मंत्री का पंचायतों में जन सहभागिता पर जोर, महाराज ने पीएमजीएसवाई की खराब गुणवत्तायुक्त सड़कों के मामला की दी जानकारी

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देहरादून, पंचायतों को मजबूत करने के लिए जन सहभागिता जरूरी है। सरकार की योजनाओं की सही एवं पूर्ण जानकारी गांवों तक पहुंचाने के लिए सभी विभागों को आपस में तालमेल बैठाकर काम करना चाहिए। उक्त बात केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने सर्वे ऑफ इंडिया के सभाकक्ष में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास भूमि संसाधन एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की बैठक में कही।

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह व राज्य के पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को सर्वे ऑफ इंडिया के सभाकक्ष में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास भूमि संसाधन एवं पंचायती राज विभागों के मंत्री, सचिव अपर सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागों द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रगति जानने के साथ-साथ आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

बैठक के दौरान जब प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने पीएमजीएसवाई द्वारा निर्मित सड़कों की खराब गुणवत्ता के विषय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बताया तो उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों के निर्माण में जन सहभागिता और पारदर्शिता होनी बहुत जरूरी है विकास योजनाओं के विषय में पंचायत स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों, सांसदों और विधायकों से इस संबंध में दिशा निर्देश प्राप्त करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मानकों अनुरूप गुणवत्ता परखने के लिए 5 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए लैब का होना आवश्यक है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार योजनाओं की जानकारी ग्राम पंचायत स्तर पर पहुंचाने की व्यवस्था, पारदर्शिता और जन सहभागिता का होना अति आवश्यक है। उन्होंने पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायतों का स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए और सभी विभाग इसमें मिलकर अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें। इस प्रकार के आयोजन के माध्यम से कौन-कौन सी योजनाएं आम जनता के लिए चलाई जा रही हैं, उसका लाभ किस प्रकार से उठाया जा सकता है। यह सभी जानकारियां उपलब्ध करवाना आवश्यक है। बैठक के दौरान पंचायत मंत्री सतपाल महाराज कहा कि किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित करना चाहिए जिससे कि वस मौसम के अनुरूप अपनी खेती की तैयारी कर सकें।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत 9727 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में से अभी तक कुल 3189 अभ्यर्थियों को ही रोजगार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जाहिर की उन्होंने कहा कि अति शीघ्र अन्य प्रशिक्षणार्थियों को भी रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न गांव में सफल महिलाओं स्टोरी को बनाकर उसे लोगों को सुनाएं। प्रोग्रामिंग के माध्यम से सरकार की योजनाओं को ग्रामसभा स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करें।

बाज और बुरांस पर काम करने की आवश्यकता पर बल देते हैं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति तभी संभव है जब हम पंचायतों को सशक्त करने के लिए आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करें। जलागम विभाग के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि जो जमीन खेती के योग्य नहीं है वहां पर प्लांटेशंस की व्यवस्था हो और इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट बनाकर विभाग आपस में चर्चा करें जहां पर फल युक्त वृक्ष लगाने की आवश्यकता है वहां पर फलों के वृक्ष लगाएं और जहां पर अन्य वृक्षों की जरूरत है वहां पर उनका रोपण किया जाए।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भारत सरकार के पंचायती राज सचिव सुनील कुमार, संयुक्त सचिव आलोक कुमार नागर, ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार के डी.डी.जी. गया प्रसाद, भूमि संसाधन विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव उमाकांत, प्रदेश के पंचायती राज विभाग के सचिव नितेश झा, निदेशक बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी एवं उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी आदि मौजूद थे।

देशभर में 75 प्रमुख स्थानों, 500 जिलों और पांच हजार तहसीलों में करीब 20 करोड़ लोगों को पंतजलि ने योग से जोड़ा

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8वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस : योग पूजा-पाठ नहीं पूर्वजों की विद्या है : बाबा रामदेव

हरिद्वार, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पतंजलि ने देशभर में 75 प्रमुख स्थानों, 500 जिलों और पांच हजार तहसीलों में करीब 20 करोड़ लोगों को योग से जोड़ा। योग गुरु स्वामी रामदेव हरिद्वार स्थित पतंजलि से योग साधकों के साथ योगासन किया। आचार्य बालकृष्ण ने नई दिल्ली स्थित लालकिला परिसर में योगाभ्यास कराया। इस अवसर फर अपने उद्बोधन में योग गुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि योग पूजा-पाठ नहीं बल्कि पूर्वजों की विद्या है। 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व सोमवार को पतंजलि में योगाभ्यास करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि योग शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक मांग है। इससे बीमारियों पर नियंत्रण होता है। योग के विभिन्न पहलू हैं। इन सभी पहलुओं को आमजन को समझाना आववश्यक है, जिससे योग जन जन तक पहुंचे |
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भ्रांति फैलाई है कि योग केवल योगियों, गुफाओं और कंदराओं में रहने वालों को करना चाहिए। फलां मजहब के लोगों को नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 175 देशों ने योग को अपनाया है। इनमें कम्युनिस्ट और इस्लामिक देश भी हैं। दुनिया मानती है कि योग मजहबी विद्या नहीं है।May be an image of 4 people and people standing

योग गुरु रामदेव ने पंतजलि में आये साधकों संबोधित करते हुये कहा कि योग आरोग्य की आत्मनिर्भरता का सूत्र है। कोरोनाकाल में दुनिया ने योग के महत्व को समझा है। योग करना और कराना उनका परम धर्म है। यही सेवा, राष्ट्र और मानवता का धर्म है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योग भारत की विधा है।
पूरी दुनिया में योग पहुंचता है तो भारत और भारतीयों के लिए गौरवशाली क्षण होगा। उन्होंने कहा कि 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग जरूर करें ताकि दुनिया में संदेश जाए कि जहां से योग विद्या शुरू हुई वहां का हर व्यक्ति योग करता है और योग के प्रति समर्पित है।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: 75 हेरिटेज साइट में हर की पैड़ी का भी चयन,​ केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह रहेंगे मौजूद | International Yoga Day- Har ki Paidi also selected ...

हरकी पैड़ी स्थित मालवीय घाट में हुआ योग कार्यक्रम, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लिया भाग

हरिद्वार के हरकी पैड़ी स्थित मालवीय घाट पर योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय ग्रामीण और पंचायती राज विकास मंत्री गिरिराज सिंह कार्यक्रम का हिस्सा बने। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हरकी पैड़ी पर कार्यक्रम की शुरुआत सुबह साढ़े पांच बजे से हुई।

 

 

सुबह छह बजे से छह बजकर चालीस मिनट तक केंद्रीय मंत्री और विशिष्टजन ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके बाद सुबह छह बजकर चालीस मिनट से सात बजे तक प्रधानमंत्री का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधन सुना गया। सुबह सात से पौने आठ बजे तक सामूहिक रूप से योग किया गया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी शामिल हुये, डीपीएस रानीपुर के बच्चों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

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कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया में स्थापित करने का कार्य किया है। दुनिया में कभी भारत के झंडे को स्वामी विवेकानंद ने फहराने का काम किया था।

2014 में पीएम बनते ही नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा। दुनिया के 193 में से 177 देशों ने इसे मनाने का निर्णय लिया। कहा कि योग आध्यात्मिक बल भी देता है। आध्यात्मिक शांति का संदेश देता है। कोरोना काल में योग ने पूरी दुनिया को एक करने का काम किया। शांति का संदेश दिया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि योग रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है। भारत के करोड़ों युवा देश दुनिया में योग का संदेश देने के साथ जीविकोपार्जन भी कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में 27 से 30 बिलियन डालर की योग इंडस्ट्री है।

 

इस अवसर पर सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ,गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य मौजूद रहे।

 

उत्तराखण्ड के पहले स्मार्ट गांव में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने किया योगाभ्यास

उत्तराखंड के पहले स्मार्ट गांव में ग्राम्य विकास मंत्री ने किया योग - हिन्दुस्थान समाचार

मसूरी, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मसूरी के निकट क्यारकुली गांव में आयुष विभाग की ओर से आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने उपस्थित होकर ग्रामीणों संग योग किया। इस अवसर पर योग शिक्षिका व आईटीबीपी की पूर्व डिप्टी कमांडेंट राजश्री रावत ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों व अन्य को योग करवाया।
इस मौके पर मंत्री गणेश जोशी ने योग दिवस पर सभी को बधाई दी व कहा कि योग करने से बिना पैसे व दवा किए कई रोगों से निजात मिलती है व शरीर स्वस्थ्य रहता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का विशेष आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने यूएनओ में योग को विश्व स्तर पर मनाने व इसे विश्व योग दिवस का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि योग से मन के साथ ही शरीर स्वस्थ्य रहता है। उन्होंने कहा कि योग से असाध्य रोग भी दूर होते है इसलिए सभी को योग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग भारत में बहुत पहले से किया जाता है और तक ऋषिमुनि डेढ से दो सौ साल तक जीते थे। मंत्री ने कहा कि क्यारकुली मेरा प्रिय गांव है और इसलिए आज के शुभ दिन के लिए मैंने इस गांव को चुना।
इस मौके पर काबीना मंत्री गणेश जोशी ने योग शिक्षिका राजश्री रावत सहित योग करवाने वालों को शाल भेंट कर सम्मानित किया गया वहीं हाल ही में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनको सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में भाजपा मसूरी मंडल के अध्यक्ष मोहन, पेटवाल, ग्राम प्रधान कौशल्या रावत, राकेश रावत, एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, टीएस रावत, उप प्रधान जितेंद्र जदवाण, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व अन्य लोग मौजूद रहे।

योग स्वास्थ्य को निरोग करने की विद्या है जो हमारे पौराणिक काल से चली आ रही है : मुख्यमंत्री धामी

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देहरादून, मंगलवार को 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन, योग नगरी ऋषिकेश में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित योग कार्यक्रम का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्याक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी एवं दोनों बच्चों संग हजारों लोगों के साथ योग किया एवं राज्य के साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी।

इस दौरान मुख्यमंत्री को चिंदानंदमुनी सरस्वती परमार्थ निकेतन द्वारा गंगा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संपूर्ण विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मना रहे है आज योग जन जन तक पहुंचा है इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का अभिनंदन एवं धन्यवाद किया। योग स्वास्थ्य को निरोग करने की विद्या है जो हमारे पौराणिक काल से चली आ रही है हमें इसे सजों कर रखते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी इसमें ढालने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा योग से संपूर्ण शरीर की दिशा एवं दशा बदलती है साथ ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है। उन्होंने कहा आदिकाल से ऋषि-मुनियों ने योग को अपनाया है उनकी शक्ति एवं सफलता के पीछे योग एवं ध्यान है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन में मुख्यमंत्री धामी ने  अपने परिवारिक सदस्यों के साथ योग में प्रतिभाग किया, संदेश दिया ...

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश नगरी को योग धर्म संस्कृति आयुष की धरा बताया। उन्होंने कहा जिस तरह ऋषिकेश से मां गंगा पूरे देश को जीवन देने का कार्य करती है, उसी प्रकार ऋषिकेश से योग का संदेश पूरे विश्व में जाता है। उन्होंने कहा योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम Yogafor humanity भी मनुष्य एवं मानवता हेतु योग के सकारात्मक संकेतों को दर्शाता है।
धामी ने कहा कि भारत की नीति हमेशा से सत्यता एवं न्याय के आधार पर आगे बढ़ने की रही है, उन्होंने कहा हमारा देश मानवता की सेवा का जीता जागता उदाहरण है। कोरोना काल के बाद मेगा वैक्सीनेशन का कार्य भारत वर्ष में चलाया गया, साथ ही मानवता का परिचय देते हुए दुनिया भर में भारत द्वारा वैक्सीन बांटने का कार्य किया गया। भारत ने हमेशा से सभी के सुख और कल्याण की कामना करते हुए “सर्वे भवंतू सुखिन, सर्वे संतु निरामया” की भावना का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य को 25वे वर्ष पर योग, संस्कृति, पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है, जिसके लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी विभागों को अगले 10 वर्षो के विकास कार्यो का रोडमैप तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा आने वाले समय में ऋषिकेश क्षेत्र में पर्यटन हेतु और अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था जिस पर केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने हजारों की संख्या में योग करने आए लोगों के उत्साह को नमन करते हुए सभी को धन्यवाद अर्पित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट पर गंगा स्नान किया।
परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि योग की राजधानी के रूप में विश्वविख्यात संतनगरी ऋषिकेश के गंगा के तट से आज योग का संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग हमें ऑलनेस, वेलनेस संदेश देता है, योग एक इंसान को दूसरे इंसान से और जीवमात्र को जीवमात्र से जोड़ता है। योग हमारे मन- मस्तिष्क की वर्जनाओं-बाधाओं को दूर करता है तथा सभी को आपस में प्रेम, विश्वास, सद्भाव से जोड़े रखने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ योग में प्रतिभाग करके यह संदेश दिया कि योग को अपने परिवार के साथ करें।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ,मेयर नगर निगम श्रीमती अनिता मंमगाई, विधायक श्रीमती रेनू बिष्ट, विधायक दुर्गेश्वर लाल, पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती, पदमश्री जागर गायिका बसती बिष्ट, पदमश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, डीजीपी अशोक कुमार, आयुष सचिव डॉ. पंकज पांडे, जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी प्रशांत कुमार, अपर जिलाधिकारी इलागिरी, एसडीएम विनोद कुमार व संदीप कुमार, प्रो. सुनील कुमार जोशी (कुलपति, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय विधायक ), डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी (निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखंड) एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

अग्निपथ योजना पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों के साथ किया संवाद

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर अग्निपथ योजना के संबंध में पूर्व सैनिकों के साथ विचार विमर्श का संवाद कार्यक्रम आयेजित किया गया। यह संवाद कार्यक्रम सीएम कैम्प कार्यालय के मुख्य सेवक सदन में आयेजित किया गया। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां अग्निपथ योजना पर पूर्व सैनिकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है। उत्तराखण्ड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत कराएं। इसे लेकर युवा भ्रमित न हों।

प्रधानमंत्री जी का हर निर्णय देशहित में

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का पूरा जीवन देशहित को समर्पित है। उन्होंने अभी तक जो भी निर्णय लिये, देशहित में लिये। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का कल्याण उनकी प्राथमिकता है। लम्बे समय तक लम्बित वन रैंक वन पेंशन के संबंध में उनके द्वारा ही निर्णय लिया गया। सियाचीन में तैनात सैनिकों के उच्च स्तरीय उपकरण, आदि की उन्होंने व्यवस्था कराई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना भी देशहित में लाई गई है। चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी। सेना से आने पर उसके पास इतनी जमाराशि हो जाएगी कि वह अपना स्वयं का व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकता है। या फिर उच्च स्तरीय अध्ययन भी कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीरों को आकर्षक वेतन पैकेज के साथ ही रिस्क व हार्डशिप एलाउंस भी दिये जाएंगे। चार साल की अवधि के बाद पारदर्शी तरीके से 25 प्रतिशत नियमित सेवा में जाएंगे। जबकि शेष 75 प्रतिशत को वन टाईम सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। इस वर्ष 46 हजार अग्निवीर भर्ती किये जाएंगे। इससे सेना की यंग प्रोफाइल होगी जिससे भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या है। यहां हॉर्टीकल्चर में व्यापक सम्भावनाएं हैं। राज्य सरकार हॉर्टीकल्चर में अग्निवीरों को प्रोत्साहित करने के लिये योजना की रूपरेखा तैयार करेगी। राज्य पुलिसबलों में प्राथमिकता की बात पहले ही कही जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एक सैनिक के पुत्र है। सेना से उनका स्वाभाविक लगाव है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों के बीच आकर ऐसा लगता है जैसे अपने अभिभावकों के बीच आ गए हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के मंथन से अमृत निकलेगा। जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन्हें संकलित किया जाएगा। राज्य स्तर की बात होने पर अग्निवीरों के हित में राज्य सरकार के स्तर से कार्यवाही की जाएगी जबकि केंद्र स्तर से संबंधित सुझावों को केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा।

युवाओं को भ्रम से बचाने के लिये सही जानकारी पहुंचाना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने युवाओं को सही दिशा दिखाने की जरूरत है। उन्हें भ्रमित होने से बचाने के लिये अग्निपथ योजना की सही जानकारी उन तक पहुंचानी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कर्मयोगी हैं। पूरा देश उनका परिवार है। उनके नेतृत्व में देश गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली बन रहा है।

सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में सेना में शामिल होने की परम्परा रही है। यहां योजना का सामान्यतः स्वागत किया गया है। अग्निपथ योजना से उत्तराखण्ड के युवा लाभान्वित होंगे। अग्निवीरों के लिये विभिन्न योजनाओं में क्या किया सकता है, इस पर राज्य सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, मेजर जनरल मोहन लाल असवाल, मेजर जनरल एस सब्बरवाल, विशेष प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री दीपेंद्र चौधरी सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी, एसएसपी सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे।
कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अग्निपथ योजना को देशहित में सेना को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण योजना बताया। उन्होंने इस संबंध में अपने सुझाव भी दिये।

सेना की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस : वापस नहीं होगी अग्निपथ स्कीम, भर्ती प्रक्रिया की तारीखों का हुआ ऐलान

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थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से, वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से और नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।

नई दिल्ली, अग्निपथ स्कीम को लेकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में थल सेना की ओर लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्‍पा, नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयरफोर्स की ओर से एयर मार्शल सूरज झा शामिल हुए. जानिए इस पीसी की 10 बड़ी बातें.अग्निपथ स्कीम को लेकर मचे बवाल के बीच रविवार को तीनों सेनाओं ने प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt General Anil Puri) और तीनों सेना के एचआर हेड प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे |
तीनों सेना के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगा। सेना ने कहा कि कोचिंग संस्थान छात्रों को भड़का और उकसा रहे हैं। अनिल पुरी ने कहा कि सेना में जाने वाले उम्मीदवारों को हिंसा और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। सेना ने तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया की तारीखों का ऐलान करते हुए बताया कि थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से, वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से और नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे।

अनिल पुरी ने कहा कि जो भी युवा इधर-उधर, भटक रहे हैं वह अपना समय बर्बाद नहीं करें क्योंकि किसी के लिए भी फिजिकल टेस्ट पास करना उतना आसान नहीं होता है। उनसे गुजारिश है कि वह अपना पूरा ध्यान अगले महीनों में होने वाले टेस्ट पर लगाएं।’

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ये रिफॉर्म काफी पहले से होना था. 1989 में ये काम शुरू हुआ था. हमारी तमन्ना थी कि ये काम शुरू हो, इस पर लगातार काम चल रहा था. जिसमें कमांडिंग ऑफिसर की उम्र कम की गई. ऐसे ही कई बदलाव हुए. हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. कभी किसी ने उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि रिटायरमेंट के बाद वे क्या करेंगे ?
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवर’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा |
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. अब सेना में भर्ती इसी योजना के तहत होगी.
विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अग्निवीरों के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पहले से तय थी. ये घोषणाएं अग्निपथ स्कीम की घोषणा के बाद हुई हिंसा की वजह से नहीं की गई.
थल सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 ‘अग्निवर’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे ये संख्या 40,000 हो जाएगी.
एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि IAF में 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 24 जून से अग्निवीर बैच नंबर 1 की पंजीकरण प्रक्रिया और 24 जुलाई से चरण 1 ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होगी. पहला बैच दिसंबर तक एनरोल होगा और पहले बैच की ट्रेनिंग 30 दिसंबर से शुरू होगी.
नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा. एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे. नौसेना में हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं. उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है. मुझे आशा है कि महिला और पुरुष अग्निवीर आईएनएस चिल्का पर रिपोर्ट करेंगे |
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन ही भारतीय सेना की नींव है. आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है. प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वो विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं था. फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें. यदि किसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे सेना शामिल नहीं हो सकते |
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए. 2030 में हमारे देश में 50 फीसदी लोग 25 साल की उम्र से कम के होंगे. क्या ये अच्छा लगता है कि देश की सेना जो रक्षा कर रही है वो 32 साल की हो. बाहरी देशों की भी स्टडी की गई. सभी देशों में देखा गया कि उम्र 26, 27 और 28 साल थी. इस योजना के तहत अगले 4-5 वर्षों में 50,000-60,000 सैनिकों की भर्ती करेंगे. बाद में ये संख्या बढ़ाकर 90,000-1 लाख हो जाएगी. हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 की संख्या से छोटी शुरुआत की है, भविष्य में हम ये संख्या 1.25 लाख तक लेकर जाएंगे |

बता दें कि बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर रविवार को पांचवें दिन भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजधानी पटना में उपद्रवियों ने आज सुबह जीआरपी के आसपास वाहनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की है।

इस बीच, ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के विरोध में रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर कांग्रेस नेताओं ने ‘सत्याग्रह’ किया। इस दौरान पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य अन्य नेता मौजूद रहे। वाड्रा ने मीडिया से कहा, “देश की सेवा करने के लिए पूरे जीवन भर सेना में भर्ती होना चाहते हैं। ये जो भी हो रहा है गलत हो रहा है। इस योजना को वापस लेना चाहिए।” वहीं, राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले पार्टी नेता सचिन पायलट बोले- कोविड के बहाने से आपने (सरकार) 2 साल से भर्तियां रोक रखी थी। 1.25 लाख भर्तियां केवल फौज में खाली है। आप सिर्फ भ्रमित कर लोगों का भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं हम सत्याग्रह कर सरकार को यह योजना वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे।

जिला प्रशासन की अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई : नौ ट्रक/डंपर को किया सीज

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश के बाद जिलाधिकारी डाॅ आर राजेश कुमार ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध खनन, भण्डारण एवं अवैध परिवहन की सूचनाओं पर नियमित छापेमारी करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जिस को गंभीरता से लेते हुए विकासनगर क्षेत्रान्तर्गत तहसीलदार विकासनगर सोहन सिंह रागंण एवं जिला खनन अधिकारी वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में राजस्व एवं खनन विभाग ने अवैध खनन एवं खनन के अवैध परिवहन के विरुद्ध चलाये गए अभियान के दौरान 9 ट्रक,डंपर को सीज किया गया, जिनमें 2 वाहन बिना रवन्ना तथा 07 वाहन क्षमता से अधिक उपखनिज से भरे पाए जाने के फलस्वरूप उक्त वाहनों को सीज करते हुए राज्य में प्रख्यापित उत्तराखण्ड उप खनिज (बालू, बजरी, बोल्डर) चुगान नीति, उत्तराखण्ड खनिज नियमावली का उल्लंघन है। संबंधित पर 5 लाख अर्थदण्ड की कार्यवाही की गई है।

जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने अवगत कराया है कि अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण पर लगातार कार्यवाही की जा रही है इसी के फलस्वरूप बीती रात्रि में विकासनगर क्षेत्र अंतर्गत यह कार्रवाई की गई। तथा भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यवाही जारी रहेगी।

 

केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने दिया सीएम के द्वारा उठाये गये विषयों पर कार्यवाही का आश्वासन

देहरादून, रविवार को देहरादून में स्थित सीएम आवास कैम्प कार्यालय में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं आवास से सम्बन्धित प्रदेश में संचालित विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से चर्चा की।

वही इस मौके पर सीएम ने कहा कि राज्य की विपरीत भौगोलिक परिस्थिति, पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बरसात, अत्यधिक ठंड तथा सड़कों के लिये वन एवं पर्यावरण से सम्बन्धित स्वीकृतियों आदि में समय लगने के कारण निर्माण कार्यों के लिये समय कम मिल पाता है, इसके लिये मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यों को पूर्ण करने की समय सीमा मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा को भी सितम्बर, 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने का अनुरोध किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थिति वाले सीमांत क्षेत्रों के कम आबादी वाले 150 से 250 तक आबादी वाले गांवो को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क से जोड़ने के लिये मानकों में छूट दिये जाने का भी अनुरोध किया। अभी तक 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को इसमें शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानकों में छूट दिये जाने से 250 से कम आबादी वाले गांवों को भी सड़कों से जोड़ने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण, कम्प्यूटरीकरण एवं स्वच्छता के लिये भी अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराये जाने का भी अनुरोध भी केन्द्रीय मंत्री से किया।

वही इस मौके पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों की गुणवत्ता एवं रखरखाव के साथ ही सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत बतायी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण भी तेजी लाये जाने की अपेक्षा की।

वही इसी के साथ केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने मनरेगा के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों में पारदर्शिता लाये जाने के लिये इसकी मॉनीटरिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिये नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के साथ ही मोबाइल वाट्सएप्प ग्रुप बनाये जाने की व्यवस्था की जाय, इसमें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, वार्ड मेम्बर सम्बन्धित अधिकारियों के साथ सांसद एवं विधायकों को भी ग्रुप में जोड़े जाने की व्यवस्था रखी जाय ताकि इसके तहत होने वाले कार्यों में पारदर्शिता रहे तथा कार्यों में भी तेजी आ सकेगी।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा उठाये गये विषयों पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग आदि में सहयोग के लिये राज्य के साथ टैक्नॉलाजी वर्कशाप के आयोजन की भी बात कही।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, सचिव नितेश झा, आर.मीनाक्षी सुन्दरम, संयुक्त सचिव पंचायती राज भारत सरकार प्रेम नागर, अपर सचिव एवं एम. डी. पेयजल एवं पीएमजीएसवाई उदय राज, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी आदि उपस्थित थे।

 

निडर, निर्भीक, निष्पक्ष पत्रकारिता का समाज में अहम् योगदान रहता है : मुख्यमंत्री

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विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले विशिष्ट जनों को सीएम ने किया सम्मानित

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आईआरडीटी ऑडिटोरियम में आयोजित पत्रकारों के प्रांतीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, समाजसेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने के बीच एक स्मारिका का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार को पत्रकारों को दी जाने वाली पेंशन से सम्बन्धित नियमों को सरल बनाये जाने के निर्देश देते हुए प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकार कल्याण कोष के अधीन दी जाने वाली पत्रकार पेंशन की धनराशि 5000 से बढ़ाकर 8000 किए जाने एवं प्रदेश के विभिन्न जिलों से देहरादून आने वाले पत्रकारों को पूर्व की भांति सूचना विभाग द्वारा आवास व्यवस्था किये जाने की घोषणा की।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मीडिया से जुड़े अधिकांश पत्रकार भाइयों से परिचित हैं। पत्रकारिता का छात्र होने के नाते वे पत्रकारिता क्षेत्र की समस्याओं से भी परिचित हैं। आज समय के साथ पत्रकारिता के आयाम बदले हैं। पत्रकारों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि निडर, निर्भीक, निष्पक्ष पत्रकारिता का समाज में अहम योगदान रहता है। एक पत्रकार हमेशा समाज को शिक्षा देने के साथ दिशा देने का भी कार्य करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा की जनता एवं सरकार के बीच में संवाद कायम कर, सरकार एवं प्रशासन के सामने जनता की समस्याओं को सामने लाकर पत्रकार हमेशा ही अहम भूमिका निभाते हैं, साथ ही संवाद का माध्यम बनकर विकास में अपना योगदान देते हैं। उन्होंने सभी पत्रकारों से हमेशा साफ-सुथरी एवं निर्भीक निष्पक्ष निडर पत्रकारिता के साथ चलने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि कलम की ताकत हमेशा ही अन्य ताकतों पर भारी रहती है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार ने कहा कि सरकारी सेवा में आने से पहले वे भी पत्रकार रहे हैं। यह संयोग ही है कि उन्हें आज पत्रकारों के साथ सहयोगी के रूप में कार्य करने का भी अवसर मिला है। उन्होंने पत्रकारों से सकरात्मक एवं तथ्यात्मक रूप से जो कमियां उन्हें दिखाई दे उससे अवगत कराने तथा समाजहित से जुड़े कार्यों के प्रचार प्रसार में सहयोग की अपेक्षा की। कार्यक्रम में उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मीडिया से जुड़े तथा अन्य लोग उपस्थित थे।