Thursday, May 1, 2025
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भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर  दिल्ली आयोजित हुआ सैल्यूट तिरंगा सम्मान समारोह

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ऋषिकेश(आरएनएस)।   सैल्यूट तिरंगा सम्मान समारोह-2024 भारत के दशवें प्रधानमंत्री, भारत रत्न माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर दिल्ली में आयोजित किया गया। यह आयोजन न केवल भारतीय राजनीति और समाज के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि भारत की संस्कृति, एकता और गौरव के दृष्टिकोण से भी अभूतपूर्व अवसर है। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य ने इस कार्यक्रम को और भी गरिमामयी बना दिया।
संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सैल्यूट तिरंगा, डा राजेश कुमार झा  ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती  का अभिनन्दन करते हुये कहा कि पूज्य स्वामी जी का नाम भारत के प्रमुख संतों में  हैं, उनके नेतृत्व में आयोजित होने वाला प्रत्येक आयोजन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से तो महत्वपूर्ण होता ही है, साथ ही समाज व पर्यावरण की सेवा के साथ राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका अद्वितीय है। उन्होंने हमेशा से भारतीय     संस्कृति, पर्यावरण सुरक्षा और सामाजिक समृद्धि हेतु प्रेरित व प्रोत्साहित किया है। स्वामी जी का योगदान भारत के पारंपरिक मूल्यों के संरक्षण और वैश्विक स्तर पर विस्तार में महत्वपूर्ण रही है। उनका पावन सान्निध्य पाकर हम सभी सम्मानित व गौरवान्वित हैं।
उन्होंने बताया कि अटल तिरंगा सम्मान समारोह का मुख्य उद्देश्य माननीय अटल बिहारी वाजपेयी  की स्वर्ण जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना है। अटल जी का भारतीय राजनीति में अहम स्थान है, और उनकी नीतियों ने देश को नई दिशा दी। इस कार्यक्रम का आयोजन उनके योगदान को याद करने और भारतीय ध्वज, तिरंगे, को लेकर उनके समर्पण के प्रतीक स्वरूप है। तिरंगा भारत के राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है, और अटल जी ने हमेशा इसे अपने दिल से सम्मानित किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि हम भारतीय अपनी संस्कृति और धरोहर से ही अपने राष्ट्र की असली पहचान पाते हैं। तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि यह हमारे देश की एकता, विविधता और शक्तियों का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा से विश्व को शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया है। यह तिरंगा हमें हमारे राष्ट्र के प्रति निष्ठा, सम्मान और समर्पण की भावना देता है। स्वामी जी ने यह भी कहा कि भारत की जो विशेषताएं दुनिया से उसे अलग करती हैं, वे उसके लोगों की एकता, सहिष्णुता, साझेदारी की भावना और राष्ट्र व संस्कृति के प्रति समर्पण व प्रेम है।
स्वामी जी इस अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर तिरंगा फहराया इसका स्मरण करते हुये कहा कि यह देश की एकता का प्रतीक बन गया, देशवासियों के लिये यह गर्व का क्षण था।
स्वामी जी ने कहा कि अटल जी की सोच भारत को एक महान लोकतंत्र बनाने की थी जो उन्होंने किया भी। उन्होंने राजनीति को सेवा का रूप दिया और अपने कार्यों से भारतीय जनता को प्रेरित किया। अटल जी ने जो विकास की राह दिखाई, वह न केवल सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में  बल्कि उसने राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि की भी नींव रखी। उनके नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मोर्चों पर सफलता प्राप्त की।
डा राजेश कुमार झा और उनकी टीम के नेतृत्व में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल अटल जी के योगदान का स्मरण कराता है बल्कि यह भारतीय जनता की एकता और अखंडता के प्रतीक भी है।
स्वामी जी ने वीर बाल दिवस के अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों की शहादत को याद करते हुये कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिवस उन साहिबजादों के अद्वितीय  साहस और बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने बेहद कम आयु में धर्म, सम्मान और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया। इन वीर बालकों की शहादत भारतीय इतिहास का गौरव है, जो हमें हमेशा सिखाती है कि सच्चे बलिदानी की कोई उम्र नहीं होती।
स्वामी जी ने इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके साहस को याद किया और उनके द्वारा दिखाई गई निर्भीकता और निष्ठा को भारतीय समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया। इन वीर बालकों की शहादत भारतीय इतिहास का गौरव है, जो हमें हमेशा सिखाती है कि सच्चे बलिदान में कोई उम्र नहीं होती।
स्वामी जी ने कहा सिख कौम बहुत बहादुर कौम है, जो करती है दिल से करती है और देश के लिये जीती हैं तथा देश के लिये ही मरती है। सिखों की बात ही निराली है, कोरोना हो या सूनामी लंगर कभी बंद नहीं हुआ सदैव चलता रहा। पंगत और संगत की जो शक्ति है वह सचमुच अपने आप में एक उदाहरण है। दो योद्धा बालक एक मशाल के रूप में सामने आये हैं, उनकी यह शहादत पूरे देश के लिये प्राणवायु का काम करेंगी।
इस अवसर पर स्वामी जी ने संदेश दिया कि सबको अभिनन्दन परन्तु अपनी  संस्कृति का वंदन। हमें सभी संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से भी जुड़ा रहना चाहिए। भारतीय संस्कृति की महानता को हम तभी समझ सकते हैं जब हम अपनी जड़ों व मूल्यों से जुड़े रहते हैं और इसे अपने जीवन में अपनाते हैं। हमें अपने पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करते हुए अन्य संस्कृतियों का स्वागत करना चाहिए, ताकि हम अपनी पहचान बनाए रखें और साथ ही एक विश्व नागरिक के रूप में विश्वभर में प्रेम और समझ बढ़ा सकें।
भारतीय संस्कृति का यह विश्वास है कि हर संस्कृति का अपना महत्व है, और हमें अन्य संस्कृतियों का सम्मान करते हुए अपनी संस्कृति को भी गर्व से अपनाना चाहिए। अपनी संस्कृति का वंदन का अर्थ है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को न केवल याद रखें, बल्कि उसे आगे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। यह हमें न केवल हमारे अतीत से जोड़ता है, बल्कि भविष्य में भी हमें मार्गदर्शन प्रदान करता है।
इस पावन अवसर पर आचार्य दीपक शर्मा  की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश, जस्टिस ढ़ींगरा जी को सम्मानित किया गया।
संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सैल्यूट तिरंगा, डा राजेश कुमार झा  ने सभी विशिष्ट अतिथियों का अभिनन्दन किया। कार्यक्रम संयोजक  सच्चिदानंद पोखरियाल , सह संयोजक, रवि चिकारा ,  डा.  मोनीका सिंह ,  नंदन झा,  रोमी चौधरी ,   पायल झा , मदन मोहन पालीवाल, निशा सोलंकी, विकास जी  का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

सामाजिक गतिविधियों मे सक्रिय भूमिका एवं सम्मान स्वरूप प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित

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हरिद्वार-(कुलभूषण) गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, नई दिल्ली मे आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर सम्मानित किया गया है। डॉ0 शिवकुमार चौहान को सामाजिक गतिविधियों मे सक्रिय भूमिका एवं जागरूकता कार्यक्रमों के अलावा शिक्षा के क्षेत्र मे किये जा रहे अनुकरणीय कार्यो के संदर्भ मे महाराणा प्रताप शिक्षा गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान बिहार के पूर्व सांसद आनन्द मोहन, राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह तंवर, सुप्रीप कोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता डॉ0 ए0पी0 सिंह द्वारा डॉ0 शिवकुमार चौहान को प्रदान किया गया है। सम्मान प्राप्त करने पर डॉ0 चौहान ने बताया कि महाराणा प्रताप गौरव सम्मान शिक्षा एवं सामाजिक सरोकार से जुडी हस्तियों को प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। जिसके लिए शिक्षाविद्वों की ज्यूरी द्वारा नामों का चयन किया जाता है। वर्ष 2024 के लिए इस पुरस्कार के लिए डॉ0 शिवकुमार का चयन किया गया है। कार्यक्रम मे अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के महामंत्री अनिल चंदेल, ठाकुर डिम्पल राणा, सुप्रीम कोर्ट मे कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की अधिवक्ता रीना एन0सिंह, दिल्ली पुलिस आयुक्त ए0के0 सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। डॉ0 शिवकुमार चौहान को सम्मान स्वरूप प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह तथा अंग वस्त्र प्रदान करके सम्मानित किया गया।

साईं ग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा व शिक्षा सत्र 2025-26 में नई शिक्षा नीति के अनुपालन को सुचारू बनाने के लिए सुझाव

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देहरादून। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स कमेटी उत्तराखंड की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन साईं ग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल, रायपुर में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ. किशोर कुमार पंत ने की। बैठक में प्रदेशभर के निजी विद्यालय प्रबंधकों ने भाग लिया और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

विद्यालयों के नाम का ट्रेडमार्क: स्कूलों की पहचान सुरक्षित करने हेतु ट्रेडमार्क प्रक्रिया लागू करने की आवश्यकता पर चर्चा, फीस एक्ट का क्रियान्वयनः उत्तराखंड में फीस एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रस्ताव, नई शिक्षा नीतिः शिक्षा सत्र 2025-26 में नई शिक्षा नीति के अनुपालन को सुचारू बनाने के लिए सुझाव, ट्यूशन रेगुलेशन एक्टः कोचिंग संस्थानों में डमी छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग, सी-टेट प्रशिक्षित शिक्षकों की कमीः शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए समय और साधन प्रदान करने की आवश्यकता पर चर्चा, आरटीई फीस भुगतानः आरटीई फीस का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देने का प्रस्ताव, सरकार से संवादः मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से समस्याओं के समाधान हेतु संवाद स्थापित करने का निर्णय।

प्रमुख प्रतिभागीः बैठक में डॉ. समरजीत सिंह (उपाध्यक्ष), सत्यप्रकाश भटनागर (सचिव), बैक्सटर एलबर्ट, भरत सिंह रावत, महावीर उपाध्याय (संरक्षक), सुरेश चंद्र रमौला, रुद्राक्ष जोशी (कुमाऊं मंडल अध्यक्ष), पी.सी. भट्ट (पिथौरागढ़ जिला अध्यक्ष), गिरीश जोशी, तरुण कुमार सिंह, जगदीश सिंह, प्रकाश कोश्यारी, राजीव गंगवार, चंद्रप्रकाश नौटियाल, सौर्य खंडूड़ी सहित अन्य निजी विद्यालय प्रबंधकों ने भाग लिया। बैठक के दौरान पारित सभी प्रस्तावों को कार्यान्वित करने के लिए एसोसिएशन ने ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई। शीघ्र ही प्रदेश सरकार के साथ संवाद स्थापित कर निजी विद्यालयों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।

जैन मंदिर में चोरों का धावा, लाखों की मूर्तियां और सामान पर किया हाथ साफ

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हरिद्वार, जनपद के मंगलौर स्थित जैन मंदिर में चोरों ने बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला। चोरों ने यहंा दान पात्र से रकम चोरी की इसके साथ ही मूर्तियां आदि सामान पर भी हाथ साफ कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर पड़ताल शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि चोरी में लगभग 40 से 50 लाख का सामान चला गया है।जानकारी के अनुसार मंगलौर कस्बे में जैन मंदिर के पुजारी जब आज सुबह मंदिर पहुंचे तो अंदर का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। मामले की सूचना तत्काल उन्होने मन्दिर समिति के पदाधिकारियों को दी और पुलिस को भी अवगत करवाया गया। बताया जा रहा है कि चोर छत के रास्ते मन्दिर के अंदर दाखिल हुए और श्री दिगंबर जैन मंदिर का ताला तोड़कर मूर्तियां, चक्र, छतरी, थाल और अन्य कीमती धार्मिक किताबें अपने साथ ले गए। इसके साथ ही चोरं मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी साथ में ले गए। मामले की जानकारी पाकर एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल मौके पर पहुंचे और उन्होने बताया कि फिलहाल मंदिर समिति की ओर से कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है। वहीं चर्चा है कि चोरी हुए सामान की कीमत चालीस से पचास लाख करीब है। बहरहाल पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।बता दें कि उत्तराखण्ड के मन्दिरों में लाखों करोड़ो की चोरी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी राज्य के मन्दिरों मे चोरी की कई घटनाए हो चुकी है। राजधानी देहरादून के राजपुर रोड स्थित साई मन्दिर में कुछ वर्ष पूर्व चोरों ने करोड़ो की चोरी की वारदात को अंजाम दे डाला था। जिसमे चोर मन्दिर से सोने चांदी के सामान के साथ ही मर्तियंा भी साथ ले गये थे। पुलिस ने जब मामले का खुलासा किया था तो उसमें अंर्तराज्यीय चोरों ने ही इस वारदात को अंजाम दिया था।

अभय शर्मा उर्फ हनी हत्याकांड में फरार चल रहा हत्यारा गिरफ्तार

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मुख्य आरोपी को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है पुलिस

हरिद्वार, अभय शर्मा उर्फ हनी हत्याकांड मेे फरार चल रहे दूसरे हत्यारे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में मुख्य हत्यारे को पुलिस पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।जानकारी के अनुसार बीते 24 नवम्बर को थाना श्यामपुर क्षेत्रांतर्गत रवासन नदी के किनारे मिले अज्ञात शव की पहचान पुलिस के लिए एक बड़ा चैंलेंज बना हुआ था। श्यामपुर पुलिस की दिन रात की मेहनत से शव की पहचान पश्चिमी दिल्ली निवासी अभय शर्मा उर्फ हनी के रूप में हुई थी। जिस पर पुलिस द्वारा कड़ी से कड़ी से जोड़ते हुए हत्या की वजह का पता लगाकर हत्या के मुख्य आरोपी नीरज शुक्ला पुत्र त्रिभुवन शुक्ला निवासी विकासपुरी दिल्ली को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।जबकि हत्याकांड में फरार आरोपी की तलाश हेतु की जा रही मेहनत के परिणाम स्वरूप पुलिस द्वारा आज घटना में फरार आरोपी नागेन्द्र पुत्र सिंहराज निवासी हरियाण को लोहे का पुल नहर पटरी के पास कोतवाली रानीपुर क्षेत्र से दबोचा गया है। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

कम्पांउडिंग/पेनल्टी के खेल से बाज आएं अधिकारी : जिलाधिकारी

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देहरादून, जनपद के जिलाधिकारी सविन बसंल ने जनपद में अवैध खनन/चुगान, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के विरूद्ध व्यापक कार्यवाही हेतु सख्त आदेश करते हुए राजस्व विभाग, व्यापार कर, जीएसटी व अन्य समस्त सम्बन्धित विभागो को आदेशित किया है कि संयुक्त रूप से अवैध खनन/चुगान, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के विरूद्ध व्यापक जनहित, राजकीय हित, लोक शान्ति व कानून व्यवस्था कायम रखने प्रभावी कार्यवाही को निर्देशित किया। नैनीताल में जिलाधिकारी रहते खनन के अवैध खनन के विरूद्ध व्यापक अभियान चलाते हुए खनन माफियाओं पर की गई थी सख्त कार्यवाही।
कालसी, डोईवाला ऋषिकेश में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर एवं क्षेत्र भ्रमण के दौरान समाज के प्रबुद्धजनों द्वारा क्षेत्र में अवैध खनन की प्राप्त हो रही हैं शिकायत को दृष्टिगत रखते हुए अवैध खनन, भण्डारण एवं परिवहन पर आदेश प्रभावी नियंत्रण हेतु आदेश अत्यंत
डीएम ने खनन माफियाओं पर सख्त आदेश जारी करते हुए नए कानून का सख्त हंटर चलाया है। डीएम ने आदेश जारी कर कम्पांउडिंग/पेनल्टी के खेल पर भी रोक लगेगी। डीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी कड़े शब्दों में निर्देश दिए थे। अवैध खनन, भण्डारण एवं निर्धारित क्षमता से अधिक खनन एवं परिवहन पर सीधा दर्ज हो बीएनएस में मुकदमा एवं वाहन जब्त। डीएम ने कहा कि चंद एक प्रभावी प्रवर्तन से ही करना है अवैध होसलों को पस्त किया जा सकता है इसके लिए उन्होंने राजस्व विभाग, व्यापार कर, जी०एस०टी०, वन, सिंचाई, खनन व अन्य समस्त सम्बन्धित विभागो की बहुत बारीकी से जिम्मेदारी तय कर दी है। अवैध खनन, अवैध भण्डारण व परिहवन का प्रकरण संज्ञान में आने पर कार्यवाही न किए जाने पर जिस क्षेत्र/विभाग के अधिकारी की संलिप्तता सामने आए, उसका सरंक्षण मानते सुसंगत धाराओं में होगी विधिक कार्यवाही। आदेशों में शिथिलता बरतने का काई स्कोप नही। नैनीताल में जिलाधिकारी रहते खनन के अवैध खनन के विरूद्ध व्यापक अभियान चलाते हुए खनन माफियाओं पर की गई थी सख्त कार्यवाही। वहीं अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु मुकदमा दर्ज करने में जेडी लॉ/अभियोजन अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की गई है।
जनपद देहरादून सीमान्तर्गत राजस्व भूमि, वनभूमि, अन्य विभागीय भूमि में जहां से भी उपखनिज / आर०बी०एम० अथवा बालू, बजरी एंव बोल्डर्स के अवैध खनन / चुगान कर अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के प्रकरण पाये जाते हैं, सम्बंधित विभाग द्वारा अवैध खनन / चुगान, अवैध भण्डारण एंव अवैध परिवहन पर प्रभावी नियत्रंण एंव रोकथाम किये जाने के उद्देश्य से, खनन अधिनियम के प्राविधानो के अधीन की जाने वाली कार्यवाही के अतिरिक्त, अवैध खनन / चुगान कर अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन में संलिप्त आरोपियों के विरूद्ध भारतीय न्याय सहित की सुसंगत धाराओं 303 व 317 एवं अन्य में तत्काल आपराधिक अभियोग पंजीकृत कराया जायेगा और वन भूमि से सम्बन्धित होने पर उपरोक्त धाराओं के अतिरिक्त भारतीय वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं में भी अभियोग पंजीकृत किया जाना अनिवार्य होगा, जिस हेतु संयुक्त निदेशक, विधि एवं अभियोजन अधिकारी सम्बन्धित अधिकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट तैयार कराने व दर्ज कराने में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। प्रत्येक विभाग इस हेतु प्रत्येक खनन क्षेत्रों में किसी राजपतित्र अधिकारी को नामित कर एवं अभियोग पंजीकृत करने हेतु उत्तरदायी बनाया जाना सुनिश्चित करेगें एवं नामित अधिकारी की सूचना 01 पक्ष में इस कार्यालय को उपलब्ध करायेगें। प्रकरण संज्ञान में आने पर विभाग द्वारा यदि उपरोक्तानुसार कार्यवाही नही की जाती तो सम्बन्धित अधिकारी की संलिप्ता एवं सरंक्षण मानते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध राज्य सरकार की अधिसूचना खान एवं खनिज विनियम तथा विकास अधिनियम 1957 की धारा 26 की उपधारा 2 में प्राधिकृत अधिकारी की ओर से जिला प्रशासन-राजस्व प्रशासन द्वारा सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कराया जाएगा।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि शासन की नीतियों व आदेशों के साथ-साथ समय-समय पर मा० उच्च न्यायालय द्वारा व्यक्त की गयी भावनाओं एवं चिन्ताओं के आलोक में दिये गये निर्देशों/ आदेशों के तहत उप खनिजो के अवैध खनन / चुगान, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन में प्रभावी अंकुश लगाया जाना व्यापक जनहित, राजकीय हित, कानून व्यवस्था व लोक शान्ति बनाये रखने की दृष्टि से अत्यन्त आवश्यक है। उपरोक्तानुसार दिये गये निर्देशो की उपेक्षा अथवा अवहेलना जहाँ एक ओर सम्बन्धित अधिकारी/ कार्मिक का उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के 3 (1), 3(2) का उल्लंघन होगा, वही दूसरी और अन्य सुसंगत प्राविधानो के साथ-साथ कानून व्यवस्था और लोक शान्ति की दृष्टि से दिये गये आदेशों का उल्लंघन मानते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डनीय भी होगा।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित उपजिलाधिकारी को आदेशित किया है कि यह सुनिश्चित कर लें कि उक्त दिये गये निर्देशानुसार अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। निकट भविष्य में उनके द्वारा (डीएम) के द्वारा इस सम्बन्ध में समीक्षा की जायेगी। यदि यह पाया जाता है कि किसी उपजिलाधिकारी द्वारा उक्त के सम्बन्ध में शिथिलता बरती गयी है तो सम्बन्धित के विरूद्ध प्रतिकूल मन्तव्य वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि में निर्गत किया जायेगा।

स्वास्थ्य विभाग में गैरहाजिर चल रहे 158 चिकित्सक बर्खास्त

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-राज्य सरकार ने डाक्टरों के बर्खास्तगी प्रस्ताव को दी मंजूरी

-ऐलोपैथिक चिकित्सकों के रिक्त पदों पर शीघ्र होगी नई भर्ती

देहरादून, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत विभिन्न अस्पतालों से लम्बे गयाब चल रहे 158 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। जिसकी मंजूरी राज्य सरकार ने दे दी है। राजकीय चिकित्सलयों में तैनात इन डाक्टरों की अनुपस्थिति से जहां स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही थी वहीं पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की दिशा में सरकार ने बड़े फैसले लेने शुरू कर दिये हैं। एक तरफ जहां सरकार चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाओं को अपडेट कर रही है वहीं दूसरी ओर विभाग में लम्बे समय से गायब चल रहे चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में प्रदेशभर के विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में तैनात प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के 158 चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इन सभी चिकित्सकों के बर्खास्तगी प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। ये सभी चिकित्सक लम्बे समय से अस्पतालों से बिना बताये गायब चल रहे थे। इनमें से 60 चिकित्सकों ने कभी नौकरी ज्वाइन नहीं की, 59 चिकित्सक बिन बताये अनुपस्थित हैं जबकि 39 चिकित्सक परिविक्षा अवधि से ही गयाब हैं। जिनमें अल्मोड़ा जनपद के 12 चिकित्सक, नैनीताल, चम्पावत व उत्तरकाशी के 11-11, ऊधमसिंह नगर 21, देहरादून व बागेश्वर 9, पिथौरागढ़ 5, हरिद्वार 6, रूद्रप्रयाग 7, पौड़ी गढ़वाल 10 तथा टिहरी गढ़वाल व चमोली के 13-13 चिकित्सक शामिल हैं। इसके अलावा प्रदेशभर के विभिन्न चिकित्सालयों से गयाब चल रहे 20 और चिकित्सकों को भी बर्खास्त किया गया है। लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे इन चिकित्सकों की वहज से दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मरीजों को स्थानीय स्तर पर उपचार न मिलने से इन्हें जिला अस्पताल या फिर बड़े शहरों के निजी अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ रहा है। इसके अलावा स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों के द्वारा गायब चिकित्सकों की शिकायतें सरकार को मिल रही थी। लिहाजा सरकार ने कठोर निर्णय लेकर इन सभी अनुपस्थित चिकित्सकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में लाई। वहीं सरकार का कहना है कि इन चिकित्सकों के रिक्त पदों को शीघ्र भर दिये जायेंगे। इसके लिये जल्द ही उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से नई भर्ती निकाली जायेगी।

स्वास्थ्य विभाग में लम्बे समय से गायब चल रहे 158 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। ये सभी चिकित्सक बिना बताये विभाग से अनुपस्थित चल रहे थे। जिसका प्रतिकूल प्रभाव प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा था। सरकार लापरवाह व गैरहाजिर चिकित्सकों को बकसने के कतई मूड में नहीं है भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। हमारा मकसद प्रदेश में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है जिसके लिये सरकार लगातार प्रयासरत है।- डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

उत्तराखंड : भीमताल में रोडवेज बस खाई में गिरी, 3 की मौत कई घायल

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नैनीताल  (आरएनएस)। उत्तराखड़ के अल्मोड़ा से हल्द्वानी जा रही रोडवेज बस भीमताल-रानीबाग मोटर मार्ग पर आमडाली के पास 1500 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस बस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 24 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
भीमताल में हुए दर्दनाक बस हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। दुर्घटना के बाद एनडीआरएफ (नेशनल डिसास्टर रिस्पांस फोर्स) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम भी मौके पर पहुंच गई हैं।
इन टीमों ने घायलों को निकालने और उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्तपताल ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को निकाला जा रहा है।
भीमताल में हुए बस हादसे के बाद प्रशासनिक अमला पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए 15 एम्बुलेंस हल्द्वानी भेजे गए हैं, ताकि घायल यात्रियों को जल्दी से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भीमताल के निकट बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का समाचार अत्यंत दु:खद है। स्थानीय प्रशासन को त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए निर्देशित किया है। बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूं।
उत्तराखंड में हाल के दिनों में सडक़ हादसों में वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। पिछले महीने नवंबर में अल्मोड़ा में एक और बड़ा हादसा हुआ था, जब यात्रियों से भरी एक बस खाई में गिर गई। इस दर्दनाक घटना में 36 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह, 12 नवंबर को देहरादून में भी एक भयावह कार दुर्घटना हुई, जिसमें छह छात्रों की मौत हो गई थी।

 

सीएम ने दिए ओखल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने के निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने भीमताल के ओखल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। बस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसमें  उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा ₹5 लाख जबकि सड़क सुरक्षा निधि से 2 लाख और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹3 लाख एवं सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को ₹15-₹25 हजार दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि के साथ ही सरकार के स्तर से उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल लोगों को आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेफर करने के भी निर्देश दिए।

भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती मनायी

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हरिद्वार(कुलभूषण) महामना सेवा संस्थान द्वारा हरिद्वार स्थित प्रेस क्लब के आचार्य किशोरीदास वाजपेयी सभागार में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर ‘हिंदुत्व के संवर्धन और,प्रचार प्रसार में महामना पं. मदन मोहन का योगदान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
इससे पूर्व मदन मोहन मालवीय के चित्र पर माल्यार्पण और दीपक प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संस्था की ओर से पुष्पाभिनंदन कर अतिथियों का स्वागत किया गया। गोष्ठी में आरंभ संस्थान की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अनेक विद्वान विभूतियों और प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और मर्म चिकित्सा के विश्वप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुनील जोशी को संस्था का सर्वाेच्च महामना मालवीय सम्मान तथा चिद्यार्थियों के शैक्षिक विकास के अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक एसएस रौतेला, कवित्री एवं पत्रकार राधिका नागरथ, विद्यार्थी जीवन से ही संघर्षशील रह कर भूमाफियाओं सेे कनखल के प्रतिष्ठित डॉ0 हरिराम आर्य इंटर की भूमि बचानेे, इतिहास, पर्यटन, भाषा सहित कई पुस्तकों का लेखन तथा पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा व सुधीर गुप्ता, ताइक्वांडो की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली अनुष्का नेगी, एमबीबीएस के मेधावी छात्र कृष्णा दीक्षित, तथा नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने वाले प्रशांत, एवं स्पोर्टस कोच भारत भूषण को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतीक चिन्ह के रूप में मालवीय स्मृति सम्मान तथा अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ0 सुनील जोशी ने मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदु विश्वविद्यालय, ऋषिकुल विद्यापीठ तथा गंगा सभा का स्थापना व गंगा की पवित्रता और अस्मिता के लिए किये गये कार्यों का उदाहरण देते हुए उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताया। उन्होंने कहा का कि मालवीय जी ने वैदिक ज्ञान के लिए अपने सारे संसाधन लगा कर और दान लेकर बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय जैसा विश्व का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थान खड़ा किया। जिसका उद्धेश्य था कि दुनिया भारतीय ज्ञान-विज्ञान को समझे और हम मानव कल्याण के लिए कार्य कर सके। डॉ0 जोशी ने कहा कि अगर हम अपने जीवन में मालवीय जी की कृपा को छोड़ दें तो ‘शूज्य’ के अलावा कुछ नहीं बचता।
गोष्ठी के अध्यक्ष महामंडलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहा कि पं. मदन मोहन मालवीय ने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। क्योंकि उनके लिए राष्ट्र सर्वाेपरि था। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने वैश्विक स्तर पर सारे हिंदु समाज को जोड़ने का कार्य किया। उन्हांेने कहा कि हमें भी मालवीय जी की तरह राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने की जरूरत है।
ब्रह्मकुमारी मीना बहन ने राष्ट्र के विकास और उन्नति के लिए मालवीय जी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। संस्थान के अध्यक्ष पदम प्रकाश सुवेदी ने मदनमोहन मालवीय द्वारा स्थापित ऋषिकुल विद्यापीठ की दुर्दशा, अनाधिकृत कब्जों पर चिंता जाहिर करते हुए विद्यापीठ की उन्नति के लिए कार्य करने की आवश्यकता जतायी। डॉ0 हरिनारायण जोशी ने कहा कि जिस समय भारत पराधीन था उस समय एक ओर स्वतंत्रता आन्दोलन और दूसरी ओर समाज, संस्कृति, हिन्दी, हिन्दुत्व और हिन्दुस्तान की थ्योरी थी। जिस पर काम करने वाला मदन मोहन मालवीय के अलावा कोई व्यक्ति नहीं था। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने भगीरथ अंश के रूप में कार्य किया।
इस अवसर पर जगदीशलाल पाहवा, मीना बहन, डॉ0 विशाल गर्ग, सुधीर गुप्ता, जितेन्द्र विद्याकुल, प्रकाश जोशी, ओ0 पी0 सिंह, जगत सिंह रावत, राधिका नागरथ, प्रमोद शर्मा, पद्मप्रकाश सुवेदी, भारत भूषण, पुष्पेन्द्र जोशी, सचिन आर्य, डॉ0 हरिनारायण जोशी, एस0एस0 रौतेला, डा हिमांशु द्विवेदी अमित शर्मा, डॉ0 रजीनकांत शुक्ल, श्रवण झा, सूर्यकांत बेलवाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के महामंत्री डॉ0 रमेश चन्द्र शर्मा एवं संयुक्त मंत्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने किया।

जनपद के सीमांत गाँव सारी (गौचर) में पाँडव नृत्य की धूँम, 29 को होगा भब्य चक्रब्यूह का मंचन

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रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- विकास खण्ड अगस्त्यमुनी के सीमांत गाँव सारी में इन दिनों पाँडव नृत्य का आयोजन चल रहा है। पाँडव नृत्य दर्शनार्थ धियाँणियों व प्रवासी ग्रामीणों के आगमन से गाँव में उत्सव जैसा माहोल बना हुआ है। पारंम्परिक वाद्य यंत्रों की थाप पर पाँडव नृत्य करते पश्वा सबके आस्था व आकर्षण का केन्द्र बने है। 29 दिसम्बर को भब्य चक्रब्यूह का मंचन किया जायेगा।
सारी, डंगधार, बैसोड़,चमसील, ग्वाड़, नरसू, डांडा, बामणों,सिंद्रवाणी, विलकोणा के ग्रामीणों की सहभागिता से 14 दिसम्बर को दीप प्रज्वलन से शुरू हुये इस धार्मिक आयोजन में 21 दिसम्बर को अस्त्र शस्त्र पूजा से विधिवत पाँडव नृत्य शुरु हुआ। 31 दिसम्बर तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम शुरू में आज पाँचवे दिन द्रौपदी स्वयंम्बर का नृत्य मंचन हुआ। इस दौरान सैकडो की संख्या मे ग्रामीण व छैत्रीय जनता मौजूद थी। पाँडव नृत्य समिति सारी द्वारा बताया गया कि आगामी 29 दिसम्बर को भब्य चक्रब्यूह का मंचन किया जायेगा। जबकि 30 दिसम्बर को जल कलश यात्रा, व 31 दिसम्बर को गैंडा बध व प्रसाद वितरण के साथ पाँडव नृत्य का समापन होगा। इस अवसर पर ईश्वर सिंह विष्ट, मोहन सिंह विष्ट, दीपक डिमरी, दिनेश विष्ट, कलिराम कांडपाल, श्रीराज विष्ट सहित सैकडो की संख्या में ग्रामीण व छैत्रीय दर्शनार्थी मौजूद थे।