Wednesday, May 14, 2025
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असफलता से हारना नहीं है बल्कि यह सफलता के लिए पहली सीढ़ी का काम करती है : प्रो. राजेश उभान

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टिहरी, राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर के मनोविज्ञान विभाग तथा सेमिनार एवं अकादमिक क्रियाकलाप समिति के संयुक्त तत्वावधान में आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. राजेश कुमार उभान ने अपने संबोधन में कहा कि आत्महत्या एक अपराध है। सफल या असफल होना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। प्रयास करते रहने का माद्दा होना चाहिए परिवर्तन को स्वीकार करना सीखना चाहिए, चाहे वह प्रतिकूल ही क्यों ना हो अपनी असफलता से हारना नहीं है बल्कि यह सफलता के लिए पहली सीढ़ी का काम करती है।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ की गई कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. सपना कश्यप द्वारा कार्यक्रम की विषय वस्तु क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन से परिचय करवाया गया | डॉक्टर सपना कश्यप ने समाज में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और अवसाद आदि मनोवैज्ञानिक समस्याओं से निपटने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन किरन का उल्लेख किया | जिस पर कोई भी व्यक्ति बिना अपनी पहचान बताएं सप्ताह में 7 दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध सेवा का उपयोग कर सकता है।
कार्यक्रम को अंतर क्रियात्मक बनाने के लिए संवेगात्मक गतिविधियों का क्रियान्वयन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों का उत्साह देखने लायक था। गुब्बारें की गतिविधि द्वारा सोशल सपोर्ट की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। वहीं relaxation गतिविधि द्वारा भागदौड़ भरी जिंदगी में दो पल के सुकून और ठहराव लाने का प्रयास किया गया। Count your blessing गतिविधि में अपने से प्यार करना जरूरी है बताया गया। कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन छात्र-छात्राओं के लिए किया गया, जिसमें आरती ने प्रथम सूरज खत्री ने द्वितीय व साहिल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में बातें नामक लघुवृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया। इस फ़िल्म के माध्यम से आत्महत्या हल नहीं है के प्रति संवेदनशील करने का प्रयास किया गया।
इस अवसर पर क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को प्राचार्य द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्राचार्य द्वारा कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु आयोजन मंडल के सदस्यों को बधाई दी गयी। कार्यशाला के अंत में डॉ. राकेश नौटियाल ने उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया। आयोजन समिति में डॉ. सपना कश्यप, डॉ. सृचना सचदेव, डॉ. रश्मि उनियाल, डॉ. हिमांशु जोशी और डॉ. राकेश कुमार नौटियाल सम्मिलित रहे। कार्यशाला में सभी प्राध्यापकगण, शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा पुरानी पेंशन बहाली कर दम लेंगे

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मसूरी। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने प्रेस वार्ता कर आंदोलन को और गति देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर काफी लंबे समय से शिक्षक और कर्मचारी आंदोलनरत हैं। उत्तराखंड में एक लाख से अधिक शिक्षक और कर्मचारी इस योजना से जुड़े हैं तो भारतवर्ष में सत्तर लाख लोग इस योजना से सीधे सीधे जुड़े हैं। इसको लेकर लगातार आंदोलन तेज किया जा रहा है और इस आंदोलन को लेकर दिल्ली में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है जिसको लेकर इन दिनों वह उत्तराख्ंाड के दौरे पर हैं। ंपत्रकारों से बातचीत करते हुए विजय कुमार बंधु ने बताया कि झारखंड छत्तीसगढ़, राजस्थान व दिल्ली के साथ ही पश्चिम बंगाल में भी पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है और अन्य प्रदेशों से भी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वार्ता की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में होने वाली रैली में वे प्रधानमंत्री से अपील करेंगे कि वे सभी राज्यों में पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा करें ताकि इससे जुड़े शिक्षक कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कई वर्षों से आंदोलन किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसमें उन्हें सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जब विधायक थे तब उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में एक पत्र लिखा था और अब वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं तो उन्हें आशा है कि वह उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन बहाली योजना की घोषणा करेंगे और यहां के कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा। उन्हांेने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर ही दम लेंगे। इस मौके पर सूर्य सिंह पंवार सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

पुलिस ने चैक बाउंस के चार मामलों के वारंटी को गिरफ्तार किया

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मसूरी। पुलिस ने वांछित वारंटियों की गिरफ्तारी के तहत चलाये जा रहे अभियान के तहत चैक बाउंस के आरोपी बिटटू शर्मा को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के वारण्टियों की गिरफ्तारी हेतु अभियान के तहत मसूरी कोतवाली ने वांछित वारंटी जो चैक बांउस मामले में आरोपी है उसे मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया है। कोतवाल दिगपाल सिंह कोहली ने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर वांछित वारंटियों के खिलाफ अभियान के तहत पुलिस की एक टीम बनाई गई जिस पर पुलिस ने चैक बांउस में 15 मामलों में वांछित चल रहे वारंटी को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त का नाम बिटटू शर्मा पुत्र रामपाल शर्मा निवासी कोहिनूर बिल्डिंग मसूरी हाल निवासी दृमण्डी चौक गुडियां मौहल्ला जिला मुरादाबाद को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। कोतवाल कोहली ने बताया कि उनके चार वारंट न्यायालय से जारी किए गये हैं। पुलिस टीम में एसएसआई गुमान सिंह नेगी, उप निरीक्षक शोएब अली, कास्टेबल चंद्रवीर, सुनील कुमार शामिल थे।

तमंचा और जिंदा कारतूस के साथ एक बदमाश गिरफ्तार

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सितारगंज। पुलिस ने रात्रि गश्त के दौरान सिडकुल क्षेत्र में पूर्वी उकरौली को जाने वाले रास्ते के चौराहे पर  एक बदमाश को तमंचा और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया।
सिडकुल पुलिस रात्रि गश्त पर थी। पूर्वी उकरौली जाने वाले रास्ते पर एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा।उसकी तलाशी लेने पर  315 बोर का तमंचा व एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ  आयुध अधिनियम के तहतमुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान अमरजीत उर्फ फौजी पुत्र छिदर सिंह निवासी पसैनी थाना नानकमत्ता के रूप में हुई है।
पुलिस टीम में सिडकुल चौकी इंचार्ज चंदन सिंह बिष्ट, कॉन्स्टेबल कपिल कुमार, कांस्टेबल अर्जुन नगन्याल और कमल नाथ गोस्वामी शामिल रहे।

विद्यालय जहां प्रधानाचार्य को बजानी पड़ती है घंटी, परिचारक एक तो काम अनेक

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(डी. पी. उनियाल)

टिहरी, विकासखंड चम्बा के राजकीय इंटर कालेज केशरधार नैचोली में विगत 2 सालों से एक ही परिचारक कार्यरत होने के कारण जहां परिचारक राम प्रसाद पंत को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर कार्यरत परिचारक ने अगर एक दिन का आकस्मिक अवकाश ले लिया तो प्रभारी प्रधानाचार्य नेपाल सिंह रावत को ही सुबह प्रार्थना से लेकर हर वादन की घंटी स्वयं लगानी पड़ती है। विद्यालय व्यवस्था से लेकर विभागीय अधिकारियों की सूचनाएं , मध्यान्ह भोजन व्यवस्था, अपना विषय पढ़ाना अनेक परेशानियों से गुजरना पड़ता है ।
परिचारक राम प्रसाद पंत ने बताया कि उन्हें दिन व रात ड्यूटी पर तैनात रहना पड़ता है क्योंकि दिन में विद्यालय व्यवस्था तथा रात में विद्यालय के सामान की सुरक्षा हेतु रहना पड़ता है, उन्होंने बताया कि दूसरे परिचारक के सेवानिवृत्त होने के बाद वह अकेले रह गये हैं ऐसे में अवकाश लेना भी मुश्किल हो जाता है | प्रभारी प्रधानाचार्य नेपाल सिंह रावत से जब इस सम्बन्ध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि यदि परिचारक ने अवकाश ले लिया तो सारा काम मुझे करना पड़ता है, क्योंकि छात्रों को नहीं कहा जा सकता है, विद्यालय को भी अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है , कम्प्यूटर कक्ष व पठन-पाठन के लिए कक्षा कक्षों की जरूरत है। अभिभावक संघ अध्यक्ष श्रीमति पूजा पुंडीर ने कहा कि अपने स्तर से वह प्रशासन को सूचना दे रही हैं। प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से निवेदन किया कि परिचारक की तैनाती की जाय ।

भ्रष्टाचारी व्यवस्था- पीड़ित पूर्व सैनिक ने खोली जिला प्रशासन की ऑख, 2 लाख की डिमांड पूरी न करने पर 9 वर्षों से नहीं मिली नियुक्ति

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रुद्रप्रयाग- भ्रष्टाचार की जड़े कितनी गहरी होती है वर्षों से ब्यवस्था से पीड़ित एक पूर्व फौजी की दास्तां इसे बयां करने को काफी है। वर्ष 2013 में जिलाधिकारी कार्यालय में उपनल के माध्यम से नौकरी के लिये आवेदन करने वाले पूर्व सैनिक को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी दो लाख की डिमांड पूरी न करने कारण नियुक्ति नहीं दी गई।
दरअसल वर्ष 2013 में सेना से सेवानिवृत्त हुये जनपद के कोठगी गांव निवासी विजय ने जिलाधिकारी कार्यालय में उपनल के माध्यम से नौकरी के लिए आवेदन किया। विजय लाल को उपनल ने ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया था। लेकिन 9 सालों तक इन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई विजय लाल का आरोप है कि जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात एक बाबू ने उनसे 2 लाख रुपये की मांग की जिसे उन्होंने पूरा करना उचित नही समझा व ब्यवस्था पर विश्वास रखते हुये 9 सालों तक अपने हक की लड़ाई लड़ते रहे। इस बीच विजय लाल पात्र होते हुए भी देहरादून से लेकर रुद्रप्रयाग तक अधिकारियों के चक्कर काटते रहे।
विजय लाल का आरोप हैं कि उनके बाद करीब 90 लोगों को उपनल व पीआरडी से जिलाधिकारी कार्यालय व तहसीलों में लगाया गया, जिसमें कई लोग अपात्र भी हैं. इन्हें नियुक्ति देने में उक्त कर्मचारी की बड़ी भूमिका रही।
मामला जिलाधिकारी कार्यालय का होने के कारण सुर्खियों में है अब इस मामले में राजनीतिक पार्टियां भी मुखर हो गई। कांग्रेस जिला प्रवक्ता नरेंद्र बिष्ट , उक्रांद के जिलाध्यक्ष बलबीर चौधरी का कहना है कि शर्म की बात है कि रुद्रप्रयाग में भी नौकरियों के लिए पैसे की डिमांड की जा रही है उन्होंने कहा कि विभागों में ब्याप्त भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन सख्ती नहीं दिखा पा रहा जिसका नतीजा अधिकारी, कर्मचारी बैखोप होकर भ्रष्टाचार में लिप्त है।

खलंगा के जंगल में युवक का पेड़ पर रस्सी से लटका शव मिला, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

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देहरादून, सहस्त्रधारा रोड़ स्थित खलंगा के जंगल में एक युवक के पेड़ पर रस्सी से लटके होने की सूचना मिली। एसपी सिटी सरिता डोबाल और सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल जोशी मौके पर पहुंचे। वहां एक युवक का शव पेड़ से रस्सी के सहारे लटका मिला।
शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के भतीजे की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसका शव खलंगा के जंगल में पेड़ से लटका मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के अनुसार, प्रथमदृष्टया मामला फांसी लगाकर आत्महत्या का लग रहा है।

एसएसआई बलदीप सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक रघुनाथ आर्य ने बुधवार रात सूचना दी थी कि उनका भतीजा दीपक आर्य (23) पुत्र विनोद आर्य निवासी ग्राम फलाटी, अगस्त्यमुनि, रुद्रप्रयाग, हाल निवासी विकास कॉलोनी, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून दोपहर तीन बजे से लापता है। तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी।

खोजबीन के दौरान बृहस्पतिवार सुबह तिब्बती कॉलोनी से आगे खलंगा के जंगल में एक युवक के पेड़ पर रस्सी से लटके होने की सूचना मिली। एसपी सिटी सरिता डोबाल और सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल जोशी मौके पर पहुंचे।
वहां एक युवक का शव पेड़ से रस्सी के सहारे लटका मिला। फील्ड यूनिट की टीम को बुलाकर घटनास्थल का निरीक्षण कराया गया।
खोजबीन के दौरान बृहस्पतिवार सुबह तिब्बती कॉलोनी से आगे खलंगा के जंगल में एक युवक के पेड़ पर रस्सी से लटके होने की सूचना मिली। एसपी सिटी सरिता डोबाल और सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल जोशी मौके पर पहुंचे।
वहां एक युवक का शव पेड़ से रस्सी के सहारे लटका मिला। फील्ड यूनिट की टीम को बुलाकर घटनास्थल का निरीक्षण कराया गया। साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर शव को पेड़ से उतारा गया। मृतक की शिनाख्त परिजनों ने दीपक आर्य के रूप में की। एसपी सिटी ने बताया कि प्रथमदृष्टया मौत का कारण रस्सी के सहारे पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या करना प्रतीत होता है। घटनास्थल से करीब 400 मीटर दूर सड़क किनारे मृतक की सफेद रंग की एक्टिवा खड़ी मिली। इसे सुरक्षा की दृष्टि से थाने में खड़ा करा दिया गया है। मृतक संयुक्त निदेशक के घर के नीचे वाले हिस्से में रहता था और उन्हें कार्यालय में गाड़ी से लाता-ले जाता था। बुधवार दोपहर को वह कार्यालय में खाना देने के बाद घर नहीं लौटा। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल चेक कराई जा रही है।

डॉ0 रावत ने केन्द्रीय मंत्री से की मुलाकात, एनईपी पर हुई चर्चा

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देहरादून/नई दिल्ली, उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के बाद अब इसी माह उच्च शिक्षा विभाग में भी एनईपी लागू कर दी जायेगी, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर दी गई है। इस बात की जानकारी सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दी। उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को उच्च शिक्षा विभाग में एनईपी-2020 लागू करने के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अमंत्रित किया। जिस पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने अपनी सहमति दी है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से शिष्टचार भेंट की। इस दौरान डॉ0 रावत ने केन्द्रीय मंत्री से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, पीएम-श्री योजना सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। डॉ0 रावत ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां विद्यालयी शिक्षा में एनईपी को लागू कर दिया गया है, जिसकी सराहना देशभर में हो रही है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में भी इसी सत्र से सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर एनईपी लागू कर दी जायेगी। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के शुभारम्भ केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के कर कमलों से किया जायेगा। इसके लिये देहरादून में माह सितम्बर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। पीएम-श्री योजना के तहत देशभर के 14500 विद्यालयों को विश्व स्तरीय बनाये जाने पर उन्होंने केन्द्रीय मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पीएम-श्री योजना से न सिर्फ पिछड़े क्षेत्रों के स्कूलों की सूरत बदलेगी बल्कि छात्र-छात्राओं को बेहत्तर शिक्षा मुहैया हो सकेगी। केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान डॉ0 रावत ने एच0एन0बी0 गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कार्मिकों की विभिन्न मांगों पर भी चर्चा की, साथ ही एनआईटी सुमाडी में चल रहे निर्माण कार्यों से भी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को अवगत कराया। इसके अलावा उन्होंने रूसा फेज-2 के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अवशेष राशि को जारी करने की मांग भी धर्मेंद्र प्रधान से की, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने सकारात्मक रूख अपनाते हुये शीघ्र अवशेष राशि जारी करने का आश्वासन दिया साथ ही उन्होंने रूसा फेज-3 से संबंधित निर्माण कार्यों की डीपीआर शीघ्र केन्द्र सरकार को भेजने को कहा।

इस अवसर पर रूसा सलाहकार प्रो0 एम0एस0एम0 रावत, प्रो0 के0डी0 पुरोहित, संयुक्त निदेशक एवं नोडल रूसा डॉ0 ए0एस0 उनियाल भी मौजूद रहे।

हिमालय के संरक्षण में हम सभी की भागीदारी जरूरी : मुख्यमंत्री धामी

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श्रीमद्भागवत गीता के ऊपर संक्षेप व सरल भाषा में लिखी गई पुस्तक का हुआ विमोचन

हरि मंदिर रथ को सीएम ने हरी झंडी दिखाकर कियॎ रवाना

ऋषिकेश, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में हिमालय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने हरि मंदिर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने हिमालय के संरक्षण हेतु शपथ दिलवाई एवं श्रीमद्भागवत गीता के ऊपर संक्षेप व सरल भाषा में लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय के प्राकृतिक जल स्रोतों धारों, नालों के अध्ययन, संरक्षण और संवर्धन के लिए एक कमेटी के गठन किए जाने की बात कही, जो विभिन्न प्रयासों से हिमालय के प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने और संरक्षित करने का हर सम्भव प्रयास करेगी।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय के संरक्षण में हम सभी की भागीदारी जरूरी है। सरकार के दोनों दायित्व तय हैं, जहां एक ओर हिमालय के संरक्षण के प्रति गंभीर रहना है, तो दूसरी ओर विकास के प्रति भी उतना ही दायित्व निभाना है, ताकि हिमालय का पर्यावरण सुरक्षित रहे और यहाँ के निवासियों की आर्थिकी भी। समूचे हिमालय से जुड़े राज्यों के लिए यहाँ की अलग भौगोलिक और स्थानीय परिस्थिति के अनुकूल अलग विकास मॉडल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने नीति आयोग की बैठक में भी हिमालय के महत्वपूर्ण सरोकारों से जुड़े मुद्दों को साझा किया और इस संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव और प्रस्ताव साझा किए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में सामाजिक विकास की आवश्यकता है, हमें इकॉलोजी एवं इकोनॉमी को साथ में रखते हुए कार्य करना होगा। हिमालय की जैव विविधता को संरक्षित करना है। जब हिमालय बचा रहेगा, तभी जीवन बचा रहेगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालय का किसी राज्य व देश के लिये ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये महत्व है। हिमालय के संरक्षण का दायित्व, हम सभी का है। हिमालय के संरक्षण के लिये यहां की संस्कृति, नदियों व वनों का संरक्षण जरूरी है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। प्रकृति के संरक्षण के लिये हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालयी राज्यों को विकास के दृष्टिगत पारिस्थितिकी और आर्थिकी के समन्वय पर ध्यान देने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्ड वासियों के स्वभाव में है, हरेला जैसे पर्व, प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।

परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पहाड़ी राज्य का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय का प्रहरी है। हिमालय जैसे विराट भूभाग का संरक्षण ही असल मायनों में हमारे भविष्य का संरक्षण है। उन्होंने कहा गंगा, जलाशय, प्राकृतिक संसाधनों, ग्लेशियर का संरक्षण के साथ ही हिमालय का संरक्षण मुमकिन है। मां गंगा का अस्तित्व हिमालय एवं ग्लेशियर के अस्तित्व पर आधारित है, उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को एकल हनुमान सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी पर्यावरण के संरक्षण में हनुमान की तरह संकल्पित होकर अथक परिश्रम कर रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड का वातावरण एवं पर्यावरण पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करता है। उन्होंने कहा यहां आने से नई ऊर्जा मिलती है। हिमालय के संरक्षण के साथ ही जीवनदायिनी मां गंगा का संरक्षण भी बेहद जरूरी है एवं पर्यावरण के संरक्षण में सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने हर शुभ कार्य से पहले पौधारोपण एवं उत्तराखंड के साथ ही पूरे भारत को प्लास्टिक मुक्त किए जाने हेतु आग्रह किया।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज एवं बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रकृति पर्यावरण के साथ ही हिमालय ग्लेशियर का संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में वन विभाग जंगलों, प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा हम सभी एवं आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण और हिमालय के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संकल्पबद्ध होना पड़ेगा ।

 

पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय के संरक्षण हेतु चर्चा विचार एवं मंथन यहां के निवासियों, एनजीओ, शोध संस्थानो द्वारा गंभीरता से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा हिमालय के संरक्षण के साथ, वहां के मूल निवासियों का संरक्षण भी बेहद जरूरी है, जिसके लिए विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा हमारा भविष्य तभी सुरक्षित है, जब हिमालय सुरक्षित होगा।

इस अवसर पर विधायक रेनू बिष्ट, विधायक गोपाल राम टम्टा, जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदंडे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी जसवंत सिंह चौहान, एकल भारत लोक शिक्षा परिषद से नीरज राय एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 

उत्तराखंड में खेल पुरस्कारों की धनराशि बढ़ी, ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर पुरस्कार के रूप में मिलेंगे दो करोड़

देहरादून, उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तराखंड में खेल पुरस्कारों की धनराशि बढ़ा दी गई है। धामी सरकार ने खिलाड़ियों को दी जाने वाली धनराशि बढ़ा दी है। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर पुरस्कार के रूप में दो करोड़ और ओलंपिक में प्रतिभाग करने पर 50 लाख की धनराशि दी जाएगी। उत्तराखंड खेल विभाग की ओर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों के पुरस्कारों की धनराशि को बढ़ा दिया गया है। खेल पुरस्कारों की धनराशि में 30 से शत प्रतिशत की वृद्धि की गई है। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने इस संबध में आदेश जारी किया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि ओलंपिक, विश्वकप, एशियन खेल, राष्ट्रमंडल खेलों में चयन के बाद खिलाड़ी को संबंधित प्रतियोगिता में प्रतिभाग के लिए मान्य धनराशि का 20 प्रतिशत पहले ही उपलब्ध कराया जाएगा। प्रतियोगिता में प्रतिभाग या पदक जीतने पर मिलने वाली धनराशि में इसे समायोजित किया जाएगा।

अब मिलेगी इतनी धनराशि
ओलंपिक खेल:- स्वर्ण दो करोड़,रजत डेढ़ करोड़,कांस्य एक करोड़,प्रतिभाग 50 लाख।
विश्व चौंपियनशिप:- स्वर्ण 30 लाख,रजत 20 लाख,कांस्य 15 लाख,प्रतिभाग साढ़े सात लाख।
एशियन खेल:- स्वर्ण 30 लाख,रजत 20 लाख,कांस्य 15 लाख,प्रतिभाग साढ़े सात लाख।

 

ओलंपिक में स्वर्ण विजेता को दो करोड़ :
खेल निदेशक के आदेश के अनुसार ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ी को दो करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। जबकि, रजत पदक विजेता को डेढ़ करोड़ और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। ओलंपिक खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी को पचास लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

विश्वकप जीतने पर मिलेंगे तीस लाख :
विश्वकप में स्वर्ण जीतने वाले को तीस लाख विश्व कप और विश्व चौम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ी को तीस लाख, रजत पदक विजेता को 20 लाख, कांस्य पदक विजेता को 15 लाख और प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी को साढ़े सात लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय खेलों की पुरस्कार राशि बढ़ाई राष्ट्रमंडल खेल, एशियन चौम्पियनशिप, कॉमनवेल्थ के साथ ही अन्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ा दी गई है। जूनियर और सब जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों के लिए भी पुरस्कार राशि बढ़ाई गई है। आदेश के अनुसार ओलंपिक, विश्व कप, एशियन खेल और राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को चयन के बाद 20 प्रतिशत राशि पहले ही दे दी जाएगी।

राज्य स्तरीय पंचायत संसाधन केन्द्र के निर्मित भवन का उद्घाटन

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देहरादून, शुक्रवार को निदेशालय पंचायतीराज परिसर अन्तर्गत राज्य स्तरीय पंचायत संसाधन केन्द्र (SPRC) के निर्मित भवन में पूर्व न्यायमूर्ति बी०एस० वर्मा एवं नितेश झा (आई०ए०एस०), सचिव, पंचायतीराज एवं पेयजल विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा “समर्पित आयोग” के कार्यालय का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही सचिव, पंचायतीराज एवं पेयजल विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा जल जीवन मिशन के “विस्तारित कार्यालय” का भी उद्घाटन किया गया। चूँकि जल जीवन मिशन के तहत बनने वाली सारी योजनाओं को पूर्ण होने के उपरान्त, पंचायतों को हस्तान्तरित किया जाना है, अतः इसे निदेशालय पंचायतीराज में स्थापित किया जाना प्रासंगिक हो जाता है।

इस अवसर पर ईवा आशीष श्रीवास्तव (आई०ए०एस० ) मिशन निदेशक, जल जीवन मिशन, बंशीधर तिवारी (आई०ए०एस०), निदेशक, पंचायतीराज, ओमकार सिंह, अपर सचिव पंचायतीराज, राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, पंचायतीराज एवं जल जीवन मिशन तथा पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारी व कार्मिक उपस्थित रहे।
वहीं प्रदेश में पंचायत चुनाव / शहरी निकाय चुनावों के मद्देनजर राज्यान्तर्गत प्रत्येक स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की सम सामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच हेतु बी०एस० वर्मा, पूर्व न्यायमूर्ति उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल की अध्यक्षता में “समर्पित आयोग का गठन किया गया ।