Sunday, May 11, 2025
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तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण : देश की पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को कम करने के लिए कृषि वानिकी की बहुत गुंजाइश : डा. रेनु सिंह

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देहरादून, कृषि वानिकी प्रथाओं का विकास कृषि वानिकी को भूमि उपयोग प्रणाली के रूप में परिभाषित किया गया है जो उत्पादकता, लाभप्रदता, विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता को बढ़ाने के लिए कृषि भूमि और ग्रामीण परिदृश्य पर पेड़ों और झाड़ियों को एकीकृत करती है। यह एक गतिशील प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रणाली है, जो खेतों और कृषि परिदृश्य में वुडी बारहमासी के एकीकरण के माध्यम से, उत्पादन में विविधता लाती है और उत्पादन को बनाए रखती है और सामाजिक संस्थानों का निर्माण करती है।
कृषि वानिकी प्रणाली ग्रामीण लोगों के लिए भोजन, ईंधन, चारा, खाद, कागज, लुगदी और पैकिंग सामग्री प्रदान करती है। वैश्विक प्रतिबद्धताओं के लिए राष्ट्रीय निर्धारित योगदान को पूरा करने, हरित आवरण बढ़ाने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने में मदद करने के लिए सरकार द्वारा कृषि वानिकी को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसी पृष्ठभूमि के साथ, विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), देहरादून ने सोमवार 17 से 19 अक्टूबर, 2022 तक “आय वृद्धि के लिए कृषि वानिकी प्रथाओं में अग्रिम” पर अन्य हितधारकों के लिए गैर सरकारी संगठनों / एसएचजी और किसानों के लिए 3 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एफआरआई देहरादून में पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ के विभिन्न राज्य। प्रशिक्षण में 24 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

श्रीमती ऋचा मिश्रा प्रमुख विस्तार प्रभाग ने स्वागत भाषण दिया। प्रतिभागियों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को कृषि वानिकी के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण का पूरा उपयोग करना चाहिए और अपनी आय बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में प्राप्त ज्ञान को लागू करना चाहिए।
डॉ. रेणु सिंह आईएफएस, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) ने आज 17 अक्टूबर को प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को कम करने के लिए कृषि वानिकी की बहुत गुंजाइश है। जलवायु परिवर्तन और किसानों की आय में भी वृद्धि। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यदि कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाता है तो इससे जलवायु परिवर्तन में सुधार करने में मदद करने के अलावा मिट्टी का कायाकल्प, रोजगार सृजन जैसे कई लाभ होंगे। उन्होंने कहा कि एफआरआई, देहरादून द्वारा विकसित कृषि वानिकी प्रजातियों और उनकी प्रथाओं को इन राज्यों में विभिन्न हितधारकों को स्थानांतरित कर दिया गया है और प्रशिक्षु संस्थान के वानिकी हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से विस्तार प्रभाग या टेलीफोन पर पहुंचकर कृषि वानिकी के बारे में कोई भी सलाह ले सकते हैं।
श्री रामबीर सिंह, वैज्ञानिक-ई, विस्तार प्रभाग, एफआरआई ने कार्यक्रम का संचालन किया और सभी प्रतिभागियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया। डॉ. चरण सिंह, वैज्ञानिक-एफ, विस्तार प्रभाग, संस्थान के विभिन्न प्रभागों के प्रमुख और अन्य वैज्ञानिक, डॉ. देवेंद्र कुमार वैज्ञानिक-ई, श्री विजय कुमार, एसीएफ और श्री खिमानंद, एसटीए, श्री रमेश सिंह, सहायक और श्री तरुणपाल इस अवसर पर विस्तार प्रमंडल के तकनीशियन भी उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 अक्टूबर 2022 तक चलेगा।

आईएमए में आयोजित ग्रुप सी परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ से नकल करते हुए पकड़े गए तीन अभ्यर्थी

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देहरादून, भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आयोजित ग्रुप सी परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ से नकल करते हुए तीन अभ्यर्थी पकड़े गए। आर्मी इंटेलिजेंस ने तीनों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। तीनों आरोपियों को सोमवार को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक आईएमए में ग्रुप सी की परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में तीन युवकों के नकल करने की बात इंटेलिजेंस को पता चली। आर्मी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने तीन युवकों को परीक्षा हॉल से पकड़ लिया। इनके पास से ब्लूटूथ डिवाइस और अन्य उपकरण बरामद हुए हैं। सैन्य अधिकारियों ने जरूरी पूछताछ के बाद तीनों युवकों को कैंट पुलिस के हवाले कर दिया।

कैंट कोतवाली इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि तीनों नकलचियों से पूछताछ की जा रही है। इनसे नकल कराने वाले लोगों के बारे में पता किया जा रहा है। कुछ मोबाइल नंबर और लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। इनकी तस्दीक के बाद पूछताछ की जाएगी। आरोपियों की पहचान सुखबीर निवासी सिंधु जिंद हरियाणा, रोहित निवासी शामलो कलां जिंद हरियाणा और श्रवण कुमार निवासी शेयर पट्टी जिंद हरियाणा के रूप में हुई है। मामले में शिकायत मिलिट्री पुलिस के हवलदार शिव कुमार सिंह ने की है। शिकायत के अनुसार ग्रुप सी और डी के पदों पर 11,500 आवेदक में से करीब 3500 अभ्यर्थी परीक्षा देने आये थे। लिखित परीक्षा हेलीपैड ग्राउंड, पोलो ग्राउंड 2 व 3 में आयोजित हुई। हेलीपैड ग्राउंड में सभी अभ्यर्थियों को सही पाया गया।
पोलो ग्राउंड 2 में सुखबीर को मोबाइल के साथ नकल करते हुए पकड़ा। रोहित को मोबाइल, ब्लूटूथ, कैमरे के साथ नकल करते पकड़ा। पोलो ग्राउंड 3 में श्रवण कुमार को नायक डीपी दास और कर्नल रीमा सोवित के सामने नकल करते पकड़ा। मौके से मिले मोबाइल, ब्लूटूथ और नकल में उपयोग अन्य उपकरण को सील कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।

हरिद्वार में 18 अक्टूबर को किया जाएगा रोजगार मेले का आयोजन

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हरिद्वार, जनपद में 18 अक्टूबर को एक दिवसीय रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, टैलीकॉलर, और बैंकिंग सेक्टर समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार लिया जायेगा। जिला सेवायोजन कार्यालय की और से 11 अक्तूबर को रोजगार मेले का आयोजन किया गया था, लेकिन इसमें अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम रही, इसके बाद एक बार फिर रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि 18 अक्टूबर को जिला सेवायोजन कार्यालय में रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आईसीआईसीआई फाउंडेशन की ओर से विभिन्न पदों जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, टेलीकॉलर, बैंकिंग सेक्टर के लिए नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार लिया जाएगा। इसमें कुल 100 पदों पर भर्ती होगी। चयनित अभ्यर्थी को 72 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण फाउंडेशन के राज्य कार्यालय देहरादून में दिया जाएगा। शैक्षिक योग्यता न्यूनतम 12वीं तथा आयु सीमा 18 से 30 वर्ष रखी गई है।

समुचित उपचार उपलब्ध कराने से टीबी रोग का जड़ से समाप्त किया जाना सम्भव

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देहरादून, प्रधानमंत्री टी०बी० मुक्त भारत योजना को गति देने के उद्देश्य से राज्य नोडल अधिकारी (क्षय) डा० पंकज सिंह द्वारा आई०एम०ए० उत्तराखण्ड के महासचिव, डा० डी०डी० चौधरी से बैठक की। बैठक में डा० पंकज • सिंह द्वारा प्रधानमंत्री टी०बी० मुक्त भारत योजना में आई०एम०ए० के सक्रिय सहयोग हेतु आग्रह किया गया तथा उक्त योजना के उद्देश्य एवं सभी तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया गया। उनके द्वारा यह उनके द्वारा यह अपेक्षा की गयी कि निजी क्षेत्र के चिकित्सक निक्षय मित्र के रूप में समाज की सेवा करके इस महान उद्देश्य की पूर्ति में उत्तराखण्ड राज्य का सहयोग करेंगे।

इसके साथ ही राज्य नोडल अधिकारी द्वारा क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्य विषयगत क्षेत्र (TB Notification, Treatment Outcome इत्यादि) में निजी क्षेत्र के चिकित्सकों का सहयोग बढाये जाने पर विस्तृत चर्चा की गयी, जिससे टी०बी० उन्मूलन के क्षेत्र में सफलता हासिल होगी। अधिक से अधिक टी0बी0 रोगियों को खोजे जाने तथा सभी को समुचित उपचार उपलब्ध कराने से टी०बी० रोग का जड़ से समाप्त किया जाना सम्भव हैं।

डा० पंकज सिंह द्वारा राजकीय एवं निजी क्षेत्र के परस्पर सहयोग से टी०बी० के सूचकांको में सुधार लाया जाने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे टी०बी० उन्मूलन के उद्देश्य को अमलीजामा पहनाया जा सके। आई०एम०ए० महासचिव, डा० डी०डी० चौधरी द्वारा क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के चिकित्सकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। तथा सभी जनपदों के आई०एम०ए० अध्यक्षों को निक्षय मित्र योजना में उत्तराखण्ड सरकार का सहयोग करने हेतु सभी सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिये गये।

जिला पंचायत अध्यक्ष उप चुनाव- आज नांमकन वापसी का दिन,  भाजपा से अमरदेई शाह व कांग्रेस से ज्योति देवी ने किया नांमकन

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रुद्रप्रयाग- जिला पंचायत अध्यक्ष  उप चुनाव के लिए आज दो प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। भाजपा से एक बार फिर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रही अमरदेई शाह ने नामांकन भरा जबकि कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर ज्योति सुमरियाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। एक बार भाजपा प्रत्याशी के लिये एक तरफा दिख रहा अध्यक्ष पद का चुनाव अचानक कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन से अब रोचक होने के कयास लगाये जा रहे है।  18 अक्टूबर को नाम वापसी की तिथि है यदि दोनो प्रत्याशी मैदान मे रहते है तो जिला पंचायत अध्यक्ष पद उप चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस व बीजेपी में सीधी टक्कर होगी।  20 अक्टूबर को मतदान व मतगणना के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि जिला पंचायत का अगला अध्यक्ष कौन होगा।
बता दें कि  पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ जिला पंचायत के 14 सदस्यों ने अविश्वास जताते हुये मोर्चा खोला था। तब जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने पद से स्तीफा दे दिया था।  जिसके बाद नियमानुसार जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया। अब महज ढाई माह के भीतर ही राज्य निर्वाचन आयोग ने रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उप चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है जिसके बाद सोमवार को नामांकन किया गया। भाजपा ने पुनः पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह पर भरोसा जताया है तो कांग्रेस ने ज्योति सुमरियाल को मैदान में खड़ा किया है। अब देखना यह है कि ढाई महीने पूर्व अमरदेई शाह के खिलाफ अविश्वास जताने वाले 14 सदस्यों का  पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष फिर से विश्वास जीतने में कामयाब होगी बहरहाल ऐन बक्त पर काग्रेंस प्रत्याशी के नामांकन ने मामले को रोचक बना दिया।

तेजस्वनी चैरिटबल ट्रस्ट की ओर 30 खडिप्रेनर्स को मंत्री चंदन रामदास ने किया सम्मानित

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देहरादून, तेजस्वनी चैरिटबल ट्रस्ट की ओर से खादी उद्यमियों के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर 30 खडिप्रेनर्स को खादी मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड चंदन रामदास मौजूद रहे। उन्होंने तेजस्वनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए खडिप्रेनर्स द्वारा बनाए जा रहे प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने पर ज़ोर दिया। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में ऑर्गेनिक उत्पादों से लेकर डेरी प्रोडक्ट सभी क्षेत्रों में लोग कार्य कर रहे है परंतु सबसे बड़ी समस्या किसी भी उत्पाद की मार्केटिंग में आती है जिसपर खादी काम रहा है। खादी बोर्ड समय समय पर मेले लगता है जिससे लोगो को मार्किट मिल सके। चंदन रामदास जी ने कहा कि यही नहीं अल्पसंख्यक आयोग में भी कितनी ऐसी रोज़गार परक योजनाएं हैं जिनका लाभ लिया जा सकता है।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि रेसकोर्स पार्षद मोंटी कोहली, नेमरोलॉजिस्ट निवेदिता गाँगुली, हिमाचल टाइम्स ग्रुप की चीफ एडिटर रचना पांधी, समाज सेविका राधिका गुरुंग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड खादी ग्रामोद्योग अधिकारी डॉ अलका पांडेय ने की वहीं कार्यक्रम का संचालन डॉ मुकुल शर्मा ने किया। कार्यक्रम की आयोजक तेजस्वनी चैरिटबल ट्रस्ट की ट्रस्टी प्रिया गुलाटी ने सभी स्वागत किया एवं धन्यवाद दिया।
सम्मानित होने वालों में अलका जोशी, डिम्पल सिंह, डॉ बीनू भदौरिया, फरज़ाना, पूजा तोमर, प्रिंसी, सीमा सेमवाल, वंदना शर्मा, दीपक बंगारी, अक्षत भाटिया, जय भद्राज, वीरेंद्र लाल, रोशन मौर्या, सुनीता देवी, अरुण तिवारी, मनीष यादव, गुलज़ार अहमद, प्रवीण सिंह बिष्ट, बीना सती, बबली गुप्ता, अविनाश कुमार, रीना देवी, शिवानी, विशेष सनन, दीपक बोरा, सतपाल, मो. आसिफ, सीता भट्ट, पूनम, कविता पाल शामिल थे। कार्यक्रम में सहयोग करने वालों में अभिषेक बिश्नोई,रोमी सलूजा, आंशिक खुराना मौजूद थे।

एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में नियुक्ति की अधिसूचना हुई जारी

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देहरादून, उत्तराखंड के एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में नियुक्ति की अधिसूचना जारी हुई है। जारी अधिसूचना के अनुसार 23 पदों पर रिक्तियां है और ये पद समूह क स्तर के है।

इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 14 नवंबर 2022 तक किया जा सकता है और 21 नवंबर तक इसकी हार्ड कॉपी जमा करनी होगी। इस भर्ती की पूरी जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.hnbgu.ac.in पर देख सकते हैं।

‘अनुग्रह दृष्टिदान’ संस्था के माध्यम से 600 मोतियाबिंद के किये जायेंगे निशुल्क ऑपरेशन

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हरिद्वार, इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के सीएसआर के अंतर्गत डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन सेक्टर एक बीएचएल में अनुग्रह दृष्टिदान संस्था के माध्यम से आज निशुल्क नेत्र परीक्षण एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया गया | शिविर का उद्घाटन अभिजीत रॉय जनरल मैनेजर इंजिनियर्स इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया | इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इंजीनियर इंडिया लिमिटेड अपने सामाजिक दायित्व के अंतर्गत शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही है, इस सकारात्मक पहल के तहत हरिद्वार जनपद में अनुग्रह दृष्टिदान के माध्यम से 600 मोतियाबिंद के निशुल्क ऑपरेशन किए जाएंगे | इस मौके पर अनुग्रह दृष्टिदान के अध्यक्ष डॉ.जोहरी लाल ने बताया अनुग्रह दृष्टिदान भारत के कई राज्यों में अपनी सामाजिक सेवाएं प्रदान कर रहा है, संस्था के माध्यम से अभी तक 60 हजार से ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन सफलतापूर्वक भारत के विभिन्न राज्यों में किए जा चुके हैं |
उन्होंने बताया आज के इस नेत्र परीक्षण एवं मोतियाबिंद शिविर में श्री भूमानंद अस्पताल से आए डॉक्टरों की टीम के द्वारा शिविर में 314 मरीजों की निशुल्क जांच की गई जांच के उपरांत जिन मरीजों को चश्मे की आवश्यकता थी उन्हें निशुल्क चश्मा प्रदान किया गया, इसके साथ ही निशुल्क दवा भी प्रदान की गई | संस्था के सचिव श्री प्रतीक पाठक ने बताया आज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भवन में अनुग्रह दृष्टिदान के माध्यम से निशुल्क नेत्र परीक्षण एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का आयोजन इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड सीएसआर के अंतर्गत आयोजित किया गया जा रहा है |श्री प्रतीक ने बताया कि अगर हम अपनी आंखों के प्रति सचेत नहीं रहेंगे तो धीरे-धीरे हमारी आंखों की रोशनी कम होती जाएगी इसलिए हमें आप अपनी आंखों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए | उन्होंने बताया नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच नेत्र विशेषज्ञ से समय-समय पर करवानी चाहिए और सभी से आग्रह किया कि आप सभी इस शिविर का लाभ उठाएं | अनुग्रह दृष्टिदान स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से जनपद की ग्रामीण जनता के लिए इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के सामाजिक दायित्व के अंतर्गत पांच और शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाएगी | संस्था ने हरिद्वार ग्रामीण की जनता से ऐसे शिविरों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की है |

गैस महंगी होने पर बोलीं निर्मला सीतारमण- होगी कोयले की फिर वापसी

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिकी आई हुई हैं.

उन्होंने यहां शनिवार को भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि वैश्विक ऊर्जा संकट के बीच गैस बहुत महंगी होने के कारण कोयला एक बार फिर वापसी करने जा रहा है. सीतारमण ने कहा कि पश्चिमी दुनिया के देश फिर से कोयले की ओर बढ़ रहे हैं.

खबर मेंं खास

वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की तलाश जरूरी
कई देशों ने की वापसी
वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की तलाश जरूरी

सीतारमण ने कहा कि ऑस्ट्रिया पहले ही यह कह चुका है, और आज वे कोयले की ओर लौट रहे हैं.” यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके चलते यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में तेजी से कटौती हुई है. ऐसी स्थिति में उनके लिए वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की तलाश जरूरी हो गई है. वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिटेन में भी एक पुराने ताप-बिजली संयंत्र को उत्पादन के लिए फिर से तैयार किया जा रहा है.

कई देशों ने की वापसी

सीतारमण ने कहा, ”वास्तव में वह खुद को एक ताप इकाई के लिए फिर से तैयार कर रहा है. इस तरह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देश (कोयले की तरफ) वापसी कर रहे हैं. कोयला अब वापस आने वाला है, क्योंकि मुझे लगता है कि गैस का खर्च अब उठाया नहीं जा सकता है या गैस उतनी उपलब्ध नहीं है, जितनी जरूरत है.” उन्होंने कहा कि यूरोप ने सही निर्णय लिया है और यदि उन्हें जरूरत के मुताबिक गैस नहीं मिल रही है, तो अन्य स्रोतों की तलाश करनी ही होगी.

सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने एचबीसीसी से मिलकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की

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मुंबई ,  ग्लोबल हैंडवाशिंग डे पर गैर लाभकारी शैक्षणिक मीडिया संगठन सेसमी वर्कशाप इंडिया ने स्वच्छता और व्यवहार परिवर्तन गठबंधन जो कि यूनिलीवर और ब्रिटेन सरकार के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के बीच एक गठबंधन है के सहयोग से एक अभियान शुरू किया जिससे स्वच्छता और रोगों की रोकथाम वाली आदतों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
संगठन ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह बहु-माध्यम अभियान ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के थीम ‘एच इज हैंडवाश’ का समर्थन करता है। अभियान के एक हिस्से में, सेसमी वर्कशाप इंडिया ने हिंदी, मराठी, तेलुगु और तमिल में वीडियो, पोस्टर और ई-पुस्तकों जैसे सरल किंतु आकर्षक आनलाइन प्रचार सामग्री का विकास किया है। यह सामग्री सोशल मीडिया, यूट्यूब, रेडियो और समुदायों में प्रत्यक्ष सेवाओं के माध्यम से तमाम परिवारों तक पहुंचेगी। स्कूलों में साबुन के ब्रांड लाइफबॉय के सहयोग से सेसमी स्ट्रीट के अनोखे डिजिटल खेल ‘एच फॉर हैंडवाशिंग’ का एक नया हिंदी वर्जन भी वितरित किया जाएगा। इस अभियान के केंद्र में रंग-बिरंगे, प्रिय सीसमे के मपेट्स (कठपुतलियां) हैं, जो युवा बच्चों और परिवारों के सामने स्वास्थ्य और स्वच्छता की सकारात्मक आदतो का प्रदर्शन करते हैं।स्वच्छता और व्यवहार परिवर्तन गठबंधन (एचबीसीसी) का गठन 2020 में यूनिलीवर और ब्रिटेन सरकार के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) द्वारा किया गया था। इसे कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए विकसित किया गया था, ताकि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वायरस के प्रसार को सीमित किया जा सके। यह अब तक जीवनरक्षक व्यवहार-परिवर्तन संदेश, स्वच्छता उत्पादों, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से एक बिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच चुका है। सेसमी वर्कशाप जो कि सेसमी वर्कशाप इंडिया का मातृ संगठन है, ने महामारी के बीच बच्चों और परिवारों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सहयोग करने के लिए एचबीसीसी गठबंधन में भागीदारी की।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में बच्चों के साथ संगठन के कार्य के बारे में बताते हुए सेसमी वर्कशाप इंडिया की प्रबंध निदेशक सोनाली खान ने कहा, हमारा लक्ष्य बच्चों और परिवारों के बीच स्वच्छता के ज्ञान, प्रवृत्ति और आदतों को बढ़ावा देना और बच्चों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। स्वच्छता व्यवहार परिवर्तन गठबंधन के माध्यम से, हम स्वास्थ्य और स्वच्छता की महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ अधिक से अधिक बच्चों और परिवारों तक पहुंचने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के निकट सहयोग के बिना एचबीसीसी कार्यक्रमों का व्यापक विकास और क्रियान्वयन संभवन नहीं था। लंदन स्कूल आफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) में व्यवहार परिवर्तन और वॉश (पानी, स्वच्छता और स्वच्छता) के अकादमिक विशेषज्ञों के सहयोग को शामिल करते हुए एफसीडीओ के साथ यूनिलीवर की साझेदारी, संकटग्रस्त देशों में वायरस के प्रसार को धीमा करने में मदद हेतु स्थापित ब्रिटेन की सबसे बड़ी सार्वजनिक-निजी भागीदारी थी। एफसीडीओ अपने दूतावासों और उच्च आयोगों के नेटवर्क के साथ-साथ मौजूदा साझेदारी के माध्यम से त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए अच्छी स्थिति में था जिससे कि मानवीय कार्यक्रम वितरण में संसाधनों और विशेषज्ञता के साथ, वे एक वैश्विक कार्यक्रम को तेजी से लागू करने में मदद कर सके। स्वास्थ्य और स्वच्छता की आदतों और विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के यूनिलीवर के लंबे इतिहास और सामूहिक मीडिया और अभियान क्रियान्वयन में विषेशज्ञता के साथ, यह सेसमी वर्कशाप इंडिया के माध्यम से छोटे बच्चों के जीवन तक पहुंचने के लिए एक प्रभावी साझेदारी थी।