Monday, May 12, 2025
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समाज के वेहतर निर्माण में पत्रकारिता जगत की अहम भूमिका है- सौरभ बहुगुणा

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उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के जिला सम्मेलन में राज्य गठन से पूर्व पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को स्थाई मान्यता, चिकित्सा सुविधा सहित पत्रकार हितों की रक्षा की मॉग उठी।

रुद्रप्रयाग-उत्तराखंड पत्रकार यूनियन जनपद इकाई के एक दिवसीय अधिवेशन मे पत्रकार हितों का मुद्दा छाया रहा साथ ही उतकृष्ट कार्य करने वाले जनपद के अधिकारियों को देवभूमि रत्न सम्मान समारोह से भी नवाजा गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सूबे के पशुपालन, दुग्ध विकास, सेवायोजन व जिले के प्रभारी मंत्री शौरव वहुगुणा ने कहा कि वेहतर समाज निर्माण में पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है, उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के समाधान में पत्रकारों का अमूल्य योगदान सदैव रहा है।
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन का एक दिवसीय जिला सम्मेलन आज स्थानीय अलकनंदा बैंडिंग प्वाइंट में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रदेश के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, सेवायोजन मंत्री व जनपद प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया इस अवसर पर मा. जनपद प्रभारी मंत्री द्वारा जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व अन्य क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले स्थानीय लोगों को देवभूमि रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
जिले के प्रभारी मंत्री ने उपस्थित पत्रकार बंधुओं सहित जनपद वासियों को नूतन वर्ष की शुभकामनाएं देते हुये कार्यक्रम के सफल संचालन पर सभी पत्रकार बंधुओं को बधाई दी उन्होंने पत्रकार बंधुओं द्वारा जन सरोकारों से जुड़ी समस्याओं को लगातार प्रकाशित करने पर धन्यवाद दिया। केदारनाथ धाम की ऐतिहासिक यात्रा के सफल संचालन को लेकर प्रभारी मंत्री ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की सराहना करते हुए कहा कि जिलाधिकारी ने ऐसे समय में जनपद का नेतृत्व किया जब वो यहां की परिस्थितियों से अधिक वाकिफ नहीं थे इसके बावजूद उन्होंने कुशल प्रबंधन का परिचय देते हुए ऐतिहासिक यात्रा का सफल संपादन किया। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्हें जनपद का प्रभारी मंत्री बनाया गया है इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट में पशुपालन, सेवायोजन जैसे महत्वपूर्ण दायित्व मिले हैं ऐसे में जनपद व राज्य के विकास में उनके स्तर से निरंतर हरसंभव कोशिश की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए हर क्षेत्र के लोगों का योगदान आवश्यक है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का दशक होगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी ने जनपद प्रभारी मंत्री को पत्रकारों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राज्य गठन व जन सरोकारों से जुड़े व अन्य आंदोलनों में पत्रकारों की बड़ी भूमिका रही है। इसके अलावा पत्रकारिता के क्षेत्र में पूर्व से ही बड़ी चुनौतियां रही हैं। उन्होंने राज्य गठन के पूर्व से पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को स्थायी मान्यता देने के साथ ही उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु स्वास्थ्य कैशलैस कार्ड देने की मांग की। वहीं उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रदेश महामंत्री हरीश जोशी ने भी पत्रकारों से जुड़ी समस्याओं को लेकर मा. मंत्री को अवगत कराया। कार्यक्रम को रुद्रप्रययाग विधायक श्री भरत सिंह चौधरी ने भी संबोधित किया।
इससे पूर्व जनपद प्रभारी मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर रुद्रप्रयाग मांगल समिति की महिलाओं द्वारा दैणा होंयां खोली का गणेश मांगल गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। वरिष्ठ पत्रकार विनय बहुगुणा ने मुख्य अतिथि जनपद प्रभारी मंत्री के सम्मान में अभिनंदन पत्र पढ़ा। इसके अलावा अन्य पत्रकार बंधुओं द्वारा प्रभारी मंत्री को अंग वस्त्र, श्री केदारनाथ मंदिर का स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान पत्रकार बंधुओं ने अपनी समस्याओं को लेकर मा. मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुनीत चौधरी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री महावीर सिंह पंवार, पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, अगस्त्यमुनि नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल, कनिष्ठ प्रमुख शशि नेगी, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी, कैलाश खंडूडी, हरीश गुसांई, भूपेंद्र भंडारी, प्रदीप सेमवाल, दिलबर सिंह बिष्ट, कुलदीप राणा, राजेश भट्ट, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, उप जिलाधिकारी सदर अपर्णा ढौंडियाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राजीव सिंह पाल, वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. संजय तिवारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी सहित अन्य अधिकारी व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी और राज्यपाल ने वर्चुअल माध्यम से किया उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ

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हल्द्वानी, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति/राज्यपाल ले0 जनरल गुरमीत सिंह व सीएम उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से वर्चुअल माध्यम से किया। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत और केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट मौजूद रहे।

इस वर्ष का कुलाधिपति स्वर्ण पदक वनस्पति विज्ञान की अनिता जोशी को दिया गया। 27 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक दिए गए। इसके साथ ही मैती आंदोलन के जनक पद्म कल्याण सिंह रावत, जौनसार कला संस्कृति के लिए नंद लाल भारती और लोक गायन के लिए पद्म बसंती देवी को डी लिट् मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। साथ ही विश्विद्यालय के 01 छात्र को पी एच डी, 716 को स्नातकोत्तर व 10932 छात्रों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट एवं उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने संयुक्त रूप से विश्विद्यालय में लगभग 25 करोड़ की लागत से बने 5 भवनों का लोकार्पण भी किया।

 

दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि धारक शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में खुशहाली लेकर आती है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिभा, संकल्प और परिश्रम का बड़ा योगदान होता है। दूरस्थ शिक्षा में तो संकल्प और परिश्रम का और भी अधिक महत्व होता है।

राज्यपाल ने उपस्थित शिक्षार्थियों से कहा कि आप सभी को अमृतकाल के इन 25 वर्षों में विकसित भारत का नेतृत्व करना है। यह अमृतकाल प्रत्येक भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि तकनीकी के बल पर लोगों की तरक्की के रास्ते खोजे जाएं। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे को साकार करने में आप सभी का सामूहिक संकल्प भी जरूरी है।

 

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में शोध एवं अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आप सभी शोध के प्रति उत्साही बनें एवं नवीन खोज करते रहें। रोजगार की समस्या, पलायन की समस्या को यहां उपलब्ध अपार संसाधनों के जरिए अवसर और उपलब्धियों में बदला जाए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर हेतु अपना सहयोग करें। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि स्थानीय लोगों की क्षमताओं को ध्यान में रखकर कार्य योजना और प्रोजैक्ट विकसित किए जाएं जिससे उनको लाभ मिले।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे सम्मुख कई चुनौतियां हैं जिसका समाधान भी हमें खोजना है। आप सभी युवा शक्ति के बल पर हम विकसित भारत एंव विश्वगुरू भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को रोजगार की संभावनाओं पर केन्द्रित कर तैयार करें। उत्तराखण्ड प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे लाना है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षार्थियों से कहा की दीक्षांत समारोह का अर्थ औपचारिक दीक्षा का अंत है किंतु शिक्षा जीवन पर्यंत चलती है। आज विश्वविद्यालय में ज्ञान की अविरल गंगा में वर्चुअल माध्यम से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उत्तराखंड मुक्त विश्विद्यालय का पिछला वर्ष अनेक उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। नैक मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को प्रथम प्रयास में ही $$ ग्रेड प्राप्त हुआ है जो विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर अभिवृद्धि में गति प्रदान करने का कार्य करेगा। उन्होंने शिक्षार्थियों से सशक्त उत्तराखंड राज्य हेतु अपनी सहभागिता का आह्वान किया |
सांसद अजय भट्ट में सभी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड राज्य देश का पहला राज्य होगा जहां एक परीक्षा, चुनाव, दीक्षांत , शैक्षिक कैलेंडर व गणवेष होगा। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो0 रश्मि पन्त ने किया।

इस अवसर पर विश्विद्यालय के कुलसचिव प्रो ओम प्रकाश, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, मेयर डॉ जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, प्रोफेसर डॉ भानू प्रकाश जोशी, प्राचार्य डॉ अरुण जोशी, डिप्टी रजिस्ट्रार विमल कुमार,डॉ राकेश रयाल, बृजेश बनकोटी, महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट, सुरेश भट्ट, अजय राजौर, दिनेश आर्य, प्रकाश हरबोला आदि मौजूद रहे |

मुख्यमंत्री ने किया ग्रामीण उत्तराखण्ड उद्यमिता समिट 2023 “गुल्लक“ में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री ने किया ग्रामीण उत्तराखण्ड उद्यमिता समिट 2023 “गुल्लक“ में  प्रतिभाग। - Hill Live

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड उद्यमिता समिट के आयोजन को राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए लाभदायक बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी। ग्रामीण उद्यमियों हेतु आयोजित “गुल्लक“ नामक यह कार्यक्रम, देशभर में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें निवेशक ग्रामीण उद्यमियों के साथ सीधे संवाद कर उनके उद्यमों में निवेश कर सकेंगे |

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा विगत वर्ष “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इनक्यूबेटर्स के अच्छे परिणामों को देखते हुए इस योजना को हब एवं स्पॉक मॉडल के अंर्तगत राज्य के अन्य 11 जनपदों में क्रियाशील किए जाने हेतु “रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर“ के स्पॉक स्थापित किए जाएंगे। इन इनक्यूबेटर्स के माध्यम से हमारे उद्यमियों को नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर्मशील नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है, उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है। हमारी यह पहल प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल की अवधारणा को मजबूती प्रदान करेगा तथा इससे विकास के नये रास्ते तय होंगे तथा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी यह निर्णायक पहल होगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब वे हवाल बाग में निवेशकों से मिले थे उस समय की निवेश की यह धनराशि आज 07 करोड़ से 20 करोड़ हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने वालों का जज्बा उन्होंने देखा है उनका आत्म विश्वास अन्य युवाओं के लिये भी प्रेरणा का कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश का मान व सम्मान बढ़ा है। इसका प्रतिफल है कि जी 20 देशों की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसकी दो महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी होनी हैं यह हमारे लिये भी सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल मार्ग दर्शन में देश ने कोरोना महामारी का सफलता से सामना ही नहीं किया इसकी तीन वैक्सीन तैयार कर देश के नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध करायी तथा कई देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध करायी, यही नहीं कोरोना काल से अब तक देश के 80 करोड़ लोगों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। देश में 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन लोकल फॉल ग्लोबल की दिशा में देश के बढ़ते कदम हैं |
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि जो जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है उसे बेहतर ढंग से करे तथा अपने अनुभवों को साझा करें। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह हमारा दायित्व होना चाहिए। ग्रामीण उद्यमिता के विकास से हमारे युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे तथा नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों के विपणन की बेहतर व्यवस्था पर हमारा ध्यान है। आज देश में आयात को निर्यात में बदलने की प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है। राज्य के नागरिकों को अपने स्थान पर रहकर ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा राज्य के सुदूर क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की केंद्र पोषित, राज्य पोषित और वाह्य सहायतित स्वरोजगार परक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यवसाय में महिलाओं की सहभागिता अधिक रहती है, इसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। हमने 1.25 लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है, उन्हें भी उद्यमिता से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से भारत सरकार के निर्देशन में आगामी एक माह तक “मिशन अंत्योदय सर्वे“ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित हुआ है। इस सर्वे में सामुदायिक काडर की महिलाओं द्वारा आर्थिक विकास, गांवों की आधारभूत संरचना, सेवाओं और सामाजिक न्याय से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सर्वे गुणवत्तापूर्ण रूप से संपन्न होने के साथ राज्य के सर्वांगीण विकास में इस सर्वे का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास हेतु प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प“ को ध्यान में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों से आए सभी युवा उद्यमियों का आह्वान किया कि राज्य सरकार के संकल्प को पूर्ण करने में वे भी सहयोगी बनें।

इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक अभिनव पहल करते हुये राज्य में रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स योजना प्रारम्भ की गयी, जिसमें दो इन्क्यूबेटर्स कमशः जनपद अल्मोड़ा व पौड़ी में स्थापित किये गये। इन इन्क्यूबेटरों के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को उनके नये उद्यम स्थापना तथा स्थापित उद्यमों के विस्तारीकरण हेतु विभिन्न प्रकार के तकनीकी सहायता, मेन्टरशिप सहयोग, विधिक सहयोग, विपणन सहयोग आदि प्रदान किया जा रहा है। जहाँ पर दक्ष मानव संसाधन ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु भावी ग्रामीण उद्यमियों को तैयार करने में मदद कर रहा है। गत एक वर्ष में लगभग 500 से अधिक इन्क्यूबेटीज़ द्वारा इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से लाभ प्राप्त कर अपने उद्यमों की स्थापना अथवा उद्यम विस्तार में सहायता प्राप्त की गयी है।

उन्होंने कहा कि “गुल्लक कार्यक्रम“ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को विकसित करने के लिये सरकार की एक अनूठी पहल है। ग्रामीण उद्यमियों हेतु अयोजित किये जाने वाला यह कार्यक्रम, देशभर में पहला प्रयास है, जहाँ ग्रामीण उद्यमी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अपने आइडिया/ बिज़नेस निवेशकों के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं। इस मंच से उद्यमियों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मिशन अन्त्योदय सर्वे का शुभारम्भ भी किया जा रहा है, भारत सरकार के निर्देशानुसार एक माह के अन्दर उक्त सर्वे कार्य पूर्ण किया जायेगा जिसमें गाँवों में उपलब्ध आधारभूत संरचना, सेवाओं, आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय से सम्बन्धित विषयों पर सूचना का एकत्रीकरण किया जायेगा।

इस अवसर पर पूर्व सांसद तरुण विजय, सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खंडेलवाल सहित अन्य अधिकारी उद्यमी तथा निवेशक उपस्थित थे।

 

 

गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने वाली बस सेवा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

गढ़वाल व कुमाऊं को जोड़ने वाली बस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

देहरादून, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में कोटद्वार से रामनगर के बीच संचालित बस सेवा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार से अगली तारीख तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में न केवल अपनी नाराजगी व्यक्त की, बल्कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र (बाघ प्रजनन क्षेत्र) में बस सेवा की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के कदम पर भी सवाल उठाया है।

इस मामले में अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने बस सेवा पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व कोर एरिया में उत्तर भारत में बाघों की सबसे बड़ी तादाद है। इसे बाघ आबादी का शीर्ष प्राथमिक क्षेत्र माना गया है।

सरकार का यह कदम वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38 (ओ) और धारा 38 (वी) जैसे विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ ही नहीं है, बल्कि शीर्ष अदालत की ओर से जारी किए गए आदेशों के खिलाफ भी है। इस मामले में सरकार और वन विभाग ने न तो राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से किसी तरह की मंजूरी ली और न ही उनकी सलाह के लिए एनटीसीए से संपर्क किया।

वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड की एक बस कोटद्वार से रामनगर के बीच एक दिन में दो चलती है। गढ़वाल को कुमाऊं से जोड़ने वाली इस बस सेवा का संचालन 70 के दशक से हो रहा है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर जोन से गुजरते हुए स्थानीय लोग न सिर्फ प्रकृति का आनंद लेते हुए इस रूट से गुजरते हैं, बल्कि उन्हें 100 किमी कम दूरी तय करनी पड़ती है। वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने इस बस सेवा पर रोक लगा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया लेकिन, अब पुन: सुप्रीम कोर्ट ने ही बस सेवा पर रोक लगा दी है।
अभी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं मिल पाई है। इसलिए कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। फैसले की कॉपी मिलने के बाद अध्ययन करने के बाद जवाब दाखिल किया जाएगा।

 

जोशीमठ आपदा से प्रभावित परिवारों को 1.50 लाख रु. की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही : सचिव मुख्यमंत्री

देहरादून, जोशीमठ आपदा को लेकर सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम ने प्रेस वार्ता कर बताया कि प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर 1.50 लाख रु. की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें से 50 हजार रु. घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रु. आपदा राहत मद से एडवांस दिया गया है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अभी तक भू-धंसाव के कारण दो होटल जिनसे आस-पास के भवनों के लिए भी खतरा उत्पन्न हुआ है, उनको डिस्मेंटल करने का आदेश दिया गया है।

इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नहीं तोड़ा जा रहा है। भू-धंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। सचिव ने यह भी बताया कि जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं, उनको सरकार द्वारा 6 माह तक ₹4000/माह किराया दिया जा रहा है।

भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है और सुरक्षा के दृष्टिगत आज तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थाई राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भू-धंसाव से जो भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें बाज़ार दर पर मुआवजा दिया जाएगा।

 

जोशीमठ में पीड़ितों की सहायता के लिए पतंजलि योगपीठ आया आगे

Patanjali Yogpeeth Corona Cases: Ramdev haridwar patanjali yog peeth 39  workers and students Corona positive.रामदेव पतंजलि के योगपीठ पर कोरोना  विस्फोट, 39 कर्मचारी और छात्र कोरोना पॉजिटिवहरिद्वार, जोशीमठ में लोगों की सहायता के लिए पतंजलि योगपीठ ने हाथ आगे बढ़ाया है। दिव्य योग मंदिर कनखल से बाबा रामदेव के नेतृत्व में 2000 कंबल और दो ट्रक खाद्य सामग्री जोशीमठ के लिए रवाना की गई है। आचार्य बालकृष्ण आज जोशीमठ पहुंचकर लोगों को यह खाद्य सामग्री और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं के साथ ही खाद्य सामग्री भी वितरित करेंगे। दिव्य योग मंदिर कनखल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बाबा रामदेव ने बताया कि जोशीमठ के लोगों की मदद के लिए पतंजलि योगपीठ उनके साथ हर समय खड़ा है। लोगों की सहायता के लिए 2000 कंबल और उनके प्रति दिन जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं के साथ ही खाद्य सामग्री भी पतंजलि की ओर से भेजी जा रही है।

आचार्य बालकृष्ण जोशीमठ पहुंचकर लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करेंगे। बाबा रामदेव ने बताया कि सरकार और समाज लेकर ही आपदा के समय लोगों की मदद करते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं कि हम सरकार के भरोसे ही लाचार लोगों को छोड़ दें। जोशीमठ में लोगों की मदद के लिए आश्रम, अखाड़े, व्यावसायियों के साथ ही सभी लोगों को मदद के लिए आगे आना चाहिए।

बाबा रामदेव ने बताया कि जोशीमठ आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली है। ऐसे सरकार को जोशीमठ के लोगों को बचाने के लिए बड़ी योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के लोगों और वहां की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं।

क्या ये FD में पैसा लगाने का सही समय? या करना चाहिए 1 महीने का इंतजार- जानें एक्सपर्ट की राय

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भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ती ब्याज दरों ने पिछले एक साल में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को आकर्षक बना दिया है। ज्यादातर लोग खासकर सीनियर सिटीजन FD में पैसा निवेश कर रहे हैं।
इसका बड़ा कारण है कि FD पर पहले से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है। अब अगर एक्सपर्ट की माने तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर अब खत्म होता दिखा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या अब एफडी में निवेश करने का अच्छा समय है? या एक महीना और इंतजार करना चाहिए?

बैंकों ने मई से लेकर अभी तक बढ़ाया ब्याज मई 2022 से भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 225 आधार अंकों (bps) यानी 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। RBI के रेपो रेट बढ़ाने के बाद ज्यादातर सभी बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। बैंकों ने एफडी और लोन दोनों की ब्याज दरें बढ़ाई हैं। एफडी पर ब्याज डिपॉजिटर्स की उम्मीदों से ज्यादा बढ़ा है।

बैंक बाजार के डेटा के मुताबिक मई से लेकर अब तक कई बैकों ने एफडी पर ब्याज 130 से 195 बेसिस प्वाइंट यानी 1.30 फीसदी से 1.95 फीसदी तक बढ़ाया है। ये ब्याज एक साल से 3 साल तक एफडी पर निवेशकों को मिल रहा है। ये बैंक FD पर इतना दे रहे हैं ब्याज

ये बैंक FD पर इतना दे रहे हैं ब्याजक्या आगे भी FD पर बढ़ेगा ब्याज अभी तक निवेशकों को ज्यादा ब्याज का फायदा मिला है लेकिन अब अगर एक्सपर्ट की माने तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी का स्कोप कम है। कॉरपोरेट ट्रेनर (डेब्ट) जॉयदीप सेन ने कहा कि आगे आरबीआई सिर्फ एक बार और रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है।

तब बैंक एफडी के ब्याज में बढ़ोतरी कर सकते हैं। सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज बीते हफ्ते बढ़ाया है। एक साल की एफडी पर दरें 110 आधार अंकों से बढ़कर 6.60 प्रतिशत हो गईं हैं। पांच साल के राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) की दरों में 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर 8 प्रतिशत कर दिया गया।

PPF और सुकन्या समृद्धि योजना की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह मौजूदा ब्याज दरों पर अपने पैसे को लॉक करने का एक अच्छा समय है। निवेशकों को क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट के मुताबिक लंबी अवधि में एफडी में निवेश करने का यह अच्छा समय है, लेकिन बहुत ज्यादा एफडी में निवेश न करें। अपने शॉर्ट-टर्म इमरजेंसी फंड को अपने बैंक FD में रखें और कॉरपोरेट एफडी में कुछ पैसा लगाएं। ज्यादा रिटर्न के लिए क्रेडिट रिस्क न लें और अपनी क्षमता के मुताबिक ही जोखिम उठाएं।

हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की ओर टीएचडीसीआईएल ने बढ़ाया कदम

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ऋषिकेश. भारत सरकार के ’’राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन ’’ के अन्तर्गत अग्रणी भागीदारी दर्ज कराते हुए टीएचडीसी ने अपने ऋषिकेश स्थित परिसर में 50ज्ञह प्रतिदिन हरित हाइड्रोजन उत्पादन एवम भंडारण तथा भंडारित हरित हाइड्रोजन द्वारा ऊर्जा उत्पादन/विद्युत उत्पादन की परियोजना की शुरूआत कर दी है ।

टीएचडीसी द्वारा परियोजना स्थापित करने के लिए खुली निविदा प्रक्रिया के तहत कार्यदायी संस्था का चयन भी किया जा चुका है । इस हेतु कार्यदायी संस्था को ’’लेटर ऑफ अवार्ड ’’(एलओए) दिनांक 05.01.2023 को जारी किया गया । परियोजना से नौ महीने के समय अन्तराल में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन चालू हो जायेगा । परियोजना की लागत 10 करोड रूपये है । हरित हाइड्रोजन उत्पादन हेतु इनपुट पावर परिसर में पहले से स्थापित 1 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पावर प्लांट से ली जायेगी । परियोजना द्वारा उत्पादित हरित हाइड्रोजन का उपयोग टीएचडीसी परिसर को प्रकाशित करने में किया जायेगा ।

उल्लेखनीय है कि यह परियोजना अपनी तरह में देश की सबसे बड़ी और सर्वप्रथम परियोजनाओं में से एक है ।

हरित हाइड्रोजन भविष्य के लिए एक संभाव्य स्वच्छ ईधन है जिसका उपयोग रिफाइनरी उद्योग, फर्टिलाइजर उद्योग, ऊर्जा /विद्युत उत्पादन ,परिवहन वाहनों इत्यादि में ईधन के रूप में होता है ।

इस तरह के प्रोजेक्ट देश में हरित हाइड्रोजन के विकास व उपयोग को बढावा देने का मार्ग प्रशस्त करेंगें तथा वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगें । टीएचडीसी इस परियोजना से प्राप्त हुए अनुभव का उपयोग देश में ’’हरित हाइड्रोजन इकोनॉमी ’’के विकास हेतु करेगा ।

टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है । टिहरी बांध एव एचपीपी (1000 मेगावाट ) ,कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट ) गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट एवं द्वारका में 63 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं , उतर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लद्यु जल विद्युत परियोजना एंव कासरगॉड केरल में 50 मेगावाट की सौर परियोजना के साथ टीएचडीसीआईएल की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गई है ।

भू-धसाव से प्रभावित लोगों की मदद के लिये प्रधानमंत्री ने दिया है हर संभव सहयोग का आश्वासन

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को दोपहर बाद जोशीमठ के लिये रवाना हुए। जोशीमठ पहुंचते ही उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम से राहत एवं भू-धसाव से उत्पन्न स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री हेलीपेड से सीधे भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिये निकले तथा भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग का आवश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि इस संकट के समय केंद्र व राज्य सरकार संजीदगी के साथ उनके साथ खड़ी है। इस स्थिति का सामना करने के लिये उनकी अपेक्षाओं का पूरा सम्मान किया जायेगा। भू-धसाव से प्रभावित लोगों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कम्बल भी वितरित किये।

जोशीमठ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में चिन्हित भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के सभी भवनों नहीं अभी सिर्फ दो होटल्स तोड़े जाएंगे वह भी सभी की सहमति से इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी है सारे नाम उसमें सम्मिलित कर दिए हैं सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को उसमें सम्मिलित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी राहत एवं पुनर्वास ठीक तरीके से हो यह हमारी प्राथमिकता है अंतरिम राहत की हम ने घोषणा की है जल्दी-जल्दी हम चाहेंगे कि सभी तक अंतरिम राहत पहुंचे जिससे लोगों को फौरी रूप से राहत मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके आज सुबह से ही अन्य जगह भी कार्यक्रम लगे थे लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में उन्हें जोशीमठ में अपने भू-धसाव से प्रभावित भाई बहनों के साथ रहना चाहिए और वे यहां आ गये हैं, इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं तथा सहायता भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यहां पर भू-धसाव के कारण जितना नुकसान हुआ है वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है और कुछ समय बाद चार धाम यात्रा भी शुरू होनी है, इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है, क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है हमारी कोशिश रहेगी कि इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों का संतुलन बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाय।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आंकलन करवाएंगे अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है उसका स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आज पानी आधे से भी कम हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है माननीय प्रधानमंत्री जी का भी संपूर्ण आश्वासन है हमारी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है और लगातार अपडेट ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम जोशीमठ में करेंगे तथा प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये जोशीमठ में कैम्प कर रहे उच्चाधिकारियों, आयुक्त एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।

 

जोशीमठ में आई आपदा से मुक्ति को श्री दुर्गा वाहिनी समिति ने किया यज्ञ का आयोजन

देहरादून, जोशीमठ में आई आपदा से मुक्ति को यज्ञ का आयोजन किया गया, श्री दुर्गा वाहिनी समिति (रजि०) द्वारा एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला पर चमोली के जोशीमठ में वहां के निवासियों के साथ आई मुसीबतों को दूर करने का आग्रह हवन कर परमपिता परमात्मा से किया गया । इस अवसर पर समिति के संरक्षक, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अशोक वर्मा ने कहा जोशीमठ के लोगों के साथ सभी को कंधे से कंधा मिला कर खड़ा होना चाहिए, ऐसे में सरकार का भी दायित्व है कि वहां के लोगों की जीवन रक्षा करें और परिवारों का पुनर्वास बड़े पैमाने पर करने का काम करें ताकि लोग दोबारा अपने जीवन को मुख्यधारा में लाकर स्वालंबी बन सके। सरकार को जल्दी ही इस प्रकरण पर निर्णय लेना चाहिए क्योंकि वहां के लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं | समिति के अध्यक्ष प्रवीण त्यागी ने कहा की सभी की मदद होनी चाहिए और संगठन के माध्यम से भी प्रयास कर वहां के लोगों की मदद और इमदाद पहुंचाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सभी जोशीमठ के लोगों की भावनाओं के साथ जुड़े हैं और इस विषम परिस्थिति में उन लोगों की स्थिति का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है ।किन्हीं कारणों से पहाड़ के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। सरकारी व्यवस्थाएं भी अपना काम कर ही रही है लेकिन इतने लोगों को इतनी ठंड के मौसम में एक साथ विस्थापित करने में समय लग सकता है । हम सब मिलकर ईश्वर से प्रार्थना करते करते हैं कि जब तक सभी लोग विस्थापित ना हो जाए तब तक ऐसा कुछ ना हो कि हम सब को शर्मिंदा होना पड़े, आज वहां के सैकड़ों परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है | लोग अपने घरों को छोड़ने को तैयार ही नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनकी भावनाएं वर्षों तक वहां रहते हुए जुड़ी हुई है, सरकारों को उनकी भावनाओं के अनुरूप निर्णय लेना चाहिए। हवन पं पंडित आचार्य विजेंद्र प्रसाद मंगाई एवं पंडित श्रीकांत शुक्ला द्वारा कराया गया ।
इस अवसर पर सभी ने ईश्वर से एक प्रार्थना सभा भी की, जिसमें ईश्वर से प्रार्थना की गई कि इस आपदा के समय में जोशीमठ वासियों की मदद करें।
इस अवसर पर पूर्व पार्षद श्रीमती मूर्ति देवी, आनंद त्यागी, महेश जोशी, पार्षद प्रवेश त्यागी, राधेश्याम त्यागी, राकेश त्यागी, शुभम चौहान, प्रधान अवधेश पंत, पूर्वी त्यागी, अभिषेक वर्मा, शिवा वर्मा, रिपुदमन सिंह, अवधेश, देवेंद्र सिंह, भीम सिंह कराची राजेंद्र मिश्रा, मंजू त्यागी रानी देवी लड्डू उज्जैन वाला समेत काफी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने प्रार्थना सभा में शामिल हुए।

खास खबर : अभिनेत्री अमृता सिंह की मौसी की जमीन हड़पने का मामला, 10 हजार का इनामी आरोपी हुआ गिरफ्तार

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य बनने के बाद से दून में जमीन खरीदने और बेचने के धंधे में काफी इजाफा हुआ, इन सबके बीच जमीन खरीद फरोख्त में जालसाजी भी होने लगी, ऐसीही एक जालसाजी फिल्म अभिनेत्री अमृता सिंह के रिश्तेदार जुड़ी सामने आयी, जिसमें अभिनेत्री अमृता की मौसी की जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे हड़पने में शामिल दस हजार रुपये के इनामी आरोपी को क्लेमनटाउन थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी पिछले साल 17 मार्च से फरार चल रहा था। क्लेमनटाउन थानाध्यक्ष कुलवंत सिंह जलाल ने बताया कि मधुसूदन बिंबट की थाना क्षेत्र में 20 बीघा जमीन है। 19 जनवरी 2019 को मधुसूदन बिंबट की मौत हो गई थी। तब से इस संपत्ति पर भू-माफियाओं की नजरें गढ़ी।

मधुसूदन बिंबट की मृत्यु के बाद से ही उनकी संपत्ति पर मालिकाना हक को लेकर विवाद शुरू हुआ। अमृता सिंह और उनकी मौसी ताहिरा बिंबट ने संपत्ति पर एक बोर्ड भी लगा दिया था। अमृता सिंह तब देहरादून भी आई थीं। इस दौरान भी कई अन्य लोग संपत्ति पर अपना हक जताने पहुंच गए थे। सितंबर 2019 में भी संपत्ति हड़पने का प्रयास करने में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। बीते 17 मार्च 2022 को अमृता सिंह की मौसी ताहिरा बिंबट ने पुलिस को शिकायत दी थी।

जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके भाई मधुसूदन बिंबट की संपत्ति की राजेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने फर्जी वसीयत बना ली है। क्लेमेनटाउन थाना पुलिस ने मामले में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। केस में राजेंद्र सिंह निवासी मोहिद्दीनपुर जिला सहारनपुर, साजिद निवासी महबूब कॉलोनी ब्राह्मणवाला, सचिन कुमार निवासी मझौल जबरदस्त जिला सहारनपुर, नाथीराम निवासी मंदिर मोहल्ला तेलपुरा शेखपुरा कदीम जिला सहारनपुर का नाम सामने आया,
इस केस में अन्य नाथीराम को छोड़कर अन्य आरोपी जेल जा चुके हैं। नाथीराम पर एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने दस हजार का इनाम घोषित किया हुआ था। उसे क्लेमनटाउन थाना पुलिस ने मंगलवार को सहारनपुर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

उन्होंने बताया कि बीते पांच जनवरी को इस केस में शामिल दस हजार रुपये के इनामी आरोपी सचिन कुमार को दबोचा गया था। अब केस में शामिल सभी आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं।

गाँधी पार्क में स्वच्छता चैंपियंस कार्यक्रम का मेयर ने किया शुभारंभ, चुनिंदा स्वच्छता चैंपियंस 23 जनवरी को होंगे सम्मानित

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देहरादून, शहर में ऐसे अनेक स्वच्छता चैंपियंस है, जो देहरादून को स्वच्छ और सूंदर शहर बनाने में अपना योगदान दे रहे है। यह कुछ ऐसे नागरिक है जो पुरे शहर के लिए एक मिसाल कायम कर रहे है, चाहे वो घर से निकले कचरे को अलग करना हो या जीविक कचरे की खाद बनाना हो. कुछ ऐसी संस्थाए भी है जो लोगों को जागरूक करने के लिए हर हफ़्ते स्वच्छता अभियान चला रहे है और अपनी समाज में लोगो को कचरे के प्रति जागरूक कर रहे है।

इन सभी स्वच्छता चैंपियंस को सम्मानित करने के लिए नगर निगम से माननीय महापौर श्री सुनील उनियाल गामा जी ने आज गाँधी पार्क में स्वच्छता चैंपियंस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में माननीय महापौर ने स्वछता की चाबी का भी अनावरण किया, जिससे कुछ चुनिंदा स्वच्छता चैंपियंस को 23 जनवरी, 2023 को सम्मानित किया जायेगा।
इस कार्यक्रम में इंद्रा कॉलोनी से एस.एस.रसाइली, सिद्धार्थ पैराडाइस से श्रीमति सुमति विरमानी और एम बी होम्स से श्रीमती तनुश्री मिश्रा ने लोगों के साथ अपनी स्वच्छता की कहानी भी साझा की।

मेयर सुनील उनियाल गामा जी द्वारा अपने संबोधन में कहा गया की स्वच्छता चैंपियन की खोज या कहे देहरादून शहर को स्वच्छ, सुंदर और हरा- भरा बनाने मे जो भी लोग , अपार्टमेंट , होटल ,रेस्टुरेंट ,स्कूल ,कॉलेज ,ऑफिस आदि लगे हुए है उनको सम्मान देने की कार्य योजना का उदगम आज यहां होने जा रहा है। नगर निगम द्वारा देहरादून शहर के कचरा प्रबंधन हेतु अनेको कार्य किये जा रहे है परन्तु उन सभी चैम्पियंस के अतुल्य योगदान के बिना स्वच्छ दून सुन्दर दून का सपना साकार नहीं हो सकता। और इसी क्रम मे आज यहाँ इसकी शुरुआत की जा रही है। देहरादून मे ऐसे कई नागरिक है जो अपने स्तर से ही कचरे का प्रबंधन कर रहे है , गीले कचरे से खाद बना रहे है , अपने अपार्टमेंट , मोहल्ले ,गली के लोगो को जागरूक कर रहे है, स्वच्छता रैली से सबको प्रेरित कर रहे है और स्वच्छता की अलख जगा रहे है. कई ऐसे रेस्टुरेंट, होटल है जो प्लास्टिक मुक्त हो गए है और प्लास्टिक से हट उसके दूसरे विकल्प के साथ अब अपने व्यवसाय को जीरो वेस्ट व्यवसाय बना चुके है. कई ऐसे स्कूल है जहा मिड डे मील उपरांत बचे गीले कचरे से खाद बन रही है और वही खाद अब स्कूल के ही प्रांगड़ मे लगी बागवानी के काम आ रही है, आज इस स्वच्छता चैंपियन कार्यक्रम के माध्यम से उन सभी योद्धाओं की खोज शुरू होगी और 23 जनवरी को उनको नगर निगम द्वारा सम्मानित किया जायेगा। मेरी आप सभी से अपील है की आप अपने वार्ड मे ऐसे उन सभी योद्धाओं की जानकारी जुटाए और नगर निगम को उनका नाम भेजे, निगम द्वारा एक कमेटी के माध्यम से प्रदान की गयी जानकारी की जांच कर उत्कृष्ट कार्य करने वालो को सम्मान दिया जाएगा। उन् सभी को इस के साथ जोड़ कर उनको सम्मानित करने मे हमारी मदद करे।

नगर आयुक्त श्री मनुज गोयल जी द्वारा कहां गया की सिटी का प्रत्येक नागरिक को हमने स्वच्छता चैंपियन बनाना है, और नगर को स्वच्छता की अग्रिम श्रेणियों में शुमार किया जाना है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए भी सभी को साथ मिलकर काम करना है और इस बार देहरादून की नंबर वन बनाना है.देहरादून शहर हम सब का है और इसको स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना भी हम सभी की जिम्मेदारी है।

इस कार्यक्रम में माननीय नगर आयुक्त, श्री मनुज गोयल, सहायक नगर आयुक्त श्री शांति प्रसाद जोशी, स्मार्ट सिटी, से , ऍम0 डी0 डी0 ए 0, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , हडको के महाप्रबंधक श्री संजय भार्गव, वेस्ट वॉरियर्स संस्था से नवीन कुमार सडाना तथा कई विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।

हिमनन्दिनी ने बाजार में उतारा स्‍वास्‍थ्‍य परख ‘पहाड़ी बद्री गाय’ का शुद्ध घी

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देहरादून, सामाजिक सरोकार को लेकर बना हिमनन्दिनी संस्था ने विलुप्त होती बद्री गाय के उत्थान के लिये सकारात्मक पहल के तहत अपना पहला उत्पादन बद्री गाय का घी बाजार में उतार दिया | पहाड़ की कामधेनु बद्री गाय का ‘हिमनन्दिनी’ ब्रांड निर्मित घी का उत्तराखण्ड़ के यशस्वी युवा लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं जागेश्वर के लोकप्रिय नेता एवं विधायक श्री मोहन सिंह मेहरा के कर कमलों से शुद्ध पहाड़ी बद्री गाय का घी ‘हिमनन्दिनी’ का मुख्यमंत्री आवास में विधिवत् शुभारंभ किया गया, पर्वतीय किसानों और स्वयं सेवी समूहों से जुड़ी इस मुहिम से पहाड़ की मातृशक्ति को आजीविका की एक नयी आशा की किरण मिलेगी | इस घी के शुभारंभ के साथ ही विलुप्त होती बद्री गाय के अस्तित्व पर उत्पन्न संकट के बादल छटने की भी आशा प्रतीत हुई साथ ही आमजन को शुद्ध पहाड़ी बद्री गाय का घी उपलब्ध हो पायेगा | इस मौके पर माननीय मुख्यमंत्री एवं विधायक ने प्रसन्नता व्यक्त की | गौरतलब हो कि पहाड़ की ये बद्री गायें प्राकृतिक जड़ी बूटियां युक्त चारे पर निर्भर रहती हैं | हिमनन्दिनी के माध्यम से आमजन औषधीय युक्त घी के सेवन से अपने स्‍वास्‍थ्‍य का भी समुचित देखभाल कर पायेंगे | संस्था का उत्पाद सभी प्रमुख रिटेल माॕल पर एवं आॕनलाइन के माध्यम से भी क्रय किया जा सकता है | इस अवसर पर हिमनन्दिनी संस्था के संचालक चन्द्र शेखर रिखाड़ी एवं समन्वयक ललित मोहन लखेड़ा, राजू धानिक, प्रकाश सिंह मेहता एवं प्रमुख वरिष्ठजन भी उपस्थित रहे |

अदम्य शाहस के लिये रुद्रप्रयाग के नितिन रावत को मिलेगा राष्ट्रीय बीरता पुरुष्कार

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- विकास खण्ड अगस्त्य मुनी की न्याय पंचायत सतेरा खाल के तमिंड गॉव निवासी नितिन रावत को उनके अदम्य शाहस के लिये राष्ट्रीय बीरता पुरुष्कार से सम्मानित किया जायेगा। 17 जनवरी को नई दिल्ली में उन्है सम्मानित किया जायेगा। नितिन के अदम्य शाहस के लिये उनका नाम राष्ट्रीय बीरता पुरस्कार को चयन होने फर ग्रामीणों सहित जनपद व प्रदेश वासियों ने खुशी ब्यक्त की।
बता दें कि रुद्रप्रयाग तमिंड गांव के निवासी नितिन रावत अपने भाई के साध चण्डिका महायज्ञ में नारी गॉव जा रहा था कि रास्ते में घात लगाये गुलदार ने उसके भाई पर हमला कर दिया, नितिन ने अदम्य शाहस का परिचय देते हुये लाठी लेकर शोर मचाते हुये गुलदार की ओर दौड़ा गुलदार ने नितिन पर भी हमला करने की कोशिश की लेकिन नितिन के साहस के आगे गुलदार की एक न चली व उसें भागने को मजबूर होना पड़ा।
राज्य बाल कल्याण परिषद के जिला प्रभारी सतेन्द्र भंडारी ने वताया कि प्रदेश से तीन बच्चो के नाम इस पुरुस्कार के लिये भेजे गये थे जिसमे रुद्रप्रयाग के नितिन रावत के नाम का चयन हुआ है। आगामी 17 जनवरी को दिल्ली में नितिन रावत को राष्ट्रीय बीरता पुरुष्कार दिया जायेगा।

खास खबर : ड्रोन के जरिए 40 मिनट में देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी पहुंची 400 डोज वैक्सीन

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देहरादून, प्रदेश के सुदूर इलाकों में दवाईयों को पहुंचाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य के दूरस्थ जनपदों में निवास कर रहे लाभार्थियों को कम से कम समय में वैक्सीन उपलब्ध कराने हेतु अनोखी पहल सफल साबित हुई। प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर दवाओं, टीकों को समयबद्ध तरीके से पहुंचाने हेतु स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड ने ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल पूर्ण कर लिया है।

सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी तक महज 40 मिनट में वैक्सीन की डोज को सफलतापूर्वक पहुंचाया गया। प्रतिरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ड्रोन द्वारा डिप्थीरिया टिटनेस (डी.पी.टी.) व पेंटा की 400 डोज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी पहुंचाई गई है। अमूमन सड़क मार्ग से 5-6 घंटे का समय लगता है।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने यह भी अवगत कराया कि इस सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा आगामी दिनों में प्रदेश के सूदूर इलाकों में ड्रोन के माध्यम से कोविड वैक्सीन को पहुंचाए जाने हेतु कार्य का शुभारंभ किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग तथा इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आई.टी.डी.ए.) के सहयोग से दवाईयों को पहुंचाया गया है।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में दवाईयों या वैक्सीन को पहुंचाने हेतु सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है व कभी-कभी आपदा के कारण भी दवाई पहुंचाने में परेशानी होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि दवाई वितरण में किसी भी प्रकार की देरी न हो और समय पर सभी चिकित्सा इकाइयों तथा ऐसे स्थानों, गावों में जहां सड़क मार्ग की सुविधा नही है वहां भी दवाईयां, वैक्सीन उपलब्ध हो। निकट भविष्य में दुर्घटनाग्रस्त, आपदा या अन्य किसी विकट स्थिति पर समयान्तर्गत प्राथमिक उपचार की दवाईयां तथा अन्य सामाग्री पहुंचाने में ड्रोन टेक्नोलॉजी की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी।
सचिव द्वारा बताया गया कि कोविड के दृष्टिगत भी ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी कारगर साबित होगी। हम प्रदेश के सभी चिकित्सा इकाइयों में वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखेंगे ताकि पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण सुलभ तरीके से पूर्ण हो।