नई दिल्ली, डाक विभाग ने ग्रामीण इलाकों तक ग्राहकों को लाभ पहुंचाने की दिशा में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी), एटीएम सहित कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद अब बीमा पालिसी की ओर भी अग्रसर हो रहा है जिसका क्लेम सेटलमेंट रेट 100% है|
इसी कड़ी में डाक विभाग ने ग्रुप एक्सीडेंट गार्ड पालिसी लांच की है। इस पालिसी में 299 रुपये सालाना प्रीमियम पर 10 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। 399 रुपये वार्षिक प्रीमियम पालिसी भी लागू की गई है। 18 से 65 वर्ष तक के आयु के लोग इसका लाभ ले सकेंगे। ग्रुप एक्सीडेंट गार्ड पालिसी के तहत 299 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर दुर्घटनावश मृत्यु, स्थायी व आंशिक विकलांगता, अंग-विच्छेद, पैरालाइसिस होने पर 10 लाख रुपये का धारकों को बीमा लाभ मिलेगा। दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से होने वाली शारीरिक और आर्थिक बाधाओं के खिलाफ 60 हजार रुपये तक का दुर्घटनावश चिकित्सा व्यय आइपीडी व 30 हजार रुपये तक का दुर्घटनावश चिकित्सा व्यय ओपीडी का लाभ ले सकते हैं। प्रीमियम का लाभ लेने वाला व्यक्ति यदि अपने बच्चों को भी बीमा कवर का लाभ दिलवाना चाहता है, तो इसके लिए उसे 399 रुपये का बीमा प्रीमियम लेना होगा। प्रीमियम लेने वाला लाभार्थी अधिकतम दो बच्चों को शिक्षा के लिए 10 प्रतिशत का लाभांश मिलेगा। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान हर रोज एक हजार रुपये प्रतिदिन व अधिकतम 10 हजार रुपये मरीज को मिलेगा। रिसर्च से पता चला है कि डाक विभाग की ग्रुप एक्सीडेंट गार्ड पालिसी से इतनी सस्ती पालिसी कहीं नहीं है। इससे लोगों को ज्यादा लाभ मिलेगा। खासकर, कम आय वाले लोगों को पालिसी लेने में ज्यादा सहूलियत होगी। इस पालिसी से काफी लोग प्रभावित हो रहे हैं।
अब बीमा पॉलिसी में उतरा डाक विभाग, ग्रुप एक्सीडेंट गार्ड पालिसी की लांच
महापौर सुनील उनियाल गामा ने किया दून में पहले प्रीमियम डर्मा क्लिनिक ‘ग्लेम’ का उद्घाटन
डर्मा क्लिनिक ‘ग्लेम’ देहरादून के लोगों के लिए वरदान साबित होगा : अल्पिका शर्मा
देहरादून, महापौर सुनील उनियाल गामा ने आज राजपुर रोड स्थित एमजे टावर में देहरादून के पहले प्रीमियम डर्मा क्लिनिक ‘ग्लेम’ का उद्घाटन किया, उद्घाटन समारोह में सेलिब्रिटी गेस्ट- समृद्धि और सुरभि मेहरा उर्फ ’चिंकी मिंकी’ भी मौजूद रही।
‘ग्लेम’ शहर का पहला डर्मा क्लिनिक है जो त्वचा संबंधी सभी समस्याओं को पूरा करने के लिए सभी नवीनतम हाई-टेक मशीनों से लैस है। यह क्लिनिक पोषण विशेषज्ञ-अल्पिका शर्मा के स्वामित्व में है, जिन्होंने इस क्लिनिक की उत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित की है। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए अल्पिका शर्मा ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में हमें विभिन्न प्रकार के प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है वहीं हमारा जो दैनिक आहार है वह भी दूषित हो चुका है साथ ही साथ लोगों में व्यायाम करने की भी आदत की कमी की वजह से हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोगों का प्रवेश हो चुका है। हम ग्लेम’ डर्मा क्लिनिक के माध्यम से आधुनिक उपकरण के सहारे लोगों को आवश्यकता अनुसार ट्रीटमेंट मुहैया कराएंगे एवं दून के लोगों के लिए यह क्लीनिक उनके इलाज में एक वरदान साबित होगा।
‘बबीता जी’ के करीबी का हुआ निधन, अय्यर का भी हुआ बुरा हाल
सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की ‘बबीता जी’ के पति ‘अय्यर’ उर्फ तनुज महाशब्दे के बड़े भाई प्रवीण महाशब्दे का निधन हो गया है। बता दें इस दुखद न्यूज के बाद से अय्यर और पूरे ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की टीम को झटका लगा है।
‘अय्यर’ के बड़े भाई का अंतिम संस्कार आज मध्यप्रदेश के देवास में किया गया।
‘अय्यर’ ने कहा कि मेरी जिंदगी में बड़े भाई का बड़ा रोल था। ‘अय्यर’ उन्हें माता-पिता से भी बढ़कर मानते थे। उनके बड़े भाई एक एक्टर थें। उनके निधन पर ‘अय्यर’ ने कहा मुझे उन्होंने आगे बढ़ाया. यह मेरे लिए बड़ी क्षति है। बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। तनुज महाशब्दे ने कहा कि बड़े भाई का मुझे इस तरह छोड़कर जाना मेरे जीवन की सबसे बड़ी क्षति है। इस बीच सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी भी अय्यर उर्फ तनुज महाशब्दे के घर पहुंचे, उन्होंने तनुज और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। सोलंकी ने कहा कि प्रवीण महाशब्दे भी अभिनय करते थे, उन्होंने हमें बीच में ही छोड़ दिया। यह देवास के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
बता दें, 53 साल के प्रवीण 10 साल तक थिएटर से जुड़े रहे और लोगों का मनोरंजन करते रहें। वे महाराष्ट्र समाज के नवयुग नाट्य मंडल में कई कार्यक्रमों में नजर आए, उन्हें आर्केस्ट्रा का भी शौक था। प्रवीण महाशब्दे देवास महाराष्ट्र समाज में भी विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, उन्होंने अपने छोटे भाई तनुज महाशब्दे यानी ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के अय्यर को मनोरंजन की दुनिया में आगे बढ़ाया। वह तुंज के जीवन में अहम भूमिका निभाते थे। भाई की मौत के बाद भावुक तनुज ने कहा कि बड़े भाई के सपोर्ट की वजह से ही उन्हें बड़ी नौकरी और बड़ा नाम मिला है। बड़े भाई खुद एक कलाकार थे इसलिए, उन्होंने मुझे इस क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए प्रेरित किया।
सीएम ने किया भारतीय वन सेवा संघ, उत्तराखण्ड के वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित मंथन सभागार में भारतीय वन सेवा संघ, उत्तराखण्ड के वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस अधिवेशन में वन विभाग से संबंधित अनेक विषयों पर चर्चा होगी एवं राज्य की वन एवं पर्यावरण से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए चिंतन होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से अधिकारियों को एक-दूसरे को समझने का मौका मिलता है, जिससे कार्य करने की गति में भी तेजी आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। तब तक वन विभाग द्वारा राज्य के विकास के लिए क्या योगदान दिया जा सकता इसके लिए लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें ईकोलॉजी एवं इकोनॉमी में समन्वय बनाकर आगे बढ़ना है। विकास कार्यों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के साथ आगे बढ़ना है। पर्यावरण संरक्षण के कार्य के साथ ही लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की वन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी में आयोजित चिंतन शिविर में वन विभाग को राज्य में बंदरों एवं अन्य जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान को बचाने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने को कहा गया था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस दिशा में विभाग द्वारा तेजी से प्रयास किये जा रहे होंगे। उन्होंने कहा कि वनों के माध्यम से लोगों की आजीविका जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाए। मानव एवं वन्यजीव संघर्ष को कम करने, वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आम जन से सहयोग एवं वन पंचायतों को मजबूत बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। राज्य में वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड वन सम्पदाओं से सपन्न राज्य है। अपनी वन संम्पदाओं के सदुपयोग से हम लोगों की आजीविका में कैसे वृद्धि कर सकते हैं, इस दिशा में हमें निरंतर प्रयास करने होंगे। पर्यावरण संतुलन विश्व की सबसे बड़ी चिंता है। वन विभाग को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर एवं लोगों को इसके प्रति जागरूकता में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वन क्षेत्र बढ़ा है, इसके लिए उन्होंने वन विभाग के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वनों एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें इनको लोगों की आजीविका से जोड़ना होगा।
वन विभाग के इस अधिवेशन में वन विभाग द्वारा सशक्त उत्तराखण्ड की दिशा में क्या प्रयास किये जा सकते हैं, वन विभाग का राज्य के विकास के लिए रोडमैप, वानिकी क्षेत्र के माध्यम से आजीविका सृजन, मानव एवं वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण, कार्बन वित्त पोषण से राजस्व एवं आय सृजन एवं राज्य से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत सुश्री ज्योत्सना सितलिंग, आईएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल लाल एवं भारतीय वन सेवा संघ, उत्तराखण्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाना होगा बंद : सात मस्जिदों पर लगाया 35 हजार जुर्माना, दो को दी चेतावनी
हरिद्वार, धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने पर प्रतिबंध यूपी की तरह अब उत्तराखण्ड़ में भी लगाए जा रहे हैं। जिसको लेकर जिला प्रशासन हरिद्वार ने लाउड स्पीकर से ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर सात मस्जिदों पर 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। एसडीएम पूरण सिंह राणा के द्वारा यह कार्रवाई की गई है। दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट और शासन के आदेश पर मस्जिदों पर लाउडस्पीकर स्थापित करने की शर्तों और प्रतिबंधों के साथ अनुमति प्रदान की गई थी। बताया जा रहा है कि सात मस्जिदों में तय मानक से तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए गए। इसकी पुष्टि जांच में हुई थी। थानाध्यक्ष पथरी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रुड़की की जांच रिपोर्ट पर के नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस का जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर प्रत्येक मस्जिद पर पांच-पांच हजार रुपये अर्थ दंड लगाने की कार्रवाई की गई है।
एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि कटारपुर अलीपुर जामा मस्जिद के जमशेद अली, इबादुल्लाहीताला (किक्कर वाली) मस्जिद स्थित गुर्जर बस्ती पथरी के गुलाम नबी गुर्जर बस्ती, बिलाल मस्जिद स्थित निकट बस स्टैंड धनपुरा पदार्था के मोहम्मद मुस्तकीम, जामा मस्जिद स्थित ग्राम नसीरपुर कला के इब्राहिम नासिरपुर कला, जामा मस्जिद स्थित निकट झंडा चौक धनपुरा पदार्था के जुल्फिकार अली निवासी धनपुरा पदार्था, बिलाल मस्जिद स्थित ग्राम घोसीपुरा हरिद्वार के मोहम्मद मोहब्बत, साबरी जामा मस्जिद स्थित ग्राम घिस्सूपुरा हरिद्वार के मोहम्मद उस्मान गनी घिस्सूपुरा पर जुर्माना करने की कार्रवाई की गई है। जामा मस्जिद स्थिति इक्कड़ खुर्द के शराफत अली निवासी इक्कड़ खुर्द और मदीना मस्जिद स्थित मुस्तफाबाद उर्फ पदार्था लक्सर रोड हरिद्वार के मुबारक अली, तालिब हसन एवं मोहम्मद फारूक निवासी मुस्तफाबाद को मानकों का उल्लंघन करने पर चेतावनी जारी की गई है।
सीएम धामी की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं जोशीमठ आपदा प्रभावित
-प्रभावितों के रहने-खाने एवं ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त संख्या में कई गई है हीटर एवं ब्लोअर की व्यवस्था
देहरादून। जोशीमठ आपदा प्रभावित इस समय राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रभावितों के रहने-खाने से लेकर शीत से बचाने हेतु पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। जहां आपदा प्रभावित परिवारों के सदस्यों के रहने की व्यवस्था होटलों के अलावा राहत शिविरों में की गई है तो ठंड से बचाने के लिए हीटर, ब्लोअर आदि के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा प्रभावितों को किसी भी तरह की समस्या न होने पाए। जानकारी के अनुसार 76 परिवारों को हीटर और ब्लोअर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा जो लोग होटल में ठहरे हैं उनके लिए होटल के हीटर-ब्लोअर उपलब्ध हैं। 110 लोगों को थर्मल वियर, 175 लोगों को हॉट वॉटर बोतल, 516 लोगों को टोपी, 280 लोगों को मोजे, 196 लोगों को शॉल आदि जरूरत का सामान वितरित किया गया है। इसी तरह अब तक 771 लोगों को खाद्यान्न किट, 601 को कंबल, 114 लोगों को डेली यूज़ किट दी गयी है। 48 लोगों को जूते भी दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय निवासियों के मवेशियों का भी पूरा ख्याल राज्य सरकार की ओर से रखा जा रहा है। वहीं, आमजन की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है। अब तक कुल 766 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है।
वहीं, जोशीमठ में आपदा प्रभावित 269 परिवारों के 900 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत राहत शिविरों में रूकवाया गया है। राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा इत्यादि मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रभावित परिवारों को उनकी सुविधा एवं स्वेच्छा के अनुसार सुरक्षित गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल एवं धर्मशाला में ठहराया गया है।
आवास व्यवस्था के नोडल अधिकारी/जिला पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा ने बताया कि नगरपालिका जोशीमठ में 6 कमरों में 6 परिवार के 33 सदस्यों को रूकवाया गया है। नगरपालिका एक बडे हाल में 8 परिवारों के 24 सदस्य रह रहे है। गुरुद्वारा में 7 परिवारों के सात कमरों में 28 सदस्य रह रहे है।
इसी तरह, प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ में 4 परिवारों 11 सदस्य, जोशीमठ सिचाई विभाग कॉलोनी में एक परिवार के चार सदस्य, टूरिस्ट हास्टिल औली रोड में दो परिवारो के 8 सदस्यों, राजीव गांधी अभि.वि.जोशीमठ में एक परिवार के 6 सदस्य, प्रा.वि.सिंगधार में 3 परिवारों के 18 सदस्य, होटल शैलजा में 3 परिवारों के 11 सदस्य, होटल श्रीमान पैलैस में 7 परिवारों के 16 सदस्य, विवेक लाज में दो परिवारों के 10 सदस्य, होटल सैफायर में 8 परिवारों के 42 सदस्य, होटल द्रोणागिरी में 10 परिवारों के 34 सदस्य, काली कमली धर्मशाला में 5 परिवारों के 23 सदस्य, मिलन केन्द्र सिंगधार में 1परिवार के 4 सदस्य, होटल तथास्तु में 3 परिवारों के 13 सदस्य, होटल उदय पैलेस में 11 परिवारों के 40 सदस्य, होटल हिमशिखर मे 6 परिवारों के 21 सदस्यों को ठहराया गया है। जबकि होटल ईश्वरी नारायण में 21 परिवारो के 67 सदस्य, शिवालिक कैम्पिंग एंड कार्टज में 7 परिवारों के 22 सदस्य, औली इको नेचर रिजार्ट में 5 परिवारों के 22सदस्य, होटल पथिक में 5 परिवारों के 8 सदस्य, भारत गेस्ट हाउस में 4 परिवारों के 20 सदस्य, संस्कृति महाविद्यालय में 25 परिवारों के 76 सदस्य, होटल आली डी में 1 परिवार के 5 सदस्य, अलकनंदा सदन जोशीमठ में 3 परिवारों के 10 सदस्य, गुंजन गेस्ट हाउस में 2 परिवारों के 7 सदस्य, बलराम गेस्ट हाउस में 11 परिवारों के 49 सदस्य, न्यू सिद्धार्थ होटल में 11 परिवारों के 21 सदस्य, जय मां सरस्वती में 6 परिवारों के 19 सदस्य, हिमालय होटल में 1 परिवार के 3 सदस्य, होटल साईधाम में 5 परिवारों के 12 सदस्य, होटल माणिक पैलेश में 9 परिवारों के 29 सदस्य, होटल ब्रहमकमल में 3 परिवारों के 11सदस्य, होटल महिम रेजीडेंसी में 4 परिवारों के 16 सदस्य, चरक गेस्ट हाउस में 2 परिवारों के 6 सदस्यों को ठहराया गया है।
होटल शिवा पैलेस में 2 परिवारों के 11 सदस्य, होटल शिवलोक में 2 परिवारों के 6 सदस्य, होटल त्रिशूल में 5 परिवारों के 20 सदस्य, अनमोल होम स्टे में 4 परिवारों के 18 सदस्य, एनके होमस्टे में 3 परिवारों के 12 सदस्य, मंदिर समिति गेस्ट हाउस में 1 परिवार का 1 सदस्य, होटल धनेश में 8 परिवारों के 34 सदस्यों को ठहराया गया है।
इसके अतिरिक्त 31 परिवारों के 58 सदस्य अपने रिश्तेदारों के यहां और किराए पर रह रहे हैं।
बेहतर स्वास्थ्य के लिये रामबाण है मोटा अनाजः डॉ0 धन सिंह रावत
देहरादून/ऋषिकेश, स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान समय में बेहत्तर स्वास्थ्य के लिये मोटा अनाज को अपने आहार में शामिल करना जरूरी हो गया है। इसके लिये प्रदेश में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देना होगा। मोटे अनाजों की बढ़ती मांग से जहां एक ओर नये रोजगार का सृजन होगा वहीं पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन में भी कमी आयेगी। राज्य सरकार शीघ्र ही आंगनबाडी केन्द्रों व स्कूलों के मिड-डे मील में भी मोटे अनाजों को शामिल करेगी।
यह बात स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के तत्वाधान में शीशमबाडी ऋषिकेश में आयोजित आईवाईओएम-2023 ईट राइट मिलेट्स मेला के शुभारम्भ के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को यूएनओ के आह्वान पर पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें भारत की भूमिका अहम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव पर ही यूएनओ ने वर्तमान वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। उत्तराखंड मोटे अनाजों के उत्पादन का प्रमुख केन्द्र रहा है, लिहाजा मोटे अनाजों के उत्पादन एवं प्रचार-प्रसार में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में मंडवे की खेती को प्रोत्साहन देने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपये 25 से बढ़ाकर रूपये 35.50 कर दिया है। सहकारिता विभाग के अंतर्गत राज्य सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेशभर में सीधे किसानों से मंडवे का क्रय किया जा रहा है, जोकि किसानों की आय दुगनी कराने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। इसके अलावा झंगोरा, चौलाई, चिणा, कुट्टू आदि मोटे अनाजों के पैदावार व प्रचार-प्रसार पर भी सरकार कृषि विभाग के माध्यम से विशेष प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने मेले में आये विभिन्न होटल, रेस्ट्रो व स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से मोटे अनाजों के पकवान को बढ़ावा देने का अह्वान किया तथा उनके द्वारा मौके पर तैयार मोटे अनाजों के विभिन्न व्यंजनों की सराहना की। मेले में विभिन्न स्कूलों से आये छात्र-छात्राओं द्वारा मोटे अनाजों पर आधारित पेंटिंग्स एवं रंगोली का प्रदर्शन किया गया जिसका स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने बारीकी से अवलोकन किया तथा छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन के लिये पुरस्कृत भी किया। कार्यक्रम में अपर आयुक्त एफडीए अरूणेन्द्र सिंह चौहान ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुये बताया कि यह वर्ष का पहला मिलेट्स मेला है जिसको अंतर्राष्ट्रीय कैंडी कम्पनी सेंटर फ्रेश व लेमन ट्री द्वारा प्रायोजित किया गया। उन्होंने मेले में प्रतिभागिता के लिये रोटरी क्लब व प्रायोजक कम्पनी सहित देहरादून, ऋषिकेश के होटल, रेस्ट्रा प्रतिनिधियों व विभिन्न स्वयं सहायता समूहों तथा एनजीओ का आभार जताया। प्रायोजक कंपनी के प्रतिनिधि प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिये वह आगे भी राज्य सरकार द्वारा आयोजित मेलों में हरसंभव अपना सहयोग प्रदान करते रहेंगे। मिलेट्स मेले में स्थानीय लोगों के साथ ही छात्र-छात्राओं ने मोटे अनाजों से बने विभिन्न पकवानों का जमकर लुत्फ उठाया। कार्यक्रम का संचालन विनय ध्यानी ने किया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी टिहरी सौरभ गहरवार, सीडीओ, सीएमओ, पंचायतीराज अधिकारी, मुख्य कृषि अधिकारी, एआर कॉपरेटिव, उपायुक्त एफडीए, औषधि नियंत्रक, जिला खाद्य अधिकारी, बीज बचाओ अंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी सहित विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं व शिक्षक उपस्थित रहे।
पहाड़ी महिला के जीवन संघर्ष के बीच झूलता गढ़वाली गीत ‘मेरि मां’
देहरादून, एक पहाड़ी गीत आजकल उत्तराखंड़ के आम जनमानस को झंकझोर रहा है, उस मातृ शक्ति को समर्पित यह गीत जिसकी गाथा उत्तराखण्ड़ बनने से लेकर पहाड़ जीवटता भरी जीवन की एक बारीकी है, मातृशक्ति के जीवन संघर्ष को इस गीत ‘मेरि मां’ ”महिलाओं की पीठ पर टिका है पहाड” से समझा जा सकता है। बावजूद कवि, गीतकारों और साहित्यकारों ने उनके इन संघर्षों को अपनी रचनाओं के मार्फत दुनिया के सामने और भी विस्तार देने की कोशिशें की हैं। ऐसे ही कई प्रयास गढ़वाली भाषा के मजबूत हस्ताक्षर और गढ़वाली पत्रिका चिट्ठी पत्री के संपादक मदन मोहन डुकलान ने भी किए हैं। जिनमें से उनकी एक गढ़वाली रचना ‘मेरि मां’ हाल में स्वरबद्ध होकर यूट्यूब पर रिलीज हुई है।
तृषा सारंग फिल्मस के बैनर पर रिलीज ‘मेरि मां’ गीत डॉ. कुसुम भट्ट और मुकेश सारंग की आवाज में स्वरबद्ध है। मदन डुकलान के ही निर्देशन में अभिनेत्री सुमन गौड़ मां के किरदार में है। गीत की धुन डॉ. कुसुम भट्ट और संगीत विनोद पांडेय ने तैयार किया है। अन्य अदाकारों में तृषा सारंग, अर्णव चंदोला और एकता राणा शामिल हैं।
इस वीडियो में गीतकार ने मां के जीवन संघर्ष को जिन प्रतीकों के जरिए उकेरा है, वह सब हर पहाड़ी महिला की दैनिक जीवनचर्या से जुड़े हैं। जैसे जांदरि (हाथ चक्की), सिलोटा (सिलबट्टा), उर्ख्यळी (ओखली), पुंगड़्यों (खेत), बणूं (जंगल) आदि। इनकी क्रियाओं में ही उसका हरदिन खपता-कटता है। वही सूरज को जगाती है, वही उजाले को गांवभर में पठाती है।
क्लाइमेक्स में उसका संघर्ष फलीभूत होता है, जब बेटे-बेटियां परदेस से लौटकर उसकी उदास, राह ताकती आंखों में खुशी भर देते हैं। जो कि उसके बरसों के ‘तप’ के सफल होना ही है। गीत में मां तो एक किरदार भर है। असल, यह ‘पर्वतीय नारी’ के कल और आज है।
सुमन गौड़ ने मां का किरदार बखूबी निभाया है। धुन, संगीत, स्वर सभी अच्छे बन पड़े हैं। पिक्चराइजेशन और प्लेबैक की कहानी भी गीत के भावों को काफी सपोर्ट करती है। कवि मदन डुकलान का एक गीतकार और निर्देशक के तौर पर सार्थक एवं सकारात्मक प्रयास है जिसे अनुभव करने के लिए आपको यूट्यूब पर जाना होगा।
प्रदेश के लिए गौरव का पल : देश के सर्वोत्तम तीन थानों में आया बनबसा थाना, गृह मंत्री ने किया सम्मानित
देहरादून, उतराखण्ड के जनपद चम्पावत के बनबसा थाने ने देश के सर्वश्रेष्ठ तीन पुलिस स्टेशनों में जगह बनाई है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने शुक्रवार 20 जनवरी को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, नई दिल्ली में शुरू हुए DGsP/IGsP सम्मेलन- 2022 के दौरान चम्पावत जिले के बनबसा पुलिस स्टेशन को देश के सर्वोत्तम तीन पुलिस स्टेशन के रूप में सम्मानित किया। थानाध्यक्ष बनबसा उपनिरीक्षक लक्ष्मण सिहं को केंद्रीय गृह मंत्री से प्रशंसा प्रमाण पत्र के साथ प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।*
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार भी DGsP/IGsP सम्मेलन- 2022 में प्रतिभाग कर रहे हैं। पुलिस थानों की वर्ष 2022 की वार्षिक रैंकिंग में बनबसा पुलिस स्टेशन को देश के सर्वोत्तम तीन थानों में स्थान मिला।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने समस्त उत्तराखण्ड पुलिस परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह उपलब्धि प्रदेश में सुशासन एवं सुदृढ़ कानून व्यवस्था की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे सभी पुलिसकर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा का प्रतिफल है।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड श्री अशोक कुमार ने पुलिस अधीक्षक, चम्पावत सहित बनबसा थाने के समस्त कर्मियों को इस उपलब्धी के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि देश में 16 हजार पुलिस स्टेशन हैं और उनमें से सर्वश्रेष्ठ तीन पुलिस स्टेशनों में जगह बनाना गौरव की बात है। यह पहली बार है कि उत्तराखण्ड के किसी पुलिस स्टेशन ने टॉप 3 में जगह बनाई है। इससे पहले देश के टॉप 10 थानों की श्रेणी में वर्ष 2017 में थाना बनभूलपुरा और ऋषिकेश को लिस्ट में 6 व 8 वें स्थान पर और वर्ष 2018 में थाना मुनस्यारी को 9 वें स्थान पर जगह मिली थी।
पुलिस स्टेशनों की रैंकिंग गृह मंत्रालय द्वारा एक वार्षिक अभ्यास है। देश के टॉप थानों की श्रेणी में स्थान पाने के लिए कुछ मानक तय किए जाते हैं। पुलिस स्टेशनों को 165 विभिन्न मापदंडों जैसे अपराध नियंत्रण, अपराध दर, जांच व मामलों के निपटान, बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवा के वितरण के आधार पर आंका जाता है। कुल बिंदुओं में से लगभग 20 प्रतिशत नागरिकों से पुलिस स्टेशन के बारे में मिले फीडबैक पर भी आधारित हैं।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बोले- 20 साल से हो रही भू-धंसाव की चर्चा, फिर कैसे किसकी अनुमति से बन गए बहुमंजिला भवन…? होगी जांच
चमोली (जोशीमठ), भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद मीडिया से बातचीत में महाराज ने कहा कि भू-धंसाव से कई आवासीय भवनों में दरारें आने से असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 20 साल पहले जब मैं जोशीमठ आता था तो इस बात की चर्चा होती थी कि जोशीमठ धंस रहा है। बहुमंजिला भवन बनाए गए हैं। ये भवन किसकी अनुमति पर बने हैं, इसकी जांच की जाएगी।
महाराज ने कहा कि केंद्रीय गृह व रक्षा मंत्री को पत्र भेज कर जोशीमठ में सेना और आईटीबीपी के कैंप में सीवरेज सिस्टम बनाने का आग्रह किया जाएगा। आपदा से प्रभावित परिवारों को क्षति का आकलन के बाद भी सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार आपदा से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरा विश्वास दिलाया है कि वह प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करेंगे। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बृहस्पतिवार को जोशीमठ में राहत शिविरों का निरीक्षण किया और प्रभावितों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों की यहां जरूरत है सिर्फ वही जोशीमठ में रुकें। अनावश्यक कमरे न घेरें, जिससे प्रभावित परिवारों को कमरे मिल सकें।
सतपाल महाराज ने जोशीमठ की स्थिति का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन पर स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की खबरें मीडिया में आने से अधिकांश पर्यटक उत्तराखंड के अन्य जगह की भी बुकिंग रद्द कर रहे हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि जोशीमठ को छोड़कर पूरा उत्तराखंड सुरक्षित है। सरकार औली में शीतकालीन खेलों को संपन्न कराने का भी प्रयास करेगी।
वहीं कैबिनेट मंत्री ने मनोहर बाग, गांधी नगर, नृसिंह मंदिर, जेपी कॉलोनी सहित अन्य जगह पर प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे और जल्द ही इस आपदा से उभरेंगे। मंत्री ने प्रभावितों से सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने ध्वस्त किए जा रहे होटलों और लोनिवि के गेस्ट हाउस का भी निरीक्षण किया। इस दौरान पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र रावत के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।
प्रभावितों ने की शिकायत- एनटीपीसी परियोजना की सुरंग में हो रही ब्लास्टिंग
जोशीमठ भू-धंसाव के बाद सरकार ने एनटीपीसी की जलविद्युत परियोजना समेत सभी निर्माण कार्यों पर लगाई है। प्रभावितों की मानें तो परियोजना की सुरंग में ब्लास्टिंग की जा रही है। बृहस्पतिवार को जोशीमठ प्रभावितों क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से प्रभावित लोगों ने ब्लास्टिंग करने की शिकायत की है।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने जोशीमठ शहर के सिंहधार, नृपसिंह मंदिर, गांधीनगर, जेपी कॉलोनी (मारवाड़ी) आदि स्थानों में भू-धंसाव की जद में आए मकानों का निरीक्षण किया। इसके बाद नगर पालिका और गुरुद्वारे में चल रहे राहत शिविरों की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान प्रभावित परिवारों ने महाराज को अवगत कराया कि एनटीपीसी परियोजना की सुरंग में आपदा के बाद भी काम चल रहा है। आज भी सुरंग के अंदर ब्लास्टिंग की जा रही है। इस पर महाराज ने मुख्यमंत्री से दूरभाष पर बात कर प्रभावितों की शिकायतों से अवगत कराया।
महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाए। साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी अनावश्यक रूप से जोशीमठ में कमरे न घेरे। जिन अफसरों की आवश्यकता है, वही रुकें। इससे प्रभावित परिवारों को अस्थायी विस्थापन के लिए कमरे उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रभावितों को 50-50 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी गई है। क्षति का आंकलन करने के बाद सरकार पूरी मदद करेगी।
महिला की लाश मिलने से हड़कंप, उधड़ी हुई थी शव के चेहरे की चमड़ी, मामला संदिग्ध
नैनीताल, जनपद में सड़क के किनारे महिला की लाश मिलने से हड़कंप मच गया, आस-पास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। शव के चेहरे की चमड़ी उधड़ी हुई थी। पुलिस का कहना है कि शव को किसी जानवर द्वारा खाए जाने की आशंका है। लाश क्योंकि सड़क किनारे पड़ी हुई थी, इसलिए मामला संदिग्ध बना हुआ है। महिला की उम्र 35 से 40 साल के बीच है। उसने काले रंग का सलवार-कुर्ता पहना हुआ था। मृतक महिला की शिनाख्त नहीं हो पाई है। घटना शहर के समीपवर्ती दोगांव क्षेत्र की है। जहां गुरुवार को लोगों ने सड़क किनारे एक महिला की लाश पड़ी देखी। ये खबर जैसे ही इलाके में फैली मौके पर लोगों की भीड़ जुटने लगी। बाद में ज्योलीकोट पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस मौके पर पहुंची तो लाश की हालत देख पुलिसकर्मी सन्न रह गए। महिला के चेहरे की चमड़ी उधड़ी हुई थी, मांस गायब था। चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार ने कहा कि मामला संदिग्ध मालूम पड़ रहा है। शायद शव को किसी जानवर ने खाने का प्रयास किया हो, इसीलिए चेहरे का मांस गायब था। फिलहाल शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। तलाशी लेने पर महिला के पास से कोई सामान भी नहीं मिला। बहरहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही महिला की मौत की वजह पता चल पाएगी। महिला की लाश पैराफिट के किनारे पड़ी हुई थी। महिला की शिनाख्त की कोशिशें जारी हैं। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि महिला को लेकर कोई सुराग हाथ लग सके।