Tuesday, April 29, 2025
Home Blog Page 668

बन्दी कल्याण कोष का गठन किया जाएगा तथा इसके लिए कोष में एकमुश्त धनराशि 01 करोड़ रूपये का प्राविधान

0

मुख्यमंत्री ने किया मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का शुभारम्भ

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जिला कारागार, सुद्धोवाला देहरादून में मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का शुभारम्भ करते हुए प्रदेशवासियों विशेषकर राज्य के युवाओं का आह्वान किया है कि उत्तराखण्ड सरकार ने देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प सिद्धि के लिए सरकार के साथ ही समाज, युवाओं, एनजीओं, सेलिब्रिटिज, सफल लोगों व विभिन्न सामाजिक-शैक्षणिक संस्थानों को आगे आना होगा और मिलकर काम करना होगा। सरकार के इस अभियान को महाअभियान बनाना है। इस जन अभियान में प्रत्येक उत्तराखण्डवासी का योगदान महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि युवा किसी भी प्रकार के नशे को दृढ़ता से ना कहें तथा अन्य लोगों को भी नशे के दुष्प्रभाव के विषय में जागरूक करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला कारागर में नवनिर्मित बेकरी यूनिट का लोकापर्ण किया। उन्होंने जिला कारागार में वेदान्त फाउण्डेशन के सौजन्य से संचालित कम्पयूटर प्रशिक्षण केन्द्र, कारागार अंलकार प्रदर्शनी , महिला बन्दियों द्वारा हस्तनिर्मित प्रदर्शनी, कारागार में व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कैदियों से उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें सकारात्मक सोच अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि आशा है कि जेलों में निर्मित उत्पाद भविष्य में स्थानीय बाजार में भी बिक्री हेतु उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कारागार से संचालित दून जेल रेडियों के माध्यम से अपना संदेश दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री धामी ने घोषणा की कि कारागार विभाग के नाम को परिवर्तित करते हुये “कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा’’ किया जाएगा एवं “बंदी गृह“ के स्थान पर ‘‘बंदी सुधार गृह‘‘ किया जाएगा। कारागार विभाग में पृथक सुधार सेवा के रूप में करैक्शनल सर्विस विंग का गठन किया जाना। बन्दी कल्याण कोष का गठन करते हुए कोष में एकमुश्त धनराशि 01 करोड़ रूपये का प्राविधान किया जाएगा। बन्दीरक्षक संवर्ग को मासिक पौष्टिक आहार भत्ता रूपये 01 हजार अनुमन्य किया जाएगा। बन्दी रक्षक संवर्ग को वर्दी भत्ता अनुमन्य किया जाएगा। बन्दी प्रशिक्षण एवं पुर्नवास हेतु जिला कारागार, देहरादून में स्किल डेवल्पमेन्ट प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कारागार भी समाज का ही अंग है। कैदी कारागार को पाश्चताप् और सुधार की तपस्थली माने और सकारात्मक सोच के साथ भविष्य में समाज की मुख्यधारा से जुड़कर राष्ट्रनिर्माण मे योगदान का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि 2025 में जब हम राज्य स्थापना की रजत जयंती मना रहे हों तो हमारा राज्य पूर्ण रूप से नशा मुक्त हो जाए। हम प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी राज्य होंगे। उत्तराखण्ड भी एक भारत श्रेष्ठ भारत के अभियान में अपना अमूल्य योगदान देगा। कारागारों में ड्रग्स के आदी कैदी भी आते है, जिनके रखरखाव/देखभाल कारागार प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। राज्य के सभी कारागारों में भी ड्रग्स फ्री का अभियान के बारे में जागरूकता लाई जानी चाहिए। यह सराहनीय है कि ड्रग्स के विरूद्व इसी अभियान के तहत जिला कारागार, देहरादून में सुभारती मेडिकल कॉलेज के सहयोग से ड्रग्स डी एडिक्शन सेन्टर की शुरूआत की जा रही है। हमने नशे के कारोबारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने जेलों में निरूद्ध आजीवन कारावास के बंदियों की समयपूर्व मुक्ति की पारदर्शी स्थाई नीति बनायी है, जिससे 14 साल की सजा पूरी करने पर बन्दी रिहाई का पात्र हो जाएगा। इस नीति के अन्तर्गत इस समय 160 बन्दियों की रिहाई पर विचार किया जा रहा है। कैदी अपने परिजन की मृत्यु होने पर उसके अन्तिम संस्कार से वंचित रहते थे। सरकार द्वारा अन्य राज्यों की अपेक्षा आसान पैरोल व्यवस्था बनायी गई है। सरकार ने बन्दी के परिजन की मृत्यु पर अन्तिम संस्कार हेतु तत्काल 24 घण्टे का पैरोल तथा मृत्यु उपरान्त संस्कारों हेतु 15 दिन के पैरोल की व्यवस्था की है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि सरकार द्वारा बन्दियों के कौशल विकास हेतु कारपेन्ट्री, दरी बुनाई, सिलाई, गमला निर्माण, एल0ई0डी0 झालर इत्यादि अनेक व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। जेलों में बने निर्मित उत्पादों की आपूर्ति सरकारी कार्यालयों में सुनिश्चित करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर, महानिरीक्षक कारागार श्रीमती विमला गुंज्याल, विशेष सचिव गृह श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, सुभारती मेडिकल कॉलेज से डा. प्रशान्त भटनागर, डा. तपस्या राजलक्ष्मी शाह तथा जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

18 वीं नेशनल इंटर डिस्टिक जूनियर ऐथलेटिक प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाडी प्रतिभाग करेंगे

0

देहरादून , एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के दिशा निर्देश पर बिहार एथलेटिक्स एसोसिएशन व खेल विभाग बिहार के समन्वय से 10 से 12 फरवरी को पटना में होने वाली 18वीं नेशनल इंटर डिस्टिक जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उत्तराखंड के सभी जिलों के खिलाड़ी प्रतिभाग करने के लिये 8 व 9 फरवरी को पटना पहुंच जाएंगे।
उत्तराखंड एथलिटिक्स संघ के सचिव के जे एस कलसी ने बताया कि यह प्रतियोगिता पूरे विश्व की सभी खेलों में सबसे बड़ी प्रतियोगिता है, इस प्रतियोगिता में भारत के 615 जिलों से 5800 एथलीट, अंडर 14 व 16 आयु वर्गों में अपना जलवा दिखाएंगे
इस प्रतियोगिता में 2700 एथलीट इन 3 दिनों में जेवलिन इवेंट में प्रतिभाग करेंगे तथा 60 मीटर रेस में 200 हीट होंगी, जो अपने आप में अचंभित करने वाली बात है।
प्रतियोगिता का संचालन भारत के 110 उत्कृष्ट निर्णायकों द्वारा किया जाएगा।
यह प्रतियोगिता एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा टैलेंट सर्च के रूप में आयोजित की जाती रही है।
इससे पहले इसी प्रतियोगिता से नीरज चोपड़ा, हिमा दास, शैली सिंह जैसे वर्ल्ड लेवल के खिलाड़ी निकले हैं।
यह प्रतियोगिता सन 2000 से लगातार 8 वर्षों तक हरिद्वार जिले के बी एच ई एल के ग्राउंड में आयोजित हुई थी। जिसका पहला संस्करण उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ द्वारा आयोजित किया गया था।
जिसमें 4500 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था।

बड़ी खबर : शिक्षामंत्री धन सिंह रावत बोले पारदर्शी तबादलों के लिए बनाई जा रही है नियमावली

0

देहरादून। उत्तराखंड का शिक्षा मंत्री बनने के बाद से डॉ धन सिंह रावत न विभाग में बड़ा सुधार किया है। अब शिक्ष मंत्री तबादलों को लेकर होने वाली सेटिंग गेटिंग को खत्म करने की तैयारी में है। शिक्षा मंत्री की ये पहल अगर कारगर हो जाती है तो यह विभाग के लिए बहुत बड़ी सफलता होगी। शिक्षकों के तबादलों के लिए एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों के तबादले के अधिकार को खत्म करने की तैयारी है। शासन की ओर से सचिव समिति के पास हरियाणा की तर्ज पर बन रही नियमावली का जो ड्राफ्ट रखा जाना है, उसमें स्पष्ट लिखा है तबादला शिक्षक का अधिकार नहीं माना जाएगा। शिक्षक संगठनों के मुताबिक सरकार नियमावली बनाने के बजाए तबादला एक्ट में ही जरूरी संशोधन करे।

उत्तराखंड सरकार में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना है कि विभाग में पारदर्शी तबादलों के लिए विभाग में नियमावली बनाई जा रही है। इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा। इसके बनने से शिक्षक खुश हैं। इससे उनके ऑनलाइन तबादले होंगे।

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग में पारदर्शी तबादले राज्य गठन के बाद से सरकानों के लिए चुनौती बने रहे हैं। मनमाने तबादलों को लेकर सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होते रहे हैं। यही वजह रही कि सरकार ने शिक्षकों के तबादलों के लिए वर्ष 2012 में बनी तबादला नीति को खत्म कर वर्ष 2017 में तबादला एक्ट बनाया। जिसे शिक्षा विभाग के साथ ही सभी विभागों के लिए वर्ष 2018 से लागू किया गया, लेकिन सरकार फिर नियमावली बनाने जा रही है। विभाग की ओर से इसका जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें शिक्षकों के तबादलों के लिए स्कूलों को दो क्षेत्रों (पर्वतीय और मैदानी) में बांटा गया है। ड्राफ्ट में स्पष्ट किया गया है कि तबादलों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिसमें अनिवार्य तबादले शिक्षकों के गुणांकों के आधार पर वरीयता क्रम में उपलब्ध खाली पदों पर किए जाएंगे। जबकि अनुरोध के आधार पर विशेष श्रेणी के शिक्षकों के तबादले होंगे।

जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर पुंडीर के मुताबिक एक्ट से दुर्गम से सुगम क्षेत्र के स्कूल में तबादले की उम्मीद रहती है। यदि एक्ट की जगह नियमावली बना दी गई तो अधिकारियों और मंत्रियों की परिक्रमा करने वाले चहेते शिक्षक ही सुविधाजनक स्कूलों में तबादला पाएंगे। राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी के मुताबिक नियमावली तबादला एक्ट से बढ़कर नहीं है। सरकार जिस एक्ट को अब तक अपनी उपलब्धि बता रही थी, उसे आज खत्म करने जा रही है।

धर्म परिवर्तन न करने पर पत्नी को दी हत्या की धमकी, आरोपी पति गिरफ्तार

0

हरिद्वार, अपना धर्म छिपाकर युवती को प्रेम जाल में फंसाकर शादी कर लेने के नौ साल बाद असली धर्म की हकीकत सामने आने पर पति ने पत्नी को धर्म परिवर्तन न करने पर हत्या की धमकी दी। पीड़िता की शिकायत पर हरकत में आई कनखल पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के कब्जे से दो अलग-अलग नाम के आधार कार्ड भी बरामद हुए है। जिला पुलिस कार्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि क्षेत्र के शिवपुरम राजागार्डन निवासी एक महिला ने शिकायत दी थी कि उसके पति ने अपना धर्म छिपाकर उससे शादी की थी।

नौ साल पहले उनकी मुलाकात एक औद्योगिक इकाई में कार्य करने के दौरान हुई थी। तब उसके पति ने अपना नाम राहुल बताया था। बताया था कि उसका कोई परिजन नहीं है। कुछ माह पूर्व महिला को पति का एक दूसरा आधार मिला। जिसमें उसका नाम अजहर अहमद पुत्र जफर निवासी मौहल्ला नबाब तहसील रोड कासगंज यूपी था। उसने जब पति से इस संबंध में पूछा तब उसने हकीकत कबूलते हुए उसे भी मुस्लिम धर्म अपनाने की बात कही। महिला के विरोध करने पर पति ने उसे हत्या कर देने की धमकी दी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया, जिसके कब्जे से राहुल एवं अजहर नाम के आधार कार्ड बरामद हुए। बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

अब देहरादून-हरिद्वार से डीजल आटो विक्रम कहेंगे अलविदा, 31 मार्च 2023 है लास्ट डेट, अब चलेंगे बीएस-6 श्रेणी के यात्री वाहन

0

देहरादून, उत्तराखंड के दो शहरों देहरादून-हरिद्वार में डीजल आटो विक्रम अब बीते दिनों की बात हो जायेंगे। संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक के बाद यह निर्णय लिया है। संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक के निर्णय को स्पष्ट करते हुए प्राधिकरण सचिव व आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि दस वर्ष से अधिक पुराने डीजल आटो-विक्रम 31 मार्च के बाद नहीं चल सकेंगे, जबकि डीजल पर चालित शेष आटो-विक्रम 31 दिसंबर के उपरांत प्रतिबंधित हो जाएंगे। विक्रमों के बदले शहरों में बीएस-6 श्रेणी के पेट्रोल, इलेक्ट्रिक अथवा सीएनजी चौपिहया यात्री वाहन संचालित होंगे।

इन शहरों में लगेगा प्रतिबंध
इस निर्णय के बाद देहरादून शहर, विकासनगर, डाकपत्थर, हरबर्टपुर, डोईवाला, कालसी, सेलाकुई व ऋषिकेश समेत हरिद्वार शहर, रुड़की, पिरान कलियर, लक्सर, भगवानपुर में संचालित लगभग 10 हजार डीजल आटो-विक्रम पर प्रतिबंध लग जाएगा। डीजल आटो के बदले सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल या इलेक्ट्रिक आटो ही चल सकेंगे।

31 दिसंबर है आखिरी तारीख
परिवहन प्राधिकरण के निर्णय के अनुसार, अब दून शहर में समस्त क्षेत्रों को परिवहन सेवा से जोड़ते हुए जो 18 मार्ग निर्धारित किए हैं, उन मार्गों पर अब स्टेज कैरिज परमिट के तहत चौपहिया वाहन संचालित किए जाएंगे। स्टेज कैरिज परमिट के तहत यह वाहन फुटकर सवारी को बैठा सकेंगे, जबकि अब तक कांट्रेक्ट कैरिज परमिट के अंतर्गत दौड़ रहे विक्रमों को नियमानुसार फुटकर सवारी बैठाने की मंजूरी नहीं थी। हालांकि, विक्रम संचालक नियमों को दरकिनार कर धड़ल्ले से फुटकर सवारी बैठा रहे थे, लेकिन अब परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 मार्च तक जो विक्रम संचालक नए चौपहिया वाहन नहीं लाएंगे, वह 31 दिसंबर तक कांट्रेक्ट कैरिज परमिट के अनुसार ही चलेंगे। यदि फुटकर सवारी बैठाई तो वाहन का चालान कर सीज भी किया जा सकता है। इसे लेकर आटो-विक्रम संचालक भले विरोध कर रहे, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि निर्णय को बदला नहीं जा सकता। उच्च न्यायालय नैनीताल व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के क्रम में प्रदूषण कम करने को लेकर लिए निर्णय में यह भी स्पष्ट हो गया कि डीजल विक्रम वाहनों का संचालन पूरी तरह बंद होगा।

प्रवर्तन टीम करेगी ऐसे विक्रमों को सीज
आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि जो विक्रम संचालक नए चौपहिया वाहन लाकर परमिट परिवर्तित कराकर वाहन संचालन कर रहे, उन्हें कुछ विक्रम चालक परेशान कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रवर्तन टीम ऐसे विक्रमों को सीज करेगी।

बीएस-6 वाहन नहीं खरीदा तो परमिट होगा खत्म
दस वर्ष से अधिक पुराने हो चुके आटो संचालक ने अगर निर्धारित समयावधि 31 मार्च तक बीएस-6 पेट्रोल, सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीदा तो उनका परमिट भी खत्म हो जाएगा। यही शर्त दस वर्ष से कम पुराने आटो संचालकों के लिए 31 दिसंबर तक रहेगी। ऐसा हुआ तो नए वाहन पर नया परमिट लेना पड़ेगा। जो ओपन पालिसी के तहत कोई भी व्यक्ति ले सकेगा।

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा शुरू : 28 फरवरी तक होंगी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं

0

देहरादून, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से संचालित हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं आज एक फरवरी से 28 फरवरी तक होंगी। बोर्ड सचिव डॉ. नीता तिवारी ने बताया कि बोर्ड परीक्षा को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। डॉ. तिवारी के अनुसार इसके लिए सभी स्कूलों में व्यवस्थाएं की गई हैं जबकि बोर्ड परीक्षाएं मार्च से शुरू होंगी और छह अप्रैल तक समाप्त हो जाएंगी।

इस वर्ष 2,59,432 विद्यार्थी देंगे परीक्षा :

उन्होंने बताया कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में कुल 2,59,432 परीक्षार्थी शामिल होंगे जिसमें हाईस्कूल में संस्थागत श्रेणी के 1,23,507 और व्यक्तिगत श्रेणी के 3,813 कुल 1,27,320 परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं इंटरमीडिएट में संस्थागत श्रेणी के 1,30,022 और व्यक्तिगत श्रेणी के 2,088 सहित कुल 1,32,110 परीक्षार्थी शामिल होंगे। छात्र-छात्राएं www.ubse.uk.gov.in के old model question paper कॉर्नर में सैंपल पेपर देख सकते हैं। इनमें किन प्रश्नों के कितने नंबर हैं, इसकी जानकारी दी गई है। इसके अलावा 2017, 2018, 2019, 2020 और 2022 के मॉडल उत्तर पुस्तिकाएं भी अपलोड की गई हैं। 2021 में कोरोना के चलते परीक्षा नहीं हुई थी। इन उत्तर पुस्तिकाओं को देख की भी तैयारी कर सकता है और परीक्षा में बेहतर नंबर ला सकता है।

मानवाधिकार विषय पर 16वीं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता : अर्जुन कालाकोटी, 31 वीं वाहिनी पीएसी प्रथम, रज्जी कौर टिहरी रहे द्वितीय

0

देहरादून, विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशानुसार पुलिस कर्मियों को मानवाधिकार के प्रति संवेदनशील एवं जागरुक करने तथा मानवाधिकारों के प्रचार-प्रसार हेतु मानवाधिकार विषय पर सोलहवीं राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन आज एक फरवरी को पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में किया गया।
राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता हेतु चयनित विषय निम्न था :
“क्या राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किये बिना सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों का पालन किया जा सकता है?”
इससे पूर्व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन प्रथम चरण में जनपद / पीएसी वाहिनीओं एवं द्वितीय चरण में परिक्षेत्र/पीएसी मुख्यालय स्तर पर कराया जा चुका है। द्वितीय चरण की प्रतियोगिता में गढवाल परिक्षेत्र से 06, कुमांऊ परिक्षेत्र से 04 एवं पीएसी मुख्यालय से 06 कुल 16 प्रतिभागियों का तृतीय / राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हेतु चयनित किया गया है।
प्रतियोगिता का संचालन श्री अमित श्रीवास्तव द्वितीय, पुलिस अधीक्षक, मानवाधिकार, पुलिस मुख्यालय द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में श्री अनिल के. रतूड़ी, (आयुक्त, सेवा का अधिकार आयोग, उत्तराखण्ड) अध्यक्ष निर्णायक मण्डल, श्री पुष्पक ज्योति, (सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक) एवं श्रीमती विमला गुंज्याल, (पुलिस महानिरीक्षक पी एण्ड एम / कारागार, उत्तराखण्ड) सदस्य निर्णायक मण्डल उपस्थित रहे।
उक्त प्रतियोगिता में श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, की गरिमामय उपस्थित रही।
उक्त विषय पर पक्ष एवं विपक्ष पर बोलने वाले प्रतिभागियों द्वारा अपने-अपने विचार रखे गये। प्रतियोगिता की समाप्ति के पश्चात् मुख्य अतिथि द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत विषयवस्तु प्रस्तुतिकरण वाकपटुता की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए उत्साहवर्धन किया गया साथ ही वर्तमान परिवेश में मानवाधिकारों की महत्ता एवं पुलिस द्वारा उनके संरक्षण की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित कराया गया। प्रतियोगिता में निम्नलिखित प्रतिभागियों द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया गया:-
1- ला0ना0 694 अर्जुन कालाकोटी, 31 वीं वाहिनी पीएसी (पक्ष) – प्रथम
2- हे0का 06 ना0पु0 रज्जी कौर, टिहरी गढवाल –द्वितीय (पक्ष)
3- का0 4196 उपेन्द्र ईष्टवाल, एसडीआरएफ – तृतीय (विपक्ष)
4- ला0ना0 2254 हेमचन्द आर्य, 46वीं वाहिनी पीएसी – तृतीय (पक्ष)
प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को नगद पारितोषिक एवं प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं प्रतियोगिता में सवार्धिक अंक प्राप्त करने वाले गढ़वाल परिक्षेत्र की टीम को चल बैजयन्ती ट्राफी (Running Trophy) प्रदान की गई।
प्रतियोगिता के दौरान श्रीमती जया बलूनी, अपर पुलिस अधीक्षक, श्री चक्रधर अंथवाल, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय, श्री अजय रावत, प्रतिसार निरीक्षक व अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे।

दस वर्षों बाद जिलाधिकारी की पहल पर बनी बसुकेदार तहसील परिसर निर्माण की सहमति

0

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- आखिरकार जनपद के बसुकेदार में तहसील भवन निर्माण हेतु 10 वर्षों से चिन्हित की गई भूमि पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पहल पर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों की आपसी सहमति बन पाई।
समस्या का समाधान हेतु जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई।
बता दे कि तहसील बसुकेदार कार्यालय के निर्माण हेतु 2 स्थानों जिसमें तिलोथ धार एवं डालसिंगी घसरोड़ा तोक में भूमि चयन की गई है किन्तु क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों की आपसी सहमति न बनने के कारण तहसील कार्यालय बनाए जाने के लिए भूमि का अब तक चयन नहीं किया जा सका था। जिसके मध्यनजर जिलाधिकारी ने आज बसुकेदार तहसील कार्यालय हेतु दोनों स्थानों पर चिन्हित की गई भूमि का क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी द्वारा बसुकेदार तहसील परिसर में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों के साथ जन सुनवाई बैठक आयोजित कर क्षेत्र की समस्याओं एवं तहसील भवन बनाए जाने के संबंध में सभी जन प्रतिनिधियों के सुझाव लिए, जिसमें कई जन प्रतिनिधियों का मत तिलोधार में तथा कई जन प्रतिनिधियों द्वारा डालसिंगी घसरोड़ा तोक में तहसील भवन बनाए जाने के संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया।
जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित जन प्रतिनिधियों को वर्तमान तहसील कार्यालय में ही तहसील कार्यालय भवन बनाने का सुझाव रखा गया जिस पर सभी क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा अपनी सहमति दी गई। जिलाधिकारी ने सभी जन प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि वर्तमान में संचालित हो रहे तहसील कार्यालय का नव निर्माण किया जाएगा तथा एलोपैथिक चिकित्सालय भवन को भी तहसील कार्यालय हेतु उपयोग में लाया जाएगा तथा एलोपैथिक चिकित्सालय के लिए अलग से भूमि चयनित की जाएगी। उन्होंने कहा कि तहसील कार्यालय को वर्तमान तहसील परिसर में बनाए जाने हेतु शीघ्र ही शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की समस्या को भी सुना। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र के कई स्थानों में सड़क मार्गों की दशा ठीक न होने के कारण सड़क मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिनका डामरीकरण किया जाना है जिसमें नागजगई-पठालीधार मोटर मार्ग, गुप्तकाशी-जखोली मोटर मार्ग, छेनागाड़ मोटर मार्ग, बधाणीताल-बकसीर, घंघासू-उछोला आदि मोटर मार्गों के डामरीकरण की मांग की गई तथा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बार-बार बाधित होने एवं झूलती विद्युत लाइनों को दुरस्त करने की मांग की गई। ग्रामीणों द्वारा बसुकेदार क्षेत्र में पानी की समस्या से भी जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। बंगवाल तोक चंद्रापुरी से क्षतिग्रस्त पैदल रास्ते को दुरस्त करने की मांग तथा प्राथमिक विद्यालय बसुकेदार में एक ही शिक्षक होने के कारण एक अन्य शिक्षक को तैनात करने की मांग की गई। व्यापार संघ द्वारा बसुकेदार में स्वीकृत सुलभ शौचालय का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र में आधार कार्ड बनाए जाने हेतु शिविर लगाने की मांग की गई। उन्होंने यह भी अवगत कराया गया कि बकसीर में एलोपैथिक चिकित्सालय भवन की स्थिति ठीक नहीं है, छेनागाड़ क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या से भी अवगत कराया गया। क्षेत्रवासियों द्वारा अवगत कराया गया कि अपनी समस्याओं को लेकर जिला कार्यालय एवं विकास भवन में जाने के लिए वाहन व्यवस्था न होने के कारण क्षेत्रवासियों को काफी परेशानी होती है जिसके लिए उन्होंने जवाड़ी बायपास से जिला कार्यालय एवं विकास भवन हेतु बस संचालन की मांग की गई। क्षेत्रवासियों द्वारा क्षेत्र में बंदरों के आतंक से भी निजात दिलाने की मांग की गई।
जिलाधिकरी ने उपस्थित जन प्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो भी समस्याएं बताई गई हैं उन समस्याओं का संबंधित विभाग द्वारा एक सप्ताह के भीतर स्थलीय निरीक्षण कराते हुए समस्या का समाधान सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त किया कि मुख्यालय आने वाले ग्रामीणों के लिए विकास भवन व जिला कार्यालय जाने के लिए एक सप्ताह के भीतर वाहन सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एलोपैथिक चिकित्सालय का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधा का जायजा लिया तथा तहसील कार्यालय के सभी पटलों का निरीक्षण कर किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी परमानंद राम, तहसीलदार राम किशोर ध्यानी, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई कमल सिंह सजवाण, प्रधान ग्राम पंचायत डालसिंगी आशा देवी, तिनसोली मीना देवी, भुनालगांव कैलाश वैरवाण, डुंगर महिपाल सिंह, फेगू सजनी बिष्ट, बष्टी नरेंद्र सिंह, मोहन सिंह भंडारी, हरेंद्र सिंह, रणजीत सिंह भंडारी आदि सहित संबंधित अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौजूद रहे।

आश्चर्य : अचानक शरीर में हरकत देख हदप्रद रह गये लोग, जब मृतक 102 वर्ष की महिला ने खोल दी अपनी आंखें

0

हरिद्वार, जनपद के रुड़की क्षेत्र में उस समय सब हतप्रद रह गये जब एक बुजुर्ग महिला को डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया लेकिन महिला को हिलाते ही उसकी आंख खुल गयी, घटना रुड़की के नारसन कस्बे की है जहां बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल ही रही थीं कि अचानक शरीर में हरकत देख सब हैरत में पड़ गए। किसी को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब उन्होंने आंखें खोलीं तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ये घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मिली जानकारी के मुताबिक नारसन खुर्द निवासी विनोद की माता ज्ञान देवी (102) कुछ समय से बीमार चल रही थी। मंगलवार सुबह अचानक बुजुर्ग महिला मूर्छित हो गई। आनन-फानन परिजनों ने डॉक्टर को बुलाकर बुजुर्ग की जांच करवाई। डॉक्टर ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने माता की मृत्यु की खबर रिश्तेदारों को भी दे दी। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग घर पर जमा हो गए। लोगों ने महिला के अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाने ही वाले थे कि अचानक उनके शरीर में कुछ हरकत महसूस हुई। जब उन्हें जोर से हिलाया डुलाया गया तो उन्होंने आंखें खोल दी। उनके होश में आते ही जहां कुछ देर पहले चीख पुकार मची हुई थी वहां खुशी का माहौल बन गया। विनोद का कहना है कि उनकी माता परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव में सबसे बुजुर्ग महिला हैं। उनके जीवित होने पर पूरा गांव खुशी मना रहा है। विनोद के मुताबिक होश में आने के बाद उनकी माता पहले की तरह ही खा-पी रही हैं।

जोर का झटका- रजनी भंडारी बनी रहेंगी जिला पंचायत अध्यक्ष, हाईकोर्ट ने दिया सरकार को बड़ा झटका

0

(देवेंन्द्र चमोली)
चमोली/रुद्रप्रयाग- प्रदेश सरकार द्वारा चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्षा को उनके पद से हटाए जाने के विरुद्ध आज हाईकोर्ट ने गलत ठहराते हुए सरकार को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी भंडारी अपने पद पर बनी रहेंगी।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बड़ी राहत देते हुये उन्हें जिला पंचायत चमोली के अध्यक्ष पद पर बने रहने का आदेश दिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेशों सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट के सेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने चमोली जनपद की बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल कर दिया है,साथ ही उच्च न्यायालय ने सरकार से पंचायती राज नियमावली का ठीक से पालन करने की नसीहत भी दी है।