देहरादून, थाना कोतवाली मसूरी को आज डेढ़ बजे एक व्यक्ति द्वारा सूचना दी गई की एक वाहन चुना खाला झड़ीपानी मसूरी पर नीचे गिर गया है । सूचना मिलते ही थाना हाजा से प्रभारी निरीक्षक अ.उ.नि.बुद्धि प्रकाश व पुलिस बल सहित आपदा उपकरण लेकर तत्काल घटनास्थल हेतु रवाना हुए । मौके पर जाकर पाया कि एक वाहन UK 07DZ 8051 रेनॉल्ट ट्रिम वाहन स्वामी नीरज पुत्र किशोरी लाल निवासी थान भवान धनोल्टी जिला टिहरी गढ़वाल अचानक अनियंत्रित होकर नीचे गिर गया वाहन को वाहन स्वामी स्वयं ही चला रहा जिसके आधार कार्ड से नाम की पुष्टि हुई है । वाहन में एक ही व्यक्ति चालक सवार था जिसे 108 के माध्यम से सिविल हॉस्पिटल मसूरी भिजवा दिया गया जहां पर डॉ. द्वारा उसे मृत घोषित किया गया है । शव की पंचनामा कार्यवाही की जा रही है।
शपथ के बाद दिल्ली में हो गया विभागों का बंटवारा, सीएम के पास वित्त; प्रवेश वर्मा समेत अन्य को मिली ये जिम्मेदारियां
नई दिल्ली (आरएनएस)। दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में गुरुवार को सीएम रेखा गुप्ता ने पदभार ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, आज से पहले यह सीएम कार्यालय मीडिया के लिए नहीं खुला था। आज से यह सभी के लिए खुला रहेगा। सभी का स्वागत है। आज शपथ ग्रहण समारोह के बाद हमने सचिवालय के मुख्यमंत्री कार्यालय में पदभार संभाल लिया है। शाम सात बजे कैबिनेट पहली बैठक बुलाई गई है। इससे पहले शाम पांच बजे यमुना घाट पर जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मिशन ‘विकसित दिल्ली’ का है, उसे पूरा करने के लिए लगातार काम किया जाएगा। एक भी दिन व्यर्थ नहीं होगा। एक-एक वादे पूरे किए जाएंगे। वहीं, दिल्ली में सरकार गठन और कैबिनेट की शपथ के बाद अब विभागों का भी बंटवारा हो गया है।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पास वित्त विभाग और विजिलेंस रखा है। प्रवेश वर्मा को परिवहन और पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी दी गई है। मनजिंदर सिंह सिरसा को स्वास्थ्य विभाग दिया गया है। कपिल मिश्रा को जल, पर्यटन, आर्ट एंड कल्चर विभाग सौंपा गया है।
रेखा गुप्ता (मुख्यमंत्री) – गृह, वित्त, सेवा, सतर्कता, योजना
प्रवेश वर्मा (उपमुख्यमंत्री) -शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, परिवहन
मनजिंदर सिंह सिरसा – स्वास्थ्य, शहरी विकास, उद्योग
रवींद्र कुमार इंद्राज – समाज कल्याण, एससी/एसटी मामले, श्रम
कपिल मिश्रा – जल, पर्यटन, संस्कृति
आशीष सूद – राजस्व, पर्यावरण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
पंकज कुमार सिंह – कानून, विधायी मामले, आवास।
वित्त मंत्री ने सदन में पेश हुआ 101,175.33 लाख करोड़ का बजट पेश
देहरादून, उत्तराखंड़ में गुरुवार को विधानसभा सत्र के तीसरे दिन धामी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल वित्तीय वर्ष 2025-26 का 101,175.33 लाख करोड़ का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सात बिंदुओं पर केंद्रित उत्तराखंड का बजट है। बजट में कृषि, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, आयुष, कृषि व पर्यटन पर फोकस किया गया है। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष के रूप में आगे बढ़ रहा है। बजट पेश करने से पहले 38वें राष्टीय खेलों की उपलब्धियों को बताया गया।
वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराया। कहा कि राज्य सरलीकरण, समाधान व निस्तारीकरण के मार्ग पर अग्रसरित हैं। बजट हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा और नीतियों का प्रमाण है। उत्तराखंड अनेक कार्यों का साक्षी रहा है। हम आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए हम प्रयत्नशील हैं।
बजट पर एक नजर – बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है। बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।
लगभग 16.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।
इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।
इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैंः-
वेंचर फंड की स्थापना
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना
प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद
यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी
रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
होमगार्ड कल्याण कोष
मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,
सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा
यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।
नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
नमो के दूसरे बिन्दु Aअर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि“ की अवधारणा दी गयी हैः कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ’सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।
नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-
शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।
हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।
संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धांत पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।
नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –
उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, देवभूमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियां, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।
केवल सरकार के प्रयास से नहीं, जागृत जनता और ओजस्वी जनता से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।
इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।
गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः–
सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़
अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़
EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़
परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़
राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़
निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़
“युवा शक्ति“ हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-
टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़
विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़
उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़
उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़
साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़
विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़
युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़
मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़
अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़
किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़
साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़
स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़
नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-
नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़
निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़
ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़
अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।
हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहाँ एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।
पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।
इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।
वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-
जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़
सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़
लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़
जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़
नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनार्न्न्तगत ₹60.00 करोड़
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़
ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़
अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-
यूनीफार्म सिविल कोड(UCC) हेतु ₹30.00 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़
राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़
गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़
गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़
स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।
हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धियाँ प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।
हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।
विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।
निर्मल पावन भावना है, देवभूमि की समृद्धि की कामना है।
यूसीसी में विभिन्न सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क/शास्ति एवं अर्थदण्ड का प्रावधान
देहरादून। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने अवगत कराया है कि समान नागरिक संहिता नियमावली, 2025 में विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार से सम्बन्धित सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क/शास्ति एवं अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।
विवाह हेतु
नियम 9 (11) (क) और 9 (11) (ख) के अंतर्गत विवाह पंजीकरण / पंजीकृत विवाह की पावती के लिए शुल्क रू0 250।
विवाह पंजीकरण/ पंजीकृत विवाह की पावती के लिए नियम 9 (11) (घ) के अंतर्गत शुल्क, (तत्काल) रू0 2500।
नियम 9 (11) (ग) के अंतर्गत विलम्ब शुल्क पंजीकरण शुल्क के अतिरिक्त देय होगा तथा इसकी गणना 90 दिनों तक की देरी के लिए की जाएगी, 200, तथा 90 दिनों से अधिक की देरी के लिए। रू0 400/-(विलंब के प्रत्येक पूर्ण एवं आंशिक रूप से पूर्ण तिमाही के लिए) अधिकतम रु. 10,000/- तक।
तलाकः
नियम 10 (7) (क) के अंतर्गत तलाक या विवाह की अमान्यता के डिक्री के पंजीकरण के लिए शुल्क रू0 250/-
नियम 10 (7) (ख) के अंतर्गत विलंब शुल्क पंजीकरण शुल्क के अतिरिक्त देय होगा और इसकी गणना 90 दिनों तक की देरी के लिए की जाएगी, शुल्क रू0 200/-
और 90 दिनों से अधिक के लिएरू0 400/- तथा विलंब के प्रत्येक पूर्ण एवं आंशिक रूप से पूर्ण तिमाही के लिए) अधिकतम रु 10,000/- तक ।
उत्तराधिकार
नियम 12 (7) के तहत बिना वसीयत के उत्तराधिकार के संबंध में कानूनी वारिस (यों) की घोषणा के लिए शुल्क। 250/-
नियम 14 (2) (ग) के तहत वसीयतनामा उत्तराधिकार विवरण के पंजीकरण के लिए शुल्क रू0 250
सहवासी संबंध
नियम 15(9) के अंतर्गत लिव-इन-रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए शुल्क रू0 500 ।
नियम 6(4) (ङ) के अंतर्गत निर्धारित समय अवधि के पश्चात् सूचना अपडेट करने के लिए विलम्ब शुल्क 1000/-
नियम 16 (5) के अंतर्गत लिव-इन रिलेशनशिप की समाप्ति के लिए शुल्क रू0 500/-
दंड
पंजीकृत विवाह के पंजीकरण या स्वीकृति में जानबूझकर चूक या लापरवाही के लिए नियम 7(1) (ङ) ( i ) और 7(1) (ङ) (ii) के अंतर्गत जुर्माना/दंड। पंजीकरण शुल्क और विलंब शुल्क के अलावा अधिकतम 10000/- तक
तलाक या विवाह को निरस्त करने के आदेश के पंजीकरण के लिए ज्ञापन प्रस्तुत करने में जानबूझकर चूक या लापरवाही के लिए नियम 7 (2) (घ) ( i ) के अंतर्गत जुर्माना/दंड।
पंजीकरण शुल्क और विलंब शुल्क के अलावा अधिकतम 10000/- तक
दूसरी बार झूठी शिकायत करने, और, जुर्माना रू0 5000/-
तीसरी बार झूठी शिकायत करने पर नियम 20 (2) के तहत जुर्माना रू0 10,000/-
नियम 20 (8) (ग) के तहत किराया समझौता करने से पहले श्लिव-इन-रिलेशनशिप के प्रमाण पत्र/अनंतिम प्रमाण पत्र के उल्लंघन के लिए मकान मालिक को जुर्माना। अधिकतम जुर्माना 20,000/- तक
प्रमाणित प्रतियों हेतु शुल्क
प्रमाणित उद्धरण (विवृत पहुंच) प्राप्त करने के लिए नियम 20 (6) (क) के तहत शुल्क रू0 100
प्रमाणित उद्धरण (प्रतिबंधित पहुंच) प्राप्त करने के लिए नियम 20 (6) (ख) के तहत शुल्क रू0 500
कानूनी उत्तराधिकारी की घोषणा की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए नियम 20 (7) के अंतर्गत शुल्क रू0 150/-
वसीयतनामा दस्तावेज़ / बयान की घोषणा की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए नियम 20 (7) के तहत शुल्क रू0 150
जिन व्यक्तियों का विवाह इस संहिता के लाग होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे समान नागरिक संहिता नियमावली, उत्तराखण्ड, 2025 के लागू होने की तिथि से 06 माह तक उपरोक्त वर्णित पंजीकरण / अभिस्वीकृति शुल्क नहीं लिया जायेगा।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विशाल प्रदर्शन कर किया विधानसभा का घेराव
यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप का प्रावधान देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति के खिलाफ : करन माहरा
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), भाजपा सरकार द्वारा राज्य में लागू की गई यूसीसी में लिव-इन-रिलेशन का प्रावधान किये जाने तथा राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरोध में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं महिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा एवं महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला के संयुक्त के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विशाल प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव किया। कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेतागण एवं बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार रोड़ स्थित होटल हिम पैलेस के निकट बडी संख्या में एकत्र होकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा एवं महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला के संयुक्त के नेतृत्व में हाथों में तख्तियां लेकर राज्य सरकार द्वारा लागू यूसीसी में लिव-इन-रिलेशन का प्रावधान किये जाने एवं राज्य में बिजली के प्रीपेड मीटर लगाये जाने के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा भवन की ओर कूच किया।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप का प्रावधान देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति के खिलाफ है इसमें जिस प्रकार की धारायें हैं कांग्रेस पार्टी उसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार राज्य में पलायन रोकने में असफल रही है वहीं राज्य सरकार ने यूसीसी के माध्यम से बाहरी लोगों को एक साल के रहवास पर उत्तराखण्ड राज्य का निवासी बनाने का षडयंत्र किया जा रहा है तथा समाज में व्यभिचार की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्हांनेे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में भी यूसीसी के अनुच्छेद 44 पर सवाल उठाये थे परन्तु भाजपा के किसी भी नेता और प्रवक्ता ने न तो अनुच्छेद 44 और न ही लिव इन रिलेशनशिप विशेषकर उसके भाग तीन पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सनातन धर्म की रक्षक पार्टी होने का दावा तो करती है परन्तु उसका आचरण सनातन धर्म की मर्यादाओं के खिलाफ है।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा केवल अपने सहयोगी व्यावसायियों को फायदा पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश में जनता पर जबरन बिजली के प्रीपेड मीटर थोपे जा रहे हैं जबकि कुछ ही समय पूर्व पूरे प्रदेश में लगाये गये इलेक्ट्रॉनिक मीटरों से आने वाले भारी भरकम बिजली के बिलों से राज्य की जनता पहले ही परेशान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रीपेड मीटर लगाये जाने का पुरजोर विरोध करती है तथा मांग करती है कि प्रीपेड मीटर लगाये जाने की योजना पर तुरंत रोक लगाई जाय।
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि यूसीसी केन्द्र का मामला होेने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार जनता को गुमराह कर रही है तथा यूसीसी में लिव-इन-रिलेशन जैसे नियमों का प्रावधान कर राज्य की संस्कृति को नष्टभ्रष्ट करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बेटी-बचाओ-बेटी पढाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में सबसे अधिक त्रस्त प्रदेश की महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि लिव-इन-रिलेशन प्रावधान के कारण बेटियों का जीवन पूरी तरह असुरक्षित हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक इस प्रावधान का विरोध करती है तथा मांग करती है कि राज्य सरकार राज्य में लागू यूसीसी पर तुरंत रोक लगाये।
इस दौरान में पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, शूरवीर सजवाण, प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप, मीडिया चेयरमैन राजीव महर्षि, महामंत्री राजेन्द्र शाह, नवीन जोशी, ललित फर्स्वाण, राजपाल बिष्ट, जयेन्द्र रमोला, विरेन्द्र पोखरियाल, याकूब सिद्धिकी, गोदावरी थापली, पूरन रावत, विधायक रवि बहादुर, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट, सुजाता पॉल, डॉ0 प्रतिमा सिंह, गिरिराज हिंदवान, गरिमा दसौनी, मानवेन्द्र सिंह, महानगर अध्यक्ष डॉ0 जसविन्दर सिंह गोगी, मोहित उनियाल, अमन गर्ग, राजेन्द्र चौधरी, राजीव चौधरी, मनीष राणा, दिनेश चौहान, भगत सिंह डसीला, मुकेश नेगी, राहुल छिमवाल, उत्तम असवाल, विनोद नेगी, विनोद डबराल, कुंवर सजवाण, राकेश राणा, मुशर्रफ हुसैन, राकेश नेगी, हिमांशु गाबा, दर्शन लाल, लालचन्द शर्मा, सोनिया आनन्द, संदीप चमोली, गिरीश पपनै, नवनीत सती, शीशपाल सिंह बिष्ट, अमरजीत सिंह, महेन्द्र सिंह नेगी, हेमा पुरोहित, मनीष नागपाल, आशीष नौटियाल, मोहन काला, पुष्पा पंवार, चन्द्रकला नेगी, उर्मिला थापा, अनुराधा तिवारी, संजय कद्दू, धनीलाल शाह, नवतेज पाल सिंह, अभिनव थापर, नजमा खान, आशा शर्मा, उर्मिला थापा, निधि नेगी, पूनम भगत, जगदीश धीमान, विशाल मौर्य, डॉ0 प्रदीप जोशी, आनन्द बहुगुणा, सुलेमान अली, नवीन रमोला, विरेन्द्र पंवार, अर्जुन पासी, रॉबिन त्यागी, अनूप कपूर, सावित्री थापा, मंजू, अनुराग मित्तल, नरेन्द्र सौंठियाल, आशि रावत, विकास नेगी, मीना शर्मा, आशा रावत, मुन्नी देवी, सागर मनवाल, आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
लॉट सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी महिला शक्ति सम्मान से सम्मानित होंगी महिलाएं
“आईएचएमएस कॉलेज की ओर से आयोजित किया गया है यह सम्मान समारोह”
कोटद्वार, इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पीटेलिटी मैनेजमेंट एंड साइंसेस ( आईएचएमएस ) कालेज की ओर से कोटद्वार में पहली बार गढ़वाल राइफल्स के संस्थापक लॉट सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी की स्मृति में उल्लेखनीय कार्य कर रहीं महिलाओं को सम्मानित करने का आयोजन किया जा रहा है।
इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनी वाली महिलाओं को “लॉट सुबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी महिला शक्ति सम्मान – 2025” से सम्मानित किया जाएगा।
कालेज के जन संपर्क अधिकारी नरेश थपलियाल ने बताया कि सम्मान समारोह, शुक्रवार 21 फरवरी को शाम तीन बजे कालेज के सभागार में आयोजित किया गया है। जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट कोटद्वार सोनिया जी बतौर मुख्य वक्ता महिलाओं को महिला सुरक्षा अधिकार की जानकारी देंगी। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस क्षेत्राधिकारी कोटद्वार निहारिका सेमवाल महिलाओं को साइबर और महिला अपराधों के प्रति जागरुक करेंगी। इस अवसर पर कोटद्वार क्षेत्र में समाज सेवा, उत्तराखंड की लोक संस्कृति, पत्रकारिता, योग और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहीं कोटद्वार की पांच महिलाओं को सम्मनित किया जाएगा। उन्होंने कोटद्वार क्षेत्र की सभी महिला संगठनों से समारोह में पहुंच कर अपने बीच की उल्लेखनीय कार्य कर रहीं महिलाओं का हौशला बढ़ाने की अपील की है।
लाॕट सूबेदार बलभद्र सिंह नेगी :
गढ़वाल राईफल’ के गठन का मुख्य सूत्रधार लाॕट सूबेदार एवं ऑनरेरी कैप्टन बलभद्र सिंह नेगी को माना जाता है, वह 5वीं गोरखा राईफल में एक सामान्य सिपाही से लाॕट सूबेदार (उस काल में भारतीय सैनिकों का सर्वोच्च पद) बनने तक का उनका शानदार सैनिक सफर उत्कृष्ट साहस, दूरदर्शिता और कर्तव्य परायणता का रहा, उनकी अदम्य साहसिक सैनिक सेवाओं का उल्लेख लंदन गजेटियर में दर्ज है l सैनिक सेवाओं के दौरान उन्हें दो बार ‘ऑडर ऑफ मेरिट’ का अवार्ड दिया गया, साल 1887 में सेना से अवकाश ग्रहण करने के बाद बिट्रिश सरकार ने उनकी सराहनीय सैनिक सेवाओं का सम्मान करते हुए घोसीखाता (कोटद्वार) में 302 एकड़ भूमि सम्मान स्वरूप निःशुल्क प्रदान की और इस जगह को बलभद्रपुर नाम दिया, लाॕट सूबेदार बलभद्र सिंह नेगी का जन्म सन् 1829 में गलकोट, असवालस्यूं (पौड़ी गढ़वाल) में हुआ था, इनके पिता धन सिंह नेगी असवालस्यूं पट्टी के आजीवन पटवारी रहे l
सोंग नदी में मिला शव, मृतक दिव्यांग की पहचान राजीव नगर डोईवाला निकली
देहरादून (डोईवाला), सोंग नदी में गुरुवार को दिव्यांग अधेड़ की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। जांच में मृतक दिव्यांग की पहचान राजीवनगर डोईवाला निवासी के रूप में हुई। मामले में परिजनों ने अनहोनी की आशंका भी जाहिर की है।
फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में है। पुलिस के मुताबिक गुरुवार पूर्वान्ह करीब 11 बजे सोंग नदी में एक शख्स का शव पड़ा होने की सूचना मिली। तत्काल पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और शव को बाहर निकालकर पहचान के प्रयास तेज किए। इस दौरान शव की शिनाख्त 45 वर्षीय कमल कौशल निवासी राजीवनगर, डोईवाला के रूप में हुई। एसएसआई शिशुपाल राणा ने बताया कि परिजनों ने बुधवार की रात से कमल के घर नहीं आने की बात कही है। उन्होंने इस घटना में अनहोनी की आशंका भी जताई है।
बताया कि कमल नगर क्षेत्र में ही फल-सब्जी की दुकान चलता था। शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर मृत्यु के सही कारणों का पता चलेगा। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है।
पति ने देर रात पत्नी की गला दबाकर की हत्या, खुद की भी गले व हाथों की काटी नसें
(चन्द्रेश लखेड़ा)
कोटद्वार, उत्तराखंड़ के कोटद्वार से आज सुबह दिल दहला देने वाली खबर सामने आई, जहां एक व्यक्ति ने यहां अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पत्नी को मौत के घाट उतारने के बाद उसने अपनी भी जान लेने की भी कोशिश की।
घायल अस्पताल में उपचाराधीन है। वहीं, मृतका के परिजनों में कोहराम मचा है। रिखणीखाल थाना क्षेत्र के गांव धामधार निवासी मनोज रावत (40) पुत्र केसर सिंह अपनी पत्नी शशि (30) पुत्री सतपाल सिंह रावत, निवासी कुमाल्डी, रिखणीखाल के साथ कोटद्वार में जल निगम स्टोर के पास किराए के मकान में रह रहा था।
बुधवार-गुरुवार की रात पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई। देर रात मनोज ने पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी और अपनी जान देने के लिए चाकू से गला व दोनों हाथों की नसों को काट लिया। एंबुलेंस से मनोज और शशि को बेस अस्पताल लाया गया। चिकित्सक ने शशि को मृत घोषित कर दिया। वहीं मनोज को अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिया गया।
घटना की सूचना मिलने पर रिखणीखाल के गांव कुमाल्डी से मृतका शशि के परिजन अस्पताल पहुंचे। बेटी की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मचा था, वहीं घटना को लेकर उनमें काफी गुस्सा भी था।
तहसीलदार साक्षी उपाध्याय ने अस्पताल पहुंचकर घायल मनोज रावत के बयान दर्ज किए, अस्पताल में इस बात को लेकर चर्चा थी कि मनोज ने तनाव में इस घटना को अंजाम दिया। वह पुलिस, अस्पताल कर्मियों और परिजनों से बार-बार पत्नी के बारे में पूछता रहा।
मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप :
हरियाणा पुलिस में उपनिरीक्षक पद से वर्ष 2023 में सेवानिवृत हुए मृतका शशि के पिता सतपाल सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने 2013 में पुत्री की शादी मनोज रावत से की थी। तब मनोज होटल मैनेजमेंट से जुड़ी जॉब करता था। कुछ दिन सब कुछ ठीक-ठाक चलने के बाद वह शशि को परेशान करने लगा था।
सतपाल सिंह ने बताया कि उनके दो बच्चे होने के बाद परिवार को संभालने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप से समय-समय पर मदद करता रहा। यहां तक कि कोरोनाकाल के बाद लाखों रुपये खर्च कर दामाद मनोज को होटल के क्षेत्र में नौकरी करने के लिए जर्मनी भी भेजा था। जहां से वह 6 महीने बाद ही वापस लौट आया और तब से वह पत्नी शशि को ज्यादा परेशान करने लगा था। सतपाल सिंह का कहना है कि कल यानी बुधवार को ही वह घर की जरूरत का सामान पुत्री व दामाद को दिलाकर वापस घर लौटा था और रात ही दामाद मनोज ने पुत्री शशि को मार डाला।
दो बच्चों का जीवन हुआ बर्बाद :
मनोज-शशि के 7 और 9 साल के दो बच्चे हैं। मां की मौत और पिता के गंभीर रूप से घायल होने के बाद दोनों बच्चों को कोटद्वार में ही रह रहे उनके मामा के घर ले जाया गया है।
मुख्यमंत्री ने किया यूएसडीएमए के नव वर्ष कैलेण्डर का विमोचन
आपदाओं से बचाव के लिए व्यापक जनजागरूकता जरूरी- सीएम
04 पिकअप वाहनों को दिखाई हरी झंडी
देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को यूएसडीएमए के नव वर्ष 2025 के कैलेंडर (वॉल तथा टेबल टॉप) का विमोचन किया। उन्होंने चम्पावत, रुद्रप्रयाग, चमोली और ऊधमसिंहनगर जनपद के लिए सीएसआर मद में प्राप्त 04 पिकअप वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। इन वाहनों में टैंट, स्लीपिंग बैग, लीफलेट तथा कैलेण्डर रवाना किए गए। इन फॉर बाय फॉर पिक अप वाहनों में 01-01 मिनी जनरेटर, 15 स्लीपिंग बैग एवं 70 टैंट तथा आकाशीय बिजली से बचाव हेतु 9500 लीफलेट एवं 40-40 नव वर्ष कैलेण्डर उपरोक्त प्रत्येक जनपद को भेजे गए। यह वाहन तथा अन्य उपकरण जनपदों में आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए उपयोगी साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा आपदाओं का सामना करने के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। जागरूकता, सजगता और सतकर्ता से आपदा से नुकसान को काफी कम किया जा सकता है। यदि लोग आपदाओं के प्रकार, उनके प्रभाव और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक होंगे, तो वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए सही कदम उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा यूएसडीएमए को नव वर्ष कैलेण्डर में ऋतु अनुसार विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता सामग्री प्रकाशित किए जाने के निर्देश दिए गए थे। उनके निर्देश पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विभिन्न माध्यमों से आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता संदेशों तथा सामग्री का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से नियमित तौर पर आपदाओं से सुरक्षा संबंधी पोस्ट, एनीमेटेड वीडियोज को प्रसारित किया जा रहा है। विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु जन सामान्य को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा क्या-क्या एहतियात बरतने चाहिए, इन्हें लेकर लीफलेट्स मुद्रित किए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ही पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन विषय को शामिल किये जाने के अनुपालन में यूएसडीएमए के स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। बच्चे यदि आपदाओं के प्रति जागरूक रहेंगे तो यह न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि उन्हें समाज में एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करेगा। छोटी उम्र से ही अगर बच्चे भूकंप, बाढ़, तूफान, भूस्खलन, सड़क दुर्घटनाओं जैसी आपदाओं के बारे में सीखेंगे, तो वे आपातकालीन स्थितियों में घबराने के बजाय सही और त्वरित निर्णय ले सकेंगे।
सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यूएसडीएमए समुदायों को जागरूक करने की दिशा में भी प्रयासरत है। स्थानीय लोग ही फर्स्ट रिस्पांडर्स के तौर पर सबसे पहले किसी भी आपदा का सामना करते हैं। यदि आपदा संभावित क्षेत्र में स्थानीय लोग विभिन्न आपदाओं के प्रति जागरूक और उनके बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित होंगे, तो वे संकट की घड़ी में एक-दूसरे की सहायता कर सकते हैं।यूएसडीएमए द्वारा आपदा मित्रों की तरह ही आपदा सखी बनाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से समय पर आम जनमानस को अलर्ट भेजे जा रहे हैं ताकि लोगों को सचेत किया जा सके। विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए यूएसडीएमए द्वारा समस्त जनपदों तथा जन सामान्य के लिए एडवाइजरी भी जारी की जा रही हैं।
इस अवसर पर यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनन्द स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव महावीर सिंह चौहान, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।
एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई : तीन करोड़ की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी हैदराबाद से गिरफ्तार
उत्तराखंड एसटीएफ के साइबर थाना देहरादून पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए करीब 3 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी में शामिल दो आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी राजपुर, देहरादून निवासी पीड़ित के मामले में की गई, जिसे फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग और IPO निवेश के नाम पर ठगा गया था।
कैसे हुआ ठगी का शिकार ?
पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप VIP3 Stock Market Strategies में जोड़कर स्टॉक ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच दिया गया। बाद में उसे एक फर्जी वेबसाइट LSV Asset Management पर खाता खोलने के लिए कहा गया, जहां उसकी आधार और पैन कार्ड की डिटेल्स ली गईं।
इस वेबसाइट पर पीड़ित को बड़े मुनाफे की नकली जानकारी दिखाकर अधिक से अधिक निवेश करने को प्रेरित किया गया। लेकिन जब उसने पैसा निकालने की कोशिश की, तो आरोपियों ने बहाने बनाकर करीब 2.81 करोड़ रुपये हड़प लिए। मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। पुलिस ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, व्हाट्सएप और गूगल डेटा की जांच कर ठगों को ट्रेस किया। करीब 1900 किलोमीटर दूर, हैदराबाद में 7 दिन तक छापेमारी के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी :
सय्यद मन्नान (42 वर्ष), निवासी मुरादनगर, हैदराबाद
सय्यद अज़हर हुसैन (31 वर्ष), निवासी लंगर हाउस, हैदराबाद
इन आरोपियों से 3 मोबाइल फोन, 4 ATM कार्ड और 1 क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। जांच में पता चला कि गैंग का एक अन्य सदस्य गुरुग्राम, हरियाणा की जेल में बंद है, जिसे जल्द ही उत्तराखंड लाया जाएगा।
कैसे करते थे ठगी?
सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को जोड़ते थे।
फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग और IPO निवेश का लालच देकर पैसा जमा करवाते थे।
फर्जी वेबसाइट पर बड़े मुनाफे की झूठी जानकारी दिखाकर निवेश बढ़ाने को उकसाते थे।
पैसे निकालने के समय नए-नए बहाने बनाकर निवेशकों को चूना लगाते थे।
अपराधिक इतिहास :
गिरफ्तार आरोपियों पर कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और बैंगलुरु में कई साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। NCRP पोर्टल पर पूरे भारत से इनके खिलाफ 14 शिकायतें दर्ज हैं।
एक अपील आपके लिये :
एसटीएफ की जनता से अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने जनता को फर्जी निवेश योजनाओं, ऑनलाइन ठगी और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचने की सलाह दी है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में दें।
राजभाषा के सर्वोत्कृष्ट कार्य निष्पादन हेतु ओएनजीसी मुख्यालय को मिला प्रथम पुरस्कार
-हिन्दी को राष्ट्रीय बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रयास करना होगा : नित्यानंद राय
-हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है : भजनलाल शर्मा
देहरादून, केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में उत्तर-1, उत्तर-2, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों के लिए आयोजित संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन में ओएनजीसी मुख्यालय के राजभाषा विभाग को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया, ओएनजीसी देहरादून की अध्यक्षता में संचालित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कार्यालय-2 को सर्वोत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस प्रतिष्ठित सम्मान को मुख्य महाप्रबंधक-प्रधान निगमित प्रशासन नीरज कुमार शर्मा एवं महाप्रबंधक-प्रभारी राजभाषा चंदन सुशील साजन ने जयपुर में 17 फरवरी को आयोजित संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन में ग्रहण किया। यह पुरस्कार राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा तथा जयपुर की सांसद श्रीमती मंजू शर्मा के कर-कमलों द्वारा प्रदान किया गया।
समारोह में गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की सचिव सुश्री अंशुली आर्या एवं राजभाषा विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली के साथ-साथ 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों, उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारीगण सम्मिलित हुए।
इह मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है । यह सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और सोच का हिस्सा है। उन्होंने बताया, हम सभी का कर्तव्य है कि हम हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हर संभव प्रयास करें, क्योंकि यह केवल एक संवैधानिक निर्देश ही नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आवश्यकता भी है।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राजभाषा हिंदी देश की एकता की सूत्रधार है। हिन्दी को राष्ट्रीय बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया कि यदि हम भाषा को उसके सीमित रूप में देखें तो यह केवल संप्रेषण का माध्यम मात्र है, लेकिन यदि राष्ट्र के संदर्भ में देखा जाए तो भाषा और संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है जिसमें देशवासी संवाद करते हैं।
राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और सरकारी कार्यों में अधिकाधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में ओएनजीसी मुख्यालय देहरादून को प्राप्त यह सम्मान न केवल संस्थान बल्कि पूरे हिंदी प्रेमियों के लिए गर्व की बात है । गृह मंत्रालय द्वारा पहली बार यह पुरस्कार ओएनजीसी को प्रदान किया गया है।
ओएनजीसी मुख्यालय के मुख्य महाप्रबंधक-प्रधान निगमित प्रशासन नीरज कुमार शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संस्थान द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और भविष्य में भी हिंदी भाषा को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्धता बनी रहेगी। महाप्रबंधक-प्रभारी राजभाषा श्री चंदन सुशील साजन ने इस उपलब्धि को पूरे ओएनजीसी परिवार के सहयोग और समर्पण का परिणाम बताया और हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराया ।