Wednesday, April 30, 2025
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मई दिवस पर स्वच्छता प्रहरियों का केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में सम्मान

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देहरादून , बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता एवं विद्यालय प्रांगण को स्वच्छ रखने वाले प्रहरियों के समांन में मई दिवस के तहत आज एक समांन कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में गत दिवस सम्पन्न मजदूर दिवस को आज श्रमिक दिवस के रूप में मनाया गया जहाँ विद्यालय में काम कर रहे 5 अनुबंध श्रमिकों कमला , विमला, विनोद कुमार, सन्नी कुमार एवं शांति भट्ट को समानित किया गया !

इन श्रमिकों को बच्चों के सामने समानित करते हुए विद्यालय की प्राचार्या बसंती खम्पा ने कहा कि हमें इन श्रमिकों के कार्य का सम्मान करना चाहिये और विद्यालय परिसर को स्वच्छ रखने में इनका सहयोग करना चाहिये , उन्होंने बच्चों से कहा कि यदि ये श्रमिक विद्यालय में कार्य ना करें तो यहाँ का वातावरण अव्यवस्था का शिकार हो जाएगा जिसका प्रतिकूल प्रभाव बच्चों आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा , इसलिये इनका अधिक से अधिक समांन किया जाना चाहिये !
इससे पूर्व विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक विनय कुमार सिंह ने मई दिवस के ऐतहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मजदूरों के कार्य के समय एवं अन्य नीतिनिर्धारण का श्रीगणेश 1 मई 1923 से मद्रास से शुरू हुआ था और विश्व भर में यह 1मई 1890 से श्रमिक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है !
समांन समारोह में विद्यालय के बच्चों सहित शिक्षक पी के थपलियाल, एम एस रावत, विनय कुमार, उर्मिला बामरु,दीपमाला, गौरव रावत, सुमित कुमार एवं आँचल ममगाईं आदि शिक्षक उपस्थित थे !
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डी एम लखेड़ा ने श्रमिकों एवं विद्यालय प्रशासन का इस आयोजन के लिये आभार व्यक्त किया

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा एक व्यक्ति को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

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ऋषिकेश, उत्तराखंड से आज बड़ी खबर सामने आ रही है कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और उनकी सुरक्षा टीम के द्वारा एक व्यक्ति को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जानकारी मिली कि मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल एक कार्यक्रम से दूसरे कार्यक्रम की ओर जा रहे थे तभी अचानक हरिद्वार हाईवे पर बीच सड़क पर मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल को सुरेंद्र नेगी नाम के व्यक्ति के द्वारा रोका गया और जाम और सड़क की समस्या कही गई। इतने में बात अचानक बढ़ गई और मारपीट की नौबत आ गई, वही मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि सुरेंद्र नेगी नाम के व्यक्ति के द्वारा उनके साथ भी सड़क पर रोक कर बदतमीजी की गई और सुरक्षाकर्मी के रोके जाने पर मारपीट पर उतर गया। मारपीट में उनका कुर्ता भी फट गया और सुरक्षाकर्मी की वर्दी भी फट गई।

हालांकि वीडियो में मंत्री और उनके सुरक्षाकर्मी की टीम व्यक्ति को पिटाई करती नजर आ रही है। पुलिस ने सुरेंद्र नेगी को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ की जा रही है। वहीं मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने पूरा घटनाक्रम पुलिस के सामने रखा।

ब्रैकिंग : श्रीकेदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं के दृष्टिगत फाटा, गौरीकुंड पहुंचे डीजीपी अशोक कुमार, अधीनस्थों को दिये दिशा निर्देश

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“गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग पहुंच कर डीजीपी सर उत्तराखण्ड ने पुलिस बल को मजबूत इरादे क साथ कर्तव्य निर्वहन के दिये गये निर्देश”

रुद्रप्रयाग, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार आज तड़़के सोनप्रयाग, गौरीकुण्ड पहुंचकर पुलिस व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया।
गौरीकुण्ड का अधिकांश क्षेत्र बिल्कुल संकरा होने तथा आवाजाही का एकमात्र रास्ता होने के चलते गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव के दूसरी छोर पर बाईपास तैयार कराये जाने हेतु पत्राचार करने के निर्देश दिए गये, ताकि इस सम्पूर्ण क्षेत्र में भीड़ के दबाव को खत्म किया जा सके। यात्रा के सभी पैदल पड़ावों पर नियुक्त पुलिस बल व यात्रियों की सुविधा व तात्कालिक सहायता हेतु ऑक्सीजन सिलैंडर रखवाये जाने के निर्देश दिए गये। धाम सहित यात्रा पड़ावों की पवित्रता बनाये रखने हेतु “ऑपरेशन मर्यादा” चलाये जाने के साथ ही इस सम्बन्ध में होर्डिंग्स, फ्लैक्स, बैनर लगवाये जाने के निर्देश दिये गये।गौरीकुण्ड में पुलिस चेक पोस्ट पर श्रद्धालुओं के आवागमन को बनाये रखने हेतु निरन्तर अनाउंसमेंट की ड्यूटी कर रहे होमगार्ड जवान को नगद ₹1000 का पारितोषिक प्रदान किया गया।
इस दौरान केदारनाथ धाम पैदल जा रहे यात्रियों से संवाद स्थापित किया गया। यात्रियों द्वारा पालकी काउंटर पर अत्यधिक भीड़ के नियंत्रण के अनुरोध पर उपस्थित चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड को पालकी बुकिंग काउंटर पर यात्रियों को कतारबद्ध तरीके से खड़ा कराने हेतु पुलिस बल नियुक्त करने के निर्देश दिए गए। गौरीकुण्ड में पुलिस व्यवस्थाओं को और अधिक दुरुस्त किये जाने के निर्देश दिये गये।
कोतवाली सोनप्रयाग पहुंचकर पुलिस कार्मिकों का सम्मेलन लेकर उनकी समस्यायें जानी गयी। यात्रा ड्यूटी हेतु आये बाहरी जनपदों के पुलिस बल को चारधाम यात्रा मद से गर्म जैकेट व इनर उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये। पुलिस बल का मनोबल बढ़ाये जाने हेतु उनको हर प्रकार की बुनियादी सुविधायें मुहैया कराने के निर्देश दिये गये। उपस्थित पुलिस बल को कहा गया कि चारधाम से सम्बन्धित ड्यूटियां आपकी रुटीन ड्यूटियों से थोड़ा मुश्किल जरूर हैं, परन्तु यही आपकी कार्य क्षमता को और मजबूत करेगी।
इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक यातायात हर्षवर्द्धनी सुमन, प्रभारी निरीक्षक सोनप्रयाग सुरेश चन्द्र बलूनी, यातायात निरीक्षक श्याम लाल, चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड कुलेन्द्र सिंह रावत सहित वहां पर नियुक्त पुलिस बल उपस्थित रहा।

कार गहरी खाई में गिरी, एक की मौत, पांच हुये घायल

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हल्द्वानी, नैनीताल में धानाचूली-पहाड़पानी मोटर मार्ग के चौरलेख के पास सोमवार देर रात एक कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। वहीं पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।

धारी पुलिस चौकी प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि रात करीब 11 बजे एक ऑल्टो कार लोहाघाट से धारी की ओर जा रही थी। जिसमें सवार सभी लोग एक पारिवारिक सगाई कार्यक्रम में लोहाघाट गए हुए थे। वहां से लौटते समय चोरलेख के पास कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को पदमपुरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहीं दुर्घटना में गंभीर घायल नवीन चंद्र पुत्र सेवक राम निवासी ग्वालाकोट (अघरिया) की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी। विमला देवी, ईश्वरी राम, दीपक चंद्र, बुद्धि राम और गीता के घायल होने पर प्राथमिक उपचार किया गया। जिसमें तीन लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर किया गया है। मुक्तेश्वर थानाध्यक्ष महेश जोशी ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए नैनीताल भेजा गया है।

शीघ्र भरें जाय राष्ट्रीय राजमार्ग के गड्ढे- जिलाधिकारी

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 रुद्रप्रयाग- जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने  जवाड़ी बाईपास से सिरोहबगड़ राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण कर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग के जिन स्थानों पर गड्ढे हो रखे हैं उन स्थानों को तत्परता से कार्य करते हुए गड्ढा मुक्त करें ताकि आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार से कोई परेशानी एवं असुविधा न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि सिरोहबगड़ भू-स्खलन क्षेत्र में खराब मौसम के दृष्टिगत जेसीबी मशीन हर समय उपलब्ध रहे ताकि मार्ग अवरुद्ध होने पर तत्काल सड़क मार्ग को आवाजाही के लिए खोला जा सके।
      जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग में डामरीकरण का कार्य तत्परता से किया जा रहा है जिससे कि यात्रा मार्ग में जाम की स्थिति न हो तथा यात्रा निरंतर संचालित होती रहे।

नोडल अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने लिया केदारनाथ यात्रा व्यवस्था का जायजा

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“भारी वारिस के बीच नोडल अधिकारी केदारनाथ यात्रा ब्यवस्था बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल चलकर मार्ग में यात्रा ब्यवस्थाओं का जायजा लिया, इस बीच खराब मौसम के बाबजूद भी श्रद्धालुओं के हौसलें में कमी नहीं आयी कल 12045 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये”।
रूद्रप्रयाग-सचिव, ग्राम्य विकास, सहकारिता, पशुपालन/नोडल अधिकारी केदारनाथ यात्रा व्यवस्था डाॅ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने आज खराब मौसम  के बीच  गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल चलकर यात्रा मार्ग में विभिन्न विभागों द्वारा केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों के लिए की गई व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं का जायजा लिया।
 नोडल अधिकारी द्वारा सोनप्रयाग में यात्रियों की पंजीकरण ब्यवस्था  का भी जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने गौरीकुंड में यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में किसी भी तरह से पशुओं के साथ कोई क्रूरता न हो इसके लिए जो टास्क फोर्स तैनात की गई है  वह अपने दायित्वों का निर्वहन बड़ी कुशलता के साथ करें। उन्होंने यात्रा मार्ग में पेयजल व्यवस्था, विद्युत व स्वास्थ्य सुविधाओं का भी जायजा लिया । उन्होंने जल संस्थान को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में घोड़े खच्चरो के लिए बनाए गए गर्म पानी की चरियो की निरंतर निगरानी करते हुए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। इस दौरान उन्होंने यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे एम आर पी में चिकित्सा सुविधाओं का भी जायजा लिया  तथा सभी आवश्यक दवाईयां प्रयाप्त में रखने के निर्देश दिए।  यात्रा मार्ग में संबंधित विभागों द्वारा केदारनाथ दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों के लिए उपलब्ध की गई सुविधाओं व्यवस्थाओं के लिए  सचिव/नोडल अधिकारी केदारनाथ ने संतोष व्यक्त किया।
      सचिव ने यात्रा मार्गों में तैनात किए गए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ व वाईएमएफ के जवानों से वार्ता कर यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों हौसला अफजाई करते हुए कहा कि सभी विषम कठिन परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वहन सेवाभाव से करें । उन्होंने कहा कि दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों के साथ मधुर एवं सौम्य व्यवहार रखें तथा सभी अधिकारी एवं कर्मचारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। यात्रा मार्ग में किसी यात्री को किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है तो उसकी तत्काल सहायता करें। उन्होंने सुलभ इंटरनेशल को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग की साफ-सफाई व्यवस्था के साथ यात्रा मार्ग में स्थापित सुलभ शौचालयों की निरंतर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी तीर्थ यात्री को कोई असुविधा न हो। उन्होंने यात्रा मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था में लगे जवानों को निर्देशित किया कि केदारनाथ धाम में पल-पल मौसम खराब होने व बर्फवारी होने की स्थिति में भैरों ग्लेशियर व कुबेर ग्लेशियर में तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। इस दौरान उन्होंने तीर्थ यात्रियों से भी वार्ता की तथा यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
       इस दौरान उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रवि कुमार, जीमैक्स इंचार्ज खुशाल सिंह, जल संस्थान, स्वास्थ्य, विद्युत, सुलभ आदि विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
इस बीच भारी वर्फवारी के बीच 12045 श्रद्धालुओं जिनमें पुरुष-   7466, महिला-   4410 व बच्चे-  169 शामिल हैं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये। अब तक  1,03,883 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ पहुचं कर भोले के दर्शन कर चुके

पीएम नरेंद्र मोदी से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने की मुलाकात,, चारधाम यात्रा सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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देवभूमि से पीएम मोदी का विशेष लगाव, सीएम धामी को खासे पसंद करते हैं पीएम! आज पुनः हुई मुलाकात, तमाम मुद्दों पर चर्चा! चारधाम से लेकर एयर कनेक्टिविटी, जोशीमठ आदि विषयों पर सीएम ने पीएम को किया ब्रीफ

देहरादून। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव सर्वविदित है। पीएम मोदी अक्सर इन धामों के दर्शन हेतु उत्तराखंड पहुँचते हैं। पीएम के विजन के अनूरूप ही श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में जहां मास्टर प्लान के तहत युद्ध स्तर पर निर्णय कार्य चल रहे हैं तो ऑल वेदर रोड ने इन धामों के लिए पहुँच को सुगम एवं सुलभ किया है।
देवभूमि के युवा मुख्यमंत्री धामी को भी पीएम मोदी खूब पसंद करते हैं। अक्सर दोनों में शिस्टाचार भेंट होती रहती है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज चारधामों के कपाट खुलने के उपरांत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की।
धामी ने प्रधानमंत्री को श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ धाम का प्रसाद, गंगा तुलसी, गंगोत्री यमुनोत्री, अलकनंदा और मंदाकिनी के गंगाजल के साथ ही रुद्राक्ष की माला भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने जब उन्हें अवगत कराया कि जोशीमठ में केंद्र सरकार के सहयोग से राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं और वहां स्थिति सामान्य है तो एक बार फिर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोशीमठ के संदर्भ में केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति धामी को आश्वस्त किया।
इस दौरान, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अक्टूबर/नवम्बर 2023 में राज्य में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट के उद्घाटन के लिए समय दिए जाने के अनुरोध के साथ ही मानसखण्ड के अन्तर्गत विभिन्न मंदिरों के दर्शन, मायावाती आश्रम की यात्रा आदि कार्यक्रमों के लिए आने का न्यौता भी दिया।
लगे हाथ, मुख्यमंत्री ने राज्य में हवाई सेवाओं के त्वरित विकास हेतु भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य से सम्बन्धित मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 5.5 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटन कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सेवा क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए माह अक्टूबर / नवम्बर 2023 में राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट कराये जाने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके अंतर्गत अन्तर्गत कुमाऊं मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी।

आईएफएस अनूप मलिक को मिली प्रभारी प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) की जिम्मेदारी

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देहरादून, उत्तराखंड वन विभाग से आज की सबसे बड़ी खबर है।भारतीय वन सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी अनूप मलिक को प्रभारी प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) की जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं।
1986 बैच के वरिष्ठ आईएफएस अफसर अनूप मलिक प्रभारी प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) पद तैनात किए जाने पर वन मंत्री सुबोध उनियाल से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने उन्हें नवीन दायित्व के लिए शुभकामनाएं देते हुए राज्य व विभागीय हित में निरन्तर कार्य करने की अपेक्षा की है।

फर्जी सर्टिफिकेट पर टीचर ने की 36 साल नौकरी, 6 साल की जेल, 50 लाख का जुर्माना

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रांची ।  झारखंड की उपराजधानी दुमका के सरैयाहाट प्रखंड में एक शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर 36 साल तक नौकरी करता रहा। शिक्षा विभाग को इस फजीर्वाड़े का पता तब चला जब शिक्षक रिटायर हो गया। अब उस शिक्षक को सजा सुनायी गयी है। फर्जी सर्टिफिकेट पर 36 साल तक नौकरी करने वाले शिक्षक शुकदेव मंडल को दुमका के प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी ने 6 साल की जेल और 50 लाख का जुर्माना लगाया है।
12 साल तक चले मुकदमे में अदालत ने उन्हें दोषी पाकर सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि सरकारी कोष में नहीं जमा करने पर अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
वर्ष 2011 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच के क्रम में पता चला कि सरैयाहाट प्रखंड के कानीजोर प्राथमिक विद्यालय के रिटायर्ड टीचर शुकदेव मंडल ने फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल की है। यही नहीं रिटायर होने के बाद सरकारी प्रावधान के अनुसार उन्होंने राशि भी ले ली।
जांच में पता चला कि शिक्षक ने वर्ष 1968 का मैट्रिक का जो सर्टिफिकेट प्रमाणपत्रों के साथ जमा किया है, अभिलेख में उनके नाम की जगह पर दूसरे का नाम है। इससे लगता है कि शुकदेव मंडल ने फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी हासिल की।
इसके बाद तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अमरनाथ साहू को तत्काल मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इस मामले में शिक्षक को नोटिस देकर कहा गया कि रिटायरमेंट के बाद उन्होंने जो सरकारी राशि प्राप्त की है उसे एक माह के अंदर देवघर कोषागार में जमा कर दें।
पर इस मामले में शिक्षक की ओर से किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद 18 अगस्त 2011 को सरैयाहाट थाने में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी सेवा करने और सेवानिवृत्ति के बाद प्राप्त सरकारी राशि वापस न करने का मामला दर्ज कराया गया। इस केस में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनिल कुमार झा ने केस की पैरवी की।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बजट अनुमान में कटौती पर आर्य ने चिंता और सरकार से किया प्रश्न

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देहरादून, वित्तीय वर्ष 2023-24 में आरंभिक स्तर पर ही ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा के लिए 98,000 करोड़ रूपये की प्रस्तावित मांग की तुलना में 60,000 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है। मनरेगा के तहत आवंटन में 30 हज़ार करोड़ की कटौती समझ नहीं आ पायी है।’ यह योजना देश भर के लाखों परिवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। लगभग 5.6 करोड़ परिवार इस योजना से लाभान्वित होते है। मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने वाला एक प्रमुख जरिया है. खासतौर से भूमिहीन मजदूर और सीमांत /लघु किसानों के लिए यह एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम है. लेकिन, मांग के बावजूद इसके बजट में कटौती करना अच्छा संकेत नहीं है।

इसके साथ ही सरकार ने मनरेगा श्रमिक की उपस्थिति और मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए एक अजीबोगरीब और पूरी तरह से अव्यवहारिक “NMMS ऐप” को अनिवार्य कर दिया गया है। मनरेगा के सभी कार्यस्थलों पर साथियों को अपने फोन से दिन में दो बार सभी श्रमिकों की तस्वीरें अपलोड करनी पड़ती हैं, और सैकड़ों हजारों मजदूरी से वंचित रह जाते हैं क्योंकि वे दिन का अपना काम पूरा करने के बाद भी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते हैं।बार-बार इस आरोप के बावजूद कि मनरेगा के लाभार्थी आलसी हैं, योजना वास्तव में श्रमिकों को पीस रेट के आधार पर भुगतान करती है, मापित उत्पादकता के अनुसार मजदूरी कम करती है। ऐप अपने सबसे अच्छे रूप में केवल कार्यस्थलों पर श्रमिकों की उपस्थिति दिखा सकता है। इससे कोई प्रयोजन पूरा नहीं होता, क्योंकि भुगतान आउटपुट पर किया जाता है, और किसी के पास समय नहीं है कि वह करोड़ों श्रमिकों की अपलोड की गई तस्वीरों को देखे। ऐप केवल कार्यक्रम के साथ श्रमिकों की शत्रुता और हताशा को बढ़ायेगा।

मनरेगा के अन्तर्गत १०० दिन के रोज़गार की गारंटी दी जाती है ।वर्तमान बजट से 100 दिन के रोजगार की गारंटी नहीं दी जा सकती चूंकि फंड की कमी है इसलिए प्रशासन जानबूझकर काम की मांग को दबाएगा ।मनरेगा के लिए अभी जो आवंटन है, यानी 60,000 करोड़ रु, उससे सिर्फ 30 दिन रोजगार की गारंटी दी जा सकती है.

मनरेगा एक अद्वितीय मांग संचालित कानूनी ढांचा है, जो बजट से बाधित नहीं होना चाहिए। 2008 से 2011 तक वार्षिक आवंटन सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.4% था, और यह दावा किया गया था कि आवश्यकता पड़ने पर और धन प्रदान किया जाएगा। अर्थशास्त्रियों और कार्यकर्ताओं ने इसके कार्यान्वयन का बारीकी से अध्ययन करते हुए अनुमान लगाया कि उस राशि से दोगुने से अधिक, या सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1%, इसे एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा से एक कानून की ओर बढ़ने का अवसर देने के लिए आवश्यक होगा जो ग्रामीण भारत में वास्तविक परिवर्तन को गति देगा। .
इस साल 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन जीडीपी के 0.2% से कम है। इसलिए, वास्तविक रूप में, यह अब तक का सबसे कम मनरेगा आवंटन है।

मनरेगा के बजट कटौती से पता चलता है कि सरकार कैसे, एक बहुत ही सावधानी से परिकल्पित कानून को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर रही कि अब यह न्यूनतम सीमा स्तर पर रोजगार प्रदान करने में भी सक्षम नहीं होगा।