Monday, May 19, 2025
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धामी सरकार का कड़ा संदेश, उत्तराखण्ड में होली पर मिलावटी उत्पाद बेचे तो खैर नहीं

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प्रदेश भर में छापेमारी अभियान हुआ शुरू, सीमाओं पर कड़ी चौकसी : डा. आर राजेश कुमार

खोया, पनीर, मावा समेत खाद्य उत्पादों की जांच के लिए प्रत्येक जनपद मेंटीमें तैनात: ताजबर जग्गी

देहरादून। राज्य सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए मिलावटखोरों के ख़िलाफ़ प्रदेशभर में ब्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन होली त्योहार के दौरान मिलावटी उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। प्रशासन ने मिलावटखोरों से निपटने के लिए छापेमार दस्तों और सचल वाहन टीमों का गठन किया है। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि विभाग की प्राथमिकता आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण और मिलावट रहित उत्पाद उपलब्ध कराना है।

होली का त्योहार निकट है। ऐसे में खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन ने प्रदेश व्यापी अभियान शुरू किया है। विभाग के अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी का कहना है कि गढ़वाल और कुमाऊ मंडल में छापेमारी अभियान लगातार जारी है। विभाग ने विजिलेंस सेल का गठन किया है। यहां शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है और साथ ही सर्विलांस के माध्यम से भी मानीटरिंग की जा रही है। ताजबर जग्गी ने बताया हर जिले में नोडल अधिकारी बनाए गये हैं और वो फूड इंस्पेक्टर के माध्यम से विभिन्न प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर सैंपलिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सचल वाहनों में भी सैंपलिंग की व्यवस्था की गयी है।
खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर जग्गी ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में मावा, पनीर,खोया आदि की जांच की जा रही है ताकि आम लोगों को सही और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सके। उन्होंने बताया कि हम प्रदेश की सीमा के साथ लगते यूपी के शहरों के ड्रग कंट्रोलर और फूड इंस्पेक्टरों के साथ कार्डिनेट कर संयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।

हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर में हो रही कड़ी जांच

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा ताजबर जग्गी ने बताया कि देहरादून में आशारोड़ी पर बाहर से आने वाले दूध और उससे बने उत्पादों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक शिकायतें ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार से हैं। यहां सघन चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है और उत्पादों की सैंपलिंग की जा रही है।

तेल एवं गैस संरक्षण को लेकर हुआ साइक्लोथॉन का आयोजन

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देहरादून, ओएनजीसी द्वारा तेल एवं गैस संरक्षण को लेकर साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया, इस साइक्लोथॉन में बड़ी संख्या में छात्रों, कर्मचारियों, महिलाओं और पूर्व ओएनजीसी कर्मचारियों ने भाग लिया, कार्यक्रम की शुरुआत तेल और गैस संरक्षण के प्रति शपथ लेने के साथ हुई, जिसे मुख्य अतिथि आनंद गुप्ता, कार्यकारी निदेशक द्वारा संचालित किया गया।
साइक्लोथॉन रैली ने लगभग 15 किमी की दूरी तय की। रैली केवी ओएनजीसी खेल मैदान से प्रारंभ होकर किशन नगर चौक, बिंदाल ब्रिज, क्लॉक टॉवर, दिलाराम चौक, हाथीबड़कलां, गढ़ी कैंट, ओएनजीसी चौक होते हुये समाप्त हुयी।
इस अवसर पर एस बोस, कार्यकारी निदेशक, नीरज कुमार शर्मा मुख्य महाप्रबंधक हेड कॉरर्पोरेट प्रशासन, अमर सिंह जीएम, जे एस आलरिया जीएम एवं नोडल अधिकारी सक्षम भी उपस्थित थे, जो ऊर्जा संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आनंद गुप्ता ईडी चीफ पी एंड डीडी ने साइक्लोथॉन का झंडा फहराया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हमें अपने भविष्य पीढ़ियों के लिए तेल और गैस का संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी ऊर्जा के संरक्षण के सरल और अर्थपूर्ण तरीकों को अपनाने के लिए तैयार हो सकते हैं जैसे कि जब लाइट का उपयोग न हो, तो उसे बंद करना, लाल बत्ती पर वाहनों को बंद करना, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग आदि।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में पवन कुमार ने सक्षम 2024-25 के दौरान किए गए विभिन्न गतिविधियों का विवरण दिया और स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि पूरे वर्ष साइक्लोथॉन का अभ्यास करें।
इस मौके पर सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए भाग्यशाली विजेताओं को लॉटरी के माध्यम से पुरस्कार दिए गए।

2 मई को खुलेंगे ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट

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उखीमठ/रुद्रप्रयाग- भगवान शंकर के ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 2 मई को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे।

आज शिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, दायित्व धारी चंडीप्रसाद भट्ट एवं श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित पंचगाई समिति पदाधिकारियों, तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धर्माचार्यों वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना पश्चात विधि- विधान से श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई।

27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा होगी। जबकि बाबा केदार की पंच मुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। 2 मई प्रात: 7 बजे बैशाख मास, मिथुन राशि, वृष लग्न में विधि- विधान से कपाट खुलेंगे।

आज महा शिवरात्रि के अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुजन श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ दर्शन को पहुंचे इस अवसर पर भोलेनाथ के भजन कीर्तन का आयोजन भी हुआ तथा श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण किया

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट तय होने के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की केदारनाथ धाम यात्रा तैयारियों को अधिक गति मिलेगी। मंदिर समिति के स्तर श्री केदारनाथ यात्रा तैयारियां की जा रही है।

कहा कि कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।

पंचमुखी डोली के केदारनाथ धाम प्रस्थान कार्यक्रम के तहत 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा-अर्चना होगी।

श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास हेतु प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।

29अप्रैल को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रात्रि प्रवास हेतु द्वितीय पड़ाव फाटा को प्रस्थान होगी।

30 अप्रैल फाटा से रात्रि प्रवास हेतु तृतीय पड़ाव गौरादेवी मंदिर गौरीकुंड पहुंचेगी। 1 मई शाम को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी।तथा 2 मई शुक्रवार को प्रात: 7 बजे वृष लग्न में श्री केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खुलेंगे। बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है जल्द मंदिर समिति का अग्रिम दल केदारनाथ धाम जाकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज ही इस यात्रा वर्ष हेतु श्री केदारनाथ धाम, मद्महेश्वर धाम हेतु पुजारियों के नाम घोषित हुए श्री केदारनाथ धाम हेतु बागेश लिंग पुजारी का दायित्व संभालेंगे। शिवलिंग मद्महेश्वर पुजारी रहेंगे तथा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ गंगाधर लिंग तथा श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में शिवशंकर लिंग पूजा-अर्चना का दायित्व निभायेंगे ।इस अवसर पर बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी,सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवान,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी/ केदारनाथ प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, पुजारी शिवशंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग, बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी , कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला ( भंडारी) खुशाल सिंह नेगी सहित बड़ी संख्या यें तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी,आदि मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी धामी सरकार, जल्द जारी होगी स्वास्थ्य एडवाइजरी, यात्रा मार्ग में 26 मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स और 50 स्क्रीनिंग पाइन्ट्स

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श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य धाम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालुओं को करना होगा स्वास्थ्य प्रोफाइल अपलोड- डॉ आर राजेश कुमार

स्वास्थ्य मित्रों की नियुक्ति, स्वास्थ्य महानिदेशालय में कंट्रोल रूम की स्थापना, होटल और ढाबों पर स्वास्थ्य सुरक्षा होगी तय- डॉ आर राजेश कुमार

राज्य सरकार आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी औऱ स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने यात्रा के सफल आयोजन के लिए अधिकारियों को समय पर पुख्ता इंतजाम करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बाद, सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. आर राजेश कुमार ने उत्तराखण्ड शासन में अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में चारधाम यात्रा के स्वास्थ्य संबंधित इंतजामों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और विभिन्न विभागों को अपनी तैयारियाँ समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए। सचिव ने यात्रा मार्ग पर मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स (एमआरपी) की संख्या बढ़ाने, स्क्रीनिंग पाइन्ट्स की संख्या में सुधार और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य रजिस्ट्रेशन के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य से संबंधित एडवाइजरी और आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। सभी संबंधित विभागों को यात्रा की शुरुआत से पहले आवश्यक सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

एमआरपी और स्क्रीनिंग पाइन्ट्स का विस्तार
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा मार्ग में कुल 26 मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स (एमआरपी) और 50 स्क्रीनिंग पाइन्ट्स की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, एमआरपी की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया। साथ ही, स्क्रीनिंग पाइन्ट्स के विस्तार के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की भूमिका
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की यात्रा हेतु सभी आवश्यक तैयारियों को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया गया। चिकित्सा विशेषज्ञों और मेडिकल अफसरों की ड्यूटी रोटेशन के आधार पर निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा, उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण दून और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रदान किया जाएगा, जिससे AIIMS की बजाय स्थानीय ट्रेनिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।

स्वास्थ्य पोर्टल और रजिस्ट्रेशन
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालुओं को “स्वास्थ्य धाम पोर्टल” पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य प्रोफाइल अपलोड करने के लिए निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने RFID-Band और GIO Tracking सिस्टम के माध्यम से उच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की ट्रैकिंग के लिए प्रस्ताव और कार्यप्रणाली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

वित्तीय और उपकरण वितरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा महानिदेशक को पर्यटन विभाग द्वारा केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए जारी की गई धनराशि की उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) शीघ्र उपलब्ध कराने और शेष धनराशि के अवमुक्ति के लिए पत्र लिखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, केदारनाथ में नवनिर्मित चिकित्सालय में पूर्व में आपूर्ति किए गए उपकरणों और फर्नीचर को तत्काल पहुंचाने की कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य एडवाइजरी और सूचनाएं
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा मार्ग, बस स्टॉप, होटल और अन्य प्रमुख स्थानों पर स्वास्थ्य से संबंधित एडवाइजरी, निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्रों का विवरण और मुख्य चिकित्साधिकारियों के संपर्क नंबर की सूचना देने के लिए फ्लेक्स और बैनर लगाए जाएंगे। साथ ही, सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करते हुए जनपदों के जिलाधिकारियों से समन्वय कर इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाएगा।

स्वास्थ्य मित्रों की नियुक्ति
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी सहायता के लिए स्वास्थ्य मित्रों की नियुक्ति की जाएगी, जो कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कार्य करेंगे।

कंट्रोल रूम की स्थापना
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा चारधाम यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए महा निदेशालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। यह कंट्रोल रूम यात्रा से जुड़ी सभी स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित निगरानी करेगा और संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।

होटल और ढाबों पर स्वास्थ्य सुरक्षा
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा सभी होटल और ढाबों को श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों, एडवाइजरी और जीवन रक्षा के उपायों से संवेदनशील बनाया जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बैठक के समापन पर सभी अधिकारियों को चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में तत्पर रहने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी तैयारियाँ समय पर पूरी हो और यात्रा में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे।

दीर्घकालिक कार्यों की कार्य योजना शीघ्रता से तैयार कर पूर्ण करने के निर्देश-आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डे

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हरिद्वार,  (कुलभूषण) आगामी अर्द्धकुम्भ मेला-2027 हेतु की जाने वाली व्यवस्थाओं के सुचारु सम्पादन एवं नीतिगत निर्णय लिये जाने हेतु आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में मेला नियंत्रण भवन, सी०सी०आर० की महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गयी है।
आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डे ने अर्द्धकुम्भ 2027 के भव्य और दिव्य तथा सफल आयोजन हेतु दीर्घकालिक कार्यों की कार्य योजना शीघ्रता से तैयार कर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज में जैसे भव्य कुंभ का आयोजन हुआ वैसे ही माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज की धरती से घोषणा की हमारा 2027 का जो मेला होगा वह कुंभ मेला के नाम से जाना जाएगा और उसी स्तर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले 2027 आयोजन में किसी भी स्तर पर कोई भी कमी न रहे, जो भी आवश्यक कार्यों हों, उनकी समय से डीपीआर तैयार कर ली जाये। उन्होंने अल्प कालिक तथा दीर्घकालिक कार्यों की अलग-अलग सूची बनाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को उच्च कोटि की सुविधाए मिलें उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, श्रद्धालुओं हेतु यातायात तथा सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित कार्य योजना पर विशेष ध्यान दिया जाये मेले के आयोजन में 02 वर्ष बचे है उसकी तैयारी युद्ध स्तर पर करी जाए। उन्होंने विद्युत, पुलिस, परिवहन आदि की व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य किये जाये। उन्होंने कुम्भ मेले के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने, अतिरिक्त ट्रान्सफर्मरों की व्यवस्था रखने, के निर्देश विद्युत विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने अस्थायी पुल निर्माण, पुलों तथा घाटों की मरम्मत पर विशेष ध्यान देने के निर्देश सिंचाई विभाग के अभियन्ताओं को दिये।
आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय को जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने आगामी कुंभ मेले-2027 की तैयारियों की जानकारी दी। आयुक्त गढ़वाल ने आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य आदि की देखभाल के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी का आवश्यक औषधियां एवं एंबुलेस की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था रखी जाने की कार्ययोजना तैयार करें, उन्होंने पेयजल निगम और जल संस्थान को आवश्यक व्यवस्थाएं की रूप रेखा तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए कुम्भ मेले में ट्रैफिक प्लान की व्यवस्थाओं के संबंध एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल तथा एसपी सिटी पंकज गैरोला चर्चा की तथा अगले एक हफते में अभ्यास कर फाइनल ब्लू प्रिंट तैयार करने के निर्देश दिए जिससे की मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आगामी बैठक में अंतिम रूप दे सकें।
बैठक में गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामत्री तन्मय वशिष्ट, मुख्य चिकित्साधिकारी आर.के सिंह, एसपी हरिद्वार जितेन्द्र मेहरा, नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, एचआरडीए वीसी अंशुल सिंह, डीओ पीआरडी पीसी पाण्डे, ईई पीडब्लूडी दीपक कुमार, जिला आपदा अधिकारी मीरा रावत, एचआरडीए अभिनव रावत, डीएसओ तेजबल सिंह, एईयूपीसीएल प्रियंका अग्रवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर (गंगा) मिनाक्षी मित्तल सहित जनपद के सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

हरिद्वार में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए

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हरिद्वार ( कुलभूषण) उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर, हरिद्वार में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए जिनमें अधिकांश संख्या बालिका छात्रों की थी। राज्यपाल ने इस उपलब्धि को नारी सशक्तीकरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि बेटियाँ हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धति है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आयुर्वेद के क्षेत्र में नवाचार एवं अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद में विभिन्न प्राकृतिक औषधियों और उपचार विधियों के माध्यम से संक्रमण से लड़ने की शक्ति होती है जो बिना किसी हानिकारक प्रभाव के रोग निरोगी गुण प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं लेकिन यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम आयुर्वेद के गुणों का अधिक से अधिक प्रचार एवं प्रसार करें।

राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड, ज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र होने के साथ-साथ चेतन के उत्थान की समृद्ध परंपरा का वाहक है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दुनिया की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक होने के साथ-साथ विश्व को भारत की एक अमूल्य देन है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हुए समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन पर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता बढ़ने के साथ-साथ हमने इस पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करना कम कर दिया था लेकिन अब जागरूकता बढ़ने और आयुर्वेद के लाभ की सटीक जानकारी मिलने से हमारी यह प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर जन-जन में लोकप्रिय हो रही है।

राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली का आधार है। उन्होंने वर्तमान समय में बढ़ते तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं के समाधान में आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म एवं योग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान, प्राचीन भारतीय परंपरा के वह अमूल्य उपहार हैं, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक संतुलन को बनाए रखते हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे आयुर्वेद के क्षेत्र में नवीन शोध एवं अनुसंधान पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं औषधीय पौधों के वैज्ञानिक अध्ययन से हम वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान निकाल सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल तकनीक एवं आधुनिक विज्ञान के साथ समन्वय स्थापित करने पर भी जोर दिया।

इस अवसर पर सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा श्री रविनाथ रामन ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सक होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन संहिताओं में वर्णित आयुर्वेद के ज्ञान को चिकित्सकों ने अपने अध्ययनकाल में ग्रहण किया है जिसका लाभ समस्त मानवता को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रथम बार अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए हैं, साथ ही व्यावहारिक उपयोगिता की दृष्टि से महत्वपूर्ण सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष स्वास्थ्य पर्यटन, जड़ी-बूटियों की खेती एवं उनके विक्रय को गतिशीलता देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार वचनबद्ध है।

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अनुपालन में प्रकृति परीक्षण अभियान को बड़े पैमाने पर समन्वित किया गया है और साथ ही छात्र हित में विभिन्न फार्मा कंपनियों के साथ एमओयू किए गए हैं एवं विश्वविद्यालय में आयुर्वेदिक दवाओं के नैदानिक परीक्षण भी किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर अपर सचिव एवं निदेशक आयुष डॉ. विजय जोगदण्डे, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव रामजी शरण शर्मा सहित सभी प्राचार्यगण, संकाय अध्यक्ष, विद्यार्थी एवं अभिभावकगण उपस्थित रहे।

दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र बनाए पर लगायी जाए रोक-पंडित अधीर कौशिक

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हरिद्वार,(कुलभूषण )। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र बनाए जाने पर रोक लगाने की मांग की है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम हरिद्वार द्वारा संयुक्त रूप से शहर में सरकारी भूमि पर सड़कों के दोनों तरफ दीवारें बनाकर एक तरफ सड़कों को संकरा किया जा रहा है। जिससे हरिद्वार में कुंम्भ मेलों में कठिनाईयों का सबब बनना अवश्यंभावी है। वहीं दूसरी तरफ इन दीवारों पर हिन्दु देवी-देवताओं के चित्र बनाकर सनातन संस्कृति का अपमान किया जा रहा है। देवी देवताओं के चित्र बनी दीवारों पर कोई भी अशिक्षित व्यक्ति जाने-अनजाने पेशाब कर देवी-देवाओं का अपमान कर सकता है। इस प्रकार की घटना वर्ष 2021 के कुम्भ पर्व पर घटित हो चुकी है। जिसके बाद प्रशासन द्वारा देवी-देवताओं के चित्रों का हटवा दिया गया था। यह आश्चर्य का विषय है कि सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी जो दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र बनाने की संस्तुति कर रहे है वे इतनी सामान्य जानकारी से अनभिज्ञ है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि दीवारों पर देवी देवताओ के चित्र न बनाकर उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य को दर्शाया जाये या पशु पक्षियों व पेड़ पौधे की आकृतियां बनाई जाये। जिससे बच्चे उन्हें देखकर प्रेरणा ले सकें और स्वयं उस कला को सीख सकें। इसके साथ ही गीता सार, रामायण की चौपाईयां, प्रेरणादायक श्लोक, सूक्तियों, महात्मा गांधी, डा.भीमराव अम्बेडकर, सुभाष चन्द्र बोस के विचार, सत्यमेव जयते, वसुधैव कुटुम्बकम जैसे विचारों को लिखा जाये जो हमारी धार्मिक व आध्यात्मिक प्रेरणा के प्रमुख स्रोत है। उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी में दीवारों पर हिन्दु देवी-देवताओं का प्रदर्शन करने पर तत्काल रोक लगायी जाये और जहां इनके चित्र बनाये गये हैं। उन्हें तत्काल हटाया जाये और ऐसी संस्तुति करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये।

मुख्यमंत्री ने दुगड्डा के शहीद मेले में लगाई घोषणाओं की झड़ी

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-कहा – शहीद व उनके परिवार सरकार की प्राथमिकता

-महिलाओं व युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लिया है संकल्प

-ऐसे मेलों को आने वाले पीढ़ियों के लिए आदर्श बताया

कोटद्वार (दुगड्डा), प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद के कोटद्वार तहसील के अंतर्गत नगर पालिका दुगड्डा पार्क में दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय शहीद मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री ने दुगड्डा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्व. बल्देव सिंह आर्य और स्व. भवानी सिंह रावत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किये। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान हमें देश की सेवा में समर्पण और कर्तव्य का मार्गदर्शन देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति युवाओं को जागरूक करते हैं, जिनसे हमें शहीदों के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों से शहीदों के योगदान को हमेशा याद रखने और उनके मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की गौरवशाली गाथाओं का नई पीढ़ी को पुनः स्मरण कराने के लिए पूरे देश में स्मारकों और संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य में भी सरकार द्वारा ऐसे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी है। इस कड़ी में उत्तराखंड का पांचवा धाम सैनिक धाम देहरादून के गुनियाल गांव में बनाया जा रहा है। सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाओं और आवासीय योजना में भी प्राथमिकता दे रही है।
साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के मूल अस्तित्व को बनाये रखने के लिये राज्य के भीतर अवैध अतिक्रमण हटा कर पूरे राज्य में 5 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। भूमि को जिस प्रयोजन के लिए खरीदा गया है, उसका उपयोग उसी प्रयोजन के लिए होना चाहिए, प्रायोजित भूमि के अन्यत्र उपयोग पर भूमि जब्त करने का अभियान प्रारम्भ कर दिया है। सरकार ने चार दिन पहले विधानसभा सत्र में सशक्त भू कानून को पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया गया है। इस प्रकार प्रकार से जमीनों की बंदर बांट नहीं होगी इससे प्रदेश में भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर रोक लगाएगा।
उन्होंने कहा कि 2023-24 भारत सरकार के नीति आयोग के इंडेक्स में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कहा की अभी वनाग्नि की समस्या के समाधान के लिए भी प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रशासन का भी सहयोग करें। कहा कि जिस भी वन क्षेत्र में आग लगेगी संबंधित वन विभाग के आधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही जो आग लगाने वाले के खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्यवाही की जाएगी व आग से हुए नुकसान की भरपाई भी उन्हीं लोगों से की जाएगी। कहा कि इसके लिए सख्त कानून भी बनाया जायेगा। इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष और विकास बनाम वन संरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। इससे चुनौतियों का समाधान होगा और जो विकास कार्य नहीं हो पाते हैं उन पर काम हो सकेगा। साथ ही वन्यजीव हमलों के सबंध में संबंधित अधिकारियों को विधि सम्मत कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ उन्होंने कहा कि सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। कहा कि वन्य जीवों के हमलों को लेकर भी जल्द कानून बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री द्वारा की क्षेत्र के विकास के लिए लिए 08 घोषणाएं की गई। जिसमें नगरपालिका दुगड्डा के क्षेत्रान्तर्गत एक आधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण, पालिका की मा० अध्यक्ष/अधिशासी अधिकारी हेतु एक आधिकारिक वाहन की व्यवस्था, भवानी सिंह रावत शहीद स्मृति स्थल संरक्षण, सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य पालिका प्रबंधन द्वारा किये जाने, नगर पालिका परिषद् दुगड्‌डा क्षेत्रान्तर्गत निराश्रितों के लिए एक स्थायी रैन बसेरा बनाये जाने, दुगड्डा नगर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का नियोजन व विकास के साथ ही इसका नामकरण स्व० श्री मोहनलाल बौंठियाल के नाम पर किये जाने, दुगड्‌डा ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम की स्थापना किये जाने, फतेहपुर में सिलगाड नदी पर पुल का निर्माण कराए जाने, दुगड्‌डा ब्लॉक के अन्तर्गत स्थित मटियाली में सिद्धबाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य कराए जाने की घोषणाएं शामिल हैं।
विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट ने कहा कि यह पहला अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री दुगड्डा में कदम रख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों व उनके परिजनों के प्रति विशेष सामान रखती है। इसलिए शहीदों के परिजनों के हित में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र वीरों की भूमि है जहां भवानी सिंह रावत जैसे क्रांतिकारियों का जन्म हुआ है जिन्होंने देश की दिशा वह दशा बदलने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है।
शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
कार्यक्रम में यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, लैंसडौन महंत दिलीप रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर कोटद्वार शैलेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दुगड्डा शांति बिष्ट, जिला अध्यक्ष भाजपा वीरेंद्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मंडी परिषद के अध्यक्ष सुमन कोटनाला, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, उपजिलाधिकारी कोटद्वार सोहन सैनी, लैंसडौन शालिनी मौर्य व यमकेश्वर अनिल चन्याल, ब्लॉक प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा, जयहरीखाल दीपक भंडारी, कल्जीखाल बीना राणा व नैनीडांडा प्रशांत कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, समाज कल्याण अधिकारी रोहित सिंह दुबरिया, जिला पूर्ति अरुण वर्मा, उद्यान अधिकारी राजेश तिवारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम सलोने, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, सहकारिता अधिकारी पान सिंह राणा, बाल विकास अधिकारी देवेंद्र थपलियाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की जिला योजना बैठकों का बहिष्कार करूंगा : नेगी

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देहरादून, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान संसदीय कार्य मंत्री के आचार व्यवहार पर रोष व्यक्त किया और इसे उत्तराखंड़ की अस्मिता पर हमला है । विधायक निवास में पत्रकारों से रूबरू होते हुये उन्होंने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जिस असंसदीय अमर्यादित भाषा भाषा का प्रयोग किया वो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और इससे उनकी संकीर्ण मानसिकता का पता चलता है। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।
विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल जो कि टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री है उनकी जिला योजना की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को सरकार व पार्टी का संरक्षण है जिस वजह से वो इस तरह के कृत्य करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है सेना के सैनिकों से लेकर सेना प्रमुख और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में ख्याति प्राप्त की है देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है जिसका हमें गर्व है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) थोपने का कार्य किया है लिव इन रिलेशन का प्रचार करके इस कुप्रथा को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सशक्त भू कानून की मांग जिसके लिए जनता आंदोलनरत है का झुनझुना देकर हरिद्वार उधमसिंह नगर को अलग करके जनता को भ्रमित करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच विकासवादी है भाजपा मूलभूत समस्याओं से ध्यान भटकाने को इस तरह का कृत्य करती आई है। कांग्रेस जन भावना के अनुरूप प्रदेश में विकास कार्य हो लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेश जोशी एवं सुरेश जुयाल आदि मौजूद थे।

यूसर्क द्वारा दून पी जी कॉलेज में तीन दिवसीय “एग्रोइकोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रारंभ

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देहरादून, उत्तराखंड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए “एग्रोकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सेलाकुई के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज के परिसर में प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा “एग्रोइकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
इसके अंतर्गत सॉइल साइंस, एग्रोनॉमी, फिशरीज, ऑर्गेनिक फार्मिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, एजोला फार्मिंग, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, प्रोटेकटिव कल्टीवेशन आदि को केंद्रित करते हुए उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो उनके ज्ञान को बढ़ाने के साथ साथ उनके शोध, अनुसंधान की दिशा में कौशल विकास (Skill Development), उद्यमिता विकास के साथ साथ करियर के लिए भी सहायक होगा।
संस्थान के निदेशक श्री संजय चौधरी ने कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी बताया।
इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक यूसर्क वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड के पांच उच्च शिक्षण संस्थानों कोर विश्वविद्यालय रुड़की, अल्पाइन इंस्टीट्यूट देहरादून, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और दून पीजी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 30 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।
इस अवसर पर यूसर्क के वैज्ञानिक डॉक्टर ओमप्रकाश नौटियाल ने अपने संबोधन में यूसर्क द्वारा प्रदेश भर में विद्यार्थियों के लिए शोध एवं अनुसंधान, नवाचार की दिशा में किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर. आर. द्विवेदी ने अपने संबोधन में बताया कि उनके संस्थान में एग्रोइकोलॉजी विषय से संबंधित समस्त प्रकार के कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक डॉ. रूप किशोर शर्मा ने किया । तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान संस्थान के प्राध्यापक डॉ मृत्युंजय राय ने “प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन” विषय पर दिया तथा सभी प्रतिभागियों को फील्ड में ले जाकर प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन, पॉलीहाउस के अंदर विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन, फूलों के उत्पादन आदि को प्रयोगात्मक रूप से दिखाया और सिखाया।
अपराहन में तकनीकी सत्र का दूसरा व्याख्यान डॉक्टर विपिन वर्मा ने “मशरूम कल्टीवेशन” विषय पर दिया तथा व्याख्यान के पश्चात सभी प्रतिभागियों को मशरूम कल्टीवेशन यूनिट ले जाकर मशरूम का कल्टीवेशन किस प्रकार किया जाता है, प्रयोगात्मक रूप से सिखाया एवं उनके प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का संचालन दून पीजी कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आर.के. मिश्रा ने किया ।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ रूप किशोर शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से अनिल पुंडीर, डॉ. काजल श्रीवास्तव, डॉ. गौरव वर्मा, यूसर्क के विशेषज्ञ श्री उमेश जोशी, 30 प्रशिक्षणार्थियों, विशेषज्ञ एवं शिक्षकगणों सहित 50 से अधिक लोग उपस्थित रहे।