Sunday, May 18, 2025
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अंकित हत्याकांड का मास्टर माइंड रोहित मुठभेड के बाद गिरफ्तार

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हरिद्वार (रुड़की), अंकित हत्याकांड में फरार चल रहे मास्टरमाइंड अपराधी की बुधवार रात को पुलिस से मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने उसे पैर में गोली मारकर काबू किया। पुलिस ने आरोपी को रुड़की के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। मुठभेड़ उस वक्त हुई जब आरोपी गंगनहर की पटरी से होता हुआ कहीं जा रहा था। उसके पास से तमंचा, कारतूस और बाइक बरामद की है। उस पर पुलिस ने दस हजार का ईनाम घोषित किया था।
विदित रहे कि मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के गांव कुरड़ी में पिछले साल कपिल नामक युवक की हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने गांव झबीरण निवासी अंकित के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। कुछ महीने पहले ही अंकित जमानत पर जेल से बाहर आया था। लेकिन 22 फरवरी को अंकित का शव गांव के पास ही शमशान घाट में मिला था। अंकित के शरीर पर चाकू के कई निशान मिले थे।
पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर दो दिन बाद खुलासा करते हुए बताया था कि मामले में कपिल के पिता ने चार लाख रुपये में अंकित की हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने कपिल के पिता समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि हत्या का मास्टरमाइंड कुरड़ी निवासी रोहित फरार चल रहा था। पुलिस उसकी लगातार संभावित ठिकानों पर तलाश कर रही थी, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ पा रहा था।
पुलिस के अनुसार बुधवार की रात करीब आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि रोहित तांशीपुर गांव के पास गंगनहर की पटरी से होते हुए कहीं जा रहा है। सूचना मिलते ही मंगलौर कोतवाली पुलिस और सीयू की टीम गंगनहर पटरी किनारे पहुंची और उसकी तलाश शुरू कर दी। इस बीच पुलिस ने रोहित को रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने फायरिंग की तो एक गोली रोहित के पैर में लगी और वह मौके पर ही गिर गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उसके पास से एक तमंचा और कारतूस बरामद किया है।
साथ घायल को रुड़की के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल सीओ, मंगलौर विवेक कुमार और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। वहीं, मुठभेड़ की सूचना मिलने के बाद एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल रुड़की सिविल अस्पताल पहुंचे और अधीनस्थों से घटना की जानकारी ली। एसएसपी ने बताया कि रोहित अंकित हत्याकांड में मास्टरमाइंड था। रोहित ने ही अंकित की हत्या की सुपारी ली थी। उन्होंने बताया कि रोहित के ऊपर पुलिस की ओर से 10 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।

यूकॉस्ट के नवाचार महोत्सव का शुभारंभ “गणित का इतिहास और वर्तमान रुझान” विषय पर संवादात्मक सत्र के माध्यम से प्रस्तुति दी

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देहरादून,  उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में नवाचार महोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर दिनाँक 27 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया और विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किए गए। इस अवसर पर आईआईटी रूड़की से गणित और साइंटिफिक कंप्यूटिंग विभाग की संयुक्त संकाय की प्रमुख, डॉ मिल्ली पंत मुख्य वक्ता रही। कार्यक्रम के दूसरे वक्ता थे, डॉ संकल्प जैन, मनोचिकित्सक और एसोसिएट प्रोफेसर, सर गंगाराम हॉस्पिटल, नयी दिल्ली ।
डॉ दुर्गेश पन्त ने सभी का स्वागत करते हुए इस नवाचार महोत्सव के महत्व, और आयोजित व्याख्यानों के महत्व पर अपने विचार साझा किए। डॉ. डी.पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम के महत्त्व पर चर्चा की। उन्होंने गणित के महत्व और भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली और विभिन्न क्षेत्रों मे गणित की भूमिका पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. मिल्ली पंत, आईआईटी रूड़की ने “गणित का इतिहास और वर्तमान रुझान” विषय पर संवादात्मक सत्र के माध्यम से प्रस्तुति दी। पहले भाग में उन्होंने भारत की समृद्ध गणितीय विरासत से सबको अवगत कराया, जिसमें वैदिक ग्रंथ और गणित, सुलभ सूत्र और ज्यामिति, पिंगला के चंद्र शास्त्र, आर्यभट्ट के योगदान और ब्रह्मगुप्त के बीजगणित के सिद्धांत जैसे विषय शामिल थे। दूसरे भाग में उन्होंने गणित के साथ जीवन, कैरियर के अवसर और चुनौतियो पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों मे गणित की उपयोगिता और भविष्य की सम्भावनाओं से सबको अवगत कराया।
उन्होंने कौशल विकास के महत्व पर भी बात की और कहा कि गणित के क्षेत्र में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए वैदिक गणित में कौशल विकास पाठ्यक्रम और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल किये जाने चाहिए । उन्होंने स्टॉक मार्केट, ट्रेडिंग, गणित स्टार्टअप, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा साइंस में गणित का समावेश और विभिन्न उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले गणितीय उपकरणों की जानकारी भी दी। उन्होंने प्राचीन भारत के विभिन्न गणितज्ञ और उनके कार्यों से सबको अवगत कराया।

इसके बाद डॉ संकल्प जैन ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने समुद्र मंथन और मानसिक स्वास्थ्य के समकक्ष बताया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारणों पर बात की। उन्होेंने कहा स्वयं के प्रति जागरूकता ही एक निवारण है । उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के उपचार, प्रभावित करने वाले कारण, संतुलित भोजन, अनुशासित जीवन शैली का महत्व आदि विभिन्न विषयों पर बात की। उन्होंने कहा मानसिक स्वास्थ्य के लिए आचार, विचार, आहार औऱ व्यवहार आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ अचेतन रहन-सहन और खान-पान के कारण होती हैं । आपको अपने शरीर का सम्मान करना चाहिए । कृतज्ञता आपके जीवन का हिस्सा होना चाहिए । सत्र के दौरान बच्चों ने अपनी समस्याएं डॉ जैन से साझा की उन्होंने सभी के सम्भावित कारण और निवारण बताये।
कार्यक्रम का संचालन जागृति उनियाल, वैज्ञानिक अधिकारी ने किया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देवभूमि विश्वविद्यालय, जूनियर हाई स्कूल, धूलकोट, गवर्नमेंट कॉलेज खाराखेत,
देहरादून सहित विभिन्न स्कूल और कॉलेज के 300 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. पीयूष जोशी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, उन्होंने वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजक टीम को उनके प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर परिषद् के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हुए।
नवाचार महोत्सव के अवसर पर एक कला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसका मुख्य विषय था विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार । इस अवसर पर नवाचार संबंधित विचारों पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्र- छात्राओं के लिए प्रेरक नवाचार विषय के अंतर्गत एक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया।
नवाचार महोत्सव के उपलक्ष्य में आंचलिक विज्ञान केन्द्र के प्रांगण में एक नवाचार प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न संस्थानों ने अपने कार्य और प्रोडक्ट प्रदर्शित किए। इस महोत्सव में विभिन्न स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षकों, संस्थानों के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक आदि ने प्रतिभाग किया।

भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चे सीख रहे कंप्यूटर, संगीत ज्ञान

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देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल हर क्षेत्र पर तेजी से कार्य कर हैं, वहीं माइक्रोप्लान के तहत तैयार किए गए राज्य का पहला आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर से जंहा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर आखर ज्ञान के साथ ही तकनीकि ज्ञान तथा संगीत एवं अन्य गतिविधि के माध्यम से मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। साधुराम इंटर कॉलेज में भिक्षावृत्ति से मुक्त किए गए बच्चों को अन्य बच्चों की भांति मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मॉडल इन्टेसिव केयर शैल्टर को युद्धस्तर विकसित किया जा रहा है, जिसमें बच्चों के शैक्षणिक एवं कौशल विकास को विकसित करने हेतु स्वंयसेवी, विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास में योगदान दिया जा रहा है। इन्टेसिंव केयर शैल्टर में जहां बच्चों के लिए पठन-पाठन हेतु कक्षा कक्ष को विकसित किया गया। अब उक्त परिसर में कम्प्यूटर उपकरण स्थापित कर दिए गए हैं। साथ ही संगीत कक्ष स्थापित करते हुए उपकरण को संजोया गया है। उक्त आधुनिक इन्टेंसिव केयर शैल्टर का उद्देश्य इन बच्चों को शैक्षिक विकास हेतु रूचि उत्पन्न करने हेतु आदर्श वातावरण तैयार कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने कार्य किया जा रहा है।
साधुराम इन्टर कालेज में बनाए गए राज्य के पहले आधुनिक इन्टेसिंव केयर शैल्टर में बच्चों की शिक्षा के साथ ही कम्प्यूटर ज्ञान एवं संगीत के माध्यम से बच्चों को मुख्यधारा से जाड़ने के लिए कम्प्यूटर रूम, म्यूजिक रूम तैयार कर लिया गया है। अब भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चे तकनीकि ज्ञान के साथ संगीत शिक्षा भी प्राप्त करेंगे।
आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर में प्रतिदिन 25-30 बच्चे कक्षाओं में पढाई कर हैं, अपने भावी भविष्य को संवारने का कार्य कर रहे हैं। शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों में रेस्क्यू किये बच्चों सहित संस्थानों एवं घरों से भी बच्चे आ रहे हैं। इस मुहिम से जहां बच्चों में शिक्षा के प्रतिरूचि बढ रही है वहीं संगीत, चित्रकला, कम्प्यूटर ज्ञान, खेल के माध्मय से बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है। आधुनिक केयर शेल्टर में निजी स्कूल/संस्थान की भांति सुविधाएं विकसित की गई हैं।

राज्य सरकार बालिका एवं महिला सशक्तिकरण के लिए कर रही कार्य : मुख्यमंत्री

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देहरादून/खटीमा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में गौरी शंकर महादेव मंदिर, भ्रह्म कालोनी एंव आरपी पब्लिक स्कूल, मेलघाट रोड में महाशिवरात्रि के अवसर पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होकर नव दम्पतियों को आशीर्वाद व बधाई देते हुए उनके नव दाम्पत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। इस दौरान दोनों स्थानों पर कुल 50 जोड़ो का विवाह सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने नव दम्पतियों को उनके सुखमय वैवाहिक जीवन के शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कन्यादान को हमारे समाज व संस्कृति में महादान की संज्ञा दी गई है। उन्हें भी एक अभिभावक के रूप में विवाह में शामिल होने का अवसर मिला यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा खटीमा एक बगीचा है जिसमे सभी समुदाय के लोग प्रेम भाव से रहते हैं। यह एक लघु भारत का स्वरूप लगता है, इसी भावना का उदाहरण यह सामूहिक विवाह भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा बेटियां दो-दो घरों को रोशन करती हैं। बेटियों के सशक्त होने से राष्ट्र सशक्त होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालिका एवं महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने सभी नौकरियों में महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण दिया है। जिससे राज्य में महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 38 वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन हुआ। इन खेलों के आयोजन की चारों ओर प्रसंशा मिल रही है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में मेडल तालिका में हम 25वें स्थान से 7 वें स्थान पर आएं है। जिसमें बेटियों ने अधिक मैडल जीतकर हमे गौरवान्वित किया है।
इस दौरान श्रीमती गीता धामी, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, पूर्व विधायक प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, गणेश जोशी, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

10 मार्च से शुरु होगा तीन दिवसीय रेशम कृषि मेला, कृषि मंत्री गणेश जोशी करेंगे शुभारम्भ

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देहरादून । रेशम विभाग द्वारा 10 मार्च से तीन दिवसीय रेशम कृषि मेले का आयोजन देहरादून के सहसपुर में किया जाएगा, जिसका उद्घाटन प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी करेंगे।
वीरवार को देहरादून स्थित कैम्प कार्यालय में रेशम विभाग की बैठक के दौरान कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रेशम कृषि मेले की तैयारियों को अंतिम रुप दिया गया। इस रेशम कृषि मेले में शहतूती एवं ओक तसर रेशम उत्पादन में कार्यरत उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के लगभग 400 रेशम कृषक प्रतिभाग करेंगे। मेले मे रेशम उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रेशम कृषको को कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा। रेशम मेले में एक रेशम तकनीकी प्रदर्शिनी भी आयोजित की जायेगी, जिसमे उत्पादन की तकनीकियो का सजीव प्रदर्शन किया जायेगा। मेले में रेशम विशेषज्ञों द्वारा कृषको को रेशम उत्पादन से सम्बंधित तकनीकी जानकारी भी प्रदान की जायेगी। मेले में स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित रेशम क्षेत्र से जुडे हुये विभिन्न हितधारक जैसे उत्तराखण्ड रेशम विभाग, केंद्रीय रेशम बोर्ड सहित केंद्रीय रेशम बोर्ड के अनुसंधान संस्थानों के निदेशक सहित बडी संख्या में रेशम किसान प्रतिभाग करेंगे।

 ‘‘रेशम किसानों के हितों के संरक्षण पर सरकार का विशेष ध्यान है। हमारे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले, किसानों के आर्थिक स्तर में सुधार हो, इसके लिए केन्द्र एवं राज्य स्तर पर अनेकों योजनाऐं संचालित की जा रही हैं। मैं रेशम कृषि मेले में अपने सभी रेशम किसानों को आमंत्रित करता हॅू‘‘:

गणेश जोशी, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, उत्तराखण्ड

CEPT University ने फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी 2025 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

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विशाखापट्टणम,  सेप्ट यूनिवर्सिटी में प्रौद्योगिकी संकाय (एफटी), जिसे पहले स्कूल ऑफ बिल्डिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसबीएसटी) के रूप में जाना जाता था, वर्ष 2025 के लिए अपने यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित करता है।

सिविल इंजीनियरिंग, बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस, जियोमैटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के लगातार विकसित हो रहे क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एफटी अपने समस्या-समाधान और परिणाम-आधारित शिक्षाशास्त्र के लिए प्रसिद्ध अद्वितीय इंजीनियरिंग कार्यक्रम प्रदान करता है। यह दृष्टिकोण, स्टूडियो-आधारित परियोजनाओं के माध्यम से व्यावहारिक सीखने पर ज़ोर देने के साथ, स्नातकों को उन कौशल और ज्ञान से लैस करता है, जिनकी तेज़ी से विकसित हो रहे शहरी बुनियादी ढांचे और निर्मित वातावरण क्षेत्रों में उद्योग अग्रणियों द्वारा अत्यधिक मांग की जाती है।

सिविल इंजीनियरिंग में पांच वर्षीय पूर्णकालिक बी.टेक (ऑनर्स) (बी.सी.ई.): भारत में एकमात्र इंजीनियरिंग कार्यक्रम जो स्टूडियो-आधारित शिक्षण को लागू करता है और वास्तुकला, योजना, डिजाइन और प्रबंधन जैसे निर्मित पर्यावरण के अन्य विषयों के साथ मिलकर काम करता है।
यह कार्यक्रम सिविल इंजीनियरिंग के आवश्यक पहलुओं, जैसे संरचनात्मक इंजीनियरिंग, भू-तकनीकी इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, उन्नत सर्वेक्षण, जीआईएस , भवन सेवाएँ, निर्माण इंजीनियरिंग, निर्माण स्वचालन और प्रबंधन में मौलिक शिक्षा प्रदान करता है। उम्मीदवारों के लिए यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में निर्माण, टिकाऊ डिजाइन, बुनियादी ढांचे और प्रबंधन क्षेत्रों में अवसर खोलता है।

बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमबीईपी): एमबीईपी के छात्र भिन्न प्रकार के बिल्डिंग की ऊर्जा क्षमता के वैज्ञानिक सिद्धांतों का गहन अध्ययन करते हैं, जिसमें हीट ट्रांसफर, डे लाइटिंग और इलेक्ट्रो- मैकेनिकल सिस्टम शामिल हैं। वे अत्याधुनिक तकनीक के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बिल्डिंग की ऊर्जा कार्यक्षमता का मूल्यांकन करते हैं और डिजिटल सिमुलेशन में महारत हासिल करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित यह कार्यक्रम गर्म जलवायु पर केंद्रित है, जो भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप और उत्तरी अमेरिका मंम ऊर्जा परामर्श, भवन डिजाइन और अनुसंधान में करियर के लिए, और यूरोप और उत्तरी अमेरिका में अनुसंधान करियर के लिए स्नातकों को तैयार करता है।

निर्माण इंजीनियरिंग और प्रबंधन में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमसीईएम): इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स को कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में सक्षम प्रोफेशनल्स बनने के लिए प्रशिक्षित करना है। उन छात्रों के लिए आदर्श है जो जटिल प्रोजेक्ट पर काम करना चाहते हैं, निर्माण की उन्नत तकनीकों में विशेषज्ञता हासिल करने और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के मौलिक और उन्नत सिद्धांतों को सीखने के इच्छुक हैं। यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में सरकारी और निजी निर्माण संगठनों के साथ-साथ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कंसल्टेंसी कंपनी में कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में सफल करियर के अवसर प्रदान करता है।

जियोमैटिक्स में मास्टर (एमजीईओ): यह प्रोग्राम जिओस्पेशियल टेक्नोलॉजी की एक विस्तृत शृंखला को कवर करता है, जिसमें रिमोट सेंसिंग, जीआयएस , जीपीएस , लिडर और एआय /एमएल शामिल हैं, ताकि भूमि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, समुद्र के नीचे और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी को मापा, विश्लेषण, डिजिटाइज़ और प्रबंधित किया जा सके। यह इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग, स्मार्ट शहरों के विकास, परिवहन, दूरसंचार, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन, कृषि, व्यवसाय प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और मानव जीवन को प्रभावित करने वाले कई संबद्ध क्षेत्रों में अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिजाइन में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएसईडी) : यह प्रोग्राम देश का एकमात्र स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कार्यक्रम है जो सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स दोनों को महत्वपूर्ण डिज़ाइन कौशल से लैस करता है। इस प्रोग्राम में छात्र व्यक्तिगत रूप से अभ्यास करने वाले स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के साथ लाइव प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम करते हैं, जिससे उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं और प्रथाओं की स्पष्ट समझ प्राप्त होती है। यह कार्यक्रम छात्रों को वैश्विक स्तर पर नवीन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, उद्योग, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, पुल, बंदरगाह स्ट्रक्चर और स्ट्रक्चरल रिहैबिलिटेशन में करियर के विकल्पों की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है।

प्रोफेसर आनल शाह, डीन, प्रौद्योगिकी संकाय, सेप्ट यूनिवर्सिटी का कहना है कि सेप्ट के एम टेक प्रोग्राम्स में इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुप्रयोग के द्वारा हम बिल्डिंग एवं बिल्ट एनवायरनमेंट से संबंधित डिज़ाइन समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं। ये समस्याएँ समाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए, दिन-प्रतिदिन और अधिक जटिल होती जा रही हैं | सेप्ट यूनिवर्सिटी डोमेन विशिष्ट विषयों से परे अपने एम.टेक. कार्यक्रमों में डिज़ाइन और नवाचार और आलोचनात्मक सोच के विचारों को शामिल करने में विश्वास करती है।

 

कंडवाल दसवीं बार बने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, बिष्ट सचिव, कोषाध्यक्ष पर ललित भंडारी निर्विरोध चुने गये

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देहरादून, प्रदेश की राजधानी दून के बार एसोसिएशन में मनमोहन कंडवाल 10वीं बार अध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू को 131 मतों से शिकस्त दी। सचिव पद पर राजबीर बिष्ट अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए। बिष्ट लगातार तीसरी बार बार एसोसिएशन के सचिव बने। पिछले वर्ष कंडवाल बंटू से 70 वोटों से हार गए थे।

इस साल देहरादून बार एसोसिएशन में 12 पदों पर कार्यकारिणी के चुनाव होने थे,इनमें से कोषाध्यक्ष ललित भंडारी निर्विरोध चुने गए। ऐसे में 11 पदों पर सोमवार को मतदान हुआ था। कुल 2765 अधिवक्ताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। मंगलवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे से मतगणना शुरू हुई। इसमें शुरुआत से ही मनमोहन कंडवाल आगे चल रहे थे। शाम होते होते स्थिति साफ हुई तो मनमोहन कंडवाल अध्यक्ष पद पर विजयी घोषित हो गए। मनमोहन कंडवाल को 1152 मत मिले। जबकि, राजीव शर्मा बंटू को 1021 मत हासिल हुए।

अनिल शर्मा को इस बार 512 मतों से ही संतोष करना पड़ा। जबकि, पिछले साल उन्हें 700 से ज्यादा मत मिले थे। अध्यक्ष पद के चौथे प्रत्याशी सुरेंद्र थपलियाल 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। केवल 62 अधिवक्ता ही उन पर अपना विश्वास जता सके।

बता दें कि मनमोहन कंडवाल 2022 तक लगातार सात बार अध्यक्ष रहे थे। इससे पहले दो बार अध्यक्ष बने थे। वर्ष 2023 में उन्होंने एकाएक अंतिम समय पर चुनाव न लड़ने का फैसला किया। ऐसे में सात सालों तक उनके जोड़ीदार के रूप में सचिव रहे अनिल शर्मा चीनी को इसका फायदा मिला और वह 2023 में अध्यक्ष बने।

अगले साल यानी 2024 में एक बार फिर मनमोहन कंडवाल मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें राजीव शर्मा बंटू से 70 वोटों से हार मिली। इस बार अधिवक्ताओं के चेंबर निर्माण की रणनीति ने चुनाव के समीकरण बदल दिए। दिसंबर में हुई आम सभा में अधिवक्ताओं ने वर्तमान कार्यकारिणी के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई। ऐसे में मनमोहन कंडवाल को इसका सीधा लाभ हुआ और वह एक बार फिर से बार में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गए। लगातार तीसरी बार उनका साथ सचिव राजबीर बिष्ट सचिव देंगे। अधिवक्ता राजबीर बिष्ट तीन बार सचिव चुने गए, लेकिन उनके साथ अध्यक्ष हर बार अलग ही रहा।
उपाध्यक्ष पद पर इस बार सबसे बड़ी जीत हुई। भानू प्रताप सिसौदिया लगातार चौथी बार चुने गए। उन्हें कुल 850 वोट मिले। जबकि, उनके प्रतिद्वंदी को 423 मत मिले हैं। इस पद पर सबसे बड़ी लड़ाई थी। कुल 10 अधिवक्ताओं ने इसके लिए किस्मत आजमाई थी।

कौन किस पद पर काबिज

अध्यक्ष : मनमोहन कंडवाल
सचिव : राजबीर सिंह बिष्ट
उपाध्यक्ष (सामान्य पद) : भानु प्रताप सिसौदिया
उपाध्यक्ष(महिला आरक्षित) : सीमा चड्ढा
सह-सचिव : कपिल अरोड़ा
पुस्तकालय अध्यक्ष : सुभाष परमार
कोषाध्यक्ष/संप्रेषण : ललित भंडारी (निर्विरोध)
कार्यकारिणी सदस्य- दीपक त्यागी, आराधना चतुर्वेदी, अविष्कार रावत, रमन शर्मा, आरती रावत

सीएम धामी ने की महाशिवरात्रि के अवसर पर चकरपुर, खटीमा स्थित  वनखंडी महादेव शिव मंदिर में पत्नी संग जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर चकरपुर, खटीमा स्थित  वनखंडी महादेव शिव मंदिर में सपत्नीक जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने  वनखण्डी महादेव मंदिर में 12 दिवसीय महाशिवरात्रि मेले का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे। उन्होंने कहा वे कई वर्षों  से महाशिवरात्रि के अवसर पर  वनखंडी महादेव शिव मंदिर में आ रहे हैं। राज्य सरकार, प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है। शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से किया गया है। अब वर्ष भर हमारे धार्मिक स्थलों में श्रद्धालु आ सकेंगे, जिससे प्रदेश व क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनखण्डी मंदिर को सुन्दर डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। माँ पूर्णागिरि मंदिर में शीघ्र रोपवे, एवं टनकपुर में शारदा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। जिसमें खटीमा व उसके आस पास के क्षेत्रों को रिवर फ्रंट डीपीआर में जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हनोल क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 120 करोड़ की धनराशि दी है। सरकार द्वारा पूरे प्रदेश का समेकित विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा  खटीमा बस अड्डा शीघ्र तैयार होगा। टनकपुर बस अड्डे को 200 करोड़ रूपये की धनराशि से आई.एस.बी.टी बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हुआ है। जिससे पूरे देश में धार्मिक पुनर्जागरण हुआ है। उन्होंने कहा केदारनाथ में भीषण आपदा आने से श्रद्धालुओं का आना बहुत कम हो गया था। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर वहां पूजा अर्चना की एवं रात्रि प्रवास किया। और अब केदारनाथ धाम में हर साल 20 लाख से भी अधिक श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ के आदि कैलाश, जोलीकोंग की यात्रा की, जिससे मानसखंड को भी विश्व पटल नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा आदि कैलाश पर जाने वाले यात्री कुमाऊँ सड़क मार्ग से ही जाते है। जिससे यहाँ के सभी प्रकार के कारोबारियों को वर्ष भर रोजगार मिलेगा। मानसखण्ड योजना के अंतर्गत कुमाऊँ के सभी मंदिरों को जोड़ा जा रहा है। जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में मेला समिति द्वारा मुख्यमंत्री का मंदिर सौंदर्यकरण हेतु पूर्व में 1 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। मंदिर समिति ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया।
इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, मंदिर समिति अध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष  कमल जिंदल, गणेश जोशी, सुधीर वर्मा, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

किसान क्रेडिट कार्ड की राशि 10 लाख करोड़ रुपये के पार, 7.72 करोड़ किसानों को मिला लाभ

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नई दिल्ली , लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऑपरेटिव किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों के तहत आने वाली राशि मार्च 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी से अधिक होकर दिसंबर 2024 में 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गई है।यह कृषि में ऋण उपलब्धता और गैर-संस्थागत ऋण पर निर्भरता में कमी को दर्शाता है। ऑपरेटिव केसीसी के तहत 31 दिसंबर तक कुल 10.05 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिससे 7.72 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले किफायती कार्यशील पूंजी ऋण की मात्रा में शानदार वृद्धि को दर्शाता है। केसीसी एक बैंकिंग प्रोडक्ट है जो किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे कृषि इनपुट खरीदने के साथ-साथ फसल उत्पादन और संबंधित गतिविधियों से नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर और किफायती ऋण प्रदान करता है।
केसीसी योजना को वर्ष 2019 में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसी संबंधित गतिविधियों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया था। संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के तहत, 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के केसीसी के जरिए अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को 1.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान करती है। मंत्रालय के अनुसार, ऋण के समय पर पुनर्भुगतान पर किसानों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जो प्रभावी रूप से किसानों के लिए ब्याज दर को घटाकर 4 प्रतिशत कर देता है।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 2 लाख रुपये तक के ऋण को बिना किसी जमानत के उपलब्ध करवाया जाता है, जिससे छोटे और मार्जिनल किसानों के लिए ऋण तक परेशानी मुक्त पहुंच सुनिश्चित होती है। केंद्रीय बजट 2025-26 में संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है, जिससे किसानों को और अधिक लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत किसानों के लिए बढ़े सरकारी समर्थन को दर्शाते हुए, 2025-26 के बजट में कृषि के लिए आवंटन में 2013-14 के 21,933.50 करोड़ रुपये से छह गुना वृद्धि कर इसे 1,27,290 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष का चोपता में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत

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रुद्रप्रयाग, भाजपा चोपता मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष अर्जुन सिंह नेगी का आज चोपता में कार्यकर्ताओं ने भब्य स्वागत किया।
चोपता में निवर्तमान मंडल अध्यक्ष त्रिलोचन प्रसाद भट्ट की अध्यक्षता में स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, अर्जुन नेगी ने मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हुए बड़े बुजुर्गों व चोपता बाजार में व्यापारियों से आशीर्वाद लेने के बाद सभी को अवगत कराया कि भाजपा संगठन ने जो उन पर विश्वास कर जिम्मेदारी दी है उसे वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी के साथ निभायेगें। उन्होने कहा कि मंडल की मजबूती के लिये कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य करूंगा। मंडल अध्यक्ष ने सभी लोगों को विश्वास भरोसा दिलाते हुए कहा कि मंडल के सभी जेष्ठ,श्रेष्ठ, कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चोपता मंडल को भाजपा को ओर अधिक मजबूत किया जाएगा। इस अवसर पर जीत सिंह मेवाल, लक्ष्मण बर्तवाल, हिम्मत सिंह रावत, राकेश रावत, योगंबर रावत, भूपेंद्र बर्तवाल, दुर्गा करासी, राखी गुसाई, करणवीर सिंह गुसाई, मगन नेगी, चण्डी सेमवाल, सहित सभी बूथों के अध्यक्ष, शक्ति केंद्र संयोजक, शक्ति केंद्र प्रभारी, सभी ज्येष्ठ, श्रेष्ठ कार्यकर्ता, मातृ शक्ति , उपस्थित रही।