Monday, May 19, 2025
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टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की जिला योजना बैठकों का बहिष्कार करूंगा : नेगी

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देहरादून, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान संसदीय कार्य मंत्री के आचार व्यवहार पर रोष व्यक्त किया और इसे उत्तराखंड़ की अस्मिता पर हमला है । विधायक निवास में पत्रकारों से रूबरू होते हुये उन्होंने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जिस असंसदीय अमर्यादित भाषा भाषा का प्रयोग किया वो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और इससे उनकी संकीर्ण मानसिकता का पता चलता है। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।
विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल जो कि टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री है उनकी जिला योजना की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को सरकार व पार्टी का संरक्षण है जिस वजह से वो इस तरह के कृत्य करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है सेना के सैनिकों से लेकर सेना प्रमुख और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में ख्याति प्राप्त की है देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है जिसका हमें गर्व है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) थोपने का कार्य किया है लिव इन रिलेशन का प्रचार करके इस कुप्रथा को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सशक्त भू कानून की मांग जिसके लिए जनता आंदोलनरत है का झुनझुना देकर हरिद्वार उधमसिंह नगर को अलग करके जनता को भ्रमित करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच विकासवादी है भाजपा मूलभूत समस्याओं से ध्यान भटकाने को इस तरह का कृत्य करती आई है। कांग्रेस जन भावना के अनुरूप प्रदेश में विकास कार्य हो लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेश जोशी एवं सुरेश जुयाल आदि मौजूद थे।

यूसर्क द्वारा दून पी जी कॉलेज में तीन दिवसीय “एग्रोइकोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रारंभ

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देहरादून, उत्तराखंड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए “एग्रोकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सेलाकुई के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज के परिसर में प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा “एग्रोइकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
इसके अंतर्गत सॉइल साइंस, एग्रोनॉमी, फिशरीज, ऑर्गेनिक फार्मिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, एजोला फार्मिंग, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, प्रोटेकटिव कल्टीवेशन आदि को केंद्रित करते हुए उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो उनके ज्ञान को बढ़ाने के साथ साथ उनके शोध, अनुसंधान की दिशा में कौशल विकास (Skill Development), उद्यमिता विकास के साथ साथ करियर के लिए भी सहायक होगा।
संस्थान के निदेशक श्री संजय चौधरी ने कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी बताया।
इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक यूसर्क वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड के पांच उच्च शिक्षण संस्थानों कोर विश्वविद्यालय रुड़की, अल्पाइन इंस्टीट्यूट देहरादून, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और दून पीजी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 30 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।
इस अवसर पर यूसर्क के वैज्ञानिक डॉक्टर ओमप्रकाश नौटियाल ने अपने संबोधन में यूसर्क द्वारा प्रदेश भर में विद्यार्थियों के लिए शोध एवं अनुसंधान, नवाचार की दिशा में किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर. आर. द्विवेदी ने अपने संबोधन में बताया कि उनके संस्थान में एग्रोइकोलॉजी विषय से संबंधित समस्त प्रकार के कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक डॉ. रूप किशोर शर्मा ने किया । तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान संस्थान के प्राध्यापक डॉ मृत्युंजय राय ने “प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन” विषय पर दिया तथा सभी प्रतिभागियों को फील्ड में ले जाकर प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन, पॉलीहाउस के अंदर विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन, फूलों के उत्पादन आदि को प्रयोगात्मक रूप से दिखाया और सिखाया।
अपराहन में तकनीकी सत्र का दूसरा व्याख्यान डॉक्टर विपिन वर्मा ने “मशरूम कल्टीवेशन” विषय पर दिया तथा व्याख्यान के पश्चात सभी प्रतिभागियों को मशरूम कल्टीवेशन यूनिट ले जाकर मशरूम का कल्टीवेशन किस प्रकार किया जाता है, प्रयोगात्मक रूप से सिखाया एवं उनके प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का संचालन दून पीजी कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आर.के. मिश्रा ने किया ।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ रूप किशोर शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से अनिल पुंडीर, डॉ. काजल श्रीवास्तव, डॉ. गौरव वर्मा, यूसर्क के विशेषज्ञ श्री उमेश जोशी, 30 प्रशिक्षणार्थियों, विशेषज्ञ एवं शिक्षकगणों सहित 50 से अधिक लोग उपस्थित रहे।

मौसम के बदलते मिजाज ने रोकी मोदी की राह, उत्तरकाशी दौरा फिलहाल टला

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देहरादून, मौसम के बदलते मिजाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तरकाशी दौरे की राह रोक दी है। मोदी शीतकालीन यात्रा का संदेश देने के उद्देश्य से पीएम गंगोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा और हर्षिल आ रहे थे। अब संभावना जताई जा रही है कि वे मार्च में आ सकते हैं।

राज्य सरकार उनके 27 फरवरी को आने की संभावना के हिसाब से तैयारी कर रही थी। सोमवार को प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों का जायजा ले​ने के लिए हर्षिल और मुखबा पहुंचे थे लेकिन देर रात आधिकारिक सूचना जारी की गई कि मौसम के बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पीएम का उत्तरकाशी के हर्षिल और मुखबा का दौरा रद्द कर दिया गया है। मौसम विभाग ने उस दिन बारिश और ऊंचाई वाले स्थानों बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया है।
फिलहाल पीएम का दौरा स्थगित कर दिया गया है। अब पीएम के पांच मार्च तक उत्तराखंड आने की संभावना जताई जा रही है।

साहित्यकार मदन डुकलान को मिलेगा उत्तराखंड़ साहित्य गौरव सम्मान

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देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), साहित्य हमारी संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का सम्मान है, समय समय पर साहित्य कलाधर्मियों ने समाज को अपने लेखन के जरिये दिशाबोध कराने का कार्य किया, ऐसे ही एक साहित्यिक तपस्वी मदन मोहन डुकलान को ‘तेरि किताब छौ’ के लिये उत्तराखंड़ साहित्य गौरव सम्मान (कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार) 2024 से विभूषित किया जायेगा | आगामी 3 मार्च को होने वाले उत्तराखण्ड़ भाषा संस्थान द्वारा आयोजित अलंकरण समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जायेगा l
उल्लेखनीय हो कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2023 में शुरू हुआ यह सम्मान लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाऊँनी, गढ़वाली, राज्य की बोलियों व उपबोलियों, हिन्दी, पंजाबी, उर्दू में महाकाव्य, खंडकाव्य रचना, काव्य रचना और साहित्य व अन्य गद्य विधाओं के क्षेत्र में कार्य कर रहे साहित्य कलाधर्मियों को प्रत्येक वर्ष दिया जा रहा है l

एक नजर मदन डुकलान की रचना धर्मिता पर :

पौड़ी जनपद के ग्राम खनेता में माता श्रीमती कपोतरी देवी और पिता गोविंद राम डुकलान के घर 10 मार्च 1964 को जन्में गढवाली़ के मूर्धन्य साहित्यकार मदन मोहन डुकलान ने अपनी मातृभाषा गढवाली़ में साहित्य सेवा का प्रारंभ सन् 1985 में एक गढवाली़ पत्रिका “चिट्ठी” के सम्पादन व प्रकाशन से किया। इसके उपरान्त उन्होंने एक गढवाली़ कविता पोस्टर (1991) और पहला गढवाली़ कैलेण्डर (1993) का सम्पादन व प्रकाशन भी किया जिसमें समकालीन लब्ध-प्रतिष्ठित गढवाली़ साहित्यकारों की रचनाएँ प्रकाशित हुयी। कालान्तर में मदन डुकलान के इन अभिनव प्रयोगों ने एक त्रैमासिक पत्रिका “चिट्ठी-पत्री” का रूप ले लिया जो निरन्तर पुराने व नये रचनाकारों को मंच प्रदान करती आ रही है व गढवाली़ साहित्य, समाज व सृजन के दस्तावेज़ के रूप प्रकाशित हो रही है। इसके अतिरिक्त ‘अंग्वाल़’ के नाम से 250 से अधिक गढवाली़ कवियों की कविताओं का संकलन व सम्पादन तथा ‘हुंगरा’ शीर्षक से 100 उत्कृष्ट गढवाली़ कथाओं का संकलन व सम्पादन गढवाली़ साहित्य के संरक्षण एवं सम्वर्धन में मदन मोहन डुकलान का ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय योगदान है। इसके साथ ही समकालीन 18 प्रतिनिधि कवियों के गढवाली़ कविता संग्रह ‘ग्वथनी का गौं बटे’ का सम्पादन भी मदन मोहन डुकलान द्वारा किया गया है। लेखन का यह ‘बटोही’ ओएनजीसी से उप महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत होने के बाद भी आज निर्बाध रूप से रचना संसार को गतिशील बनाने में लगा है।

प्रकाशित कृतियाँ :

-इन दिनो (हिन्दी कवियों का सह संकलन)
-आंदी जांदी साँस (गढ़वाली काव्य संग्रह)
-प्रयास (हिन्दी कवियों का सह संकलन)
-तेरि किताब छौं (गढ़वाली कविता संग्रह)
-अपणो ऐना अपणी अंद्वार (गढ़वाली काव्य संग्रह)
-चेहरों के घेरे (हिन्दी काव्य संग्रह)

सम्मान :

-सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- प्यादा नाटक (गोकुल आर्ट्स नाट्य प्रतियोगिता) वाराणसी-1993
-उत्तराखंड संस्कृति सम्मान- 2005-06
-दून श्री सम्मान- 2008
-अखिल गढ़वाल सभा सम्मान- 2009
-डा० गोविंद चातक- उत्तराखंड भाषा सम्मान 2010-11
-सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फिल्म ‘याद आली टिहरी यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड 2011
-उत्तराखंड शोध संस्थान सम्मान 2011
-सर्वश्रेष्ठ खलनायक- फिल्म “अब त खुलाली रात यन्ग उत्तराखंड सिने अवार्ड-2012
-यूथ-आइकॉन अवार्ड- 2013
-महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल साहित्य सम्मान- 2017
-हाईलैंडर अवार्ड 2019

रंगमंच तथा क्षेत्रीय सिनेमा में अभिनय :

स्वयंवर (गढ़वाली), राजा का बाजा, खाडू लापता (गढ़वाली), घर जवें (गढ़वाली), वीर चक्र (गढ़वाली), महाभोज, फ्री स्टाइल गवाही, संध्या छाया, चारु लता, आस औलाद (गढ़वालीद्ध), कोयला भाई न राख, नई सड़क, केंद्र से छुड़ाना है, नमन मातृ शक्ति, प्यादा आछरी (गढ़वाली)
क्षेत्रिय सिनेमा : तेरी सौं, औंसी की रात, गढ़वाली शोले, हंत्या, इखरी माया, याद आली टिहरि, ल्या ढुंगार, बाबा कालू सिद्ध, गहू अर कलजुगी द्यबता, अब त खुलली रात, सजा, श्रीदेव सुमन,
कन्यादान, मेरू गौ, असगार याद, घपरोळ, खुद तेरी (वेब सीरीज) l

विशेष :

-‘आंदि-जांदि सांस’ कविता संग्रह श्री गुरूरामराय विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम (एम.ए. गढ़वाली) में शामिल।
-श्रीमती आशा मंमगाई द्वारा एम.ए. (गढ़वाली) विषय में मदन मोहन डुकलान की कविताओं में वैशिष्टय एवं दर्शन विषय से लघु शोध। ये शोध पूर्णतया गढ़वाली भाषा में है और पुस्तक के रूप में प्रकाशित है जो गढ़वाली भाषा में प्रकाशित प्रथम शोध ग्रन्थ है।
-कुछ कवितायें मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।

सिमरन जोशी ने नेट पास कर बढ़ाया क्षेत्र का मान, 300 में से 212 अंक हासिल किए

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होनहार बेटी की सफलता से परिवार और गांव में खुशी की लहर

देहरादून : चमोली जनपद के विकासखंड पोखरी के ग्राम शरणा चाईं की सिमरन जोशी ने अंग्रेजी विषय में यूजीसी-नेट परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। 7 जनवरी 2025 को आयोजित इस परीक्षा के परिणाम 22 फरवरी को घोषित किए गए, जिसमें सिमरन ने 300 में से 212 अंक और 99.70 परसेंटाइल अर्जित किए हैं। यह उपलब्धि उन्हें सहायक प्रोफेसर और पीएचडी के लिए योग्य बनाती है।
अध्यापक पिता विनोद जोशी और माता बीना देवी की होनहार पुत्री सिमरन वर्तमान में परिवार के साथ देहरादून के बंजारावाला में रहतीं हैं और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट किया है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार व विशेषकर खुद के अथक परिश्रम को दिया है। सिमरन की सफलता से परिवार, मित्रों और ग्राम वासियों में खुशी की लहर है। उनकी यह सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के बावजूद उच्च शिक्षा के लिए संकल्पित हैं। सिमरन का मानना है कि कड़ी मेहनत और परिवार का विश्वास ही सफलता की कुंजी है। यह सफलता न केवल सिमरन के व्यक्तिगत संकल्प, बल्कि उनके परिवार की सामूहिक मेहनत का भी प्रतीक है। होनहार सिमरन ने अपनी मेहनत और बिना किसी कोचिंग के साबित किया है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण हर चुनौती को पार करा देता है।

राज्यपाल  गुरमीत सिंह ने किया ‘‘मेरी योजना-केंद्र सरकार’’ पुस्तक का विमोचन

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देहरादून(आरएनएस)।  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजभवन में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग उत्तराखण्ड शासन द्वारा तैयार की गई ‘‘मेरी योजना-केंद्र सरकार’’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में केंद्र सरकार के उत्तराखण्ड में स्थित 82 प्रतिष्ठानों की 384 योजनाओं और सेवाओं को संकलित किया गया है। इससे पूर्व विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में ‘‘मेरी योजना-राज्य सरकार’’ पुस्तकों का भी निर्माण किया गया था जिसमें राज्य सरकार के 122 विभागों, संस्थाओं की योजनाओं एवं सेवाओं का उल्लेख है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि योजनाएं बनाने के साथ ही उन्हें धरातल पर क्रियान्वित करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए, ताकि प्रत्येक व्यक्ति योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सके और हर व्यक्ति राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बन सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के द्वारा गरीब, महिला, किसान और युवा हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी केवल योजनाएं बनाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि ये योजनाएं लोगों तक सही समय पर पहुंचें और उनके जीवन में वास्तविक सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक इस दिशा में एक सशक्त पहल है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी योजनाओं का लक्ष्य केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करना ही नहीं होना चाहिए बल्कि एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करना भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को शासन की योजनाओं की जानकारी सरल भाषा में मिलनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति जटिल प्रक्रियाओं के कारण अपने हक से वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ‘‘सरकार जनता के द्वार’’ एवं ‘‘हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश’’ जैसे अभियानों के माध्यम से प्रशासन को नागरिकों के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जो सराहनीय कार्य है।
राज्यपाल ने कहा कि तकनीक के इस युग में सूचना का अधिकतम प्रसार सुनिश्चित करने के लिए इस पुस्तक को राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एवं सभी विभागीय वेबसाइटों और केन्द्र सरकार के प्रतिष्ठानों की वेबसाइटों पर भी अपलोड किया गया है। कोई भी नागरिक संबंधित पुस्तकों को राज्य सरकार की वेबसाइट www.uk.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सिर्फ लाभार्थी ही नहीं अपितु शोधार्थियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
इस अवसर पर सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग श्री दीपक कुमार, अपर सचिव श्री राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस भदौरिया एवं उत्तराखण्ड राज्य में भारत सरकार के 82 प्रतिष्ठित संस्थाओं यथा सीबीआरआई, आईआईटी, आईआईएम, सीपेट एवं अन्य संगठनों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कर प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया

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 – मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में आगमन से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को पंख लगेंगे।
   – प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के साथ ही समूचा उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार
   – मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।
देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में आगमन से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को काफी बढावा मिलेगा और यह दौरा राज्य की समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के साथ ही समूचा उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरूगेशन सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का  भ्रमण कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखवा के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्र में आगमन से शीतकालीन यात्रा को पंख लगेंगे। पूरे विश्व में इस यात्रा का प्रचार-प्रसार होगा। जिससे हमारे राज्य में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटकों का आगमन होना तय है। यह अवसर हमारे राज्य की समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान साबित होने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन उत्तराखंड के लिए सदैव बहुत शुभ होता है। केदारानाथ धाम, माणा, आदिकैलाश की प्रधानमंत्री की यात्रा एवं प्रवास के बाद इन जगहों पर आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में काफी अधिक वृद्धि हुई है। इसी तरह इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन के फलस्वरूप राज्य में साढे तीन लाख करोड़ रूपये की लागत के पूंजी निवेश के एमओयू हुए और अभी तक राज्य में लगभग अस्सी हजार करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश की ग्राउंडिंग शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ होना भी उत्तराखंड के लिए सौभाग्यशाली साबित हुआ है। देवभूमि ने खेलभूमि की प्रतिष्ठा भी अर्जित की है। इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाकर सातवां स्थान हासिल किया है, जबकि राष्ट्रीय खेलों मे पिछली बार हम पच्चीसवें स्थान पर थे।
मुख्यमंत्री ने आज अपने स्थलीय निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर हर्षिल से मुखवा तक की गई तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मौके पर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रधानमंत्री जी की यात्रा को स्मरणीय व सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हर्षिल में प्रस्तावित जनसभा के लिए बनाए जा रहे पंडाल, मंच तथा प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण कर कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक धरोहर को प्रदर्शित करने के विशेष प्रबंध किए जांय, जिससे राज्य का समृद्ध पर्यटन और अधिक सशक्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की दिव्यता और आध्यात्मिकता को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में यह यात्रा महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। लिहाजा इस अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जांय।
मुख्यमंत्री धामी ने गंगा जी के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव जाकर भी तैयारियों को परखा तथा गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र व राज्य की खुशहाली तथा समृद्धि की कामना की।
इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के भ्रमण के मौके पर राज्य के शीतकालीन पर्यटन स्थलों एवं स्थानीय उत्पादों व हस्त शिल्प पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित करने की तैयारी की गई है। इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेत्र के अनछुए व अद्भृत पर्यटन स्थलों में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए जादुंग , पीडीए तक मोटरबाइक व एटीवी-आरटीवी रैली तथा जनकताल एवं मुलिंगला तक के लिए ट्रैकिंग अभियानों को भी फ्लैग ऑफ कराए जाने की तैयारी की गई है।
इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान,  पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, अधीक्षण अभियंता लोनिवि हरीश पांगती सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

तीन दिवसीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन

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हरिद्वार(कुलभूषण)- उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार द्वारा संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के माध्यम से चलाये जा रहे तीन दिवसीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आज समापन समारोह आयोजित किया गया।
कार्यशाला के समापन अवसर पर सभी प्रशिक्षणार्थी संस्कृत शिक्षकों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर अकादमी के सचिव डॉ० वाजश्रवा आर्य ने कहा कि इस कार्यशाला से प्रशिक्षित संस्कृत शिक्षक अपने विद्यालयों में संस्कृतमय वातावरण स्थापित करने में सहयोगी सिद्ध होंगे।
कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक संस्कृत संबर्द्धन प्रतिष्ठान नई दिल्ली के निदेशक डॉ० चान्दकिरण सलूजा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति स्वयं में एक चलता फिरता ग्रन्थ है। इसलिए अध्ययन निरन्तर चलना चाहिए। जिन्दगी में जिज्ञाषा को मत मरने दीजिए। संस्कृत भाषा शिक्षण में आधुनिक तकनीकी का बहुत महत्त्व है हमें संस्कृत शिक्षण को आधुनिक ढंग से पढ़ाने की आवश्यता है।
नैनीताल जनपद के सहायक निदेशक यशोदा प्रसाद सेमल्टी ने कहा कि अकादमी द्वारा संस्कृत शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी से दिया गया प्रशिक्षण सराहनीय कार्य है।
कार्यशाला के समन्वयक किशोरी लाल रतूडी ने बताया कि संस्कृत शिक्षकों को दिये जा रहे ऐसे प्रशिक्षण निरन्तर चलाये जाते रहेंगे आगामी समय में अन्य विद्यालय महाविद्यालय के संस्कृत शिक्षकों को भी भविष्य में प्रशिक्षण दिये जाने की योजना बनाई जायेगी।
प्रशिक्षण के उपरान्त अपने अनुभवों को कहते हुए प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बताया गया कि ऐसे प्रशिक्षण संस्कृत शिक्षण में अन्त्यन्त लाभकारी सिद्ध होगा।
कार्यशाल के समापन समारोह का मंच संचालन अकादमी के शोध अधिकारी डॉ० हरिश्चन्द्र गुरुरानी ने किया। इस अवसर पर संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के पालक लक्ष्मीनरसिंह, प्रशिक्षक डॉ० मनमोहनशर्मा अकादमी के प्रशासनिक अधिकारी लीला रावत, रमा कठैत, दिव्या पालीवाल, आकांक्षा, विवेक पंचभैय्या, मोहित, प्रितम, पंकज नेगी, बेबी, कविता, अवधेश, ओमप्रकाश, सन्तोष, हरीश, लक्ष्मीचंद, अश्विनी, सुन्दर आदि उपस्थित रहे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए डीएम को निर्देश क्षेत्र की समस्या का करे, प्राथमिकता से निदान

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डीएम ने त्यूणी में लोगों के साथ विजिट कर जाना समस्या और सुझाव।

जल्द होने जा रही है, क्षतिग्रस्त त्यूणी हेलीपैड/ खेल मैदान का जीर्णोद्धार।

डीएम ने त्यूणी हेलीपैड/खेल मैदान की सुरक्षात्मक कार्य के लिए जिला योजना में किया बजट सुरक्षित।

खेल मैदान, हेलीपैड को भव्य स्वरूप देने हेतु प्रस्ताव प्रेषित करने के दिशा निर्देश दिए।

खिलाड़ियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, उप जिलाधिकारी एवं सिंचाई विभाग के आला अधिकारी को संयुक्त रूप से दस्तावेज के साथ उपस्थित होने दे दिया निर्देश.

बहुउद्देशीय शिविर से पहले होगा हेलीपैड,स्टेडियम का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर

माननीय मुख्यमंत्री त्यूणी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान प्राप्त शिकायतों का निस्तारण निस्तारण शिविर में किया जाएगा।

देहरादून। माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के त्यूणी हनोल भ्रमण कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की समस्याओं को त्वरित निस्तारण करने हेतु दिए गए दिशा निर्देशन के अनुपालन में जिलाधिकारी सविन बंसल, ने आज त्यूणी में स्थानीय लोगों के साथ भ्रमण निरीक्षण कर समस्याओं के निदान हेतु विशेष चर्चा कर, त्यूणी हेलीपैड एवं क्षतिग्रस्त स्टेडियम को शीघ्र सुरक्षात्मक निर्माण कार्य हेतु युद्धस्तर पर कार्य कराने की बात कही, उन्होंने कहा कि अगले माह में त्यूणी में आयोजित बहुउद्देशिय शिविर का आयोजन किया जाएगा.इससे पहले यहां निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। उन्होंने उप जिलाधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण जानकारी के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। कहां कि हेलीपैड स्टेडियम को भव्य स्वरूप देने हेतु शीघ्र ही यहां सुरक्षात्मक निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। जिसके लिए जिला योजना से धनराशि बजट का प्रावधान किया गया हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के त्यूणी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान जनमानस से प्राप्त समस्या/शिकायत का निस्तारण त्यूणी में आयोजित बहुद्देशीय शिविर के दौरान किया जाएगा। जिस हेतु उन्होंने उप जिलाधिकारी को प्राप्त आवेदनों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जिलाधिकारी ने कहा कि शीघ्र ही त्यूणी में रात्रि विश्राम पर पहुंचेंगे और बहुददेशिय शिविर का आयोजन किया जाएगा जहां जनमानस की समस्या को मौके पर निस्तारण किया जाएगा।

नर्सिंग अधिकारियों को मिलेगी दो सप्ताह के भीतर नियुक्तिः डॉ. धन सिंह रावत

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पांच मेडिकल कॉलेजों व कैंसर संस्थान में रिक्त पदों के सापेक्ष होंगे तैनात

विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने अधिकारियों को दिये शीघ्र नियुक्ति के निर्देश

देहरादून, उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से चयनित 1314 नर्सिंग अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर नियुक्ति दे दी जायेगी। इन सभी नर्सिंग अधिकारियों को प्रदेश के पांच राजकीय मेडिकल कॉलेजों व राजकीय कैंसर संस्थान हल्द्वानी में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनात किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सभी औचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य के पांच राजकीय मेडिकल कॉलेजों को दो सप्ताह के भीतर नर्सिंग अधिकारी मिल जायेंगे। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया की सभी औचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये है। उन्होंने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग अधिकारियों के स्वीकृत पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं, जिनमें राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में 323, हल्द्वानी 320, रूद्रपुर 310, अल्मोड़ा 207 और श्रीनगर में 300 पद शामिल है। इस प्रकार राजकीय कैंसर संस्थान हल्द्वानी में भी 64 पद स्वीकृत हैं। इन सभी स्वीकृत पदों के सापेक्ष सेवा चयन बोर्ड से चयनित नर्सिंग अधिकारियों को तैनात किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में मरीजों की देखभाल और स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधारीकरण के दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती का अधियाचन भेजा था। जिसके क्रम में सेवा चयन बोर्ड द्वारा भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर 1314 नर्सिंग अधिकारियों का अंतिम चयन परिणाम विभाग को सौप दिया गया है। इन चयनित नर्सिंग अधिकारियों का वर्तमान में दो स्तरों पर सत्यापन चल रहा है, जिसमें अधिक समय लगने के चलते चयनित अभ्यर्थियों को शीघ्र तैनाती देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सत्यापन प्रक्रिया पृथक से चलती रहेगी यदि नौकरी पाने के उपरांत किसी अभ्यर्थी के सत्यापन में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
डॉ. रावत ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता मेडिकल कॉलेजों में जल्द से जल्द नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति देना है ताकि मेडिकल कॉलेजों में मरीजों की देखभाल व स्वास्थ्य सुविधाओं में और अधिक सुधार को सुनिश्चित किया जा सके।