Wednesday, May 14, 2025
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नशा मुक्त भारत पखवाड़ा अभियान : ड्रग्स के विरूद्ध कार्यवाही को और अधिक प्रभावी करने के सम्बन्ध में हुआ विचार-विमर्श

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देहरादून, “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा अभियान” के अंतर्गत सरदार पटेल भवन स्थित सभागार कक्ष में आम जन को ड्रग्स के प्रति संवेदनशील करने और ड्रग्स के विरूद्ध जन जागरूक करने हेतु एएनटीएफ (Anti Narcotics Task Force) द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न विभागों जैसे शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा विभाग व औषधि विभाग के अधिकारियों के अलावा नशा मुक्ति केन्द्र के संचालकों ,मनोवैज्ञानिकों द्वारा ड्रग्स के विरूद्ध कार्यवाही को और अधिक प्रभावी करने के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया गया।

सेमिनार में ड्रग्स जागरूकता पखवाड़ा के अन्तर्गत राज्य के सभी जनपदों में कला/पोस्टर/निबन्ध प्रतियोगिता के माध्यम से ड्रग्स जागरूकता में प्रथम आने वालों बच्चों को पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा पुरूस्कृत करने के साथ ही जनपद स्तर पर ड्रग्स के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्याशाला को सम्बोधित करते हुए श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का ड्रीम है कि देवभूमि को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाना है। ये चैलेंज बड़ा है क्योंकि बड़े-बड़े इण्टरनेशनल ड्रग्स माफिया है जो बहुत बड़ी संख्या में है। जो देश को खोखला कर रहें है ताकि हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर कर सके। हमें बच्चों को ड्रग्स सेवन करने से जुड़ी समस्याओं जैसे Frustration, Depression आदि से बाहर निकालना है।

युवा अपनी उर्जा को सकारात्मक क्रिया-कलापों खेल, पढाई, कल्चरल एक्टीविटी आदि में लगाएं और ड्रग्स से दूर रहें। इसके लिए सप्लाई साइड पर ध्यान देना होगा। counselling को भी जरूरी बताया और सेंट्रल गवर्नमेंट के हेल्प लाईन नम्बर-14446 को भी मददगार बताया। उन्होनें बताया कि ड्रग्स के खिलाफ हम सभी को एकजूट होना पड़ेगा हम ड्रग्स सप्लाई को जीरों टॉलरेंस पर लाना चाहते है। डिमांड को जीरों करने में सोसायटी और यूनिवर्सिटीज का रोल है लेकिन सप्लाई करनें में इस प्रकार के लोग जो स्वयंसेवी लोग और पुलिस का मुख्य रोल है। पुलिस और सभी stake holders को एक होना पड़ेगा तभी सफलता प्राप्त होगी। हमने पिछले 3-4 सालों में एंटी नॉरकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा अभियान चलाया है इन लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लागाना शुरू किया है। उनकी प्रॉपर्टीज जब्त किया है। इस अभियान को ओर आगे बढ़ाना पडेंगा।

इस दौरान श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने सभी उपस्थित लोगों को नशे के विरोध में शपथ दिलायी गयी। इसके साथ ही सभी लोगों ने नशे के विरूद्ध हस्ताक्षर भी किये।

सेमिनार में अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री वी मुरूगेशन, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- सुश्री पी रेणुका देवी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, प्रशिक्षण, श्री बरिन्दरजीत सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून- श्री दलीप सिंह कुंवर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ- श्री आयुष अग्रवाल सहित जनपद के सभी राजपत्रित अधिकारी व एन.सी.सी. केडेट उपस्थित रहे।

 

पुलिस ने नशे में वाहन चलाने पर चालक को गिरफ्तार कर वाहन किया सीज

कोटद्वार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती श्वेता चौबे के निर्देश पर ऑपरेशन मर्यादा व शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के दौरान आज रामकुंड चेक पोस्ट पर थानाध्यक्ष देवप्रयाग सुनील पवार द्वारा गुड्स कैरियर को रोक कर चेक किया गया। चालक की जांच एल्कोमीटर से की गई तो वाहन चालक भगत सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी नाथूपुर पोस्ट कुंभीचौड़ थाना कोटद्वार शराब के नशे में वाहन चलाता हुआ पाया गया। वाहन चालक को शराब पीकर वाहन चलाने तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार कर वाहन को सीज कर दिया गया। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष सुनील पंवार के अलावा हेड कांस्टेबल दीपक नौटियाल, कुलदीप ड मोहनलाल शामिल थे।

 

सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत 15 शिकायतें प्राप्त, अधिकारियों को तत्काल निस्तारण के निर्देश

अल्मोड़ा, सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत विकास खण्ड ताकुला के ग्राम पंचायत भट्टगाँव में पहुंचकर उपजिलाधिकारी सदर अल्मोड़ा गोपाल सिंह चौहान के द्वारा ग्राम भ्रमण तथा जनसुनवाई की गई। इस दौरान उपजिलाधिकारी ने ग्रामवासियों से उनकी समस्याओं के बारे में वार्ता की। गांव वालों ने एक एक कर अपनी समस्या से अवगत कराया। इस दौरान उपरोक्त भ्रमण कार्यक्रम में विभिन्न विभागवार कुल 15 शिकायते प्राप्त हुई जिनमें 13 शिकायतें विभिन्न विभागों से संबंधित तथा 2 शिकायतें पीएम किसान से संबंधित प्राप्त हुई। जिन्हें संबंधित अधिकारियों को तत्काल निस्तारित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। उपजिलाधिकारी ने सभी समस्याओं को जल्द से जल्द निस्तारित करने का आश्वासन गांव वालों को दिया।

 

समर्थ पोर्टल में रजिस्ट्रेशन हेतु तिथि सिर्फ 30 जून तक विस्तारित करना अधिकारियों की अदूरदर्शिता : डॉ. सुनील अग्रवाल

देहरादून, ऑल इंडिया अनएडिड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने राज्य के तीन विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में दाखिले के लिए समर्थ पोर्टल में रजिस्ट्रेशन की तिथि 30 जून तक विस्तारित करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि समर्थ पोर्टल के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि सिर्फ 30 जून तक विस्तारित करने से अधिकांश छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे | डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अभी विभिन्न बोर्डों के अंतर्गत छात्रों के कंपार्टमेंट की परीक्षा होनी है सीबीएसई बोर्ड की कंपार्टमेंट की परीक्षा 17 जुलाई को है उत्तराखंड बोर्ड के कंपार्टमेंट के छात्रों की फॉर्म भरने की तिथि 7 जुलाई है और परीक्षा उसके बाद ही होगी, ओपन स्कूल का परीक्षा परिणाम ही आज घोषित हुआ है उक्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि विभिन्न बोर्डों के कंपार्टमेंट की परीक्षाएं जुलाई में होकर उनका परीक्षा परिणाम जुलाई से अगस्त तक घोषित होगा, ऐसे में क्योंकि जब राज्य विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में समर्थ पोर्टल के रजिस्ट्रेशन द्वारा ही प्रवेश होने हैं और बिना समर्थ पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के उन्हें 3 राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाएगा तो अधिकांश छात्र उच्च शिक्षा हेतु प्रवेश से वंचित रह जाएंगे | जो छात्रों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन है वर्तमान सत्र में समर्थ पोर्टल के रजिस्ट्रेशन द्वारा प्रवेश के संबंध में पहले से ही 12वीं क्लास के छात्रों को जागरूक करना चाहिए था, जो नहीं किया गया | कोई भी नई नीति लागू करने से पहले उसका व्यापक स्तर पर समय पर प्रचार प्रसार होना चाहिए जिससे छात्र पहले से ही उसके लिए तैयार रहें | राज्य सरकार द्वारा एक प्रदेश एक प्रवेश एक परीक्षा एक परिणाम को लेकर एक अच्छी पहल की गई है जो सराहनीय है लेकिन इसके व्यावहारिक पहलू पर ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि यह नीति छात्रों को समय पर प्रवेश और परीक्षा के लिए लागू की गई है, लेकिन अगर छात्रों को प्रवेश ही नहीं मिल पाएगा तो अच्छी पहल का भी सुखद परिणाम नहीं मिल पाएगा | अतएव राज्य सरकार को छात्र हितों को देखते हुए व्यावहारिक दृष्टिकोण के अनुसार समर्थ पोर्टल के संबंध में आगामी घोषणाएं करनी चाहिए, ताकि प्रवेश के इच्छुक सभी छात्रों को उनकी इच्छा अनुसार कॉलेज में प्रवेश मिल सके |

केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं अब धीरे-धीरे होने लगी बंद, वापस लौटी 3 हेलीकॉप्टर कम्पनियां

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रुद्रप्रयाग, केदारनाथ धाम के लिए चल रही हेली सेवाएं अब धीरे-धीरे बंद होने लगी हैं। बरसाती मौसम को देखते हुए हर साल की तरह हेली सेवाएं पहले चरण की सेवाएं बंद करने लगी हैं। अब तक 3 हेलीकॉप्टर कम्पनियों ने अपनी सेवाएं बंद कर ली हैं और केदारघाटी से वापस लौट गई हैं। केदारनाथ धाम के लिए इस वर्ष 25 अप्रैल को भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के साथ ही हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू हुई। करीब पौने तीन महीने की सेवाएं देने के बाद हेलीकॉप्ट कम्पनियां पहले चरण की सेवा देकर वापस लौटने लगी हैं।

शुक्रवार को पवनहंस ने भी फाटा हेलीपैड से सेवा बंद कर दी है। जबकि इससे पहले क्रिस्टल और ग्लोबल ने सेवाएं बंद कर दी है। सूत्रों के मुताबिक आर्यन, थम्बी और ऐरो एविएशन 30 जून तक अपनी सेवाएं बंद कर देंगे। हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद होने से ऐसे तीर्थयात्रियों को दिक्कतें होंगी जो केदारनाथ धाम की यात्रा महज हेलीकॉप्टर से ही करना चाहते थे। पवनहंस के प्रबंधक अनिल उप्रेती ने बताया कि शुक्रवार को पवनहंस की सेवा फाटा से बंद हो गई है। हिमालयन और ट्रांसभारत की सेवाएं रहेंगी जारी।

बताया जा रहा है कि हिमालयन हेली और ट्रांसभारत अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। बरसाती सीजन में भी यह दोनों कम्पनियां केदारघाटी में ही मौजूद रहेंगी। ऐसे में इन दो हेली कम्पनियों पर यात्रियों को केदारनाथ ले जाने और लाने के साथ ही विषम परिस्थितियों में सेवा देने का दबाव रहेगा।

वनाग्नि को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए इससे निपटने की तैयारी करेंगे देश के प्रतिष्ठित 14 संस्थान, 960 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार

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देहरादून, देशभर में जंगलों में लगने वाली आग को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए इससे निपटने की तैयारी अब देश के प्रतिष्ठित 14 संस्थान मिलकर करेंगे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से इसके लिए 960 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसमें 25 राज्यों के 150 जिले मिलकर राष्ट्रीय वन अग्नि शमन प्रोजेक्ट के तहत काम करेंगे। प्रारंभिक चरण में यह प्रोजेक्ट तीन साल के लिए शुरू किया जा रहा है। यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 960 करोड़ रुपये का है। वनाग्नि शमन में खर्च होने वाली इस राशि को 90 और 10 के अनुपात में खर्च किया जाएगा। मसलन किसी भी राज्य में जो खर्च होगा, उसका 90 प्रतिशत खर्च केंद्र और 10 प्रतिशत खर्च राज्य उठाएगा।

मालूम हो कि अभी तक देशभर में सभी राज्य वनाग्नि से अपने-अपने ढंग से निपटते हैं।राज्यों के पास संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद इनका सही से उपयोग नहीं हो पाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीएमए की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर फॉरेस्ट फॉयर मिटीगेशन प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसके तहत देशभर के 14 राष्ट्रीय संस्थान वनाग्नि से निपटने में राज्यों की मदद करेंगे। इसके अलावा समुदाय को भी इससे जोड़ा जाएगा। बीते दिनों वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून में डीजी फॉरेस्ट व विशेष सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय चंद्रप्रकाश गोयल की अध्यक्षता में नेशनल फॉरेस्ट फॉयर मिटीगेशन (राष्ट्रीय वन अग्नि शमन) प्रोजेक्ट के संंबंध में बैठक आयोजित की गई।

उस बैठक में 25 राज्यों के प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया। इस प्रोजेक्ट के तहत वन विभाग के अलावा एफआरआई, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईआईआरएस, जीएसआई, एफएसआई जैसे महत्वपूर्ण संस्थान एक साथ मिलकर काम करेंगे। जरूरत पड़ने पर वायुसेना की भी मदद ली जाएगी। इससे पहले इन संस्थानों से जुड़े लोगों को वनाग्नि से संबंधित विशेष परीक्षण दिया जाएगा।

कई भारतीय छात्रों को फर्जी दस्तावेजों पर कनाडा भेजने वाला ट्रैवल एजेंट ब्रजेश मिश्रा की कनाड़ा से हुई गिरफ्तारी

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चण्डीगढ़, कई भारतीय छात्रों को फर्जी दस्तावेजों पर कनाडा भेजने वाला ट्रैवल एजेंट ब्रजेश मिश्रा कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे कनाडा में घुसने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया। उस पर कनाडा के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए भारतीय छात्रों को फर्जी स्वीकृति पत्र जारी करने में शामिल होने का आरोप है। इसका साथी राहुल भार्गव पहले ही 28 मार्च को जालंधर में गिरफ्तार किया जा चुका।

वहीं कनाडा से निर्वासन का सामना कर रहे विद्यार्थियों ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि इस मामले में एक टास्क फोर्स बनाई जाए, जो सारे मामले की पड़ताल करे। साथ ही इस मामले में पंजाब सरकार वकीलों का पैनल बनाए। उनकी कानूनी मदद करें ताकि उनको फायदा हो सके।

पंजाब सरकार ब्रजेश मिश्रा समेत पांच एजेंटों पर कार्रवाई करे। विद्यार्थियों ने मांग की है कि सरकार कनाडा में फंसे विद्यार्थियों के परिजनों की भी आर्थिक मदद करे। विद्यर्थियों का कहना है कि अभी मामला हल नहीं हुआ है। ये मामला उस समय सामने आया जब कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासन पत्र जारी किया था, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, क्योंकि कनाडा के विश्वविद्यालयों में उनके प्रवेश पत्र फर्जी पाए गए थे।

सभी भारतीय छात्र 3 वर्ष पूर्व छात्र वीजा पर कनाडा गए थे। उन्हें धोखाधड़ी का पता तब चला, जब उन्होंने परमानेंट रेजिडेंस के लिए अर्जी दी। जांच में खुलासा हुआ कि संस्थानों के दिए गए शुरुआती ऑफर लेटर फर्जी थे। इसके बाद जालंधर के ट्रैवल एजेंट बृजेश मिश्रा का नाम सामने आया था।

चारधाम यात्रियों के पंजीकरण का आंकड़ा 48 लाख से ऊपर पहुंचा: महाराज

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चारधाम यात्रा रूट पर जीएमवीएन गेस्ट हॉउसों की बुकिंग 20 करोड़ के पार

देहरादून, प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्पष्ट है कि चारधाम यात्रा इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर देगी। उन्होने कहा कि 18 फरवरी 2023 से प्रारम्भ हुये चारधाम एवं हेमकुण्ड यात्रियों के पंजीकरण के तहत अभी तक 48,79,698 (अड़तालीस लाख उनासी हजार छह सौ अट्ठानवे) यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। विभिन्न धामों में यात्रियों के पंजीकरण की यदि हम बात करें तो अभी तक केदारनाथ हेतु 1589893 (पंद्रह लाख नवासी हजार आठ सौ तिरानवे), बद्रीनाथ हेतु 1470290 (चौदह लाख सत्तर हजार दो सौ नब्बे), गंगोत्री हेतु 858275 (आठ लाख अट्ठावन हजार दो सौ पिचहत्तर), यमुनोत्री हेतु 793246 (सात लाख तिरानवे हजार दो सौ छियालीस) एवं हेमकुण्ड हेतु 167994 (एक लाख नवासी हजार नौ सौ चौरानवे) यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। जबकि कपाट खुलने से लेकर अभी तक चारधाम में 3094819 (तीस लाख चौरानवे हजार आठ सौ उन्नीस) यात्री दर्शनों का लाभ उठा चुके हैं।

महाराज ने बताया कि 16 फरवरी 2023 से शुरू हुई जीएमवीएन गेस्ट हॉउसों की बुकिंग के तहत अभी तक कुल 200839674.00 (बीस करोड़ आठ लाख उनतालीस हजार छह सौ चौहत्तर) रुपये से अधिक की बुकिंग भी की जा चुकी है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह आंकड़ा आगे और बढेगा।

माउंटेन फिल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन : पिन्टी का साबुन, सम थिंग और स्प्रिंग समर फाॅल विन्टर एण्ड स्प्रिंग का प्रदर्शन

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देहरादून, तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र और डॉ. द्विजेन सेन मेमोरियल कला केंद्र व सिनेमामार्ग फिल्म क्लब देहरादून की ओर से आज तीन फिल्में प्रदर्शित की गईं। खचाखच भरे सभागार में दर्शकों ने इन फ़िल्मों का खूब आनन्द उठाया। फ़िल्म शुरू होने से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया। फ़िल्म निर्देशक यूसुफ सईद व सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने फिल्मों का परिचय व कथानक की जानकारी दी |

पहली फ़िल्म पिंटी का साबुन दिखाई गई। ‘पिन्टी का साबुन‘, का साबुन इसी नाम के उपन्यास पर आधारित, उत्तराखंड के एक गाँव में रहने वाले एक 12 साल के लापरवाह लड़के ललित की कहानी है, जिसके मन में पिंकी के साबुन की खुश्बू मन के भीतर तक पैठ जाती है। 85 मिनट की अवधि की यह बेहतरीन फ़िल्म खुशबूदार साबुन के मोहपाश में बंधे ललित जैसे अनेक बच्चों के बाल मनोविज्ञान को भी बखूबी से दर्शाने का प्रयास करती है।
दूसरी फिल्म ‘सम थिंग‘,निर्देशक, ऐलेना वाॅल्फ (जर्मनी) 7 मिनट की प्रदर्शित की गई। दरसल यह एक एनिमेटेड लघु फिल्म है जो तीन विशाल बड़े पहाड़ों के बारे में है जहां तेल, सोना और आग के बीच एक छोटा सा पहाड़ है।
अंत में ‘स्प्रिंग,समर फाॅल, विन्टर एण्ड स्प्रिंग‘, निर्देशक, किम की-डुक (दक्षिण कोरिया) 102 मिनट की अवधि की यह फिल्म एक लड़के के बारे में है जो एक बौद्ध भिक्षु द्वारा एकान्त जगह में तैरते मंदिर में पला-बढ़ा है, जहां साल मौसम की तरह बीतते रहते हैं,।
फ़िल्म प्रदर्शन के बाद फ़िल्म के कथानक व अन्य बिंदुओं पर दर्शकों द्वारा जबाब-सवाल भी किये।
इस अवसर पर फ़िल्म अभिनेता मदन डुकलान, गोविंद कपतियाल, कमला पन्त, डॉ. सविता मोहन, सुरेश उनियाल, बिजू नेगी, तन्मय ममगाईं, अतुल शर्मा,चन्द्रशेखर तिवारी, सुरेंद्र सजवाण, मनमोहन चड्ढा, सुंदर बिष्ट, सुमन भारद्वाज, डॉ.धीरेन्द्रनाथ तिवारी, रामचन्द्र जुयाल, विनोद सकलानी सहित अनेक साहित्यकार,लेखक व फ़िल्म प्रेमी और युवा पाठक उपस्थित थे।

बेटा न होने से गुस्साए पिता ने कर दी दो मासूम बेटियों की हत्या

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डोईवाला (देहरादून)। बेटा नहीं होने से नाराज पिता ने दो मासूम बेटियों की गला दबाकर हत्या कर दी और फरार हो गया। घटना के वक्त घर में कोई मौजूद नहीं था। रात करीब साढ़े आठ बजे बच्चियों की दादी घर पहुंचीं दो दरवाजा बाहर से बंद था। खोलकर देखा तो अंदर दोनों बहनें अचेत पड़ी थीं। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके गले पर निशान भी मिले हैं। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। उसके बिहार भागने की आशंका जताई जा रही है।
घटना डोईवाला कोतवाली क्षेत्र की केशवपुरी बस्ती की है। कोतवाली प्रभारी राजेश साह ने समाचार एजेंसी आरएनएस को जानकारी दी कि शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि वहां एक घर में दो बच्चियां मृत मिली हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की और शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया। कोतवाल ने बताया, बच्चियों की पहचान आंचल (साढ़े तीन साल) और अनुषा (डेढ़ साल) पुत्री जितेंद्र साहनी निवासी दरभंगा बिहार के रूप में हुई है। जितेंद्र यहां कबाड़ बीनने का काम करता है।
इन दिनों वह दोनों बेटियों और मां दुर्गा देवी के साथ यहां रह रहा था, जबकि उसकी पत्नी रीना झगड़े के कारण घर छोड़कर कहीं चली गई है। जितेंद्र और उसकी मां शुक्रवार को भी काम पर गए थे। रात को जब आरोपी की मां दुर्गा देवी घर वापस आईं तो अंदर का नजारा देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस के अनुसार, बच्चियों के गले पर निशान पाए गए हैं। प्रथमदृष्टया आशंका जताई जा रही है कि गला दबाकर उनकी हत्या की गई है।
बेटियों की हत्या कर दी और फरार
उधर, पड़ोस में रहने वाली बच्चियों की नानी आशु देवी ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि बेटा नहीं होने के कारण जितेंद्र और उसकी मां उनकी बेटी रीना को आए दिन ताना मारते थे और मारपीट भी करते थे। इससे तंग आकर वह कुछ महीने पहले मायके चली गई थी। वहां से लौटकर आई फिर भी ससुराल वालों का यही रवैया रहा। आखिरकार तंग आकर दो महीने पहले वह घर छोड़कर हैदराबाद चली गई। आरोप है कि शुक्रवार को जितेंद्र ने दोनों बेटियों की हत्या कर दी और फरार हो गया। कोतवाल का कहना है कि मामले में जितेंद्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
दूसरी शादी के लिए बच्चियों को मारने की देता था धमकी
आशु देवी ने आरोप लगाया कि जितेंद्र अक्सर गुस्से में रहता था। कहता था, बच्चियों के कारण उसकी दूसरी शादी नहीं हो पा रही है। वह उन्हें अक्सर मारने की धमकी भी देता था। कहता था कि रीना नहीं आई तो बच्चियों को नहीं छोड़ूंगा। आए दिन वह अपनी ससुराल पहुंच जाता था और बेटा नहीं होने को लेकर पत्नी से झगड़ा करता था।

रुद्रप्रयाग में माध्यमिक अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतनमान

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(देवेन्द्र चमोली)

” अतिथि शिक्षको का कहना है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी के आदेशों के बाबजूद खण्ड शिक्षा अधिकारी अगस्त्यमुनी/जखोली/ऊखीमठ ने माध्यमिक अतिथि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश देने से स्पष्ट मना कर दिया जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में पूर्व की भांति अतिथि शिक्षकों को ग्रीष्म कालीन अवकाश को शैक्षणिक सत्र में सम्मिलित मानते हुये वेतनमान वेतनमान दिया गया है”।

रूद्रप्रयाग- जनपद में अतिथि शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर आ गये मामला खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अतिथि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश वेतनमान रोके जाने का है। आक्रोशित अतिथि शिक्षकों ने जिला मुख्यालय में बैठक कर खण्ड शिक्षा अधिकारियों के इस निर्णय का जमकर विरोध किया व जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर खण्ड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ रुद्रप्रयाग ने खण्ड शिक्षा अधिकारी अगस्त्यमुनी/ जखोली व ऊखीमठ पर उनके ग्रीष्म कालीन अवकाश का वेतनमान न दिये जाने पर रोष जताया। अतिथि शिक्षको का कहना है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी के आदेशों के बाद भी खण्ड शिक्षा अधिकारी ने उन्हे ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतनमान देने से मना कर दिया जबकि वर्ष 2015 से उन्हे ग्रीष्म कालीन व शीतकालीन अवकाश को शैक्षणिक सत्र मे सम्मिलित करते हुये उत्तराखंड के समस्त जिलों में ग्रीष्म कालीन अवकाश का मानदेय मिलता आ रहा था। लेकिन अब केवल जनपद रुद्रप्रयाग में खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अन्य जिलो मे अतिथि शिक्षकों को मई माह में पूरा वेतन मिला है जबकि रुद्रप्रयाग जिले में मई माह में 20967 रुपये का वेतन दिया है जो कि ग्रीष्म कालीन अवकाश से पूर्व का है। खंड शिक्षा अधिकारी ने ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतन देने को स्पष्ट मना कर दिया है । अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उत्तराखंड राज्य में अतिथि शिक्षकों के लिए रुद्रप्रयाग जिले का अलग शासनादेश कैसे बनाया गया है। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशिष जोशी, महामंत्री चैन सिहं पंवार, रवीन्द्र जग्गी ,बीना किमोठी,विनय जगवाण आदि ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उनके रोके गये ग्रीष्मकालीन अवकास का मानदेय वेतनमान निर्गत कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री के जल संरक्षण की मुहिम को परवान चढ़ाएगा प्राधिकरण, ग्रुप हाउसिंग/ मॉल/होटल आदि में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच

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-एमडीडीए उपाध्यक्ष ने समस्त अभियंताओं को मौके पर जांच के दिये निर्देश

देहरादून। जल संरक्षण को लेकर एमडीडीए ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्र पर आगे बढ़ते हुए तमाम होटल, मॉल, ग्रुप हाउसिंग आदि में रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का प्रावधान किया गया है या नहीं, इसकी अब मौके पर जाकर पड़ताल करने का निर्णय लिया है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रुप हाउसिंग/ मॉल/होटल एवं अन्य व्यवसायिक निर्माणों के भवन मानचित्र स्वीकृत किये जाते हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी का कहना है कि नियमानुसार इस प्रकार के भवनों में वर्षा जल संरक्षण के उद्देश्य से रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का प्राविधान आवश्यक है। इस सम्बन्ध में प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत / प्रशमित किये गये निर्मित / निर्माणाधीन भवनों में वर्षा जल भण्डारण के प्राविधान का सत्यापन किया जाना आवश्यक है।
इस हेतु उन्होंने समस्त सेक्टरों के अभियंताओं को निर्देशित किया है कि एक सघन अभियान चलाते हुये भवन निर्माणकर्ताओं को आवश्यक रूप से विनियमानुसार वर्षा जल भण्डारण का प्राविधान कराया जाना सुनिश्चित करें। यदि इसके पश्चात भी किसी भवन निर्माणकर्ता द्वारा प्राविधान नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित किया जाना सुनिश्चित करें।

रूफ टॉप पैनल का भी होगा सत्यापन

जिन भवन निर्माणकर्ताओं द्वारा स्वीकृत / प्रशमित मानचित्र में Roof Top Solar Pannel का प्राविधान किया गया है, निर्माण स्थल पर उसका भी सत्यापन किया जाएगा। इस सम्बन्ध में समस्त अभियंताओं को निर्देशित किया जाता है कि निर्माणकर्ता द्वारा मानचित्र में प्राविधानित Roof Top Solar Pannel का प्राविधान किया गया है अथवा नहीं। यदि नहीं किया गया है तो प्राविधान कराया जाना सुनिश्चित करें। यदि इसके पश्चात भी किसी भवन निर्माणकर्ता द्वारा प्राविधान नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित किया जाना सुनिश्चित करें।

तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल शुरू : पहले दिन ‘दायें या या बायें‘ और ‘केसर सागा‘ का हुआ प्रदर्शन

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देहरादून,दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में दिनांक 23-25 जून 2023 तक अपराह्न 2ः30 से 6ः30 बजे तक आयोजित होने वाला तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल आज शुरू हो गया है। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र और डॉ. द्विजेन सेन मेमोरियल कला केंद्र व सिनेमामार्ग फिल्म क्लब देहरादून की ओर से यह फेस्टिवल संयुक्त रुप से आयोजित किया जा रहा है।
उत्तराखंड में फीचर फिल्मों को दिखाने का यह अपनी तरह का पहला फेस्टिवल है। इस फेस्टिवल में भारत और बाहर के देशों के पर्वतीय परिवेश पर बनी फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों और एनिमेशन शॉर्ट्स को प्रदर्शित किये जा रहे हैं। फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित की जाने वाली सभी फिल्मों का प्रवेश निशुल्क रखा गया है।

फिल्म फेस्टिवल के प्रथम दिवस में दो फिल्में दिखाई गयीं। फिल्म निर्देशक यूसुफ सईद द्वारा उत्सव में दर्शकों का स्वागत और परिचय दिया गया और द्विजेन सेन स्मृति कला केंद्र के कर्नल दुग्गल द्वारा इसकी शुरुआत की गई। सबसे पहले फिल्म ‘दायें या या बायें‘, बेला नेगी द्वारा निर्देशित प्रदर्शित की गई | इसमें मुख्य कथा रमेश माजिला नामक युवक के इर्दगिर्द घूमती है। रमेश के जीवन के बारे में यह एक तरह से नाटक फिल्म है। वह दूरदराज के एक पहाड़ी गांव में स्कूली शिक्षक है। किसी प्रतियोगिता में उसने एक लक्जरी कार जीती होती है जो अन्ततः उसे एक अप्रत्याशित यात्रा पर ले जाती है। इस फ़िल्म को कुमाऊं अंचल के गाँव के परिवेश में तैयार किया गया है। मुम्बई में रह रही निर्देशिका बेला नेगी से ऑन लाइन बातचीत भी की गई।

शाम के सत्र में दूसरी फिल्म ‘केसर सागा‘, निर्देशक, इफ्फत फातिमा, (भारत), 75 मिनटकी प्रदर्शित की गई। केसर सागा दरअसल लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में केसर नाम से प्राचीन तिब्बती कहानी कहने की एक परंपरा के बारे में है।

इस अवसर पर सुरेश उनियाल, बिजू नेगी, चन्द्रशेखर तिवारी, सुशील उपाध्याय, अतुल शर्मा, जगदीश सिंह, मदन सिंह, सुंदर बिष्ट, जे बी गोयल व अनेक फ़िल्म प्रेमी व युवा पाठक उपस्थित थे।