Thursday, May 15, 2025
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‘कल के लिए जल’ उत्सव यात्रा का शुभारंभ, यात्रा पूरे वर्ष भर रहेगी जारी

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देहरादून, ‘कल के लिए जल उत्सव यात्रा’ का लाखामंडल से शुभारंभ हो गया, जल उत्सव यात्रा को बोखनाग देव समिति के अध्यक्ष जयेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा कर ढोल नगाड़ों की थाप के साथ रवाना किया। यात्रा के संयोजक द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि लाखामंडल वीरो की और संघर्ष की भूमि रही है। इससे पूर्व भी वर्ष 2004 में हमने लाखामंडल से लंबगाव तक पद यात्रा की थी। वर्तमान में जिस तरह से दिन प्रतिदिन मानव और वन्य जीवों के बीच जल को लेकर संघर्ष देखने को मिल रहा है उसके पीछे जंगलों में घटता पानी भी एक कारण है। श्री सेमवाल ने कहा कि जंगलों एवं गांव के आस पास के प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे है उनको पुनर्जीवित करना आज बड़ी चुनौती है। ‘कल के लिए जल उत्सव यात्रा’ लगातार पूरे एक साल जून 2024 तक उत्तराखण्ड़ से हिमाचल तक चलेगी।

जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी :
आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। नदियों और प्राकृतिक जल स्रोत का पानी घट रहा है। बड़े शहरों में तो दिन प्रति दिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है, आदिकाल से जल मानवीय जीवन का आधार रहा है | वहीं जंगलों में पानी और भोजन की कमी के कारण आए दिन मानव और वन्य जीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इस धरती पर पानी का स्रोत सिर्फ आसमान से टपकने वाली वर्षा की बूंदे ही है। वर्षा जल एक अनमोल प्राकृतिक उपहार है जो प्रतिवर्ष पूरी दुनिया को बिना किसी भेद भाव के मिलता आया है। पानी के समुचित प्रबंधन के आभाव में वर्षा का जल व्यर्थ में बह जाता है। जिसका संरक्षण किया जाना आवश्यक है |

जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी का यह विगत दस वर्षों से निरंतर जारी है। जल की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए संस्थान के द्वारा *कल के लिए जल अभियान* शुरू किया गया, जो एक सफल माडल के रूप में सामने आया है, इस अभियान में लोगों को उनके जन्मदिन, जीवन के विशेष दिन को यादगार बनाने एवं परिजनों की याद में पानी के कच्चे जल कुंड, तालाब बनवाए जाते है। अभियान के तहत अभी तक जनपद उत्तरकाशी, टिहरी एवं देहरादून में 4 हजार जल कुंड, तालाब श्रमदान करके बने है। इस वर्ष जनपद उत्तरकाशी में जिला प्रशासन के साथ मिल कर ‘जल उत्सव’ कार्यक्रम शुरू किया गया। इस माडल को जन जन तक लेे जाने व जल संरक्षण के कार्य से अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में ‘कल के लिए जल उत्सव यात्रा शुरू’ हुई ।

लाखामंडल से शुरू हुई यह ‘जल यात्रा’ जौनसर, गढ़वाल, कुमाऊँ व मैदानी क्षेत्रों के साथ हिमाचल में 5 चरणों में पूरी होगी। उत्तराखण्ड एवं हिमाचल के 20 जनपदों की यात्रा तय कर यात्रा का समापन जून 2024 को देहरादून में होगा। यात्रा पूरे वर्ष भर जारी रहेगी हर क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ते जाएंगे। इस यात्रा के दौरान 5 लाख जल नायक तैयार किए जाएंगे। यात्रा में रेणुका समिति के संदीप उनियाल, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लाक मिशन प्रबंधक रवीन्द्र नौटियाल, अनमोल बिष्ट, बूराश परियोजना के प्रकाश राज, ग्राम पंचायत प्रधान मंजियाली प्रकाश रावत शामिल रहे | यात्रा देर सायं जनपद उत्तरकाशी के मंजीयाली गांव पहुंची जहां पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ यात्रा का स्वागत किया, यात्रा मांजियाली गांव में ही रात्री विश्राम करेगी।

चिकित्सा अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों की मेहनत का ही परिणाम है यह सम्मान: स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार

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देहरादून, उत्तराखंड के तीन नए चिकित्सा इकाइयों को भारत सरकार के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन.क्यू.ए.एस.) एवं लक्ष्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिसमें नैनीताल स्थित बी.डी. पांडे जिला अस्पताल, चंपावत स्थित जिला चिकित्सालय व हरिद्वार स्थित उपजिला चिकित्सालय रुड़की को एन.क्यू.ए.एस. एवं लक्ष्य पुरस्कार से हाल ही में सम्मानित किया गया है।

इस पर स्वास्थ्य सचिव एवं एनएचएम मिशन निदेशक डॉ आर राजेश कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी एवं कर्मचारी की सराहाना करते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हीं की मेहनत का परिणाम है। यह प्रथम बार है कि स्वास्थ्य विभाग की पहाड़ी चिकित्सा इकाइयों को भी प्रतिष्ठित एन.क्यू.ए.एस. एवं लक्ष्य पुरस्कार से नवाजा है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमारा द्वारा बताया गया कि जनपद नैनीताल के बी.डी. पांडे अस्पताल के 6 विभागों जिसमें ब्लड बैंक, इनपेंशट विभाग (आईपीडी), सामान्य प्रशासन एवं लैब को एन.क्यू.ए.एस. व लेबर रुम एवं मेटरनेल ऑपरेशन थियेटर को लक्ष्य पुरस्कार मिला है। वहीं जनपद चंपावत के जिला अस्पताल के 6 विभाग जिसमें ओपीडी, ब्लड बैंक, मेटरनेटी वार्ड, फार्मेसी, एवं सामान्य प्रशासन को एन.क्यू.ए.एस. व लेबर रुम को लक्ष्य पुरस्कार मिला। जनपद हरिद्वार स्थित उपजिला चिकित्सालय रुड़की के 7 विभागों जिसमें सामान्य प्रशासन, जनरल ओ.टी., ब्लड बैंक, मैटरनिटी वार्ड एवं प्रयोगशाला को एन.क्यू.ए.एस. एवं लेबर रूम व मैटरनिटी ओ.टी. को लक्ष्य पुरस्कार मिला है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय एन.क्यू.ए.एस. एवं लक्ष्य पुरस्कृत जिला अस्पताल नैनीताल को लगभग 8.4 लाख रुपये, जिला अस्पताल चंपावत को 4.6 लाख व उप जिला चिकित्सालय रुड़की को 8.8 लाख रुपये के तौर पर प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि अभी तक उत्तराखंड राज्य को कुल 7 राष्ट्रीय स्तरीय एन.क्यू.ए.एस. मान्यता एवं 16 राष्ट्रीय स्तरीय लक्ष्य पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी मरीजों व गर्भवती महिलाओं को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्तरीय सुविधाएं सरकारी चिकित्सा इकाइयों में दिए जाने हेतु उत्तराखंड राज्य निरंतर प्रयासरत है।
एन.क्यू.ए.एस. एवं लक्ष्य पुरस्कार एनएचएम प्रभारी अधिकारी क्वालिटी एश्योरेंस डॉ मुकेश रॉय एवं उनकी टीम डॉ अपूर्वा मेहर नयाल कंसल्टेंट क्वालिटी एश्योरेंस, डॉ प्रियांशी श्रीवास्तव कंसल्टेंट, दीपक कंडवाल जिला कंसल्टेंट नैनीताल, प्रदीप जिला कंसल्टेंट चंपावत द्वारा भारत सरकार कि ओर से प्राप्त किया गया।

हाईकोर्ट का सख्त आदेश : सरकार आठ हफ्ते में नियुक्ति करे लोकायुक्त

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नैनीताल, उत्तराखण्ड़ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका में सख्त आदेश दिया जिसके अन्तर्गत राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति व लोकायुक्त संस्थान को सुचारु रूप से संचालित किए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सरकार को प्रदेश में आठ सप्ताह में लोकायुक्त की नियुक्ति के आदेश दिए हैं।

गौरतलब हो कि इससे पूर्व हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से शपथपत्र के माध्यम से यह बताने के लिए कहा था कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अभी तक क्या किया और संस्थान जब से बना है तब से 31 मार्च 2023 तक इस पर कितना खर्च हुआ। कोर्ट ने इसका वर्षवार विवरण पेश करने के लिए कहा था।
उत्तराखंड़ के हल्द्वानी गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की, जबकि संस्थान के नाम पर वार्षिक 2 से 3 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है लेकिन उत्तराखंड में तमाम घोटाले हो रहे हैं।
जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि वर्तमान में राज्य की सभी जांच एजेंसी सरकार के अधीन हैं, जिसका पूरा नियंत्रण राज्य के राजनैतिक नेतृत्व के हाथों में है। वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में कोई भी ऐसी जांच एजेंसी नहीं है जिसके पास यह अधिकार हो कि वह बिना शासन की पूर्वानुमति के किसी भी राजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत कर सके। विजिलेंस विभाग भी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है, जिसका सम्पूर्ण नियंत्रण पुलिस मुख्यालय, सतर्कता विभाग या मुख्यमंत्री कार्यालय के पास रहता है, एक पूरी तरह से पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच व्यवस्था राज्य के नागरिकों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यही है कि पूर्व के विधानसभा चुनावों में राजनैतिक दलों द्वारा राज्य में अपनी सरकार बनने पर प्रशासनिक और राजनैतिक भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए एक सशक्त लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है।

25 उच्च न्यायालयों के अंतर्गत 815 ई-सेवा केंद्रों की स्थापना की गई

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नई दिल्ली , । न्यायालयों की नागरिक-केंद्रित सेवाओं और मामलों से संबंधित जानकारी का सुगमता से लाभ मिल सके इसको लेकर 25 उच्च न्यायालयों के अंतर्गत 815 ई-सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है। वकीलों और वादियों को ई-फाइलिंग सेवाएं प्रदान करके डिजिटल अंतर को कम करने के लिए ई-सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। प्रायोगिक परियोजना के रूप में इसमें सभी उच्च न्यायालयों और एक जिला न्यायालय को शामिल करते हुए, सभी अदालत परिसरों को कवर करने के लिए इसे विस्तारित किया जा रहा है। ई-सेवा केंद्र वकील या वादियों जिन्हें सूचना से लेकर सुविधा और ई-फाइलिंग तक किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है, को सुविधा प्रदान करने के प्रयोजन से न्यायालय परिसरों के प्रवेश बिंदु पर स्थापित किए जा रहे है । 30 अक्टूबर, 2020 को  भारत के पहले ई-संसाधन केंद्र का उद्घाटन महाराष्ट्र के नागपुर में किया गया। ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल देश भर के सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों में मामलों की ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान करेगा। यह वकीलों और वादियों को ऑनलाइन ई-कोर्ट सेवाओं तक पहुंचने में भी सहायता करेगा और उन लोगों को सुविधा प्रदान करेगा, जो प्रौद्योगिकी का व्यय वहन नहीं कर सकते। इससे समय बचाने, परिश्रम से बचने, लंबी दूरी की यात्रा करने और देश भर में मामलों की ई-फाइलिंग, वर्चुअल रूप से सुनवाई आयोजित करने, स्कैनिंग, ई-कोर्ट सेवाओं तक एक्सेस करने आदि की सुविधाएं प्रदान करके लागत बचाने में लाभ मिलेगा।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बोले, नशे की लत से बचें युवा

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देहरादून, एक ओर टेक्नोलॉजी में तीव्र गति से प्रगति हो रही है, वहीं दूसरी ओर नशीली दवाओं एवं मादक पदार्थों का उत्पादन, प्रसारण, वितरण व सेवन भी तेजी से बढ़ रहा है। छोटे गांव से लेकर बड़े-बड़े महानगरों में नशीली दवाओं का बढ़ता उपयोग चिंताजनक है और यह समाज के लिये एक गंभीर समस्या के तौर पर उभर रहा है।

यह चिंता सूबे के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में ‘अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस’ पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि जाहिर की। राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थों व नशीली दवाओं का उपयोग समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन रहा है। इसकी चपेट में छोटे गांव से लेकर बड़े-बड़े महानगर आ चुके हैं जोकि बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन और वितरण की रोकथाम में समाज के सभी वर्गों को समन्वित रूप से प्रयास करने होंगे। उन्होंने नशे की रोकथाम में जनजागरूकता को बेहद जरूरी बताया। राज्यपाल ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्मनियंत्रण और आत्मानुशासन के बल पर नशे व मादक पदार्थों के सेवन से स्वयं को दूर रखें। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को नशा-मुक्ति शपथ भी दिलाई।

इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बतौर विशिष्ट अथिति कार्यशाला में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक ड्रग फ्री देवभूमि का लक्ष्य तय किया है, इसके लिए उन्होंने जनसहयोग की आवश्यकता बतायी। उन्होने कहा कि समाज को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है और समय-समय पर लोगों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाना महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने बताया कि सरकार ने सूबे के समस्त स्कूलों एवं कॉलेजों को ड्रग फ्री कैम्पस बनाने का लक्ष्य भी तय किया है ताकि प्रदेश की युवा पीढ़ी नशे के दुष्प्रभावों से बच सके और एक स्वस्थ समाज फल-फूल सके। उन्होंने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में लगभग 18 फीसदी लोग नशे में शराब एवं 1.4 फीसदी लोग नशे में चरस, गांजा व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते है, जो कि प्रदेश के लिये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। डा. रावत ने अभिभावकों से अपील करते हुये कहा कि वह अपने बच्चों की गतिविधियों पर जरूर नज़र रखें और उनसे बातचीत कर नशे के दुष्प्रभावों के प्रति उन्हें जागरूक करें। उन्होंने प्रदेश के युवाओं को सरकार द्वारा संचालित रोजगार योजनाओं का लाभ उठाने की भी अपील की।

कार्यक्रम में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनप्रीत कौर, रजिस्ट्रार हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय डॉ. एम. के. पंत, कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष डॉ. देवव्रत राय सहित दून मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

दुनिया के लोकप्रिय नेता से जमीनी स्तर पर कार्य करने का मार्गदर्शन सौभाग्य : भट्ट

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‘बूथ लेवल कार्यकर्ताओं ने किया पीएम से संवाद स्थापित’

देहरादून, “मेरा बूथ सबसे मजबूत” अभियान के तहत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से संवाद स्थापित किया। इस दौरान देवभूमि से डा हिमानी वैष्णव के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने विपक्ष की तुष्टिकरण व हमारी संतुष्टिकरण की योजनाओं का फर्क जनता में पहुंचाने की बात कहीं।

राजधानी के सर्वे चौक स्थित आइडीटीसी ऑडिटोरियम में हुए मेरा बूथ सबसे मज़बूत संवाद कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ प्रदेश पदाधिकारियों ने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से बूथ सशक्तिकरण की बारीकियों को समझा । इस दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ता को पार्टी की सबसे मजबूत ताकत बताया । उन्होंने कहा कि आप सरकारी योजनाओं की जानकारी तो जनता तक पहुंचाते ही हैं साथ ही उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी भी सरकार तक पहुंचाते हैं। उज्ज्वला योजना भी कार्यकर्ताओं से आई जानकारियों का परिणाम हैं । UCC को संवैधानिक मान्यता से लेकर, तीन तलाक एवं विपक्षी एकता को भ्रष्टाचार की गारंटी बताने समेत तमाम राष्ट्रीय मुद्दों पर सबका मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से बात करतें हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि हमें दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता का जमीनी स्तर पर कार्य करने को लेकर मार्गदर्शन मिला हैं । उन्होंने प्रदेश के सभी 270 मंडलों व बूथों पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं से सरकारी योजनाओं व संगठनात्मक कार्यशैली के संबंध दी गई पीएम की जानकारियों को गांठ बांधकर रखने का आह्वाहन किया । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के संवाद ने प्रत्येक कार्यकर्ता में नए उत्साह व ऊर्जा संचार किया है । पीएम की इस दौरान सभी विषयों को लेकर विस्तार से दी गईं जानकारी सभी कार्यकर्ताओं के लिए बूथ सशक्तिकरण में बेहद मददगार साबित होने वाली हैं ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री का प्रेरणादायक उद्बोधन हम सबके लिए आगे जन संवाद स्थापित करने में बेहद मददगार साबित होने वाला है । उन्होंने कहा कि विपक्षी तुष्टिकरण योजनाओं के मुकबले हमारी संतुष्टिकरण योजनाओं ने देशवासियों के जिंदगी में आमूलचूल परिवर्तन किया हैं । उन्होंने मोदी जी के समान नागरिक कानून देश में लागू करने की पैरवी का स्वागत करते हुए शीघ्र ही उनकी कही बात के अनुशार प्रदेशवासियों को इस कानून की सौगात देने का भरोसा दिलाया ।

कार्यक्रम के दौरान, चमोली जनपद भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष डा. हिमानी वैष्णव ने मोदी जी से संवाद करते हुए सवाल पूछा कि तुष्टिकरण एवं संतुष्टिकरण की योजनाओं को किस तरह जनता के बीच ले जाना है । इसके जवाब में मोदी जी ने कहा, देश में विपक्षी तुष्टिकरण नीति के कारण एक बड़ा वर्ग जाति, क्षेत्र धर्म विशेष के लोग तरक्की की दौड़ में पीछे रहते हुए सिर्फ वोट बैंक बनकर रह गए हैं । हमें ऐसे लोगों के बीच अपनी जनकल्याणकारी की जानकारी व उन्हे लाभार्थी बनाने का प्रयास करना है ताकि उनका भ्रम टूटे और तुष्टिकरण एवं संतुष्टिकरण के अंतर को समझते हुए वे भी राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ सके।

इस दौरान प्रदेश महामंत्री संगठन श्री अजेय कुमार, कैबिनेट मंत्री श्री धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, टिहरी सांसद श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, महापौर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री खजान दास, प्रदेश कार्यालय प्रभारी श्री कौस्तुभानंद जोशी, श्रीमती आशा नौटियाल, सिद्धार्थ अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहें।

पारिस्थितिकी, संस्कृति और सतत् विकास विषय पर डा. रवि चोपड़ा का हुआ स्लाइड- शो पर आधारित एक व्याख्यान

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से सुपरिचित पर्यावरणविद डॉ.रवि चोपड़ा द्वारा पारिस्थितिकी, संस्कृति और सतत विकास विषय पर स्लाइड- शो पर आधारित एक व्याख्यान आज सायं संस्थान के सभागार में दिया गया।
अपने सार गर्भित व्याख्यान में डॉ. चोपड़ा ने उत्तराखंड हिमालय की महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक और भौगोलिक विशेषताओं पर तथ्यपरक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यहां के लोक समाज ने किस सहज रुप से अपनी स्थानीय प्रकृति और पर्यावरणके प्रति अपनी श्रद्धा की महान संस्कृति को आकार दिया है जो हाल के वर्तमान दिनों तक भी जीवित रही है। डॉ.रवि चोपडा ने आजादी से पहले उत्तराखण्ड के इस पर्वतीय क्षेत्र में आर्थिक विकास के इतिहास परिवेश को भी संक्षेप में रेखांकित करने का प्रयास किया। अपने व्याक्ष्यान में उन्होंने आजादी के बाद आर्थिक विकास का स्थानीय प्रकृति और लोगों पर इसके प्रभाव पर भी विस्तार से बताया। व्याख्यान के अंत में उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य में सतत विकास की संभावनाओं को लेकर भी तथ्यपूर्ण चर्चा कीे। उन्होंने त्वरित लाभ के विकास के बदले दीर्घकालिक सतत विकास पर बल दिया।
व्याख्यान के बाद सभागार में उपस्थित लोगों द्वारा इस विषय के सन्दर्भ में डॉ.रवि चोपड़ा से अनेक सवाल-जबाब भी किये।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अनूप नौटियाल, पानी उगाओ के संचालक व पर्यावरण के मासाब नाम से जाने जाने वाले मोहन चन्द्र कांडपाल, निकोलस हॉफ़लैंड ,चंद्रशेखर तिवारी, अजय शर्मा, गिरीश जोशी,प्रेम पंचोली, बिजू नेगी, इरा चौहान, सुंदर सिंह बिष्ट देहरादून के अनेक प्रबुद्वजन, प र्यावरण प्रेमी,साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और पुस्तकालय में अध्ययनरत अनेक युवा सदस्य भी उपस्थित रहे।

डाॅ.रवि चोपड़ा एक परिचय :

आई.आई.मुम्बई के छात्र रहे डॉ. रवि चोपड़ा पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक हैं। यह एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक हित अनुसंधान और विकास की संस्था है, जो जल संसाधन प्रबंधन, पर्यावरण गुणवत्ता निगरानी और आपदा पर अपने काम के लिए जानी जाती है।
एक शोधकर्ता के रूप में, डॉ. चोपड़ा ने प्रौद्योगिकी और समाज और पर्यावरण और विकास के बीच बातचीत पर ध्यान केंद्रित किया है। वह 1982 में भारत के पर्यावरण की स्थिति पर पहली नागरिक रिपोर्ट के सह-संपादक थे, जिसे समीक्षकों द्वारा दुनिया भर में एक अद्वितीय प्रयास के रूप में सराहा गया।
उनका वर्तमान शोध अध्ययन 21वीं सदी में भारत की जल आवश्यकताओं और हिमालयी जलसो्रतों और नदियों के सतत पुनर्जनन पर केंद्रित है। वह भारत और विदेशों में व्याख्यान सर्किट पर एक लोकप्रिय वक्ता हैं। रवि चोपड़ा ने विकास के क्षेत्र में पांच दशकों से अधिक समय तक काम किया है। कई अग्रणी संगठनों की स्थापना में मदद भी की है। लोकतांत्रिक और मानव अधिकारों की सुरक्षा, प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से बचे लोगों का पुनर्वास तथा मानसिक रूप से विकलांग बच्चों व सामान्य बच्चों की रचनात्मक शिक्षा के मुद्दों पर उनका काम है।
डॉ. चोपड़ा कई सरकारी और गैर-सरकारी समितियों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 2013-14 में डॉ. चोपड़ा ने उत्तराखंड में जलविद्युत बांधों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नियुक्त एक विशेषज्ञ निकाय की अध्यक्षता भी की। 2009 से 2013 तक वह तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के विशेषज्ञ सदस्य थे। कुछ अवधि पूर्व उन्हांेने उत्तराखंड में चार धाम परियोजना की समीक्षा के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
1947 में जन्मे डॉ. चोपड़ा ने अपना डॉक्टरेट शोध कार्य स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, न्यू जर्सी से किया है। उनका विवाह विकलांगता मुद्दों की वकालत करने वाली जो.मैकगोवन से हुआ है। उन्होंने तीन बच्चों की परवरिश की है। वर्तमान में वे देहरादून में रहते हैं। अपने इस घर में उन्होंनेें वर्षा जल संचयन टैंक और एक कचरे से बनने वाली एक खाद इकाई का भी निर्माण किया है।

देश के प्रथम एरोमा पार्क की स्थापना, उत्तराखण्ड के लिये गौरव की बात-मुख्यमंत्री

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काशीपुर, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को काशीपुर में एरामा पार्क का भमिपूजन कर प्लाटों का अवंटन किया। उन्होंने कहा कि आज कैप, सेलाकुई, सुगन्ध व्यापार संघ, दिल्ली तथा एशेंसियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया नोएडा एवं सिडकुल द्वारा देश के प्रथम एरोमा पार्क की स्थापना उत्तराखण्ड में की जा रही है यह हमारे लिये गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसमें एरोमैटिक सेक्टर के विकास हेतु प्रदेश स्तर पर हमारी सरकार द्वारा एक विशिष्ट एवं समर्पित संस्थान सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) की स्थापना की गयी है, जिसे सगन्ध फार्मिंग द्वारा राज्य की आर्थिकी बढ़ाने का दायित्व सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो दशकों में राज्य सरकार द्वारा कैंप के माध्यम से प्रदेश में एरोमैटिक सेक्टर का काफी विकास किया गया है, जिसके माध्यम से प्रदेश में चौबीस हजार से भी अधिक किसान एरोमैटिक फार्मिंग से जुड़े है। प्रदेश में सरकार द्वारा एरोमैटिक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सगन्ध फॉर्मिग के कलस्टर विकसित किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश में 109 एरोमा कलस्टरों में सगन्ध फॉर्मिंग की जा रही है, जिसके अन्तर्गत 192 आसवन सयंत्र स्थापित किए गए हैं। सगन्ध फॉर्मिंग के बढ़ते क्षेत्रफल से वर्तमान में एरोमा सेक्टर का टर्नओवर 86 करोड़ से अधिक हो गया है, जबकि वर्ष 2002 में एरोमा सेक्टर का टर्नओवर लगभग 2 करोड़ था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में एरोमैटिक सेक्टर के विकास तथा यहां उत्पादित सगन्ध तेलों की अच्छी गुणवत्ता को देखते हुए सगन्ध व्यापार संघ एवं इशेंस्यल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ई०ओ०ए०आई०), दिल्ली द्वारा प्रदेश में एरोमा पार्क बनाने का प्रस्ताव उत्तराखण्ड सरकार को दिया गया था। जिसे हमारी सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकार करते हुए एरोमा पार्क पॉलिसी 2018 लागू की गयी, जिसके अन्तर्गत एरोमा तथा परफ्यूमरी से सम्बन्धित 46 उद्योग सिडकुल काशीपुर में स्थापित किए जा रहे है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 30 दिसम्बर 2021 को किया गया था। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य में एरोमा पार्क में स्थापित होने वाले उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सगन्ध फसलों की 6 एरोमा वैली विकसित करने का निर्णय लिया गया है। जिसमे डेमस्क रोज वैली जनपद चमोली एवं अल्मोड़ा, तिमूर वैली- पिथौरागढ़ सिनामॉन वैली चम्पावत एवं नैनीताल, लेमनग्रास एवं मिन्ट वैली- हरिद्वार, मिन्ट वैली – ऊधमसिंह नगर तथा लैमनग्रास लैमनग्रास एवं मिन्ट वैली हरिद्वार, मिन्ट वैली ऊधमसिंह नगर तथा लैमनग्रास वैली- पौड़ी 14000 है० क्षेत्रफल में विकसित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इन उद्योगों द्वारा उत्तराखण्ड के सगन्ध काश्तकारों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ- साथ हमारी सरकार द्वारा विकसित हो रही एरोमा वैलियों के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जायेगा। स्थापित सगन्ध उद्योगों की मांग के अनुसार नई फसलों की खेती द्वारा भी राज्य के किसानों को खेती के नये विकल्प मिलेगें, जिससे निश्चित ही उनकी आजीविका में और अधिक सुधार होगा। वर्तमान में एरोमा पार्क में एरोमा तथा परफ्यूमरी उद्योग लगाये जायेंगे, जिसमें लगभग 300 करोड़ का निवेश होगा तथा हजारों रोजगार के अवसर उपलब्ध होगें। बताया गया है कि अभी तक 24 प्लॉटों का आवंटन किया जा चुका है, जिनको आज पजेशन पत्र दिया जा रहा है। एरोमा पार्क में स्थापित होने वाले सगन्ध उद्योगों को राज्य सरकार द्वारा जो प्रोत्साहन दिये जा रहे है, इससे इस सेक्टर से जुड़े अन्य उद्योगपति भी एरोमा पार्क की ओर आकर्षित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में आर्थिकी और पर्यावरण के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए जहां एक ओर हम ऐसे उद्योगों और फसलों को बढ़ावा दे रहे हैं जिनको पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से लगाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर हम ऐसी तकनीकें विकसित करने पर ध्यान दे रहे हैं जिससे हमारे किसानों की आय दुगनी हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह एरोमा पार्क बंजर पड़ी तीन लाख से अधिक कृषि भूमि में सगन्ध फसलों जैसे दालचीनी, तिमूर व सुरई आदि के बगीचे स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा जिससे जहां एक ओर सगन्ध पौध उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर किसानों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का एक श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ के अनुरूप 2030 तक लगभग 21 हजार हैक्टेयर भूमि को सगन्ध फसलों से आच्छादित करने की योजना को साकार करने में यह उत्कृष्टता केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इसके साथ ही यह केंद्र हमारी 1 डिस्ट्रिक 2 प्रोडक्ट की पॉलिसी को भी विस्तार देने में भी कारगर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एरोमा पार्क की स्थापना से सगन्ध फसलों के उत्पादन में तेजी से वृद्धि होगी तथा इन फसलों का राज्य में तीव्र विस्तार होगा। प्रदेश में पर्यटन एवं हार्टिकल्चर के साथ हार्टी टूरिज्म को बढावा देने के प्रयासों को भी इससे मदद मिलेगी।

इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भटट, विधायक श्री त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर सुश्री उषा चौधरी, सचिव श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, एम.डी. सिडकुल श्री रोहित मीणा के साथ ही विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

हाईवे के दोनों ओर से हटे अतिक्रमण

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श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर नगर आयुक्त एवं एसडीएम श्रीनगर से कीर्तिनगर पुल से स्वीत पुल तक करीब 6 किमी के एरिया में हाईवे के दोनों ओर नाली एवं पटरी से शीघ्र अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की गई है। साथ ही वाहनों की गति सीमा नियंत्रित करने की मांग की गई है। भाजपा जिला कार्य समिति सदस्य कुशलानाथ ने इस संदर्भ में दिए ज्ञापन में कहा है कि अतिक्रमण के कारण रोड के दोनों ओर पैदल राहगीरों को दिक्कतें हो रही हैं। हाईवे पर आबादी में चार पहिया और दोपहिया वाहन की स्पीड नियंत्रण में न होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने वाहन चलाने वाले चालकों का स्वास्थ्य एवं भौतिक सत्यापन के साथ उनकी कार्यक्षमता की भी जांच किये जाने की मांग की है।

स्वीली में सड़क पहुंचने पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष का स्वागत

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रुद्रप्रयाग। जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत स्वीली में सड़क मार्ग पहुंचने पर ग्रामीणों ने सड़क निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी का भव्य स्वागत किया। गांव में सड़क आने से उत्साहित ग्रामीणों ने सड़क निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष को चांदी का मुकुट पहनाया। जबकि स्वीली गांव की कंचन डिमरी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा पास करने पर उनका भी भव्य स्वागत किया गया।
जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत स्वीली और डुंगरी गांव काफी समय से सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए थे। ग्रामीणों ने लंबे समय तक सड़क मार्ग के लिए संघर्ष किया। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण संघर्ष समिति का गठन करके स्वीली गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णानंद डिमरी को अध्यक्ष बनाया। कृष्णानंद डिमरी लगातार सड़क निर्माण के लिए संघर्ष करते रहे। ग्रामीणों का आंदोलन सफल हुआ और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में स्वीली और डुंगरी गांव सड़क मार्ग से जुड़ गए। सड़क पहुंचने पर स्वीली गांव में सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सम्मान समारोह में समस्त ग्रामीणों की ओर से सड़क निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया साथ ही उन्हें चांदी का मुकुट भी पहनाया गया।
अध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी ने कहा कि सभी ग्रामीणों के सहयोग से आज स्वीली और डुंगरी गांव सड़क से जुड़ गए हैं। सड़क न होने के कारण गांवों से निरंतर पलायन जारी था। सडक निर्माण होने के बाद अब गांवों से हो रहे पलायन पर रोक लगेगी। वहीं सम्मान समारोह में गांव की कंचन डिमरी की ओर से सिविल सेवा परीक्षा पास करने पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष आचार्य वाचस्पति डिमरी ने की। इस मौके पर नीलकंड डिमरी, आनंदमणी डिमरी, विजयानंद डिमरी, चैतराम डिमरी, प्रकाश डिमरी, राकेश डिमरी, दीपक डिमरी सहित अन्य मौजूद थे।