Thursday, May 15, 2025
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प्रशासन की गंभीरता को मौके पर ही परखे जनमानस: डीएम

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देहरादून(आरएनएस)।   सीएम की प्ररेणा से जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में ‘‘जनपद देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र एवं सुदूरवर्ती गांवों को प्राथमिकता के आधार पर सरकार  की जनकल्याणकारी  योजनाओं से लाभान्वित करने के उद्देश्य से त्यूनी में 20 मार्च को बहुउद्देशीय शिविर’’ का आयोजन किया जा रहा है। 19 मार्च को चिमनी टॉप चकरता में वन पंचायतों  के कान्क्लेव में प्रतिभाग करेंगे।
डीएम  सभी अधिकारियों के साथ क्षेत्रवासियों की समस्या के निस्तारण हेतु वृह्द्धस्तर पर बहुउद्देशीय शिविर आयोजित किया जाएगा।
चिमनीटॉप में नव गठित वन पंचायतों के कान्क्लेव, हनोल मंदिर परिसर में स्थानिकों, पुरोहितों के साथ मन्दिर के मास्टर प्लान, विस्तारीकरण के सम्बन्ध में स्थानिकों के हित एवं सुझाव आदि समुचित विषय पर विमर्श किया जाएगा।
इसी दौरान डीएम कोटी कनासर में 200 नव निर्मित वन पंचायत के कान्क्लेव में शामिल होंगे वन पंचायतों को जिला प्रशासन स्तर से प्रथमबार आपदा मद से धनराशि प्रदान की जा रही है। इससे वन पंचायतों के सुदृढीकरण से जहां वनाग्नि को राकने में मदद मिलेगी वहीं फायर वाचर की क्षमता भी बढेगी। यह पहला अवसर है जब कोई डीएम दुर्गम क्षेत्र में 03 दिन प्रवास कर क्षेत्र वासियों की समस्या सुनगें। इस दौरान वृहद्धस्तर पर बहुउ्देशीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जहां पेंशन, स्वास्थ्य जांच विभिन्न प्रमाण पत्र आदि कार्य मौके पर ही निस्तारित किए जाएगें।
जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बहुउद्देशीय शिविर में पूर्ण तैयारी के साथ प्रतिभाग करते हुए  जनमानस को मौके पर ही सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जनकल्याणकारी योजनाओं के आवेदन फार्म एवं योजनाओं के पूर्ण  विवरण के साथ पहुंचे विभाग, इस कार्य में किसी भी प्रकार के लापरवाही  क्षम्य नहीं होगी।
शासन की प्राथमिकता के अनुरूप सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने एवं जन समस्याओं का मौके पर निस्तारण किए जाने के उद्देश्य से बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है जहां एक ही छत के नीचे  सभी विभाग मौके पर ही पूर्ण करेंगे योजनाओं के आवेदन की सभी ओपचारिकताएं, स्वास्थ्य जांच से लेकर आयुष्मान कार्ड तक, पैंशन से लेकर, प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, और रोजगारपरक प्रशिक्षण तक सब एक ही स्थान पर।

‘‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’’ के अंतर्गत किए जा रहे शोध की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण

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‘‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’’ :    
 – “उत्तराखण्ड के कृषकों की आर्थिकी और आजीविका को बढ़ाने के लिए सेब, अखरोट और शहद के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और प्रसार” विषय पर  वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय कर रहा है  व्यापक शोध
देहरादून(आरएनएस)।  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष बुधवार को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल ने ‘‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’’ के अंतर्गत किए जा रहे शोध की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया।
प्रो. कौशल ने अवगत कराया कि विश्वविद्यालय द्वारा “उत्तराखण्ड के कृषकों की आर्थिकी और आजीविका को बढ़ाने के लिए सेब, अखरोट और शहद के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और प्रसार” विषय पर व्यापक शोध किया जा रहा है। इस शोध का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना, उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना और राज्य की बागवानी एवं कृषि को नए आयाम देना है। उन्होंने अब तक हुई शोध प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया और इसी क्रम में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक और लघु फिल्म भी प्रदर्शित की, जिसे राज्यपाल ने सराहा।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां सेब, अखरोट और शहद उत्पादन के लिए अनुकूल हैं। यदि उन्नत तकनीकों का प्रभावी उपयोग किया जाए, तो किसानों की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, जिससे उनकी आर्थिक समृद्धि और आजीविका के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को इस शोध के व्यावहारिक क्रियान्वयन और गहन अनुसंधान को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह शोध प्रदेश के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है, साथ ही नीति निर्धारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस अवसर पर अपर सचिव  राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. अनमोल वशिष्ट आदि उपस्थित रहे।

 पीएम मोदी के विजन को साकार करेगा उत्तराखण्ड

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  –  धामी सरकार ने किया फिट और हेल्दी उत्तराखण्ड का आह्वान
  –  ईट राइट इंडिया अभियान की हुई जोरदार शुरुआत
  –  नोडल अधिकारियों की हुई तैनाती
देहरादून(आरएनएस)।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ भारत, सशक्त भारत के विजन को साकार करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार आगे आई है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने फिट उत्तराखण्ड अभियान का आगाज कर दिया है। इस अभियान के तहत नागरिकों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वस्थ उत्तराखंड की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा संचालित श्ईट राइट इंडिया अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस अभियान को तेजी से लागू किया जाए। इसके लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। जन-प्रतिनिधियों के साथ ही, सभी सचिव, जिलाधिकारी, विभागध्यक्ष और अन्य संबंधित अधिकारी इसके लिए पूर्ण समन्वय के साथ कार्य करेंगे। यही नहीं बदलती जीवनशैली को देखते हुए आमजन को कम तेल, कम चीनी और कम नमक की खपत करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड शासन अभियान को सफल बनाने में जुट गया है। अभी सचिवालय परिसर, सुद्धोवाला जेल, पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी को ईट राइट कैंपेन के तहत सर्टिफाइड किया गया है। इसके अलावा अन्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालय, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और जेल परिसरों को ईट राइट कैंपस और ईट राइट स्कूल प्रमाणन के लिए पात्र बनाया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार की ओर से सभी शिक्षण संस्थानों और विभागों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के विजन को साकार करने का संकल्प लिया है। ईट राइट इंडिया अभियान मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा और अन्य गैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों को स्वस्थ, सुरक्षित और संतुलित आहार अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। युवाओं, शिक्षकों, अभिभावकों और आम जनता को संतुलित और पौष्टिक भोजन के महत्व से अवगत कराया जाएगा। यह संदेश राज्य के रेस्तरां, भोजनालयों और मेस में भी प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग सही पोषण के प्रति जागरूक हो सके।
-पुष्कर सिंह धामी

संगठन को मजबूती प्रदान करना होगी प्राथमिकता – भारत भूषण

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रुद्रप्रयाग– पार्टी के देव तुल्य कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जनपद मे भाजपा संगठन को मजबूत करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। कार्यकर्ताओं का सम्मान व संगठन की मजबूती पहली प्रार्थमिकता होगी। यह बात आज पत्रकारों से मुखातिब होते हुये भाजपा के नव नियुक्त जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट ने कही।
आज भाजपा जिला कार्यलय गुलाबराय में बतौर जिलाध्यक्ष आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये नव नियुक्त जिलाध्य भारत भूषण भट्ट ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। संगठन के जिलाध्यक्ष के रूप में केन्द्र व राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम छोड़ पर बैठे ब्यक्ति तक पहुँचाने के लक्ष्य के साथ वे काम करेगें। उन्होने कहा कि सरकार की लोक प्रियता से घबराये कुछ अराजक लोग वेवजह उत्तराखंड के लोगों के बीच खाई पैदा करने के प्रयास में लगे है इनकी मंशा को भाजपा का कार्यकर्ता फलीभूत होने नहीं देगा। उन्होने कहा कि देव तुल्य कार्यकर्ताओं के समर्पण व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के विजन के कारण आज भाजपा विश्व की सबसे बडी लोकतांत्रिक पार्टी बनने का गौरव मिला है इसे ओर मजबूत करने का जनपद स्तर पर प्रयास किया जायेगा। उन्होने जिलाध्य की जिम्मेदारी मिलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियो का आभार ब्यक्त करते हुये कहा कि पार्टी द्वारा जताये विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करेगें। इससे पूर्व नव नियुक्त जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अराजक तत्वों के खिलाफ नारेबाजी करते हुआ पुतला दहन किया। पत्रकार वार्ता में पूर्व जिला उपाध्क्ष अरुण चमोली नगर मंडल अध्यक्ष सुरेन्द्र रावत, युवा मोर्चा गढवाल संयोजक विकास डिमरी, आशीष कंडारी , अमित प्रदाली आदि मौजूद थे।

सेवायोजन विभाग के तत्वावधान में रुद्रप्रयाग में आयोजित होगा रोजगार मेला

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रुद्रप्रयाग- जिला सेवायोजन विभाग द्वारा आगामी 20 मार्च को प्रातः 10.00 बजे से जिला सेवायोजन कार्यालय, रुद्रप्रयाग में एक रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। रोजगार मेले में 06 नियोक्ता कम्पनियां प्रतिभाग करेंगी जिनमें स्काई स्पेस इण्टरनेशनल देहरादून, सीपैट (सी०एस०टी०एस० देहरादून), आपातकालीन सेवा कैम्प 108 (कम्यूनिटी एक्शन मोटिवेशन प्रोग्राम), भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) रुद्रप्रयाग, एसबीआई मैक्स इन्शोरेंस श्रीनगर गढ़वाल एवं मेधावी स्किल, गुड़गांव शामिल हैं।
उक्त जानकारी देते हुए जिला सेवयोजन अधिकारी सुशील चंद्र चमोली ने बताया कि रोजगार मेले में प्रतिभाग कर रही उक्त नियोजक कम्पनियों की कुल रिक्तियां 250 हैं जिनके सापेक्ष रोजगार मेले में उपस्थित वांछित योग्यताधारी आवेदकों द्वारा साक्षात्कार एवं अन्य निर्धारित अर्हता पूर्ण करने के उपरान्त रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि रोजगार मेले में प्रतिभाग करने हेतु आवेदक की शैक्षिक योग्यता 10वीं 12वीं स्नातक डी० फार्मा बी०फार्मा एवं कैम्प 108 चालक हेतु ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है। एवं आयु 18-35 वर्ष के मध्य होनी अनिवार्य है। उपरोक्त पदों पर मासिक वेतनमान रु0 8500 से रु0 19500 के मध्य निर्धारित है।
उक्त रोजगार मेले में प्रतिभाग करने के इच्छुक सभी महिला एवं पुरुष अभ्यर्थी 20 मार्च, 2025 तक किसी भी कार्य दिवस में अपना पंजीयन जिला सेवायोजन कार्यालय, रुद्रप्रयाग में करवाकर रोजगार मेले में प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आवेदक को अपने समस्त दस्तावेज, बायोडाटा एवं फोटो लाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी हेतु दूरभाष सं० 8449222574, 9557511448 पर सम्पर्क कर सकते हैं। बताया कि मेले में प्रतिभाग करने हेतु कोई भी मार्ग व्यय देय नहीं होगा।

ओएनजीसी प्रबंधन द्वारा जारी एकतरफा आदेश के खिलाफ ओओए ने किया विरोध प्रदर्शन

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देहरादून, ओएनजीसी अधिकारी संघ (ओओए) ने मंगलवार को ओएनजीसी प्रबंधन द्वारा जारी एकतरफा आदेश के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ओएनजीसी के विभिन्न कार्यालयों एवं वर्क सेन्टरों पर कर्मचारियों और हितधारकों ने भाग लिया, जो प्रबंधन के मनमाने निर्णय लेने पर सामूहिक असंतोष का स्पष्ट प्रदर्शन था। बातचीत और परामर्श के लिए बार-बार अपील के बावजूद, प्रबंधन ने उचित प्रक्रिया को दरकिनार करना चुना, जिससे कर्मचारियों के अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने इस एकतरफा कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। देहरादून सहित ओएनजीसी के विभिन्न कार्यालयों में अधिकारियों ने काले फीती लगाकर अपना विरोध प्रकट किया, इस शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे ओओए के पदाधिकारियों ने नारे, भाषण और प्रतीकात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। इस मौके पर शिकायतों और मांगों को उजागर करने वाला एक औपचारिक प्रतिनिधित्व भी संबंधित अधिकारियों को सौंपा गया। ओएनजीसी अधिकारी संघ के केंद्रीय अध्यक्ष श्री जॉर्ज एम रवि शेकरण एवं केन्द्रीय महासचिव डा. पीयूष रंजन दास ने चेतावनी दी है कि यदि प्रबंधन चिंताओं को दूर करने में विफल रहता है और सार्थक चर्चा शुरू नहीं करता है, तो आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन की तीव्रता बढ़ जाएगी। परिचालन में किसी भी व्यवधान की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रबंधन की रचनात्मक बातचीत में शामिल होने की अनिच्छा पर होगी। एसोसिएशन ने ओएनजीसी नेतृत्व से अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने और सभी हितधारकों के हितों का सम्मान करते हुए निष्पक्ष समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह भी किया है। इससे पूर्व एसोसियेशन के महासचिव डा. पीयूष रंजन दास 4 मार्च को विभिन्न मांगों को लेकर ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री अरुण सिंह को पत्र भी भेज चुके हैं जिसकी प्रतिलिपि अन्य संबन्धित अधिकारियों को भी प्रेषित की जा चुकी है । लेकिन कोई सकारात्मक हल न निकलने के कारण ओओए का प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ा ।इस अवसर पर ओएनजीसी के केडीएमआईपीई एवं तेल भवन परिसर में ओओए देहरादून यूनिट के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष, सुनील कोलकलुरी, सचिव निखिल सिंह,सलाहकार रामराज द्विवेदी, संयुक्त सचिव शिवम मिश्रा, मल्लेली अंजनेयुलू आयोजन सचिव अरुण कुमार साहू, श्रीमती दिव्यानी सिंह, कोषाध्यक्षपंकज बजाज, सीईसी सदस्य वेंकना वाद्त्य, डॉ. हैरी गिल्बर्ट के साथ ओएनजीसी के अधिकारीगण इस शान्तिपूर्ण विरोध में शामिल हुये ।

*ओओएकी यह हैं मुख्य मांगे :* 

– **प्रमोशन नीति** – पारदर्शी और निष्पक्ष प्रमोशन नीति की कमी से करियर प्रगति और मनोबल प्रभावित हो रहा है।

– **PAR अंक आवंटन और प्रणाली की जाँच** – PAR अंकों का मनमाना आवंटन असंतोष और अन्यायपूर्ण व्यवहार का कारण बन रहा है।

– **उत्तर-पूर्व में तैनात कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधानों की वापसी** – इन प्रावधानों को हटाने से कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले कर्मचारियों को परेशानी हो रही है।

– **वेतन असमानता (2006)** – वेतनमान में असमानता से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।

– **पश्चिमी ऑफशोर में 21 दिन ON/OFF प्रणाली** – मानसून 2024 में 14 दिन ON/OFF के स्थान पर 21 दिन ON/OFF लागू किया गया था, इसे दोबारा लागू नहीं किया जाना चाहिए।

– **मुंबई ऑफशोर में स्पीड बोट से क्रू परिवर्तन** – यह तरीका कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण है।

– **ऑफशोर/ऑनशोर साइटों पर सुरक्षा उल्लंघन और दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग में कमी** – सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर्मचारियों के जीवन को खतरे में डाल रही है।

– **ONGC ऑफिसर्स एसोसिएशन (OOA) की मान्यता** – OOA को एकमात्र कार्यकारी ट्रेड यूनियन होने के बावजूद मान्यता नहीं दी जा रही है। इसे शीघ्र मान्यता दी जाए।

– **चिकित्सा प्रतिपूर्ति और सेवानिवृत्ति के बाद की चिकित्सा सुविधाएं** – हालिया नीतिगत बदलावों से कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।

– **नौकरी रोटेशन और ट्रांसफर नीति (2024 से लागू)** – इसे निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए पुनः समीक्षा की आवश्यकता है।

– **25.02.2025 के कार्यालय आदेश की समीक्षा** – ऑनशोर परिसंपत्तियों में इंस्टॉलेशन मैनेजर के लिए 14 दिन ON/OFF ड्यूटी पैटर्न समाप्त करने के आदेश की समीक्षा की जानी चाहिए।

– **कर्मचारी लाभ व्यय में कमी और PRP II (35%) का भुगतान** – ONGC ने ₹40,526 करोड़ का रिकॉर्ड लाभ अर्जित किया, जिससे वित्तीय मजबूती स्पष्ट होती है।

– **नियुक्ति और रिक्तियों की भरपाई** – ONGC में स्थायी कर्मचारियों की भर्ती और लंबित रिक्तियों को जल्द भरा जाए।

संबद्ध कॉलेजों की लंबित संबद्धता विस्तारण को लेकर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की सकारात्मक पहल

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देहरादून, निजी कॉलेज एसोसिएशन उत्तराखंड़ के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को कॉलेज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति और कुल सचिव से वार्ता की। वार्ता की जानकारी देते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों का संबद्धता नवीनीकरण पिछले कई वर्षों से रुका हुआ था जिसके कारण छात्रों को छात्रवृत्ति मिलने में समस्या आ रही थी । अब विश्वविद्यालय द्वारा सभी कॉलेजों हेतु निरीक्षण टीम बनाकर संबद्धता विस्तारण की कार्यवाही की जा रही है जो मार्च माह में पूरी हो जाएगी और सभी कॉलेजों की 2024 -25 तक की संबद्धता के प्रकरण का समाधान हो जाएगा।
वार्ता में अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल और सचिव निशांत थपलियाल द्वारा तर्क रखा गया कि संबद्धता विस्तारण की करवाई समय से की जानी चाहिए जिससे छात्रों को छात्रवृत्ति का फॉर्म भरने में समस्या का सामना न करना पड़े। इसके अतिरिक्त संबद्धता विस्तारण समय से न होने के कारण कॉलेजों की साख पर भी विपरीत असर पड़ता है, इसके साथ यह भी मांग रखी गई कि कॉलेजों के निरीक्षण टीम में स्थानीय सब्जेक्ट एक्सपर्ट को ही शामिल किया जाए जिससे कॉलेजों को अनावश्यक वित्तीय बोझ का सामना न करना पड़े ।
विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुल सचिव ने बताया कि सत्र 2024 -25 तक की संबद्धता विस्तारण का कार्य मार्च माह में ही संपन्न हो जाएगा और अप्रैल माह से सत्र 2025 -26 की संबद्धता हेतु कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी, जिससे संबद्धता विस्तारण समय से पूरा हो सके, वार्ता में बीएड कॉलेजों में इस वर्ष कम प्रवेश होने के कारण कॉलेजों को एनसीटी के नियम अनुसार अपने स्तर पर प्रवेश करने की मांग भी रखी गई ।
जिस पर कुलपति और कुल सचिव द्वारा इस संबंध में शासन के समक्ष प्रस्ताव रखने की बात की गई, वार्ता में अन्य विषयों के साथ समय से परीक्षा परीक्षा परिणाम आदि पर चर्चा की गई, जिसके कारण छात्रों को समस्या का सामना करना पड़ता है ।
एसोसियेशन को कुलपति और कुल सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया के इस संबंध में सभी व्यवस्थाएं ठीक की जा रही हैं और भविष्य में छात्रों को परीक्षा और परिणाम के संबंध में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय में सीमित संसाधनों के बावजूद श्री देव सुमन विश्वविद्यालय सबसे ज्यादा कॉलेजों को संबद्धता देने वाला विश्वविद्यालय है और विश्वविद्यालय छात्र हितो हेतु प्रतिबद्ध है। वार्ता में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल एवं सचिव निशांत थपलियाल उपस्थित थे l

संवाद तभी सत्यपूर्ण लगता है जब उसे, और वह भी केवल आवश्यक होने पर, किसी क्रिया के बाद बोला जाए : राकेश वेदा

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“एक्टिंग एंड बियोंड पुस्तक का दून पुस्तकालय में हुआ लोकार्पण”

देहरादून (वरिष्ठ संवाददाता), दून पुस्तकालय एवं शोध केंद में अभिनय की व्यवहारिक तकनीक पर आधारित सप्रसिद्ध रंगकर्मी नाट्य निर्देशक और इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिखित किताब एक्टिंग एंड बियोंड का लोकार्पण सप्रसिद्ध नाटक का लेखक राकेश, अभिनेत्री रंगकर्मी वेदा और रंगकर्मी वी के डोभाल ने संयुक्त रूप में किया ।
प्रसन्ना ने बताया कि इस पुस्तक का लेखन कुछ वर्ष पहले शुरू हुआ था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पा रही थी। इसका कारण यह था कि मैं एक ऐसी पुस्तक नहीं लिखना चाहता था जो केवल तकनीकी शब्दजाल से भरी हो। मुझे तकनीकी शब्दों से चिढ़ है। वास्तव में, पूरी दुनिया अब तकनीकी शब्दजाल में उलझ चुकी है। यह पाप करने के बाद, अब दुनिया को यह एहसास हो रहा है कि हम खुद को उस प्रौद्योगिकीय विनाश से नहीं बचा सकते जिसे जलवायु संकट कहा जाता है।
मैं रंगमंच से जुड़ा हूँ—एक ऐसा क्षेत्र जो तकनीक के ठीक विपरीत है। रंगमंच सजीव संवाद और मानवीय अभिव्यक्ति के लिए है। इस असाधारण सत्य-खोजी खेल में अभिनेता केंद्र में होता है, न कि पैसा। हम स्वचालित दुनिया के ठीक उलट हैं। लेकिन अब हमें एक तरह का बंधुआ मज़दूर बना दिया गया है, भले ही हमें अच्छा वेतन मिलता हो। हम अब एक अराजक और हिंसक डिजिटल मनोरंजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाले मज़दूर भर रह गए हैं। इस अजीब स्थिति में, यह पुस्तक अभिनेता को फिर से सच्ची अभिनय प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास करती है। सच्ची अभिनय प्रक्रिया, मैं महसूस करता हूँ, केवल अभिनेताओं के लिए ही नहीं, बल्कि नागरिकों के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। बस, दोनों इसे विपरीत दिशाओं से अपनाते हैं। अभिनेता जो एक झूठ से शुरू करते हैं, वे इसे “प्रेरित अभिनय” कहते हैं।
इप्टा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नाटककार राकेश वेदा ने कहा कि संवाद अदायगी का सत्य यह पुस्तक एक और महत्वपूर्ण विषय की वकालत करती है—संवाद अदायगी। संवाद तभी सत्यपूर्ण लगता है जब उसे, और वह भी केवल आवश्यक होने पर, किसी क्रिया के बाद बोला जाए। यह सिद्धांत सिर्फ़ अभिनेताओं पर ही नहीं, बल्कि नागरिकों पर भी लागू होता है। लेकिन आज हर कोई यूँ ही बोले जा रहा है, मानो सत्य सिर्फ़ शब्दों का खेल हो। इसका कारण यह है कि क्रिया, प्रेरणा, गतिविधि और उत्पादकता—ये सभी चीज़ें हमसे मशीनों ने छीन ली हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि अब यह मायने नहीं रखता कि बोले गए शब्द सत्य हैं, असत्य हैं, आवश्यक हैं या अनावश्यक। आज हर कोई बस एक दिखावटी प्रतिबद्धता में फंसकर कुछ भी बोल देता है, जो उस क्षण उसके मन में आता है।यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए सच है जो आध्यात्मिक और राजनीतिक नेतृत्व की स्थिति में हैं।
प्रसन्ना ने कहा कि श्रम और सच्ची क्रिया कठोर सत्य मुझे तब समझ में आया जब मैंने एक ग्राम्य हथकरघा सहकारी संस्था ‘चरखा’ में श्रम किया। वहाँ मुझे एहसास हुआ कि सच्ची क्रिया के सबसे निकट श्रम ही है। मैंने यह भी जाना कि हमारे देश की लंबी और गौरवशाली आध्यात्मिक परंपरा के मूल में श्रम ही रहा है।और इस परंपरा का अंतिम प्रतिनिधि गांधीजी थे। उन्होंने यदि चरखा को ध्यानमय क्रिया का माध्यम चुना, तो अन्य संतों ने श्रम के अलग-अलग उपकरणों को अपनाया। कुछ ने भिक्षा मांगने तक को अपनाया।
प्रसन्ना ने बताया कि इस पुस्तक का रूपांतरण में मैने इस सत्य को ठीक से कहने के लिए, महसूस किया कि पुस्तक अनुभव-आधारित होनी चाहिए। इसलिए मैंने खुद को ग्लैमर सिटी मुंबई के ‘अभिनय बस्ती’ में स्थापित किया और इस पुस्तक को वहीं केंद्रित किया। मैंने इसे एक अच्छे नीयत वाले अभिनय शिक्षक और युवाओं के एक समूह के बीच संवाद के रूप में फिर से लिखना शुरू किया। तब पुस्तक आगे बढ़ी। वहाँ मैंने खुशी भी महसूस की और दुख भी। अभिनेताओं की बस्तियों में रहना एक झकझोर देने वाला अनुभव था, लेकिन वहाँ की ऊर्जावान और संघर्षरत युवा पीढ़ी से संपर्क कर मुझे अत्यंत खुशी हुई।
ये युवा गहरे और व्यक्तिगत रूप से अपनी भावनाएँ व्यक्त करना चाहते हैं। वे अभिनेता, गायक, नर्तक, लेखक—कुछ भी बनना चाहते हैं। लेकिन उनमें एक चीज़ की कमी है—सच्ची क्रिया। और इसके लिए मैं हम, बूढ़ों को जिम्मेदार मानता हूँ।
प्रसन्ना ने कहा कि यह एक विपर्यय (पैराडॉक्स) है। हमने जीवंत रंगमंच और डिजिटल मनोरंजन के बीच का अंतर मिटा दिया। हमने इसको वह और उसको यह समझ लिया। और अब हम युवा पीढ़ी को दोष दे रहे हैं। लेकिन मुझे युवा पसंद आए। उनकी अजीब पोशाकों और व्यवहार के बावजूद, उनमें से अधिकांश सभ्य इंसान लगे। उनके अजीब फैशन और आदतें सिर्फ उनका बचकाना विरोध प्रदर्शन थीं।
मैंने खुद पाँच दशकों तक मुंबई से बचने की कोशिश की क्योंकि मैं जीवंत रंगमंच से अभिनेताओं के पलायन का विरोध कर रहा था। लेकिन अब, जब मैं खुद इस बस्ती के भीतर था, तो मैंने स्थिति को और स्पष्ट रूप से देखा।
ग्लैमर का क्रूर नियम , ये युवा शिक्षित और प्रेरित हैं। लेकिन ग्लैमर इंडस्ट्री की स्थिति को देखते हुए, इनमें से अधिकांश शीर्ष तक नहीं पहुँच पाएंगे। लेकिन हाँ, वे निश्चित रूप से नीचे तक पहुँच जाएंगे। क्योंकि ग्लैमर की दुनिया का नियम यह है कि एक सुपरस्टार बनाने के लिए लाखों ‘नॉन-स्टार्स’ का निर्माण किया जाता है। ग्लैमर लॉटरी से भी बदतर है।
अभिनेताओं, अभिनय और सत्य का यह गेटोकरण (बस्तीकरण) एक राष्ट्रीय संकट से कम नहीं है। हजारों युवा अपने घरों, यहाँ तक कि अच्छी नौकरियों को छोड़कर, इस अंधकूप में आ रहे हैं। कल्पना कीजिए! यही वे युवा हैं जिन्होंने कभी महान राष्ट्रीय नेताओं को जन्म दिया था। इन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई, हमारे वैज्ञानिक, शिक्षक, विद्वान और कलाकार दिए। सोचिए, अगर विवेकानंद या भगत सिंह किसी और परिस्थिति में मुंबई के ग्लैमर गेटो में चले जाते? हमने मुंबई का निर्माण किया। और मुंबई ने इस भयावह गेटो का निर्माण किया। हमने युवा पीढ़ी के हर पहलू का गेटोकरण कर दिया। अब कोई भी प्रकार की बयानबाज़ी—चाहे वह हिंदुत्व की हो, कट्टरपंथी इस्लाम की हो, या समाज-उत्तरदायित्व की, हमें इस अपराध से नही बचा सकती । राकेश वेदा इसका हिन्दी अनुवाद कर रहे हैं।
इसी के साथ प्रसन्ना और वेदा राकेश ने बच्चों के साथ एक्टिंग वर्कशॉप भी की , जिसमे विभिन्न स्कूलों के 200 बच्चों ने बहुत उत्साह से भाग लिया। खेल खेल में कैसे नाटक बनाते हैं बच्चों ने सीखा, उन्होंने कहा ऐसे प्रोग्राम और होने चाहिये।
कार्यक्रम का संचालन हरिओम पाली ने किया, कार्यक्रम में मेघा विल्सन, चंद्रशेखर तिवारी, इप्टा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वी के डोभाल, बीजू नेगी, दीपू सकलानी, निकोलस,अशोक अकेला, ममता कुमार, सतीश धौलाकगन्दी, धर्मानंद लखेड़ा, गर्विता, विक्रम पुंडीर, डॉ अतुल शर्मा, जगमोहन मेहंदीरत्ता, वंशिका, गौरी, नवनीत गैरोला, कैलाश कंडवाल, और स्कूल के शिक्षक और अभिभावक मौजूद रहे ।

 

दून पुस्तकालय में कलाक़ारों ने बरसाये फ़ाग गीतों के रंग

‘खेला होरी खाला होरी’, ‘घोला रंग प्रेमी रंग’, ‘ऐगे होली को त्यौहार गीतों की शानदार प्रस्तुति

 

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से सोमवार की सांय ‘फ़ाग के गीत-रंग’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संस्थान के ओपन एयर थिएटर में आयोजित इस कार्यक्रम में कुमाउनी, गढ़वाली, ब्रज व अवध अंचल में प्रचलित शास्त्रीय और लोक आधारित होली गीतों की शानदार प्रस्तुति दी गयी, आकाशवाणी के टॉप ग्रेड सितार वादक पं. रॉबिन कर्माकर के नेतृत्व में महिला गायकों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी l
होली गीतों के गायन में सुप्रसिद्ध लोक गायिका रेखा उनियाल धस्माना, पुष्पा रावत, आशा रावत, अंजू भट्ट, शिवानी कर्माकर, नीलम बिष्ट, लीला बिष्ट, मीनू नेगी, सरिता मेंदोलिया, सरिता कुलाश्री, विजया शर्मा और सुनीता बहुगुणा ने एक से बढ़कर एक सामूहिक होली गीतों की प्रस्तुति दी l
होली गीतों में ‘खेला होरी खाला होरी’, ‘घोला रंग प्रेमी रंग’, ‘ऐगे होली को त्यौहार’, ‘मन मोहन नन्द किशोर’, ‘सिर धरे मुकुट खेले होरी, ‘मेरो रंगीलो देवर घर ऐगे छौ’, ‘रंग खेलो रंग खेलो’ ‘जय बोलो गिरिजा नंदन की’,’डालयु ब्यूटीयू माँ’, ‘हर फूलों से मथुरा छायी रही’, ‘रंग बरसे मैया’,’मेरा बाजु रंगा’,’ झनकारो झनकारो’, ‘होलिया में उड़े रे ग़ुलाल’, ‘ खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर’ और ‘अहा खोल दें माता खोल भवानी’ की मनभावन प्रस्तुति दी गयी l
वादन में हारमोनियम पर पंडित रॉबिन कर्मकार, तबले पर सैकत मंडल, ढोलक पर मदन लाल चड्ढा तथा बांसुरी पर दिनेश प्रसाद ने शानदार संगत की, इस कार्यक्रम का संचालन शांति बिंजोला और रक्षा बौड़ाई ने किया l
कार्यक्रम से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के गवंर्निंग बॉडी के सदस्य और पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने सभी कलाक़ारों और उपस्थित लोगों का स्वागत किया और उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं, प्रोफे. जोशी ने कहा कि होली पर्व जहां प्रकृति और रंगों के उल्लास का पर्व है, वहीं यह पर्व सामाजिक सद्भाव, प्रेम और सामूहिकता का भी प्रतीक रहा है l
कार्यक्रम के दौरान दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, निकोलस होफलैंड, डॉ. योगेश धस्माना, सुन्दर सिंह बिष्ट,बिजू नेगी, राकेश भट्ट, हिमांशु आहूजा,, दक्ष तिवारी, हरह सनवाल, देवेंद्र कांडपाल सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध लोग, रंगकर्मी, लेखक, युवा पाठक व बच्चे उपस्थित रहे l

 

दून पुस्तकालय में कलाक़ारों ने बरसाये फ़ाग गीतों के रंग

‘खेला होरी खाला होरी’, ‘घोला रंग प्रेमी रंग’, ‘ऐगे होली को त्यौहार गीतों की शानदार प्रस्तुति

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से सोमवार की सांय ‘फ़ाग के गीत-रंग’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संस्थान के ओपन एयर थिएटर में आयोजित इस कार्यक्रम में कुमाउनी, गढ़वाली, ब्रज व अवध अंचल में प्रचलित शास्त्रीय और लोक आधारित होली गीतों की शानदार प्रस्तुति दी गयी, आकाशवाणी के टॉप ग्रेड सितार वादक पं. रॉबिन कर्माकर के नेतृत्व में महिला गायकों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी l
होली गीतों के गायन में सुप्रसिद्ध लोक गायिका रेखा उनियाल धस्माना, पुष्पा रावत, आशा रावत, अंजू भट्ट, शिवानी कर्माकर, नीलम बिष्ट, लीला बिष्ट, मीनू नेगी, सरिता मेंदोलिया, सरिता कुलाश्री, विजया शर्मा और सुनीता बहुगुणा ने एक से बढ़कर एक सामूहिक होली गीतों की प्रस्तुति दी l
होली गीतों में ‘खेला होरी खाला होरी’, ‘घोला रंग प्रेमी रंग’, ‘ऐगे होली को त्यौहार’, ‘मन मोहन नन्द किशोर’, ‘सिर धरे मुकुट खेले होरी, ‘मेरो रंगीलो देवर घर ऐगे छौ’, ‘रंग खेलो रंग खेलो’ ‘जय बोलो गिरिजा नंदन की’,’डालयु ब्यूटीयू माँ’, ‘हर फूलों से मथुरा छायी रही’, ‘रंग बरसे मैया’,’मेरा बाजु रंगा’,’ झनकारो झनकारो’, ‘होलिया में उड़े रे ग़ुलाल’, ‘ खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर’ और ‘अहा खोल दें माता खोल भवानी’ की मनभावन प्रस्तुति दी गयी l
वादन में हारमोनियम पर पंडित रॉबिन कर्मकार, तबले पर सैकत मंडल, ढोलक पर मदन लाल चड्ढा तथा बांसुरी पर दिनेश प्रसाद ने शानदार संगत की, इस कार्यक्रम का संचालन शांति बिंजोला और रक्षा बौड़ाई ने किया l
कार्यक्रम से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के गवंर्निंग बॉडी के सदस्य और पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने सभी कलाक़ारों और उपस्थित लोगों का स्वागत किया और उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं, प्रोफे. जोशी ने कहा कि होली पर्व जहां प्रकृति और रंगों के उल्लास का पर्व है, वहीं यह पर्व सामाजिक सद्भाव, प्रेम और सामूहिकता का भी प्रतीक रहा है l
कार्यक्रम के दौरान दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, निकोलस होफलैंड, डॉ. योगेश धस्माना, सुन्दर सिंह बिष्ट,बिजू नेगी, राकेश भट्ट, हिमांशु आहूजा,, दक्ष तिवारी, हरह सनवाल, देवेंद्र कांडपाल सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध लोग, रंगकर्मी, लेखक, युवा पाठक व बच्चे उपस्थित रहे lMay be an image of 9 people, flute, violin, temple, dais and text

मुख्यमंत्री ने दिए ‘फिट उत्तराखंड’ अभियान चलाने के निर्देश

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में श्फिट उत्तराखंडश् अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन को निर्देशित किया कि सभी विभागों के साथ समन्वय कर इस अभियान के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिट उत्तराखंड अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और फिटनेस के प्रति जागरूक करना है, जिससे वे स्वस्थ जीवनश्ौली अपना सकें। इस अभियान में श्ौक्षणिक संस्थानों, सरकारी और गैर—सरकारी संगठनों को भी शामिल किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फिट उत्तराखंड अभियान के तहत योग, व्यायाम और स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, स्कूल और कॉलेजों में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि युवा पीढ़ी शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मोटापा कम करने के लिए जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपने खान—पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और खाने में तेल का उपयोग कम करने की आदत डालनी चाहिए। श्फिट उत्तराखंडश् अभियान के माध्यम से इस संदेश को प्रदेशभर में प्रसारित किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि फिट उत्तराखंड अभियान का संदेश प्रदेश के हर नागरिक तक पहुंचे। इस अभियान के तहत विभिन्न माध्यमों से प्रचार—प्रसार किया जाएगा, जिससे आमजन अपनी दिनचर्या में फिटनेस को शामिल करने के लिए प्रेरित हों।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में की गंगा आरती, प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि की कामना

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देहरादून, । प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2025 में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा आरती कर मां गंगा से प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। मंत्री गणेश जोशी ने 50 से अधिक देशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों से आए योग प्रेमियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है। उन्होंने योग को न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड योग और अध्यात्म की भूमि है, और इस तरह के आयोजन प्रदेश की संस्कृति और विरासत को और मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह मानसिक, शारीरिक और आत्मिक उन्नति का मार्ग भी है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
इस कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती सहित देश-विदेश से आए अनेक श्रद्धालु व पर्यटक उपस्थित रहे।