देहरादून, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रोडवेज परिषद कार्यालय गांधी रोड में राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रान्तीय चुनाव चुनाव अधिकारी रामचन्द्र रतूड़ी एवं रमेश चन्द बिंजौला की अध्यक्षता में करायें गये।
चुनाव प्रारम्भ होने से पूर्व पूर्व कोषाध्यक्ष मेजपाल सिंह द्वारा आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया जिसे सर्व सहमति से अनुमोदन किया गया। इसके बाद हुए चुनाव में दिनेश पन्त परिवहन निगम अध्यक्ष, राजेश रमौला गढ़वाल मंडल विकास निगम कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए।
जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय बेलवाल व कैलाश पैन्यूली जल निगम को चुना गया। महासचिव पद पर श्याम सिंह नेगी जल संस्थान, उप महासचिव शिशुपाल सिंह रावत जल संस्थान व अरविन्द सिंह नेगी कुमाऊं मंडल विकास निगम, संगठन सचिव ओमप्रकाश भट्ट गढ़वाल मंडल विकास निगम व गौरव बड़थ्वाल जल निगम, अनुराग नौटियाल परिवहन निगम को चुना गया।
इसके अलावा प्रचार सचिव दिनेश थपलियाल वन, नन्द किशोर तिवारी जल संस्थान, बुद्धि सिंह चौहान गढ़वाल मंडल विकास निगम, संयुक्त सचिव त्रिपुरेश श्रीवास्तव वन निगम, बीएम जुयाल गढ़वाल मंडल विकास निगम, जीवानन्द भट्ट जल संस्थान, कोषाध्रक्ष मेजपाल सिंह परिवहन निगम चुनें गए। वहीं मीडिया प्रभारी संदीप मल्होत्रा जल संस्थान, संरक्षक बीएस वन निगम रावत, दिनेश गौसाई, परिवहन निगम, विधि सलाहकार रामचन्द्र रतूड़ी परिवहन निगम व रमेश बिंजौला,जल संस्थान मुख्य सलाहकार विजय खाली जल निगम व टीएस बिष्ट वन निगम रामचन्द्र सेमवाल जल संस्थान को चुना गया। उपरोक्त पदों की घोषणा चुनाव अधिकारी आरसी रतूड़ी द्वारा की गयी। इस दौरान संगठन के सदस्य मौजूद रहे।
महासंघ के प्रान्तीय चुनाव में दिनेश पन्त परिवहन निगम अध्यक्ष, राजेश रमौला जीएमवीएन के कार्यकारी अध्यक्ष बनें
फूलदेई संग्राद कार्यक्रम आयोजित, बिसरी संस्कृति को पुनर्स्थापित किया जाना है ‘फूलदेई’
देहरादून, अपनी परम्पराओं अपनी संस्कृति के पुनरुद्धार हेतू संकल्पित अनेक वर्षों से भगवान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तरकाशी में शुरू की गयी एक पहल जिसका उदेश्य भूली बिसरी संस्कृति को पुनर्स्थापित किया जाना है, फूलदेई ।
इस माध्यम से युवाओं और समाज को नई दिशा और दशा देने के लिए यह कार्य सामूहिक रूप से भगवान श्री काशी विश्वनाथ जी की प्रेरणा से महंत अजय पुरी के नेतृत्व में संरक्षित और संवर्धित किया जा रहा है जिसमें फूलदेई संग्राद कार्यक्रम, चैत्र कृष्ण पक्ष में आरंभ किया जाता है जो कि आगामी आठ दिन तक चलता है और इस में श्री काशी विश्वनाथ गुरुकुलम के विद्यालयी छात्र छात्राएँ प्रतिदिन मंदिर परिसर की समस्त देहरी पर पुष्प अर्पित करते हैं । इस पहल का प्रयास रहता है हिमालयी पुष्पों को प्रोत्साहन देना जिसमें फ़्योंली और बुरांस के पुष्पों को प्राथमिकता दी जाती है ,ताकि हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों और श्रोतों के बारे भी ज्ञान हो सके । इसमें प्रतिदिन नगर क्षेत्र के प्रशासनिक उच्चाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के यहाँ भी पुष्प अर्पित किए जाते हैं । जिससे फ़ुल्यारों को अधिकारियों और जन सेवकों से कुछ शिक्षा और प्रेरणा प्राप्त हो सके ।
इस अवसर पर आज विधायक सुरेश चौहान के आवास पर पुष्प अर्पित किए गए तथा विधायक द्वारा सभी छात्र छात्राओं को बधाई दी गई एवं पुरस्कार भेंट किए गए तथा उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाए दी गई।
इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ गुरुकुलम समन्वयक पारस कोटनाला, अंकित ममगाईं, श्रीयम डंग,मोहन डबराल,जमुना उनियाल ,सुरेंद्र गंगाडी, रमेश चौहान ,गौरव रावत ,सौरभ रावत, संयम बिष्ट आदि उपस्थित रहे।
डीएम 19 मार्च को हनोल रात्रि प्रवास पर रहेंगे, सुनेगे स्थानीय लोगों के सुझाव
-हनोल मास्टर प्लान पर स्थानिकों, पुरोहितों के साथ मन्दिर परिसर में ही किया जाएगा विमर्श
देहरादून, जिलाधिकारी सविन बसंल 19 मार्च को हनोल रात्रि प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान हनोल मंदिर परिसर में स्थानिकों, पुरोहितों के साथ मन्दिर के मास्टर प्लान, विस्तारीकरण के सम्बन्ध में स्थानिकों के हित एवं सुझाव आदि समुचित विषय पर विमर्श किया जाएगा।
जौनसार बावर क्षेत्र के हनोल में महासू देवता के धाम को सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए आईएनआई डिजाइन कंपनी के माध्यम से टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लान तैयार किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने आईएनआई डिजाइन कंसलटेंट और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि हनोल क्षेत्र में हर दिन बढ़ रही श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप सम्पूर्ण टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लान तैयार किया जाए। ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अच्छी सुविधा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक अवसर मिल सके।
जिलाधिकारी ने आईएनआई डिजाइन कंस्लटेंट को निर्देशित किया कि हनोल के लिए प्रस्तावित टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लान में सीवरेज और वाटर सप्लाई को भी शामिल किया जाए और फ्लोटिंग पॉपुलेशन (अस्थायी आबादी) का विस्तृत सर्वेक्षण करते हुए हनोल क्षेत्र के सुनियोजित विकास हेतु टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लान बनाकर फिर से प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने कहा कि हनोल तक आने जाने वाले सभी सहायक सड़क मार्गाे का चौडीकरण और विस्तारीकरण को भी योजना में जोड़ा जाए।
टोंस नदी किनारे घाट तक एप्रोच रोड़ रखी जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि महासू देवता धाम में निर्मित होने वाली दुकानों में से 50 प्रतिशत दुकानें स्थानीय उत्पादों के विक्रय हेतु स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जाएंगी।
नब्बे फीट ऊंचे ध्वजदण्ड को कंधों पर उठाकर जयकारों के साथ श्री दरबार साहिब पहुंची संगतें
-नए ध्वजदण्ड का परंपरा के अनुसार विधि विधान से हुआ पूजन
देहरादून, श्री गुरु राम राय जी महाराज व श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के जयकारों के साथ 90 फीट ऊंचे नए ध्वजदण्ड (नए श्री झण्डे जी) को श्री दरबार साहिब लाया गया। रविवार को देश विदेश से हज़ारों की संख्या में आई संगतें इस पावन बेला का साक्षी बनीं। रविवार सुबह 6ः30 बजे संगतों के श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बाॅम्बे बाग पहुंचने का क्रम शुरू हुआ। वहां पर दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के सज्जादेगद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगत को दर्शन दिए व आशीर्वाद दिया। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुवाई में संगतों ने अरदास पढ़ी व सुबह 8ः00 बजे संगतों ने नए ध्वजदण्ड को अपने कंधों पर उठाकर श्री दरबार साहिब के लिए प्रस्थान किया। श्री दरबार साहिब परिसर में पहुंचते ही संगतों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर जमकर नृत्य किया।
रविवार सुबह पथरी बाग क्षेत्र का नज़ारा पूरी तरह भक्तिमय नज़र आया। श्रद्धा, उमंग, उल्लास व गुरु भक्ति के बीच श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बाॅम्बे बाग के प्रांगण में जैसे ही संगतों ने नए पवित्र ध्वजदण्ड को अपने कंधों पर उठाया, पूरा क्षेत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज, श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज व श्री झण्डे जी के जयकारों से गूंज उठा। श्री गुरु राम राय पब्ल्कि स्कूल बाम्बे बाग से टीएचडीसी चैक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सामने से होते हुए संगतें पवित्र ध्वजदण्ड को लेकर लाल पुल चैक पर पहुंचीें। वहां से मातावाला बाग, सहारनपुर चैक होते हुए संगतें नए ध्वज दण्ड को लेकर सुबह 9ः30 बजे श्री दरबार साहिब पहुुंची। जिन रास्तों से संगतें नए पवित्र ध्वजदण्ड को लेकर गुजरीं, उन रास्तों पर दूनवासी श्रद्धाभाव के साथ स्वागत के लिए पुष्प लिए खड़े रहे।
हज़ारों दूनवासी सुबह से ही इस अद्भुत बेला का साक्षी बनने के लिए पलके पावड़े बिछाए इंतजार करते रहे। जहां-जहां से संगत नए झण्डे जी (पवित्र ध्वज दण्ड) को लेकर आगे बढ़तीं, श्रद्धपूर्वक शीश झुक जाते, दूनवासी पुष्पवर्षा करते हुए जोरदार जयकारों के साथ संगत का स्वागत करते गए । दूनवासियों ने गुरु महिमा की पावन सरोवर में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। रास्ते भर दूनवासियों ने संगत का व नए पवित्र ध्वजदण्ड का फूलों की बारिश के साथ जोरदार स्वागत किया। जहां जहां से संगत गुजरती दूनवासी उनका अभिवादन करते व श्री गुरु महाराज के जयकारे लगाते। रास्ते में जगह-जगह पर संगत के स्वागत के लिए शबील, पानी, फल आदि लंगर की व्यवस्था की गई थी।
काबिलेगौर है कि साल के पेड़ की लकड़ी को नए श्री झण्डे जी के लिए तैयार किया गया है। पिछले करीब दो महीने से श्री झण्डे जी के नए ध्वजदण्ड को तैयार करने में कई कारीगर लगे हुए थे। ऐतिहासिक श्री झण्डे जी मेले की तैयारियों के मद््देनज़र श्री दरबार साहिब में संगतों के पहुंचने का क्रम तेज़ हो गया है। इस वर्ष नए श्री झण्डे जी चढ़ाए जाएंगे, शनिवार देर शाम से ही श्री दरबार साहिब परिसर में विशेष चहल पहल शुरू हो गई थी। पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा,हिमाचल उत्तराखण्ड सहित आसपास के राज्यों से हज़ारों की संख्या में संगतें शनिवार शाम को श्री दरबार साहिब पहुंच गई थी।
दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुवाई मंे संगतों ने रविवार सुबह 6ः00 बजे श्री दरबार साहिब परिसर से जयकारे लगाते हुए प्रस्थान किया। ढोल नगाड़ों व वाद्य यन्त्रों की धुनों पर संगतें श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लगाती जिससे पूरी दून घाटी गुरुमई हो गई।
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि श्री झण्डा महोत्सव प्रेम, स्नेह सद्भाव, भाईचारा, मानवता, श्रद्धाभाव व आस्था से ओतप्रोत मेला है। इस मेले में सभी धर्मों से जुड़े लोग श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री झण्डे जी मेले को पूरी आस्था व श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाएगा।
19 मार्च को ऐतिहासिक श्री झण्डे जी का होगा आरोहण :
इसी के साथ श्री झण्डा महोत्सव का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में 19 मार्च को 90 फीट ऊंचे श्री झण्डे जी का अरोहण किया जाएगा। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन का अनुमान है कि इस पावन बेला का साक्षी बनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्री दरबार साहिब पहुंचने वाले हैं। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन, श्री झण्डा मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने जानकारी दी कि दरबार साहिब प्रबन्धन की ओर से संगतों के ठहरने की समुचित व्यवस्था कर ली गई है।
श्री गुरु राम राय राय पब्लिक स्कूल बिंदाल, श्री गुरु राम राय राय पब्लिक स्कूल तालाब, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल राजा रोड, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल भण्डारी बाग, श्री गुरु राम राय राय पब्लिक स्कूल पटेल नगर सहित दून की सभी प्रमुख धर्मशालाओं में संगतांे के ठहरने की व्यवस्था की गई है। एक दर्जन छोटे बड़े लंगरांे की भी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा व्यवस्था व स्वास्थ्य व्यवस्था के अन्तर्गत जल्द ही मेला थाना व मेला अस्पताल शुरू हो जाएगा।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया अपने पदों से दिया इस्तीफा
देहरादून, बीते फरवरी माह में उत्तराखंड़ विधान सभा सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ियों के लिये कहे गये अपशब्दों ने राजनैतिक गलियारों में हचचल मचा रखी थी जिसका नतीजा यह हुआ कि चारों तरफ से घिरते प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, आपको मालूम हो कि बजट सत्र के दौरान दिए उनके विवादित बयान को लेकर सूबे में भारी नाराजगी के साथ हर तरफ उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे और आखिरकार उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफा का ऐलान कर दिया l विवादास्पद बयानों में घिरे प्रेमचंद अग्रवाल की इस्तीफे की लगॎतार मांग हो रही थी, आज ही मुजफ्फरनगर के शहीद स्मारक पहुंचकर राज्य आंदोलनकारियों को नमन भी किया था, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि वो कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं और आखिरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया है l
*क्या था विवाद :*
बीते माह 21 फरवरी 2025 को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में विवादास्पद बयान दिया था, जिसे लेकर सदन के भीतर और बाहर जमकर बवाल हुआ था. जबकि, 22 फरवरी को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मंत्री अग्रवाल से माफी मांगने की मांग को लेकर खूब तेवर दिखाए वहीं बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने तो सदन में कागज फाड़ दिया था, साथ ही अपनी सीट से भी उठ गए थे, जबकि विवाद ने तूल पकड़ा तो प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद जताया, लेकिन विवाद नहीं थमा. प्रदेशभर में उनके खिलाफ माहौल बना और जगह-जगह प्रदर्शन हुए. इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मां गंगा की तट पर पहुंचकर माफी भी मांगी थी, उनके बयान के विरोध में गैरसैंण में पहाड़ी स्वाभिमान रैली का भी आयोजन किया गया था l
*चेहरे के भाव संभाले नहीं संभल रहे थे :*
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज पत्रकार वार्ता में अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने प्रेसवार्ता में गिने चुने शब्दों में इसकी जानकारी दी और बताया कि वे अपना इस्तीफा सौंपने सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास जा रहे हैं। प्रेस वार्ता के उनके चेहरे के भाव संभाले नहीं संभल रहे थे।
उन्होंने कहा कि मेरी बात को जिस तरह से तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत किया गया उससे वे बहुत आहत है। उन्होंने मोदी को भी प्रदेश के विकास का श्रेय दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का किया शुभारंभ
– मेले को वर्ष भर चलाने के लिए संकल्पित है राज्य सरकार : मुख्यमंत्री
– जनपद चंपावत संस्कृति,आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का है संगम
– नीतियों और निर्णयों के माध्यम से पर्यटन व रोजगार को बढ़ाने हेतु किए जा रहे ठोस कार्यः मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ठूलीगाड़, टनकपुर (चम्पावत) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेला – 2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने मां पूर्णागिरी को नमन करते हुए प्रदेश में समृद्धि, तरक्की और शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान संपूर्ण पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में भीड़ व आपदा प्रबंधन की दृष्टि से स्मार्ट कंट्रोल रूम व सीसीटीवी निगरानी तंत्र ठुलीगाड़ में स्थापित किए जाने। पूर्णागिरि मेले हेतु सेलागाढ़ में बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन बनाए जाने (जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी व पुलिस के साथ ही चिकित्सकों को एक साथ एक स्थान पर कार्य करने की सुविधा मिलेगी)। पूर्णागिरि क्षेत्र में लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाई जाने एवं पूर्णागिरि क्षेत्र में ठुलीगाड़, बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इन घोषणाओं के माध्यम में इस क्षेत्र में विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि को देवी- देवताओं का भूमि बताते हुए कहा कि प्रदेश के कण-कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने कहा माँ पूर्णागिरि धाम, उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। उन्होंने कहा वो हमेशा अन्य लोगों को भी धार्मिक यात्रा के लिए माँ पूर्णागिरि आने हेतु आग्रह करते हैं। कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने के लिए संकल्पित है। जिसके लिए पूर्णागिरि धाम में स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जा रहा है। आगामी वर्षों में यह स्थान और भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप लेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से चम्पावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के साथ यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव भी लेना चाहिए। राज्य सरकार माँ पूर्णागिरि धाम के विकास के लिए सतत प्रयासरत है और आने वाले समय में इसे एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी। चम्पावत में 11 से बढ़ाकर 13 मल्टी-लेवल पार्किंग को स्वीकृति दी गई है, जिससे यातायात प्रबंधन सुगम होगा।टनकपुर में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आईएसबीटी को विकसित किया जा रहा है।मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊँ के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और उनके रास्तों का चौड़ीकरण कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में अधिक सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि क्षेत्र में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं। माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य भी जारी है, जिससे यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा पूर्णागिरि धाम के आसपास स्थित सभी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार इस सर्किट को सफल बनाने के लिए जिले में बेहतर सड़क संपर्क, संचार व्यवस्था, पर्यटक सुविधाओं और आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इस पहल का उद्देश्य माँ पूर्णागिरि धाम की यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाना एवं चम्पावत जिले में पर्यटन को नया आयाम देना है। जिसके निर्माण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सालभर आकर्षित किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट उत्तराखंड को धार्मिक एवं पर्यटन के नए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। सरकार इसके लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और शीघ्र ही इस पर अमल शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा चंपावत को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित व अग्रणी जिला बनाने का कार्य किया जा रहा है। कनेक्टिविटी तथा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य किया जा रहे हैं। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस का संचालन चंपावत में शुरू हो गया है। जिले के सभी विद्यालयों व महाविद्यालय का जीर्णोद्धार का कार्य भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत में 55 करोड़ की धनराशि से साइंस सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। जिससे सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान व तकनीकी और नवाचार हेतु प्रेरणा मिलेगी। चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। 16 करोड़ की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का नया भवन बनकर तैयार हो गया है।जिला चिकित्सालय में 20 करोड़ की लागत से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक तथा टनकपुर में 15 करोड़ की लागत से 50 बेड वाले आयुष अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। 28 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड नर्सिंग संस्थान के भवन निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार चंपावत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही अपनी नीतियों और निर्णय के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहित करने व रोजगार के अवसरों को बढ़ाने हेतु ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने कहा आने वाले 25 सालों बाद मां पूर्णागिरि धाम में आज की अपेक्षा कई गुना ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे। उस समय को ध्यान में रखते हुए सभी से इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत 2047 का संकल्प रखा है। टनकपुर में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताओं से राफ्टिंग को निश्चित तौर पर पंख लगेंगे। बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग यहां राफ्टिंग के लिए आएंगे। उन्होंने कहा श्यामलाताल झील के विकास के लिए 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस क्षेत्र को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने मेला समिति को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह मेला हमारी प्राथमिकता में है। मेले में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को आतिथ्य प्रदान करना ,अच्छी सुविधा व स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो यह हमारा कर्तव्य है। ताकि प्रत्येक वर्ष मेले में आने वाले श्रद्धालु अपना अच्छा अनुभव लेकर जाएं और मेले के अच्छे अनुभव लोगों को साझा कर अन्य लोगों को भी मेले में आने के लिए प्रेरित करें।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, विधायक प्रतिनिधि टनकपुर दीपक रजवार, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेखा देवी, प्र० जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
प्रकृति से बच्चों को जोड़ने लिए धाद का फूलदेई शुरू, प्रदेशभर से जुड़ेंगे 10 हजार छात्र-छात्राएं
-एक महीने तक चलने वाले इस पर्व का दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में लोकगायक नरेंद्र सिह नेगी ने किया उद्घाटन
-प्रकृति, संस्कृति और सृजन के साथ जुड़े इस आयोजन में दिखा छात्र-छात्राओं का उत्साह, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को नवाजा
देहरादून, प्रकृति का संदेश देते हुए धाद संस्था एक महीने तक चलने वाला फूलदेई प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों के 10 हजार छात्र-छात्राओं के साथ मनाएगी। एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन की शुरूआत शनिवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में मुख्य अतिथि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने किया। उन्होंने जहां बच्चों को तीज त्योहार और परंपरा को जानने और इसे आगे बढ़ाने का माध्यम बताया वहीं चित्रकला प्रतियोगिता में उकृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजेताओं को पुरस्कृत भी किया।
शनिवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में हिम ज्योति स्कूल, रैफल होम, एन मेरी, सेंट जोजेफ्स एकेडमी, सेंट थॉमस कॉलेज, दून इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञानंदा समेत 12 से अधिक स्कूलों के 70 छात्र-छात्राओं ने यहां देहरी पर फूल डाले।
इसके बाद कार्यक्रम संयोजक कल्पना बहुगुणा एवं मेघा के निर्देशन में चित्रकला प्रतियोगिता में प्रकृति का संदेश और लोकपर्व फूलदेई पर आधारित चित्र बनाकर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। छात्रों ने चित्रकला, कविता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही इस महीने में पर्यावरण के प्रति अन्य लोगों को भी जागरूक करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी रहे। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र का प्रमुख त्योहार मनाने का संकल्प लेने वाली धाद संस्था का कार्य सराहनीय रहा है। यह ऐसा त्याेहार है, जिसे बच्चे मनाते हैं। बच्चों को भी फूल की उपमा दी गई है। जिस तरह बच्चों का जीवन खिलता है उसी तरह इस मौसम में फूल भी खिलते हैं। आज हमने पहाड़ की जमीन भले ही छोड़ दी हो लेकिन, अपनी परम्परा, त्योहार नहीं छोड़े। इन्हें जीवित रखें और उन्हें आगे बढ़ते रहें। यह कार्य बच्चे बेहतर कर सकते हैं। आजकल के बच्चों पर पढ़ाई का बोझ अधिक रहता है लेकिन, इसमें से कुछ समय अपने लोकपर्व लिए देंगे तो पहाड़ की परंपरा जीवित रहेगी। इस दौरान उन्होंने सारी डांड्यों मां भी फ्यूंली फ्यूंली गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। मांगल डॉट कॉम के विजय भट्ट ने कहा कि पिताजी आर्मी में थे इसलिए ज्यादातर उत्तराखंड से बाहर ही रहे। पिछले 15 वर्षों के वापस उत्तराखंड आकर अपनी संस्कृति के लिए काम करने का प्रयास किया है। कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से आत्मीयता मिलती है। कोना कक्षा के मुख्य संयोजक गणेश उनियाल ने एक माह तक चलने वाले अभियान की रूपरेखा रखी। अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष दुर्गेश नौटियाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए सभी से उत्तराखंड के तीज त्यौहारों और संस्कृति के लिए बढ चढ कर काम करने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन शुभम शर्मा ने किया। शांति बिंजोला और सुनीता बहुगुणा ने ढोल दमाऊ के साथ फुलारियों का साथ दिया। इस मौके पर साकेत रावत, बृजमोहन उनियाल, डॉ विद्या सिंह, कमला कठैत, बबीता जोशी, देवेंद्र कांडपाल, नरेंद्र रावत, हिमांशु आहूजा, आशा पैनुली, वीरेंद्र खंडूरी, नीना रावत अनिमेष, राजीव पांथरी आदि मौजूद रहे।
बच्चों ने नृत्य, गायन में भी दिखाया उत्साह :
कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गीत, कविता के जरिए अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। हिम ज्योति स्कूल की छात्राओं ने वंदना, ओजस्वी देशमुख ने कविता, वैष्णवी ने नृत्य, वारेनियम ने गीत और नृत्य से सभी की मंत्रमुग्ध किया।
10 हजार बच्चों के साथ फूलदेई मनाने का लक्ष्य :
धाद के सचिव तन्मय ममगाईं ने बताया कि उत्तराखंड के 10 हजार बच्चों के साथ फूलदेई मनाने का लक्ष्य है। इसके तहत विभिन्न स्कूलों में जाकर रचनात्मक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कहा कि कहीं न कहीं हमारे जीवन के साथ प्रकृति जुड़ी है। इसलिए इसकी महत्ता को समझना भी जरूरी है। बच्चों को अपनी परंपरा लोकपर्व के प्रति जागरूक करेंगे तो आने वाले समय में हमारे लोकपर्व और भी भव्य रूप से मनाएं जाएंगे।
फूलों को देहरी में डालकर आशीर्वाद देता है बच्चों का निर्मल मन :
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने फूलदेई का सांस्कृतिक पक्ष बताया। उन्होंने कहा कि हम प्राकृतिक के बीच में रहते हैं। प्रकृति भी हमारे जीवन के साथ जुड़ी है। बच्चों का निर्मल मन फूलों को देहरी में डालकर हमें आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने बच्चों को भी पौधे लगाने को प्रेरित किया। साथ ही फ्यूंली की कथा के बारे में बताया। कहा कि पुस्तकालय में बीते आठ महीने से बाल अनुभाग में होने वाले कार्यक्रम में बच्चे उत्साह दिखाते हैं।
प्रतियोगिता के विजेताओं को नवाजा :
कार्यक्रम के समापन पर चित्रकला प्रतियोगिता के परिणाम जारी हुए। जिसमें टाप 10 स्कूलों के प्रतिभागियों को विजेता के रूप में चिह्नित किया गया। काव्या जोशी एन मेरी स्कूल, साक्षी कार्की व आरुषि हिम ज्योति स्कूल, अपर्णा सेमवाल दून इंटरनेशनल स्कूल, धानवी ग्राफिक ऐरा ग्लोबल स्कूल, अर्तिका राव माउंट लिटरा जी स्कूल, तिया रेनला जमेर ग्रेस एकेडमी व सागरिका ज्ञानंदा स्कूल विजेता रहे। मुख्य अतिथि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
एक महीने तक चलता है बाल रचनात्मकता का पर्व:
फूलदेई में बच्चे घरों की दहलीज पर फूल डालकर वसंत का स्वागत करते हैं। धाद ने उत्तराखंड के लोकपर्वों को लेकर अलग अलग सामाजिक पहल की है जिसके अंतर्गत धाद उत्तराखंड के लोकपर्व फूलदेई के साथ हर वर्ष एक महीने बाल रचनात्मकता का पर्व आयोजित कर रहा है।
इस दौरान कोना कक्षा का-धाद के साथ जुड़े हुए स्कूल ड्राइंग, पेंटिंग, कहानी, कविता और अलग-अलग सांस्कृतिक आयोजन होंगे। ऐसा करने के लिए सभी स्कूलों को फूलदेई शीट और टाफियां भेजी गई हैं। बच्चों को प्रतिभाग सर्टिफिकेट और श्रेष्ठ प्रविष्टि इनाम दिए जाएंगे। 14 अप्रैल तक उत्तराखंड के विभिन्न स्कूलों में फूलदेई रचनात्मक प्रतियोगिता चलेगी।
कश्मीरी संत-कवियित्री लल देद के वाख़ दून पुस्तकालय में गूंजे
देहरादून, कश्मीरी संत-कवियित्री लल देद पर दून पुस्तकालय के सभागार में एक विशेष आयोजन किया गया, इसमें कवियत्री लल देद के जीवन और कालजयी शब्दों पर एकल अभिनय (एकांकी) द्वारा शर्मिष्ठा ने शानदार प्रस्तुति दी, उल्लेखनीय है कि पूर्व में इनकी एक काव्य संग्रह पुस्तक ‘एक हलफनामा’ का लोकार्पण भी 24 दिसंबर 2024 को इसी परिसर में हुआ था। लल देद के काव्य वचनों को कश्मीरी के साथ-साथ हिंदी में प्रस्तुत कर प्रस्तुतकर्ता दर्शकों को एक भावपूर्ण यात्रा पर ले गईं।
उल्लेखनीय है कि 14वीं शताब्दी की कश्मीरी कवयित्री लाल देद, को लल्लेश्वरी या लल्ला के नाम से भी जाना जाता है. यह एक प्रसिद्ध रहस्यवादी व संत थीं, जिन्होंने अपनी कविताओं (वाख) के माध्यम से कश्मीरी साहित्य में अमूल्य योगदान दिया, उनकी कविताओं में शिव भक्ति और रहस्यवाद के विचार दिखाई देते हैं l
लाल देद ने ईश्वर की खोज में सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती भी दी और उनकी कविताएँ धार्मिक और सामाजिक बाधाओं को पार करती हैं l कश्मीर में उन्हें लगभग सात शताब्दियों से हिंदुओं व मुसलमानों दोनों द्वारा बराबर सम्मान दिया जाता रहा है,
लल देद कश्मीरी भाषा की सबसे शुरुआती और सबसे प्रसिद्ध कवयित्री के रूप में जानी जाती रही हैं l
शर्मिंष्ठा के एकल अभिनय के बाद इस विषय पर एक सार्थक चर्चा भी हुई, बातचीत का संचालन मनोज बर्थवाल ने किया। इस विशेष प्रस्तुति और चर्चा से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। मंच संचालन शेहान द्वारा किया गया।
कार्यक्रम से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने शर्मिंष्ठा व उपस्थित लोगों का स्वागत व अभिनंदन किया, प्रस्तुति के दौरान निकोलस हॉफलैंड, के बी नैथानी, प्रहलाद सिंह, डॉ अतुल शर्मा, गीता गैरोला, मनमोहन सिंह चौहान, शैलेन्द्र नौटियाल,, सुंदर सिंह बिष्ट, अरुण कुमार असफल, मेघा विलसन, मधन सिंह बिष्ट,आलोक सरीन,रेखा शर्मा, रंगकर्मी, लेखक,साहित्य प्रेमी, पाठक सहित शहर के कई प्रबुद्ध लोग उपस्थित रहे ।
सख्त भू-क़ानून लागू हुआ नहीं और प्रचार पर किए जा रहे करोड़ों रुपए खर्च
“मोहित डिमरी ने नगर निगम के मेयर पर लगाए आरोप”
देहरादून, मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने देहरादून नगर निगम के मेयर सौरभ थपलियाल पर आक्षेप लगाते हुए कहा कि वह देहरादून नगर निगम के फंड और जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग पार्टी प्रचार के लिए कर रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड में सख्त भू कानून पारित करने पर मुख्यमंत्री धामी का आभार करते हुए लाखों रुपए के होर्डिंग पूरे देहरादून शहर में लगा रखें हैं।
मोहित डिमरी ने कहा जब देहरादून में कोई भू कानून लागू ही नहीं होता है, तब सौरभ थपलियाल जनता के टैक्स का लाखों रुपए पार्टी प्रचार पर खर्च रहे हैं। वह देहरादून नगर निगम की साफ सफाई, ट्रैफिक व्यवस्था, सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइट, नालियों की सफाई, ट्रैफिक लाइट आदि पर काम करें, जिसके लिए उन्हें मेयर चुना गया है।
संघर्ष समिति की टीम उनके कामों पर नजर रखेगी, अगर वो देहरादून शहर की व्यवस्थाओं को सही करने का काम नहीं करते दिखेंगे तो संघर्ष समिति की टीम उनके खिलाफ सड़कों पर उतरेगी। वह देहरादून शहर पर ध्यान दें और जनता के टैक्स का पैसा अपनी पार्टी के प्रचार में ना बर्बाद करें।
प्रदेश में अब कोई भी सॉफ्टवेयर और ऐप बनाने से पहले आईटीडीए की अनुमति लेना अनिवार्य
देहरादून, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी सरकारी विभाग यदि कोई नया सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप विकसित कराना चाहते हैं, तो उन्हें पहले आईटीडीए की तकनीकी टीम से अनुमोदन लेना होगा इसके बाद ही वे इसे बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे। उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, अब प्रदेश के किसी भी सरकारी विभाग का सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप बनाने से पहले सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की अनुमति अनिवार्य होगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी विभागाध्यक्षों को इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
पिछले साल उत्तराखंड में हुए बड़े साइबर हमले के बाद सरकार ने विभिन्न विभागों की वेबसाइटों, मोबाइल ऐप और सॉफ्टवेयर का विस्तृत विश्लेषण किया। इस दौरान आईटीडीए की टीम ने पाया कि कई विभागों ने एप्लीकेशन विकसित करने के दौरान सिक्योर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट गाइडलाइंस (Secure Software Development Guidelines) और जीआईजीडब्ल्यू (GIGW) गाइडलाइंस का पालन नहीं किया। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि अधिकांश एप्लीकेशन बनाने वाली फर्में अब अस्तित्व में नहीं हैं और विभागों के पास उनके सोर्स कोड (Source Code) की कोई जानकारी नहीं है, इस वजह से इन एप्लीकेशनों का सिक्योरिटी ऑडिट भी संभव नहीं हो पा रहा है, जिससे साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीडीए की मंजूरी के बिना कोई भी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन न तो बनाया जाएगा और न ही उसे किसी सर्वर पर होस्ट किया जा सकेगा। यह कदम प्रदेश में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने और भविष्य में किसी भी संभावित साइबर हमले से बचाव के लिए उठाया गया है। पिछले साल साइबर हमले के बाद से प्रदेश में कई सरकारी वेबसाइटें अब भी ठप पड़ी हुई हैं, इन वेबसाइटों को बनाने वाली कंपनियों का कोई पता नहीं है और न ही उनके सोर्स कोड उपलब्ध हैं, इससे इनका सिक्योरिटी ऑडिट कर पाना भी मुश्किल हो गया है।
आईटीडीए ने स्पष्ट किया है कि जब तक इन वेबसाइटों की सुरक्षा की पूरी जांच नहीं हो जाती तब तक इन्हें होस्टिंग सेवा प्रदान नहीं की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि भविष्य में कोई भी साइबर हमला विभागों की कार्यप्रणाली को बाधित न कर सके।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यह भी कहा कि कई विभाग कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का उपयोग करके बैंकों या अन्य संस्थानों से मुफ्त में सॉफ्टवेयर विकसित करवाते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया साइबर सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सरकार ने निर्देश दिया है कि इस प्रकार विकसित किए गए सभी सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड (Source Code) और अन्य तकनीकी जानकारी विभागों के पास सुरक्षित रखी जाए। इसके अलावा भविष्य में यदि कोई विभाग बाहरी एजेंसी से सॉफ्टवेयर बनवाता है, तो उसे पहले आईटीडीए की मंजूरी लेनी होगी।
सूचीबद्ध क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर पर ही होस्ट करें :
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के सभी सरकारी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन केवल स्टेट डाटा सेंटर (State Data Center) या सरकार द्वारा सूचीबद्ध क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर पर ही होस्ट किए जाएं। यदि कोई विभाग किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर अपने डेटा को होस्ट करता है, तो उसे पहले आईटीडीए से अनुमति लेनी होगी, यदि बिना अनुमति के कोई विभाग ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है और विभाग स्वयं किसी भी डेटा लीक या साइबर हमले की स्थिति में जिम्मेदार होगा।
आईटीडीए की इस सख्त नीति से प्रदेश की साइबर सुरक्षा मजबूत होगी और सरकारी डेटा को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। अब किसी भी सरकारी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन को विकसित करने से पहले सिक्योरिटी ऑडिट और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा, साथ ही विभागों को अपने सॉफ्टवेयर को विकसित करने वाली एजेंसियों की पूरी जानकारी भी रखनी होगी, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न आए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय साइबर अपराधों को रोकने और सरकारी सिस्टम को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
उत्तराखंड के पर्यटन को दें नई पहचान, बनाएं प्रमोशन फिल्म और जीतें लाखों का इनाम
“सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स के लिए सुनहरा मौका, उत्तराखण्ड फिल्म परिषद ने बनाई खास योजना”
देहरादून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के हर्षिल में राज्य के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के जो सुझाव दिए थे, उन पर धामी सरकार तेजी से काम कर रही है। उत्तराखंड फिल्म परिषद ने सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक विशेष प्रतियोगिता शुरू करने की योजना बनाई है, जहां विजेताओं को लाखों रुपये का इनाम मिलेगा।
प्रतियोगिता के तहत प्रतिभागियों को उत्तराखंड की विभिन्न थीम्स पर प्रमोशनल फिल्म बनानी होगी। जो फिल्म चयनित होगी, उसे सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
इन थीम्स पर बनानी होगी फिल्म :*
1️⃣ उत्तराखंड की संस्कृति – लोकसंस्कृति, लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक विरासत
2️⃣ होम स्टे पर्यटन – उत्तराखंड के अनूठे होम स्टे और स्थानीय आतिथ्य
3️⃣ बारहमासी पर्यटन – हर मौसम में घूमने लायक पर्यटन स्थल
4️⃣ पौराणिक मंदिर – देवभूमि के ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर
5️⃣ आयुष एवं वेलनेस – योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र
6️⃣ अनछुए पर्यटन स्थल – कम प्रसिद्ध लेकिन अद्भुत प्राकृतिक स्थान
7️⃣ साहसिक पर्यटन – ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग जैसी रोमांचक गतिविधियाँ
8️⃣ वेडिंग डेस्टिनेशन – उत्तराखंड को शादी और प्री-वेडिंग शूट के लिए प्रमोट करना
*पांच लाख तक का इनाम, ऑनलाइन होगी एंट्री :
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▶ फिल्म की अवधि: 1 मिनट से लेकर अधिकतम 5 मिनट तक
▶ पुरस्कार राशि: हर श्रेणी में सर्वोत्तम फिल्म को 3 से 5 लाख रुपये तक का इनाम
▶ एंट्री प्रक्रिया: प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे
▶ फिल्म अपलोडिंग: प्रतिभागी अपनी फिल्म को ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे और इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित करने का भी अधिकार होगा।
उत्तराखंड के अनछुए पर्यटन स्थलों को दिलाएं पहचान :
उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है। कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो अभी तक लोगों की निगाहों में नहीं आए हैं। इस प्रतियोगिता के जरिए इन स्थानों को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
“उत्तराखंड फिल्म परिषद जल्द ही इस योजना को लॉन्च करेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसका स्वरूप तैयार कर लिया गया है। यह राज्य के पर्यटन और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का महत्वपूर्ण कदम होगा।” – बंशीधर तिवारी, सूचना महानिदेशक”