Wednesday, May 14, 2025
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भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी: राज्यपाल रघुवर दास

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भुवनेश्वर: कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साइंसेस, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय ने आज अपना तीसरा दीक्षांत समारोह मनाया। लगभग 302 से अधिक छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भारत की उन्नति और विकास में जनजातीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी है।-यह बात ओडिशा के राज्यपाल ने कही।उन्होंने जनजातीय सशक्तिकरण के लिए कीट और कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत के योगदानों की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि हमारे गृह राज्य झारखंड के हजारों आदिवासी छात्र इस शैक्षिक संस्थान के जरिए अपने सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के लिए भी गर्व की बात है कि आजादी के 75 साल बाद भारत के पास द्रौपदी मुर्मु के रूप में एक आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं। डा. सामंत ने समारोह में अतिथियों और स्नातक छात्रों के माता-पिता के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन भी इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के मुख्य फिनटेक अधिकारी तथा एलेवेंडी बोर्ड के अध्यक्ष शोपनेन्दु महंती आदि को मानद डी.लिट की डिग्री प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचन्दन ने कीट और कीस की स्थापना के लिए डा. सामंत के धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना की और छात्रों से यह निवेदन किया कि वे अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाते हुए अपने माता-पिता और मातृभूमि की सेवा को नहीं भूलें! उन्होंने कहा कि पढ़ लिखकर कीस के छात्र चाहे भारत में रहें या विदेश में अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें। जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कीट और कीस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान बताया। गौरतलब है कि कीस एक ऐसा अनुष्ठान है जहां आदिवासी बच्चों को मुफ्त में केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने डिजिटल क्रांति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक विकास की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया और कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। शोपनेन्दु महंती ने अपने अनुभव को साझा किया और भविष्य में कीस के छात्रों के कोच बनने की बात कही ।

आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समाज के विकास के लिए जो प्रयास डा. सामंत कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जिस तरह से राज्य को समृद्धि के रास्ते पर ले जा रहे हैं, ठीक उसी तरह डा. सामंत भी लाखों आदिवासी छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थापक का स्वर्ण पदक पाने वाले 15 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं और जिन छात्रों ने आज पदक जीता , वे कल समाज के आदर्श बनेंगे।

समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके भारतीय संगीतकार और तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता डॉ. रिकी जी. केज ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक बदलाव तभी हो सकता है जब व्यक्ति दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद को बदले और अपनी जिम्मेदारियों को समझे। कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्य एस त्रिपाठी, कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा और कुलसचिव डा पी के राउतराय ने भी अपने अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में कीट -कीस की अध्यक्षा शाश्वती बल, उपाध्यक्ष उमापद बोस और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण मौके पर उपस्थित थे।

विशेषज्ञ पैनल और सफल संवादों के साथ हुआ कैरियर टाउन का समापन

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देहरादून, कैरियर बडी क्लब द्वारा आयोजित दो दिवसीय कैरियर टाउन का दून इंटरनेशनल स्कूल में समापन हुआ। समापन दिवस की शुरुआत बीएनआई उत्तराखंड के उद्योग विशेषज्ञों की उपस्थिति वाले एक ज्ञानवर्धक सत्र के साथ हुई।
इस सत्र के पनेलिस्ट्स में ध्रुव बत्रा ने सतत वास्तुकला पर, हर्षित गुप्ता ने प्रारंभिक निवेश पर शिक्षा पर, नमन बंसल ने सोशल मीडिया के बारे में, सतविंदर ने एआई पर शिक्षा पर बात की। अमित मिनोचा ने आतिथ्य पर अंतर्दृष्टि दी। रोमिक राय ने ग्लोबल वार्मिंग/कार्बन पदचिह्न पर शिक्षा के बारे में, आशुतोष तुलस्यान ने उद्यमिता पर और योगी ने विज्ञापन में करियर के बारे में बात की। सभी पनेलिस्ट्स ने दिलचस्प चर्चाओं में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया। जो कैरियर के अवसरों और चुनौतियों का व्यापक दृष्टिकोण पेश करता है।
इस ज्ञानवर्धक सत्र के बाद प्रतिभागियों ने लीडिंग द वे: लेसंस फ्रॉम सक्सेस एंड सेटबैक्स शीर्षक नामक सत्र में भाग लिया। संवाद में रेड एफएम की सीईओ और मैजिक एफएम की निदेशक निशा नारायणन, वेणु ढींगरा के साथ विचारोत्तेजक बातचीत में शामिल हुईं।
इस सत्र में वक्ताओं ने अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक यात्राओं पर प्रकाश डाला, जिससे दर्शकों को उन अनुभवों की एक झलक मिली, जिससे वो सफल हुए हैं। सत्र में गतिशील मीडिया उद्योग में चुनौतियों पर काबू पाने और अवसरों को अपनाने पर खुलकर विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर कैरियर बडी क्लब की टीम, जिनमें सीईओ सैथजीत सिंह अरोड़ा; सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चौहान; तनवीर शाह, और अनुकृति बत्रा भी उपस्थित रहे।
सैथजीत सिंह अरोड़ा ने अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कैरियर टाउन एक उल्लेखनीय कार्यक्रम रहा, जो उद्योग के विशेषज्ञों और उद्यमी पेशेवरों को एकत्र करके ज्ञान और अनुभव साझा करने का संध्यान है। हम इस आयोजन की सफलता और इसके प्रतिभागियों पर सकारात्मक प्रभाव से खुश हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चौहान ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि करियर टाउन कार्यक्रम के सत्र न केवल जानकारीपूर्ण थे बल्कि प्रेरणादायक भी थे। सभी सत्रों ने मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की जो निस्संदेह छात्रों को उनके करियर में मार्गदर्शन करेगी।

गूगलपे और पेटीएम को लेकर बड़ा अपडेट- बंद होगी ये फ्री सुविधा, अब ग्राहकों को देना पड़ेगा एक्स्ट्रा चार्ज

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नई दिल्ली, टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है। डिजिटल पेमेंट का कारोबार भारत में राकेट की रफ्तार से बढ़ा है। आज पैसों के लेन देन के लिए पेटीएम, गूगल पे, फोनपे का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। ये तीनों ऐप्स आज देश की प्रमुख यूपीआई ऐप्स बन चुकी हैं। इनकी मदद से लोग रिचार्ज, बिल पेमेंट, फ्लाइट बुकिंग, इंश्योरेंस, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट जैसे कई जरूरी कार्य करते हैं। अगर आप भी इनका इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि अभी इन ऐप्स को लेकर बेहद जरूरी अपडेट आया है।

बता दें कि ऐसे लोगों की लाखों में संख्या है जो इन ऐप्स का इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल रिचार्ज के लिए किया करते हैं। अभी तक इन ऐप्स पर मोबाइल रिचार्ज की सुविधा पूरी तरह से फ्री हुआ करती थी, लेकिन अब रिचार्ज करने पर आपको कुछ फीस भी देनी पड़ेगी। यानी ये ऐप्स अब मोबाइल रिचार्ज के लिए ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेंगे। सिर्फ मोबाइल रिचार्ज ही नहीं अगर आप पेटीएम के वॉलेट में रुपये ऐड करेंगे तो भी आपको इसके लिए सुविधा शुल्क लगेगा। यह सुविधा शुल्क कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना पैसा अकाउंट में जोड़ रहे हैं। इसी तरह अलग अलग रिचार्ज बाउचर को रिचार्ज करने के लिए आपको अलग अलग सुविधा शुल्क देनी पड़ेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम की ही तरह गूगल पे ने भी ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेना शुरू कर दिया है। आप जितना बड़ा रिचार्ज करेंगे या फिर वॉलेट में जितना ज्यादा पैसा ऐड करेंगे आपसे सुविधा शुल्क उतना ज्यादा लिया जाएगा। आपको बता दें कि फोन पे काफी पहले से ही यूजर्स से सुविधा शुल्क वसूल रहा है। अब इसकी राह पर ही गूगल पे और पेटीएम ऐप ने भी चलना शुरू कर दिया है। अभी तक यूजर्स के पास फ्री में रिचार्ज कराने के कई सारे ऑप्शन थे लेकिन अब उन्हें तीनों ही प्लेटफॉर्म में रिचार्ज कराने पर सुविधा शुल्क देना पड़ेगा।

सिलक्यारा : हर रोज सुबह निकलती आशा की किरण, फिर शाम होते ही जाती टूट, अब तो सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में 14वां दिन भी गया बीत

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देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 14 दिन हो गये, वे बस एक आस में जी रहे हैं कि हम सुरक्षित बाहर आयेंगे, उनका हौंसला बुलंद है और उम्मीद कायम है कि हम बाहर आयेंगे, इसी उम्मीद के सहारे सुरंग में फंसे इन मजदूरों का हर आहट पर दिल धड़क रहा है, छोटी सी उम्मीद दिखते ही मजदूरों के चेहरे खिल जाते, लेकिन फिर तकनीकी अड़चनों के कारण कुछ पल में ही मायूसी छा जाती। सुरंग में फंसे इन 41 मजदूरों के लिये हर दिन का सवेरा एक उम्मीद लेकर आता, लेकिन फिर शाम होते-होते उम्मीद टूट रही। अब तो उम्मीद के सहारे अपनी जीवन की आस लगाये मजदूरों को उस कालजयी सुरंग में आज 14 दिन हो गए। सुरंग में हल्की सी आहट में उन्हें अपने बाहर निकलने की उम्मीद दिखती, लेकिन पल भर में ही उनका ये भ्रम टूट जाता। दूसरी और बाहर उनके परिजन भी उनके सकुशल बाहर ने के इंतजार में है। उत दिवाली वाले दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में काम कर रहे ये मजदूर काम समाप्त करने के पश्चात सायं अपने परिवार वालों के साथ दीपावली मनाने के लिये आतुर थे, लेकिन नियति ने कुछ ओर ही लिखा था, रात्रि शिफ्ट में सुरंग के अंदर गए मजदूर ढाई घंटे बाद शिफ्ट खत्म कर बाहर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही साढ़े पांच बजे भारी भूस्खलन हो गया और वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंसकर रह गए।

बस उसी दिन से उन्हें बाहर निकालने के लिये रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है, लेकिन कब तक मजदूर बाहर आ जाएंगे इस बारे में राहत एवं बचाव अभियान से जुड़े एनएचआईडीसी और जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। मजदूरों को अंदर फंसे 14 दिन हो गए हैं। सुरंग के भीतर लगातार चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच बृहस्पतिवार की देर रात व शुक्रवार की अलसुबह एक खबर ने उत्साह और बढ़ाया। पाइप व लोहे के गर्डर को जब गैस कटर से काटा जा रहा था तो उसके धुएं की खुशबू सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों तक पहुंच गई। जैसे ही मजदूरों को गैस कटर के धुएं की खुशबू आई तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
लेकिन यह ये धुआं आगे से मुड़े हुए 800 मिमी के पाइप को काटने के दौरान उठा। मजदूरों ने तत्काल कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से बाहर काम कर रहे बचाव दल को इसकी जानकारी दी। उन्हें लग गया कि अब पाइप उनके करीब पहुंच चुका है, क्योंकि ज्यादा दूरी होती तो धुएं की खुशबू मलबे को चीरकर आगे न बढ़ पाती। बचाव दल में जुटे अधिकारियों ने बताया कि धुएं की खुशबू से ये अनुमान लगा लिया गया है कि अब मंजिल ज्यादा दूर नहीं है। खुद भीतर कैद मजदूर भी इससे उत्साहित हो गए हैं। लेकिन नियति भी उन्हें अभी बाहर निकालने को राजी नहीं, फिलहाल अभी तक मजदूर अंदर ही फंसे हैं और अभी एक दो दिन और वहीं रहने के आसार लग रहे हैं, लेकिन सरकार भी हर संभव प्रयास में लगी है।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन शुक्रवार शाम 24 घंटे बाद चली, लेकिन फिर लोहे का अवरोध आने से रुक गई। जिससे एक बार फिर मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार बढ़ गया।
अब तक मलबे में करीब 47 मीटर ही पाइप पहुंच पाया है। अधिकारियों के मुताबिक अभी करीब 9 मीटर का सफर बाकी है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसी लिए बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है। इन सब के बीच यमुनोत्री हाईवे के निकट छोटे से गांव सिलक्यारा को सुरंग हादसे ने बड़ी पहचान दी है। हादसे के बाद गुमनाम सा यह गांव देश-विदेश की सुर्खियां में रहा। हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अब तक चार हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं, जबकि गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड से इस हादसे से जुड़ी खबरों को 13 दिन में 20 हजार से अधिक बार सर्च किया गया है।
सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने लिए केंद्र व राज्य की जद्दोजहद जारी है, इस कार्य के लिये लगभग 19 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। देशभर से कई बड़ी मशीनें यहां ड्रिलिंग और बोरिंग के लिए पहुंचाई गईं। देश के कई बड़े वैज्ञानिक संस्थानों और ओएनजीसी विशेषज्ञ भी सिलक्यारा पहुंचे। वहीं, विदेशी एक्सपर्ट भी बुलाए गए। हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर करने के लिए देश-विदेश के तमाम बड़े मीडिया संस्थान सिलक्यारा में डेरा जमाये हैं और मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के इंतजार में हैं। इसके अलावा राज्य व केंद्र के कई बड़े अफसरों के साथ मंत्री भी यहां पहुंचे। सोशल मीडिया पर नजर डालें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से शुक्रवार शाम तक 4,972 पोस्ट हो चुकी हैं। वहीं, गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज भी लगातार ज्यादा लोग सर्च कर रहे हैं। अब तो सुरंग में फंसे मजदूरों की किस्मत कब उन्हें इस गर्भ गृह से बाहर लाती है यह प्रश्न अभी भी मुंह बाये खड़ा, लेकिन इन सबके बीच राज्य सरकार प्रयास सार्थकता से चल रहा और कौशिश है कि बस सभी मजदूर को जल्द हमारे बीच होंगे, फिलहाल सिलक्यारा में रेस्क्यू आपरेशन अभी जारी है |

आपदा पर राजनीति करने वालों को दिख रही सीएम की कोशिशों में सियासत : भट्ट

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रेस्क्यू में आने वाली बाधाओं पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण : भट्ट

देहरादून 25 नवंबर, भाजपा ने सिलक्यारा को लेकर कांग्रेसी रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताया । साथ ही 41 जिंदगियों को बचाने की मुहिम में आ रही बाधाओं पर राजनीति करने का आरोप लगाया है । प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया कि सीएम धामी मौके रहकर रेस्क्यू टीम का हौसला बढ़ा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को उसमे भी सियासत नजर आती है ।

टनल में फंसे श्रमिकों का जीवन बचाने के मिशन में आज आई बाधा को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए श्री भट्ट ने कहा, तमाम चुनौतियों से पार पाते हुए, हम कामयाबी के इतने करीब तक पहुंचे हैं । हमें रेस्क्यू अभियान में लगे विशेषज्ञों और आपदा प्रबंधन की टीम पर पूरा भरोसा है कि वे इस बाधा को भी दूर कर सभी को सुरक्षित बचा कर लाएगी । सीएम के वहां कैंप बनाने को लेकर कांग्रेसी बयानों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी एक स्वाभाविक लीडर की भांति इस बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं । उन्होंने बचाव टीम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिस विशेषज्ञ या जिस संसाधन की जरूरत हो उसे तत्काल मौके पर बुलाएं। वे पहले मौके पर गए या जहां भी रहे, हमेशा अभियान को लेकर पल पल की जानकारी लेते रहे । रेस्क्यू अभियान की गंभीरता को देखते हुए, बचाव टीम और पीड़ित परिजनों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने वहां अस्थाई कैंप लगाने का निर्णय किया है । उनके इस संवेदनशील निर्णय की प्रदेश ही नहीं देशभर में प्रशंसा हो रही है लेकिन यह सब कांग्रेस को हजम नही हो रहा है । यही वजह है कि शुरुआत से ही इस आपदा में राजनीति के अवसर ढूंढने वाली कांग्रेस को सीएम के प्रयासों में सियासत नजर आ रही है।

कांग्रेस पर परस्पर विरोधाभासी बयानबाजी का आरोप लगाते हुए कहा, श्री भट्ट ने कहा, पहले यही लोग कहते थे कि मुख्यमंत्री, मंत्री घटनास्थल का नही, राजनैतिक दौरों में व्यस्त हैं और अब जब मुख्यमंत्री ने परिस्थिति के मद्देनजर वहां डेरा डाला है तो उसे सियासत बता रहे हैं । जबकि देश जानता है कि सुरंग में बंद श्रमिकों को दवाई, पानी, खाना, आक्सीजन समेत जो भी जरूरी चीज उन्हे चाहिए वह उनतक पहुंचाया जा रहा है । सीएम स्वयं इन सभी श्रमिकों से बात कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं, साथ ही पीड़ित परिजनों को भी ढांढस बंधा रहे हैं और रेस्क्यू टीम के मनोबल को भी मजबूत कर रहे हैं । उन्होंने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया यूनिवर्सिटी के अपुष्ट ज्ञान के आधार पर बयान देने के बजाय उन्हें जिम्मेदार राजनैतिक दल के नाते सकारात्मक रुख अख्तियार करना चाहिए । उन्हें समझना होगा कि उनके गैरजिम्मेदार सवाल, अभियान से जुड़े लोगों की कोशिशों और मंशा पर हमला है, जो उनके और पीड़ित परिवारों के विश्वास को डिगाने का काम करते हैं । उन्होंने कहा, यह तय है कि हमारी विशेषज्ञ टीम सभी मजदूर भाइयों को सुरक्षित बचाने में देर सबेर अवश्य कामयाब होगी । उन्होंने कटाक्ष कर कहा कि टीम की यह सफल कोशिश इतिहास बनने वाली है, जिसमे विपक्ष के रुख की समालोचना भी तय है ।

योजनाओं से काश्तकारों को मिले लाभ को भाजपा, दुग्ध संघ चुनाव को जीत में बदलेगी : चुंफाल

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देहरादून, भाजपा ने सरकारी योजनाओं से दुग्ध काश्तकारों को मिलने वाले लाभ के आधार पर दुग्ध संघों के चुनाव जीतने का दावा किया है ।

पार्टी मुख्यालय में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दुग्ध संघों के लिए नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षक श्री बिशन सिंह चुंफाल ने तैयारी के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण बैठक ली है । इस मौके पर श्री चुंफाल ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार की दुग्ध प्रोत्साहन योजना का बड़ा लाभ हमारे काश्तकारों को मिला है । उन्होंने कहा, पहाड़ में पशुधन रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है और आज भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दुग्ध व्यवसाय जीवनयापन की कड़ी है । हमारी सरकार महिला डेयरी के लिए 70 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी अनुदान दे रही है । सरकार की पालतू जानवरों के चारे को लेकर 75 फीसदी की छूट और जानवरों की खरीद के लिए 50 हजार रुपए की मदद काश्तकारों के जीवन ने बड़ा बदलाव ला रही है । छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार ऐसी ही योजनाएं दुग्ध संघ ने पार्टी प्रतिनिधित्व बढ़ाने में साबित होने वाली हैं ।

दुग्ध संघ के चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देते हुए श्री चुंफाल ने बताया कि प्राथमिक समिति के सदस्य और उनके अध्यक्ष के चुनाव संपन्न हो गए हैं । आगे कुल 11 दुग्ध संघों में से 9 संघों के अध्यक्ष के चुनाव होने हैं जिसकी तैयारी को लेकर आज यह बैठक बुलाई गई थी । जिसमे संबंधित सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के साथ रणनीति को लेकर चर्चा पर्यवेक्षकों ने विचार विमर्श किया है । उन्होंने आगे की कार्ययोजना को लेकर बताया कि शीघ्र ही हम जनपदों में जाकर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकर प्रत्याशियों के नामों पर विचार करेंगे और 3 नामों का पैनल प्रदेश नेतृत्व को सौंपा जाएगा । बैठक ने चुंफाल के अतिरिक अन्य पर्यवेक्षक श्री उमेश त्रिपाठी, श्री राम मेहरोत्रा समेत संबंधित जनपदों के अध्यक्ष सम्मिलित हुए ।

दूनघाटी को बचाने की मुहिम : समन्वित मंच ‘संयुक्त नागरिक संगठन एवं संबद्ध संगठन ने जारी किया दूनवासियों का घोषणा पत्र

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-ट्रैफिक जाम, प्रदूषण जैसी समस्याओं से लोग बेहाल हैं।
-शहर की शांति और हरियाली खत्म कर दी गई है।
-स्मार्ट सिटी के नाम पर दून को और बदहाल कर दिया गया है।
-वर्षों से पूरा शहर खुद रहा-बन रहा, फिर खुद रहा, मनमाने ढंग से हो रहा काम।

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), कभी खुशगवार आबोहवा और शांत माहौल के लिए देश-दुनिया में विख्यात दूनघाटी राजधानी बनने के बाद पिछले 23 वर्षों में बद से बदत्तर हो गई है। ऐसे में इसे बचाने की मुहिम यहां के बाशिंदों ने शुरू की है।
दून में सक्रिय विभिन्न सामाजिक संगठनों, रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटीज, मोहल्ला कल्याण समितियों, पूर्व सैनिकों, पत्रकारों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों, राज्य आंदोलनकारियों व समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों के समन्वित मंच ‘संयुक्त नागरिक संगठन एवं संबद्ध संगठन’ की ओर से शनिवार को ‘दून डिक्लेरेशन’ (दूनवासियों का घोषणा पत्र) जारी किया।

उत्तरांचल प्रेस क्लब के डॉ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (अप्रा.) केजी बहल, सचिव सुशील त्यागी, पूर्व कर्मचारी नेता जगमोहन मेहंदीरत्ता, सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल, पार्षद देवेंद्रपाल सिंह मोंटी, राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती व संगठन के उपाध्यक्ष कर्नल (अप्रा.) बीएमएस थापा आदि ने तमाम संबद्ध संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसे जारी किया।
इस मौके पर पूर्व बेंक कर्मचारी नेता जगमोहन मेहंदीरत्ता ने बताया कि शहर लगातार बद से बदत्तर होता चला जा रहा है। जिन पर इसके संरक्षण और संवर्द्धन की जिम्मेदारी है, वे पूरी तरह अनदेखी किए हुए हैं।
मेहंदीरत्ता ने बताया कि आज जारी दून डिक्लेरेशन पर अब हस्ताक्षर कराए जाने की मुहिम चलाई जाएगी। लक्ष्य 50 हजार से अधिक दूनवासियों के हस्ताक्षर कराए जाने का है। हस्ताक्षरों के साथ इसे मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। साथ ही शहरी विकास मंत्री, मुख्य सचिव, दून के विधायकों और नए बनने वाले नगर निगम बोर्ड को भी इसकी प्रतियां सौंपी जाएंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने बताया कि दून को लेकर चिंता करने वाले जागरूक लोगों को 2 नवंबर को संगठन की ओर से आयोजित बैठक में बुलाया गया था। इसमें उत्साहजनक यह रहा कि डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगठनों-संस्थाओं के प्रतिनिधि उक्त बैठक में शामिल हुए। इसी में तय किया गया था कि नागरिकों की ओर से दून डिक्लेरेशन जारी किया जाएगा।

नौटियाल ने कहा कि दून डिक्लेरेशन में सिर्फ समस्याओं की ओर ही सरकार और जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षित नहीं किया गया है, बल्कि समाधान भी सुझाया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे दून डिक्लेरेशन को तीन खंडों में बांटा गया है। पहले खंड में दून की वर्तमान दुर्दशा को 20 बिंदुओं में सामने रखा गया है। दूसरे खंड के अंतर्गत 6 बिंदुओं में भविष्य की गंभीर चिंताओं को लेकर आगाह किया गया है। तीसरे और अंतिम खंड में इनके समाधान के तौर पर दून गवर्नेंस को लेकर 5 बिंदुओं में सुझाव दिए गए हैं।

नौटियाल ने कहा कि आवासीय क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्रों में तब्दील हो रहे हैं। मेट्रो परियोजना का वर्षों बाद भी धरातल पर कहीं अतापता नहीं है। स्मार्ट सिटी पुराने शहर से इतर नए शहर के रूप में अलग से बननी चाहिए थी। कचरा प्रबंधन के भी बुरे हाल हैं। दून ई-रिक्शा, लोडरों और अतिक्रमण का शहर बन गया हैं, जिसकी वजह से दिनभर जाम झेलने को लोग मजबूर हैं। परेड मैदान और रेंजर्स ग्राउंड को और खराब कर दिया गया है।

उनका कहना है कि देहरादून शहर के नियोजन में स्थानीय नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए और इसके लिए सभी 100 वार्ड में कमेटियों का गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही दूनघाटी के सभी आवासीय क्षेत्रों के लोगों से संपर्क कर संगठन को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि दूनवासियों की मुखर आवाज नीति नियंताओं और योजनाकारों तक पहुंच सकें।

यह संगठन हैं शामिल :
– दून सिटीजन रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी।
-पूर्व सैनिक संगठन।
-उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच।
-उत्तराँचल बैंक एशोसियेशन।
-दून सिक्ख वेलफेयर सोसायटी।
-स्वतंत्रता संग्राम सैनानी उत्तराधिकारी संगठन।

सुशील त्यागी 98972 87147
अनूप नौटियाल 97600 41108
जगमोहन मेहन्दीरत्ता 70174 66453
कर्नल बीoएमo थापा 94129 41194
मोंटी (पार्षद) 9997515867
प्रदीप कुकरेती 9897356777

‘हडको’ का उत्तराखण्ड़ के विकास में अहम् योगदान : अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक संजय कुलश्रेष्ठ ने राज्य को लेकर गिनाई अपनी प्राथमिकताएं

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‘नगर निकाय व संस्थानों को तकनीकी रूप से सक्षम करने पर फोकस’

देहरादून, भारत सरकार के उपक्रम हडको यानि हाउसिंग एण्ड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक संजय कुलश्रेष्ठ इन दिनों उत्तराखंड दौरे पर हैं। अपने इस दौरे में वह राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी राज्य के विकास में हडको की भागीदारी व भावी योजनाओं को लेकर चर्चा करेंगे। वहीं आज राजधानी देहरादून में हडको के क्षेत्रीय कार्यालय में राज्य के विकास में हडको का योगदान अग्रसारित करने हेतु उन्होंने विभिन्न स्तर पर बैठकें की। इसके साथ ही हडको के अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक संजय कुलश्रेष्ठ ने शासनस्तर पर मुख्य सचिव एस.एस. संधू एवं अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव उर्जा, आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव पर्यटन, सचिन कुर्वे तथा टी.एच.डी.सी ऋषिकेश के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, आर.के. विश्नोई से मुलाकात की। उन्होंने विकास कार्यों में हडको द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ ही राज्य के विकास में हडको के योगदान व भविष्य की योजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई।

नगर निकाय व संस्थानों को तकनीकी रूप से सक्षम करने पर फोकस :

हडको के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उत्तराखंड के विकास में हडको का बहुमूल्य योगदान प्रदान कर रहा है। हडको उत्तराखण्ड राज्य के विकास हेतु विभिन्न क्षेत्रों में जैसे भूमि अधिग्रहण, सड़क, ब्रिज, रोपवे, टनल का निर्माण व इनके उन्नयन कार्य, अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजनाओं, नगर निकायों को अत्मनिर्भर बनाने हेतु तकनीकी/वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का काम कर रहा है। हडको देश के विकास में पिछले 53 सालों से व राज्य के विकास में पिछले 23 सालों से अपना योगदान दे रहा है। राज्य में 100 से ज्यादा नगर निकाय व संस्थान है जो तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है उनको संसाधन मुहैया कराने में हडको योगदान देने को प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पद्भार ग्रहण किये एक माह का समय हुआ है। मेरा लक्ष्य है कि अगले पांच वर्ष में हडको देश व राज्य के विकास में हर संभव मद्द दे।

संजय कुलश्रेष्ठ को इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण के क्षेत्र में 32 वर्षों का अनुभव :

संजय कुलश्रेष्ठ ने 16 अक्टूबर को हडको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का पदभार संभाला है । इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण के क्षेत्र में 32 वर्षों के अनुभवी संजय कुलश्रेष्ठ इलैक्ट्रीकल इंजीनियर हैं। अपने प्रारंभिक 15 वर्षों में आप बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं को चलाने, उनके परिचालन और वोल्टेज सब-स्टेशनों एवं ट्रांसमिशन लाइनों के रखरखाव के क्षेत्र में कार्य करते रहे हैं। आपने राज्य निगमों और निजी क्षेत्र के संस्थानों के साथ कार्य किया है । हडको में पदभार संभालने से पूर्व आप आरईसी में कार्यरत्त थे और ऊर्जा क्षेत्र के वित्तपोषण के कार्य में विगत 17 वर्षों से कार्यरत्त रहे हैं। उनका दृष्टिकोण भारत सरकार के मिशन के समरूप है और अत्यधिक प्रतियोगी दरों पर इन योजनाओं का वित्तपोषण करते हुए देश भर में प्रक्रियाबद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को सफलता पूर्वक पूरा करने का है

पूज्य प्रभुदासबापू की स्मृति में तलगाजरडा में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

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तलगाजरडा,  श्रीचित्रकूटधाम तलगाजरडा में पूज्य प्रभुदासबापू की पुण्यतिथि पर विभिन्न समाज सेवा कार्यक्रम होंगे। 29 नवंबर को सुबह 9.30 बजे 8 सर्वजातीय कन्याओं का सामूहिक विवाह और दोपहर 3.30 से 6 बजे तक भजन-विचार संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा जिसमें श्री पूज्य मोरारीबापू नाथलाल गोहिल द्वारा तैयार की गई पुस्तक-‘संतवाणी शब्दकोश’ का विमोचन करेंगे। गांव की बेटियों के विवाह समारोह के साथ-साथ करियावर, उपहार के तहत प्रत्येक बेटी को 51 हजार रूपये एवं भोजन की व्यवस्था श्री चित्रकूटधाम द्वारा की जायेगी। इस विवाह में एक गणिका परिवार की दो बेटियां भी शामिल हैं। रात 8 बजे माणभट्ट श्री धार्मिकलाल पंड्या कथावाचन करेंगे। इसके बाद संतवाणी संगीतकारों को पूज्य मोरारीबापू द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा और गुजराती कलाकार संतवाणी प्रस्तुत करेंगे। समारोह के अंत में आदरणीय मोरारीबापू प्रासंगिक प्रवचन देंगे। यह कार्यक्रम ‘संगीत की दुनिया’ यूट्यूब चैनल पर लाइव दिखाया जाएगा।

आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप” पर हुआ एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन

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देहरादून, आनुवंशिकी और वृक्ष सुधार प्रभाग, आईसीएफआरई, वन अनुसंधान संस्थान द्वारा “पर्यावरण अनुसंधान के लिए आनुवंशिकी : शास्त्रीय से आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप” पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार आधुनिक जैव-तकनीकी हस्तक्षेपों पर केंद्रित था जो माइक्रोबियल बायोरेमेडिएशन और फाइटोरेमेडिएशन और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण या वन-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने आदि के लिए क्रिस्पर /कैस9 जीन एडिटिंग टूल सहित पर्यावरणीय मुद्दों की निगरानी, प्रबंधन और उपचार के लिए अभिनव समाधान प्रदान करके पर्यावरण अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बारें में था।
विशिष्ट अतिथि डॉ. रेनू सिंह, निदेशक-वन अनुसंधान संस्थान, डॉ. दीपक सिंह बिष्ट, आईसीएआर-एनआईपीबी, नई दिल्ली, और डॉ. रामू एस. वेम्माना, क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, फ़रीदाबाद, हरियाणा ने व्याख्यान दिए। ऑनलाइन वेबिनार में प्रभाग प्रमुखों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों और छात्रों ने भाग लिया।