Wednesday, May 14, 2025
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संवेदना और सृजन का राग है “शैलेन्द्र” के गीतों में : इन्द्रजीत सिंह

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से संस्थान के सभागार में सुपरिचित कवि, गीतकार और फिल्म निर्माता शैलेन्द्र पर एक महत्वपूर्ण चर्चा का आयोजन किया। साहित्यकार इन्द्रजीत सिंह द्वारा इन पर लिखी पुस्तक ‘शैलेन्द्र‘ पर लेखक व शिक्षाविद डाॅ. सुशील उपाध्याय ने बातचीत की। साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक पर चर्चा का कार्यक्रम दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से किया गया। विशेष बात यह है कि वर्ष 2023 गीतकार शैलेन्द्र जी का जन्मशती का वर्ष भी है।

इस बातचीत में साहित्यकार इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि जिस तरह प्रेमचंद कहानी लिखते-लिखते कहानी का पर्याय बन गए उसी तरह शैलेन्द्र भी गीतों को रचते-रचते गीतों के प्रेमचंद बन गए। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य का इतिहास लिखने वालों ने शैलेन्द्र को लंबे समय तक एक कवि के रूप में मान्यता नहीं दी। 1955 में शैलेन्द्र के कविता-संग्रह ‘न्यौता और चुनौती‘ के प्रकाशन होने के बाद चर्चा तो हुई परन्तु साहित्यिक जगत में उतनी दिलचस्पी नहीं दिखाई दी। सोवियत संघ में प्रगति प्रकाशन द्वारा 1959 में भारत के कवि नाम से एक कविता संग्रह जो रूसी भाषा में प्रकाशित हुआ था उसमें निराला, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, दिनकर, सरदार जाफरी जैसे बड़े हिंदुस्तानी कवियों के साथ शैलेन्द्र की भी दो कविताएं शामिल थीं। उस दौर में शैलेन्द्र के फिल्मी गीतों का जादू भारत के साथ-साथ सोवियत संघ, चीन और अरब आदि देशों के श्रोताओं में छाया हुआ था। इस तरह शैलेन्द्र के गीत देश-विदेश में राष्ट्रभाषा हिंदी का परचम लहरा रहे थे।
साहित्यकार इन्द्रजीत सिंह ने बातचीत में यह भी कहा कि शैलेन्द्र की कविताओं में संवेदना और सृजन का राग है, प्रतिरोध और प्रतिबद्धता की आग है और समानता, स्वतंत्रता और इंसानियत से परिपूर्ण समाज का हसीं ख्वाब है। लोकप्रियता और कलात्मकता का अद्भुत संयोग ही शैलेन्द्र के गीतों को कालजयी बनाते हैं।
साहित्यिक जगत में जिस तरह वर्ड्सवर्थ और पंत को प्रकृति का कवि और एलियट और मुक्तिबोध को विचारों का कवि माना जाता है उसी तरह शैलेन्द्र को इश्क, इंकलाब और इंसानियत के कवि के रूप में जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि शैलेन्द्र का पहला कविता-संग्रह न्यौता और चुनौती 1955 में प्रकाशित हुआ जिसमें उनकी 33 कविताएँ शामिल हैं। शैलेंद्र ने 800 के करीब गीत लिखे। उन्हें तीन बार सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। रेणुजी की अमर प्रेम कहानी तीसरी कसम अर्थात् मारे गए गुलफाम पर शैलेन्द्र ने तीसरी कसम फिल्म का निर्माण किया। शैलेन्द्र के निधन के बाद तीसरी कसम को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। नामवर सिंह ने शैलेन्द्र की कविताओं को सामाजिक सरोकारों से जुड़ा हुआ और उन्हें सच्चे अर्थों में जनकवि बताया था।
शिक्षाविद एवं लेखक डॉ. सुशील उपाध्याय ने अपने वक्तव्य में कहा कि शैलेंद्र मानवता के गीतकार हैं। उनके गीतों में इश्क के साथ ही इंकलाब भी नजर आता है। मनुष्यता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता वास्तव में अनुकरणीय है। पूर्व प्राचार्य एवं लेखक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने अपनी किताब ’शैलेंद्र’ में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का विस्तृत खाका खींचा है। यह पुस्तिका पाठकों को शैलेंद्र के जीवन के अनछुए पहलुओं तक लेकर जाती है।
इन्द्रजीत सिंह ने शैलेन्द्र के जीवन एवं रचनाओं पर बेहतरीन काम किया है। इन्होंने जनकवि शैलेन्द्र, धरती कहे पुकार के तथा तू प्यार का सागर है का संपादन किया है। चैथी पुस्तक दिल का हाल सुने दिलवाला शीघ्र ही प्रकाशित हो रही है। शैलेन्द्र एवं अन्य सिने गीतकारों पर इनके अनेक लेख प्रकाशित हुए हैं। इन्द्रजीत सिंह शैलेन्द्र सम्मान के संस्थापक भी हैं। शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में इन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कार भी मिले हुए हैं।
आज के बातचीत के इस कार्यक्रम में अतुल विश्नोई और पीयूष निगम ने शैलेन्द्र के गीतों पर अपनी संगीतमय प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम से पूर्व दून लाइब्रेरी के रिसर्च एसोसिएट ने सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और अंत में श्री निकोलस हॉफ़लैण्ड ने धन्यवाद दिया। आज की इस महत्वपूर्ण बातचीत के अवसर पर सभागार में उपस्थित लोगों ने इस विषय से जुड़े अनेक सवाल-जबाब भी किये।
इस दौरान सभागार में मुकेश नौटियाल, डॉली डबराल, अनिल भारती, डॉ.नंदकिशोर हटवाल,जितेन्द्र नौटियाल, समदर्शी बड़थ्वाल, अरुण कुमार असफल , गोपाल थापा, डॉ.विद्या सिंह और सुंदर सिंह बिष्ट सहित अनेक लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, फिल्म प्रेमी, बुद्विजीवी, पुस्तकालय के सदस्यगण तथा अनेक युवा पाठक उपस्थित रहे।

सीएम धामी पहुंचे मातली कैम्प कार्यालय, सिलक्यारा में तैनात अधिकारियों से लिया रेस्क्यू ऑपरेशन के अपडेट

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के मद्देनजर आज सोमवार शाम मातली स्थित अस्थायी कैंप कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने देर शाम सिलक्यारा में तैनात शीर्ष अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेने के साथ उन्हें आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखा जाए और जरूरत पड़ने पर मौके पर तैनात चिकित्सकों की उनसे बात कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिकों की सकुशलता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, लिहाजा रेस्क्यू में जिन संसाधनों की भी जरूरत पड़ी है, वह सब समय से उपलब्ध कराए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी रेस्क्यू को लेकर अत्यंत गम्भीर है, जो भी संसाधन चाहिए थे, उन्होंने वह सब समय पर उपलब्ध कराए हैं।

गंगा घाटों पर श्रद्धा की डुबकी लगाने उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

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हरिद्वार।  इस साल के अंतिम स्नान कार्तिक पूर्णिमा पर पिछले साल के मुकाबले रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। गंगा घाटों पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम दिखा। मौसम में ठंड के बावजूद गंगा स्नान के लिए बाहरी राज्यों से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। तड़के से ही लोग हरकी पैड़ी और अन्य गंगा घाटों पर पहुंचने लगे थे। बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। प्रशासन का दावा है कि दोपहर तक 17 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे, जबकि पिछले साल 16 लाख श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया था।  सोमवार को हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद देव दर्शन कर दान पुण्य आदि कर्म भी किए। अपर रोड बाजार, मोती बाजार, मनसा देवी बाजार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण शहर के सभी पार्किंग स्थल वाहनों से खचाखच भर रहे। मजबूरी में कई श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहर के अंदर सड़कों के किनारे खड़े करने पड़े। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान तड़के शुरू हो गया था। दिन चढ़ने के साथ गंगा के घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। हरकी पैड़ी के साथ ही अन्य घाटों पर भी श्रद्धालु स्नान व पूजा पाठ करते दिखे। हरकी पैड़ी जाने वाले सभी मार्गों पर जगह-जगह बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत दिखी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि 17 लाख से अधिक लोगों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया है।

अनियंत्रित होकर कार गहरी खाई में गिरी, दो की मौत

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पौड़ी, जनपद के थलीसैंण ब्लॉक के अंतर्गत भंडेली गांव के पास अनियंत्रित होकर एक ऑल्टो कार गहरी खाई में जा गिरी। कार सड़क से करीब 150 मीटर नीचे खाई में गिरी है। हादसे में कार सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कार पौड़ी से थलीसैंण के भंडेली गांव जा रही थी। भंडेली ग्राम प्रहरी दिलीप सिंह ने स्थानीय पुलिस को घटना के संबंध में जानकारी दी। वहीं, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर रेस्क्यू कर दोनों युवकों को बाहर निकाला, कार में दो लोग सवार थे। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू करने के बाद 108 एम्बुलेंस में तैनात डॉक्टरों ने दोनों युवकों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शवों का पंचनामा भर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।
इसके अलावा एसओ पंवार ने बताया कि मृतकों की पहचान अंकित नेगी उम्र 23 साल निवासी सेरा जसपुर और पंकज सिंह उम्र 21 साल निवासी सौकियानी जसपुर के रूप में हुई है।

खास खबर : दिसंबर में 18 दिन बैंक रहेंगे बंद, जल्द ही निपटा लें अपना जरूरी काम

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नई दिल्ली, नवम्बर माह कुछ ही दिन में खत्‍म हो रहा है और साल 2023 का आखिरी महीना दिसम्बर शुरू होने वाला है। अगर आपको बैंक संबंधी कोई भी काम है तो उसे जल्द निपटा लेना चाहिए। साथ ही आपको दिसंबर की बैंक हाॕलीडे की लिस्‍ट देख लेनी चाहिए, क्‍योंकि अगले महीने में बैंक 18 दिनों के लिए बंद रहने वाले हैं। बैंकों की सप्‍ताहिक छुट्टियों से लेकर क्रिसमस की छुट्टियां रहने वाली हैं। आरबीआई ने दिसंबर का कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक त्‍योहारों पर 11 दिन छुट्टियां रहने वाली हैं। वहीं सात दिन रविवार और शनिवार को काम-काज ठप रहेगा।
इन छुट्टियों के साथ ही बैंक हड़ताल भी होने वाली है। आल इंडिया बैंक एम्‍प्‍लॉई एसोसिएशन ने पूरे देश में 6 दिनों के लिए हड़ताल करने को कहा है। विभिन्‍न बैंकों का यह हड़ताल अलग-अलग डेट पर किया जाएगा। चार दिसंबर को पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब और सिंध बैंक, स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया हड़ताल पर जाएंगे। 5 दिसंबर को बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया, छह दिसंबर को केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का हड़ताल रहने वाला है। इंडियन बैंक, यूको बैंक सात को और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र 8 दिसंबर को काम-काज ठप करेंगे। वहीं 11 दिसंबर को सभी प्राइवेट बैंकों की हड़ताल रहेगी।
बैंकों में घोषित की गई छुट्टियों की लिस्ट आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर देखी जा सकती है। दिसंबर में पड़ रहे इन 18 बैंकिंग हॉलिडेज में दूसरे व चौथे शनिवार के साथ ही रविवार के साप्ताहिक अवकाश भी शामिल हैं। केंद्रीय बैंक द्वारा ये घोषित अवकाश विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हो सकते हैं।

आरबीआई कैलेंडर के मुताबिक बैंकों का अवकाश :
1 दिसंबर को अरुणांचल प्रदेश और नागालैंड में राज्‍य स्‍थापना दिवस के दिन बैंक हॉलिडे
3 दिसंबर को रविवार के कारण देश के सभी बैंक रहेंगे बंद
4 दिसंबर को सेंट फ्रांसिस जेवियर फेस्टिवल के कारण गोवा में बैंक बंद रहेंगे
9 दिसंबर को महीने का दूसरा शनिवार के कारण बैंक हॉलिडे
10 दिसंबर को रविवार के कारण अवकाश
12 दिसंबर को पा-तोगन नेंगमिंजा संगमा के कारण मेघालय में बैंकों की छुट्टी
13 और 14 दिसंबर को लोसुंग/नामसुंग के कारण सिक्किम में बैंकों की रहेगी छुट्टी
17 दिसंबर को रविवार के कारण देशभर में बैंक बंद रहेंगे
18 दिसंबर को यू सोसो थाम की पुण्य तिथि के कारण मेघालय में बैंक अवकाश
19 दिसंबर को मुक्ति दिवस के कारण गोवा में बैंकों की छुट्टी रहेगी
23 दिसंबर को चौथे शनिवार को पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे
24 दिसंबर को रविवार के कारण बैंकों की छुट्टी
25 दिसंबर को क्रिसमस के कारण अवकाश
26 दिसंबर को क्रिसमस सेलिब्रेशन के कारण मिजोरम, नागालैंड और मेघालय में बैंक नहीं खुलेंगे
27 दिसंबर को नागालैंड में क्रिसमस के कारण अवकाश
30 दिसंबर को मेघालय में बैंक नहीं खुलेंगे
31 दिसंबर को रविवार के कारण पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे

बड़ी खबर : मंत्री के ताबड़तोड़ छापो पर 24 घंटो के भीतर कार्यवाही, डमी फर्जी राइस मीलों के इम्पैनलमेन्ट हुए निलंबित और टारगेट हुआ निरस्त

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कच्चा आढ़ती कोड नंबर भी हुआ रद्द आम व्यक्ति के साथ खड़ी है सरकार, लापरवाही नही की जाएगी बर्दास्त : रेखा आर्या

देहरादून, विगत दिनों उत्तराखंड सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने उधमसिंह नगर जनपद के बाजपुर और जसपुर में राइस मिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी । जहाँ खाद्य मंत्री को अपने निरीक्षण में कई सारी खामियां देखने को मिली। जिसपर विभाग ने नियमो का पालन ना कर रही मिलों पर कार्यवाही की है। और ऐसी कुल 04 मिलो को सस्पेन्ड किया है। जिनमे धनलक्ष्मी सीड्स बाजपुर , महाबीर राइस मिल बाजपुर ,Asm इंडस्ट्रीज्ज बाजपुर और पंजाब राइस मिल जसपुर शामिल हैं।

दरअसल बीते रोज खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने जनपद उधमसिंह नगर के बाजपुर व जसपुर में कई मिलों का औचक निरीक्षण किया था जहां कई मिलों में नियमो का उलंघन पाया गया।इसी परिपेक्ष्य में खाद्य विभाग द्वारा यह कारवाही की गई है।

खाद्य मंत्री ने बताया कि वहीं ASM इंडस्ट्रीज बाजपुर के अपने निरीक्षण में उन्हें यह प्लांट बंद खंडर अवस्था में मिला। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्लांट संचालन की अवस्था मे नही है क्योंकि जहां यहां धूल फैली हुई है तो वहीं यहां पर कर्मचारियों का ना होना भी इस बात की पुष्टि करता है कि यह प्लांट भी बंद है।

कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह सारे प्लांट सिर्फ एक डमी के रूप में लगाए गए है जिसका उद्देश्य सिर्फ धान का क्रय करना है।कहा कि जिन भी मिलों में कमियां पाई गई हैं उनमें सोर टैक्स मशीन, ड्रायर प्लांट, ब्लेन्डिंग मशीन का ना होना पाया गया इसके अलावा भी कई अन्य खामियां इन मिलों में देखने मे आई।

सिलक्यारा सुरंग : 15वां दिन भी बीता, वर्टिकल ड्रिलिंग हुई शुरू, मजदूरों को बाहर आने अभी और लगेगा समय

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देहरादून, दीपावली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में कैद हुये 41 मजदूर सुरक्षित बाहर आने की आस लगाये बैठे हैं, नियति उन्हें कब और कैसे बाहर निकालेगी यह प्रश्न भी वाजिब है, लेकिन अभी भी 15 दिन बीत जाने के बाद सुरंग में फंसे 41 मजदूर बाहर निकले की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सरकार उन्हें बाहर निकालने की हर संभव कोशिश में जुटी हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 15वां दिन भी समाप्त हो गया है। इस बीच हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया है। इसके साथ ही बीएसएनएल ने भी फंसे मजदूरों तक लैंडलाइन की सुविधा दे दी है। उत्तरकाशी में जारी रेस्क्यू अभियान में अब बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। ऐसे में सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा, आईएमडी के मुताबिक, राज्य में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा।
इस बीच ड्रिल करने वाली अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के कारण सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के अभियान में आए व्यवधान के बाद अब चार योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
वहीं मजदूरों की जिन्दगी बचाने में लगे एनएचआईडीसीएल के मैजेजिंग डायरेक्टर महमूद अहमद का कहना है हमने शनिवार से 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है और एसजेवीएनएल से कहा है कि वो वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करें। यह ड्रिलिंग 1 मीटर से लेकर 1.2 डायमीटर के लिए होती है। साथ ही हमने एक जगह की पहचान की है जहां कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी हैं। 15 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है। हमें ऐसा लगता है कि हम इसे अगले 2 दिनों में कर लेंगे। महमूद अहमद ने कहा, कंक्रीट बेडिंग पर काम शुरू हो गया है, यह एक लंबी प्रक्रिया है। हमारा टारगेट है कि 15 दिन लगेंगे इस हॉरिजोन्टल ड्रिलिंग को सफल होने में। हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं। इसका डिजाइन बनाया गया है और इसे अप्रूवल मिल गया है। उनका कहना है कि हम कई तरह से काम कर रहे हैं। बारकोट साइड से काम करने में दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन हम आशान्वित है कि सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को हम जल्द बाहर निकाल लेंगे |
वहीं सिलक्यारा में कार्यरत अधिकारियों ने रविवार को बताया कि फंसे मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने की पहली योजना में ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटकर निकाला जाएगा जिसके बाद छोटे उपकरणों के जरिए खुदाई कर मलबा निकालेंगे। दूसरी योजना में सुरंग के ऊपरी क्षेत्र में 86 मीटर की लंबवत खुदाई की जाएगी और इसके लिए मशीन का प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया गया है तथा मशीन के एक हिस्से को वहां पहुंचा भी दिया गया है। उनके मुताबिक, इस योजना पर रविवार को काम शुरू हो सकता है।
जबकि तीसरी योजना के तहत सुरंग के बड़कोट की तरफ से खुदाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और यह करीब 500 मीटर का हिस्सा है और इस अभियान में भी 12 से 13 दिन लगने का अनुमान है। चौथी योजना में सुरंग के दोनों किनारों पर समानांतर (क्षैतिज) ड्रिलिंग की जाएगी और इसका सर्वेक्षण हो चुका है तथा रविवार को इस योजना पर भी काम शुरू किया जा सकता है। वहीं ड्रिलिंग के दौरान अमेरिकी ऑगर मशीन अवरोधक की जद में आने से टूट गई और उसका 45 मीटर हिस्सा 800 मिमी पाइप के भीतर फंस गया। जिसे निकाला जा रहा है |
उन्होंने बताया कि बचाव दलों ने 20 मीटर हिस्सा तो गैस कटर से काटकर बाहर निकाल लिया लेकिन बचे हुए 25 मीटर हिस्से को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। इससे अभियान के पूरा होने में लगने वाला समय बढ़ गया है। लेकिन संभव है कि वर्टिकल ड्रीलिंग अंतिम विकल्प हो। उधर, सिलक्यारा सुरंग के प्रवेश द्वार पर शनिवार से रिस रहे पानी ने सबकी चिंताएं बढ़ा दीं हैं जबकि अधिकारी इसे सामान्य घटना मान रहे हैं |
रविवार को बचाव अभियान के 15वें दिन नए सिरे से रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है, इस बीच, सीमा सड़क संगठन, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की तरफ से वर्टिकल ड्रिलिंग की सभी तैयारियां चल रही हैं, सुबह 4:30 बजे से रेस्क्यू टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन के जरिए बोरिंग शुरू कर दी है, यहां 200 मिमी चौड़े पाइप को जमीन के अंदर डाला जा रहा है | रही हैं

वर्टिकल ड्रिलिंग है चुनौती भरी :

हालांकि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी चुनौतियों भरा है, कई टन वजनी मशीन को उस ऊंचाई तक पहुंचाना और फिर ड्रिलिंग एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है, ड्रिल की रफ्तार वहां मिलने वाली मिट्टी और चट्टान पर निर्भर है | जितनी सख्त जमीन मिलेगी, उतना ज्यादा समय लगेगा, अब वर्टिकल ड्रिलिंग ही मजदूरों को बचाने का सहारा है, क्योंकि सुरंग के अंदर मलबे में मौजूद सरिये के जाल को काट पाना आसान नहीं है और इंतजार की घड़ी अभी लंबी है |

तनाव मुक्त रहने के दी योग करने की सलाह :

वहीं टनल में फंसे मजदूरों को टाइम पास करने और व्यस्त रखने के लिए लूडो, ताश और शतरंज भेजे गए हैं, मजदूरों को तनाव मुक्त रखने के लिए उन्हें योग करने की सलाह दी जा रही है, सरकार मजदूरों तक बीएसएनएल के जरिए फोन भेज रही है, जिससे वो लैंडलाइन से अपने घर वालों से बात कर सकें | शनिवार को मोबाइल फोन भी पाइप के जरिए मजदूरों तक भेजे गए हैं, ताकि वो गेम खेलकर स्वयं को तनाव मुक्त रख सकते हैं |

‘मन की बात’ की 107वीं कड़ी : ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखे : पीएम मोदी

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‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश वीर शहीदों को कर रहा है याद’

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 107 वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि त्योहारों के इस मौसम में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान लोगों में भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह देखा गया।
रविवार को ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखने की अपील की और उनसे आग्रह किया कि उन्हें शादी के मौसम में भी स्थानीय उत्पादों को महत्व देना चाहिए। ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी पर बल देने के अपने आग्रह का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया।’’ उन्होंने कहा कि अब तो घर के बच्चे भी दुकान पर कुछ खरीदते समय देखने लगे हैं कि उस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा है कि नहीं।

मोदी ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं ऑनलाइन सामान खरीदते समय भी अब लोग यह देखना नहीं भूलते हैं कि उत्पाद किस देश में बना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता ही उसकी प्रेरणा बन रही है वैसे ही ‘वोकल फॉर लोकल’ की सफलता विकसित भारत और समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ का अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह रोजगार की गारंटी है। यह विकास की गारंटी है, यह देश के संतुलित विकास की गारंटी है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों को समान अवसर मिलते हैं। इससे स्थानीय उत्पादों में गुणात्मक वृद्धि होती है और कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आता है तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र हमारी अर्थव्यवस्था को संरक्षित भी करता है। आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश वीर शहीदों को याद कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘26 नवंबर के दिन को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्राकर रख दिया था। लेकिन यह भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।’’

ब्रैकिंग : दो बहनों की दर्दनाक हत्या, दोनों के शव घर में चारपाई पर मिले, हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र की आशंका

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“घर के बरामदे में काले जादू और तंत्र-मंत्र से जुड़े सामाग्री की भी की जा रही पड़ताल”

काशीपुर, उधमसिंह नगर के काशीपुर से हत्या की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया, मिली जानकारी के मुताबिक काशीपुर के लक्ष्मीपुर पट्टी की खालिक कॉलोनी में यह घटना हुई है, जहां दो सगी बहनों की हत्या कर दी गई है। दोनों के शव घर में चारपाई पर मिले हैं, जिनमें से किशोरी का शव तीन से चार दिन पुराना बताया गया है, जबकि दूसरी युवती की हत्या शुक्रवार रात किए जाने की आशंका है।
पुलिस दोहरे हत्याकांड की सूचना पर घटनास्थल पहुँची और शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। इस हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र की आशंका भी जताई जा रही है और पिता पर ही हत्या का शक किया जा रहा है, जो तंत्र-मंत्र का कार्य करते थे। घटना की सूचना पुलिस को मिली, और शनिवार सुबह आठ बजे पुलिस ने खालिक कॉलोनी में अली हसन उर्फ सूरज की दो पुत्रियों फरीन (19 वर्ष) और यास्मीन (11 वर्ष) के शवों की खोज की।
पुलिस ने बताया कि घर में खून के निशान मिले और दरवाजे पर कथित तौर पर बलि दिए गए मुर्गे के अवशेष व कुछ टोटके भी पाए गए। तंत्र-मंत्र में विश्वास के कारण हत्या की आशंका है, जिसके बारे में पुलिस विस्तृत जाँच कर रही है। पुलिस ने पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और घर के बरामदे में काले जादू और तंत्र-मंत्र से जुड़े सामाग्री की भी पड़ताल की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि परिजनों के द्वारा उचित सूचना नहीं मिलने के बावजूद, घटना में ऊपरी साये के कारण हत्या हो सकती है, और यह मामूला घटना नहीं है। एएसपी अभय सिंह ने बताया कि तंत्र-मंत्र, काला जादू, और अंधविश्वास के चलते हत्या का अंदेशा है, और इस पर विस्तृत जाँच की जा रही है। पीड़ित परिवार को समर्थन प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

दुनिया के शीर्षस्थ फिल्म निर्माताओं में शामिल थे विजय आनंद : डॉ. मनोज पंजानी

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार में मशहूर फिल्मकार विजय आनंद की फिल्मों और उनके जीवन पर फिल्म विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंजानी और उर्दू व हिन्दी लेखिका नसीम बानो ने एक महत्वपूर्ण बातचीत आयोजित की गयी । सभागार में डॉ. पंजानी ने गाइड, ज्वेल थीफ, तीसरी मंजिल, जॉनी मेरा नाम और तेरे मेरे सपने जैसी क्लासिक फिल्मों के लेखक, निर्देशक और पटकथा लेखक विजय आनंद पर विस्तार से वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि उनकी निजी राय में विजय आनंद को सत्यजीत रे, अकीरा कुरुसोवा, इंगामा बर्गमैन और फ्रेडिको फेलिनी के साथ दुनिया के शीर्षस्थ पांच फिल्म निर्माताओं में शामिल किया जा सकता है।
फिल्मकार विजय आनंद के जीवन से सम्बन्धित किस्सों की जानकारी देते हुए डॉ. मनोज पंजानी ने कहा कि9 उन्होंने अनेक फिल्मों में पटकथा व संपादन कला और शिल्प को बहुत ही उच्च स्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया। विशेष बात यह है कि विजय आनंद का देहरादून से गहरा नाता रहा था। आठ साल की उम्र में वह अपने बड़े भाई चेतन आनंद से मिलने आया करते थे। उनके भाई दून स्कूल में पढ़ाते थे। वह अपने बड़े भाई प्रसिद्ध चित्रकार सुधीर खश्तगीर के साथ रहते हुए उनकी कलात्मक अभिरुचि और विविध कला रूपों के चर्चा के साक्षी भी बने रहे। उनके बड़े भाई ने समय-समय पर उन्हें उपनिषदों में निहित विविध तरह की शैक्षिक जानकारी भी दी। बीच-बीच में स्लाइड शो ने इस बातचीत को और अधिक सार्थक बना दिया।
प्रारम्भ में मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज ने संचालन किया। राधा पुंडीर ने ‘राधा ने ओढ़ी चुनरिया…’ गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पहले आलोक दीप बहुगुणा ने माउथ आॅर्गन पर कई गीतों की धुन सुनाई। अपनी भूमिका अदा की। इस अवसर पर सभागार में उपस्थित लोगों ने सम्बन्धित विषय प्रसंगों पर कई सवाल-जबाब भी किये। कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभी का स्वागत किया और अंत में निकोलस हॉफ़लैण्ड ने धन्यवाद दिया।
इस दौरान पुस्तकालय के सभागार में बिजू नेगी, अरविंद शेखर, डॉ.अतुल शर्मा, गोपाल थापा, जितेंद्र नौटियाल, भूपत सिंह बिष्ट, मदन मोहन डुकलान, सुंदर सिंह बिष्ट सहित अनेक फिल्म प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी और पुस्तकालय के अनेक सदस्य व युवा पाठकगण मौजूद रहे।