Sunday, May 19, 2024
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सिलक्यारा : हर रोज सुबह निकलती आशा की किरण, फिर शाम होते ही जाती टूट, अब तो सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में 14वां दिन भी गया बीत

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 14 दिन हो गये, वे बस एक आस में जी रहे हैं कि हम सुरक्षित बाहर आयेंगे, उनका हौंसला बुलंद है और उम्मीद कायम है कि हम बाहर आयेंगे, इसी उम्मीद के सहारे सुरंग में फंसे इन मजदूरों का हर आहट पर दिल धड़क रहा है, छोटी सी उम्मीद दिखते ही मजदूरों के चेहरे खिल जाते, लेकिन फिर तकनीकी अड़चनों के कारण कुछ पल में ही मायूसी छा जाती। सुरंग में फंसे इन 41 मजदूरों के लिये हर दिन का सवेरा एक उम्मीद लेकर आता, लेकिन फिर शाम होते-होते उम्मीद टूट रही। अब तो उम्मीद के सहारे अपनी जीवन की आस लगाये मजदूरों को उस कालजयी सुरंग में आज 14 दिन हो गए। सुरंग में हल्की सी आहट में उन्हें अपने बाहर निकलने की उम्मीद दिखती, लेकिन पल भर में ही उनका ये भ्रम टूट जाता। दूसरी और बाहर उनके परिजन भी उनके सकुशल बाहर ने के इंतजार में है। उत दिवाली वाले दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में काम कर रहे ये मजदूर काम समाप्त करने के पश्चात सायं अपने परिवार वालों के साथ दीपावली मनाने के लिये आतुर थे, लेकिन नियति ने कुछ ओर ही लिखा था, रात्रि शिफ्ट में सुरंग के अंदर गए मजदूर ढाई घंटे बाद शिफ्ट खत्म कर बाहर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही साढ़े पांच बजे भारी भूस्खलन हो गया और वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंसकर रह गए।

बस उसी दिन से उन्हें बाहर निकालने के लिये रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है, लेकिन कब तक मजदूर बाहर आ जाएंगे इस बारे में राहत एवं बचाव अभियान से जुड़े एनएचआईडीसी और जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। मजदूरों को अंदर फंसे 14 दिन हो गए हैं। सुरंग के भीतर लगातार चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच बृहस्पतिवार की देर रात व शुक्रवार की अलसुबह एक खबर ने उत्साह और बढ़ाया। पाइप व लोहे के गर्डर को जब गैस कटर से काटा जा रहा था तो उसके धुएं की खुशबू सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों तक पहुंच गई। जैसे ही मजदूरों को गैस कटर के धुएं की खुशबू आई तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
लेकिन यह ये धुआं आगे से मुड़े हुए 800 मिमी के पाइप को काटने के दौरान उठा। मजदूरों ने तत्काल कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से बाहर काम कर रहे बचाव दल को इसकी जानकारी दी। उन्हें लग गया कि अब पाइप उनके करीब पहुंच चुका है, क्योंकि ज्यादा दूरी होती तो धुएं की खुशबू मलबे को चीरकर आगे न बढ़ पाती। बचाव दल में जुटे अधिकारियों ने बताया कि धुएं की खुशबू से ये अनुमान लगा लिया गया है कि अब मंजिल ज्यादा दूर नहीं है। खुद भीतर कैद मजदूर भी इससे उत्साहित हो गए हैं। लेकिन नियति भी उन्हें अभी बाहर निकालने को राजी नहीं, फिलहाल अभी तक मजदूर अंदर ही फंसे हैं और अभी एक दो दिन और वहीं रहने के आसार लग रहे हैं, लेकिन सरकार भी हर संभव प्रयास में लगी है।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन शुक्रवार शाम 24 घंटे बाद चली, लेकिन फिर लोहे का अवरोध आने से रुक गई। जिससे एक बार फिर मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार बढ़ गया।
अब तक मलबे में करीब 47 मीटर ही पाइप पहुंच पाया है। अधिकारियों के मुताबिक अभी करीब 9 मीटर का सफर बाकी है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसी लिए बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है। इन सब के बीच यमुनोत्री हाईवे के निकट छोटे से गांव सिलक्यारा को सुरंग हादसे ने बड़ी पहचान दी है। हादसे के बाद गुमनाम सा यह गांव देश-विदेश की सुर्खियां में रहा। हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अब तक चार हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं, जबकि गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड से इस हादसे से जुड़ी खबरों को 13 दिन में 20 हजार से अधिक बार सर्च किया गया है।
सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने लिए केंद्र व राज्य की जद्दोजहद जारी है, इस कार्य के लिये लगभग 19 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। देशभर से कई बड़ी मशीनें यहां ड्रिलिंग और बोरिंग के लिए पहुंचाई गईं। देश के कई बड़े वैज्ञानिक संस्थानों और ओएनजीसी विशेषज्ञ भी सिलक्यारा पहुंचे। वहीं, विदेशी एक्सपर्ट भी बुलाए गए। हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर करने के लिए देश-विदेश के तमाम बड़े मीडिया संस्थान सिलक्यारा में डेरा जमाये हैं और मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के इंतजार में हैं। इसके अलावा राज्य व केंद्र के कई बड़े अफसरों के साथ मंत्री भी यहां पहुंचे। सोशल मीडिया पर नजर डालें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से शुक्रवार शाम तक 4,972 पोस्ट हो चुकी हैं। वहीं, गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज भी लगातार ज्यादा लोग सर्च कर रहे हैं। अब तो सुरंग में फंसे मजदूरों की किस्मत कब उन्हें इस गर्भ गृह से बाहर लाती है यह प्रश्न अभी भी मुंह बाये खड़ा, लेकिन इन सबके बीच राज्य सरकार प्रयास सार्थकता से चल रहा और कौशिश है कि बस सभी मजदूर को जल्द हमारे बीच होंगे, फिलहाल सिलक्यारा में रेस्क्यू आपरेशन अभी जारी है |

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