Thursday, June 26, 2025
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आशाराम ‘आशाजीत’ की पुस्तक ‘गढ़वाल की लोक कथाएं” का हुआ लोकार्पण

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देहरादून, गढ़वाली के मूर्धन्य लेखक स्वर्गीय आशाराम ‘आशाजीत’ की पुस्तक ‘गढ़वाल की लोक कथाएं” का लोकार्पण निदेशक, उत्तराखंड भाषा संस्थान स्वाति एस. भदौरिया एवं वरिष्ठ कथाकार जितेन्द्र ठाकुर के करकमलों द्वारा दून पुस्तकालय के सभागार में किया गया,
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि धाद के संस्थापक और भाषा एक्टिविस्ट श्री लोकेश नवानी थे। इस कार्यक्रम के गढ़वाली भाषा के लिए वक्ता महेशानंद, कथाकार पौड़ी गढ़वाल ने पुस्तक पर अपनी गंभीर टिप्पणी के साथ लोक कथाओं की यर्थातता को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया। पुस्तक में हिंदी का कार्य संपादन सहयोग के लिए डॉ. राजेश कपूर उप निदेशक (राजभाषा) ने बड़ी भूमिका निभाई | इस कार्यक्रम के संयोजक साहित्यकार शान्ति प्रकाश जिज्ञासु थे जिन्होंने अपने पिता स्वर्गीय आशाराम द्वारा रचित लोक कथाओं को एक सूत्र में पिरो कर पुस्तक के रूप में प्रस्तुत किया, अपने उद्बोधन में शांति प्रसाद जिज्ञासू ने कहा कि ‘गढ़वाल की लोक कथाएं’ पुस्तक एक ऐसा संकलन है जिसमें गढ़वाली के विभिन्न सूत्रों को पिरोया गया और आज इसके लोकार्पण से मैं पितृ ॠण से भी उरिण हो गया।कार्यक्रम का संचालन डा. अर्चना डिमरी ने किया। कार्यक्रम में आईसा मेहर ने शान्ति प्रकाश जिज्ञासु रचित वंदना का गायन किया, इस मौके पर हिंदी और गढ़वाली के वरिष्ठ और मूर्धन्य साहित्यकारों पुस्तक के विषय में अपने संक्षिप्त विचार भी रखे और कहा कि संभवत है कि पहली पुस्तक है जिसमें गढ़वाली कहानियों का साथ ही साथ हिंदी अनुवाद भी किया गया है । पुस्तक को एकेडमिक रूप दिए जाने का प्रयास किया गया है और कुछ शब्दों के फुट नोट दिए हुए हैं । पुस्तक का प्रकाशन समय साक्ष्य द्वारा किया गया, कार्यक्रम में नंदकिशोर हटवाल, बीना बैंजवाल, विजय मधुर, गिरीश सुन्दरियाल, प्रेम पंचौली, डा. राम विनय सिंह, राकेश जैन, शादाब अलि, कुसुम भट्ट, आशीष सुन्द्ररियाल, दून लाइब्रेरी के चंद्रशेखर तिवारी आदि के साथ बड़ी संख्या में हिन्दी और गढ़वाली के साहित्यकार मौजूद रहे |

अतिक्रमण मुक्त अभियान दूसरे दिन भी चला, नगर निगम ने 33 चालान में की 28650 रुपये अर्थदंड़ का कार्रवाई

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देहरादून, सीएम धामी के अतिक्रमण पर प्रभावी कार्यवाई के निर्देश के साथ ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया |अतिक्रमणमुक्त अभियान के दूसरे दिन जिलाधिकारी सोनिका के निर्देशन में गठित टीमों द्वारा घंटाघर से राजपुर रोड, घंटाघर से कनक चौक, परेड ग्राउंड से सर्वे चौक, पलटन बाजार, घंटाघर से दर्शनी गेट, दर्शनी गेट से तहसील चौक तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।
नगर निगम ने 33 चालान करते हुए रुपए 28650 के अर्थदंड की कार्रवाई की गई, पुलिस द्वारा लगभग 40 चालान करते हुए, रुपए 18000 के अर्थदंड की कार्रवाई की गई। इसी प्रकार आरटीओ द्वारा लगभग 20 चालान करते हुए रुपए 10000 के अर्थदंड की कार्रवाई की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया है, कि अतिक्रमण के विरुद्ध नियमित अभियान चलाते हुए, फुटपाथ, सड़कों को अतिक्रमणमुक्त करें तथा किसी भी दशा में उन्हें पुनः अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण व किसी भी प्रकार की अवाछनीय गतिविधिया संचालित न होने दे।
जिलाधिकारी ने सभी छोटे- बड़े व्यापारियों, ठेली, रेहड़ी वालों आदि व्यापारियों से अनुरोध किया कि वे अपना सामान फुटपाथ एवं सड़कों पर न लगाएं शहर को सुंदर सुव्यवस्थित रखने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।
उन्होनें संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिस स्थान से अतिक्रमण हटाया गया है वहां दोबारा अतिक्रमण न होने दे ऐसा करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें।

दून में गुलदार ने किया 12 वर्षीय बच्चे पर किया हमला, गंभीर हालत में किया अस्पताल में भर्ती

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देहरादून, प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में गुलदार के आतंक से जहां आये दिये भयभीत रहते हैं वहीं अब राज्य की राजधानी देहरादून में भी बच्चे गुलदारों के हमलों से सुरक्षित नहीं रहे। रविवार देर शाम कैनाल रोड क्षेत्र के संधोवाली में खेल रहे बच्चों पर गुलदार ने हमला बोल दिया। हमले में गुलदार ने एक 12 वर्षीय बच्चे को बुरी तरह जख्मी कर दिया। गंभीर रूप से जख्मी बच्चे को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कंडोली क्षेत्र के संधोवाली में रिस्पना नदी किनारे कई परिवार रहते हैं। इन्हीं में शेर बहादुर का 12 वर्षीय बेटा निखिल अन्य बच्चों के साथ गंगोत्री विहार पुल के नजदीक नदी में खेल रहा था। इसी बीच, अचानक गुलदार ने हमला बोलकर निखिल को दबोच लिया। अन्य बच्चों और बस्तीवासियों ने फुर्ती दिखाते हुए शोर मचाया, जिस पर गुलदार बच्चे को घायलावस्था में छोड़कर भाग खड़ा हुआ। आनन-फानन में लोग जख्मी बच्चे को लेकर दून अस्पताल पहुंचे, जहां उसका उपचार चल रहा है। बताया गया है कि बच्चे के सिर के पिछले हिस्से में गंभीर जख्म है, घटना की जानकारी मिलते ही जाखन, मयूर विहार और आईटी पार्क चौकी पुलिस मौके पर पहुंची।
इस दौरान वन विभाग को भी सूचना दी गई। रात करीब आठ बजे वन विभाग और पुलिस ने गुलदार की तलाश में कांबिंग शुरू कर दी। गौरतलब है कि बीते 26 दिसंबर की शाम भी गुलदार ने राजपुर थाना क्षेत्र के सिगली गांव में एक चार वर्षीय बच्चे को उठा लिया था। बच्चे का शव अगले दिन बरामद हुआ। वहीं, रविवार को उधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता स्थित एक गांव में मां के सामने ही गुलदार ने एक चार वर्षीय बच्चे को मार डाला। इससे पहले शनिवार रात खटीमा के एक गांव में गुलदार ने वैवाहिक समारोह में आए तीन लोगों पर उस दौरान हमला कर दिया, जब वे सो रहे थे। हमले में दो व्यक्ति घायल हो गए।

इंस्टाग्राम के सह-संस्थापकों का बड़ा ऐलान, अपना आर्टिफैक्ट न्यूज ऐप किया बंद

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नई दिल्ली  इंस्टाग्राम के सह-संस्थापक केविन सिस्ट्रॉम और माइक क्राइगर, जिन्होंने एक साल पहले एआई-पावर्ड न्यूज एग्रीगेटर ऐप आर्टिफैक्ट लॉन्च किया था, ने शनिवार को इसका संचालन बंद करने की घोषणा की। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि बाजार का अवसर इतना बड़ा नहीं था कि निरंतर निवेश की गारंटी दी जा सके।
सिस्ट्रॉम, जो ऐप के सीईओ हैं, ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, स्टार्टअप के लिए इस वास्तविकता को नजरअंदाज करना आसान है, लेकिन अक्सर पहले ही कठिन निर्णय लेना इसमें शामिल सभी लोगों के लिए बेहतर होता है। आर्टिफैक्ट ऐप को हाल ही में गूगल प्ले स्टोर द्वारा साल का एव्रीडे एसेंशियल ऐप नामित किया गया था। कंपनी ने नए कमेंट्स और पोस्ट जोडऩे की क्षमता को हटाने का निर्णय लिया है।
सीईओ ने कहा, इस प्रकार के कंटेंट के लिए उचित मात्रा में संयम और निरीक्षण की आवश्यकता होती है और हमारे पास इन फीचर्स को सपोर्ट करने के लिए भविष्य में स्टाफ नहीं होगा। हालांकि, मौजूदा पोस्ट यूजर्स को उनकी प्रोफाइल सेल्फ-व्यू पर दिखाई देती रहेंगी। इस बीच, आर्टिफैक्ट फरवरी के अंत तक कोर न्यूज-रीडिंग की क्षमता का संचालन जारी रखेगा।
सिस्ट्रॉम ने कहा, हम अस्तित्व के ऐसे क्षण में हैं जहां कई पब्लिकेशन बंद हो रहे हैं या संघर्ष कर रहे हैं, लोकल न्यूज लगभग गायब हो गए हैं, और बड़े पब्लिशर्स के लीडिंग टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ संबंध खराब हो गए हैं। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि टेक्नोलॉजी इन संस्थानों को समर्थन देने, संरक्षित और विकसित करने के तरीके ढूंढ सकती है और ये संस्थान उस पैमाने का लाभ उठाने के तरीके खोज सकते हैं जो एआई जैसी चीजें प्रदान कर सकती हैं। स्मार्टन्यूज जैसे अन्य न्यूज एग्रीगेटर्स के उपयोग में मंदी के बीच यह शटडाउन हुआ।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान : सतत् विकास लक्ष्यों से संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन

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‘सोसायटी हेल्थ वुमेन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एसोसिएट (स्वेता) की तरफ से दिया गया प्रशिक्षण’

कोटद्वार, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत पंचायती राज विभाग के तत्वावधान में सतत विकास लक्ष्य 2030 के सम्बंध में पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल विकासखंड में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला का आज समापन हो गया है। पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्राम स्तरीय रेखीय विभाग के कर्मियों को सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण विषय को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों को ग्राम पंचायत विकास योजना, क्षेत्र पंचायत विकास योजना और जिला पंचायत विकास योजना तैयार कराने से पहले प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके तहत नौ थीम के आधार पर विकास किया जाना है।
सोसायटी हेल्थ वुमेन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एसोसिएट (स्वेता) की तरफ से स्थानीयकरण विषय को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को ग्राम पंचायत विकास योजना के बारे में बताया गया। ग्राम पंचायत विकास योजना, क्षेत्र पंचायत विकास योजना और और जिला पंचायत विकास योजना में नौ अलग अलग थीम है जिसमें गरीबी मुक्त उन्नत आजीविका गाँव, स्वस्थ गाँव, बाल हितैशी गाँव, जल पर्याप्त गाँव, स्वच्छ और हरा भरा गाँव, आत्मनिर्भर और बुनियादी ढांचायुक्त गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गाँव, सुशासन युक्त गाँव और महिला हितैषी गाँव शामिल है। गावों का विकास और योजनाएं भविष्य में इन्ही 9 थीम के आधार पर किया जाना है। साथ ही ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन पर भी चर्चा की गई।
पौड़ी जनपद के रिखणीखाल विकासखंड की 6 न्याय पंचायत चुरानी, गुनेड़ी, किलबौ, ढाबखाल, ढोंटियाल और धामधार की 81 ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और ग्राम स्तरीय रेखीय विभाग के कर्मियों ने प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग किया। जिसमें सदस्य क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्यों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा बहनों ने बढ़चढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक विकास अधिकारी पंचायत प्रदीप गुसाईं, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी आशीष कंडवाल, जितेन्द्र कुमार, जयबीर सैनी, राजेश रावत, गुणमाला कश्यप और ज्योति रावत की प्रमुख भूमिका रही। वहीं प्रशिक्षण के दौरान संस्था सचिव सोहन मेहरा, मास्टर ट्रेनर सुदर्शन कैंतुरा, जयदीप मेहरा, हरिओम ध्यानी और सुमित पुरोहित मौजूद रहे।

सीएम धामी ने महंगाई भत्ते की पत्रावली को दी मंजूरी, लाखों कर्मचारियों को होगा लाभ

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देहरादून(आरएनएस)।  विभिन्न संगठनों की मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार प्रतिशत बढ़े हुए महंगाई भत्ते की पत्रावली को अनुमोदन दे दिया है। इससे पहले दिन में उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग की थी। केंद्र के समान महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाने की मांग कई माह से चल रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने इसकी पत्रावली पर अनुमोदन दे दिया। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंदबर्द्धन ने बताया कि मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद जल्द ही आदेश जारी कर दिए गए। सचिवालय संघ ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महासचिव राकेश जोशी, संयुक्त सचिव रणजीत सिंह रावत, लालमणि जोशी, रेनू भट्ट, रमेश बड़थ्वाल, प्रमिला टमटा ने कहा कि काफी समय से ये मांग की जा रही थी, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर चार प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने की मांग की थी। समिति ने पूर्व में चेतावनी दी थी कि 15 जनवरी तक महंगाई भत्ता न मिला तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। उत्तरांचल पर्वतीय शिक्षक कर्मचारी संगठन ने भी यही चेतावनी दी थी।

ब्लेंडर्स प्राइड ‘मिस उत्तराखंड-2024’ का फर्स्ट लुक : राज्यभर से 32 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

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देहरादून, सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से ब्लेंडर्स प्राइड मिस उत्तराखंड-2024 का फर्स्ट लुक जाखन स्थित हयात सेंट्रिक में शनिवार को किया गया। इस मौके पर 32 प्रतिभागियों ने मीडिया को अपना इंट्रो दिया। राज्यभर से पहुंची 16 से 26 साल तक की लड़कियों को अब विशेष ग्रूमिंग दी जाएगी।

सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से वर्ष 2002 से ये आयोजन कराया जा रहा है। बुधवार को ब्लेंडर्स प्राइड मिस उत्तराखंड-2024 की प्रतिभागियों ने कैट वॉक की। इसके बाद एक-एक कर अपने बारे में बताया। देहरादून सहित उत्तरकाशी, रामनगर, हल्द्वानी, रुड़की, ऋषिकेश और पौड़ी से पहुंची प्रतिभागियों का ऑडिशन के बाद फर्स्ट लुक कराया गया। आयोजक दलीप सिंधी और राजीव मित्तल ने बताया कि प्रतिभागियों की लगातार ग्रूमिंग के बाद अलग-अलग सब टाइटल्स को लेकर कांटेस्ट कराए जाएंगे। इसके बाद ही मिस उत्तराखंड-2024 का ग्रैंड फिनाले होगा। बताया कि कांटेस्ट में कमल ज्वैलर्स, जेबीसीसी, न्यू इरा और इंस्पिरेशन पीआर की ओर से विशेष सहयोग किया जा रहा है। कोरियोग्राफी जेश पुष्कर सोनी कर रहे हैं।बताया कि पहली बार देहरादून में फाइव स्टार होटल में इस स्तर का कांटेस्ट हो रहा है। आजकल हर कोई जहाँ तहाँ पैसे लेकर फैशन इवेंट करा रहा है। ऐसे में सिनमिट कम्युनिकेशन्स आज भी अपने दम पर हर साल इवेंट के स्तर को बढ़ा ही रहा है। हयात सेंट्रिक के जीएम अजीत सिंह गांधी ने बताया कि हयात मिस उत्तराखंड को पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। हमारा प्रयास है कि इस तरह के इवेंट्स को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए हम सिनमिट कम्युनिकेशन के साथ है।

कोई डॉक्टर तो कोई टीचर, लेकिन मॉडलिंग है पसंद :

मिस उत्तराखंड 2024 की प्रतिभागी कोई डॉक्टर है तो कोई टीचर है। बावजूद इसके हर कोई अब अपनी पसंद को आगे रख कर चल रहा है। इस बारे में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज बीएएमएस करने के बाद कोरोनेशन हॉस्पिटल से इंटर्नशिप कर चुकी डॉक्टर अनुष्का बधानी ने बताया की वह नौ गांव बड़कोट की रहने वाली है। बताया कि शुरू से मॉडलिंग और एक्टिंग में इंटरेस्ट रहा हैं और अब रास्ता मिला तो इस ओर निकल पड़ी।
प्रज्ञा जोशी ने बताया की वह उत्तरकाशी की रहने वाली है और अभी टीचिंग करती हैं। बताया कि कॉलेज टाइम से ही उसको मॉडलिंग में इंटरेस्ट था। और जब जब इस ओर मौका मिलता है वह प्रयास जरूर करती हैं।

राज्य में जन सहभागिता से स्वच्छता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए:   मुख्यमंत्री

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-शहरों को स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए।
-प्रत्येक जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर जन उपयोगी पुस्तकों की लाइब्रेरी बनाई जाए।
-स्कूलों में खेल मैदानों को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग, विकास प्राधिकरण एवं नगर निकाय समन्वय से कार्य करें।

-खाने की बर्बादी को रोकने के लिए प्रभावी योजना के साथ लोगों को जागरूक किया जाए।
देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में स्वच्छता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता के साथ ही इसके लिए जन सहभागिता भी सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक साल के अंदर देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और कोटद्वार को स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए सुनियोजित योजना बनाकर कार्य किए जाय। जिन राज्यों में स्वच्छता के लिए अच्छे कार्य हुए हैं, उन राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को भी अपनाया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में करोड़ों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय कि देवभूमि उत्तराखंड की स्वच्छता का संदेश देश- दुनिया तक जाए। उन्होंने कहा शहरों के सौंदर्यीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में भी निरंतर कार्य किए जाय। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से ही जन सरोकारों से संबंधित अभियान सफल होते हैं, स्वच्छता अभियान में भी जन सहभागिता और सामाजिक संगठनों का पूरा सहयोग लिया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बुके नहीं बुक की संस्कृति बनाई जाय, विभिन्न कार्यक्रमों और अतिथियों को भेंट करने के लिए बुके के स्थान पर बुक भेंट की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर जनपद एवं ब्लॉक में एक-एक लाइब्रेरी बनाई जाय। लाइब्रेरी में जन सामान्य और प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वालों के लिए के लिए उपयोगी पुस्तकों की व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को नशा मुक्त अभियान से जोड़ने के उद्देश्य से स्कूलों में खेल मैदानों को सुदृढ़ करने के लिए शिक्षा विभाग से समन्वय कर विकास प्राधिकरण और नगर निकाय कार्य करें, ताकि शैक्षणिक समय के बाद इन खेल मैदानों का खेल प्रेमियों की सुविधा के लिए बेहतर उपयोग हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी आयोजनों में खाने की बर्बादी न हो, खाने के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई जाय। निजी समारोहों में खाने के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए. पी अंशुमन, महानिदेशक शिक्षा  बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

गढ़वाली कवि मदन मोहन डुकलाण की काव्य पोथी “तेरि किताब छौं” का हुआ लोकार्पण

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‘परंतु अब चीजें बदली हैं और हम अपनी मातृभाषा गढ़वाली- कुमाउँनी को गर्व से बोलने लगे हैं : प्रो. सुरेखा डंगवाल’

‘अब हर पीढ़ी के लोग गढ़वाली में खूब लिख रहे हैं, परंतु पाठक नहीं मिल पा रहे : नरेन्द्र सिंह नेगी’

देहरादून, गढ़वाली कवि, रंगकर्मी व उत्तराखण्डी फिल्मों के अभिनेता मदन मोहन डुकलाण की तीसरी काव्य पोथी ‘तेरि किताब छौं’ का लोकार्पण गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल व विशिष्ट अतिथि समाज सेवी कवीन्द्र इष्टवाल के कर कमलों से हुआ।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र, देहरादून में विनसर पब्लिशिंग कं द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके उपरांत मंचासीन अतिथियों के द्वारा मदन मोहन डुकलाण के गढ़वाली कविता संग्रह ‘तेरि किताब छौं’ विमोचन किया गया। पुस्तक विमोचन के बाद इस पुस्तक में संकलित रचनाओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने कहा कि इस संग्रह में 54 कविताएँ हैं परन्तु मैं इनको 108 (जोकि हिन्दू धर्म मान्यताओं के अनुसार एक शुभ अंक है) मानता हूँ क्योंकि किसी भी रचना को पाठक दो बार पढ़े बिना नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि इस किताब में मुख्य रूप से प्रेम की कविताएँ हैं परंतु अन्य जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों को भी बड़ी मुखरता के साथ कवि ने प्रस्तुत किया है।
अपनी सद्य प्रकाशित पुस्तक के बारे में बोलते हुए पुस्तक का रचनाकार मदन मोहन डुकलाण ने कहा कि यह मेरी तीसरी पुस्तक है जो काफी समय बाद आ रही है। उन्होंने अपनी रचनाओं का प्रेरणा स्रोत गढ़वाली भाषा प्रेमियों को बताया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी प्रमुख रचनाओं का पाठ भी किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी कवीन्द्र इष्टवाल ने कहा कि मदन मोहन का स्वयं का रचनाकर्म तो बेजोड़ है ही, साथ में उन्होंने गढ़वाली भाषा के लेखकों की एक नई पौध भी तैयार की है।May be an image of 7 people, people studying and text
पुस्तक लोकार्पण के इस कार्यक्रम में मदन मोहन डुकलाण के इस कविता संग्रह में प्रकाशित कुछ खास रचनाओं का पाठ भी किया गया जिसमें गायक व संगीतकार आलोक मलासी ने ‘छि भै यार’ तथा सुषमा बड़थ्वाल ने शीर्षक रचना – ‘तेरि किताब छौं’ का वाचन किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने अपने वकतव्य में कहा कि एक दौर था जब नरेंद्र सिंह नेगी जी को लिखना पडा़ था कि ‘ पाड़ी-पाड़ी मत बोलो, मैं देहरादून वाला हूँ’ । परंतु अब चीजें बदली हैं और हम अपनी मातृभाषा गढ़वाली- कुमाउँनी को गर्व से बोलने लगे हैं। उन्होंने विमोचित कविता संग्रह पर भी अपनी सारगर्भित टिप्पणियां की और इस संग्रह को एक उत्कृष्ट कृति बताया। इसके बाद कुछ देर मंच सभी श्रोताओं के लिए खोल दिया गया ताकि कोई भी गढ़वाली भाषा व लोकार्पित पुस्तक पर अपने विचार रख सके। इसके अन्तर्गत देवेश जोशी ने कहा कि इस कविता संग्रह में महत्वपूर्ण शब्दों का संकलन हुआ है जैसे खस संस्कृति से आया शब्द है ‘धार’ या इसी तरह कत्यूरी से संबंधित शब्द है ‘केर’। इसी क्रम में पत्रकार गुणानन्द जखमोला का कहना था कि ऐसे आयोजनों को बन्द कमरे मे करने की बजाय खुले मैदान मे किया जाना चाहिए ताकि आमजन इससे जुड़े सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुप्रसिद्ध गीतकार व गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि पहले हमारी चिंता थी कि लोग गढ़वाली में लिख नहीं रहे हैं परंतु अब हर पीढ़ी के लोग गढ़वाली में खूब लिख रहे हैं। परंतु अब पाठक नहीं मिल पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी के पास अवसर बहुत हैं परन्तु उन्हें पीछे लिखे गये साहित्य को भी पढ़ना चाहिए।

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कार्यक्रम के अंत में आज ही दिवंगत हुये गढ़वाली भाषाविद डा अचलानंद जखमोला के देहवसान पर दो मिनट का मौन रखा गया। पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम के संयोजन में धर्मेंद्र नेगी, रमेश बडोला व आशीष सुंदरियाल की विशेष भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन गिरीश सुंदरियाल ने किया।

 

लोकार्पण पर यह लोग थे शामिल :
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के अनेक साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं रंगमंच से जुड़े लोग उपस्थित रहे जिसमें डा. नंद किशोर हटवाल, कुलानंद घनशाला, उमा भट्ट, बीना बेंजवाल, रमाकांत बेंजवाल, संदीप रावत, मन मोहन लखेड़ा, डा. सुनील कैंथोला, जयदीप सकलानी, गिरीश बडोनी, अर्चना गौड़, मधुर वादिनी तिवारी, कांता घिल्डियाल, प्रेम पंचोली, ललित मोहन लखेड़ा, विजय मधुर, कीर्ति नवानी आदि प्रमुख हैं।

बुजुर्ग महिला में हुई  कोरोना के नए वैरिएंट JN1 की पुष्टि, रिकवर हो चुकी

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देहरादून(आरएनएस)।   राजधानी देहरादून की रहने वाली 72 वर्षीय महिला में कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण पाए गए थे, जिसके बाद बुजुर्ग महिला की कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित महिला के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा था।  वहीं बीते दिन महिला को रिपोर्ट में कोरोना के नए वैरिएंट JN-1 की पुष्टि हुई है। बता दें कि बीते तीन और चार फरवरी को उत्तराखंड में दो मरीज कोरोना से पॉजिटिव पाए गए थे, इनमें से 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 27 दिसंबर को इलनेस की शिकायत हुई। उसके बाद महिला को 30 दिसंबर को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन जब 4जनवरी को महिला की कोरोना जांच की गई तो 4 तारीख की शाम को रिजल्ट पॉजिटिव आया। उसके बाद महिला को दून अस्पताल में एडमिट कराया गया।  वेरिएंट का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने महिला के सैंपल को उस समय जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा।  11 जनवरी को महिला के जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में कोरोना के नए वैरिएंट JN-1 की पुष्टि हुई है।  हालांकि संक्रमित महिला स्वस्थ होने के बाद घर पर है।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर सीएस रावत का कहना है कि किसी भी कोरोना मरीज के पॉजिटिव आने के बाद उस सैंपल को जीनोम सीक्वेंस के लिए भेजा जाता है। महिला का भी सैंपल आरटी पीसीआर जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद लैब में भेजा गया था, सैंपल को एनालिसिस करवाया गया,तो महिला में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके दामाद और लड़की अमेरिका से उनसे मिलने आए थे और कुछ दिन रहने के बाद वापस अमेरिका चले गए थे। लेकिन उनके जाने के बाद महिला को खांसी जुकाम की शिकायत हुई। जिसके बाद उन्होंने अपनी जांच प्राइवेट अस्पताल में करवाई तो महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। उन्होंने बताया कि महिला रिकवर हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ है।  इस दौरान महिला घर पर ही आइसोलेशन में रही। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिंग करती रही, इस दौरान मरीज किसी के संपर्क में नहीं रहा। उन्होंने बताया कि यह वेरिएंट ज्यादा डेडली नहीं है और यह थर्ड वेब के अमिक्रोम वैरिएंट का ही सब वेरिएंट है। जो ज्यादा घातक तो नहीं है, लेकिन यह बड़ी तेजी से फैलता है ऐसे में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।