नई दिल्ली ,। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त बदलाव हुए हैं। एआई के आने के बाद जहां लोगों का काम जहां आसान हुआ है वहां कई तरह के खतरे भी उत्पन्न हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों में एआई के जरिए बनने वाले डीपफेक वीडियो और फोटो ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अब डीपफेक पर भारत सरकार भी सख्त नजर आ रही है। अब डीपफेक पर यूट्यूब ने भी बड़ा कदम उठा लिया है।
डीपफेक के बढ़ते खतरे और भारत के सख्त रुख के बाद टेक जायंट गूगल ने कहा कि अब यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर्स को पोस्ट से पहले उसमें इस्तेमाल किए गए एआई के बारे में डिटेल से जानकारी देनी पड़ेगी। यानी अगर कोई कंटेंट क्रिएटर ्रढ्ढ की मदद से वीडियो क्रिएट करता है उसे बताता पड़ेगा कि उसने ्रढ्ढ की किस तरह से मदद लिया है।
गूगल की तरफ से कहा गया है कि अगर कोई एआई के सपोर्ट से वीडियो क्रिएट करता है और इसे बिना किसी जानकारी के पोस्ट किया जाता है तो यूट्यूब अपनी पॉवर से उस वीडियो को प्लेटफॉर्म से रिमूव कर सकता है। गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि क्रिएटर्स को अब ्रढ्ढ रिलेटेड कंटेट की जानकारी देना आवश्यक होगा। वीडियो देखने वाले लोगों को यह वीडियो प्लेयर के लेबल से इस बारे में पता चेगा।
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में डीपफेक वीडियो और फोटो की बाढ़ सी आ गई है। इसमें किसी दूसरे के वीडियो पर दूसरे का चेहरा लगा कर सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है। अब इसे लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। इसके खतरे को देखते हुए सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने डीपफेक वीडियो के खतरे को जांचने के लिए एक विशेष अधिकारी की भी नियुक्ति की है।
यूट्यूब ने नियमों में किया बदलाव : अब वीडियो क्रिएटर्स को एआई जेनरेटेड कंटेंट की पहले देनी होगी जानकारी
एड्स जागरूकता में युवा वर्ग निभाये अहम भूमिका – कर्नल आलोक गुप्ता
देहरादून, विश्व एड्स दिवस पर उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक राज्य स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। दून मेडिकल कॉलेज अस्तपाल ओ०पी०डी० बिल्डिंग सभागार में आयोजित गोष्ठी में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि एड्स संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं। इसलिए एड्स संक्रमित व्यक्तियों को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उन्हें प्रेम व सम्मान देना चाहिए। इस साल विश्व एड्स दिवस की थीम ष्लैट कम्युनिटी लीडष् है। राज्य स्तरीय गोष्ठी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एस०एच०ओ० कैन्ट, देहरादून, थे। उक्त कार्यक्रम में विषिष्ठ अतिथि के तौर पर डा० अनुराग अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, डा० नारायण जीत, एच०ओ०डी० मेडिसिन राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, पवन कुमार कोठारी जेलर, डिस्ट्रिक जेल देहरादून, डा० विशाल धीमान एडिशनल प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश एवं डा० अजय कुमार, अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद मंच पर आसीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। अपर परियोजना निदेशक, यूसैक्स डॉ अजय कुमार द्वारा मुख्य अतिथि तथा उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा संचालित गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी गयी। अपर परियोजना निदेशक द्वारा कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले प्रतिभागियों की उपलब्धियां के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता ने कहा कि एड्स पीड़ितों को प्यार और सम्मान देना चाहिए, जिससे वह खुद को अलग-थलग न समझें। उन्होंने बताया कि किसी के साथ खाना खाने, छूने आदि से एड्स नहीं होता है। इसलिए इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए भी प्रेरित किया।
उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एस०एच०ओ० कैन्ट, देहरादून, द्वारा एच०आई०वी०/एड्स पर उत्कृष्ठ कार्य कर रही संस्थाओं एवं टी०आई० संस्थाओं, को सम्मानित किया गया। डा० अनुराग अग्रवाल चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, डा० नारायणा एच०ओ०डी० मेडिसिन राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, श्री पवन कुमार कोठारी जेलर, डिस्ट्रिक जेल देहरादून, डा० विशाल धीमान एडिशनल प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश द्वारा सम्बोधन दिया गया।
इस मौके पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, के छात्र छात्राओं एवं हंसा नृत्य नाटक कला सोसाइटी के ग्रुप मैम्बर्स द्वारा एच०आई०यी०/एड्स विषय पर सांस्कृतिक प्रस्तुति की गयी, कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन अनिल वर्मा, चैयरमेन यूथ रेडक्रास सोसाईटी, उत्तराखण्ड शाखा द्वारा किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मेजर प्रेमलता वर्मा यूथ रेडक्रास समिति विहान नेटवर्क से दो एच०आई०वी० पॉसिटिव महिला स्पीकर द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये, महाराणा प्रताप स्पोटर्स कॉलेज से स्पोटर्स टीचर लोकेश, साथी ग्रुप देहरादून से गालिब, एवं अनिल रावत, हरीश चन्द्र शर्मा उप सचिव, रेडक्रास सोसाइटी, डा० नवीन सिंघल एच०ओ०डी० डी०आई०टी० यूनिवर्सटी, देहरादून, डा० अमन शुक्ला कॉर्डिनेटर ग्राफिक एरा, यूनिवर्सटी, देहरादून, नारायण सिंह राणा उत्तरकाशी द्वारा प्रतिभाग किया गया, तथा देहरादून में कार्यरत विभिन्न टी०आई० संस्थायें-एग्नेस कुंज सोसाइटी (होप), बालाजी सेवा संस्थान, पी०ई० जे०के०एस०, चौखम्बा, रूद्रा, टी०आई० संस्थान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर/प्रोग्राम मैनेजर एवं प्रतिनिधियों, डी०ए०वी० पी०जी० कॉलेज, (रोवर्स एंड रैजर्स), एन०एस०एस० के छात्र-छात्राओं एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं अन्य विभागों के विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
आम आदमी पर और बड़ा महंगाई का बोझ, अब इतने रुपये बढ़े एलपीजी सिलेंडर के दाम
नई दिल्ली , देश भर में हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को रिवाइज किया जाता है। इसी कड़ी में आम आदमी पर एक बार फिर से महंगाई की मार पड़ी है। देश भर में कामर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 21 रुपये की बढ़त हुई है। वहीं, घरेलू सिलेंडर के दाम स्थिर बने हुए हैं। राजधानी दिल्ली में अब 19 किलो वाला गैस सिलेंडर 1,797.50 रुपये का मिलेगा।
पिछले महीने कामर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 103 रुपये की बढ़त की थी। इस बढ़त के बाद रेस्टोरेंट मालिकों के साथ मिठाई बेकर्स को बड़ा झटका लगा है। आइए, जानते हैं कि देश के महानगरों में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत क्या है?
राजधानी दिल्ली में कामर्शियल सिलेंडर की कीमत 1796.50 रुपये हो गई है. नवंबर में इनकी कीमत 1775.50 रुपये था। कोलकाता में कामर्शियल सिलेंडर की कीमत 1,908 रुपये है। पिछले महीने इनकी कीमत 1,885.50 रुपये थी। मुंबई में कामर्शियल सिलेंडर की कीमत 1,749 रुपये हो गई है जो पिछले महीने 1,728 रुपये था। चेन्नई में कामर्शियल सिलेंडर की कीमत 1,968.50 रुपये है जबकि अगस्त में इसकी कीमत 1,942 रुपये थी।
राज्यपाल से मिले प्रशिक्षु अभियोजन अधिकारी : पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए लगन से जुटें, दोषी को दंड दिलवाएं : राज्यपाल
देहरादून, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में पीटीसी नरेन्द्र नगर में प्रशिक्षणरत 53 सहायक अभियोजन अधिकारियों ने मुलाकात की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आप अपराध से पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने हेतु पूरी लगन एवं तत्परता से कार्य कर अपने दायित्वों को निभाएं। उन्होंने कहा कि अपराधी या दोषी को समय से उचित दण्ड मिले, इस हेतु आप संकल्प एवं निष्ठा से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि बेगुनाह, अपराध से पीड़ित महिला, बच्चियों, बेटी, गरीब या असहाय को समय से न्याय मिले, इस हेतु आप समर्पण भाव से कार्य करें, इनसे जुड़े मामलों में संवेदनशीलता और ईमानदारी से काम करें। यदि सजा का सफर लम्बा हो, न्याय मिलने में देरी हो तो वह बेगुनाह के साथ न्याय नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि अभियोजन के कार्य में चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन यह क्षेत्र आपने स्वयं चुना है, इसलिए संकल्प लें कि समर्पण भाव से कार्य करें। आपने अपने काम में तेजी एवं गुणवत्ता लानी है तो आप तकनीक का प्रयोग करेंगे तो आपके कार्य में गुणवत्ता के साथ ही तेजी भी आएगी। आज, साइबर क्राइम, वित्तीय फ्रॉड में तेजी आ रही है, इसमें आपको समय के साथ तेजी से चलने, डाटा मैनेजमेंट और एआई तकनीक का प्रयोग सीखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र में एक्सपर्ट बनों, लगन से कार्य करो, मिशन बनाकर कार्य करें।
राज्य में निकाय चुनाव फिलहाल टले, समस्त नगर निकाय दो दिसंबर से प्रशासकों के सुपुर्द
हार के डर से भाजपा ने निकाय चुनाव टाले : यशपाल आर्य
देहरादून, उत्तराखण्ड के समस्त नगर निकायों के चुनाव अभी फिलहाल टाल दिये गये ऐसे में शायद लोकसभा चुनाव के बाद ही निकाय चुनाव की रणभेरी बजेगी, वहीं तय समय पर निकाय चुनाव नहीं कराने पर राज्य के समस्त निकाय 2 दिसंबर से प्रशासकों के हवाले हो जाएंगे। शासन ने प्रशासकों की नियुक्ति सम्बंधित आदेश भी जारी कर दिया। उल्लेखनीय है कि 97 स्थानीय निकायों में चुनाव नवंबर 2023 में प्रस्तावित थे। लेकिन पिछड़ा वर्ग का आरक्षण का कार्य पूरा नहीं होने से निकाय चुनाव टालने पड़े। कांग्रेस ने निकाय चुनाव टलने पर भाजपा सरकार पर कड़े प्रहार किए। उत्तराखण्ड के 97 नगर निकायों का पांच वर्षीय कार्यकाल आज 1 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। प्रदेश में 97 नगर निकायों के चुनाव 2018 में हुए थे। प्रदेश में 8 नगर निगम हैं। नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले अथवा बाद में निकायों के चुनाव कराए जाने चाहिए। इधर, सरकार ने उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा-प्रवृत्त एवं यथा-संशोधित) की धारा 8 की उपधारा (4) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 2 दिसंबर से अग्रिम आदेशों तक प्रदेश के समस्त निकाय में जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया है। गौरतलब है कि सिर्फ दो निकायों नगर निगम रुड़की व नगर पालिका परिषद बाजपुर का कार्यकाल अगले साल खत्म होना है। यहां चुनाव 2019 में हुए थे। इसके अलावा बद्रीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री नगर पंचायतों में चुनाव नहीं होते।
सदन में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने हार के डर से निकाय चुनाव टाले हैं। और निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब निकायों में होने वाले विकास कार्यों में मनमानी बढ़ जाएगी। आर्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पांचों सीट जीतेगी। और फिर निकाय चुनाव भी जीतेगी।
भारतीय वन सेवा अधिकारी कंचन देवी बनी आईसीएफआरई देहरादून की महानिदेशक
देहरादून, मध्य प्रदेश कैडर की 1991 बैच की भारतीय वन सेवा अधिकारी श्रीमती कंचन देवी को भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफ़आरई), देहरादून के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। यह परिषद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक अग्रणी परिषद है। श्रीमती कंचन देवी इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त पहली महिला भारतीय वन सेवा अधिकारी हैं।
इन्हें मध्य प्रदेश राज्य सरकार और भारत सरकार में वन प्रबंधन, वन प्रशासन, शिक्षा, मानव संसाधन विकास और अनुसंधान एवं विस्तार सहित वानिकी के विभिन्न क्षेत्रों में 30 वर्षों से अधिक कार्य करने का अनुभव है। इन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आईजीएनएफए), देहरादून में संकाय सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। अपने सेवा कार्यकाल के दौरान, इन्होंने मौजूदा वन नीतियों आदि को लागू करने, विश्लेषण करने और अद्यतन करने की सिफारिश करके ग्रामीण समुदायों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है।
श्रीमती कंचन देवी पिछले चार वर्षों से आईसीएफआरई में उप महानिदेशक (शिक्षा) के पद पर कार्यरत हैं और इन्होंने देश में वानिकी शिक्षा को बढ़ावा देने, वानिकी पाठ्यक्रमों को मान्यता देने, वन नीति अनुसंधान अध्ययन संचालित करने, मानव संसाधन विकास, आईसीएफआरई के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों की भर्ती और पदोन्नति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्होंने सतत भूमि प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र (सीओई-एसएलएम) की स्थापना और आईसीएफआरई में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित पारितंत्र सेवा सुधार परियोजना (ईएसआईपी) के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
खौफनाक कदम : 71 साल के बुजुर्ग ने पेट्रोल छिड़क खुद पर लगाई आग, पुलिस मामले की छानबीन में जुटी
देहरादून, पुलिस थाना राजपुर पर सूचना प्राप्त हुई कि दून डिवाइन राजपुर देहरादून में एक व्यक्ति ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली है।
उक्त सूचना मिलने पर तत्काल आईटी पार्क पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर घटना के संबंध में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि मनोज बंसल पुत्र ओम प्रकाश बंसल निवासी लेन न0-1, दून डिवाइन आईटी पार्क, देहरादून, उम्र 71 वर्ष द्वारा अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगायी गयी थी।
पुलिस के अनुसार मृतक के संबंध में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि मृतक की पत्नी का कुछ माह पूर्व स्वर्गवास हो गया था तथा मृतक का पुत्र गुड़गांव में जॉब करता है। मृतक की एक पुत्री दून डिवाइन में ही रहती है।
पुलिस द्वारा मृतक का पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया है। किस कारण बुजुर्ग आत्महत्या की पुलिस कारणों की जांच में जुटी है।
मानदेय बढ़ाने की मांग को धरना प्रदर्शन, ठंड के बीच डटे रहे श्रमिक, कंपनी गेट पर किया प्रदर्शन
रुद्रपुर, यूएस नगर के सिडकुल क्षेत्र की खाद उत्पादन कंपनी में कार्यरत श्रमिक मानदेय बढ़ाने की मांग को धरने बैठे, कड़ाके की ठंड के बीच श्रमिक कंपनी गेट के सामने धरने पर डटे रहे। दूसरी तरफ वहीं सुबह होते ही महिलाओं ने डिवाइडर पर धरना देकर आंदोलन को जारी रखा। सिडकुल की ब्रिटानिया कंपनी में ठेकेदारी प्रथा पर काम करने वाले तमाम श्रमिकों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर गुरुवार को कंपनी गेट पर हंगामा व धरना शुरू कर दिया था। मगर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद श्रमिकों ने कंपनी के सामने डिवाइडर पर बैठकर अपना आंदोलन शुरू कर दिया था। गुरुवार को देर रात और ठंड होने के बाद भी श्रमिक का हंगामा जारी रहा और शुक्रवार को तड़के श्रमिकों की महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया और डिवाइडर पर बैठकर ही अपना धरना शुरू कर दिया।
धरने पर बैठे यह श्रमिक पिछले दस सालों से ठेकेदारी प्रथा में कार्य कर रहे हैं और लगातार कंपनी को मुनाफा दे रहे हैं। वही श्रमिकों का आरोप है कि कंपनी द्वारा ठेकेदार को मानदेय बढ़ाए जाने की सूचना मिल रही है, जबकि ठेकेदार द्वारा कोई भी मानदेय नहीं बढ़ाया है। जिस कारण परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होती जा रही है। आंदोलित श्रमिकों का कहना है कि जब तक उनका मानदेय नहीं बढ़ाया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
धरना देने वालों में देवेंद्र कुमार, योगेश कुमार, बलविंदर कौर, पुष्पा देवी, सीता चौधरी, कुमकुम देवी, महेंद्रवती, संगीता रानी, शिव कुमार, राहुल सिंह, अरविंद कुमार, माया देवी, रोशनी, गीता देवी, कमलेश, पूजा रानी, धर्मवती, पल्लवी देवी,अन्नू देवी, कंचन आदि मौजूद रहे।
फंदे में लटका मिला युवती का शव
उत्तरकाशी, उत्तराखंड़ के सीमांत जनफद उत्तरकाशी के संगमचट्टी इलाके के कफलौं गांव स्थित एक रिजॉर्ट में फंदे से लटका युवती का शव संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद होने के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया । ग्रामीण इसे हत्या का मामला बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। युवती द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना पर जब लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो घटना स्थल की स्थिति देखकर वह आक्रोशित हो गए। उन्होंने रिजॉर्ट कर्मियों पर युवती की हत्या का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार अमृता नाम की यह युवती पिछले एक साल से इस रिजॉर्ट में कार्यरत थी। शुक्रवार की सुबह उसका शव रिजॉर्ट के ही एक कमरे से संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद किया गया। अमृता का शव एक रिसॉर्ट में फंदे से लटके हुए मिला है। लेकिन उसके दोनों पैर जमीन पर टिके हुए थे। जिस कारण ग्रामीण व परिजन इसे हत्या मान रहे हैं। ग्रामीणों ने रिजॉर्ट के लोगों पर युवती की हत्या का आरोप लगाते हुए दो संदिग्ध कर्मचारियों के साथ मारपीट भी कर डाली। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने दोनों कर्मचारियों को अपनी हिरासत में ले लिया। गुस्साए ग्रामीणों ने रिजॉर्ट के सामने ही प्रदर्शन करते हुए शव को उठाने से इंकार कर दिया।
मौके पर पहुंचे सीओ अनुज कुमार के ग्रामीणों को समझाने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम के जिला अस्पताल भेजा जा सका। गुस्साए ग्रामीण इसे आत्महत्या का मामला मानने से इंकार करते हुए इसे सीधे-सीधे हत्या का मामला बता रहे हैं। दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को शक है कि यह अंकिता भंडारी हत्याकांड की तरह से सेक्सुअल हैरेसमेंट का मामला भी हो सकता है। संभावना है कि युवती का सेक्सुअल हैरेसमेंट करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई हो। इस मामले की लोगों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जबकि पुलिस का कहना है कि घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। रिजॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है। शव का पोस्टमार्टम भी डॉक्टर्स के पैनल कराए जाने की सिफारिश की गई है। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुट गयी, जांच के बाद ही पूरी जानकारी मिल पायेगी।
अजब गजब : जिस बेटे का हो चुका था अंतिम संस्कार, वो 3 दिन बाद लौट आया जिंदा घर
उधमसिंह नगर, परिवार का एक बेटा पिछले तीन साल से अपने परिजनों से दूर कहीं चला गया और न कोई सम्पर्क न कोई फोन, लेकिन फिर एक फोन काॕल आई कि उनके बेटे की अस्पताल में मौत हो गयी, यह फोन काॕल 25 नवंबर को परिवार वालों को आयी जिससे यह दु:खद समाचार मिला, दु:ख में डूबे परिवार वाले लाश का अंतिम संस्कार भी कर आए, लेकिन अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद पता चला कि जिस बेटे का अंतिम संस्कार किया गया, वो जिंदा है और कुशल है। जिस पर परिवार वाले संबंधित शहर पहुंचकर अपने बेटे को घर ले आए। यह घटना उधमसिंह नगर के खटीमा की है। यहां धर्मानंद भट्ट का 42 वर्षीय पुत्र नवीन भट्ट काफी समय से अलग रह रहा था। उसका पता ठिकाना भी घर वालों को ठीक से मालूम नहीं था। इसी बीच 25 नवंबर को कोतवाली से सूचना मिली कि सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में बीमारी के चलते नवीन भट्ट की मौत हो गई है।
वहीं जब धर्मानंद भट्ट को यह सुचना मिली तो वे केशव भट्ट और अन्य ग्रामीणों के साथ शव को लेने हल्द्वानी चले गए। 26 नवंबर को शारदा घाट बनबसा में विधि विधान के साथ अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर दिया। संस्कार के बाद घर पर क्रिया चल रही थी। रिश्तेदार शोक व्यक्त करने घर आ रहे थे। तीन दिन बाद 29 नवंबर को रुद्रपुर में होटल चलाने वाले नवीन के भाई केशव दत्त भट्ट को उसके दोस्त का फोन आया, उसने पूछा कि होटल बंद क्यों है। तब केशव ने बताया कि उसके भाई नवीन की मौत हो गई है। दोस्त ने कहा कि लेकिन नवीन को तो उन्होंने अभी देखा है। यकीन न हो तो वो वीडियो कॉल करा देगा। केशव ने वीडियो कॉल पर भाई को देखा तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। परिजन नवीन को लेने तुरंत रुद्रपुर चले गए। इस तरह नवीन सकुशल अपने घर लौट आया, लेकिन जिस शख्स का अंतिम संस्कार किया गया, वो कौन था, ये सवाल अब भी सबको परेशान किए हुए है। इसके बाद पूरे इलाके में ये घटना चर्चा का विषय बनी हुई है |