Saturday, June 7, 2025
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सनातन को पुनर्जीवित करने में तीन महापुरुषों का अमूल्य योगदान: श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज युवा दिवस पर एसएमजेएन में कार्यक्रम

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हरिद्वार,(कुलभूषण) , आज युवा दिवस के अवसर पर एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार के सभागार में स्वामी विवेकानंद जी के जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम , सड़क सुरक्षा सप्ताह तथा स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का स्मरण एवं मचंन किया गया
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमहंत रविन्द्र पुरी जी महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद , आदेश चौहान, रानीपुर विधायक ,पूर्व प्राचार्य डॉक्टर शिव शंकर जायसवाल, प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा सी ओ ट्रैफिक श्री राकेश रावत , ट्रेंफिक इंसपेक्टर विकास पुण्डींर, नेहरू युवा केन्द्र के धर्म सिंह रावत के द्वारा मां सरस्वती की वंदना पुष्पांजलि एवं स्वामी विवेकानंद के चरणों में पुष्प अर्पित करने से हुई । तत्पश्चात समस्त अतिथि गणों का स्वागत महाविद्यालय परिवार के माध्यम से स्मृति चिन्ह एवं बुके देकर किया गया ।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के पुनर्जीवन में तीन महापुरुषों का अमूल्य योगदान रहा है प्रथम जगतगुरु आदि शंकराचार्य द्वितीय नरेंद्र अर्थात स्वामी विवेकानंद और तीसरे वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी। अद्भुत सहयोग है कि इन तीन पुरुषों में दो महापुरुषों के नाम नरेंद्र हैं।स्वामी विवेकानंद के जीवन की एक छोटी कहानी के माध्यम से निर्भीकता के विचार को रेखांकित किया उन्होंने कहा कि काशी में प्रवास के दौरान जब स्वामी जी के ऊपर बंदरों का हमला हुआ तो किसी सन्यासी ने नरेंद्र से कहा कि भागो नहीं बल्कि सामना करो इस विचार का स्वामी विवेकानंद जी ने जीवन पर गहरा प्रभाव हुआ। एक सूत्र निर्भीकता और किसी भी विपत्ति का दर्द कर सामना करने की प्रवृत्ति का विकास हुआ आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारा युवा निर्भीकता की इस प्रवृत्ति को आत्मसात करें और मुसीबत से मत घबराएँ युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए और अवसाद और चिंता जैसी बीमारियों से मुक्ति के लिए स्वामी विवेकानंद की निर्भीकता का सूत्र अत्यंत आवश्यक है
आज के कार्यक्रम के की नोट स्पीकर डॉ एस एस जायसवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद के समस्त विचारों का मूल पूर्व और पश्चिम के बीच संयोजन है उन्होंने कहा कि पश्चिम के पास तकनीक और पूंजी है जबकि भारत के पास धर्म और नैतिकता है यदि पश्चिम की तकनीक का भारत को विकसित करने में प्रयोग किया जा सके और भारत के आध्यात्मिकता का पश्चिम को नैतिकीकरण करने के लिए प्रयोग किया जा सके तो इससे मानवता का कल्याण होगा।
अपने सम्बोधन में रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार वर्तमान समय में भी पूर्णतः प्रासंगिक है बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया ।विधायक चौहान ने अपने संबोधन में यह भी कहा की स्वामी विवेकानंद का मूल नाम नरेंद्र था और उस नरेंद्र से वर्तमान नरेंद्र दामोदर मोदी तक की यात्रा में सनातन संस्कृति ने अपने स्वर्ण काल को छू लिया है।

इस अवसर पर सीओ राकेश रावत के द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा के सप्ताह के अंतर्गत यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी यातायात पुलिस अधिकारी विकास पुंडीर ने सड़क मार्गों से हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों के संकेतो की जानकारी दी
प्राचार्य प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा ने विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि विवेक का अर्थ ऐसा फैसला जो सोच समझ कर लिया जाए विवेक कहलाता है और जहां विवेक हो वहां आनंद का वास होता है डॉ बत्रा ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के विचारों को पढ़ने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित किया उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति साहसपूर्ण तरीके से कह सकता है कि युवा को गीता पढ़ने के साथ साथ फुटबॉल के मैदान में भी दिखना चाहिए । वह शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तीव्रता के बीच संयोजन चाहता है। इसके लिए स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करना आधुनिक समय में अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र के कार्यक्रम सहायक धर्म सिंह रावत द्वारा विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी गई । कार्यक्रम नेहरू युवा केन्द्र एवं एसएमजेएन पी जी कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति संगीत विभाग की प्रोफेसर डॉ अमिता मलहोत्रा के सानिध्य में संपन्न कराया गया । जिसमे आरती असवाल, कमाक्षा,आरती,गौरव बसंल
मानसी,मनीषा आदि ने भाग लिया।
बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा अपराजिता द्वारा स्वामी जी पर रचित स्वरचित कविता की प्रस्तुति दी गई
प्रतिभागियों को महराज जी द्वारा नकद पुरुस्कार तथा मेडल एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित तथा पुरुस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा युवाओं को दिया जा रहा संदेश का सत्ताइसवा राष्ट्रीय युवा महोत्सव का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ संजय माहेश्वरी तथा विनय थपलियाल द्वारा किया गया । इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग अध्यक्ष विनय थपलियाल ,डॉक्टर शिवकुमार चौहान ,डॉक्टर मोना शर्मा , आशा शर्मा,पल्लवी शर्मा, मीनाक्षी शर्मा ,डॉ विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा डॉ विजय शर्मा , डा सुगंधा वर्मा, डा लता शर्मा, विनीत सक्सेना, डा पूर्णिमा सुंदरियाल एवं सैकड़ों छात्र छात्राऐं उपस्थित रहें।

अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ की बैठक में जे के श्रीवास्तव सम्मानित

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देहरादून , अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ देहरादून संभाग द्वारा आज नव वर्ष मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया मिलन कार्यक्रम के बाद कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई जिसमें शिक्षकों के लंबित विभिन्न बिन्दुओ पर चर्चा की गई !
उज्ज्वल रेस्टोरेंट में आयोजित आज की बैठक में सर्वप्रथम कार्यकारणी सदस्य जे के श्रीवास्तव के सेवा निविर्थ होने पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए संघ द्वारा संमानित किया गया !
समांन समारोह के उपरान्त बैठक में उपस्थित सदस्यों ने विभिन्न बिंदुओ पर चर्चा की ! चर्चा के दौरान सभी सदस्यों ने एक स्वर में मेडिकल की सुलभ एवं स्तरीय सुविधा दिए जाने की पैरवी की सदस्यों ने कहा आज की सबसे बड़ी आवश्यकता स्वास्थ्य है जिसके लिये संगठन को पूरे देश के शिक्षकों के लिए केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य कैशलेश योजना को अमलीजामा पहनाना चाहिये ताकि शिक्षक अपना सुलभ इलाज करवा सके !,
स्थायी स्थानांतरण पालिसी बनाये जाने एवं बार बार उसे ना बदले जाने का सभी ने आग्रह किया साथ ही देहरादून संभाग से हटाये गए हार्ड स्टेशनों की पुनः समीक्षा कर हार्ड स्टेशनों की संख्या पहाड़ की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पूर्व की भाँति किये जाने की मांग की ! शारिरिक शिक्षक , कला , कार्यानुभव , संगीत एवं पुस्तकालय शिक्षकों को अन्य विषय शिक्षकों की तरह प्रोन्नति दिए जाने एवं अर्जित अवकाश का अनुपात 3/5 के आधार पर किये जाने की मांग संगठन से की !
केंद्रीय विद्यालय एच बी के 2 एवं बी एच ई एल हरिद्वार प्रोजेक्ट स्कूलों के शिक्षकों को समय से वेतन भुगतान पर भी बैठक में चर्चा हुई ! विभिन्न समस्याओं के सम्बंध में मुख्यालय आने वाले शिक्षकों के लिये स्वागत कक्ष एवं किसी सक्षम अधिकारी को वहाँ नियुक्त किये जाने पर बैठक में चर्चा हुई !
बैठक में निर्णय लिया गया कि देहरादून संभाग के शिक्षकों के लिये एक क्रिकेट प्रतियोगिता एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन संघ द्वारा किया जाएगा जिसके लिये प्रवीन कुमार एवं संजीव उपाध्याय को संयोजक बनाया गया !
देहरादून संभाग के महासचिव डी एम लखेड़ा ने बताया संभाग के जिन स्कूलों को अभी तक राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं करवाई गई है के सम्बंध में मुख्यमंत्री को पत्र एवं भेंटकर यथा स्थिति से अवगत करवाया जाएगा , वर्तमान में के वी ऋषिकेश का मामला वन विभाग एवं मोथरोवाला का जिला प्रशासन में लंबित है !
बैठक में राजेश कुकरेती ,नबील अहमद, डीपी थपलियाल, राजेन्द्र भंडारी , देवेंद्र सिंह , वीरेन्द्र भंडारी, विनय कुमार, नवीन चौधरी,एस पी डोभाल,चमन सिंह , करन सिंह, विवेक कक्कड़, पंकज कुमार, ए बी मदान, भूपेन्द्र कुमार, गौरव रावत, आदि मौजूद रहे।

हाईकोर्ट ने जिला जज के निलंबन का आदेश व चार्जशीट को किया रद

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नैनीताल, हाईकोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी के निलंबन आदेश व चार्जशीट को रद कर दिया है। हाईकोर्ट के न्यायधीश राकेश थपलियाल व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में 29 दिसंबर को जिला जज धनंजय चतुर्वेदी की याचिका सुनवाई को पेश हुई थी।
जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा उन्हें 24 जुलाई 2023 को निलंबित करने व 10 अगस्त 2023 चार्जशीट जारी करने को चुनौती दी थी । उन पर आरोप था कि उनके जिला एवं सत्र न्यायाधीश चमोली के पद पर रहने के दौरान गवाह के बयानों की रिकॉर्डिंग हुई, जो हाईकोर्ट के नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा उन्होंने चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी मनीषा सती के फोन की कॉल डिटेल प्राप्त की, जो एक महिला की निजता व व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन है। यह उत्तराखंड सरकारी सेवा नियमावली के खिलाफ है ।
इस मामले में हेम वशिष्ठ नाम के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को शिकायत की थी जिसमें न्यायालय में हुई रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव भी थी । इन आरोपों के संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जिस अधिवक्ता ने यह शिकायत भेजी है वह जिला बार एसोसिएशन चमोली में पंजीकृत नहीं है।
इसके अलावा शिकायत पत्र में न तो दिनांक है और न ही उसमें हस्ताक्षर हैं। उसके अलावा हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार किसी न्यायिक अधिकारी की शिकायत शपथ पत्र के माध्यम से की जानी आवश्यक है जो इस मामले में नहीं हुआ है। इसके अलावा शिकायत पत्र चमोली डाकघर से भेजने के बजाए हल्द्वानी डाकघर से भेजा गया है। इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि उन्हें इस मामले में साजिशन फंसाया गया है।
ग्रुप डी कर्मचारी मनीषा सती का आचरण संदेहास्पद है। वह चमोली के पूर्ववर्ती जिला जज नरेंद्र दत्त के संपर्क में थी। बीती 6 मई की रात उनकी लोकेशन देहरादून में उक्त न्यायिक अधिकारी के आवास में मिली। उक्त न्यायिक अधिकारी व उनके बैच के अधिकारियों में वरिष्ठता के विवाद के कारण यह साजिश की गई हो।
जिसमें इस ग्रुप डी महिला कर्मचारी का उपयोग हुआ हो । याचिकाकर्ता के मुताबिक वह किडनी की पथरी से ग्रसित हैं जिस कारण उन्हें कई बार शौचालय जाना पड़ता है । हो सकता उनकी इसी परेशानी का फायदा वीडियो रिकॉर्डिंग में किया गया हो।
हाईकोर्ट ने इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश की ओर 22 दिसंबर 2014 को जारी सर्कुलर जिसके अनुसार किसी न्यायिक अधिकारी की शिकायत शपथ पत्र में देना आवश्यक है, के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी के निलंबन आदेश व उन्हें दिए गए चार्ज शीट को रद्द कर दिया है।

 

 

सोशल मीडिया को लेकर पुलिस कार्मिकों के लिए एडवाइजरी हुई जारी

बड़ी खबर (उत्तराखंड) सोशल मीडिया को लेकर पुलिस कार्मिकों के लिए एडवाइजरी हुई जारी।। - Uttarakhand City News
देहरादून, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम एवं प्रवक्ता पुलिस मुख्यालय नीलेश आनन्द भरणेयने बताया कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा विगत कई वर्षों से सोशल मीडिया का सार्थक प्रयोग करके जन-शिकायत का निस्तारण एवं सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार सफलतापूर्वक किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर डाली गई प्रत्येक सामग्री पब्लिक प्लेटफार्म पर सबके लिये सुलभता से उपलब्ध है। अतएव विभागीय गरिमा के दृष्टिकोण से पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया के प्रयोगार्थ पुलिस मुख्यालय द्वारा पूर्व में भी पुलिस कार्मिकों के लिये सोशल मीडिया एडवाइजरी निर्गत की गई है।
कुछ समय से ऐसे दृष्टान्त सामने आ रहे हैं, जहां पर पुलिस कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया पॉलिसी एवं उत्तराखण्ड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन करते हुये सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया के प्रयोग एवं वावर्दी अशोभनीय रूप से वीडियो बनाकर उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड किया गया है। भविष्य में इस प्रकार के कृत्यों की पुनरावृत्ति रोकने हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार, BPR&D एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MieitY) की गाईड लाइन, उत्तराखण्ड सरकारी सेवक आचरण नियमावली, पुलिस वर्दी विनियम, ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट तथा अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत पुलिस महानिदेशक महोदय के अनुमोदन उपरान्त अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था महोदय द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों हेतु निम्नलिखित विस्तृत सोशल मीडिया पॉलिसी निर्गत की गयी है।

सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर प्रतिबन्धित गतिविधियां :
कार्य सरकार के दौरान प्रत्येक पुलिस कार्मिक का यह कर्तव्य है कि वह प्रदत्त कार्यों को पूर्ण लगन एवं मनोयोग से निष्पादित करें। सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिस कर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है। अतः राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
कार्य सरकार के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबन्धित किया जाता है।
ड्यूटी के उपरान्त भी बावर्दी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबन्धित किया जाता है।
थाना/पुलिस लाईन/कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है। कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है। अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियोे/रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाईव टेलीकास्ट/वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है। अतः सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबिनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन/आय प्राप्त नहीं करेंगे, जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये। (उत्तराखण्ड सरकारी सेवक आचरण नियमावली 2002 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में, जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा।)
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद/सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबन्धित किया जाता है।
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हुई हो। ऐसी कोई जानकारी तभी साझा की जा सकेगी, जब वह कार्मिक इस कार्य के लिये अधिकृत हो।
निजता एवं सुरक्षा के कारणों से सरकारी एवं व्यक्तिगत, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा अपनी अथवा किसी अन्य पुलिस कार्मिक की विशेष नियुक्ति या व्यक्तिगत विवरण का उल्लेख नहीं किया जायेगा। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन (Under cover operation) में संलग्न पुलिस कार्मिकों द्वारा इस प्राविधान का सख्ती से अनुपालन किया जायेगा।
अपराध के अन्वेषण, विवेचनाधीन या न्यायालय में लम्बित प्रकरणों से सम्बंधित कोई गोपनीय जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जाएगी एवं उन पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। उपरोक्त विषय वस्तु पर सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकृत या सक्षम अधिकारी द्वारा ही आवश्यक जानकारी सार्वजनिक प्रेस नोट द्वारा साझा की जायेगी।
किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा।
किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर/किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेन्डर्स) की पहचान अथवा नाम व अन्य सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा।
जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी।
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जायेगी, जिससे विभागीय गरिमा प्रभावित हो।
पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट, विवेचना या अपराध के अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली तकनीक की जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
पुलिस कार्मिकों द्वारा अश्लील/हिंसात्मक भाषा का प्रयोग एवं अश्लील फोटो/वीडियो, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट अथवा साझा नहीं किया जायेगा।
पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, साम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रकरणों में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
माननीय न्यायालयों द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जायेगी और न ही ऐसी कोई विषयवस्तु साझा की जायेगी, जिससे मा० न्यायालयों की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो ।
पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक/अवांछित/गैर सामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो।
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा मित्रों का चयन करते समय सतर्कता बरतना अपेक्षित है। पुलिस कार्मिक ऐसे किसी व्यक्ति को मित्र न बनायें अथवा फॉलो न करें, जो असामाजिक/आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हों।
पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के प्रभाव में तथा मादक पदार्थों के साथ फोटो/वीडियो व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से पोस्ट/साझा (Share) नहीं की जायेगी।
पुलिस के “सराहनीय कार्य“ से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट/साझा की जायेगी।
पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सील मोहर किये हुए फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी।
पुलिस कार्मिकों द्वारा गश्त/वाहन चैकिंग के दौरान मौके पर मोबाइल से फोटो/वीडियो लेते समय Geo Tagging के विकल्प को बंद रखा जायेगा।
गश्त/पैट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र मे मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो/वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी।
पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र/वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए पुलिस कार्मिक के परिजन/मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो/फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से अपलोड नहीं किया जायेगा।
पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों/व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो/वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट/साझा नहीं किया जायेगा।
पुलिस कार्मिकों द्वारा इण्डियन कॉपीराईट एक्ट, 1957/द कॉपीराईट एक्ट, 1957 का उल्लंघन किये जाने वाली कोई भी पोस्ट, फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड/साझा नहीं की जायेगी।
पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट के डीपी/प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा।
पुलिस कार्मिक द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट की डीपी/प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनैतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक नहीं लगाया जायेगा।
पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट से ऐसे किसी भी व्हाट्सएप्प गु्रप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, साम्पद्रायिक, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे।
पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉग-इन नहीं करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत एकाउण्ट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इण्टरनेट, वाई-फाई, आई0पी0 एड्रैस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो/वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा ।
पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों का निराकरण करने हेतु वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड/साक्षा नहीं किया जायेगा। कार्मिकाें द्वारा अपने सेवा सम्बन्धी प्रकरणाें के निस्तारण हेतु विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जायेगा।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पॉल/वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जायेगा और न हीं उक्त सम्बन्ध में कोई टिप्पणी की जायेगी।
पुलिस कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल अथवा बुली (Bullying) नहीं किया जायेगा।

सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अनुमन्य गतिविधियां :

प्रत्येक पुलिस कार्मिक एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया के प्रयोग एवं उस पर अभिव्यक्ति हेतु उस सीमा तक स्वतन्त्र है, जहां तक उसके द्वारा उत्तराखण्ड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002, पुलिस वर्दी विनियम एवं अन्य सुसंगत नियमों तथा सोशल मीडिया पर आचरण एवं नियमावली सम्बन्धी परिपत्रों/निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया जाता है। पुलिस कार्मिक सोशल मीडिया पर कोई ऐसी पोस्ट न डालें और न ही ऐसा कोई आचरण करें, जो मानवीय गरिमा एवं विधिक उपबंधों के प्रतिकूल हो।
पुलिस कार्मिकों द्वारा एक सामान्य नागरिक के रूप में व्यक्तिगत एकाउण्ट से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट किया जाये कि उक्त विचार उनके निजी विचार है एवं इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर की जाने वाली टिप्पणी के लिये संबंधित कार्मिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा।
पुलिस कार्मिकों द्वारा अपने कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना, कर्तव्य-निर्वहन, जन-सहायता, जनसेवा, मानवतापूर्ण कार्यों एवं व्यक्तिगत उपलब्धि से सम्बंधित पोस्ट, फोटो/वीडियो को अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से साझा किया जा सकता है।
पुलिस कार्मिक राजकीय कार्य से सम्बन्धित ऑनलाइन गतिविधियों यथा वेबिनार, मीटिंग आदि में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर या उनसे अनुमति प्राप्त कर सम्मिलित हो सकते हैं। उक्त के अतिरिक्त अन्य ऑनलाइन गतिविधियों के संदर्भ में उत्तराखण्ड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के प्राविधान यथावत् लागू रहेंगे, जिसमें उल्लिखित है किः-
‘‘कोई सरकारी कर्मचारी, इस प्रकार की स्वीकृति प्राप्त किये बिना कोई सामाजिक या धमार्थ प्रकार का अवैतनिक कार्य या कोई साहित्यिक, कलात्मक या वैज्ञानिक प्रकार का आकस्मिक ;व्बबंेपवदंसद्ध कार्य कर सकता है, लेकिन शर्त यह है कि इस कार्य द्वारा उसके सरकारी कर्तव्यों में कोई अड़चन न पड़ती है तथा वह ऐसा कार्य हाथ में लेने से एक महीने के भीतर ही, अपने विभागाध्यक्ष को और यदि वह स्वयं विभागाध्यक्ष हो तो, सरकार को, इस बात की सूचना दे दें, किन्तु, यदि सरकार इसे इस प्रकार का कोई आदेश दे तो वह ऐसा कार्य हाथ में नहीं लेगा और उसने हाथ में ले लिया है तो बन्द कर देगा‘‘
पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट से पुलिस के सराहनीय कार्यों से सम्बन्धित पोस्ट को री-ट्वीट/शेयर/लाईक/ कमेन्ट किया जा सकता है।

सोशल मीडिया एकाउंट की सुरक्षा हेतु की जाने वाली गतिविधियाँ :

सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट की सुरक्षा हेतु स्ट्रांग पासवर्ड बनाये और निरन्तर उसे बदलते रहे। एकाउन्ट को सुरक्षित लॉग-इन किये जाने हेतु Two Factor Authentication का प्रयोग किया जाये।
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट के नोटीफिकेशन में किसी भी संदिग्ध लिंक (URL) के प्राप्त होने पर उसको open नहीं करेंगे।
सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट में सरकारी CUG मोबाइल एवं NIC की सरकारी मेल आईडी का प्रयोग किया जायेगा तथा एकाउण्ट की सुरक्षा हेतु समय-समय पर मुख्यालय स्तर से जारी किये जाने वाले निर्देशों का पालन किया जायेगा।
सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट को यथासंभव डेस्कटॉप पर ही चलाया जाए। यदि किन्हीं अपरिहार्य परिस्थितियों मे सोशल मीडिया एकाउण्ट को मोबाइल पर लॉग-इन किया जाता है, तो कार्य समाप्त होने के उपरान्त सम्बन्धित सोशल मीडिया एकाउण्ट को मोबाइल से लॉग आऊट कर दिया जाए। सोशल मीडिया एकाउण्ट ऐसे मोबाइल में ही लॉग-इन किया जाये, जिसमें थर्ड पार्टी एप्लीकेशन (गेमिंग इत्यादि) न हो।
किसी भी अज्ञात मोबाइल नम्बर से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर अपने आप को सोशल मीडिया एकाउण्ट कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर सम्बन्धित सोशल मीडिया एकाउण्ट को वेरीफाई किये जाने के नाम पर यदि लॉग-इन किये जाने से सम्बन्धित OTP मांगा जाता है तो किसी भी दशा में OTP नहीं बताया जायेगा तथा सम्बन्धित कॉल करने वाले की जानकारी कर उसके विरूद्ध, जॉचोपरांत गलत पाये जाने पर, वैधानिक कार्यवाही की जाये।
सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट को किसी भी कम्प्यूटर अथवा मोबाइल पर लॉग-इन करते समय इसके आई०डी० एवं पासवर्ड को किसी वेब ब्राउजर पर Save नहीं किया जायेगा।

 

सोशल मीडिया पॉलिसी का उल्लंघन करने पर की जाने वाली कार्यवाही :
सोशल मीडिया पॉलिसी के उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण संज्ञान में आने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा सम्बन्धित अधीनस्थ कार्मिक के विरूद्ध उत्तरांचल (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारी की (दण्ड एवं अपील) नियमावली-1991) अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2002 एवं अन्य विभागीय कार्मिकों के विरूद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 में विहित प्रक्रिया के अधीन नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए, कृत कार्यवाही से अपने पर्यवेक्षण अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
सोशल मीडिया के सन्दर्भ में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की कॉडर कन्ट्रोलिंग अथॉरिटी, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त उत्तराखण्ड सोशल मीडिया पॉलिसी-2024 का पालन करना भी अनिवार्य होगा।

 

खराब जीवनशैली से हार्मोनल बीमारियों का खतरा : डॉ. सोनल श्रीवास्तव

 

‘पिछले दस वर्षों में थायराइड, मधुमेह और पीसीओएस जैसी बीमारियां हमारे देश व राज्य में पिछले दस वर्षों में दोगुनी हुई’

Dr. Sonal | Endocrinologist - Simplihealth
देहरादून, वरिष्ठ एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. सोनल श्रीवास्तव ने कहा कि तनाव युक्त जीवन, खराब खानपान और स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है इस प्रकार की जीवन शैली के कारण हार्मोनल और मेटाबॉलिक संबंधी बीमारियां लगातार बढ़ रही है

गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में थायराइड, मधुमेह और पीसीओएस जैसी बीमारियां हमारे देश व राज्य में दोगुनी हो गई हैं और अगले 10 साल में और बढ़ाने की संभावना हैं।उन्होंने कहा हर दस में से दो व्यक्तियों को मधुमेह और पूर्व मधुमेह हो रहा है इसी प्रकार हर दस में से दो युवतियों को पीसीओएस हो रही है अगर मधुमेह की बीमारी की पहचान प्रथम स्टेज में कर ली जाए तो इसको पूर्ण तरीके से ठीक किया जा सकता है इन बीमारियों के बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली रखने व जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है कहा की इंटरनेट मीडिया के इस युग में बिना जानकारी के कुछ लोग मधुमेह व थायराइड की दवा छुड़ाने का भ्रामक दावा पेश करते हैं जिस पर विश्वास करके कुछ रोगी दवाइयां छोड़ देते हैं इस कारण उनके शरीर में हार्मोनल समस्या उत्पन्न होने लगती है जबकि एक सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर उस बीमारी में गहन अध्ययन और वर्षों के अनुभव के बाद समय रहते बीमारी का बचाव का इलाज करने में सहायता कर सकता है |

 

आरटीओ ने किया नगर बसों का औचक निरीक्षण, नौ बसों के किये गये चालान

देहरादून , शहर में अचानक बस की चैकिंग में आरटीओ के उतरने से बस संचालकों में हड़कंप मच गया, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिये राज्य परिवहन विभाग प्रयासरत है और यात्रियों के लिए परिवहन सेवाओं को अधिक सुलभ, आरामदायक एवं सस्ता बनाये जाने पर जोर दिया जा रहा है। जिसके मध्यनजर आरटीए
द्वारा विभिन्न मार्गों पर जनता के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का संचालन किया जा रहा है।
आटीओ देहरादून शैलेश तिवारी द्वारा आज शहर के विभिन्न मार्गों पर चल रही नगर बस सेवाओं का औचक निरीक्षण किया गया । औचक निरीक्षण में उनके साथ अनुराधा पन्त, परिवहन कर अधिकारी भी उपस्थित रहीं।
औचक निरीक्षण के दौरान नगर बसों में यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत वाहन के भीतर सीटों की दशा, महिलाओं व विकलांगों के लिए आरक्षित सीट, यात्रियों से निर्धारित किराया लिया जाना व टिकट दिया जाना, वाहन में साफ-सफाई रखना आदि की जांच की गयी। वाहनों के प्रपत्र भी जांच करने पर सही पाये गये।
अधिकांश बसों में साफ सफाई पायी गयी तथा डस्टबीन लगी पायी गयी। महिलाओं एवं विकलांग व्यक्तियों के लिए सीट आरक्षित पायी गयी। यात्रियों से निर्धारित किराया लिया
गया। यात्रियों से भी वार्ता की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि विगत वर्षों की तुलना में नगर बस सेवाओं में सुधार हुआ है। कुछ वाहनों में जांच करने पर यात्रियों को टिकट नहीं दी गयी थी, कुछ वाहनों में परिचालक वर्दी में नहीं था व कुछ में डस्टबीन नहीं लगी पायी गयी। संबंधित वाहनों के परिचालक / चालक को मौके पर ही इसमें सुधार किये जाने के निर्देश दिये गये।
औचक निरीक्षण के दौरान चालक / परिचालक के वर्दी में न होने, डीएल न होने आदि अभियोग में 09 नगर बसों के चालान भी किये गये।
एक वाहन में महिला खड़े होकर यात्रा कर रही थी जिसमें महिला सीट पर बैठे व्यक्ति को उठाकर महिला को बैठाया गया व परिचालक को हिदायत दी गयी कि वे आरक्षित महिला सीट पर महिला को अवश्य बैठायें।
चालक द्वारा शराब पीकर वाहन न चलाया जा रहा हो इसके लिए एल्कोमीटर से चालकों की जांच भी की गयी किन्तु जांच में कोई भी चालक शराब या नशे का सेवन कर वाहन चलाता नहीं पाया गया।
वाहन में सवार यात्रियों को भी वाहन में चढ़ने एवं उतरने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया गया तथा चालक / परिचालक को भी सवारियों को वाहन मार्ग के किनारे रोककर सुरक्षित तरीके से चढ़ाने व उतारने के निर्देश दिये गये। । 10. इसके अतिरिक्त चालक / परिचालकों को यह भी निर्देश दिये गये कि वे यात्रियों से सद्व्यवहार रखें। बच्चों, बुजर्गों एवं महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाए

चमनलाल पीजी कॉलेज की सात छात्राएं यूनिवर्सिटी मेरिट में, दो बनी टॉपर कॉलेज करेगा टॉपर्स का सम्मान

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लंढौरा हरिद्वार,(कुलभूषण) , चमनलाल पीजी कॉलेज की सात छात्राओं ने यूनिवर्सिटी मेरिट में स्थान हासिल किया है। इनमें से दो छात्राओं ने यूनिवर्सिटी टॉप की है।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने विगत सत्रों की टॉपर्स लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में स्नातक तथा स्नातकोत्तर की विभिन्न उपाधियां में टॉप 3 स्थान हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के नाम जारी किए गए हैं। इस बार चमनलाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए यूनिवर्सिटी मेरिट में सात स्थान प्राप्त किए हैं। एमए होम साइंस में अंजलि प्रदीप चौधरी ने 80 प्रतिशत अंकों के साथ यूनिवर्सिटी टॉप की है। इस विषय में दूसरे स्थान पर भी चमनलाल महाविद्यालय की छात्रा पूर्णिमा शर्मा रही हैं।
स्नातकोत्तर स्तर पर ड्राइंग एंड पेंटिंग विषय में निशा कंचन ने 80 प्रतिशत अंकों के साथ यूनिवर्सिटी मेरिट में तीसरा स्थान हासिल किया है।
एमलिब उपाधि में नेहा ने 72 फीसद अंकों के साथ दूसरा और वैशाली पुंडीर ने 70 फीसद अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है। बीएससी होम साइंस में भी महाविद्यालय की छात्राओं ने अपनी योग्यता का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। इस उपाधि में पहला और तीसरा स्थान चमनलाल महाविद्यालय की छात्राओं को प्राप्त हुआ। शिवानी सेठपाल ने 77 प्रतिशत अंकों के साथ यूनिवर्सिटी टॉप की, जबकि सना परवीन ने 73 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने बताया कि हरिद्वार जनपद के समस्त महाविद्यालयों में चमनलाल महाविद्यालय की सर्वाधिक छात्राओं ने यूनिवर्सिटी की मेरिट में स्थान प्राप्त किए हैं। पूर्व में भी महाविद्यालय की एक छात्रा यूनिवर्सिटी टॉप कर चुकी है। महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने कहा कहा कि सभी टॉपर्स को आगामी गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने छात्राओं की उपलब्धि से छात्रों को प्रेरणा लेने को कहा है।

जिला पंचायत अध्यक्षा रजनी भंडारी पर हुई कार्यवाही राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित : यशपाल आर्य

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देहरादून, चमोली की जिला पंचायत अध्यक्षा रजनी भंडारी को बुधवार को तत्काल प्रभाव से हटाने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार की इस कार्यवाही को राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित बताया है। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा की 2012-13 के जिन आरोपों के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाया गया था उस पर पूर्व में दो बार जिलाधिकारी चमोली द्वारा की गई जांच में कोई भी वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई। उन्होंने कहा बदले की भावना, हाईकोर्ट में पराजित हो गई लेकिन अब पुनः सरकार ने चमोली जिला पंचायत निर्वाचित अध्यक्ष रजनी भंडारी को राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर अनियमिताओं का आरोप लगाकर अध्यक्ष पद से हटा दिया है। मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए। बदले की भावना, सरकार और राज्य के लिए उचित नहीं है। आर्य मे कहा एक बार फिर न्यायालय की शरण में जाकर इस अनुचित कार्यवाही के ख़िलाफ़ न्याय की गुहार करेंगे। कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता लोकतंत्र को नष्ट करने की भाजपा की इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही में मज़बूती से उनके साथ खड़ा रहेगा।

क्या है पूरा मामला :
चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है। शासन ने बुधवार को इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए। श्रीनंदादेवी राजजात के लिए वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग से प्राप्त धनराशि से स्वीकृत कार्यों के लिए न्यूनतम के बजाय अधिकतम बोलीदाताओं की निविदा स्वीकृत करने के आरोप की मंडलायुक्त की जांच में पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया है। रजनी भंडारी पर आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के अपने पिछले कार्यकाल में उनके द्वारा वर्ष 2012-13 में श्रीनंदादेवी राजजात के स्वीकृत 64 कार्यों के लिए हुई निविदा में 30 कार्य न्यूनतम के बजाय अधिकतम बोलीदाताओं के स्वीकृत किए गए। इस प्रकरण की वर्ष 2014 में जांच कराई गई थी।

जांच के बाद पद से हटाया गया था :
जांच में स्पष्ट किया गया कि भंडारी ने निविदाएं स्वीकृत करने में उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में निहित प्रविधानों का उल्लंघन किया है। इस प्रकरण में शासन ने भंडारी को वर्ष 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उत्तर संतोषजनक न मिलने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें बहाल कर दिया गया था। इसके बाद शासन ने मंडलायुक्त से प्रकरण की जांच कराई। गढ़वाल आयुक्त ने पिछले वर्ष मई में जांच आख्या शासन को सौंपी। फिर अगस्त में उन्हें नोटिस भेजा गया, जिसका जवाब भंडारी ने 29 अगस्त को शासन को भेजा। इस मामले में अब उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक भंडारी ने अपने पूर्ववर्ती अध्यक्ष के कार्यकाल में लोकसेवक के रूप में अपने पदीय कर्तव्य व दायित्व के विपरीत जाकर कार्य किया। उनका जवाब भी संतोषजनक नहीं पाया गया।

सरकार ने किया जनमत का अपमान : रजनी भंडारी

जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी का कहना है कि भाजपा ने लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए जनमत का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि उन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप जांच में सिद्ध नहीं हुए हैं। बावजूद इसके उन्हें प्रदेश सरकार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के दबाव में हटाया है। उन्होंने कहा कि भट्ट, विधानसभा की बदरीनाथ सीट के चुनाव में उनके पति से हार गए थे।

धामी सरकार की कैबिनेट बैठक : कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगी मोहर

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देहरादून, उत्तराखंड शासन द्वारा आज सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक का आयोजन हुआ। मंत्रिमंडल की इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मोहर लगी।

1-‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ योजना की शर्तों में संशोधन किये जाने का निर्णय।
राज्य में उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम, 1948/उत्तराखण्ड मूल्यवर्धित कर अधिनियम, 2005/केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956/उत्तराखण्ड प्रवेश कर अधिनियम, 2008 एवं उत्तर प्रदेश आमोद एवं पणकर अधिनियम, 1979 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) के अधीन दिनांक 31 मार्च, 2023 तक सृजित मांग से संबंधित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को माफ किए जाने हेतु ‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ लागू की गयी थी। राजस्व संर्वधन हेतु एवं व्यापारियों द्वारा योजना का और अधिक लाभ लेने हेतु शासन के पत्र संख्या 156556 दिनांक 22-09-2023 द्वारा योजना की अवधि को दिनांक 31-12-2023 तक विस्तारित किया गया है। पूर्व में इस योजना में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश कराधान तथा भू-राजस्व विधि अधिनियम, 1975) अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2002 को सम्मिलित नहीं किया गया था, अब उक्त अधिनियम को भी सम्मिलित करते हुए उक्त अधिनियम के अंतर्गत सृजित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को भी माफ किया जाना प्रस्तावित है। योजना का अधिक से अधिक व्यापारियों द्वारा लाभ लिए जाने के दृष्टिगत योजना की कतिपय बिन्दुओं में संशोधन के साथ योजना की अवधि पुनः अग्रेत्तर तीन माह बढ़ाने का अधिकार सचिव, वित्त उत्तराखण्ड शासन को दिये जाने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी।

2- राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत / रिक्त पदों के सापेक्ष नितान्त अस्थायी व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु संविदा शिक्षकों की तैनाती किये जाने का निर्णय। उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में छात्रहित में नितान्त अस्थाई व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु विभिन्न विषयों (कुल 11 विषय) में रिक्त चल रहे कुल 25 संविदा शिक्षकों (सहायक प्राध्यापकों) की तैनाती / नियुक्ति राज्य के रोजगार प्रयाग पोर्टल के माध्यम से किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

3- ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० को समाप्त किये जाने का निर्णय।
भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वर्ष, 2015 में ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० का गठन मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून तथा उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, देहरादून को सम्मिलित करते हुए किया गया था। वर्तमान में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून, शहरी विकास विभाग एवं नगर निगम देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से कम्पनी एक्ट, 2013 के अन्तर्गत देहरादून स्मार्ट सिटी लि० का पंजीकरण किया गया है, जो देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। उक्त के दृष्टिगत स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु पूर्व में गठित ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० की प्रासंगिकता नहीं होने के कारण ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० कम्पनी को समाप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

4- राज्य में प्रचलित नजूल नीति, 2021 के प्रभावी / लागू रहने की अवधि बढ़ाये जाने संबंधी निर्णय।
नजूल नीति, 2021 के प्रभावी / लागू रहने की समाप्ति की अवधि को दिनांकः 11.12.2023 से बढ़ाते हुए, जब तक कि राज्य में प्रस्तावित ‘उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण अधिनियम, 2021’ के अन्तर्गत नियमावली प्रख्यापित नहीं हो जाती है, तब तक, उक्त नजूल नीति यथावत प्रभावी / लागू रहेगी। नजूल नीति, 2021 के प्रस्तर-16 (2) में प्रदत्त व्यवस्था ‘स्थानीय निकाय / विकास प्राधिकरण 35 प्रतिशत प्रचलित सर्किल दर पर 05 प्रतिशत स्वमूल्यांकन की धनराशि राजकोष में आवेदन करेंगे’ में संशोधन करते हुए पूर्व नजूल नीति, 2009 में प्रदत्त व्यवस्था ‘स्थानीय निकाय, नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम, जिला पंचायत (इनके पक्ष में फ्रीहोल्ड नियमानुसार मूल्य निर्धारण के 05 प्रतिशत की धनराशि राज्य कोषागार में जमा करने पर किया जायेगा) की भांति विकास प्राधिकरण, स्थानीय निकाय, नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम, जिला पंचायत के पक्ष में फ्रीहोल्ड नियमानुसार प्रचलित सर्किल दर पर भूमि मूल्य निर्धारण का 5 प्रतिशत की धनराशि राज्य कोषागार में जमा करने पर किया जा सकने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

5- कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 395 (b) के अनुपालन में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधान सभा के पटल पर रखे जाने संबंधी अनुमोदन। कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 (b) में सरकारी कम्पनियों के वार्षिक लेखा रिपोर्ट के तैयार होने के बाद महालेखाकार की टीका-टिप्पणियों या संपरीक्षा रिपोर्ट के साथ राज्य विधान-मंडल के सदन या दोनों सदनों समक्ष रखे जाने का प्रावधान है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में ऊर्जा विभाग के नियन्त्रणाधीन उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० (उत्तराखण्ड सरकार का उपक्रम) के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधान-मंडल के सदन या दोनों सदनों के समक्ष रखे जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा दिया गया अनुमोदन।

6- उत्तराखण्ड आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग, समूह ‘क’ सेवा नियमावली, 2011 (यथा संशोधित) में अग्रेत्तर संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय। उत्तराखण्ड आयुष (आयुर्वेदिक एवं यूनानी) विभाग के समूह ‘क’ सेवा में भर्ती तथा उसमें नियुक्त व्यक्तियों की सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए पूर्व में प्रख्यापित ‘उत्तराखण्ड आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग (समूह ‘क’) सेवा नियमावली, 2011’ के प्रथम संशोधन, 2016 के भाग-3 नियम-5 (1) व नियम-5 (3) में संशोधन करते हुए उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग समूह ‘क’ सेवा (संशोधन) नियमावली, 2023 को प्रख्यापित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय |
7- गौलापार (हल्द्वानी) में मा० उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु प्रस्तावित स्थल के आस-पास के क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किये जाने के संबंध में निर्णय। नैनीताल शहर की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं नैनीताल शहर पर बढते अतिरिक्त दबाव को दृष्टिगत रखते हुए हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र की 26.08 हेक्टेयर भूमि में मा० उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। चिन्हित क्षेत्र के आस-पास अनियमित एवं अनधिकृत निर्माण को रोकने हेतु गौलापार (हल्द्वानी), जनपद-नैनीताल में प्रस्तावित स्थल के क्षेत्र को, महायोजना बनने तक फ्रीज जोन घोषित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
8- सिविल कोर्ट परिसर खटीमा, ऊधमसिंहनगर में 135 X 210 वर्गफीट भूमि अधिवक्ता चैम्बर निर्माण हेतु बार एसोसिएशन खटीमा को 90 वर्ष के स्थान पर 30 वर्ष हेतु लीज पर दिये जाने का निर्णय।
9- पेराई सत्र 2023-24 हेतु प्रदेश की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को बैंको से ऋण लिये जाने हेतु शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय। राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को पेराई सत्र में गन्ना किसानों के ससमय गन्ना मूल्य भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा शासकीय प्रत्याभूति प्रदान की जाती है। अतः पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी राज्य सरकार द्वारा राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों डोईवाला, किच्छा, नादेही व बाजपुर हेतु कुल रू० 409.47 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया।
10- श्री केदारनाथ धाम एराइवल प्लाजा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अति विशिष्ट प्रकार की ओम कलाकृति का स्ट्रक्चर Brass धातु का बनाया गया है। कार्य में एकरूपता बनाये रखने के दृष्टिगत उक्त ओम मूर्ति के पैडस्टल का निर्माण कार्य Infine Art Ventures, Vadodara, Gujrat से कराये जाने की अनुमति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।
11- श्री बद्रीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती के पदों पर संविलियन नियमावली, 2023 को प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर अधिनियम, 1939 में प्रस्तावित विभिन्न सेवा संवर्गाे की सेवा नियमावलियों में उल्लिखित शैक्षिक अर्हता /भर्ती का स्रोत, योग्यता, पात्रता आदि के क्रम में मंदिर समिति हेतु अभ्यर्थियों का चयन करने में संभावित कठिनाईयां के दृष्टिगत् वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभागीय आवश्यकताओं का वर्तमान तथा भावी हित/उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुये नियमानुसार मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती के पदों पर संविलियन किये जाने का प्राविधान रखे जाने का निर्णय।
12- राज्य बांध सुरक्षा संगठन, उत्तराखण्ड द्वारा तैयार वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 को मा० विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
13- उत्तराखण्ड राज्य के छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक करते हुये निकटवर्ती नगर निकाय में सम्मिलित किये जाने अथवा पृथक नगर निकाय बनाये जाने के संबंध में निर्णय। छावनी परिषद क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक किये जाने से छावनी परिषदः क्षेत्रान्तर्गत निवासरत नागरिकों को भूमि हस्तांतरण, भवन निर्माण, आवागमन इत्यादि समस्याओं का सामना करना पडता है। छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक किये जाने पर नागरिकों भूमि हस्तांतरण, भवन निर्माण, आवागमन इत्यादि की आम जनमानस के समान सुविधा प्राप्त होगी। उक्त पर कैबिनेट द्वारा सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई।

14- हरिद्वार एवं ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना को संचालित किये जाने तथा गठित एस०पी०वी० को निरस्त / स्थानांतरित किये जाने के संबंध में निर्णय। मा0 मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बोर्ड बैठक में लिए गये निर्णयानुसार ‘हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना’ से संबंधित कार्य UIIDB द्वारा संचालित किये जाने तथा आवास विभाग के अन्तर्गत गठित SPV को निरस्त / स्थानांतरित किया जाने के सम्बन्ध में मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
15- कैबिनेट बैठक में राज्य विधान सभा के आगामी सत्र को आहूत करने के लिये कैबिनेट द्वारा मा. मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

शहीद स्मारक में लायेंगे शहीदों और विभूतियों के आंगन की मिट्टी, मांगें पूरी होने के बाद की जायेगी गंगा में प्रवाहित

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“मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में कई प्रस्ताव पारित”

देहरादून(एल. मोहन लखेड़ा), मूल निवास और सशक्त भू कानून को लेकर कचहरी के शहीद स्मारक पर आयोजित समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में पचास से अधिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस मौके पर आंदोलन की अग्रिम रणनीति पर चर्चा की गई ।
बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की टीम राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों और उत्तराखंड की महान विभूतियों के गांव जाकर उनके आंगन की मिट्टी को कलश में एकत्रित कर शहीद स्मारक लाएगी। जिस दिन हमारी मांगें पूरी होंगी, उस दिन हरिद्वार गंगा में कलश विसर्जित किया जाएगा।

इसके अलावा ड्राफ्टिंग कमेटी, प्रचार-प्रसार समिति और वित्त नियंत्रण कमेटी के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। संगठन को मजबूत करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कमेटियों का गठन करने पर सहमति बनी।
इसके साथ ही 15 जनवरी को बागेश्वर के सरयू नदी में स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रवाहित किये जायेंगे। इसके साथ ही भू कानून की प्रतियां फाड़ी जायेंगी और इन्हें भी सरयू नदी में प्रवाहित किया जाएगा। इसके बाद 28 जनवरी को हल्द्वानी में एक विशाल मूल निवास स्वाभिमान महारैली करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष नेगी द्वारा अंकिता हत्याकांड को प्रखर रूप से उठाये जाने पर सरकार द्वारा उनका उत्पीड़न किये जाने का समिति ने घोर भर्त्सना की और निंदा प्रस्ताव पारित किया। बैठक में भू कानून के ड्राफ्ट में चकबंदी के प्रावधान को भी शामिल करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ।

बैठक में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि लड़ाई लंबी है। हमें आपस में नहीं व्यवस्था के खिलाफ लड़ना है। हरेक व्यक्ति को मूल निवास और सशक्त भू कानून के आंदोलन से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता एक बड़े आंदोलन की ओर बढ़ रही है। सरकार को जन भावनाओं का सम्मान करते हुए मांगें मान लेनी चाहिए।
संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि युवाओं और महिलाओं को आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में भी लोगों से संपर्क कर आंदोलन को गति दी जा रही है। इसके साथ ही विदेशों में रह रहे अप्रवासी भी आंदोलन से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने स्वाभिमान और अस्तित्व की इस लड़ाई में हरेक उत्तराखंडी साथ खड़ा है l समिति के प्रांजल नौडियाल ने कहा कि गांव-गांव तक इस अभियान को ले जाना जरूरी है।
इस मौके पर पहाड़ी स्वाभिमान सेना के संरक्षक आशुतोष नेगी हमारे अनुसूचित जाति के लोगों को मूल निवास का सबसे अधिक लाभ मिलेगा। उनके हक को भी बाहर के लोग मार रहे हैं।
कृषक बागवान उद्यमी संगठन के महामंत्री दीपक करगेती एवं समन्वय समिति के सदस्य दीपक ढोंडियाल ने चकबंदी लागू करने पर जोर दिया और कहा कि जमीन प्रबंधन के मिसमैनेजमेंट से आम लोगों को नुकसान हो रहा है। गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी विश्वेश्वर दत्त बौठियाल, वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और अन्य तरह के सभी संसाधनों पर मूल निवासियों का पहला हक होना चाहिए। सीमांत गांवों का खाली होना सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है।
ऑटो यूनियन के महामंत्री मानिन्द्र बिष्ट, गौरव सेनानी के अध्यक्ष महावीर राणा, सेवानिवृत्त कर्मचारी आरआर पैन्यूली, चारधाम महापंचायत से रजनीकांत सेमवाल, धाद संस्था से अर्चना ग्वाड़ी, राज्य आन्दोलनकारी जयदीप सकलानी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के बहाने इस आन्दोलन को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। इन्वेस्टमेंट के नाम पर सिर्फ एमओयू साइन हो रहे हैं। स्थानीय लोगों को कहीं कोई रोजगार नहीं मिल रहा।

वरिष्ठ आन्दोलनकारी नवनीत गुसाईं, महिला मंच से निर्मला बिष्ट, क्रांति कुकरेती, राज्य आन्दोलनकारी मनीज ध्यानी, सरिता जुयाल, राज्य आन्दोलनकारी महेश गौड़, भैरव सेना के अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि आपसी मतभेद भुलाकर सभी को इस लड़ाई में भाग लेना चाहिए। यह लड़ाई सभी की है। इस मौके पर युवा अनूप बजवाल, रोशन सिंह, आशीष नौटियाल, अक्षय शर्मा, बिजेंद्र सिंह ने कहा कि फर्जी स्थाई निवास बनने से मूल निवासियों को नुकसान हुआ है। बाहर से लाखों लोग उत्तराखंड आ रहे हैं। यही हाल रहा तो एक दिन मूल निवासी अल्पसंख्यक हो जायेंगे। यही सबसे बड़ी चिंता की बात है।

बैठक में यह रहे उपस्थित :

बैठक में उपस्थित संगठनों के पदाधिकारियों में प्रमुख रूप से रोशन धस्माना अध्यक्ष, अखिल गढ़वाल सभा, क्रांति कुकरेती संयोजक उत्तराखण्ड सँयुक्त आंदोलनकारी मंच, अम्बुज शर्मा, जयदीप सकलानी, सतीश धौलाखण्डी जनसंवाद से, तन्मय, बेंजवाल, अनूप सिंह बेंजवाल, सचिन खन्ना साया, पूजा चमोली, उमेश सती, रजनीकांत सेमवाल उत्तराखण्ड चारधाम महापंचायत,
शिव प्रसाद सेमवाल पर्वतजन फाउंडेशन, कुलानंद घनसाला राठ जनविकास समिति, रमेन्द्र कोटनाला अखिल गढ़वाल सभा, संगीता सेमवाल धाद, बीएस भंडारी, टीएस नेगी उत्तराखण्ड समानता मंच, रमेश दत्त रतूड़ी, सतीश धस्माना, विपिन नेगी, रघुबीर सिंह राणा, नागेंद्र, गिरीश जोशी,प्रभात डंडरियाल नेताजी समिति,
एलपी रतूड़ी, सुदेश कुमार, चिंतन सकलानी, महेश गौड़, सूर्यकांत भट्ट, जगमोहन सिंह रावत, पुरषोत्तम शाह सहित कई लोग मौजूद थे।

 

नशे के खिलाफ महापंचायत को सजग इंडिया का समर्थन : नशा समाज को खोखला कर रहा है : ललित जोशी

देहरादून (विकासनगर), कालसी के रामलीला मैदान में नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में 39 खतों से आए प्रबुद्धजनों ने नशे की रोकथाम के लिए मंथन किया और जौनसारी बाबर क्षेत्र में भी बढ़ते नशे के प्रभाव पर अपनी चिंता जाहिर की। नशे की रोकथाम को लेकर महापंचायत द्वारा 16 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
नशे की रोकथाम को लेकर आयोजित महापंचायत को मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्ट्राचार निवारक समिति उत्तराखंड ने भी सजग इंडिया के माध्यम से अपना समर्थन दिया। समिति के अध्यक्ष एवं सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी के चेयरमैन ललित मोहन जोशी ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि महापंचायत में उपस्थित प्रबुद्धजनों की चिंताओ को सुनकर ऐसा महसूस हो रहा कि सम्पूर्ण जौनसार बाबर क्षेत्र भी नशे से अछूता नहीं रहा है। इस नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए वह पिछले 15 से अधिक वर्षों से प्रयासरत हैं,
जौनसार-बावर में प्रबुद्धजनों द्वारा नशे की रोकथाम के लिए जा रहे निर्णयों का वह पूर्ण समर्थन करते हैं, और जल्द यहां के स्कूलों में पहुंचकर वह सजग इंडिया के तहत युवा संवाद कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील करेंगे।
ललित जोशी मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्ट्राचार निवारक समिति के बैनर तले सजग इंडिया के माध्यम से विगत 15 से अधिक वर्षों से नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वह प्रदेशभर के स्कूलों में पहुंचकर 7 लाख से अधिक युवाओं से नशे के दुष्प्रभावों को लेकर संवाद कर चुके हैं। उन्होंने इस अभियान के माध्यम से की युवाओं को नशे के आगोश से बाहर निकालकर उनके जीवन को नई दिशा दी है।
महापंचायत द्वारा नशे की रोकथाम के लिए 16 प्रमुख निर्णय लिए गए, उसके मुताबिक प्रत्येक उपस्थित सदस्यों द्वारा अपने-अपने गांव में इसकी रोकथाम का प्रयास किया जाएगा। फेरी रेहड़ी वालों पर जौनसार के क्षेत्र में पूर्ण सत्यापन होना आवश्यक है।
छोटे कस्बों में स्थानीय में बाजार में नशे का व्यवसाय करने वालों को चिन्हित कर उसको पुलिस को अवगत कराना। पुलिस प्रशासन को उपरोक्त जानकारी वहां के जनप्रतिनिधी एवं स्याणा द्वारा अवगत करवाना। इस महापंचायत को अगले क्रम में कहीं और जगह-जगह पर प्रारंभ करना। क्षेत्रीय स्कूलों में इसकी काउंसलिंग करवाना।
क्षेत्रीय सड़कों पर पुलिस प्रशासन के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों के खुले में शराब एवं अन्य मादक पदार्थों पर पूर्ण रूप प्रतिबंध रहेगा। कोई भी जनप्रतिनिधि गण यदि नशे में लिफ्त व्यक्ति का सहयोग (थाना/प्रशासन) करता है तो उसका भी विरोध किया जाएगा‌। गांव में भांग की खेती करने वालों पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाएगा। शादी विवाह में खुले बार पर पूर्णत (शराब) प्रतिबंध लगाना होगा। प्रत्येक खत में एक समिति का गठन होका, एवं वह 1 महीने में पुलिस/ राजस्व विभाग के साथ समन्वय बैठक करके प्रत्येक गतिविधियों को जनमानस को अवगत करवाया जाएगा। प्रत्येक गांव में महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक होगा।
इस नशे की लड़ाई के विरुद्ध कोई भी सदस्य राजनीति स्तर पर इसको नहीं ले जाएगा। नशे के विरुद्ध माघ पर्व पर सभी ग्रामवासी अपने-अपने गांव में बैठक का विचार विमर्श करेंगे एवं उस विचार को समिति को अवगत करवाएंगे। नशे के विरुद्ध लड़ाई में अपने एवं पराये बच्चों में अंतर नहीं करना होगा जो भी इसमें लिप्त होगा उसकी जानकारी परिवार वालों को अवश्य देनी होगी।
महापंचायत में विकास नगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, पुलिस अधीक्षक देहात लोकजीत सिंह, एसडीएम चकराता हरीगिरी गोस्वामी व सीओ विकासनगर भाष्कर लाल शाह, पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक् चमन सिंह, कनिष्ठ ब्लॉक प्रमुख रितेश असवाल, कालसी, शिक्षाविद अनिल तोमर, आरोग्यम मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन संदीप केडिया सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

नगर निगम और पीडब्ल्यूडी 15 से हटायेगी अतिक्रमण, 65 दुकान और भवन स्वामियों को जारी हुआ नोटिस

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हल्द्वानी, शहर में सड़कों को चोड़ा करने और अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन सख्ती बरतने की तैयारी में है, हल्द्वानी – शहर की दिशा और दशा सुधारने के लिए, इन दिनों नगर निगम और पीडब्ल्यूडी सहित सबंधित विभाग एक्शन में है, रातों में चल रहे बुलडोज़रों से व्यापारियों की नीदें उड़ी हुई हैं, अब नगर निगम ने रोडवेज बस स्टेशन से मंगल पड़ाव तक 65 दुकान और भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए है। जिनको तोड़कर सड़क को चौड़ा किया जाना है। जिसके लिए चिन्हीकरण का कार्य भी पूरा हो गया है।
प्रशासन ने प्रभावित हो रहे लोगों को अपनी बात रखने के लिए भी समय दिया है। इसके साथ ही सरकारी संपत्तियों की बाउंड्री वॉल भी तोड़ी जा रही है। मंगल पड़ाव होली ग्राउंड सहित बेस हॉस्पिटल और स्टेडियम की दिवार भी तोड़ दी हैं, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि हल्द्वानी शहर में लगातार जाम की समस्या बनी रहती है। जिसे देखते हुए अब मुख्य सड़क का चौड़ीकरण होना है और इसकी जद में आ रहे दुकान और भवनों को तोड़ा जाना है |
मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने अधिकारियों के साथ मौके का स्थलीय निरीक्षण कर जल्द से जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ ही पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने 15 जनवरी तक अतिक्रमण खुद हटाने को कहा है। उसके बाद अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। सबंधित विभाग एक्शन में है, रातों में चल रहे बुलडोज़रों से व्यापारियों की नीदें उड़ी हुई हैं, अब नगर निगम ने रोडवेज बस स्टेशन से मंगल पड़ाव तक 65 दुकान और भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए है। जिनको तोड़कर सड़क को चौड़ा किया जाना है। जिसके लिए चिन्हीकरण का कार्य भी पूरा हो गया है। प्रशासन ने प्रभावित हो रहे लोगों को अपनी बात रखने के लिए भी समय दिया है। इसके साथ ही सरकारी संपत्तियों की बाउंड्री वॉल भी तोड़ी जा रही है। मंगल पड़ाव होली ग्राउंड सहित बेस हॉस्पिटल और स्टेडियम की दिवार भी तोड़ दी हैं, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि हल्द्वानी शहर में लगातार जाम की समस्या बनी रहती है। जिसे देखते हुए अब मुख्य सड़क का चौड़ीकरण होना है और इसकी जद में आ रहे दुकान और भवनों को तोड़ा जाना है।
मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने अधिकारियों के साथ मौके का स्थलीय निरीक्षण कर जल्द से जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ ही पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने 15 जनवरी तक अतिक्रमण खुद हटाने को कहा है। उसके बाद अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

गणतंत्र दिवस-2024 की परेड में इस बार उत्तराखण्ड़ की संस्कृति के रंग : कर्तव्य पथ पर दिखेगी ‘हिलजात्रा’

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देहरादून, इस बार गणतंत्र दिवस 2024 की परेड में पिथौरागढ़ की हिलजात्रा कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की संस्कृति के रंग बिखेरने जा रही है, भाव राग ताल अकादमी के निर्देशक प्रख्यात रंगकर्मी कैलाश कुमार के नेतृत्त्व में 9 लोगों का दल दिल्ली पहुँच चुका है, इस कड़ाके की सर्दी में यह दल राजपथ में होने वाली परेड के लिए दिल्ली में अभ्यास कर रहा है |
गौरतलब है कि इस हिलजात्रा में 8 महिलाएं हिस्सा ले रही हैं जबकि हिलजात्रा पारंपरिक तौर पर पुरुषों द्वारा खेली जाती है, इसकी वजह ये है कि इस साल गणतंत्र दिवस की परेड की थीम है महिला सशक्तिकरण और परेड में देश भर की हजारों महिलाएं हिस्सा लेने वाली हैं |

दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत क्लाइडस्कोप नाम से लोककला और लोकसंस्कृति से जुड़े आयोजन में भी ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ द्वारा हिलजात्रा का प्रदर्शन किया जा चुका है |
इससे पहले 2019 में भारत सरकार द्वारा जारी ‘वैष्णव जन’ भजन के इंस्ट्रूमेंटल में भी पिथौरागढ़ के तीन युवाओं ने उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व किया था | इस तरह ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित कैलाश कुमार उत्तराखण्ड की लोक कला को सहेजते हुए राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फ़लक पर ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और उन्हें कामयाबी भी मिल रही है |

गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तराखण्ड की लोक कला के प्रदर्शन के लिए संगीत नाटक अकादमी के लोक एवं जनजातीय विभाग के मुख्य सलाहकार मनीष ममगाई द्वारा कैलाश कुमार से संपर्क करे उन्हें गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया |
इस तरह केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली और उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज के विशेष सहयोग से उत्तराखण्ड की हिलजात्रा गणतंत्र दिवस की परेड में अपनी गौरवशाली प्रस्तुति देने जा रही हैं. प्रीति रावत, तनुजा गोस्वामी, आरती गैड़ा, सपना, प्रिया, शीतल और कुमकुम आर्य इस दल का हिस्सा हैं |

देश की विभिन्न संस्कृतियों का गुलदस्ता है ऊधमसिंह नगर:  मुख्यमंत्री

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गांधी पार्क रूद्रपुर में आयोजित नारी शक्ति वन्दन महोत्सव और सरस मेले का शुभारम्भ किया। गल्लामण्डी से गांधी पार्क तक आयोजित रोड शो में उमड़े जन सैलाब में लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।  गल्ला मंडी से गांधी पार्क तक आयोजित रोड शो में ऊधमसिंह नगर में देश की विभिन्न संस्कृतियों की विविधता देखने को मिली। इसी वजह से ऊधम सिंह नगर को मिनी भारत भी कहा जाता है।   मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊधमसिंह नगर जिला एक प्रकार से पूरे भारत की संस्कृतियों का गुलदस्ता है जो अनेकता में एकता की मिसाल एवं विभिन्न संस्कृतियों को अपने में समाहित करते हुए विभिन्न संस्कृतियों के समागम को दर्शाता है। यह जनपद विविध सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहरों के समावेश के साथ निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। यहां की नारी शक्ति स्वयं में सशक्त है। जिससे हमारा समाज और अधिक सुदृढ़ और विकसित हो रहा है।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम स्थल के मुख्य गेट पर पांच कन्याओं द्वारा तिलक और पुष्प वर्षा के साथ स्वागत और अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के स्टॉल पर गिर प्रजाति की गौ माता का पूजन कर जनपदवासियों की खुशहाली, बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। स्टॉलों के अवलोकन के दौरान उत्तराखंड राज्य आजीविका मिशन के स्टॉल पर मुख्यमंत्री ने चरखा में कताई कर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा से लाभान्वित लाभार्थियों के साथ सीधा संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने मिट्टी के बर्तन और तुलसीमाला स्टॉल पर महिलाओं के इस स्वरोजगारपरक गतिविधि की सराहना करते हुए स्वयं भी इस पर अपना हाथ आजमाया और उन्हें इस कला को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नव दुर्गा की प्रतीक कन्याओं का पूजन कर प्रदेश की सुख-शांति, खुशहाली, चहुमुखी विकास की कामना की।